सामग्री की तालिका
8 संबंधों: ऊष्मा, ठोस, दाब, भौमिकी, मैग्मा, शैल, कायान्तरण, कायांतरित शैल।
- ठोस अवस्था रसायन शास्त्र
- पदार्थ विज्ञान
ऊष्मा
इस उपशाखा में ऊष्मा ताप और उनके प्रभाव का वर्णन किया जाता है। प्राय: सभी द्रव्यों का आयतन तापवृद्धि से बढ़ जाता है। इसी गुण का उपयोग करते हुए तापमापी बनाए जाते हैं। ऊष्मा या ऊष्मीय ऊर्जा ऊर्जा का एक रूप है जो ताप के कारण होता है। ऊर्जा के अन्य रूपों की तरह ऊष्मा का भी प्रवाह होता है। किसी पदार्थ के गर्म या ठंढे होने के कारण उसमें जो ऊर्जा होती है उसे उसकी ऊष्मीय ऊर्जा कहते हैं। अन्य ऊर्जा की तरह इसका मात्रक भी जूल (Joule) होता है पर इसे कैलोरी (Calorie) में भी व्यक्त करते हैं। .
देखें कायान्तरण (भूविज्ञान) और ऊष्मा
ठोस
ठोस (solid) पदार्थ की एक अवस्था है, जिसकी पहचान पदार्थ की संरचनात्मक दृढ़ता और विकृति (आकार, आयतन और स्वरूप में परिवर्तन) के प्रति प्रत्यक्ष अवरोध के गुण के आधार पर की जाती है। ठोस पदार्थों में उच्च यंग मापांक और अपरूपता मापांक होते है। इसके विपरीत, ज्यादातर तरल पदार्थ निम्न अपरूपता मापांक वाले होते हैं और श्यानता का प्रदर्शन करते हैं। भौतिक विज्ञान की जिस शाखा में ठोस का अध्ययन करते हैं, उसे ठोस-अवस्था भौतिकी कहते हैं। पदार्थ विज्ञान में ठोस पदार्थों के भौतिक और रासायनिक गुणों और उनके अनुप्रयोग का अध्ययन करते हैं। ठोस-अवस्था रसायन में पदार्थों के संश्लेषण, उनकी पहचान और रासायनिक संघटन का अध्ययन किया जाता है। .
देखें कायान्तरण (भूविज्ञान) और ठोस
दाब
दाब का मान प्रदर्शित करने के लिये पारा स्तंभ किसी सतह के इकाई क्षेत्रफल पर लगने वाले अभिलम्ब बल को दाब (Pressure) कहते हैं। इसकी इकाई 'न्यूटन प्रति वर्ग मीटर' होती है। दाब की और भी कई प्रचलित इकाइयाँ हैं। p .
देखें कायान्तरण (भूविज्ञान) और दाब
भौमिकी
भौमिकी (Earth science या geoscience) धरती से सम्बन्धित सभी विज्ञानों को समेटने वाला शब्द है। इसे ग्रह विज्ञान (planetary science) की शाखा माना जा सकता है किन्तु इसका इतिहास ग्रह विज्ञान से भी पुराना है। भौमिकी के अन्तर्गत भूविज्ञान (geology), स्थलमंडल (lithosphere), तथा पृथ्वी के अन्दर की वृहत-स्तरीय संरचना के साथ-साथ वायुमण्डल, जलमंडल (hydrosphere) तथा जैवमंडल (biosphere) आदि सब आ जाते हैं। भौमिकी के वैज्ञानिक भूगोल, भौतिकी, रसायन, जीवविज्ञान, कालानुक्रमिकी (क्रोनोलोजी) तथा गणित आदि के औजारों (और विधियों) का उपयोग करते हैं। .
देखें कायान्तरण (भूविज्ञान) और भौमिकी
मैग्मा
मैग्मा चट्टानों का पिघला हुआ रूप है जिसकी रचना ठोस, आधी पिघली अथवा पूरी तरह पिघली चट्टानों के द्वारा होती है और जो पृथ्वी के सतह के नीचे निर्मित होता है। मैग्मा के बाहर निकलने वाले रूप को लावा कहते हैं। मैग्मा के शीतलन द्वारा आग्नेय चट्टानों का निर्माण होता है। जब मैग्मा ज़मीनी सतह के ऊपर आकर लावा के रूप में ठंडा होकर जमता है तो बहिर्भेदी और जब सतह के नीचे ही जम जाता है तो अंतर्भेदी आग्नेय चट्टानों का निर्माण होता है। सामान्यतः ज्वालामुखी विस्फोट में मैग्मा का लावा के रूप में निकलना एक प्रमुख भूवैज्ञानिक क्रिया के रूप में चिह्नित किया जाता है। .
देखें कायान्तरण (भूविज्ञान) और मैग्मा
शैल
कलराडो स्प्रिंग्स कंपनी का गार्डेन ऑफ् गॉड्स में स्थित ''संतुलित शैल'' कोस्टा रिका के ओरोसी के निकट की चट्टानें पृथ्वी की ऊपरी परत या भू-पटल (क्रस्ट) में मिलने वाले पदार्थ चाहे वे ग्रेनाइट तथा बालुका पत्थर की भांति कठोर प्रकृति के हो या चाक या रेत की भांति कोमल; चाक एवं लाइमस्टोन की भांति प्रवेश्य हों या स्लेट की भांति अप्रवेश्य हों, चट्टान अथवा शैल (रॉक) कहे जाते हैं। इनकी रचना विभिन्न प्रकार के खनिजों का सम्मिश्रण हैं। चट्टान कई बार केवल एक ही खनिज द्वारा निर्मित होती है, किन्तु सामान्यतः यह दो या अधिक खनिजों का योग होती हैं। पृथ्वी की पपड़ी या भू-पृष्ठ का निर्माण लगभग २,००० खनिजों से हुआ है, परन्तु मुख्य रूप से केवल २० खनिज ही भू-पटल निर्माण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। भू-पटल की संरचना में ऑक्सीजन ४६.६%, सिलिकन २७.७%, एल्यूमिनियम ८.१ %, लोहा ५%, कैल्सियम ३.६%, सोडियम २.८%, पौटैशियम २.६% तथा मैग्नेशियम २.१% भाग का निर्माण करते हैं। .
देखें कायान्तरण (भूविज्ञान) और शैल
कायान्तरण
मछली जैसे मेंढक का बच्चा कुछ ही दिनों में कायांतरण करके मेंढक बन जाता है कायान्तरण (अंग्रेज़ी: metamorphosis, मेटामोरफ़ोसिस) एक जीववैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसमें किसी जानवर के पैदा होने के या अंडे से निकलने के बाद कोशिकाओं (सेल) की बढ़ौतरी से उसके शारीरिक ढाँचे में कम समय में बड़े परिवर्तन आ जाते हैं।, Sharon Chester, pp.
देखें कायान्तरण (भूविज्ञान) और कायान्तरण
कायांतरित शैल
रूपांतरित चट्टान के एक प्रकार (क्वार्टजाइट) आग्नेय एवं अवसादी शैलों में ताप और दाब के कारण परिर्वतन या रूपान्तरण हो जाने से कायांतरित शैल (metamorphic rock) का निमार्ण होता हैं। रूपांतरित चट्टानों (कायांतरित शैल) पृथ्वी की पपड़ी के एक बड़े हिस्सा से बनी होती है और बनावट, रासायनिक और खनिज संयोजन द्वारा इनको वर्गीकृत किया जाता है| when the pre-exsting rock under go a change due to tempature and pressure.
देखें कायान्तरण (भूविज्ञान) और कायांतरित शैल
यह भी देखें
ठोस अवस्था रसायन शास्त्र
पदार्थ विज्ञान
- अधिशोषण
- अपरूपण गुणांक
- आयन रोपण
- आसंजन
- इलेक्ट्रान विवर्तन
- एक्स-किरण क्रिस्टलिकी
- एक्स-किरण प्रकीर्णन तकनीकें
- एन्ट्रोपिक बल
- कठोरता
- कण क्षेपण
- कसौटी
- किरणपुंज रेखा
- क्रिस्टलकी
- गलन
- गलनक्रांतिक प्रणाली
- गोरिल्ला काँच
- तनाव पुष्टि
- तनुफिल्म
- तापानुशीतन
- धातु
- पदार्थ प्रबलता
- पदार्थ प्रौद्योगिकी की समय रेखा
- पदार्थ विज्ञान
- पदार्थों के गुणों की सूची
- पदार्थों के सुदृढ़ीकरण के साधन
- पॉलीमर
- प्रत्यास्थलक
- प्रबलित कंक्रीट
- प्वासों अनुपात
- भंगुरता
- वाष्पन
- विश्लेषी रसायन
- विश्वसनीयता इंजीनियरी
- व्याकुंचन
- शैथिल्य
- संघनित द्रव्य भौतिकी
- संपीडन पुष्टि
- सिरैमिक इंजीनियरी