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कायांतरित शैल

सूची कायांतरित शैल

रूपांतरित चट्टान के एक प्रकार (क्वार्टजाइट) आग्नेय एवं अवसादी शैलों में ताप और दाब के कारण परिर्वतन या रूपान्तरण हो जाने से कायांतरित शैल (metamorphic rock) का निमार्ण होता हैं। रूपांतरित चट्टानों (कायांतरित शैल) पृथ्वी की पपड़ी के एक बड़े हिस्सा से बनी होती है और बनावट, रासायनिक और खनिज संयोजन द्वारा इनको वर्गीकृत किया जाता है| when the pre-exsting rock under go a change due to tempature and pressure.

6 संबंधों: तापमान, दाब, यूटा, खनिजों की सूची, आग्नेय शैल, अवसादी शैल

तापमान

आदर्श गैस के तापमान का सैद्धान्तिक आधार अणुगति सिद्धान्त से मिलता है। तापमान किसी वस्तु की उष्णता की माप है। अर्थात्, तापमान से यह पता चलता है कि कोई वस्तु ठंढी है या गर्म। उदाहरणार्थ, यदि किसी एक वस्तु का तापमान 20 डिग्री है और एक दूसरी वस्तु का 40 डिग्री, तो यह कहा जा सकता है कि दूसरी वस्तु प्रथम वस्तु की अपेक्षा गर्म है। एक अन्य उदाहरण - यदि बंगलौर में, 4 अगस्त 2006 का औसत तापमान 29 डिग्री था और 5 अगस्त का तापमान 32 डिग्री; तो बंगलौर, 5 अगस्त 2006 को, 4 अगस्त 2006 की अपेक्षा अधिक गर्म था। गैसों के अणुगति सिद्धान्त के विकास के आधार पर यह माना जाता है कि किसी वस्तु का ताप उसके सूक्ष्म कणों (इलेक्ट्रॉन, परमाणु तथा अणु) के यादृच्छ गति (रैण्डम मोशन) में निहित औसत गतिज ऊर्जा के समानुपाती होता है। तापमान अत्यन्त महत्वपूर्ण भौतिक राशि है। प्राकृतिक विज्ञान के सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों (भौतिकी, रसायन, चिकित्सा, जीवविज्ञान, भूविज्ञान आदि) में इसका महत्व दृष्टिगोचर होता है। इसके अलावा दैनिक जीवन के सभी पहलुओं पर तापमान का महत्व है। .

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दाब

दाब का मान प्रदर्शित करने के लिये पारा स्तंभ किसी सतह के इकाई क्षेत्रफल पर लगने वाले अभिलम्ब बल को दाब (Pressure) कहते हैं। इसकी इकाई 'न्यूटन प्रति वर्ग मीटर' होती है। दाब की और भी कई प्रचलित इकाइयाँ हैं। p .

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यूटा

संयुक्त राज्य अमेरिका में यूटा राज्य की भौगोलिक स्थिति यूटा (अंग्रेज़ी: Utah) संयुक्त राज्य अमेरिका की मुख्यभूमि के पश्चिमी अर्ध-भाग के मध्य में स्थित एक राज्य है। 4 जनवरी 1896 को अमेरिकी संघ में सम्मिलित होने वाला यह 45वाँ राज्य था। यह अमेरिका का क्षेत्रफल के आधार पर तेरहवाँ सबसे बड़ा, जनसंख्या के आधार पर तेतीसवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या घनत्व के आधार पर दसवाँ सबसे कम सघन राज्य है। यूटा का क्षेत्रफल 2,19,887 वर्ग किमी है और कुल जनसंख्या लगभग 29 लाख है जिसमें से 80% के लगभग लोग सॉल्ट लेक सिटी केन्द्रित वॉसाच फ़्रण्ट के आसपास निवास करते हैं। इस राज्य का जनसंख्या घनत्व 13.2/किमी2 है। यूटा की सीमाएँ पूर्व में कॉलोराडो, पूर्वोत्तर में वायोमिंग, उत्तर में इडाहो, दक्षिण में एरिज़ोना, और पश्चिम में नेवादा राज्यों से मिलती हैं। दक्षिण-पश्चिम में नया मेक्सिको का एक कोना भी यूटा की सीमा से मिलता है। लगभग 62% यूटावासी मॉर्मन सम्प्रदाय (ईसाई धर्म का एक सम्प्रदाय) को मानने वाले हैं और यह सम्प्रदाय यूटा की संस्कृति और दैनिक जीवन को बहुत प्रभावित करता है। चर्च ऑफ़ जीज़स क्राइस्ट ऑफ़ लेटर डे सेण्ट्स का वैश्विक मुख्यालय इस राज्य की राजधानी सॉल्ट लेक सिटी में स्थित है। यूटा अमेरिका का धार्मिक दृष्टि से सर्वाधिक सजातीय राज्य है और मॉर्मन सम्प्रदाय की बहुलता वाला एकमात्र राज्य है और एकमात्र ऐसा राज्य है जहाँ की अधिकतर जनसंख्या केवल एक ही चर्च की सदस्य है। यह राज्य परिवहन, शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी और शोध, सरकारी सेवाओं, और खनन का एक केन्द्र है; और बाहरी मनोरंजन के लिए एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। 2013 में संयुक्त राज्य जनगणना ब्यूरो के अनुमान अनुसार यूटा की जनसंख्या अमेरिका में दूसरी सर्वाधिक तेजी से बढ़ रही है। सेण्ट जॉर्ज 2000 से 2005 के बीच सबसे तेजी से बढ़ने वाला महानगरीय क्षेत्र था। यूटा की मध्य-मूल्य औसत आय भी अमेरिकी राज्यों में 14वें स्थान पर थी और समायोजित जीवन यापन की लागत के आधार पर दूसरे। इस राज्य की मध्य-मूल्य औसत आय 50,614 $ है। एक 2012 गैलप राष्ट्रीय सर्वेक्षण अनुसार यूटा समग्र रूप से 13 दूरन्देशी मापकों के आधार पर रहने के लिए "सबसे अच्छा राज्य" था जैसे आर्थिक, जीवन-शैली, और स्वास्थ्य सम्बन्धी अवेक्षणी मात्रिक इत्यादि। .

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खनिजों की सूची

यहाँ खनिजों की सूची दी गयी है। .

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आग्नेय शैल

ग्रेनाइट (एक आग्नेय चट्टान) चेन्नई मे, भारत. आग्नेय चट्टान (जर्मन: Magmatisches Gestein) की रचना धरातल के नीचे स्थित तप्त एवं तरल चट्टानी पदार्थ, अर्थात् मैग्मा, के सतह के ऊपर आकार लावा प्रवाह के रूप में निकल कर अथवा ऊपर उठने के क्रम में बाहर निकल पाने से पहले ही, सतह के नीचे ही ठंढे होकर इन पिघले पदार्थों के ठोस रूप में जम जाने से होती है। अतः आग्नेय चट्टानें पिघले हुए चट्टानी पदार्थ के ठंढे होकर जम जाने से बनती हैं। ये रवेदार भी हो सकती है और बिना कणों या रवे के भी। ये चट्टानें पृथ्वी पर पायी जाने वाली अन्य दो प्रमुख चट्टानों, अवसादी और रूपांतरित के साथ मिलकर पृथ्वी पर पायी जाने वाली चट्टानों के तीन प्रमुख प्रकार बनाती हैं। पृथ्वी के धरातल की उत्पत्ति में सर्वप्रथम इनका निर्माण होने के कारण इन्हें 'प्राथमिक शैल' भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए भी कहा जाता है कि यही वे पहली चट्टानें हैं जो पिघले हुए चट्टानी पदार्थ से बनती हैंजबकि अवसादी या रूपांतरित चट्टानें इन आग्नेय चट्टानों के टूटने या ताप और दाब के प्रभाव आकार में बदलने से से बनती हैं। इनके दो मुख्य प्रकार हैं। ज्वालामुखी उदगार के समय भूगर्भ से निकालने वाला लावा जब धरातल पर जमकर ठंडा हो जाने के पश्चात आग्नेय चट्टानों में परिवर्तित हो जाता है तो इसे बहिर्भेदी या ज्वालामुखीय चट्टान कहा जाता है। इसके विपरीत जब ऊपर उठता हुआ मैग्मा धरातल की सतह पर आकर बाहर निकलने से पहले ही ज़मीन के अन्दर ही ठंडा होकर जम जाता है तो इस प्रकार अंतर्भेदी चट्टान कहते हैं। चूँकि, ज़मीनी सतह से नीचे बनने वाली आग्नेय चट्टानें धीरे-धीरे ठंडी होकर जमती है, ये रवेदार होती हैं, क्योंकि मैग्माई पदार्थ के अणुओं के एक दूसरे के साथ संयोजित होकर क्रिस्टल या रवे बनाने हेतु काफ़ी समय मिल जाता है। इसके ठीक उलट, जब मैग्मा लावा के रूप में ज्वालामुखी उदगार के समय बाहर निकल कर ठंढा होकर जमता है तो रवे बनने के लिये पर्याप्त समय नहीं मिलता और इस प्रकार बहिर्भेदी आग्नेय चट्टानें काँचीय या गैर-रवेदार (glassy) होती हैं। आग्नेय चट्टानों में परतों और जीवाश्मों का पूर्णतः अभाव पाया जाता है। अप्रवेश्यता अधिक होने के कारण इन पर रासायनिक अपक्षय का बहुत कम प्रभाव पड़ता है, लेकिन यांत्रिक एवं भौतिक अपक्षय के कारण इनका विघटन व वियोजन प्रारम्भ हो जाता है। ग्रेनाइट, बेसाल्ट, गैब्रो, ऑब्सीडियन, डायोराईट, डोलोराईट, एन्डेसाईट, पेरिड़ोटाईट, फेलसाईट, पिचस्टोन, प्युमाइस इत्यादि आग्नेय चट्टानों के प्रमुख उदाहरण है। .

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अवसादी शैल

अवसादी शैल जिसके स्तर स्पष्ट दृष्टिगोचर हैं अपक्षय एवं अपरदन के विभिन्न साधनों द्वारा मौलिक चट्टनों के विघटन, वियोजन और टूटने से परिवहन तथा किसी स्थान पर जमाव के परिणामस्वरुप उनके अवसादों से निर्मित शैल को अवसादी शैल (sedimentary rock) कहा जाता हैं। वायु, जल और हिम के चिरंतन आघातों से पूर्वस्थित शैलों का निरंतर अपक्षय एवं विदारण होता रहता है। इस प्रकार के अपक्षरण से उपलब्ध पदार्थ कंकड़, पत्थर, रेत, मिट्टी इत्यादि, जलधाराओं, वायु या हिमनदों द्वारा परिवाहित होकर प्राय: निचले प्रदेशों, सागर, झील अथवा नदी की घाटियों में एकत्र हो जाते हैं। कालांतर में संघनित होकर वे स्तरीभूत हो जाते हैं। इन स्तरीभूत शैलों को अवसाद शैल (सेडिमेंटरी रॉक्स) कहते हैं। .

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रूपान्तरित शैल

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