सामग्री की तालिका
22 संबंधों: चैत्र, नक्षत्र, नेपाल, प्राचीन सप्तर्षि संवत, पौष, पूर्णिमा, फाल्गुन, भाद्रपद, माघ, राशियाँ, शक संवत, श्रावण, सप्तर्षि संवत, सूर्य, हिन्दू पंचांग, ज्येष्ठ (मास), वैशाख, आश्विन, आषाढ़, कलि संवत, कार्तिक, अग्रहायण।
- पंजाबी संस्कृति
- भारतीय खोज
- हिन्दू कैलेंडर
चैत्र
चैत्र हिंदू पंचांग का पहला मास है। *.
देखें विक्रम संवत और चैत्र
नक्षत्र
आकाश में तारा-समूह को नक्षत्र कहते हैं। साधारणतः यह चन्द्रमा के पथ से जुड़े हैं, पर वास्तव में किसी भी तारा-समूह को नक्षत्र कहना उचित है। ऋग्वेद में एक स्थान पर सूर्य को भी नक्षत्र कहा गया है। अन्य नक्षत्रों में सप्तर्षि और अगस्त्य हैं। नक्षत्र सूची अथर्ववेद, तैत्तिरीय संहिता, शतपथ ब्राह्मण और लगध के वेदांग ज्योतिष में मिलती है। भागवत पुराण के अनुसार ये नक्षत्रों की अधिष्ठात्री देवियाँ प्रचेतापुत्र दक्ष की पुत्रियाँ तथा चन्द्रमा की पत्नियाँ हैं। .
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नेपाल
नेपाल, (आधिकारिक रूप में, संघीय लोकतान्त्रिक गणराज्य नेपाल) भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित एक दक्षिण एशियाई स्थलरुद्ध हिमालयी राष्ट्र है। नेपाल के उत्तर मे चीन का स्वायत्तशासी प्रदेश तिब्बत है और दक्षिण, पूर्व व पश्चिम में भारत अवस्थित है। नेपाल के ८१ प्रतिशत नागरिक हिन्दू धर्मावलम्बी हैं। नेपाल विश्व का प्रतिशत आधार पर सबसे बड़ा हिन्दू धर्मावलम्बी राष्ट्र है। नेपाल की राजभाषा नेपाली है और नेपाल के लोगों को भी नेपाली कहा जाता है। एक छोटे से क्षेत्र के लिए नेपाल की भौगोलिक विविधता बहुत उल्लेखनीय है। यहाँ तराई के उष्ण फाँट से लेकर ठण्डे हिमालय की श्रृंखलाएं अवस्थित हैं। संसार का सबसे ऊँची १४ हिम श्रृंखलाओं में से आठ नेपाल में हैं जिसमें संसार का सर्वोच्च शिखर सागरमाथा एवरेस्ट (नेपाल और चीन की सीमा पर) भी एक है। नेपाल की राजधानी और सबसे बड़ा नगर काठमांडू है। काठमांडू उपत्यका के अन्दर ललीतपुर (पाटन), भक्तपुर, मध्यपुर और किर्तीपुर नाम के नगर भी हैं अन्य प्रमुख नगरों में पोखरा, विराटनगर, धरान, भरतपुर, वीरगंज, महेन्द्रनगर, बुटवल, हेटौडा, भैरहवा, जनकपुर, नेपालगंज, वीरेन्द्रनगर, त्रिभुवननगर आदि है। वर्तमान नेपाली भूभाग अठारहवीं सदी में गोरखा के शाह वंशीय राजा पृथ्वी नारायण शाह द्वारा संगठित नेपाल राज्य का एक अंश है। अंग्रेज़ों के साथ हुई संधियों में नेपाल को उस समय (१८१४ में) एक तिहाई नेपाली क्षेत्र ब्रिटिश इंडिया को देने पड़े, जो आज भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड तथा पश्चिम बंगाल में विलय हो गये हैं। बींसवीं सदी में प्रारंभ हुए जनतांत्रिक आन्दोलनों में कई बार विराम आया जब राजशाही ने जनता और उनके प्रतिनिधियों को अधिकाधिक अधिकार दिए। अंततः २००८ में जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि माओवादी नेता प्रचण्ड के प्रधानमंत्री बनने से यह आन्दोलन समाप्त हुआ। लेकिन सेना अध्यक्ष के निष्कासन को लेकर राष्ट्रपति से हुए मतभेद और टीवी पर सेना में माओवादियों की नियुक्ति को लेकर वीडियो फुटेज के प्रसारण के बाद सरकार से सहयोगी दलों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद प्रचण्ड को इस्तीफा देना पड़ा। गौरतलब है कि माओवादियों के सत्ता में आने से पहले सन् २००६ में राजा के अधिकारों को अत्यंत सीमित कर दिया गया था। दक्षिण एशिया में नेपाल की सेना पांचवीं सबसे बड़ी सेना है और विशेषकर विश्व युद्धों के दौरान, अपने गोरखा इतिहास के लिए उल्लेखनीय रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए महत्वपूर्ण योगदानकर्ता रही है। .
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प्राचीन सप्तर्षि संवत
प्राचीन सप्तर्षि भारत का प्राचीन संवत है जो ६६७६ ईपू से आरम्भ होता है। अन्य संवत.
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पौष
हिन्दू पंचांग के अनुसार साल के दसवें माह का नाम पौष हैं। इस मास में हेमंत ऋतु होने से ठंड अधिक होती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इस मास में भग नाम सूर्य की उपासना करना चाहिए। .
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पूर्णिमा
पूर्णिमा पंचांग के अनुसार मास की 15वीं और शुक्लपक्ष की अंतिम तिथि है जिस दिन चंद्रमा आकाश में पूरा होता है। इस दिन का भारतीय जनजीवन में अत्यधिक महत्व हैं। हर माह की पूर्णिमा को कोई न कोई पर्व अथवा व्रत अवश्य मनाया जाता हैं। .
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फाल्गुन
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह से प्रारंभ होने वाले वर्ष का बारहवाँ तथा अंतिम महीना जो ईस्वी कलेंडर के मार्च माह में पड़ता है। इसे वसंत ऋतु का महीना भी कहा जाता है क्यों कि इस समय भारत में न अधिक गर्मी होती है और न अधिक सर्दी। इस माह में अनेक महत्वपूर्ण पर्व मनाए जाते हैं जिसमें होली प्रमुख हैं। .
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भाद्रपद
भारतीय काल गणना के अनुसार साल का पाँचवाँ माह जो अगस्त के महीने में पड़ता है। इस समय भारत में वर्षा की ऋतु होती है। .
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माघ
माघ से निम्नांकित का बोध होता है-.
देखें विक्रम संवत और माघ
राशियाँ
राशियाँ राशिचक्र के उन बारह बराबर भागों को कहा जाता है जिन पर ज्योतिषी आधारित है। हर राशि सूरज के क्रांतिवृत्त (ऍक्लिप्टिक) पर आने वाले एक तारामंडल से सम्बन्ध रखती है और उन दोनों का एक ही नाम होता है - जैसे की मिथुन राशि और मिथुन तारामंडल। यह बारह राशियां हैं -.
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शक संवत
शक संवत भारत का प्राचीन संवत है जो ७८ ई. से आरम्भ होता है। शक संवत भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर है। शक संवत् के विषय में बुदुआ का मत है कि इसे उज्जयिनी के क्षत्रप चेष्टन ने प्रचलित किया। शक राज्यों को चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने समाप्त कर दिया पर उनका स्मारक शक संवत् अभी तक भारतवर्ष में चल रहा है।;कुछ अन्य संवत.
देखें विक्रम संवत और शक संवत
श्रावण
Rahman .
देखें विक्रम संवत और श्रावण
सप्तर्षि संवत
सप्तर्षि संवत् भारत का प्राचीन संवत है जो ३०७६ ईपू से आरम्भ होता है। महाभारत काल तक इस संवत् का प्रयोग हुआ था। बाद में यह धीरे-धीरे विस्मृत हो गया। एक समय था जब सप्तर्षि-संवत् विलुप्ति की कगार पर पहुंचने ही वाला था, बच गया। इसको बचाने का श्रेय कश्मीर और हिमाचल प्रदेश को है। उल्लेखनीय है कि कश्मीर में सप्तर्षि संवत् को 'लौकिक संवत्' कहते हैं और हिमाचल प्रदेश में 'शास्त्र संवत्'। .
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सूर्य
सूर्य अथवा सूरज सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं। सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है और उसका व्यास लगभग १३ लाख ९० हज़ार किलोमीटर है जो पृथ्वी से लगभग १०९ गुना अधिक है। ऊर्जा का यह शक्तिशाली भंडार मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है। परमाणु विलय की प्रक्रिया द्वारा सूर्य अपने केंद्र में ऊर्जा पैदा करता है। सूर्य से निकली ऊर्जा का छोटा सा भाग ही पृथ्वी पर पहुँचता है जिसमें से १५ प्रतिशत अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाता है, ३० प्रतिशत पानी को भाप बनाने में काम आता है और बहुत सी ऊर्जा पेड़-पौधे समुद्र सोख लेते हैं। इसकी मजबूत गुरुत्वाकर्षण शक्ति विभिन्न कक्षाओं में घूमते हुए पृथ्वी और अन्य ग्रहों को इसकी तरफ खींच कर रखती है। सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी लगभग १४,९६,००,००० किलोमीटर या ९,२९,६०,००० मील है तथा सूर्य से पृथ्वी पर प्रकाश को आने में ८.३ मिनट का समय लगता है। इसी प्रकाशीय ऊर्जा से प्रकाश-संश्लेषण नामक एक महत्वपूर्ण जैव-रासायनिक अभिक्रिया होती है जो पृथ्वी पर जीवन का आधार है। यह पृथ्वी के जलवायु और मौसम को प्रभावित करता है। सूर्य की सतह का निर्माण हाइड्रोजन, हिलियम, लोहा, निकेल, ऑक्सीजन, सिलिकन, सल्फर, मैग्निसियम, कार्बन, नियोन, कैल्सियम, क्रोमियम तत्वों से हुआ है। इनमें से हाइड्रोजन सूर्य के सतह की मात्रा का ७४ % तथा हिलियम २४ % है। इस जलते हुए गैसीय पिंड को दूरदर्शी यंत्र से देखने पर इसकी सतह पर छोटे-बड़े धब्बे दिखलाई पड़ते हैं। इन्हें सौर कलंक कहा जाता है। ये कलंक अपने स्थान से सरकते हुए दिखाई पड़ते हैं। इससे वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि सूर्य पूरब से पश्चिम की ओर २७ दिनों में अपने अक्ष पर एक परिक्रमा करता है। जिस प्रकार पृथ्वी और अन्य ग्रह सूरज की परिक्रमा करते हैं उसी प्रकार सूरज भी आकाश गंगा के केन्द्र की परिक्रमा करता है। इसको परिक्रमा करनें में २२ से २५ करोड़ वर्ष लगते हैं, इसे एक निहारिका वर्ष भी कहते हैं। इसके परिक्रमा करने की गति २५१ किलोमीटर प्रति सेकेंड है। Barnhart, Robert K.
देखें विक्रम संवत और सूर्य
हिन्दू पंचांग
हिन्दू पञ्चाङ्ग से आशय उन सभी प्रकार के पञ्चाङ्गों से है जो परम्परागत रूप प्राचीन काल से भारत में प्रयुक्त होते आ रहे हैं। ये चान्द्रसौर प्रकृति के होते हैं। सभी हिन्दू पञ्चाङ्ग, कालगणना की समान संकल्पनाओं और विधियों पर आधारित होते हैं किन्तु मासों के नाम, वर्ष का आरम्भ (वर्षप्रतिपदा) आदि की दृष्टि से अलग होते हैं। भारत में प्रयुक्त होने वाले प्रमुख क्षेत्रीय पञ्चाङ्ग ये हैं-.
देखें विक्रम संवत और हिन्दू पंचांग
ज्येष्ठ (मास)
ज्येष्ठ भारतीय काल गणना (हिन्दू पंचांग) के अनुसार वर्ष का तीसरा माह है। फागुन माह की बिदाई के साथ ही गर्मी शुरू हो जाती है और इस माह को गर्मी का महीना भी कहा जाता है। .
देखें विक्रम संवत और ज्येष्ठ (मास)
वैशाख
वैशाख भारतीय काल गणना के अनुसार वर्ष का दूसरा माह है। इस माह को एक पवित्र माह के रूप में माना जाता है। जिनका संबंध देव अवतारों और धार्मिक परंपराओं से है। ऐसा माना जाता है कि इस माह के शुक्ल पक्ष को अक्षय तृतीया के दिन विष्णु अवतारों नर-नारायण, परशुराम, नृसिंह और ह्ययग्रीव के अवतार हुआ और शुक्ल पक्ष की नवमी को देवी सीता धरती से प्रकट हुई। कुछ मान्यताओं के अनुसार त्रेतायुग की शुरुआत भी वैशाख माह से हुई। इस माह की पवित्रता और दिव्यता के कारण ही कालान्तर में वैशाख माह की तिथियों का सम्बंध लोक परंपराओं में अनेक देव मंदिरों के पट खोलने और महोत्सवों के मनाने के साथ जोड़ दिया। यही कारण है कि हिन्दू धर्म के चार धाम में से एक बद्रीनाथधाम के कपाट वैशाख माह की अक्षय तृतीया को खुलते हैं। इसी वैशाख के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को एक और हिन्दू तीर्थ धाम पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भी निकलती है। वैशाख कृष्ण पक्ष की अमावस्या को देववृक्ष वट की पूजा की जाती है। यह भी माना जाता है कि भगवान बुद्ध की वैशाख पूजा 'दत्थ गामणी' (लगभग 100-77 ई.
देखें विक्रम संवत और वैशाख
आश्विन
आशविन दो देवता थे। पहिले का नाम नासतय था और दूसरे का नाम दरसा था। नासतय दवाई का देवता था। दरसा जड़ी-बूटियों का देवता था। हिन्दू पंचांग के अनुसार साल के सातवें माह का नाम *.
देखें विक्रम संवत और आश्विन
आषाढ़
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह से प्रारंभ होने वाले वर्ष का चौथा महीना, जो ईस्वी कलेंडर के जून या जुलाई माह में पड़ता है। इसे वर्षा ऋतु का महीना भी कहा जाता है क्यों कि इस समय भारत में काफ़ी वर्षा होती है। *.
देखें विक्रम संवत और आषाढ़
कलि संवत
कलियुग संवत भारत का प्राचीन संवत है जो ३१०२ ईपू से आरम्भ होता है। इस संवत की शुरुआत पांडवो के द्वारा अर्जुन के पुत्र को सिँहासनारुढ़ करके स्वयं हिमालय की और प्रस्थान करने एंव भगवान श्रीकृष्ण के वैकुण्ठ जाने से मानी जाती है। अन्य संवत.
देखें विक्रम संवत और कलि संवत
कार्तिक
हिन्दू पंचांग के अनुसार साल के आठवें माह का नाम कार्तिक हैं। .
देखें विक्रम संवत और कार्तिक
अग्रहायण
हिन्दू वर्ष का नवा महीना अगहन अथवा अग्रहायण के नाम से जाना जाता है। इसका प्रचलित नाम मार्गशीर्ष एवं मगसर हैं। मार्गशीर्ष की पूर्णिमा को ही 'दत्तात्रेय जयन्ती' मनायी जानी चाहिए। .
देखें विक्रम संवत और अग्रहायण
यह भी देखें
पंजाबी संस्कृति
- आवत डालनी
- कविश्री
- गतका
- गोगाजी
- ढाबा
- पंजाबी खाना
- पंजाबी तंदूर
- पंजाबी त्योहार
- पंजाबी भाषा
- पंजाबी समुदाय
- फुलकारी
- भांगड़ा
- विक्रम संवत
- शहीदी जोड़ मेला
- सम्मी
भारतीय खोज
- अत्यधिक उच्चावृत्ति (EHF)
- इंसुलेटेड गेट बाईपोलर ट्रांजिस्टर
- इनस्क्रिप्ट
- इस्पात निर्माण
- कसौटी
- कैरम
- कैलिको
- क्रिया योग
- क्रेस्कोग्राफ
- चक्रम्
- चतुरंग
- चरखा
- छींट
- ठोस ईंधन रॉकेट
- ढोल
- तुरही
- तुला
- पहलवानी
- बावड़ी
- भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- भारतीय अंक प्रणाली
- भारतीय आविष्कारों की सूची
- भारतीय वाद्य यंत्र
- मानव विकास सूचकांक
- मूषा इस्पात
- योग
- रकाब
- विक्रम संवत
- वीणा
- वुट्ज इस्पात
- शर्करा
- शाल
- शास्त्रीय संगीत
- शून्य
- शैंपू
- सरस्वती लिपि
- सांपसीढ़ी (खेल)
- सिंप्यूटर
- सितार
- सिद्ध चिकित्सा
- स्तूप
- हिन्दू पंचांग
- हुक़्क़ा
हिन्दू कैलेंडर
- अधिक मास
- अमावस्या
- अष्टमी
- उत्तरायण सूर्य
- ऋतु
- एकादशी तिथि
- चतुर्थी
- चतुर्दशी
- तिथियाँ
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- त्रयोदशी
- दक्षिणायन सूर्य
- दशमी
- दृग्गणित
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- द्वितीया
- नवमी
- पंचमी
- पक्ष (बहुविकल्पी)
- पञ्चाङ्गम्
- पूर्णिमा
- प्रतिपदा
- विक्रम संवत
- शालिवाहन शक
- हिन्दू काल गणना
- हिन्दू पंचांग
विक्रम संवत्, विक्रम संवत्, विक्रमी संवत के रूप में भी जाना जाता है।