सामग्री की तालिका
7 संबंधों: तिथियाँ, पंचांग, पूर्णिमा, मास, शुक्ल पक्ष, कृष्ण पक्ष, अमावस्या।
तिथियाँ
हिन्दू काल गणना के अनुसार मास में ३० तिथियाँ होतीं हैं, जो दो पक्षों में बंटीं होती हैं। चन्द्र मास एक अमावस्या के अन्त से शुरु होकर दूसरे अमा वस्या के अन्त तक रहता है। अमावस्या के दिन सूर्य और चन्द्र का भौगांश बराबर होता है। इन दोनों ग्रहों के भोंगाश में अन्तर का बढना ही तिथि को जन्म देता है। तिथि की गणना निम्न प्रकार से की जाती है। तिथि .
देखें त्रयोदशी और तिथियाँ
पंचांग
अल्फ़ोंसीन तालिकाएँ, जो १३वीं शताब्दी के बाद यूरोप की मानक पंचांग बन गई पंचांग (अंग्रेज़ी: ephemeris) ऐसी तालिका को कहते हैं जो विभिन्न समयों या तिथियों पर आकाश में खगोलीय वस्तुओं की दशा या स्थिति का ब्यौरा दे। खगोलशास्त्र और ज्योतिषी में विभिन्न पंचांगों का प्रयोग होता है। इतिहास में कई संस्कृतियों ने पंचांग बनाई हैं क्योंकि सूरज, चन्द्रमा, तारों, नक्षत्रों और तारामंडलों की दशाओं का उनके धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जीवन में गहरा महत्व होता था। सप्ताहों, महीनों और वर्षों का क्रम भी इन्ही पंचांगों पर आधारित होता था। उदाहरण के लिए रक्षा बंधन का त्यौहार श्रवण के महीने में पूर्णिमा (पूरे चंद की दशा) पर मनाया जाता था।, Sunil Sehgal, pp.
देखें त्रयोदशी और पंचांग
पूर्णिमा
पूर्णिमा पंचांग के अनुसार मास की 15वीं और शुक्लपक्ष की अंतिम तिथि है जिस दिन चंद्रमा आकाश में पूरा होता है। इस दिन का भारतीय जनजीवन में अत्यधिक महत्व हैं। हर माह की पूर्णिमा को कोई न कोई पर्व अथवा व्रत अवश्य मनाया जाता हैं। .
देखें त्रयोदशी और पूर्णिमा
मास
अंग्रेज़ी कैलेण्डर के अनुसार एक साल में बारह महीने होते हैं | हिन्दी में इन्हें निम्न नामों से जाना जाता है |.
देखें त्रयोदशी और मास
शुक्ल पक्ष
हिन्दू समय मापन, लघुगणकीय पैमाने पर शुक्ल पक्ष हिन्दू काल गणना अनुसार पूर्णिमांत माह के द्वितीयार्ध पक्ष (१५ दिन) को कहते हैं। यह पक्ष अमावस्या से पूर्णिमा तक होता है। श्रेणी:हिन्दू काल गणना श्रेणी:समय मापन.
देखें त्रयोदशी और शुक्ल पक्ष
कृष्ण पक्ष
हिन्दू समय मापन, लघुगणकीय पैमाने पर कृष्ण पक्ष हिन्दू काल गणना अनुसार पूर्णिमांत माह के उत्तरार्ध पक्ष (१५ दिन) को कहते हैं। यह पक्ष पूर्णिमा से अमावस्या तक होता है। श्रेणी:हिन्दू काल गणना श्रेणी:समय मापन.
देखें त्रयोदशी और कृष्ण पक्ष
अमावस्या
अमावस्या हिन्दू पंचांग के अनुसार माह की ३०वीं और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि है इस दिन का भारतीय जनजीवन में अत्यधिक महत्व हैं। हर माह की अमावस्या को कोई न कोई पर्व अवश्य मनाया जाता हैं। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। .
देखें त्रयोदशी और अमावस्या
तेरस के रूप में भी जाना जाता है।