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नेपाल

सूची नेपाल

नेपाल, (आधिकारिक रूप में, संघीय लोकतान्त्रिक गणराज्य नेपाल) भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित एक दक्षिण एशियाई स्थलरुद्ध हिमालयी राष्ट्र है। नेपाल के उत्तर मे चीन का स्वायत्तशासी प्रदेश तिब्बत है और दक्षिण, पूर्व व पश्चिम में भारत अवस्थित है। नेपाल के ८१ प्रतिशत नागरिक हिन्दू धर्मावलम्बी हैं। नेपाल विश्व का प्रतिशत आधार पर सबसे बड़ा हिन्दू धर्मावलम्बी राष्ट्र है। नेपाल की राजभाषा नेपाली है और नेपाल के लोगों को भी नेपाली कहा जाता है। एक छोटे से क्षेत्र के लिए नेपाल की भौगोलिक विविधता बहुत उल्लेखनीय है। यहाँ तराई के उष्ण फाँट से लेकर ठण्डे हिमालय की श्रृंखलाएं अवस्थित हैं। संसार का सबसे ऊँची १४ हिम श्रृंखलाओं में से आठ नेपाल में हैं जिसमें संसार का सर्वोच्च शिखर सागरमाथा एवरेस्ट (नेपाल और चीन की सीमा पर) भी एक है। नेपाल की राजधानी और सबसे बड़ा नगर काठमांडू है। काठमांडू उपत्यका के अन्दर ललीतपुर (पाटन), भक्तपुर, मध्यपुर और किर्तीपुर नाम के नगर भी हैं अन्य प्रमुख नगरों में पोखरा, विराटनगर, धरान, भरतपुर, वीरगंज, महेन्द्रनगर, बुटवल, हेटौडा, भैरहवा, जनकपुर, नेपालगंज, वीरेन्द्रनगर, त्रिभुवननगर आदि है। वर्तमान नेपाली भूभाग अठारहवीं सदी में गोरखा के शाह वंशीय राजा पृथ्वी नारायण शाह द्वारा संगठित नेपाल राज्य का एक अंश है। अंग्रेज़ों के साथ हुई संधियों में नेपाल को उस समय (१८१४ में) एक तिहाई नेपाली क्षेत्र ब्रिटिश इंडिया को देने पड़े, जो आज भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड तथा पश्चिम बंगाल में विलय हो गये हैं। बींसवीं सदी में प्रारंभ हुए जनतांत्रिक आन्दोलनों में कई बार विराम आया जब राजशाही ने जनता और उनके प्रतिनिधियों को अधिकाधिक अधिकार दिए। अंततः २००८ में जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि माओवादी नेता प्रचण्ड के प्रधानमंत्री बनने से यह आन्दोलन समाप्त हुआ। लेकिन सेना अध्यक्ष के निष्कासन को लेकर राष्ट्रपति से हुए मतभेद और टीवी पर सेना में माओवादियों की नियुक्ति को लेकर वीडियो फुटेज के प्रसारण के बाद सरकार से सहयोगी दलों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद प्रचण्ड को इस्तीफा देना पड़ा। गौरतलब है कि माओवादियों के सत्ता में आने से पहले सन् २००६ में राजा के अधिकारों को अत्यंत सीमित कर दिया गया था। दक्षिण एशिया में नेपाल की सेना पांचवीं सबसे बड़ी सेना है और विशेषकर विश्व युद्धों के दौरान, अपने गोरखा इतिहास के लिए उल्लेखनीय रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए महत्वपूर्ण योगदानकर्ता रही है। .

170 संबंधों: ऊष्णकटिबन्ध, चाणक्य, चाय, चालुक्य राजवंश, चिवड़ा, चीन, चीनी जनवादी गणराज्य, एवरेस्ट पर्वत, तप, तराई क्षेत्र, तिब्बत, तिब्बती भाषा, त्रिभुवन विश्वविद्यालय, त्रिभुवननगर, तीस्ता नदी, दार्जिलिंग, दक्षिण एशिया, दक्षिण भारत, धरान, नवपाषाण युग, नेपाल प्रहरी, नेपाल मानक समय, नेपाल ससस्त्र प्रहरी बल, नेपाल ससस्त्र वनरक्षक, नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय, नेपाल का एकीकरण, नेपाल का ध्वज, नेपाल का भूगोल, नेपाल का संविधान, नेपाल का इतिहास, नेपाल क्रिकेट टीम, नेपाल के प्रधानमन्त्री, नेपाल के राष्ट्रपति, नेपाल के हस्पताल, नेपाल की अर्थव्यवस्था, नेपालगञ्ज, नेपाली (बहुविकल्पी), नेपाली भाषा, नेपाली भाषाएँ एवं साहित्य, नेपाली रुपया, नेपाली संस्कृति, नेपाली सैनिक विमान सेवा, नेपाली सेना, नेपाली कांग्रेस, नेवारी, पशुपतिनाथ, पशुपतिनाथ मन्दिर (नेपाल), पश्चिम बंगाल, पाटन, पंचायत, ..., पंजाब क्षेत्र, पकवान, प्रचंड, प्रदेश संख्या १, प्रदेश संख्या २, प्रदेश संख्या ३, प्रदेश संख्या ४, प्रदेश संख्या ५, प्रदेश संख्या ६, प्रदेश संख्या ७, प्रधानमन्त्री, प्राकृत, पृथ्वी नारायण शाह, पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय, पोखरा, पोखरा विश्वविधालय, बिद्या देवी भंडारी, बिहार, बुटवल, ब्राह्मी लिपि, ब्रिटिश राज, बौद्ध धर्म, बीरगंज, भरतपुर, नेपाल, भारत, भारतीय उपमहाद्वीप, भाषा, भक्तपुर, भैरहवा, मध्यपुर, मल्ल राजवंश, महाभारत, महेन्द्रनगर, मागधी, माओवाद, मक्का, मौर्य राजवंश, मैथिली भाषा, युनेस्को, यूनाइटेड किंगडम, राणा वंश, रामबरन यादव, राष्ट्रपति, राष्ट्रीय अनुसन्धान विभाग नेपाल, राजधानी, राजभाषा, राजा महेन्द्र प्रताप सिंह, राजकुमार, रोटी, ललितपुर, लिच्छवि, लुम्बिनी विश्वविद्यालय, लुंबिनी, लोकतंत्र, शाह वंश, शाक्य, शीतोष्ण कटिबन्ध, सयौं थुँगा फूलका, सरस्वती, सिंह दरबार, सिक्किम, संयुक्त राज्य, संस्कृत भाषा, सुगौली संधि, स्थल-रुद्ध देश, सीता, हिन्दू, हिन्दू धर्म, हिमाचल प्रदेश, हिमालय, हेटौडा, होली, जनकपुर, जाति, जङ्गबहादुर राणा, जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन, ईसाई, ईस्ट इण्डिया कम्पनी, घाटी, विराटनगर, विशाल नेपाल, विश्वयुद्ध, व्युत्पत्तिशास्त्र, वैशाली, वैष्णव सम्प्रदाय, वीरेन्द्रनगर, खड्ग प्रसाद शर्मा ओली, गण्डकी, गण्डकी नदी, गाय, गिरिजा प्रसाद कोइराला, गुप्त राजवंश, गौतम बुद्ध, गेहूँ, गोरखा, गोरखा युद्ध, आयुर्वेद, आर्य वंश, आलू, कपिलवस्तु, काठमाण्डु, काठमाण्डौ विश्वविद्यालय, काठमांडू उपत्यका, कंचनजंघा, कृष्णप्रसाद भट्टराई, कोदो, कोसी नदी, कीर्तिपुर, अचार, अभिलेख, अर्थशास्त्र (ग्रन्थ), अशोक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, उपोष्णकटिबन्ध, १७६८, १८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, २००७, २१ दिसम्बर, २८ दिसम्बर सूचकांक विस्तार (120 अधिक) »

ऊष्णकटिबन्ध

विश्व मानचित्र अंतर ऊष्ण कटिबंध को लाल पट्टी से दर्शाते हुए। मौसमी क्षेत्र ऊष्णकटिबंध (Tropics) दुनिया का वह कटिबंध है जो भूमध्य रेखा से अक्षांश २३°२६'१६" उत्तर में कर्क रेखा और अक्षांश २३°२६'१६" दक्षिण में मकर रेखा तक सीमित है। यह अक्षांश पृथ्वी के अक्षीय झुकाव (Axial tilt) से संबन्धित है। कर्क और मकर रेखाओं में एक सौर्य वर्ष में एक बार और इनके बीच के पूरे क्षेत्र में एक सौर्य वर्ष में दो बार सूरज ठीक सिर के ऊपर होता है। विश्व की आबादी का एक बड़ा भाग (लगभग ४०%) इस क्षेत्र में रहता है और ऐसा अनुमानित है कि बढ़ती जनसंख्या के कारण यह आबादी और बढ़ती ही जायेगी। यह पृथ्वी का सबसे गर्म क्षेत्र है क्योंकि पृथ्वी के अक्षीय झुकाव के कारण सूर्य की अधिकतम ऊष्मा भूमध्य रेखा और उसके आस-पास के इलाके पर केन्द्रित होती है। .

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चाणक्य

चाणक्य (अनुमानतः ईसापूर्व 375 - ईसापूर्व 283) चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे। वे 'कौटिल्य' नाम से भी विख्यात हैं। उन्होने नंदवंश का नाश करके चन्द्रगुप्त मौर्य को राजा बनाया। उनके द्वारा रचित अर्थशास्त्र राजनीति, अर्थनीति, कृषि, समाजनीति आदि का महान ग्रंन्थ है। अर्थशास्त्र मौर्यकालीन भारतीय समाज का दर्पण माना जाता है। मुद्राराक्षस के अनुसार इनका असली नाम 'विष्णुगुप्त' था। विष्णुपुराण, भागवत आदि पुराणों तथा कथासरित्सागर आदि संस्कृत ग्रंथों में तो चाणक्य का नाम आया ही है, बौद्ध ग्रंथो में भी इसकी कथा बराबर मिलती है। बुद्धघोष की बनाई हुई विनयपिटक की टीका तथा महानाम स्थविर रचित महावंश की टीका में चाणक्य का वृत्तांत दिया हुआ है। चाणक्य तक्षशिला (एक नगर जो रावलपिंडी के पास था) के निवासी थे। इनके जीवन की घटनाओं का विशेष संबंध मौर्य चंद्रगुप्त की राज्यप्राप्ति से है। ये उस समय के एक प्रसिद्ध विद्वान थे, इसमें कोई संदेह नहीं। कहते हैं कि चाणक्य राजसी ठाट-बाट से दूर एक छोटी सी कुटिया में रहते थे। उनके नाम पर एक धारावाहिक भी बना था जो दूरदर्शन पर 1990 के दशक में दिखाया जाता था। .

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चाय

चाय एक लोकप्रिय पेय है। यह चाय के पौधों की पत्तियों से बनता है।भारतीय.

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चालुक्य राजवंश

चालुक्य प्राचीन भारत का एक प्रसिद्ध क्षत्रिय राजवंश है। इनकी राजधानी बादामी (वातापि) थी। अपने महत्तम विस्तार के समय (सातवीं सदी) यह वर्तमान समय के संपूर्ण कर्नाटक, पश्चिमी महाराष्ट्र, दक्षिणी मध्य प्रदेश, तटीय दक्षिणी गुजरात तथा पश्चिमी आंध्र प्रदेश में फैला हुआ था। .

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चिवड़ा

धान को उबालकर तथा कुछ-कुछ नम अवस्था में ही किसी चीज से 'पीटकर'या दबाकर चिवड़ा (Flattened rice या beaten rice) बनाया जाता है। यह कुछ अन्य चीजों के साथ मिलाकर नमकीन बनाया जाता है। उत्तर प्रदेश, बिहार आदि में इसे दही के साथ खाया जाता है। .

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चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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चीनी जनवादी गणराज्य

चीनी जनवादी गणराज्य (चीनी: 中华人民共和国) जिसे प्रायः चीन नाम से भी सम्बोधित किया जाता है, पूर्वी एशिया में स्थित एक देश है। १.३ अरब निवासियों के साथ यह विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है और ९६,४१,१४४ वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ यह रूस और कनाडा के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्रफल वाला देश है। इतना विशाल क्षेत्रफल होने के कारण इसकी सीमा से लगते देशों की संख्या भी विश्व में सर्वाधिक (रूस के बराबर) है जो इस प्रकार है (उत्तर से दक्षिणावर्त्त): रूस, मंगोलिया, उत्तर कोरिया, वियतनाम, लाओस, म्यान्मार, भारत, भूटान, नेपाल, तिबत देश,पाकिस्तान, अफ़्गानिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और कज़ाख़िस्तान। उत्तर पूर्व में जापान और दक्षिण कोरिया मुख्य भूमि से दूरी पर स्थित हैं। चीनी जनवादी गणराज्य की स्थापना १ अक्टूबर, १९४९ को हुई थी, जब साम्यवादियों ने गृहयुद्ध में कुओमिन्तांग पर जीत प्राप्त की। कुओमिन्तांग की हार के बाद वे लोग ताइवान या चीनी गणराज्य को चले गए और मुख्यभूमि चीन पर साम्यवादी दल ने साम्यवादी गणराज्य की स्थापना की। लेकिन चीन, ताईवान को अपना स्वायत्त क्षेत्र कहता है जबकि ताइवान का प्रशासन स्वयं को स्वतन्त्र राष्ट्र कहता है। चीनी जनवादी गणराज्य और ताइवान दोनों अपने-अपने को चीन का वैध प्रतिनिधि कहते हैं। चीन विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो अभी भी अस्तित्व में है। इसकी सभ्यता ५,००० वर्षों से अधिक भी पुरानी है। वर्तमान में यह एक "समाजवादी गणराज्य" है, जिसका नेतृत्व एक दल के हाथों में है, जिसका देश के २२ प्रान्तों, ५ स्वायत्तशासी क्षेत्रों, ४ नगरपालिकाओं और २ विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों पर नियन्त्रण है। चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य भी है। यह विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक और दूसरा सबसे बड़ा आयातक है और एक मान्यता प्राप्त नाभिकीय महाशक्ति है। चीनी साम्यवादी दल के अधीन रहकर चीन में "समाजवादी बाज़ार अर्थव्यवस्था" को अपनाया जिसके अधीन पूंजीवाद और अधिकारवादी राजनैतिक नियन्त्रण सम्मित्लित है। विश्व के राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक ढाँचे में चीन को २१वीं सदी की अपरिहार्य महाशक्ति के रूप में माना और स्वीकृत किया जाता है। यहाँ की मुख्य भाषा चीनी है जिसका पाम्परिक तथा आधुनिक रूप दोनों रूपों में उपयोग किया जाता है। प्रमुख नगरों में बीजिंग (राजधानी), शंघाई (प्रमुख वित्तीय केन्द्र), हांगकांग, शेन्ज़ेन, ग्वांगझोउ इत्यादी हैं। .

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एवरेस्ट पर्वत

एवरेस्ट पर्वत (नेपाली:सागरमाथा, संस्कृत: देवगिरि) दुनिया का सबसे ऊँचा पर्वत शिखर है, जिसकी ऊँचाई 8,850 मीटर है। पहले इसे XV के नाम से जाना जाता था। माउंट एवरेस्ट की ऊँचाई उस समय 29,002 फीट या 8,840 मीटर मापी गई। वैज्ञानिक सर्वेक्षणों में कहा जाता है कि इसकी ऊंचाई प्रतिवर्ष 2 से॰मी॰ के हिसाब से बढ़ रही है। नेपाल में इसे स्थानीय लोग सागरमाथा (अर्थात स्वर्ग का शीर्ष) नाम से जानते हैं, जो नाम नेपाल के इतिहासविद बाबुराम आचार्य ने सन् 1930 के दशक में रखा था - आकाश का भाल। तिब्बत में इसे सदियों से चोमोलंगमा अर्थात पर्वतों की रानी के नाम से जाना जाता है। सर्वे ऑफ नेपाल द्वारा प्रकाशित, (1:50,000 के स्केल पर 57 मैप सेट में से 50वां मैप) “फर्स्ट जॉईन्ट इन्सपेक्सन सर्वे सन् 1979-80, नेपाल-चीन सीमा के मुख्य पाठ्य के साथ अटैच” पृष्ठ पर ऊपर की ओर बीच में, लिखा है, सीमा रेखा, की पहचान की गई है जो चीन और नेपाल को अलग करते हैं, जो ठीक शिखर से होकर गुजरता है। यह यहाँ सीमा का काम करता है और चीन-नेपाल सीमा पर मुख्य हिमालयी जलसंभर विभाजित होकर दोनो तरफ बहता है। .

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तप

जैन तपस्वी तपस् या तप का मूल अर्थ था प्रकाश अथवा प्रज्वलन जो सूर्य या अग्नि में स्पष्ट होता है। किंतु धीरे-धीरे उसका एक रूढ़ार्थ विकसित हो गया और किसी उद्देश्य विशेष की प्राप्ति अथवा आत्मिक और शारीरिक अनुशासन के लिए उठाए जानेवाले दैहिक कष्ट को तप कहा जाने लगा। .

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तराई क्षेत्र

तराई क्षेत्र भारत, नेपाल एवं भूटान में स्थित हिमालय के आधार के दक्षिण में स्थित क्षेत्रों को कहते हैं। यह क्षेत्र पश्चिम में यमुना नदी से लेकर पूरब में ब्रह्मपुत्र नदी तक फैला हुआ है। इस क्षेत्र में भूमि नम है तथा इस क्षेत्र में घास के मैदान एवं वन हैं। तराई क्षेत्र के उत्तरी भाग भाभर क्षेत्र कहलाता है। तराई क्षेत्र की भूमि के अन्दर मिट्टी और बालू की एक के बाद एक परते हैं। यहाँ पर जल-स्तर बहुत उपर है। इस क्षेत्र की नदियों में मानसून के समय प्राय: बाढ़ आ जाती है। तराई क्षेत्र के नीचे (दक्षिण में) गंगा-यमुना-ब्रह्मपुत्र का मैदानी क्षेत्र स्थित है। तराई का अर्थ समतल भूमि होता है। और अर्थ मधेस भी होता है। पिछले 1 दशक में नेपालमे तराई मधेश नाम से 1 दर्जन से भी अधिक राजनितिक दल दर्ता हुए है। उनमे से अधिकतर अभी के नेपालके सम्भिधान सभा में प्रतिनिधित्व करते है। कुछ मधेसी दल के नाम:मधेसी फोरम, तराई मधेश लोकतांत्रिक पार्टी, सद्भावना पार्टी, तराई मधेश राष्टीय अभियान। उनका मुद्दा मधेशियो हक अधिकार संबिधान सभा से सुनिश्चित करवाना है। मधेश के लोग राजनितिक रूप से पिछड़े है। नेपाली सेना मधेसी की उपस्थिति 2% से भी कम है। और यही स्थिति कुटनीतिक पदों पर भी है। मधेसी लोग अधिकतर भारत के यूपी विहार मूल के है। उसकेवाद अन्य राज्य से सम्बंधित है जैसे बंगाल पंजाब राजस्थान का नंबर आता है। .

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तिब्बत

तिब्बत का भूक्षेत्र (पीले व नारंगी रंगों में) तिब्बत के खम प्रदेश में बच्चे तिब्बत का पठार तिब्बत (Tibet) एशिया का एक क्षेत्र है जिसकी भूमि मुख्यतः उच्च पठारी है। इसे पारम्परिक रूप से बोड या भोट भी कहा जाता है। इसके प्रायः सम्पूर्ण भाग पर चीनी जनवादी गणराज्य का अधिकार है जबकि तिब्बत सदियों से एक पृथक देश के रूप में रहा है। यहाँ के लोगों का धर्म बौद्ध धर्म की तिब्बती बौद्ध शाखा है तथा इनकी भाषा तिब्बती है। चीन द्वारा तिब्बत पर चढ़ाई के समय (1955) वहाँ के राजनैतिक व धार्मिक नेता दलाई लामा ने भारत में आकर शरण ली और वे अब तक भारत में सुरक्षित हैं। .

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तिब्बती भाषा

तिब्बती भाषा (तिब्बती लिपि में: བོད་སྐད་, ü kä), तिब्बत के लोगों की भाषा है और वहाँ की राजभाषा भी है। यह तिब्बती लिपि में लिखी जाती है। ल्हासा में बोली जाने वाली भाषा को मानक तिब्बती माना जाता है। .

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त्रिभुवन विश्वविद्यालय

त्रिभुवन विश्वविद्यालय त्रिभुवन विश्विविद्यालय नेपाल का सबसे बड़ा और सव्राधिक पुराना राष्ट्रीय विश्वविद्यालय है। इसका केन्द्रीय कार्यालय कृतीपुर काठमाण्डू में है। इस समय इस विश्वविद्यालय में १५०,०० विद्यार्थी अध्यनरत हैं। कृषि तथा पशु अध्ययन संस्थान, वनबिज्ञान, इन्जीनीयरिङ, विज्ञान तथा प्रविधि, चिकित्शाशास्त्र, समाजविज्ञान, मानवशास्त्र, ब्यवस्थापन, शिक्षा शास्त्र, कानून तथा मानविकी में यह विश्वविद्यालय शिक्षा प्रदान कर रहा है। इस विश्वविद्यालयके ६० आंगिक तथा ४१६ सम्वन्धन प्राप्त कैम्पस सारे नेपाल में हैं। यह विश्वविद्यालय अभी भी नेपाल की उच्च शिक्षा में ७५ प्रतिशत से अधिक भाग वहन कर रहा है। साथ-साथ यह विश्वविद्यालय नेपाल के 'थिंकटेङक' के रूप में भी चिह्नित है। .

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त्रिभुवननगर

परीचय त्रिभुवननगर (Tribhuvannagar) मध्यपस्चिम नेपालके राप्ती अन्चलका प्रमुख वाणीज्य तथा शिक्षा श्वास्थका केन्द्र है। त्रिभुवननगर सहर दागं उपत्यकाकाके दांग जिलामे पडताहै पर्दछ। याँहा पे सत्य साइ व श्रृडी साइके प्रशिद्ध मन्दीर है। प्रिशद्ध बाह्रकुने झिल त्रिभुवनगर मे ही पडता है शिक्षा, श्वास्थ, यातायात, संचार लमही से फेडर रोडसे जुडाहुवा त्रिभुवन नगर राप्ती अन्चलके पाहडी क्षेत्रका प्रमुख पैठारीकर्ता है महेन्द्र संस्कृत विस्वबिधालय, महेन्द्र बहुमुखी क्यम्पस (त्रि.वि.), भरतपुर क्याम्पस, संस्कृत क्याम्पस लगायतके उच्चशिक्षा केन्द्र त्रिभुवननगरपे संचालीत है, साथमे बहुतसे प्राइभेट तथा सामुदायीक क्याम्पस तथा बिधालय भि याहां पेहै, श्वास्थमे महेन्द्र अस्पताल, आंखाउपचार केन्द्र के साथ साथ कुछ प्राइभेट श्वास्थ संस्था भि संचालीत है, अभी अभी एक बाल तथा हाडजोर्नी का अस्पातल यांहा पे बनराहा है। त्रिभुवननगर मे आधुनीक संचार सुविधा इमेल, इन्टरनेट, प्रीपेड, पोष्टपेड मोवाइल, लोकल एस टि डि, आइ एस डि फोन सुविधा के साथ प्राइभेट एफ एम रेडीयो भि संचालित है, देशके अन्य हिस्सो से त्रिभुवननगरको लमहीसे दांग भ्याली जानेवाला एक साहायकमार्ग जोडता है, साथ मे वीरेन्द्रनगर से सल्यान होकर एक कच्ची सडक भि त्रिभुवननगरकोको जोडताहै उसी तरह रोल्पा रूकुम लगायतके जिलोंसे त्रिभुवन नगर कच्ची सडकसे जुडाहुवाहै। जनसंख्या त्रिभुवननगर शहरमे लगभग ५५ हजार लोग रहतेहै। त्रिभुवननगरका टेलीफोन कोड नं.

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तीस्ता नदी

तिस्ता नदी भारत के सिक्किम तथा पश्चिम बंगाल राज्य तथा बांग्लादेश से होकर बहती है। यह सिक्किम और पश्चिम बंगाल के जलपाइगुड़ी विभाग की मुख्य नदी है। पश्चिम बंगाल में यह दार्जिलिङ जिले में बहती है। तिस्ता नदी को सिक्किम और उत्तरी बंगाल की जीवनरेखा कहा जाता है। सिक्किम और पश्चिम बंगाल से बहती हुई यह बांग्लादेश में प्रवेश करती है और ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती है। इस नदी की पूरी लम्बाई ३१५ किमी है। भारत और बंग्ला देश के बीच संयुक्त रूप से प्रवाहित होने वाली यह नदी भारत के सिक्किम और पश्चिम बंगा होते हुए बंगला देश में प्रवेश करती है। बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली यह नदी भारत के साथ ही बंगला देश की समृद्धि की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण नदी है। हिन्दू पुराणों के अनुसार यह नदी देवी पार्वती के स्तन से निकली है। 'तिस्ता' का अर्थ 'त्रि-स्रोता' या 'तीन-प्रवाह' है। सिक्किम प्रान्त की जितनी लम्बाई है लगभग पूरी लम्बाई लेकर बहती यह नदी वरदान्त हिमालय का समसितोष्ण र नदी की घाटी से उष्णकटिबंध तापमान को काटकर ले जाती है। चमकिली हरे (emerald) रंग की यह नदी बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र नदी में मिलनेसे पूर्व सिक्किम और पश्चिम बंगाल की सीमा॑ओं के रूप में बहती है। .

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दार्जिलिंग

दार्जिलिंग भारत के राज्य पश्चिम बंगाल का एक नगर है। यह नगर दार्जिलिंग जिले का मुख्यालय है। यह नगर शिवालिक पर्वतमाला में लघु हिमालय में अवस्थित है। यहां की औसत ऊँचाई २,१३४ मीटर (६,९८२ फुट) है। दार्जिलिंग शब्द की उत्त्पत्ति दो तिब्बती शब्दों, दोर्जे (बज्र) और लिंग (स्थान) से हुई है। इस का अर्थ "बज्रका स्थान है।" भारत में ब्रिटिश राज के दौरान दार्जिलिंग की समशीतोष्ण जलवायु के कारण से इस जगह को पर्वतीय स्थल बनाया गया था। ब्रिटिश निवासी यहां गर्मी के मौसम में गर्मी से छुटकारा पाने के लिए आते थे। दार्जिलिंग अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर यहां की दार्जिलिंग चाय के लिए प्रसिद्ध है। दार्जिलिंग की दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे एक युनेस्को विश्व धरोहर स्थल तथा प्रसिद्ध स्थल है। यहां की चाय की खेती १८०० की मध्य से शुरु हुई थी। यहां की चाय उत्पादकों ने काली चाय और फ़र्मेन्टिंग प्रविधि का एक सम्मिश्रण तैयार किया है जो कि विश्व में सर्वोत्कृष्ट है। दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे जो कि दार्जिलिंग नगर को समथर स्थल से जोड़ता है, को १९९९ में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। यह वाष्प से संचालित यन्त्र भारत में बहुत ही कम देखने को मिलता है। दार्जिलिंग में ब्रिटिश शैली के निजी विद्यालय भी है, जो भारत और नेपाल से बहुत से विद्यार्थियों को आकर्षित करते हैं। सन १९८० की गोरखालैंड राज्य की मांग इस शहर और इस के नजदीक का कालिम्पोंग के शहर से शुरु हुई थी। अभी राज्य की यह मांग एक स्वायत्त पर्वतीय परिषद के गठन के परिणामस्वरूप कुछ कम हुई है। हाल की दिनों में यहां का वातावरण ज्यादा पर्यटकों और अव्यवस्थित शहरीकरण के कारण से कुछ बिगड़ रहा है। .

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दक्षिण एशिया

thumb दक्षिण एशिया एक अनौपचारिक शब्दावली है जिसका प्रयोग एशिया महाद्वीप के दक्षिणी हिस्से के लिये किया जाता है। सामान्यतः इस शब्द से आशय हिमालय के दक्षिणवर्ती देशों से होता है जिनमें कुछ अन्य अगल-बगल के देश भी जोड़ लिये जाते हैं। भारत, पाकिस्तान, श्री लंका और बांग्लादेश को दक्षिण एशिया के देश या भारतीय उपमहाद्वीप के देश कहा जाता है जिसमें नेपाल और भूटान को भी शामिल कर लिया जाता है। कभी कभी इसमें अफगानिस्तान और म्याँमार को भी जोड़ लेते हैं। दक्षिण एशिया के देशों का एक संगठन सार्क भी है जिसके सदस्य देश निम्नवत हैं.

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दक्षिण भारत

भारत के दक्षिणी भाग को दक्षिण भारत भी कहते हैं। अपनी संस्कृति, इतिहास तथा प्रजातीय मूल की भिन्नता के कारण यह शेष भारत से अलग पहचान बना चुका है। हलांकि इतना भिन्न होकर भी यह भारत की विविधता का एक अंगमात्र है। दक्षिण भारतीय लोग मुख्यतः द्रविड़ भाषा जैसे तेलुगू,तमिल, कन्नड़ और मलयालम बोलते हैं और मुख्यतः द्रविड़ मूल के हैं। .

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धरान

धरान नेपाल के कोशी जिले का एक प्रमुख नगर है। पूर्वी नेपाल के पाहड़ और तराइ के बिच स्थित यह नगर शिक्षा तथा स्वास्थ्य का प्रमुख केन्द्र है। यहाँ के वि पि कोइराला श्वास्थ बिज्ञान प्रतिस्ठान, पुर्वान्चल इन्जीनियरीङ क्याम्पस, खाध्य प्रविधी क्याम्पस, महेन्द्र क्याम्पस जैसे बहुत से उच्च शिक्षा संस्थान के साथ साथ बहुत से अस्पताल भि याँहा पे है यह सहर नेपाल के प्रमुख महेन्द्र राजमार्ग से बिस कीलोमीटर उत्तर कि दुरी पे है। धनकुटा व पाहडी क्षेत्र जाने वाले प्रमुख राजमार्ग इसी सहर से होकर जाता है। श्रेणी:नेपाल के शहर श्रेणी:कोशी प्रान्त.

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नवपाषाण युग

अनेकों प्रकार की निओलिथिक कलाकृतियां जिनमें कंगन, कुल्हाड़ी का सिरा, छेनी और चमकाने वाले उपकरण शामिल हैं नियोलिथिक युग, काल, या अवधि, या नव पाषाण युग मानव प्रौद्योगिकी के विकास की एक अवधि थी जिसकी शुरुआत मध्य पूर्व: फस्ट फार्मर्स: दी ओरिजंस ऑफ एग्रीकल्चरल सोसाईटीज़ से, पीटर बेल्वुड द्वारा, 2004 में 9500 ई.पू.

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नेपाल प्रहरी

वि सं २०१२ में स्थापीत नेपाल प्रहरी नेपालका सिभिल प्रहरी फोर्स है इस में अभि ६० हजार से अधिक जनसक्ती है।, श्रेणी:नेपाली सेना.

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नेपाल मानक समय

नेपाल मानक समय (NPT) नेपाल का समय मण्डल है। यह ग्रीनविच मानक समय से ५ घंटे ४५ मिनट आगे रहता है। काठमांडू यूटीसी से ५ घंटे ४१ मिनट आगे है। नेपाल मानक समय इसका ही औसत है। यानी जब ग्रीनविच इंगलैंड में रात के 12 बज रहे होते हैं तो नेपाल में सुबह के 5:45 बज रहे होते हैं। विश्व में दो ही समय मंडल यू टी सी से ४५ मिनट आगे हैं। पहला पूरे नेपाल में और दूसरा कैथम द्वीप पर। कैथम द्वीप का मानक समय भी यूटीसी से ४५ मिनट आगे का रहता है। वहाँ का मानक समय यूटीसी +१२:४५ है। .

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नेपाल ससस्त्र प्रहरी बल

यह फोर्स नेपालका अर्ध सैनीक सुरक्षा दस्ता है, इसमे अभि ३० हजारके ऊपर जनसक्ती कार्यरत है। .

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नेपाल ससस्त्र वनरक्षक

नेपाल सशस्त्र वनरक्षक को ७७ वर्ष पहले नेपाली सेना के अंग के रूप में स्थापित किया गया था लेकिन बाद में इसे अलग सशस्त्र बल बना दिया गया। यह बल जंगलों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार रहता है। राष्ट्रिय निकुन्ज के वन एवं जानवर नेपाली सेना संरक्षित करती है, बाकि राष्ट्रीय वन तथा जानवरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी इस बल की रहती है। श्रेणी:नेपाल.

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नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय

नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय (पहले, महेन्द्र संस्कृत विश्वविधालय) नेपाल का दूसरा सबसे पुराना विश्वविद्यालय। यह विश्वविद्यालय काठमाण्डू घाटी के बाहर स्थापित पहला विश्वविद्यालय भी है। दाङ जिला की त्रिभुवननगर नजदीक स्थापित यह विश्वविधालय 1986 में स्थापित हुआ था। संस्कृत शिक्षा की उच्च तह आयुर्वेद, तथा आधुनीक शिक्षामे भी पढाइ होनेवाला इस विश्वविधालय का काठमान्डौ कार्यालय बसन्तपुर में है। धनुषा के जनकपुर परिसर में मुस्लिम समुदाय के कुछ विद्यार्थी संस्कृत की पढाई शुरु करने का जानकारी महेन्द्र संस्कृत विश्वविद्यालय परीक्षा नियन्त्रण कार्यालय ने दिया है। इस विश्वविद्यालय के अर्न्तर्गत के १२ परिसरों मे संस्कृत तर्फ लगभग ३ हजार ५०० विद्यार्थी रहे है। उसमे दलित जनजाति करिब २० प्रतिशत है। अध्ययन करनेवालो मे छात्रा का प्रतिशत लगभग ४० है। सोलुखुम्बुमे संस्कृत पढनेवालो मे करिब २५ प्रतिशत दलित हैं। बिजौरी, त्रिभुवननगरदाङमे २० विद्यार्थी थारू तथा दलित है। केन्द्रीय विद्यापीठ बेलझुन्डी, त्रिभुवननगर मे मोहन थारू और एक कुमालले संस्कृत मे आचार्य कर रहे है। .

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नेपाल का एकीकरण

शाह राजवंश के पहले नेपाल केवल काठमाण्डू उपत्यका तक ही सीमित था और अनेक छोटे-छोटे राज्यों में बंटा हुआ था। पृथ्वी नारायण शाह ने १८वीं शताब्दी के मध्य में घाटी के इन राज्यों को पहले आपस में मिलाया और उसके बाद अपने राज्य को गोरखा राज्य से नेपाल ले गये। तत्पश्चात नेपाल की ध्वजा के नीचे उन्होने पुनःएकीकरण का अभियान चलाया। उनकी विजयों के फलस्वरूप, नेपाल पुनः विस्तारित हो गया और आधुनिक नेपाल का स्वरूप बना। .

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नेपाल का ध्वज

नेपाल का राष्ट्रीय ध्वज विश्व का एक मात्र ऐसा झन्डा है जो चौकोर या आयताकार नहीं है जो दो त्रिकोणिय आकार को ऊपर नीचे रख कर बनाया गया है। विश्व में एक और झंडा है जो चौकोर नही है वह है अमेरिका के ओहाइयो का। नेपाल के राष्ट्रिय झंडे के ऊपर वाले त्रिकोण में एक अर्ध चाँद और नीचे वाली त्रिकोण में एक सूर्य अंकित है जिसका मतलब बताया जाता है कि जब तक सूरज-चाँद रहेगा तब तक पृथ्वी पर नेपाल का अस्तित्व रहेगा। इस ध्वज के किनारे नीले रंग के किनारे लगे हैं जो शान्ति का प्रतिक है। ध्वज के बीच का भाग गहरे लाल रंग का है जो नेपाल का राष्ट्रीय रंग है। नेपाल का राष्ट्रीय पुष्प गुराँस भी इसी रंग का है। गहरा लाल विजय का भी प्रतिक है। 1962 तक नेपाल के झंडे पर चाँद और सूरज पर चेहरे बने होते थें। ध्वज का आधुनिकीकरण करने के लिए ध्वज के चंद्र और सूर्य पर से चेहरे को हटा दिया गया लेकिन फिर भी राजा अपने ध्वज पर चाँद और सूरज पर चेहरे का प्रयोग राजतंत्र खत्म होने (2008) तक करता रहा। इस ध्वज को 16 दिसम्बर 1962 को अपनाया गया जब देश का नया संविधान लिखा गया। यह अनोखा त्रिकोणिय ध्वज शताब्दियों से नेपाल में प्रयोग में चलता रहा लेकिन द्वि त्रिकोणिय ध्वज का इस्तेमाल 19 वीं शताब्दि से चलन में आया। ध्वज के आज का स्वरुप इसके प्राथमिक स्वरुप से लिया गया है जिसका प्रयोग 2000 साल पहले से हो रहा है। .

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नेपाल का भूगोल

नेपाल के दो प्राकृतिक क्षेत्र हैं.

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नेपाल का संविधान

नेपाल में 'नेपाल का संविधान-2015' लागू है। नेपाल में बरसों के राजनैतिक उथल-पुथल और हिंसक संघर्षो के बाद २० सितंबर २०१५ को नया संविधान लागू हो गया। इसने नेपाल का अंतरिम संविधान-2007 की जगह ली है। अनिवार्य अवधि में एक संविधान का निर्माण करने में पहली संविधान सभा की विफलता के बाद दूसरी संविधान सभा के द्वारा यह संविधान तैयार किया गया था।Time Magazine नेपाल के नए संविधान के अनुसार,.

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नेपाल का इतिहास

नेपाल का इतिहास भारतीय साम्राज्यों से प्रभावित हुआ पर यह दक्षिण एशिया का एकमात्र देश था जो ब्रिटिश उपनिवेशवाद से बचा रहा। हँलांकि अंग्रेजों से हुई लड़ाई (1814-16) और उसके परिणामस्वरूप हुई संधि में तत्कालीन नेपाली साम्राज्य के अर्धाधिक भूभाग ब्रिटिश इंडिया के तहत आ गए और आज भी ये भारतीय राज्य उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और पश्चिम बंगाल के अंश हैं। .

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नेपाल क्रिकेट टीम

नेपाल क्रिकेट टीम (Nepal national cricket team) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नेपाल का प्रतिनिधित्व करता है। 1988 से नेपाल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के एफिलिएट सदस्य के रूपमें था जो 1996 के बाद एसोसिएट सदस्य बन चुका है। 2014 जून में नेपालको आईसीसी ने ट्वेंटी20 अंतरराष्ट्रीयका सदस्यतासे सम्मानित किया 15 मर्च 2018 को एक दिवसीय मान्यता प्रप्त किया1 .

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नेपाल के प्रधानमन्त्री

सबसे पहले नेपाल में प्रधानमन्त्री का पद सन् १७९९ में शुरु किया गया था। नेपाल के प्रधानमन्त्रियों की नामावली (प्रधानमन्त्री व मन्त्रीपरिषद के अध्यक्ष) .

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नेपाल के राष्ट्रपति

कोई विवरण नहीं।

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नेपाल के हस्पताल

नेपालमे हाल बहुत से प्राइभेट, सामुदायीक तथा सरकारी हस्पताल (नेपाली में अस्पताल काहाजाता है) हे लेकिन इस पृष्ठपर सरकारी, सामुदायीक तथा मिसन हस्पतालोकी नामावली संकलन किया गया है। .

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नेपाल की अर्थव्यवस्था

नेपाल का आर्थिक विकास एक जटिल विषय है जो शासनों के लगातार बदलते रहने से अत्यधिक प्रभावित हुआ है। यहाँ का शासन राजतन्त्र से लेकर वर्तमान वामपंथी सरकार तह विस्तृत है। नेपाली समाज २०वीं शताब्दी के मध्य तक एक कृषि-प्रधान समाज था। १९५१ में यह एक नयी व्यवस्था में कद्म रखा। उस समय विद्यालय, अस्पताल, सड़कें, संचार के साधन, बिजली, उद्योग आदि का नितान्त अभाव था। उसके बाद नेपाल ने सतत विकास किया है। नेपाल ने अपनी अर्थव्य्वस्था को आर्थिक उदारता के रास्ते पर चला दिया है। इस देश में बार-बार सरकारों का बदलना तथा भ्रष्टाचार दो मुख्य कारण हैं जो तीव्र आर्थिक विकास में बाधक हैं। .

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नेपालगञ्ज

नेपालगंज मध्यपस्चीमाञ्चल नेपाल का नेपाल-भारत व्यापार का प्रमुख नाका है। यह वीरेन्द्रनगर से १२० कि॰मी॰ की दूरी पर तथा कोहल पुर से ३० कि॰मी॰ के दूरी पर स्थित है। यह नगर भेरी अंचल के बांके जिले में पड़ता है। .

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नेपाली (बहुविकल्पी)

नेपाली शब्द के कई अर्थ हो सकते हैं:-.

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नेपाली भाषा

नेपाली भाषा के क्षेत्र नेपाली भाषा या खस कुरा नेपाल की राष्ट्रभाषा था। यह भाषा नेपाल की लगभग ४४% लोगों की मातृभाषा भी है। यह भाषा नेपाल के अतिरिक्त भारत के सिक्किम, पश्चिम बंगाल, उत्तर-पूर्वी राज्यों (आसाम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय) तथा उत्तराखण्ड के अनेक भारतीय लोगों की मातृभाषा है। भूटान, तिब्बत और म्यानमार के भी अनेक लोग यह भाषा बोलते हैं। .

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नेपाली भाषाएँ एवं साहित्य

नेपाल में अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं, जैसे किराँती, गुरुंग, तामंग, मगर, नेवारी, गोरखाली आदि। काठमांडो उपत्यका में सदा से बसी हुई नेवार जाति, जो प्रागैतिहासिक गंधर्वों और प्राचीन युग के लिच्छवियों की आधुनिक प्रतिनिधि मानी जा सकती है, अपनी भाषा को नेपाल भाषा कहती रही है जिसे बोलनेबालों की संख्या उपत्यका में लगभग 65 प्रतिशत है। नेपाली, तथा अंग्रेजी भाषाओं में प्रकाशित समाचार पत्रों के ही समान नेवारी भाषा के दैनिक पत्र का भी प्रकाशन होता है, तथापि आज नेपाल की सर्वमान्य राष्ट्रभाषा नेपाली ही है जिसे पहले परवतिया "गोरखाली" या खस-कुरा (खस (संस्कृत: कश्यप; कुराउ, संस्कृत: काकली) भी कहते थे। .

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नेपाली रुपया

रुपया (रूपैयाँ) नेपाल का आधिकारिक मुद्रा है। वर्तमान मुद्रा का कोड है ISO 4217 NPR और इसका सामान्यत: चिन्ह रू है। नेपाली रुपया 100 पैसों में बँटे हुए हैं। नेपाल राष्ट्र बैंक द्वारा इस मुद्रा के निर्गमन पर नियंत्रण रहता है। कई अन्य राष्ट्रों के मुद्रा भी रुपया कहलाते हैं। नेपाली मुद्रा का भारतीय रुपया के साथ स्थिर विनिमय है। .

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नेपाली संस्कृति

नेपाल की संस्कृति समृद्ध और अनन्य है। इसकी सांस्कृतिक विरासत शताब्दियों से क्रमशः विकसित हुई है। नेपाल की संस्कृति पर भारतीय, तिब्बती और मंगोली संस्कृतियों का प्रभाव है। नेपाल की संस्कृति, विश्व की सबसे समृद्ध संस्कृतियों में से एक है। संस्कृति को 'संपूर्ण समाज के लिए जीवन का मार्ग' कहा जाता है। यह बयान नेपाल के मामले में विशेष रूप से सच है, जहां जीवन, भोजन, कपड़े और यहाँ तक कि व्यवस्सायों के हर पहलू सांस्कृतिक दिशा निर्देशित है। नेपाल कि संस्कृति में शिष्टाचार, पोशाक,भाषा,अनुष्टान, व्यवहारके नियम और मानदंडो के नियम शामिल है और यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। नेपाल कि संस्कृति, परंपरा और नवनीता का एक अद्वतीय संयोजन है। नेपाल में संस्कृतिक संगीत, वास्तुकला, धर्म और सांकृतिक समूहों के साथ सामुध्र है। नेपाली पोशाक, दौरा-सुरुवाल, जिसे आमतौर पर 'लाबडा-सुरुवाल' कहा जाता है, में कई धार्मिक विश्वास हैं जो अपने डिजाइनों कि पहचान करते हैं और इसलिए यह वर्षो से एक समान रहा है। दौरा में आठ तार हैं जो शरीर के चारों ओर बाँधा जाता है। दौरो का बंद गर्दन भगवान शिव की गर्दन के चारों ओर सांप का प्रतीक है। महिलाओं के लिए नेपाली पोशाक एक कपास साड़ी (गुनु) है, जो फैशन की दुनिया में बहुत लोकप्रिय हो रही है। नेपाल में मुख्य अनुष्टानों का नामकरण समारोह, चावल का भोजन समारोह, मण्डल का समारोह, विवाह और अन्तिम संस्कार है। अनुष्ठान अभी भी समाज में प्रचलित हैं और उत्साह से किया जाता है। कहा जाता है इस देश में नृत्य,भगवान शिव के निवास-हिमालय से प्रकट हुआ है। इससे पता चलता है कि नेपाल की नृत्य परंपराएं बहुत द्वितीय हैं। फसलों की फसल, शादी के संस्कार, युद्ध की कहानियों, एक अकेली लड़की का प्रेम और कई अन्य विषयों पर नृत्य किया जाता है। नेपाल में त्यौहार और उत्सव देश के संस्कृति का पर्याय है क्योकि नेपाली, त्यौहार केवल वार्षिक व्यवस्ता नहीं है, बल्कि उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक जीवित हिस्सा भी है। त्योहारों ने विभिन्न राष्ट्रों के सान्स्क्रिथिक पृष्टभूमि और विश्वासों के नेपाली लोगो को प्रभावी रूप से एक्जुट कर लिया है। अधिकांश नेपाली त्योहार विभिन्न हिंदू और बौद्ध देवताओं से संबंधित हैं। वे धर्म और परंपरा द्वारा उनके लिए पवित्रा दिन पर मनाया जाता है। दश्न और तिहार धर्म पर आधारित सबसे बड़े और सबसे लोकप्रिय त्यौहार हैं। कुछ और मनाये त्योहार,बुद्ध-जयंती,गाड़ी-जत्रा,जानई-पूर्णिमा,तीज है। नेपाली लोग सबसे मेहमाननवाज मेजबानों में से एक हैं और यही कारण है कि पर्यटकों नेपाल में बार-बार आते हैं और आनंद उठाया है। स्थानीय नेपाली आम तौर पर ग्रामीण लोग हैं जो चाय, कॉफी या रात के खाने के लिए अपने घरों में पर्यटकों का स्वागत करते हैं। नेपाली सांस्कृतिक रूप से गर्म, मेहमाननवाज और स्नेही मेजबान हैं जो अपने दिल को अपने सिर से ऊपर रखते हैं। श्रेणी:नेपाल.

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नेपाली सैनिक विमान सेवा

नेपाली सेना का रोउन्दल नेपाली सैनिक विमान नेपाली सैनिक विमान सेवा नेपाली सेना की एक अंगके रूपमा राहहुवा विमान सेवा है। मुख्यत उद्धार तथा यातायात सहजता का लिए इसकी स्थापना किया गयाथा। .

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नेपाली सेना

नेपाली सेना नेपालकी राष्ट्रिय सेना है, यह दक्षिण एशिया का सबसे पुराना सैनिक संगठन है हाल में इस संगठन में एक लाख से ज्यादा जनशक्ति है। इस सेनाको गोर्खाली सेना भी कहते हैं। .

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नेपाली कांग्रेस

नेपाली कांग्रेस नेपाल का एक समाजवादी लोकतांत्रिक राजनीतिक दल है। १९५० में नेपाल राष्ट्रीय कांग्रेस तथा नेपाल प्रजातान्त्रिक कांग्रेस के मिलन से इस दल की स्थापना हुई। यह दल से नेपाली कांग्रेस (प्रजातन्त्रिक) बाद मैं अलग होकर निकल गया जिस के बाद नेपाल के राजनीति मैं बहुत अस्थिरता दिख्ने लगा। अभी दो कांग्रेस मिलने का प्रयास कर रहे हैं। इस दल का नेता सुशील कोइराला है। इस दल का युवा संगठन नेपाल तरुण दल है। १९९९ के संसदीय चुनाव में इस दल को ३२१४७८६ मत (३७.१७%, १११ सीटें) मिले। यह दल सोशलिस्ट इन्टरनैशनल से सम्बद्ध है। .

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नेवारी

नेवार समुदायसे जुदे हुए सभी चीजको नेवारी कहते हे| नेपाल भाषा को भी कुछ लोग नेवारी कहते है|.

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पशुपतिनाथ

पशुपतिनाथ से इनका उल्लेख होता हैं.

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पशुपतिनाथ मन्दिर (नेपाल)

पशुपतिनाथ मंदिर (नेपाली: पशुपतिनाथ मन्दिर) नेपाल की राजधानी काठमांडू से तीन किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में बागमती नदी के किनारे देवपाटन गांव में स्थित एक हिंदू मंदिर है। नेपाल के एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनने से पहले यह मंदिर राष्ट्रीय देवता, भगवान पशुपतिनाथ का मुख्य निवास माना जाता था। यह मंदिर यूनेस्को विश्व सांस्कृतिक विरासत स्थल की सूची में सूचीबद्ध है। पशुपतिनाथ में आस्था रखने वालों (मुख्य रूप से हिंदुओं) को मंदिर परिसर में प्रवेश करने की अनुमति है। गैर हिंदू आगंतुकों को इसे बाहर से बागमती नदी के दूसरे किनारे से देखने की अनुमति है। यह मंदिर नेपाल में शिव का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है। १५ वीं शताब्दी के राजा प्रताप मल्ल से शुरु हुई परंपरा है कि मंदिर में चार पुजारी (भट्ट) और एक मुख्य पुजारी (मूल-भट्ट) दक्षिण भारत के ब्राह्मणों में से रखे जाते हैं। पशुपतिनाथ में शिवरात्रि का पर्व विशेष महत्व के साथ मनाया जाता है। .

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पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) (बंगाली: পশ্চিমবঙ্গ) भारत के पूर्वी भाग में स्थित एक राज्य है। इसके पड़ोस में नेपाल, सिक्किम, भूटान, असम, बांग्लादेश, ओडिशा, झारखंड और बिहार हैं। इसकी राजधानी कोलकाता है। इस राज्य मे 23 ज़िले है। यहां की मुख्य भाषा बांग्ला है। .

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पाटन

पाटन का प्राचीन शाही महल एवं मन्दिर पाटन (नेपाल भाषा:यल) नेपाल का प्रमुख शहर है। इसे ललितपुर भी कहा जाता है। ललितपुर जिला मे अवस्थित यह शहर काठमाडौं घाटी के तीन शहरो मे से सबसे पुराना तथा रमणीय माना जाता है। पाटन अपनी सांस्कृतिक सम्पदा के लिए प्रसिद्ध है। पाटन को नेपाल (नेवारी) भाषा में 'यल' नाम से जाना जाता है। राजा यलम्बर के नाम से यह नाम आया हुआ विश्वास किया जाता है। .

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पंचायत

भारत की पंचायती राज प्रणाली में गाँव या छोटे कस्बे के स्तर पर ग्राम पंचायत या ग्राम सभा होती है जो भारत के स्थानीय स्वशासन का प्रमुख अवयव है। सरपंच, ग्राम सभा का चुना हुआ सर्वोच्च प्रतिनिधि होता है। प्राचीन काल से ही भारतवर्ष के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक जीवन में पंचायत का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। सार्वजनिक जीवन का प्रत्येक पहलू इसी के द्वारा संचालित होता था। .

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पंजाब क्षेत्र

पंजाब दक्षिण एशिया का क्षेत्र है जिसका फ़ारसी में मतलब पांच नदियों का क्षेत्र है। पंजाब ने भारतीय इतिहास को कई मोड़ दिये हैं। अतीत में शकों, हूणों, पठानों व मुगलों ने इसी पंजाब के रास्ते भारत में प्रवेश किया था। आर्यो का आगमन भी हिन्दुकुश पार कर इसी पंजाब के रास्ते ही हुआ था। पंजाब की सिन्धु नदी की घाटी में आर्यो की सभ्यता का विकास हुआ। उस समय इस भूख़ड का नाम सप्त सिन्धु अर्थात सात सागरों का देश था। समय के साथ सरस्वती जलस्रोत सूख् गया। अब रह गयीं पाँच नदियाँ-झेलम, चेनाब, राबी, व्यास और सतलज इन्हीं पाँच नदियों का प्रांत पंजाब हुआ। पंजाब का नामाकरण फारसी के दो शब्दों से हुआ है। पंज का अर्थ है पाँच और आब का अर्थ होता है जल। .

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पकवान

किसी प्रकार का तैयार (cooked) भोजन, जिसे खाने के लिये परोसा जा सकता है, व्यंजन या पकवान (.

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प्रचंड

कोई विवरण नहीं।

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प्रदेश संख्या १

प्रदेश संख्या १ नेपाल के सात प्रदेशों में से एक है। २० सितम्बर २०१५ को लागू हुए संविधान में नए सात प्रदेशों का प्रावधान है। इस प्रदेश का नामांकन प्रदेश संसद (विधान परिषद) द्वारा किया जाएगा। इसकी राजधानी कहाँ होगी यह भी प्रदेश संसद द्वारा निर्धारित किया जाएगा। इस प्रदेश के पूर्व में भारत का सिक्किम राज्य है तथा साथ में पश्चिम बंगाल का उत्तरी हिस्सा दार्जीलिंग सटा हुआ है। उत्तर में हिमालय के उस पार तिब्बत स्थित है रही तो दक्षिण में भारत का बिहार स्थित है। २५,९०५ वर्ग किमी के क्षेत्रफल में ४४ निर्वाचन क्षेत्र फैले हुए हैं। १०,४३८ किमी२ का क्षेत्रफल पर्वतों से घिरा हुआ है, १०,७४९ किमी२ का क्षेत्रफल पहाड़ी है और पूर्वी तराई का फैलाव ४,७१८ किमी२ में है। निपआ.

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प्रदेश संख्या २

प्रदेश संख्या २ नेपाल के सात प्रदेशो में से एक हैi २० सितम्बर २०१५ को लागू हुए संविधान में नए सात प्रदेशों का प्रावधान है। इस प्रदेश का नामांकन प्रदेश संसद (विधान परिषद) द्वारा किया जाएगा। इसकी राजधानी कहाँ होगी यह भी प्रदेश संसद द्वारा निर्धारित किया जाएगा। नेपाल के इस प्रदेश में मुख्य रूप से मैथिली भाषा बोलने वाले लोग हैं। मैथिली बोलने वाले लोग इस के आठो परसा जिले से सप्तरी जिले तक में लगभग पाये जाते हैं। उप-महानगर जनकपुर, जनकपुरधाम नाम से भी जाना जाता है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का केंद्र है।Rastriya Samachar Samiti (2004).

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प्रदेश संख्या ३

२० सितम्बर २०१५ को लागू हुए संविधान के अनुसार नेपाल में ७ नए प्रदेश बनाने का प्रावधान है। प्रदेश ३ नेपाल के ७ प्रदेशों में से एक है। प्रदेश ३ अधिकतर पहाड़ी और हिमालयी क्षेत्र में फैला हुआ है। इस प्रदेश का सिर्फ १ जिला दक्षिण में आकर भारत से सटा हुआ है। नेपाल कि राष्ट्रीय राजधानी भी इसी प्रदेश में आता है। .

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प्रदेश संख्या ४

प्रदेश 4 नेपाल के नये संविधान जो 20 सिंतबर 2015 को लागू हुआ के द्वारा स्थापित एक प्रदेश है जिसका अभी प्रदेश विधानसभा द्वारा नामांकन होना बाकी है। इस प्रदेश में 11 जिले हैं.

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प्रदेश संख्या ५

प्रदेश संख्या ५ नेपाल के सात प्रदेशों में से एक है। इस प्रदेश में १३ जिले रखे गए हैं। इन में से ६ उत्तरी-पहाड़ी जिले प्रदेश संख्या ४ और प्रदेश संख्या ६ में रखे जा सकते हैं। इस प्रदेश के जिले.

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प्रदेश संख्या ६

प्रदेश संख्या ६ नेपाल के सात प्रदेशों में से एक है। इस प्रदेश में १० जिले रखे गए हैं। इस प्रदेश के जिले:-.

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प्रदेश संख्या ७

प्रदेश संख्या ७, नेपाल के सात प्रदेशों में से एक है जो नेपाल के सब से पश्चिम में स्थित है। इस प्रदेश में निम्न ९ जिले हैं.

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प्रधानमन्त्री

प्रधानमंत्री एक ऐसा राजनेता होता है जो कि सरकार की कार्यकारिणी शाखा का संचालन करता है। सामान्यतः, प्रधानमंत्री अपने देश की संसद का सदस्य भी होता है। भारत में प्रधानमन्त्री या अन्य कोई मन्त्री छः माह तक बिना संसद सदस्य रहते हुए भी पद पर बने रह सकते हैं लेकिन उन्हे छः महीने के अन्दर संसद के किसी भी सदन का सदस्य बनना पडेगा। अगर प्रधानमन्त्री या मन्त्री इस अवधि में संसद के सदस्य बनने में विफल रहते हैं तो उन्हे त्यागपत्र देना पडेगा। लेकिन इसका यह अर्थ कदापि नहीं कि हर बार छ: माह के लिए आप सदन के सदस्य न रहते हुए भी मन्त्री पद पर आसीन रहे। इस सम्बन्ध में उच्चतम न्यालय का निर्णय अत्यन्त महत्वपूर्ण है। भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री वर्ष २०१४ में निर्वाचित श्री नरेन्द्र मोदी हैं जो भारतीय जनता पार्टी के सदस्य तथा वाराणसी से सांसद हैं। .

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प्राकृत

सूर्यप्रज्ञप्तिसूत्र । इसकी रचना मूलतः तीसरी-चौथी शताब्दी ईसापूर्व में की गयी थी। भारतीय आर्यभाषा के मध्ययुग में जो अनेक प्रादेशिक भाषाएँ विकसित हुई उनका सामान्य नाम प्राकृत है और उन भाषाओं में जो ग्रंथ रचे गए उन सबको समुच्चय रूप से प्राकृत साहित्य कहा जाता है। विकास की दृष्टि से भाषावैज्ञानिकों ने भारत में आर्यभाषा के तीन स्तर नियत किए हैं - प्राचीन, मध्यकालीन और अर्वाचीन। प्राचीन स्तर की भाषाएँ वैदिक संस्कृत और संस्कृत हैं, जिनके विकास का काल अनुमानत: ई. पू.

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पृथ्वी नारायण शाह

पृथ्वी नारायण शाह गोरखा दरबार पृथ्वी नारायण शाह (1722 - 1775) नेपाल के राजा थे जिन्होने काठमाण्डू उपत्यका के छोटे से गोरखा राज्य का विस्तार किया। मल्ल राजवंश के अन्दर कई भागों में बिखरे नेपाल को उन्होने एकत्रित किया और मल्ल राजवंश का शासन समाप्त हुआ। पृथ्वी नारायण शाह को आधुनिक नेपाल का जनक माना जाता है। उन्होने ही नेपाल के एकीकरण अभियान की शुरूआत की थी। .

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पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय

पूर्वांचल विश्वविद्यालय पूर्वी नेपाल के विराटनगर में स्थापित नेपाल का पहला क्षेत्रीय विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना सन् 1995 में हुई थी। यह ५४५ हेक्टेयर भूमि पर फैला हुआ है। .

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पोखरा

पोखरा घाट स्तिथ बहुत ही सुंधर नेपाल में एक जगह है। पोखरा नेपाल के पश्चिमांचल विकास क्षेत्र मैं अवस्थित एक नगर है। यह नगर गण्डकी अंचल का कास्की जिला के पोखरा घाटी मैं स्थित है। यह नेपाल का दूसरा बडा शहर है। पोखरा नेपाल के पश्चिमांचल विकास क्षेत्र, गण्डकी अंचल और कास्की जिला का सदरमुकाम है। .

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पोखरा विश्वविधालय

पोखरा विश्वविधालय पश्चिम नेपालके पोखरा शहर मे अवस्थित् है। यह विश्वविधालय सन् 1996 मे स्थापित हुआ था। वर्तमान में इस विश्वविधालय मे 4900 विधार्थी अध्यनरत है। इस विश्वविधालयमे के साथ आंगीक और संबद्धता प्राप्त देश भर 24 कैम्प्स है। .

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बिद्या देवी भंडारी

विद्या देवी भंडारी (विद्यादेवी भण्डारी) नेपाल की दूसरी तथा देश के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली महिला राष्ट्रपति हैं।वे भूतपूर्व नेपाली राजनीतिज्ञ तथा कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल की नेता रह चुकी हैं। इन्हें 549 में से 327 वोट प्राप्त कर कुल बहादुर गुरुंग को हराते हुए राष्ट्रपति चुना गया। ये नेपाल रक्षा मंत्रालय में पूर्व रक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं। .

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बिहार

बिहार भारत का एक राज्य है। बिहार की राजधानी पटना है। बिहार के उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखण्ड स्थित है। बिहार नाम का प्रादुर्भाव बौद्ध सन्यासियों के ठहरने के स्थान विहार शब्द से हुआ, जिसे विहार के स्थान पर इसके अपभ्रंश रूप बिहार से संबोधित किया जाता है। यह क्षेत्र गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों में बसा है। प्राचीन काल के विशाल साम्राज्यों का गढ़ रहा यह प्रदेश, वर्तमान में देश की अर्थव्यवस्था के सबसे पिछड़े योगदाताओं में से एक बनकर रह गया है। .

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बुटवल

बुटवल, दक्षिण-पश्चिम नेपाल के पहाड़ी व तराई क्षेत्र के बीच का प्रमुख शहर है। भारत की तरफ से सड़क मार्ग से नेपाल जाने के लिये इसी कस्बे से होकर प्रवेश करना पड़ता है। अत: इसे नेपाल के एक प्रवेशद्वार जैसा मान सकते हैं। यह शहर तिनाउ नदी के किनारे स्थित है। बुटवल, लुम्बिनी अंचल का मुकाम होने के के अलावा इस क्षेत्र का सबसे बड़ा वाणिज्य केन्द्र भी है। अंग्रजों के साथ नेपाल की लड़ाई में जीत का प्रतीक जितगढ़ी किला इस शहर के ऊपर की चोटी पर स्थित है। बुटवल, नेपाल के रूपनदेही जिले में आता है। यहाँ से भैरहवा २२ किमी तथा काठमाण्डू लगभग २५० किमी दूर है। बुटवल का दृष्य .

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ब्राह्मी लिपि

कान्हेरी गुफा की एक शिला पर ब्राह्मी लेख ब्राह्मी एक प्राचीन लिपि है जिससे कई एशियाई लिपियों का विकास हुआ है। देवनागरी सहित अन्य दक्षिण एशियाई, दक्षिण-पूर्व एशियाई, तिब्बती तथा कुछ लोगों के अनुसार कोरियाई लिपि का विकास भी इसी से हुआ था। इथियोपियाई लिपि पर ब्राह्मी लिपि का स्पष्ट प्रभाव है। .

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ब्रिटिश राज

ब्रिटिश राज 1858 और 1947 के बीच भारतीय उपमहाद्वीप पर ब्रिटिश द्वारा शासन था। क्षेत्र जो सीधे ब्रिटेन के नियंत्रण में था जिसे आम तौर पर समकालीन उपयोग में "इंडिया" कहा जाता था‌- उसमें वो क्षेत्र शामिल थे जिन पर ब्रिटेन का सीधा प्रशासन था (समकालीन, "ब्रिटिश इंडिया") और वो रियासतें जिन पर व्यक्तिगत शासक राज करते थे पर उन पर ब्रिटिश क्राउन की सर्वोपरिता थी। .

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बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और महान दर्शन है। इसा पूर्व 6 वी शताब्धी में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई है। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध है। भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी, नेपाल और महापरिनिर्वाण 483 ईसा पूर्व कुशीनगर, भारत में हुआ था। उनके महापरिनिर्वाण के अगले पाँच शताब्दियों में, बौद्ध धर्म पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैला और अगले दो हजार वर्षों में मध्य, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जम्बू महाद्वीप में भी फैल गया। आज, हालाँकि बौद्ध धर्म में चार प्रमुख सम्प्रदाय हैं: हीनयान/ थेरवाद, महायान, वज्रयान और नवयान, परन्तु बौद्ध धर्म एक ही है किन्तु सभी बौद्ध सम्प्रदाय बुद्ध के सिद्धान्त ही मानते है। बौद्ध धर्म दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है।आज पूरे विश्व में लगभग ५४ करोड़ लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है, जो दुनिया की आबादी का ७वाँ हिस्सा है। आज चीन, जापान, वियतनाम, थाईलैण्ड, म्यान्मार, भूटान, श्रीलंका, कम्बोडिया, मंगोलिया, तिब्बत, लाओस, हांगकांग, ताइवान, मकाउ, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया एवं उत्तर कोरिया समेत कुल 18 देशों में बौद्ध धर्म 'प्रमुख धर्म' धर्म है। भारत, नेपाल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, रूस, ब्रुनेई, मलेशिया आदि देशों में भी लाखों और करोडों बौद्ध हैं। .

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बीरगंज

बीरगंज नेपाल का एक दक्षिणी सीमावर्ती शहर है जिसकी सीमा बिहार में पूर्वी चंपारण के रक्सौल शहर से लगती है। नेपाल में सड़क मार्ग से प्रवेश करने का यह एक प्रमुख रास्ता है। अगर आप पटना याकोलकाता की ओर से आ रहे हों तो यह सबसे सुगम मार्ग है। बीरगंज नेपाल भारत व्यापार का प्रमुख नाका है यह प्रदेश नम्बर २ नारायणी अंचल के पर्सा जिले मे पडता है। .

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भरतपुर, नेपाल

भरतपुर, नेपाल (Bharatpur, Nepal) मध्य दक्षिण नेपाल के चितवन उपत्यका में स्थित नेपाल का एक विस्तारित होता हुआ शहर है। यह नारायणी नदी के किनारे पर बसा हुआ है। यह शहर नेपाल के काठमाण्डू, पोखरा, ललितपुर, विराटनगर, वीरगंज और धरान के वाद सातवाँ बडा शहर है। भरतपुर मे १,२५०० लोग रहते हैं। यह शहर मध्य नेपाल का एक प्रमुख वाणीज्य, शिक्षा और स्वास्थ्य का केन्द्र है। भरतपुर नेपाल का सब से महत्वपूर्ण ट्रांसपोर्टेशन जंक्शन है। यह नेपाल के सबसे लम्बे महेन्द्र राजमार्ग के पूर्व, पश्चिम का केन्द्र मे बैठा हुआ है, साथ मे काठमाण्डू और पोखरा को देश के बाकी हिस्से से जोडने वाला सहायक राजमार्ग का केन्द्र भी है। २० साल पहले स्थापित हुआ यह नया शहर बहुत ही तेजी के साथ बढ रहा है। भरतपुर नेपाल का सब से बडा लाइभस्टक प्रोड्युसर है बांकी के हनी, फ्लोरीकल्चर मसरूम फार्मीङ भेजी टेबल फार्मीङ के साथ साथ शहर के बाहरी हिस्सों में धान, मक्की, गेँहू की खेती भी होते है। यहाँ का मेन इन्डस्ट्री टुरिज़म है साथ में सर्विस इन्ड्स्ट्री भी बहुत ही उभर रही है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारतीय उपमहाद्वीप

भारतीय उपमहाद्वीप का भौगोलिक मानचित्र भारतीय उपमहाद्वीप, एशिया के दक्षिणी भाग में स्थित एक उपमहाद्वीप है। इस उपमहाद्वीप को दक्षिण एशिया भी कहा जाता है भूवैज्ञानिक दृष्टि से भारतीय उपमहाद्वीप का अधिकांश भाग भारतीय प्रस्तर (या भारतीय प्लेट) पर स्थित है, हालाँकि इस के कुछ भाग इस प्रस्तर से हटकर यूरेशियाई प्रस्तर पर भी स्थित हैं। .

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भाषा

भाषा वह साधन है जिसके द्वारा हम अपने विचारों को व्यक्त करते है और इसके लिये हम वाचिक ध्वनियों का उपयोग करते हैं। भाषा मुख से उच्चारित होनेवाले शब्दों और वाक्यों आदि का वह समूह है जिनके द्वारा मन की बात बतलाई जाती है। किसी भाषा की सभी ध्वनियों के प्रतिनिधि स्वन एक व्यवस्था में मिलकर एक सम्पूर्ण भाषा की अवधारणा बनाते हैं। व्यक्त नाद की वह समष्टि जिसकी सहायता से किसी एक समाज या देश के लोग अपने मनोगत भाव तथा विचार एक दूसरे पर प्रकट करते हैं। मुख से उच्चारित होनेवाले शब्दों और वाक्यों आदि का वह समूह जिनके द्वारा मन की बात बतलाई जाती है। बोली। जबान। वाणी। विशेष— इस समय सारे संसार में प्रायः हजारों प्रकार की भाषाएँ बोली जाती हैं जो साधारणतः अपने भाषियों को छोड़ और लोगों की समझ में नहीं आतीं। अपने समाज या देश की भाषा तो लोग बचपन से ही अभ्यस्त होने के कारण अच्छी तरह जानते हैं, पर दूसरे देशों या समाजों की भाषा बिना अच्छी़ तरह नहीं आती। भाषाविज्ञान के ज्ञाताओं ने भाषाओं के आर्य, सेमेटिक, हेमेटिक आदि कई वर्ग स्थापित करके उनमें से प्रत्येक की अलग अलग शाखाएँ स्थापित की हैं और उन शाखाकों के भी अनेक वर्ग उपवर्ग बनाकर उनमें बड़ी बड़ी भाषाओं और उनके प्रांतीय भेदों, उपभाषाओं अथाव बोलियों को रखा है। जैसे हमारी हिंदी भाषा भाषाविज्ञान की दृष्टि से भाषाओं के आर्य वर्ग की भारतीय आर्य शाखा की एक भाषा है; और ब्रजभाषा, अवधी, बुंदेलखंडी आदि इसकी उपभाषाएँ या बोलियाँ हैं। पास पास बोली जानेवाली अनेक उपभाषाओं या बोलियों में बहुत कुछ साम्य होता है; और उसी साम्य के आधार पर उनके वर्ग या कुल स्थापित किए जाते हैं। यही बात बड़ी बड़ी भाषाओं में भी है जिनका पारस्परिक साम्य उतना अधिक तो नहीं, पर फिर भी बहुत कुछ होता है। संसार की सभी बातों की भाँति भाषा का भी मनुष्य की आदिम अवस्था के अव्यक्त नाद से अब तक बराबर विकास होता आया है; और इसी विकास के कारण भाषाओं में सदा परिवर्तन होता रहता है। भारतीय आर्यों की वैदिक भाषा से संस्कुत और प्राकृतों का, प्राकृतों से अपभ्रंशों का और अपभ्रंशों से आधुनिक भारतीय भाषाओं का विकास हुआ है। सामान्यतः भाषा को वैचारिक आदान-प्रदान का माध्यम कहा जा सकता है। भाषा आभ्यंतर अभिव्यक्ति का सर्वाधिक विश्वसनीय माध्यम है। यही नहीं वह हमारे आभ्यंतर के निर्माण, विकास, हमारी अस्मिता, सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान का भी साधन है। भाषा के बिना मनुष्य सर्वथा अपूर्ण है और अपने इतिहास तथा परम्परा से विच्छिन्न है। इस समय सारे संसार में प्रायः हजारों प्रकार की भाषाएँ बोली जाती हैं जो साधारणतः अपने भाषियों को छोड़ और लोगों की समझ में नहीं आतीं। अपने समाज या देश की भाषा तो लोग बचपन से ही अभ्यस्त होने के कारण अच्छी तरह जानते हैं, पर दूसरे देशों या समाजों की भाषा बिना अच्छी़ तरह सीखे नहीं आती। भाषाविज्ञान के ज्ञाताओं ने भाषाओं के आर्य, सेमेटिक, हेमेटिक आदि कई वर्ग स्थापित करके उनमें से प्रत्येक की अलग अलग शाखाएँ स्थापित की हैं और उन शाखाओं के भी अनेक वर्ग-उपवर्ग बनाकर उनमें बड़ी बड़ी भाषाओं और उनके प्रांतीय भेदों, उपभाषाओं अथाव बोलियों को रखा है। जैसे हिंदी भाषा भाषाविज्ञान की दृष्टि से भाषाओं के आर्य वर्ग की भारतीय आर्य शाखा की एक भाषा है; और ब्रजभाषा, अवधी, बुंदेलखंडी आदि इसकी उपभाषाएँ या बोलियाँ हैं। पास पास बोली जानेवाली अनेक उपभाषाओं या बोलियों में बहुत कुछ साम्य होता है; और उसी साम्य के आधार पर उनके वर्ग या कुल स्थापित किए जाते हैं। यही बात बड़ी बड़ी भाषाओं में भी है जिनका पारस्परिक साम्य उतना अधिक तो नहीं, पर फिर भी बहुत कुछ होता है। संसार की सभी बातों की भाँति भाषा का भी मनुष्य की आदिम अवस्था के अव्यक्त नाद से अब तक बराबर विकास होता आया है; और इसी विकास के कारण भाषाओं में सदा परिवर्तन होता रहता है। भारतीय आर्यों की वैदिक भाषा से संस्कृत और प्राकृतों का, प्राकृतों से अपभ्रंशों का और अपभ्रंशों से आधुनिक भारतीय भाषाओं का विकास हुआ है। प्रायः भाषा को लिखित रूप में व्यक्त करने के लिये लिपियों की सहायता लेनी पड़ती है। भाषा और लिपि, भाव व्यक्तीकरण के दो अभिन्न पहलू हैं। एक भाषा कई लिपियों में लिखी जा सकती है और दो या अधिक भाषाओं की एक ही लिपि हो सकती है। उदाहरणार्थ पंजाबी, गुरूमुखी तथा शाहमुखी दोनो में लिखी जाती है जबकि हिन्दी, मराठी, संस्कृत, नेपाली इत्यादि सभी देवनागरी में लिखी जाती है। .

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भक्तपुर

भक्तपुर में सूर्योदय के पूर्व का दृष्य भक्तपुर नेपाल का एक प्राचीन नगर एवं पर्यटनस्थल है। यह काठमाण्डू घाटी के पूर्वी कोने पर काठमाण्डू से १३ किमी की दूरी पर स्थित है। इसे 'भादगाँउ' भी काहा जाता है। यह नेपाल के प्रमुख शहरों में गिना जाता है। भक्तपुर जिले में अवस्थित यह शहर काठमाडौं घाटी के तीन शहरों मे से सबसे संरक्षित सांस्कृतिक नगर माना जाता है। घाटी के अन्य शहरों की तरह यह नगर भी अपनी सांस्कृतिक सम्पदा के लिए प्रसिद्ध है। काठमाण्डौ शहर से पुर्व मे पडाहुवा शहर है यहाँकी जनसंख्या करिब ७५०००० है, भक्तपुरर शहर एक एतिहासीक शहरहै बिश्वसंपदा सुचीमे सुचिकृत भक्तपुर दरवार इसी शहरमा पडता है दुसरा विश्वसंपदा सुचिकृत चाँगनारायण मन्दीर भि इस सहर के बहुत हि करीव है। नेपालके कुछ सरकारी केन्द्रीय कार्यलय, ब्यापार गृह तथा आवास क्षेत्र रहाहुवा इस शहर मे प्रसिद्ध न्यातपोला मन्दीर, नवदुर्गा मन्दीर, कमलविनायक एवं सुर्य विनायक मन्दीर आदी भिहै। पोखरा विश्वविधालय की ख्वप इन्जीनियरीङ क्याम्पस के साथ भक्तपुर क्यामस, नवदुर्गा क्याम्पस, विरेन्द्र सैनीक माहाविधालय, नेपाली सैनीक स्टाफ कलेज व बहुत से क्यामपस तथा बिधालय इस शहरमे है। उसीतरह केन्द्रीय स्तरका भक्तपुर अस्पताल, भक्तपुर क्यान्सर अस्पताल के साथ प्राइभेट व सरकारी, सामुदायीक तथा निजी अस्पताल यांहा पे है, अन्य कइ उत्पादन कारखानाके साथ भक्तपुर औधोगीक क्षेत्र भि यही शहरमा पडता है। भक्तपुरका सिटी टेलीफोन कोडभि काठमाण्डौ जैसेही ०१ है। श्रेणी:नेपाल के शहर.

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भैरहवा

भैरहवा, दक्षिण-पश्चिम नेपाल में भारतीय सीमा के पास स्थित एक कस्बा, नगरपालिका एवं रूपनदेही जिले का मुख्यालय है। यह भारत के साथ कारोवार का प्रमुख नाका है। यह पोखरा से करीव २०० किमी पड़ता है। भैरहवा, लुम्विनी अंचल के रूपन्देही जिल्ले मे बुटवल नगर से २० कि मि की दूरी पर है। इसका नया नाम सिद्धार्थनगर है। सन् १९९१ की नेपाली जनगणना के अनुसार इसकी जनसंख्या 39,473 थी। भैरहवा के स्थानीय निवासी अवधी और भोजपुरी बोलते हैं जबकि नेपाली यहाँ की राष्ट्रीय भाषा है। यह महात्मा बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी के लिये प्रवेशद्वार है। भारतीय सीमा के पास स्थित होने के कारण यह आयात-निर्यात व्यापार में प्रमुख भूमिका प्रदान करता है। इसी कारण भैरहवा को तराई क्षेत्र का वाणिज्य केन्द्र भी कहा जाता है। श्रेणी:नेपाल के शहर pt:Bhairahawa.

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मध्यपुर

यह नगर काठमाण्डौ घाटी मे काठमाण्डौ व भक्तपुर शहर के बिच अवस्थित है, यह भि एतिहासीक नगर है, याँहा लगने वाले जात्रा (मेला) पुरे नेपाल मे प्रशिद्ध है। उच्चमाध्यामीक शिक्षा परिषद, सार्क क्षयरोग केन्द्र, इवामुरा अस्पताल सानोठिमी क्याम्पस मध्यपुर थिमी के उल्लेख निधी है। श्रेणी:नेपाल के शहर.

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मल्ल राजवंश

काठमाण्डू (कान्तिपुर) का पुराना शाही महल मल्ल वंश के शासकों ने १२वीं शताब्दी से १८वीं शताब्दी तक नेपाल में शासन किया। मल्ल क्षत्रिय है। संस्कृत में 'मल्ल' शब्द का अर्थ 'योद्धा' होता है। मल्ल वंश का शासन लगभग १२०० ई के आसपास काठमांडू उपत्यका में आरम्भ हुआ। उन्होने लगभग ५५० वर्षों तक नेपाल में शासन किया। उनका शासन नेपाल का स्वर्णयुग माना जाता है। मल्ल राजाओं के शासनकाल में ही काठमाण्डू घाटी और उसके आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोग 'नेवारी' (नेपाल भाषा में 'नेवामी') कहलाये। पाटन (ललितपुर) के मन्दिर और राजमहल .

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महाभारत

महाभारत हिन्दुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो स्मृति वर्ग में आता है। कभी कभी केवल "भारत" कहा जाने वाला यह काव्यग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ हैं। विश्व का सबसे लंबा यह साहित्यिक ग्रंथ और महाकाव्य, हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है। इस ग्रन्थ को हिन्दू धर्म में पंचम वेद माना जाता है। यद्यपि इसे साहित्य की सबसे अनुपम कृतियों में से एक माना जाता है, किन्तु आज भी यह ग्रंथ प्रत्येक भारतीय के लिये एक अनुकरणीय स्रोत है। यह कृति प्राचीन भारत के इतिहास की एक गाथा है। इसी में हिन्दू धर्म का पवित्रतम ग्रंथ भगवद्गीता सन्निहित है। पूरे महाभारत में लगभग १,१०,००० श्लोक हैं, जो यूनानी काव्यों इलियड और ओडिसी से परिमाण में दस गुणा अधिक हैं। हिन्दू मान्यताओं, पौराणिक संदर्भो एवं स्वयं महाभारत के अनुसार इस काव्य का रचनाकार वेदव्यास जी को माना जाता है। इस काव्य के रचयिता वेदव्यास जी ने अपने इस अनुपम काव्य में वेदों, वेदांगों और उपनिषदों के गुह्यतम रहस्यों का निरुपण किया हैं। इसके अतिरिक्त इस काव्य में न्याय, शिक्षा, चिकित्सा, ज्योतिष, युद्धनीति, योगशास्त्र, अर्थशास्त्र, वास्तुशास्त्र, शिल्पशास्त्र, कामशास्त्र, खगोलविद्या तथा धर्मशास्त्र का भी विस्तार से वर्णन किया गया हैं। .

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महेन्द्रनगर

परिचय भिम् डत्ता नगरपालिका (महेन्द्रनगर), नेपाल के महाकाली अंचल का कंचनपुर जिला की एक नगरपालिका है। इसके अन्दर लगभग १४४५० घर है। यह पश्चिम नेपाल से उतरांचल राज्य (भारत) प्रवेश का मुख्य नाका है। भिम् डत्ता माहाकाली अंचल का अंचल मुकाम होनेके साथ-साथ कंचनपुर जिलेका भी मुकाम है। .

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मागधी

मागधी उस प्राकृत का नाम है जो प्राचीन काल में मगध (दक्षिण बिहार) प्रदेश में प्रचलित थी। इस भाषा के उल्लेख महावीर और बुद्ध के काल से मिलते हैं। जैन आगमों के अनुसार तीर्थकर महावीर का उपदेश इसी भाषा अथवा उसी के रूपांतर अर्धमागधी प्राकृत में होता था। पालि त्रिपिटक में भी भगवान्‌ बुद्ध के उपदेशों की भाषा को मागधी कहा गया है। .

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माओवाद

माओवाद (1960-70 के दशक के दौरान) चरमपंथी अतिवादी माने जा रहे बुद्धिजीवी वर्ग का या उत्तेजित जनसमूह की सहज प्रतिक्रियावादी सिद्धांत है। माओवादी राजनैतिक रूप से सचेत सक्रिय और योजनाबद्ध काम करने वाले दल के रूप में काम करते है। उनका तथा मुख्यधारा के राजनैतिक दलों में यह प्रमुख भेद है कि जहाँ मुख्य धारा के दल वर्तमान व्यवस्था के भीतर ही काम करना चाहते है वही माओवादी समूचे तंत्र को हिंसक तरीके से उखाड़ के अपनी विचारधारा के अनुरूप नयी व्यवस्था को स्थापित करना चाहते हैं। वे माओ के इन दो प्रसिद्द सूत्रों पे काम करते हैं: 1.

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मक्का

*मक्का (शहर)- सउदी अरब पवित्र शहर.

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मौर्य राजवंश

मौर्य राजवंश (३२२-१८५ ईसापूर्व) प्राचीन भारत का एक शक्तिशाली एवं महान राजवंश था। इसने १३७ वर्ष भारत में राज्य किया। इसकी स्थापना का श्रेय चन्द्रगुप्त मौर्य और उसके मन्त्री कौटिल्य को दिया जाता है, जिन्होंने नन्द वंश के सम्राट घनानन्द को पराजित किया। मौर्य साम्राज्य के विस्तार एवं उसे शक्तिशाली बनाने का श्रेय सम्राट अशोक को जाता है। यह साम्राज्य पूर्व में मगध राज्य में गंगा नदी के मैदानों (आज का बिहार एवं बंगाल) से शुरु हुआ। इसकी राजधानी पाटलिपुत्र (आज के पटना शहर के पास) थी। चन्द्रगुप्त मौर्य ने ३२२ ईसा पूर्व में इस साम्राज्य की स्थापना की और तेजी से पश्चिम की तरफ़ अपना साम्राज्य का विकास किया। उसने कई छोटे छोटे क्षेत्रीय राज्यों के आपसी मतभेदों का फायदा उठाया जो सिकन्दर के आक्रमण के बाद पैदा हो गये थे। ३१६ ईसा पूर्व तक मौर्य वंश ने पूरे उत्तरी पश्चिमी भारत पर अधिकार कर लिया था। चक्रवर्ती सम्राट अशोक के राज्य में मौर्य वंश का बेहद विस्तार हुआ। सम्राट अशोक के कारण ही मौर्य साम्राज्य सबसे महान एवं शक्तिशाली बनकर विश्वभर में प्रसिद्ध हुआ। .

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मैथिली भाषा

मैथिली भारत के उत्तरी बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा है। यह हिन्द आर्य परिवार की सदस्य है। इसका प्रमुख स्रोत संस्कृत भाषा है जिसके शब्द "तत्सम" वा "तद्भव" रूप में मैथिली में प्रयुक्त होते हैं। यह भाषा बोलने और सुनने में बहुत ही मोहक लगता है। मैथिली भारत में मुख्य रूप से दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, शिवहर, भागलपुर, मधेपुरा, अररिया, सुपौल, वैशाली, सहरसा, रांची, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद और देवघर जिलों में बोली जाती है| नेपाल के आठ जिलों धनुषा,सिरहा,सुनसरी, सरलाही, सप्तरी, मोहतरी,मोरंग और रौतहट में भी यह बोली जाती है। बँगला, असमिया और ओड़िया के साथ साथ इसकी उत्पत्ति मागधी प्राकृत से हुई है। कुछ अंशों में ये बंगला और कुछ अंशों में हिंदी से मिलती जुलती है। वर्ष २००३ में मैथिली भाषा को भारतीय संविधान की ८वीं अनुसूची में सम्मिलित किया गया। सन २००७ में नेपाल के अन्तरिम संविधान में इसे एक क्षेत्रीय भाषा के रूप में स्थान दिया गया है। .

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युनेस्को

यूनेस्को (UNESCO) 'संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational Scientific and Cultural Organization)' का लघुरूप है। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) संयुक्त राष्ट्र का एक घटक निकाय है। इसका कार्य शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अंतराष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना है। संयुक्त राष्ट्र की इस विशेष संस्था का गठन १६ नवम्बर १९४५ को हुआ था। इसका उद्देश्य शिक्षा एवं संस्कृति के अंतरराष्ट्रीय सहयोग से शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना है, ताकि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में वर्णित न्याय, कानून का राज, मानवाधिकार एवं मौलिक स्वतंत्रता हेतु वैश्विक सहमति बन पाए। इसका मुख्यालय पैरिस, फ्रांस में स्थित है। .

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यूनाइटेड किंगडम

वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैण्ड का यूनाइटेड किंगडम (सामान्यतः यूनाइटेड किंगडम, यूके, बर्तानिया, UK, या ब्रिटेन के रूप में जाना जाने वाला) एक विकसित देश है जो महाद्वीपीय यूरोप के पश्चिमोत्तर तट पर स्थित है। यह एक द्वीपीय देश है, यह ब्रिटिश द्वीप समूह में फैला है जिसमें ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड का पूर्वोत्तर भाग और कई छोटे द्वीप शामिल हैं।उत्तरी आयरलैंड, UK का एकमात्र ऐसा हिस्सा है जहां एक स्थल सीमा अन्य राष्ट्र से लगती है और यहां आयरलैण्ड यूके का पड़ोसी देश है। इस देश की सीमा के अलावा, UK अटलांटिक महासागर, उत्तरी सागर, इंग्लिश चैनल और आयरिश सागर से घिरा हुआ है। सबसे बड़ा द्वीप, ग्रेट ब्रिटेन, चैनल सुरंग द्वारा फ़्रांस से जुड़ा हुआ है। यूनाइटेड किंगडम एक संवैधानिक राजशाही और एकात्मक राज्य है जिसमें चार देश शामिल हैं: इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स. यह एक संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है जिसकी राजधानी लंदन में सरकार बैठती है, लेकिन इसमें तीन न्यागत राष्ट्रीय प्रशासन हैं, बेलफ़ास्ट, कार्डिफ़ और एडिनबर्ग, क्रमशः उत्तरी आयरलैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड की राजधानी.जर्सी और ग्वेर्नसे द्वीप समूह, जिन्हें सामूहिक रूप से चैनल द्वीप कहा जाता है और मैन द्वीप (आईल ऑफ मान), यू के की राजत्व निर्भरता हैं और UK का हिस्सा नहीं हैं। इसके इलावा, UK के चौदह समुद्रपार निर्भर क्षेत्र हैं, ब्रिटिश साम्राज्य, जो १९२२ में अपने चरम पर था, दुनिया के तकरीबन एक चौथाई क्षेत्रफ़ल को घेरता था और इतिहास का सबसे बड़ा साम्रज्य था। इसके पूर्व उपनिवेशों की भाषा, संस्कृति और कानूनी प्रणाली में ब्रिटिश प्रभाव अभी भी देखा जा सकता है। प्रतीकत्मक सकल घरेलू उत्पाद द्वारा दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था और क्रय शक्ति समानता के हिसाब से सातवाँ बड़ा देश होने के साथ ही, यूके एक विकसित देश है। यह दुनिया का पहला औद्योगिक देश था और 19वीं और 20वीं शताब्दियों के दौरान विश्व की अग्रणी शक्ति था, लेकिन दो विश्व युद्धों की आर्थिक लागत और 20 वीं सदी के उत्तरार्ध में साम्राज्य के पतन ने वैश्विक मामलों में उसकी अग्रणी भूमिका को कम कर दिया फिर भी यूके अपने सुदृढ़ आर्थिक, सांस्कृतिक, सैन्य, वैज्ञानिक और राजनीतिक प्रभाव के कारण एक प्रमुख शक्ति बना हुआ है। यह एक परमाणु शक्ति है और दुनिया में चौथी सर्वाधिक रक्षा खर्चा करने वाला देश है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट धारण करता है और राष्ट्र के राष्ट्रमंडल, जी8, OECD, नाटो और विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है। .

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राणा वंश

राणा वंश नेपाल का एक क्षत्रिय शासक वंश है। सन् १८४६ से १९५१ तक नेपाल अधिराज्य में शाह वंश ने नाम मात्र के शासक बनाकर निरंकुश शासन जमाया था। सन् १९५१ सालके क्रान्तिसे राणा शासनका अन्त्य हो गया और फिरसे राजा त्रिभुवन शक्तिशाली बनगए। इस वंश को काजी बालनरसिंह कुँवर के पुत्र जंगबहादुर राणा ने स्थापित किया था। थापा वंशके माथवरसिंह थापाकी हत्या करने के पश्चात कोत पर्व और भण्डरखाल पर्व दोनो हत्याकांड के बाद कुँवर परिवार का उदय हुआ था। बाद में उन्होनें कुँवर से राणा नाम लिखना सुरु किया था। .

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रामबरन यादव

डॉ॰ रामबरण यादव (जन्म: ४ फ़रवरी १९४८) नेपाल के एक राजनेता है जो जुलाई, २००८ को नेपाल के प्रथम राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। इसके पूर्व वे १९९९ से २००१ तक स्वास्थ्य मंत्री तथा नेपाली कांग्रेस के महासचिव थे। पेशे से डॉक्टर श्री यादव की उच्च-शिक्षा भारत में हुई है। यादव 1991-1994 की नेपाली कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य के लिए राज्य मंत्री थे। 1999 के चुनावों में वे प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए। श्री यादव नेपाल के पहले राष्ट्रपति के रूप में 21 जुलाई 2008 को एक मतदान के दूसरे दौर में निर्वाचित हुए। उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में 23 जुलाई 2008 को शपथ ली। .

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राष्ट्रपति

राष्ट्रपति किसी देश की सरकार का सांवैधानिक प्रमुख होता है। .

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राष्ट्रीय अनुसन्धान विभाग नेपाल

यह नेपाल का खुफिया एजेन्सी है। श्रेणी:नेपाल.

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राजधानी

राजधानी वह नगरपालिका होती है, जिसे किसी देश, प्रदेश, प्रान्त या अन्य प्रशासनिक ईकाई अथवा क्षेत्र में सरकार की गद्दी होने का प्राथमिक दर्जा हासिल होता है। राजधानी मिसाली तौर पर एक शहर होता है, जहाँ संबंधित सरकार के दफ़्तर और सम्मेलन -टिकाने स्थित होते हैं और आम तौर पर अपने क़ानून या संविधान द्वारा निर्धारित होती है। .

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राजभाषा

राजभाषा, किसी राज्य या देश की घोषित भाषा होती है जो कि सभी राजकीय प्रायोजनों में प्रयोग होती है। उदाहरणतः भारत की राजभाषा हिन्दी है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। .

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राजा महेन्द्र प्रताप सिंह

महान क्रांतिकारी राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राजा महेन्द्र प्रताप सिंह (1 दिसम्बर 1886 – 29 अप्रैल 1979) भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पत्रकार, लेखक, क्रांतिकारी और समाज सुधारक थे। वे 'आर्यन पेशवा' के नाम से प्रसिद्ध थे। .

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राजकुमार

राजकुमार शब्द का तात्पर्य निम्न में से किसी के संदर्भ में हो सकता है.

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रोटी

रोटी भारत, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, मलेशिया में सामान्य खाने में पका कर खाये जाने वाली चपटी खाद्य सामग्री है। यह आटे एवं पानी के मिश्रण को गूंध कर उससे बनी लोई को बेलकर एवं आँच पर सेंक कर बनाई जाती है। रोटी बनाने के लिए आमतौर पर गेहूँ का आटा प्रयोग किया जाता है पर विश्व के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय अनाज जैसे मक्का, जौ, चना, बाजरा आदि भी रोटी बनाने के लिए प्रयुक्त होता है। भारत के विभिन्न भागों में रोटी के लिए विभिन्न हिंदी नाम प्रचलित हैं, जिनमे प्रमुख हैं: -.

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ललितपुर

ललितपुर उत्तर प्रदेश राज्य प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध एक शहर है। यह ललितपुर जिला का मुख्यालय है। यह उत्तर में झांसी, दक्षिण में सागर, पूर्व में मघ्‍यप्रदेश के टिकमगढ़, छतरपुर एवं शिवपुरी तथा पश्‍िचम गुना से सटा हुआ है। बेतवा, धसन और जमनी यहां की प्रमुख नदियां है। यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में देवगढ़, नीलकंठेश्‍ववर त्रिमूर्ति, रंछोरजी, माताटीला बांध और महावीर स्वामी अभ्यारण विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इस जिले की स्थापना सत्रहवीं शताब्दी में बुंदेल राजपूत द्वारा की गई थी। 1891 से 1974 ई. तक ललितपुर जिला झांसी जिले का ही एक हिस्सा था। .

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लिच्छवि

लिच्छवि नामक जाति ईसा पूर्व छठी सदी में बिहार प्रदेश के उत्तरी भाग यानी मुजफ्फरपुर जिले के वैशाली नगर में निवास करती थी। लिच्छ नामक महापुरुष के वंशज होने के करण इनका नाम लिच्छवि पड़ा अथवा किसी प्रकार के चिह्न (लिक्ष) धारण करने के कारण ये इस नाम से प्रसिद्ध हुए। लिच्छवि राजवंश इतिहासप्रसिद्ध है जिसका राज्य किसी समय में नेपाल, मगध और कौशल मे था। प्राचीन संस्कृत साहित्य में क्षत्रियों की इस शाखा का नाम 'निच्छवि' या 'निच्छिवि' मिलता है। पाली रूप 'लिच्छवि' है। मनुस्मृति के अनुसार लिच्छवि लोग व्रात्य क्षत्रिय थे। उसमें इनकी गणना झल्ल, मल्ल, नट, करण, खश और द्रविड़ के साथ की गई है। ये 'लिच्छवि' लोग वैदिक धर्म के विरोधी थे। इनकी कई शाखाएँ दूर दूर तक फैली थीं। वैशालीवाली शाखा में जैन तीर्थंकर महावीर स्वामी हुए और कोशल की शाक्य शाखा में गौतम बुद्ध प्रादुर्भूत हुए। किसी समय मिथिला से लेकर मगध और कोशल तक इस वंश का राज्य था। जिस प्रकार हिंदुओं के संस्कृत ग्रंथों में यह वंश हीन कहा गया है, उसी प्रकार बौद्धों और जैनों के पालि और प्राकृत ग्रंथों मे यह वंश उच्च कहा गया है। गौतम बुद्ध के समसामयिक मगध के राजा बिंबसार ने वैशाली के लिच्छवि लोगों के यहाँ संबंध किया था। पीछे गुप्त सम्राट् ने भी लिच्छवि कन्या से विवाह किया था। .

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लुम्बिनी विश्वविद्यालय

सन् 2005 में स्थापीत लुम्विनी विश्वविधालयमे आगामी शैक्षीक सत्र से बुध्द दर्शनमे पढाइ शुरू होगा यह विश्वविधालय भगवान बुध्दकी जन्मस्थल लुम्वीनी में स्थापीत हुआ। यह नेपाल में बुद्ध दर्सनकी अध्यान होनेवाला पहिला विश्वविधालय होगा। श्रेणी:नेपाल श्रेणी:नेपालके विश्वविधालय श्रेणी:नेपालका प्रमुख क्याम्पस.

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लुंबिनी

लुंबिनी भगवान बुद्ध की जन्म स्थली है। यह भारत के बिहार राज्य की उत्तरी सीमा के निकट वर्तमान नेपाल में स्थित है। युनेस्को तथा विश्व के सभी बौद्ध सम्प्रदाय (महायान, बज्रयान, थेरवाद आदि) के अनुसार यह स्थान आज नेपाल के कपिलवस्तु में है जहाँ पर युनेस्को का आधिकारिक स्मारक लगायत सभी बुद्ध धर्म के सम्प्रयायों ने अपने संस्कृति अनुसार के मन्दिर, गुम्बा, विहार आदि निर्माण किया है। इस स्थान पर सम्राट अशोक द्वारा स्थापित अशोक स्तम्भ में ब्राह्मी लिपिकृत प्राकृत भाषा में बुद्ध का जन्म स्थान होनेका वर्णन किया हुआ शिलापत्र अवस्थित है। वर्तमान में इसे रुम्मनदेई नाम से पहचाना जाता है। .

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लोकतंत्र

लोकतंत्र (शाब्दिक अर्थ "लोगों का शासन", संस्कृत में लोक, "जनता" तथा तंत्र, "शासन") या प्रजातंत्र एक ऐसी शासन व्यवस्था है जिसमें जनता अपना शासक खुद चुनती है। यह शब्द लोकतांत्रिक व्यवस्था और लोकतांत्रिक राज्य दोनों के लिये प्रयुक्त होता है। यद्यपि लोकतंत्र शब्द का प्रयोग राजनीतिक सन्दर्भ में किया जाता है, किंतु लोकतंत्र का सिद्धांत दूसरे समूहों और संगठनों के लिये भी संगत है। मूलतः लोकतंत्र भिन्न भिन्न सिद्धांतों के मिश्रण से बनते हैं, पर मतदान को लोकतंत्र के अधिकांश प्रकारों का चरित्रगत लक्षण माना जाता है। .

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शाह वंश

शाह वंश नेपालके अन्तिम शासक वंश है जिन्होंने सन् १७६८ से २००८ तक नेपाल अधिराज्यका शासन किया। नेपालके पहले शाहवंशी राजा पृथ्वीनारायण शाह है। इस वंशके उत्पत्तिमें बोहोत सारे कहानी है। शाहवंशके दाबी अनुरूप चन्द्रवंशी राजपुत ऋषिराज राणाजीके वंशज है। ऋषिराज राणाजीने भट्टारक उपाधि लिइ थी और वो चित्तोढगढके महाराज थे। Daniel Wright, History of Nepāl, Cambridge University Press, 1877, Nepal.

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शाक्य

शाक्यों में प्रसिद्ध शाक्यमुनि बुद्ध, चीनी तंग वंश से प्राप्त बैठी हुई मूर्ति शाक्य प्रथम शताब्दी ई.पू में प्राचीन भारत का एक जनपद था।Raychaudhuri H. (1972).

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शीतोष्ण कटिबन्ध

विश्व मानचित्र जिसमें समशीतोष्ण कटिबन्ध '''हरे रंग''' से दिखाया गया है। शीतोष्ण कटिबन्ध या समशीतोष्ण कटिबन्ध (temperate zone) ऊष्णकटिबन्ध और शीत कटिबन्ध के बीच का क्षेत्र कहलाता है। इस क्षेत्र की विशेषता यह है कि यहाँ गर्मी और सर्दी के मौसम के तापमान में अधिक अन्तर नहीं होता। लेकिन यहाँ के कुछ क्षेत्रों में, जैसे मध्य एशिया और मध्य उत्तरी अमेरिका, जो समुद्र से काफ़ी दूर हैं, तापमान में काफ़ी परिवर्तन होता है और इन इलाकों में महाद्वीपीय जलवायु पाया जाता है। समशीतोष्ण कटिबन्धीय मौसम ऊष्णकटिबन्ध के कुछ इलाकों में भी पाया जा सकता है, खासतौर पर ऊष्णकटिबन्ध के पहाड़ी इलाकों में, जैसे एन्डीज़ पर्वत शृंखला। उत्तरी समशीतोष्ण कटिबन्ध उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा (तकरीबन २३.५° उ) से आर्कटिक रेखा (तकरीबन ६६.५° उ) तक तथा दक्षिणी समशीतोष्ण कटिबन्ध दक्षिणी गोलार्द्ध में मकर रेखा (तकरीबन २३.५° द) से अंटार्कटिक रेखा (तकरीबन ६६.५° द) तक का क्षेत्र होता है। विश्व की बहुत बड़ी जनसंख्या समशीतोष्ण कटिबन्ध में— खासतौर पर उत्तरी समशीतोष्ण कटिबन्ध में— रहती है क्योंकि इस इलाके में भूमि की बहुतायत है। .

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सयौं थुँगा फूलका

सयौं थुँगा फूलका (हिन्दी अर्थ: हम सैंकड़ों फूल हैं) नेपाल का राष्ट्रगान है। यह गान व्याकुल माइला द्वारा रचित है। इस गान को ३ अगस्त, २००७ को सिंघा दरबार में स्थित राष्ट्रीय योजना आयोग के कॉन्फ़्रेन्स हॉल में आयोजित एक समारोह में श्री सुभाष चन्द्र नेमवांग ने नेपाल का राष्ट्रगान घोषित किया गया। गान के बोल प्रदीप कुमार राई द्वारा लिखे गए थे। संगीतकार अम्बर गुरुं हैं। राष्ट्रगान में नेपाल की विविधता को सरल शब्दों में बताया गया है। .

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सरस्वती

कोई विवरण नहीं।

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सिंह दरबार

सिंह दरबार नेपाल के प्रधानमन्त्री का कार्यालय है। इस परिसर में अन्य सरकारी कार्यालय भी हैं। यह काठमाण्डू के मध्य भाग में स्थित है। Category:नेपाल.

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सिक्किम

(या, सिखिम) भारत पूर्वोत्तर भाग में स्थित एक पर्वतीय राज्य है। अंगूठे के आकार का यह राज्य पश्चिम में नेपाल, उत्तर तथा पूर्व में चीनी तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र तथा दक्षिण-पूर्व में भूटान से लगा हुआ है। भारत का पश्चिम बंगाल राज्य इसके दक्षिण में है। अंग्रेजी, नेपाली, लेप्चा, भूटिया, लिंबू तथा हिन्दी आधिकारिक भाषाएँ हैं परन्तु लिखित व्यवहार में अंग्रेजी का ही उपयोग होता है। हिन्दू तथा बज्रयान बौद्ध धर्म सिक्किम के प्रमुख धर्म हैं। गंगटोक राजधानी तथा सबसे बड़ा शहर है। सिक्किम नाम ग्याल राजतन्त्र द्वारा शासित एक स्वतन्त्र राज्य था, परन्तु प्रशासनिक समस्यायों के चलते तथा भारत से विलय के जनमत के कारण १९७५ में एक जनमत-संग्रह के अनुसार भारत में विलीन हो गया। उसी जनमत संग्रह के पश्चात राजतन्त्र का अन्त तथा भारतीय संविधान की नियम-प्रणाली के ढाचें में प्रजातन्त्र का उदय हुआ। सिक्किम की जनसंख्या भारत के राज्यों में न्यूनतम तथा क्षेत्रफल गोआ के पश्चात न्यूनतम है। अपने छोटे आकार के बावजूद सिक्किम भौगोलिक दृष्टि से काफ़ी विविधतापूर्ण है। कंचनजंगा जो कि दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है, सिक्किम के उत्तरी पश्चिमी भाग में नेपाल की सीमा पर है और इस पर्वत चोटी चको प्रदेश के कई भागो से आसानी से देखा जा सकता है। साफ सुथरा होना, प्राकृतिक सुंदरता पुची एवं राजनीतिक स्थिरता आदि विशेषताओं के कारण सिक्किम भारत में पर्यटन का प्रमुख केन्द्र है। .

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संयुक्त राज्य

संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) (यू एस ए), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (United States) (यू एस) या अमेरिका कहा जाता हैं, एक देश हैं, जिसमें राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र सम्मिलित हैं। 48 संस्पर्शी राज्य और फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, कनाडा और मेक्सिको के मध्य, केन्द्रीय उत्तर अमेरिका में हैं। अलास्का राज्य, उत्तर अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसके पूर्व में कनाडा की सीमा एवं पश्चिम मे बेरिंग जलसन्धि रूस से घिरा हुआ है। वहीं हवाई राज्य, मध्य-प्रशान्त में स्थित हैं। अमेरिकी स्व-शासित क्षेत्र प्रशान्त महासागर और कॅरीबीयन सागर में बिखरें हुएँ हैं। 38 लाख वर्ग मील (98 लाख किमी2)"", U.S. Census Bureau, database as of August 2010, excluding the U.S. Minor Outlying Islands.

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संस्कृत भाषा

संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार का एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। .

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सुगौली संधि

सुगौली संधि के क्षेत्रीय प्रभाव सुगौली संधि, ईस्ट इंडिया कंपनी और नेपाल के राजा के बीच हुई एक संधि है, जिसे 1814-16 के दौरान हुये ब्रिटिश-नेपाली युद्ध के बाद अस्तित्व में लाया गया था। इस संधि पर 2 दिसम्बर 1815 को हस्ताक्ष्रर किये गये और 4 मार्च 1816 का इसका अनुमोदन किया गया। नेपाल की ओर से इस पर राज गुरु गजराज मिश्र (जिनके सहायक चंद्र शेखर उपाध्याय थे) और कंपनी ओर से लेफ्टिनेंट कर्नल पेरिस ब्रेडशॉ ने हस्ताक्षर किये थे। इस संधि के अनुसार नेपाल के कुछ हिस्सों को ब्रिटिश भारत में शामिल करने, काठमांडू में एक ब्रिटिश प्रतिनिधि की नियुक्ति और ब्रिटेन की सैन्य सेवा में गोरखाओं को भर्ती करने की अनुमति दी गयी थी, साथ ही इसके द्वारा नेपाल ने अपनी किसी भी सेवा में किसी अमेरिकी या यूरोपीय कर्मचारी को नियुक्त करने का अधिकार भी खो दिया। (पहले कई फ्रांसीसी कमांडरों को नेपाली सेना को प्रशिक्षित करने के लिए तैनात किया गया था) संधि के तहत, नेपाल ने अपने नियंत्रण वाले भूभाग का लगभग एक तिहाई हिस्सा गंवा दिया जिसमे नेपाल के राजा द्वारा पिछ्ले 25 साल में जीते गये क्षेत्र जैसे कि पूर्व में सिक्किम, पश्चिम में कुमाऊं और गढ़वाल राजशाही और दक्षिण में तराई का अधिकतर क्षेत्र शामिल था। तराई भूमि का कुछ हिस्सा 1816 में ही नेपाल को लौटा दिया गया। 1860 में तराई भूमि का एक बड़ा हिस्सा नेपाल को 1857 के भारतीय विद्रोह को दबाने में ब्रिटिशों की सहायता करने की एवज में पुन: लौटाया गया। काठमांडू में तैनात ब्रिटिश प्रतिनिधि मल्ल युग के बाद नेपाल में रहने पहला पश्चिमी व्यक्ति था। (यह ध्यान देने योग्य है कि 18 वीं सदी के मध्य में गोरखाओं ने नेपाल पर विजय प्राप्ति के बाद बहुत से ईसाई धर्मप्रचारकों को नेपाल से बाहर निकाल दिया था)। नेपाल में ब्रिटिशों के पहले प्रतिनिधि, एडवर्ड गार्डनर को काठमांडू के उत्तरी हिस्से में तैनात किया गया था और आज यह स्थान लाज़िम्पाट कहलाता है और यहां ब्रिटिश और भारतीय दूतावास स्थित हैं। दिसम्बर 1923 में सुगौली संधि को अधिक्रमित कर "सतत शांति और मैत्री की संधि", में प्रोन्नत किया गया और ब्रिटिश निवासी के दर्जे को प्रतिनिधि से बढ़ाकर दूत का कर दिया गया। 1950 में भारत (अब स्वतंत्र) और नेपाल ने एक नयी संधि पर दो स्वतंत्र देशों के रूप में हस्ताक्षर किए गए जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को एक नए सिरे से स्थापित करना था। .

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स्थल-रुद्ध देश

विश्व के स्थल-रुद्ध देश हरे रंग से दर्शाये गये हैं वह देश जिसकी सभी सीमाये या तटरेखा सिर्फ स्थल या फिर किसी बंद सागर से मिलती हैं स्थल-रुद्ध देश कहलाते हैं, दूसरे शब्दों में चारों ओर से सिर्फ स्थल से घिरे देश को स्थल-रुद्ध देश कहते हैं। आंशिक रूप से मान्यता प्राप्त राष्ट्रों को मिलाकर विश्व में कुल 47 स्थल-रुद्ध देश हैं। प्रमुख महाद्वीपों में से सिर्फ उत्तरी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के अंदर कोई स्थल-रुद्ध देश नहीं है। .

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सीता

सीता रामायण और रामकथा पर आधारित अन्य रामायण ग्रंथ, जैसे रामचरितमानस, की मुख्य पात्र है। सीता मिथिला के राजा जनक की ज्येष्ठ पुत्री थी। इनका विवाह अयोध्या के राजा दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र राम से स्वयंवर में शिवधनुष को भंग करने के उपरांत हुआ था। इनकी स्त्री व पतिव्रता धर्म के कारण इनका नाम आदर से लिया जाता है। त्रेतायुग में इन्हे सौभाग्य की देवी लक्ष्मी का अवतार मानते हैं। .

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हिन्दू

शब्द हिन्दू किसी भी ऐसे व्यक्ति का उल्लेख करता है जो खुद को सांस्कृतिक रूप से, मानव-जाति के अनुसार या नृवंशतया (एक विशिष्ट संस्कृति का अनुकरण करने वाले एक ही प्रजाति के लोग), या धार्मिक रूप से हिन्दू धर्म से जुड़ा हुआ मानते हैं।Jeffery D. Long (2007), A Vision for Hinduism, IB Tauris,, pages 35-37 यह शब्द ऐतिहासिक रूप से दक्षिण एशिया में स्वदेशी या स्थानीय लोगों के लिए एक भौगोलिक, सांस्कृतिक, और बाद में धार्मिक पहचानकर्ता के रूप में प्रयुक्त किया गया है। हिन्दू शब्द का ऐतिहासिक अर्थ समय के साथ विकसित हुआ है। प्रथम सहस्त्राब्दी ईसा पूर्व में सिंधु की भूमि के लिए फारसी और ग्रीक संदर्भों के साथ, मध्ययुगीन युग के ग्रंथों के माध्यम से, हिंदू शब्द सिंधु (इंडस) नदी के चारों ओर या उसके पार भारतीय उपमहाद्वीप में रहने वाले लोगों के लिए भौगोलिक रूप में, मानव-जाति के अनुसार (नृवंशतया), या सांस्कृतिक पहचानकर्ता के रूप में प्रयुक्त होने लगा था।John Stratton Hawley and Vasudha Narayanan (2006), The Life of Hinduism, University of California Press,, pages 10-11 16 वीं शताब्दी तक, इस शब्द ने उपमहाद्वीप के उन निवासियों का उल्लेख करना शुरू कर दिया, जो कि तुर्किक या मुस्लिम नहीं थे। .

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हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म (संस्कृत: सनातन धर्म) एक धर्म (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत,नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म कहा जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है। विद्वान लोग हिन्दू धर्म को भारत की विभिन्न संस्कृतियों एवं परम्पराओं का सम्मिश्रण मानते हैं जिसका कोई संस्थापक नहीं है। यह धर्म अपने अन्दर कई अलग-अलग उपासना पद्धतियाँ, मत, सम्प्रदाय और दर्शन समेटे हुए हैं। अनुयायियों की संख्या के आधार पर ये विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। संख्या के आधार पर इसके अधिकतर उपासक भारत में हैं और प्रतिशत के आधार पर नेपाल में हैं। हालाँकि इसमें कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन वास्तव में यह एकेश्वरवादी धर्म है। इसे सनातन धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहते हैं। इण्डोनेशिया में इस धर्म का औपचारिक नाम "हिन्दु आगम" है। हिन्दू केवल एक धर्म या सम्प्रदाय ही नहीं है अपितु जीवन जीने की एक पद्धति है। .

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हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश (अंग्रेज़ी: Himachal Pradesh, उच्चारण) उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थित एक राज्य है। यह 21,629 मील² (56019 किमी²) से अधिक क्षेत्र में फ़ैला है तथा उत्तर में जम्मू कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में पंजाब (भारत), दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखण्ड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा हुआ है। हिमाचल प्रदेश का शाब्दिक अर्थ "बर्फ़ीले पहाड़ों का प्रांत" है। हिमाचल प्रदेश को "देव भूमि" भी कहा जाता है। इस क्षेत्र में आर्यों का प्रभाव ऋग्वेद से भी पुराना है। आंग्ल-गोरखा युद्ध के बाद, यह ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार के हाथ में आ गया। सन 1857 तक यह महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य (पंजाब हिल्स के सीबा राज्य को छोड़कर) का हिस्सा था। सन 1950 मे इसे केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया, लेकिन 1971 मे इसे, हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971 के अन्तर्गत इसे 25 january 1971 को भारत का अठारहवाँ राज्य बनाया गया। हिमाचल प्रदेश की प्रतिव्यक्ति आय भारत के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में अधिक है । बारहमासी नदियों की बहुतायत के कारण, हिमाचल अन्य राज्यों को पनबिजली बेचता है जिनमे प्रमुख हैं दिल्ली, पंजाब (भारत) और राजस्थान। राज्य की अर्थव्यवस्था तीन प्रमुख कारकों पर निर्भर करती है जो हैं, पनबिजली, पर्यटन और कृषि। हिंदु राज्य की जनसंख्या का 95% हैं और प्रमुख समुदायों मे ब्राह्मण, राजपूत, घिर्थ (चौधरी), गद्दी, कन्नेत, राठी और कोली शामिल हैं। ट्रान्सपरेन्सी इंटरनैशनल के 2005 के सर्वेक्षण के अनुसार, हिमाचल प्रदेश देश में केरल के बाद दूसरी सबसे कम भ्रष्ट राज्य है। .

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हिमालय

हिमालय पर्वत की अवस्थिति का एक सरलीकृत निरूपण हिमालय एक पर्वत तन्त्र है जो भारतीय उपमहाद्वीप को मध्य एशिया और तिब्बत से अलग करता है। यह पर्वत तन्त्र मुख्य रूप से तीन समानांतर श्रेणियों- महान हिमालय, मध्य हिमालय और शिवालिक से मिलकर बना है जो पश्चिम से पूर्व की ओर एक चाप की आकृति में लगभग 2400 कि॰मी॰ की लम्बाई में फैली हैं। इस चाप का उभार दक्षिण की ओर अर्थात उत्तरी भारत के मैदान की ओर है और केन्द्र तिब्बत के पठार की ओर। इन तीन मुख्य श्रेणियों के आलावा चौथी और सबसे उत्तरी श्रेणी को परा हिमालय या ट्रांस हिमालय कहा जाता है जिसमें कराकोरम तथा कैलाश श्रेणियाँ शामिल है। हिमालय पर्वत पाँच देशों की सीमाओं में फैला हैं। ये देश हैं- पाकिस्तान, भारत, नेपाल, भूटान और चीन। अन्तरिक्ष से लिया गया हिमालय का चित्र संसार की अधिकांश ऊँची पर्वत चोटियाँ हिमालय में ही स्थित हैं। विश्व के 100 सर्वोच्च शिखरों में हिमालय की अनेक चोटियाँ हैं। विश्व का सर्वोच्च शिखर माउंट एवरेस्ट हिमालय का ही एक शिखर है। हिमालय में 100 से ज्यादा पर्वत शिखर हैं जो 7200 मीटर से ऊँचे हैं। हिमालय के कुछ प्रमुख शिखरों में सबसे महत्वपूर्ण सागरमाथा हिमाल, अन्नपूर्णा, गणेय, लांगतंग, मानसलू, रॊलवालिंग, जुगल, गौरीशंकर, कुंभू, धौलागिरी और कंचनजंघा है। हिमालय श्रेणी में 15 हजार से ज्यादा हिमनद हैं जो 12 हजार वर्ग किलॊमीटर में फैले हुए हैं। 72 किलोमीटर लंबा सियाचिन हिमनद विश्व का दूसरा सबसे लंबा हिमनद है। हिमालय की कुछ प्रमुख नदियों में शामिल हैं - सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और यांगतेज। भूनिर्माण के सिद्धांतों के अनुसार यह भारत-आस्ट्र प्लेटों के एशियाई प्लेट में टकराने से बना है। हिमालय के निर्माण में प्रथम उत्थान 650 लाख वर्ष पूर्व हुआ था और मध्य हिमालय का उत्थान 450 लाख वर्ष पूर्व हिमालय में कुछ महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी है। इनमें हरिद्वार, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गोमुख, देव प्रयाग, ऋषिकेश, कैलाश, मानसरोवर तथा अमरनाथ प्रमुख हैं। भारतीय ग्रंथ गीता में भी इसका उल्लेख मिलता है (गीता:10.25)। .

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हेटौडा

चितवन उपत्यका के पुर्वीकिनार मे अवस्थीत हेटौडा नेपालका एक प्रमुख औध्योगीक सहर है हेटौडा रापती नदी के किनारे मे बैठा हुवा है, ए सहर देसके दो राजमार्ग महेन्द्र राजमार्ग व त्रिभुवन राजमार्ग के केन्द्र मे बैठा हुवा है। हेटौडा मकवानपुर जिला का सदरमुकाम होनेके साथ साथ मध्यमान्चल बिकासक्षेत्रका प्रस्तावीत मुकाम भि है। एतिहासीक चिसापनी गढी व मकवानपुर गढी यांहा से करीव है ए सहर भरतपुर, नेपाल से ७५ कि.

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होली

होली (Holi) वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। रंगों का त्यौहार कहा जाने वाला यह पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है। यह प्रमुखता से भारत तथा नेपाल में मनाया जाता है। यह त्यौहार कई अन्य देशों जिनमें अल्पसंख्यक हिन्दू लोग रहते हैं वहाँ भी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। पहले दिन को होलिका जलायी जाती है, जिसे होलिका दहन भी कहते हैं। दूसरे दिन, जिसे प्रमुखतः धुलेंडी व धुरड्डी, धुरखेल या धूलिवंदन इसके अन्य नाम हैं, लोग एक दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि फेंकते हैं, ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं। एक दूसरे को रंगने और गाने-बजाने का दौर दोपहर तक चलता है। इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं, गले मिलते हैं और मिठाइयाँ खिलाते हैं। राग-रंग का यह लोकप्रिय पर्व वसंत का संदेशवाहक भी है। राग अर्थात संगीत और रंग तो इसके प्रमुख अंग हैं ही पर इनको उत्कर्ष तक पहुँचाने वाली प्रकृति भी इस समय रंग-बिरंगे यौवन के साथ अपनी चरम अवस्था पर होती है। फाल्गुन माह में मनाए जाने के कारण इसे फाल्गुनी भी कहते हैं। होली का त्यौहार वसंत पंचमी से ही आरंभ हो जाता है। उसी दिन पहली बार गुलाल उड़ाया जाता है। इस दिन से फाग और धमार का गाना प्रारंभ हो जाता है। खेतों में सरसों खिल उठती है। बाग-बगीचों में फूलों की आकर्षक छटा छा जाती है। पेड़-पौधे, पशु-पक्षी और मनुष्य सब उल्लास से परिपूर्ण हो जाते हैं। खेतों में गेहूँ की बालियाँ इठलाने लगती हैं। बच्चे-बूढ़े सभी व्यक्ति सब कुछ संकोच और रूढ़ियाँ भूलकर ढोलक-झाँझ-मंजीरों की धुन के साथ नृत्य-संगीत व रंगों में डूब जाते हैं। चारों तरफ़ रंगों की फुहार फूट पड़ती है। गुझिया होली का प्रमुख पकवान है जो कि मावा (खोया) और मैदा से बनती है और मेवाओं से युक्त होती है इस दिन कांजी के बड़े खाने व खिलाने का भी रिवाज है। नए कपड़े पहन कर होली की शाम को लोग एक दूसरे के घर होली मिलने जाते है जहाँ उनका स्वागत गुझिया,नमकीन व ठंडाई से किया जाता है। होली के दिन आम्र मंजरी तथा चंदन को मिलाकर खाने का बड़ा माहात्म्य है। .

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जनकपुर

जनकपुर नेपाल का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है ये नगर प्राचीन काल में मिथिला की राजधानी माना जाता है। यहाँ पर प्रसिद्ध राजा जनक थे। जो सीता माता के पिता थे। यह शहर भगवान राम की ससुराल के रूप में विख्यात है। यथा: जनकपुरादक्षिणान्शे सप्तकोश-व्यतिक्रमें। महाग्रामे गहश्च जनकस्य वै।। जनकपुर की ख्याति कैसे बढ़ी और उसे राजा जनक की राजधानी लोग कैसे समझने लगे, इसके संवन्ध में एक अनुश्रुति प्रचलित है। कहा जाता है कि पवित्र जनक वंश का कराल जनक के समय में नैतिक अद्य:पतन हो गया। कौटिल्य ने प्रसंगवश अपनेअर्थशास्त्र में लिखा है कि कराल जनक ने कामान्ध होकर ब्राह्मण कन्या का अभिगमन किया। इसी कारण वह वनधु-बंधवों के साथ मारा गया। अश्वघोष ने भी अपने ग्रंथ बुद्ध चरित्र में इसकी पुष्टि की है। कराल जनक के बढ़ के पश्चात जनक वंश में जो लोग बच गए, वे निकटवारती तराई के जंगलों में जा छुपे। जहां वे लोग छिपे थे, वह स्थान जनक के वंशजों के रहने के कारण जनकपुर कहलाने लगा। .

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जाति

भारतीय समाज जातीय सामाजिक इकाइयों से गठित और विभक्त है। श्रमविभाजनगत आनुवंशिक समूह भारतीय ग्राम की कृषिकेंद्रित व्यवस्था की विशेषता रही है। यहाँ की सामाजिक व्यवस्था में श्रमविभाजन संबंधी विशेषीकरण जीवन के सभी अंगों में अनुस्यूत है और आर्थिक कार्यों का ताना बाना इन्हीं आनुवंशिक समूहों से बनता है। यह जातीय समूह एक ओर तो अपने आंतरिक संगठन से संचालित तथा नियमित है और दूसरी ओर उत्पादन सेवाओं के आदान प्रदान और वस्तुओं के विनिमय द्वारा परस्पर संबद्ध हैं। समान पंमरागत पेशा या पेशे, समान धार्मिक विश्वास, प्रतीक सामाजिक और धार्मिक प्रथाएँ एवं व्यवहार, खानपान के नियम, जातीय अनुशासन और सजातीय विवाह इन जातीय समूहों की आंतरिक एकता को स्थिर तथा दृढ़ करते हैं। इसके अतिरिक्त पूरे समाज की दृष्टि में प्रत्येक जाति का सोपानवत्‌ सामाजिक संगठन में एक विशिष्ट स्थान तथा मर्यादा है जो इस सर्वमान्य धार्मिक विश्वास से पुष्ट है कि प्रत्येक मनुष्य की जाति तथा जातिगत धंधे दैवी विधान से निर्दिष्ट हैं और व्यापक सृष्टि के अन्य नियमों की भाँति प्रकृत तथा अटल हैं एक गाँव में स्थित परिवारों का ऐसा समूह वास्तव में अपनी बड़ी जातीय इकाई का अंग होता है जिसका संगठन तथा क्रियात्मक संबंधों की दृष्टि से एक सीमित क्षेत्र होता है, जिसकी परिधि सामान्यत: 20-25 मील होती है। उस क्षेत्र में जातिविशेष की एक विशिष्ट आर्थिक तथा सामाजिक मर्यादा होती है जो उसके सदस्यों को, जो जन्मना होते हैं, परंपरा से प्राप्त होती है। यह जातीय मर्यादा जीवन पर्यंत बनी रहती है और जातीय धंधा छोड़कर दूसरा धंधा अपनाने से तथा आमदनी के उतार चढ़ाव से उसपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। यह मर्यादा जातीय-पेशा, आर्थिक स्थिति, धार्मिक संस्कार, सांस्कृतिक परिष्कार और राजनीतिक सत्ता से निर्धारित होती है और निर्धारकों में परिवर्तन आने से इसमें परिवर्तन भी संभव है। किंतु एक जाति स्वयं अनेक उपजातियों तथा समूहों में विभक्त रहती है। इस विभाजन का आधार बहुधा एक ही पेशे के अंदर विशेषीकरण के भेद प्रभेद होते हैं। किंतु भौगोलिक स्थानांतरण ने भी एक ही परंपरागत धंधा करनेवाली एकाधिक जातियों को साथ साथ रहने का अवसर दिया है। कभी कभी जब किसी जाति का एक अंग अपने परंपरागत पेशे के स्थान पर दूसरा पेशा अपना लेता है तो कालक्रम में वह एक पृथक्‌ जाति बन जाता है। उच्च हिंदू जातियों में गोत्रीय विभाजन भी विद्यमान हैं। गोत्रों की उपायोगिता मात्र इतनी ही है कि वे किसी जाति के बहिविवाही समूह बनाते हैं। और एक गोत्र के व्यक्ति एक ही पूर्वज के वंशज समझे जाते हैं। यह उपजातियाँ भी अपने में स्वतंत्र तथा पृथक्‌ अंतविवाही इकाइयाँ होती हैं और कभी कभी तो बृहत्तर जाति से उनका संबंध नाम मात्र का होता है (दे. गोत्रीय तथा अन्यगोत्रीय)। इन उपजातियों में भी ऊँच नीच का एक मर्यादाक्रम रहता है। उपजातियाँ भी अनेक शाखाओं में विभक्त रहती है और इनमें भी उच्चता तथा निम्नता का एक क्रम होता है जो विशेष रूप से विवाह संबंधों में व्यक्त होता है। विवाह में ऊँची पंक्तिवाले नीची पंक्तिवालों की लड़की ले सकते हैं किंतु अपनी लड़की उन्हें नहीं देते। .

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जङ्गबहादुर राणा

महाराजा जंगबहादुर कुंवर राणाजी (1816-1877; जङ्गबहादुर राणा) जो जंगबहादुर राणा के नाम से प्रसिद्ध हैं, नेपाल के पहले राणा प्रधानमन्त्री तथा राणा राजवंश के संस्थापक थे। उनका वास्तविक नाम वीर नरसिंह कुँवर था। इनके शासनकाल में नेपाल ने अंग्रजो से लड़ाई में खोया हुआ जमीन का कुछ हिस्सा (बांके, बर्दिया, कैलाली, कंचनपुर) वापस हासिल किया। जंगबहादुर राणा के जन्म क्षत्रिय कुंवर भारदार परिवार के काजी बालनरसिंह कुँवर और थापा वंशके गणेश कुमारी के पुत्र के रूपमें हुआ । वे नेपाल के प्रसिद्ध मुख्तियार (प्रधानमंत्री) भीमसेन थापा के सहोदर भाइ काजी नैनसिंह थापा के भ्रातृपौत्र थे। उनकी नानी रणकुमारी पांडे नेपालके प्रसिद्ध भारदार पाँडे वंश के काजी रणजीत पांडे के पुत्री हैं । ये अपने पूर्वजों की अपेक्षा स्थायी शासन की स्थापना करने में सफल रहे। इन्हें अपने मामा माथवरसिंह थापा के मंत्रित्वकाल में सेनाध्यक्ष तथा प्रधानमंत्री का पद सौंपा गया किंतु शीघ्र ही उन्होंने रानी राज्य लक्ष्मी के आदेश में मामा माथवरसिंहकी छलपूर्वक हत्या कर दी और चौतारिया फत्तेजंग शाह ने नया मंत्रिमंडल बनाया । इस नए मंत्रिमंडल में इन्हें सैन्य विभाग सौंपा गया। दूसरे वर्ष 1846 ई. में शासन में एक संघर्ष छिड़ा। फलस्वरूप फतेहजंग और उनके साथ के 32 अन्य प्रधान व्यक्तियों की कुटिलतापूर्वक हत्या कर दी गई। महारानी द्वारा राणा की नियुक्ति सीधे प्रधान मंत्री पद पर की गई। शीघ्र ही महारानी का विचार परिवर्तित हुआ और उनकी हत्या के षड्यंत्र भी रचे गए। परंतु रानी की योजना असफल रही। फलत: राजा और रानी दोनों को ही भारत में शरण लेनी पड़ी। अब राणा के मार्ग से सारी बाधाएँ परे हट चुकी थीं। शासन को व्यवस्थित और नियंत्रित करने में इन्हें पूर्ण सफलता मिली। यहाँ तक कि जनवरी, 1850 में वे निश्चिंत होकर इंग्लैंड गए और 6 फ़रवरी 1851 तक वहीं रहे। लौटने पर इन्होंने अपने विरुद्ध रची गई हत्या की कुटिल योजनाओं को पूर्णत: विफल कर दिया। इसके बाद आप दंडसंहिता के सुधार कार्यों में तथा तिब्बत के साथ होनेवाले छिटपुट संघर्षों में उलझे रहे। इसी बीच उन्हें भारतीय सिपाही विद्रोह की सूचना मिली। राणा ने विद्रोहियों से किसी प्रकार की बातचीत का विरोध किया और जुलाई, 1857 को सेना की एक टुकड़ी गोरखपुर भेजी। यही नहीं, दिसंबर में इन्होंने 14,000 गोरखा सिपाहियों की एक सेना लखनऊ की ओर भी भेजी थी जिसने 11 मार्च 1858 को लखनऊ की घेरेबंदी में सहयोग दिया। जंगबहादुर राणा को इस कार्य के लिए जी.बी.सी.

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जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन

जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन (1851-1941) अंग्रेजों के जमाने में "इंडियन सिविल सर्विस" के कर्मचारी थे। भारतीय विद्याविशारदों में, विशेषत: भाषाविज्ञान के क्षेत्र में, उनका स्थान अमर है। सर जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन "लिंग्विस्टिक सर्वे ऑव इंडिया" के प्रणेता के रूप में अमर हैं। ग्रियर्सन को भारतीय संस्कृति और यहाँ के निवासियों के प्रति अगाध प्रेम था। भारतीय भाषाविज्ञान के वे महान उन्नायक थे। नव्य भारतीय आर्यभाषाओं के अध्ययन की दृष्टि से उन्हें बीम्स, भांडारकर और हार्नली के समकक्ष रखा जा सकता है। एक सहृदय व्यक्ति के रूप में भी वे भारतवासियों की श्रद्धा के पात्र बने। .

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ईसाई

ईसाई वो व्यक्ति है जो ईसाई धर्म को मानता है। ईसाइयों कई साम्प्रदायों में बटे हैं, जैसे रोमन कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और ऑर्थोडॉक्स। देखिये: ईसाई धर्म। श्रेणी:ईसाई धर्म.

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ईस्ट इण्डिया कम्पनी

लन्दन स्थित ईस्ट इण्डिया कम्पनी का मुख्यालय (थॉमस माल्टन द्वारा चित्रित, १८०० ई) ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना ३१ दिसम्बर १६०० ईस्वी में हुई थी। इसे यदाकदा जॉन कंपनी के नाम से भी जाना जाता था। इसे ब्रिटेन की महारानी ने भारत के साथ व्यापार करने के लिये २१ सालो तक की छूट दे दी। बाद में कम्पनी ने भारत के लगभग सभी क्षेत्रों पर अपना सैनिक तथा प्रशासनिक अधिपत्य जमा लिया। १८५८ में इसका विलय हो गया। .

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घाटी

दो (या अधिक) पहाड़ो के बीच के समतल मैदान को घाटी कहते है। भूगोल में नदियों के उपजाऊ मैदान को भी उस नदी की घाटी कहते हैं। .

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विराटनगर

राजस्थान के ऐतिहासिक कस्बे के लिये देखे, विराटनगर (राजस्थान) ---- बिराटनगर नेपाल के प्रदेश संख्या १ में एक महानगरपालिका है। और प्रदेश संख्या १ की अंतरिम राजधानी भी है। 2011 के जनगणना के हिसाब से यह शहर नेपाल का पांचवा सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर है। जनसंख्या घनत्व में यह काठमांडू के बाद दुसरे नंबर पर आता है। बिराटनगर नेपाल की औद्योगिक राजधानी भी है जिसकी क्षेत्रफल 40.108 मील² (103.88 किमी²) है। इसकी भौगोलिक अवस्थिति 26°28'60"उत्तर 87°16'60"पूर्वी देशांतर पर है। यह शहर प्रदेश संख्या १ के दक्षिणी क्षेत्र (तराई) में मोरंग जिला में स्थित है। यह नेपाल की राष्ट्रीय राजधानी से 399 किमी पर पूर्व में तराई में पड़ता है और भारतीय अंतराष्ट्रीय सिमा से 6 किमी उत्तर में पड़ता है। 22 मई 2017 को इस शहर को महानगर का दर्जा मिला। इस शहर को महानगर की श्रेणी में लाने के लिए इस मे में टंकीसिनुवारी और जहदा-3 को जोड़ा गया, जिससे इसकी जनसंख्या बढ़ कर 240,000 हो गई। इस से पहले शहर की जनसंख्या 214,000 था। .

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विशाल नेपाल

नेपाल का विशालतम स्वरूप विशाल नेपाल का मतलब है, नेपाल का वह भौगोलिक स्वरुप जो सबसे अधिक विस्तृत था। आज के नेपाल का भौगोलिक स्वरुप इतिहास के असमान सन्धि और उन सन्धियों पर कोई क्रियान्वयन न हो पाने का नतिजा है। इतिहास के उसी विशाल भौगोलिक स्वरुप को याद कर के नेपाली लोग प्राचीन नेपाल को विशाल नेपाल कहते हैं। .

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विश्वयुद्ध

* प्रथम विश्वयुद्ध.

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व्युत्पत्तिशास्त्र

भाषा के शब्दों के इतिहास के अध्ययन को व्युत्पत्तिशास्त्र (etymology) कहते हैं। इसमें विचार किया जाता है कि कोई शब्द उस भाषा में कब और कैसे प्रविष्ट हुआ; किस स्रोत से अथवा कहाँ से आया; उसका स्वरूप और अर्थ समय के साथ किस तरह परिवर्तित हुआ है। व्युत्पत्तिशास्त्र में शब्द के इतिहास के माध्यम से किसी भी राष्ट्र, प्रांत एवं समाज की भाषिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं सामाजिक पृष्ठभूमि अभिव्यक्त होती है। 'व्युत्पत्ति' का अर्थ है ‘विशेष उत्पत्ति’। किसी शब्द के क्रमिक इतिहास का अध्ययन करना, व्युत्पत्तिशास्त्र का विषय है। इसमें शब्द के स्वरूप और उसके अर्थ के आधार का अध्ययन किया जाता है। अंग्रेजी में व्युत्पत्तिशास्त्र को 'Etymology' कहते हैं। यह शब्द यूनानी भाषा के यथार्थ अर्थ में प्रयुक्त Etum तथा लेखा-जोखा के अर्थ में प्रयुक्त Logos के योग से बना है, जिसका आशय शब्द के इतिहास का वास्तविक अर्थ सम्पुष्ट करना है। भारतवर्ष में व्युत्पत्तिशास्त्र का उद्भव बहुत प्राचीन है। जब वेद मन्त्रों के अर्थों को समझना सुगम नहीं रहा तब भारतीय मनीषियों द्वारा वेदों के क्लिष्ट शब्दों के संग्रह रूप में निघण्टु ग्रन्थ लिखे गए तथा निघण्टु ग्रन्थों के शब्दों की व्याख्या और शब्द व्युत्पत्ति के ज्ञान के लिए निरुक्त ग्रन्थों की रचना हुई। वेदों के अध्ययन के लिए वेदागों के छ: शास्त्रों में निरुक्त शास्त्र भी सम्मिलित हैं। निरूक्त शास्त्र संख्या में 12 बतलाए जाते हैं, लेकिन इस समय आचार्य यास्क प्रणीत एक मात्र निरूक्त उपलब्ध है। .

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वैशाली

वैशाली बिहार प्रान्त के वैशाली जिला में स्थित एक गाँव है। ऐतिहासिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध यह गाँव मुजफ्फरपुर से अलग होकर १२ अक्टुबर १९७२ को वैशाली के जिला बनने पर इसका मुख्यालय हाजीपुर बनाया गया। वज्जिका यहाँ की मुख्य भाषा है। ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार वैशाली में ही विश्व का सबसे पहला गणतंत्र यानि "रिपब्लिक" कायम किया गया था। भगवान महावीर की जन्म स्थली होने के कारण जैन धर्म के मतावलम्बियों के लिए वैशाली एक पवित्र स्थल है। भगवान बुद्ध का इस धरती पर तीन बार आगमन हुआ, यह उनकी कर्म भूमि भी थी। महात्मा बुद्ध के समय सोलह महाजनपदों में वैशाली का स्थान मगध के समान महत्त्वपूर्ण था। अतिमहत्त्वपूर्ण बौद्ध एवं जैन स्थल होने के अलावा यह जगह पौराणिक हिन्दू तीर्थ एवं पाटलीपुत्र जैसे ऐतिहासिक स्थल के निकट है। मशहूर राजनर्तकी और नगरवधू आम्रपाली भी यहीं की थी| आज वैशाली पर्यटकों के लिए भी बहुत ही लोकप्रिय स्थान है। वैशाली में आज दूसरे देशों के कई मंदिर भी बने हुए हैं। .

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वैष्णव सम्प्रदाय

वैष्णव सम्प्रदाय, भगवान विष्णु को ईश्वर मानने वालों का सम्प्रदाय है। इसके अन्तर्गत चार सम्प्रदाय मुख्य रूप से आते हैं। पहले हैं आचार्य रामानुज, निमबार्काचार्य, बल्लभाचार्य, माधवाचार्य। इसके अलावा उत्तर भारत में आचार्य रामानन्द भी वैष्णव सम्प्रदाय के आचार्य हुए और चैतन्यमहाप्रभु भी वैष्णव आचार्य है जो बंगाल में हुए। रामान्दाचार्य जी ने सर्व धर्म समभाव की भावना को बल देते हुए कबीर, रहीम सभी वर्णों (जाति) के व्यक्तियों को सगुण भक्ति का उपदेश किया। आगे रामानन्द संम्प्रदाय में गोस्वामी तुलसीदास हुए जिन्होने श्री रामचरितमानस की रचना करके जनसामान्य तक भगवत महिमा को पहुँचाया। उनकी अन्य रचनाएँ - विनय पत्रिका, दोहावली, गीतावली, बरवै रामायण एक ज्योतिष ग्रन्थ रामाज्ञा प्रश्नावली का भी निर्माण किया। .

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वीरेन्द्रनगर

परीचय वीरेन्द्रनगर (Birendranagar) नेपालके सुर्खेत उपत्यकास्थीत सुर्खेत जीले पडनेवाल एक सहरहै, वीरेन्द्रनगर सहर मध्यपस्चीमांचल बिकास क्षेत्रका सदरमुकाम तथा सुर्खेत जीलाका भि सदरमुकाम है इस नगरका नामाकरण स्वर्गीय राजा वीरेन्द्रके नामसे संबन्धीत है राजा बिरेन्द्रने ही सुर्खेत उपत्यकामे मलेरीयाका उन्मुलन बाद वीरेन्द्रनगर सहरका परिकल्पना कियाथा। हाल बिरेन्द्रनगर पस्चीम नेपालका प्रमुख वाणिज्य केन्द्र तथा शिक्षा श्वास्थको केन्द्र भि है। बिरेन्द्रनगर नगरपालीकामे हाल लगभग पचासहजार के नजदीक लोग बसोबास करते है साथमे नेपालमे फैलि गृहयुद्दने बिरेन्द्रनगरको आप्रवासीयों का सहर बनादीयाहै। करीबके पाहाडी जिलोंसे मावोवादी युध्दपिडीतलोग याँहा आकार बैठ गएहै। शिक्षा श्वास्थ वीरेन्द्रनगरमे एक मध्यपस्चीमान्चल क्षेत्रीय अस्पताल और एक जीला अस्पताल व एक नेत्र उपचारकेन्द्र सरकारी नियन्त्रणपर संचालीत है साथमे कइ प्राइभेट श्वास्थ संस्था भि याहां संचालीत है, बहुतसे माध्यामीक तथा प्राथमीक विधालय रहाहुवा वीरेन्द्रनगरमे सुर्खेत बहुमुखी क्याम्पस, वीरेन्द्रनगर बहुमुखी क्याम्पस तथा सामुदायीक चिकीत्सा क्याम्पस मुख्य शैक्षीक उच्च शिक्षा संस्था है। बिरेन्द्रनगरकी मुख्य कारोबार ब्यापार, नोकरी तथा कृषी राहाहै। यातायात संचार वीरेन्द्रनगर मे आधुनीक संचार सुविधा इमेल, इन्टरनेट, प्रीपेड, पोष्टपेड मोवाइल, लोकल एस टि डि, आइ एस डि फोन सुविधा के साथ साथ रेडीयो नेपालका मध्यपस्चीमान्चल प्रसारण केन्द्र, तिन प्राइभेट एफ एम रेडीयो भि संचालित है, देशके अन्य हिस्सो से वीरेन्द्र नगरको रत्नराजमार्ग जोडता है, साथ मे त्रिभुवन नगर से सल्यान होकर एक कच्ची सडक भि वीरेन्द्रनगरको जोडताहै उसी तरह अभी कर्णाली राजमार्ग वीरेन्द्रनगरको दैलेख, कालीकोट एवं जुम्ला जिले से जोडता है। जनसंख्या नेपालकी सन् २००१के जनगणना अनुसार वीरेन्द्रनगर न.पा.का जनसंख्या ४९,३८१ है। यस मध्य पुरुष ५१%, र महिला ४९% छन्। --रवीन्द्र बराल ०७:५९, २७ नवम्बर २००७ (UTC) श्रेणी:नेपाल के शहर श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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खड्ग प्रसाद शर्मा ओली

खड्ग प्रसाद शर्मा ओली (जन्म:२२ फरवरी १९५२) नेपाल के ४१ वें प्रधान मंत्री हैं। ओली इस से पहले १२ अक्टूबर २०१५ से २४ जुलाई २०१६ तक इस पद पर रहे थे । ओली नेपाल में के० पी० ओली के नाम से प्रसिद्ध हैं। नेपाल के नए संविधान के अंतर्गत ओली पहले प्रधान मंत्री बने। ओली व्यंग्यात्मक उखान टुक्कामेंं प्रवीण हैं। ओलीटिक्स शब्दावली यिनके राजनैतिक दृढता एवम् राष्ट्रिय प्रतिज्ञाके खातिर चयन किया था। http://khabar.ndtv.com/news/world/after-defeating-koirala-kp-sharma-oli-elected-as-the-new-pm-of-nepal-1230824 .

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गण्डकी

नेपाल की एक अंचल (zone)। य काठमाडौं की पश्चिम दिशा मे अवस्थित हे।.

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गण्डकी नदी

गण्डक नदी, गंगा की सहायक नदी है। यह पटना के पास गंगा में मिल जाती है। गंडक बिहार और नेपाल में बहने वाली एक नदी का नाम है। इस नदी को नेपाल मे सालिग्रामि और मैदान मे नारायनी कहते है यह पटना के निकट गंगा मे मिल जाती है। इस नदी की लम्बाई लगभग १३१० किलोमीटर होगी।.

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गाय

अभारतीय गाय जर्सीगाय गाय एक महत्त्वपूर्ण पालतू जानवर है जो संसार में प्राय: सर्वत्र पाई जाती है। इससे उत्तम किस्म का दूध प्राप्त होता है। हिन्दू, गाय को 'माता' (गौमाता) कहते हैं। इसके बछड़े बड़े होकर गाड़ी खींचते हैं एवं खेतों की जुताई करते हैं। भारत में वैदिक काल से ही गाय का विशेष महत्त्व रहा है। आरंभ में आदान प्रदान एवं विनिमय आदि के माध्यम के रूप में गाय उपयोग होता था और मनुष्य की समृद्धि की गणना उसकी गोसंख्या से की जाती थी। हिन्दू धार्मिक दृष्टि से भी गाय पवित्र मानी जाती रही है तथा उसकी हत्या महापातक पापों में की जाती है।; गाय व भैंस में गर्भ से संबन्धित जानकारी.

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गिरिजा प्रसाद कोइराला

गिरिजा प्रसाद कोइराला (२० फ़रवरी १९२५ – २० मार्च २०१० नेपाल के शीर्ष राजनेता एवं नेपाली कांग्रेस के पूर्वाध्यक्ष थे। वे चार बार नेपाल के प्रधानमंत्री रहे। गिरिजा प्रसाद कोइराला का राजनीतिक सफर छह दशक से भी ज्यादा लंबा रहा। नेपाल को माओवादी संघर्ष से निजात दिलाने और उन्हें राजनीति की मुख्यधारा में जोड़ने में कोइराला ने अहम भूमिका निभाई। उनके करिश्मे की वजह से ही माओवादियों और सात राजनीतिक दलों के बीच 12 सूत्री समझौते का खाका तैयार करना संभव हो सका और नेपाल में हिंसा के लंबे दौर की समाप्ति हुई। इस समझौते से ही नेपाल में राजतंत्र समाप्त हुआ और देश में लोकतंत्र की स्थापना हुई। .

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गुप्त राजवंश

गुप्त राज्य लगभग ५०० ई इस काल की अजन्ता चित्रकला गुप्त राजवंश या गुप्त वंश प्राचीन भारत के प्रमुख राजवंशों में से एक था। मौर्य वंश के पतन के बाद दीर्घकाल तक भारत में राजनीतिक एकता स्थापित नहीं रही। कुषाण एवं सातवाहनों ने राजनीतिक एकता लाने का प्रयास किया। मौर्योत्तर काल के उपरान्त तीसरी शताब्दी इ. में तीन राजवंशो का उदय हुआ जिसमें मध्य भारत में नाग शक्‍ति, दक्षिण में बाकाटक तथा पूर्वी में गुप्त वंश प्रमुख हैं। मौर्य वंश के पतन के पश्चात नष्ट हुई राजनीतिक एकता को पुनस्थापित करने का श्रेय गुप्त वंश को है। गुप्त साम्राज्य की नींव तीसरी शताब्दी के चौथे दशक में तथा उत्थान चौथी शताब्दी की शुरुआत में हुआ। गुप्त वंश का प्रारम्भिक राज्य आधुनिक उत्तर प्रदेश और बिहार में था। गुप्त वंश पर सबसे ज्यादा रिसर्च करने वाले इतिहासकार डॉ जयसवाल ने इन्हें जाट बताया है।इसके अलावा तेजराम शर्माhttps://books.google.co.in/books?id.

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गौतम बुद्ध

गौतम बुद्ध (जन्म 563 ईसा पूर्व – निर्वाण 483 ईसा पूर्व) एक श्रमण थे जिनकी शिक्षाओं पर बौद्ध धर्म का प्रचलन हुआ। उनका जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था। उनकी माँ का नाम महामाया था जो कोलीय वंश से थी जिनका इनके जन्म के सात दिन बाद निधन हुआ, उनका पालन महारानी की छोटी सगी बहन महाप्रजापती गौतमी ने किया। सिद्धार्थ विवाहोपरांत एक मात्र प्रथम नवजात शिशु राहुल और पत्नी यशोधरा को त्यागकर संसार को जरा, मरण, दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग की तलाश एवं सत्य दिव्य ज्ञान खोज में रात में राजपाठ छोड़कर जंगल चले गए। वर्षों की कठोर साधना के पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से बुद्ध बन गए। .

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गेहूँ

गेहूँ गेहूं (Wheat; वैज्ञानिक नाम: Triticum spp.),Belderok, Bob & Hans Mesdag & Dingena A. Donner.

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गोरखा

इंग्लैण्ड के रक्षा मंत्रालय के बाहर स्थापित एक गोरखा की मूर्ति,हॉर्स गार्डस अवेन्यु, वेस्टमिन्सटर शहर, लण्डन. गोरखा (नेपाली: गोरखाली) नेपाल के लोग हैं। जिन्होने ये नाम 8 वीं शताब्दी के हिन्दू योद्धा संत श्री गुरु गोरखनाथ से प्राप्त किया था। उनके शिष्य बप्पा रावल ने राजकुमार कलभोज/राजकुमार शैलाधिश को जन्माया था, जिनका घर मेवाड़, राजस्थान (राजपुताना) में पाया गया था। बाद में बप्पा रावल के वंश सुदूर पूर्व के तरफ बढ़ें और गोरखा में अपना राज्य स्थापित किया और बाद में उन्होने नेपाल अधिराज्य को स्थापित किया। उस वंश में चितौड़गढ़ के मनमथ राणाजी राव के पुत्र भूपाल राणाजी राव नेपाल के रिडी पहुंचे। गोरखा जिला आधुनिक नेपाल के 75 जिलों में से एक है। खास्तोर्पे नेपाल के मध्य पश्चिम के पहाडी लडाकु जातिया जैसे कि मगर, गुरुंग, सुदुरपश्चिम के लडाकु जातिया जो कि खस/क्षेत्री और ठकुरी और पूर्व से किरात जातिया होति हैं। गोरखाली लोग अपने साहस और हिम्मत के लिए विख्यात हैं और वे नेपाली आर्मी और भारतीय आर्मी के गोरखा रेजिमेन्ट और ब्रिटिश आर्मी के गोरखा ब्रिगेज के लिए भी खुब जाने जाते हैं। गोरखालीयों को ब्रिटिश भारत के अधिकारियों ने मार्शल रेस की उपाधि दी थी। उनके अनुसार गोरखाली प्राकृतिक रूप से ही योद्धा होते हैं और युद्ध में आक्रामक होते हैं, वफादारी और साहस का गुण रखते हैं, आत्म निर्भर होते हैं, भौतिक रूप से मजबूत और फुर्तीले, सुव्यवस्थित होते हैं, लम्बे समय तक कड़ी मेहनत करने वाले, हठी लड़ाकू, मिलेट्री रणनीतिके होते हैं। ब्रिटिश भारतीय आर्मी में इन "मार्शल रेसेज़" को भारी मात्रा में भर्ती किया गया था। भारतीय आर्मी के भूतपूर्व चीफ ऑफ स्टाफ जनरल सैम मानेकशॉ ने एक बार प्रख्यात रूप से कहा था:- अर्थात: "यदि कोई कहता है कि मुझे मौत से डर नहीं लगता, वह या तो झूठ बोल रहा है या गोरखा है।" अंग्रेजों ने अपनी फौज में 1857 से पहले ही गोरखा सैनिकों को रखना आरम्भ कर दिया था। 1857 के भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में इन्होंने ब्रिटिश सेना का साथ दिया था क्योंकि उस समय वे ईस्ट इंडिया कम्पनी के लिए अनुबंध पर काम करते थे। महाराजा रणजीत सिंह ने भी इन्हें अपनी सेना में स्थान दिया। अंग्रेजों के लिए गोरखों ने दोनों विश्वयुद्धों में अपने अप्रतिम साहस और युद्ध कौशल का परिचय दिया। पहले विश्व युद्ध में दो लाख गोरखा सैनिकों ने हिस्सा लिया था, जिनमें से लगभग 20 हजार ने रणभूमि में वीरगति प्राप्त की। दूसरे विश्वयुद्ध में लगभग ढाई लाख गोरखा जवान सीरिया, उत्तर अफ्रीका, इटली, ग्रीस व बर्मा भी भेजे गए थे। उस विश्वयुद्ध में 32 हजार से अधिक गोरखों ने शहादत दी थी। भारत के लिए भी गोरखा जवानों ने पाकिस्तान और चीन के खिलाफ हुई सभी लड़ाइयों में शत्रु के सामने अपनी बहादुरी का लोहा मनवाया था। गोरखा रेजिमेंट को इन युद्धों में अनेक पदको़ व सम्मानों से अलंकृत किया गया, जिनमें महावीर चक्र और परम वीर चक्र भी शामिल हैं। वर्तमान में हर वर्ष लगभग 1200-1300 नेपाली गोरखे भारतीय सेना में शामिल होते है। गोरखा राइफल्स में लगभग 80 हजार नेपाली गोरखा सैनिक हैं, जो कुल संख्या का लगभग 70 प्रतिशत है। शेष 30 प्रतिशत में देहरादून, दार्जिलिंग और धर्मशाला असम आदि के स्थानीय भारतीय गोरखे शामिल हैं। इसके अतिरिक्त रिटायर्ड गोरखा जवानों और असम राइफल्स में गोरखों की संख्या करीब एक लाख है। .

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गोरखा युद्ध

सन् १८१४ से १८१६ चला अंग्रेज-नेपाल युद्ध (गोरखा युद्ध) उस समय के नेपाल अधिराज्य (वर्तमान संघीय लोकतांत्रिक गण राज्य) और ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी के बीच में हुआ था। जिसका परिणाम सुगौली संधि में हुई और नेपाल ने अपना एक-तिहाई भूभाग ब्रिटिश हुकुमत को देना पडा। इस युद्धसे अमर सिंह थापा, बलभद्र कुँवर एवम् भक्ति थापाके सौर्य, पराक्रम एवम् राष्ट्रप्रेमके कहानी अंग्रेजी राज्योमे प्रचलित हुआ था। .

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आयुर्वेद

आयुर्वेद के देवता '''भगवान धन्वन्तरि''' आयुर्वेद (आयुः + वेद .

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आर्य वंश

आर्य वंश ऐतिहासिक रूप से 19वीं शताब्दी के अंत और 20वीं शताब्दी के आरम्भ में पश्चिमी सभ्यता में आर्यवंशी काफी प्रभावशाली लोग हुआ करते थे। माना जाता है कि इस विचार से यह व्यूत्पन्न है कि हिंद युरोपीय भाषा के बोलने वाले मूल लोगों और उनके वंशजों ने विशिष्ट जाति या वृहद श्वेत नस्ल की स्थापना की। ऐसा माना जाता है कि कभी-कभी आर्यन जाति से ही आर्यवाद अस्तित्व में आया। आरम्भ में इसे मात्र भाषाई आधार पर जाना जाता था लेकिन नाज़ी और नव-नाज़ी में जातिवाद की उत्पत्ति के बाद सैधांतिक रूप से इसका प्रयोग जादू-टोना और श्वेत प्रतिष्ठा को स्थापित करने के लिए किया जाने लगा। .

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आलू

तरह-तरह के आलू आलू का पौधा आलू एक सब्जी है। वनस्पति विज्ञान की दृष्टि से यह एक तना है। इसकी उद्गम स्थान दक्षिण अमेरिका का पेरू (संदर्भ) है। यह गेहूं, धान तथा मक्का के बाद सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली फसल है। भारत में यह विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में उगाया जाता है। यह जमीन के नीचे पैदा होता है। आलू के उत्पादन में चीन और रूस के बाद भारत तीसरे स्थान पर है। .

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कपिलवस्तु

कपिलवस्तु, शाक्य गण की राजधानी था। गौतम बुद्ध के जीवन के प्रारम्भिक काल खण्ड यहीं पर व्यथीत हुआ था। भगवान बुद्ध के जन्म इस स्थान से १० किमी पूर्व में लुंबिनी मे हुआ था। आर्कियोलजिक खुदाइ और प्राचीन यात्रीऔं के विवरण अनुसार अधिकतर विद्वान्‌ कपिलवस्तु नेपाल के तिलौराकोट को मानते हैं जो नेपाल की तराई के नगर तौलिहवा से दो मील उत्तर की ओर हैं। विंसेंट स्मिथ के मत से यह उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले का पिपरावा नामक स्थान है जहाँ अस्थियों पर शाक्यों द्वारा निर्मित स्तूप पाया गया है जो उन के विचार में बुद्ध के अस्थि है। बुद्ध शाक्य गण के राजा शुद्धोदन और महामाया के पुत्र थे। उनका जन्म लुंबिनी वन में हुआ जिसे अब रुम्मिनदेई कहते हैं। रुम्मिनदेई तिलौराकोट (कपिलवस्तु) से १० मील पूर्व और भगवानपुर से दो मील उत्तर है। यहाँ अशोक का एक स्तंभलेख मिला है जिसका आशय है कि भगवान्‌ बुद्ध के इस जन्मस्थान पर आकर अशोक ने पूजा की और स्तंभ खड़ा किया तथा "लुम्मिनीग्राम' के कर हलके किए। गौतम बुद्ध ने बाल्य और यौवन के सुख का उपभोग कर २९ वर्ष की अवस्था में कपिलवस्तु से महाभिनिष्क्रमण किया। बुद्धत्वप्राप्ति के दूसरे वर्ष वे शुद्धोदन के निमंत्रण पर कपिलवस्तु गए। इसी प्रकार १५ वाँ चातुर्मास भी उन्होंने कपिलवस्तु में न्यग्रोधाराम में बिताया। यहाँ रहते हुए उन्होंने अनेक सूत्रों का उपदेश किया, ५०० शाक्यों के साथ अपने पुत्र राहुल और वैमात्र भाई नंद को प्रवज्जा दी तथा शाक्यों और कोलियों का झगड़ा निपटाया। बुद्ध से घनिष्ठ संबंध होने के कारण इस नगर का बौद्ध साहित्य और कला में चित्रण प्रचुरता से हुआ है। इसे बुद्धचरित काव्य में "कपिलस्य वस्तु' तथा ललितविस्तर और त्रिपिटक में "कपिलपुर' भी कहा है। दिव्यावदान ने स्पष्टत: इस नगर का संबंध कपिल मुनि से बताया है। ललितविस्तर के अनुसार कपिलवस्तु बहुत बड़ा, समृद्ध, धनधान्य और जन से पूर्ण महानगर था जिसकी चार दिशाओं में चार द्वार थे। नगर सात प्रकारों और परिखाओं से घिरा था। यह वन, आराम, उद्यान और पुष्करिणियों से सुशोभित था और इसमें अनेक चौराहे, सड़कें, बाजार, तोरणद्वार, हर्म्य, कूटागार तथा प्रासाद थे। यहाँ के निवासी गुणी और विद्वान्‌ थे। सौंदरानंद काव्य के अनुसार यहाँ के अमात्य मेधावी थे। पालि त्रिपिटक के अनुसार शाक्य क्षत्रिय थे और राजकार्य "संथागार" में एकत्र होकर करते थे। उनकी शिक्षा और संस्कृति का स्तर ऊँचा था। भिक्षुणीसंघ की स्थापना का श्रेय शाक्य स्त्रियों को है। फ़ाह्यान के समय तक कपिलवस्तु में थोड़ी आबादी बची थी पर युआन्च्वाङ के समय में नगर वीरान और खँडहर हो चुका था, किंतु बुद्ध के जीवन के घटनास्थलों पर चैत्य, विहार और स्तूप १,००० से अधिक संख्या में खड़े थे। श्रेणी:ऐतिहासिक स्थान श्रेणी:बौद्ध धर्म श्रेणी:बौद्ध तीर्थ स्थल.

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काठमाण्डु

काठमांडू (नेपालभाषा:येँ देय्, प्राचीन नेपालभाषा:ञे देय्, संस्कृत:कान्तिपुर नगर, नेपाली:काठमाडौँ), नेपाल की राजधानी है। यह नगर, समुद्रतल से 1300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं, और 50.8 वर्ग किमी में फैला हुआ हैं। काठमांडू नेपाल का सबसे बड़ा शहर है, जहां पर्यटक का सबसे ज्यादा आगमन होता हैं। चार ओर से पहाड़ियों से घिरा काठमांडू उपत्यका के पश्चिमी क्षेत्र में अवस्थित यह नगर, यूनेस्को की विश्‍व धरोहरों में शामिल हैं। यहाँ की रंगीन संस्कृति और परंपराओं के अलावा विशिष्ट शैली में बने शानदार घर सैलानियों को आकर्षिक करते हैं। यहाँ के विश्वप्रसिद्ध मंदिर, पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखते हैं। साथ ही यहां के प्राचीन बाजारों की रौनक भी देखते ही बनती है। .

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काठमाण्डौ विश्वविद्यालय

काठमाण्डौ विश्वविद्यालय का प्रशासनिक भवन काठमाण्डौ विश्वविद्यालय, नेपाल का स्वायत्त, निजी विश्वविद्यालय है। यह नेपाल का तीसरा सबसे पुराना विश्वविद्यालय है और नेपाल के काभ्रेपलांचोक जिला के धुलिखेल में स्थित है। धुलिखेल, काठमाण्डौ से ३० किमी पूर्व में स्थित है। इसकी स्थापना १९९१ में हुई थी। इस विश्वविद्यालय के प्रांगण (कैम्पस) धुलिखेल, पाटन, और भक्तपुर में हैं। इसमें मानविकी, व्यवस्थापन, वाणिज्य, विज्ञान, चिकित्साशास्त्र, इन्जिनियरिङ आदि की शिक्षण होता है। सम्प्रति काठमांडौ विश्वविद्यालय में १५,००० विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। .

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काठमांडू उपत्यका

नगरकोट के समीप काठमाण्डू उपत्यका का दृष्य काठमांडू उपत्यका (नेपाली: काठमाडौं उपत्यका, नेपाल भाषा: स्वनिगः / नेपाः गाः), नेपाल में स्थित उपत्यका है जो एशिया के प्राचीन सभ्यताओं के सन्धिबिन्दु पर स्थित है। इसके अन्तर्गत १३० से भी अधिक महत्वपूर्ण स्मारक एवं हिन्दू और बौद्ध तीर्थस्थान हैं। इस उपत्यका में यूनेस्को द्वारा घोषित सात विश्व विरासत स्थल भी हैं। श्रेणी:नेपाल श्रेणी:काठमांडू श्रेणी:नेपाल में विश्व धरोहर स्थल.

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कंचनजंघा

कंचनजंघा (नेपाली:कंचनजंघा Kanchanjaŋghā), (लिम्बू: सेवालुंगमा) विश्व की तीसरी सबसे ऊँची पर्वत चोटी है, यह सिक्किम के उत्तर पश्चिम भाग में नेपाल की सीमा पर है। .

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कृष्णप्रसाद भट्टराई

सन २०१० में अस्पताल से घर लौटते समय '''कृष्णप्रसाद भट्टराई''' कृष्णप्रसाद भट्टराई का मृत शरीर कृष्ण प्रसाद भट्टराई (13 दिसम्बर, 1924 – 4 मार्च, 2011) नेपाल के वरिष्ठ प्रजातन्त्रवादी नेता थे। ये नेपाल के पहले संसद के पहले सभामुख तथा बहुदलीय व्यवस्था की पुनर्स्थापना के बाद के के पहले प्रधानमन्त्री थे। वि॰सं॰ २००३ में नेपाली कांग्रेस गठन गर्दा देखि नै राजनीतिमा संलग्न हुए भट्टराई २००७ सालको सशस्त्र क्रान्तिमा जनकपुर―उदयपुर कब्जा गर्ने मुक्ति सेनाको कमाण्डरके रूपमे काम किये थे। ये वि॰सं॰ २०१५ सालमे संसदके छोटे सदनके प्रतिनिधि सभाके सभामुख हुए थे। कृष्णप्रसाद भट्टराईका जन्म पिता संकटाप्रसाद और माता ललितादेवीके छोटे लडकेके रूपमे वि॰सं॰ १९८१ पौष कृष्ण द्वादशीके दिन भारत में बनारसमे हुआ था। गोर्खा दरबारमे पुरोहित यज्ञेश्वर भट्टराईके बेटे पति भट्टराई पृथ्वीनारायण शाहके साथ काठमाडौं आकर दरबारमे हि पुरोहित बनके बैठे रहे। यिनके सन्तति परम्परामे क्रमशः विष्णुहरि, कृष्णलाल, मेदिनीधर, कमलकान्त, विश्वनाथ होते हुये पिछले पुस्तेमे संकटाप्रसाद हुये। संकटाप्रसादके चार भाइ लडके― बटुकप्रसाद, नारायणप्रसाद, गोपालप्रसाद और कृष्णप्रसाद थे। ये चार मध्येके छोटे बेटे कृष्णप्रसाद भट्टराई थे। भट्टराई वि॰सं॰ २०४६ के जनआन्दोलन के बाद गठित अन्तरिम मन्त्रीपरिषदमा पहलि बार प्रधानमन्त्री बने थे। नेपाल अधिराज्यका संविधान २०४७ (१९२४-२०११) निर्माण कर लागू करवाने और बहुदलीय प्रतिस्पर्धाके आधारमे संसदीय चुनाव करानेके महत्त्वपूर्ण दायित्त्व ये सफलता पूर्वक बहन कर रहे थे। पर जब वे प्रधानमन्त्री थे और यिनके नेत्रित्व में २०४८ के आम निर्वाचनमे ये खुद काठमाण्डौंसे पराजित हुये थे। उसके वाद जब ये २०५६ के आम निर्वाचनमे विजयी हुये तब ये पुनः प्रधानमन्त्री बने थे। भट्टराईको गान्धीवादी सन्त नेता माना जाता था और ये दृढ अठोट और संकल्पके धनी व्यक्तित्व माना जाता था। ये स्पष्टवक्ता और सिद्धान्तनिष्ठ नेताके रूपमे भी जाना जाता है। हरदम मुस्कुराते रहने वाले भट्टराईका सेन्स अफ ह्युमर उच्च रहता था। गम्भीर समस्याओको हल्के रूपमे लेकर पचानेके क्षमता यिनमे रहता था। पदमे बैठते समय व्यक्तिगत लाभमे नापडनेके कारण यिनको स्वच्छ छवि वाले नेताके रूपमे लिया जाता है। .

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कोदो

कोदो या कोदों या कोदरा (Paspalum scrobiculatum) एक अनाज है जो कम वर्षा में भी पैदा हो जाता है। नेपाल व भारत के विभिन्न भागों में इसकी खेती की जाती है। धान आदि के कारण इसकी खेती अब कम होती जा रही है। इसका पौधा धान या बडी़ घास के आकार का होता है। इसकी फसल पहली बर्षा होते ही बो दी जाती है और भादों में तैयार हो जाती है। इसके लिये बढि़या भूमि या अधिक परिश्रम की आवश्यकता नहीं होती। कहीं-कहीं यह रूई या अरहर के खेत में भी बो दिया जाता है। अधिक पकने पर इसके दाने झड़कर खेत में गिर जाते हैं, इसलिये इसे पकने से कुछ पहले ही काटकर खलिहान में डाल देते हैं। छिलका उतरने पर इसके अंदर से एक प्रकार के गोल चावल निकलते हैं जो खाए जाते हैं। कभी कभी इसके खेत में 'अगिया' नाम की घास उत्पन्न हो जाती है जो इसके पौधों को जला देती है। यदि इसकी कटाई से कुछ पहले बदली हो जाय, तो इसके चावलों में एक प्रकार का विष आ जाता है। वैद्यक के मत से यह मधुर, तिक्त, रूखा, कफ और पित्तनाशक होता है। नया कोदो कुरु पाक होता है, फोडे़ के रोगी को इसका पथ्य दिया जाता है। कोदो के दानों को चावल के रूप में खाया जाता है और स्थानीय बोली में 'भगर के चावल' के नाम पर इसे उपवास में भी खाया जाता है। इसके दाने में 8.3 प्रतिशत प्रोटीन, 1.4 प्रतिशत वसा तथा 65.9 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट पाई जाती है। कोदो-कुटकी मधुमेह नियन्त्रण, यकृत (गुर्दों) और मूत्राशय के लिए लाभकारी है। .

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कोसी नदी

कोसी नदी एवं अन्य उत्तर भारतीय नदियाँ कोसी नदी या कोशी नदी नेपाल में हिमालय से निकलती है और बिहार में भीम नगर के रास्ते से भारत में दाखिल होती है। इसमें आने वाली बाढ से बिहार मेंबहुत तबाही होती है जिससे इस नदी को 'बिहार का अभिशाप' कहा जाता है। इसके भौगोलिक स्वरूप को देखें तो पता चलेगा कि पिछले 250 वर्षों में 120 किमी का विस्तार कर चुकी है। हिमालय की ऊँची पहाड़ियों से तरह तरह से अवसाद (बालू, कंकड़-पत्थर) अपने साथ लाती हुई ये नदी निरंतर अपने क्षेत्र फैलाती जा रही है। उत्तरी बिहार के मैदानी इलाकों को तरती ये नदी पूरा क्षेत्र उपजाऊ बनाती है। नेपाल और भारत दोनों ही देश इस नदी पर बाँध बना चुके हैं; हालाँकि कुछ पर्यावरणविदों ने इससे नुकसान की भी संभावना जतायी थी। यह नदी उत्तर बिहार के मिथिला क्षेत्र की संस्कृति का पालना भी है। कोशी के आसपास के क्षेत्रों को इसी के नाम पर कोशी कहा जाता है। .

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कीर्तिपुर

यह भारत में काठमाण्डौ घाटी के दक्षिण-पश्चिम मै स्थाहिक कीर्तिरपु नगर की तस्वीर है। कीर्तिरपु (नेपाल भाषा:क्यपू) काठमाण्डौ घाटी के दक्षिण-पश्चिम मै अवस्थित एक नगर है। यह नगर काठमाडौं जिला मै अवस्थित है। यह नगर एक पहाड मै बसा हुवा है। यह एक ऐतिहासिक नगर है। यहाँ ऐतिहासिक बाघभैरव मन्दिर है। इस नगर के उत्तर-पूर्व मै घाटी का सबसे बडा जलभण्डार टौदह (झील) अवस्थित है। नेपाल का प्रथम विश्वविद्यालय त्रिभुवन विश्वविद्यालय यही नगर मै अवस्थित है। .

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अचार

आम का चार अचार (भारतीय अचार) बहुत से फलों एवं मसालों से बना एक स्वादिष्ट चटपटा व्यंजन है जो प्राय: दूसरे पकवानों के साथ खाया जाता है। पूरे भारतवर्ष के रसोई में अचार का अद्वितीय स्थान है। हिन्दुस्तान में अचार के अनेका-नेक प्रकार फलों एवं शब्जियों से बनाए जाते है। .

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अभिलेख

कंधार स्थित सम्राट अशोक के द्वारा उत्कीर्ण एक पाषाण अभिलेख अभिलेख पत्थर अथवा धातु जैसी अपेक्षाकृत कठोर सतहों पर उत्कीर्ण किये गये पाठन सामाग्री को कहते है। प्राचीन काल से इसका उपयोग हो रहा है। शासको के द्वारा अपने आदेशो को इस तरह उत्कीर्ण करवाते थे, ताकि लोग उन्हे देख सके एवं पढ़ सके और पालन कर सके। आधुनिक युग मे भी इसका उपयोग हो रहा है। .

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अर्थशास्त्र (ग्रन्थ)

अर्थशास्त्र, कौटिल्य या चाणक्य (चौथी शती ईसापूर्व) द्वारा रचित संस्कृत का एक ग्रन्थ है। इसमें राज्यव्यवस्था, कृषि, न्याय एवं राजनीति आदि के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया है। अपने तरह का (राज्य-प्रबन्धन विषयक) यह प्राचीनतम ग्रन्थ है। इसकी शैली उपदेशात्मक और सलाहात्मक (instructional) है। यह प्राचीन भारतीय राजनीति का प्रसिद्ध ग्रंथ है। इसके रचनाकार का व्यक्तिनाम विष्णुगुप्त, गोत्रनाम कौटिल्य (कुटिल से व्युत्पत्र) और स्थानीय नाम चाणक्य (पिता का नाम चणक होने से) था। अर्थशास्त्र (15.431) में लेखक का स्पष्ट कथन है: चाणक्य सम्राट् चंद्रगुप्त मौर्य (321-298 ई.पू.) के महामंत्री थे। उन्होंने चंद्रगुप्त के प्रशासकीय उपयोग के लिए इस ग्रंथ की रचना की थी। यह मुख्यत: सूत्रशैली में लिखा हुआ है और संस्कृत के सूत्रसाहित्य के काल और परंपरा में रखा जा सकता है। यह शास्त्र अनावश्यक विस्तार से रहित, समझने और ग्रहण करने में सरल एवं कौटिल्य द्वारा उन शब्दों में रचा गया है जिनका अर्थ सुनिश्चित हो चुका है। (अर्थशास्त्र, 15.6)' अर्थशास्त्र में समसामयिक राजनीति, अर्थनीति, विधि, समाजनीति, तथा धर्मादि पर पर्याप्त प्रकाश पड़ता है। इस विषय के जितने ग्रंथ अभी तक उपलब्ध हैं उनमें से वास्तविक जीवन का चित्रण करने के कारण यह सबसे अधिक मूल्यवान् है। इस शास्त्र के प्रकाश में न केवल धर्म, अर्थ और काम का प्रणयन और पालन होता है अपितु अधर्म, अनर्थ तथा अवांछनीय का शमन भी होता है (अर्थशास्त्र, 15.431)। इस ग्रंथ की महत्ता को देखते हुए कई विद्वानों ने इसके पाठ, भाषांतर, व्याख्या और विवेचन पर बड़े परिश्रम के साथ बहुमूल्य कार्य किया है। शाम शास्त्री और गणपति शास्त्री का उल्लेख किया जा चुका है। इनके अतिरिक्त यूरोपीय विद्वानों में हर्मान जाकोबी (ऑन दि अथॉरिटी ऑव कौटिलीय, इं.ए., 1918), ए. हिलेब्रांड्ट, डॉ॰ जॉली, प्रो॰ए.बी.

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अशोक

चक्रवर्ती सम्राट अशोक (ईसा पूर्व ३०४ से ईसा पूर्व २३२) विश्वप्रसिद्ध एवं शक्तिशाली भारतीय मौर्य राजवंश के महान सम्राट थे। सम्राट अशोक का पूरा नाम देवानांप्रिय अशोक मौर्य (राजा प्रियदर्शी देवताओं का प्रिय) था। उनका राजकाल ईसा पूर्व २६९ से २३२ प्राचीन भारत में था। मौर्य राजवंश के चक्रवर्ती सम्राट अशोक ने अखंड भारत पर राज्य किया है तथा उनका मौर्य साम्राज्य उत्तर में हिन्दुकुश की श्रेणियों से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी के दक्षिण तथा मैसूर तक तथा पूर्व में बांग्लादेश से पश्चिम में अफ़ग़ानिस्तान, ईरान तक पहुँच गया था। सम्राट अशोक का साम्राज्य आज का संपूर्ण भारत, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यान्मार के अधिकांश भूभाग पर था, यह विशाल साम्राज्य उस समय तक से आज तक का सबसे बड़ा भारतीय साम्राज्य रहा है। चक्रवर्ती सम्राट अशोक विश्व के सभी महान एवं शक्तिशाली सम्राटों एवं राजाओं की पंक्तियों में हमेशा शिर्ष स्थान पर ही रहे हैं। सम्राट अशोक ही भारत के सबसे शक्तिशाली एवं महान सम्राट है। सम्राट अशोक को ‘चक्रवर्ती सम्राट अशोक’ कहाँ जाता है, जिसका अर्थ है - ‘सम्राटों का सम्राट’, और यह स्थान भारत में केवल सम्राट अशोक को मिला है। सम्राट अशोक को अपने विस्तृत साम्राज्य से बेहतर कुशल प्रशासन तथा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भी जाना जाता है। सम्राट अशोक ने संपूर्ण एशिया में तथा अन्य आज के सभी महाद्विपों में भी बौद्ध धर्म धर्म का प्रचार किया। सम्राट अशोक के संदर्भ के स्तंभ एवं शिलालेख आज भी भारत के कई स्थानों पर दिखाई देते है। इसलिए सम्राट अशोक की ऐतिहासिक जानकारी एन्य किसी भी सम्राट या राजा से बहूत व्यापक रूप में मिल जाती है। सम्राट अशोक प्रेम, सहिष्णूता, सत्य, अहिंसा एवं शाकाहारी जीवनप्रणाली के सच्चे समर्थक थे, इसलिए उनका नाम इतिहास में महान परोपकारी सम्राट के रूप में ही दर्ज हो चुका है। जीवन के उत्तरार्ध में सम्राट अशोक भगवान बुद्ध की मानवतावादी शिक्षाओं से प्रभावित होकर बौद्ध हो गये और उन्ही की स्मृति में उन्होने कई स्तम्भ खड़े कर दिये जो आज भी नेपाल में उनके जन्मस्थल - लुम्बिनी - में मायादेवी मन्दिर के पास, सारनाथ, बोधगया, कुशीनगर एवं आदी श्रीलंका, थाईलैंड, चीन इन देशों में आज भी अशोक स्तम्भ के रूप में देखे जा सकते है। सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म का प्रचार भारत के अलावा श्रीलंका, अफ़ग़ानिस्तान, पश्चिम एशिया, मिस्र तथा यूनान में भी करवाया। सम्राट अशोक अपने पूरे जीवन में एक भी युद्ध नहीं हारे। सम्राट अशोक के ही समय में २३ विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई जिसमें तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला, कंधार आदि विश्वविद्यालय प्रमुख थे। इन्हीं विश्वविद्यालयों में विदेश से कई छात्र शिक्षा पाने भारत आया करते थे। ये विश्वविद्यालय उस समय के उत्कृट विश्वविद्यालय थे। शिलालेख सुरु करने वाला पहला शासक अशोक ही था, .

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उत्तर प्रदेश

आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। .

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उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। देहरादून, उत्तराखण्ड की अन्तरिम राजधानी होने के साथ इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बाँध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाएँ भी की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ मे की गई थी और यह अन्ततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आन्दोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। .

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उपोष्णकटिबन्ध

उपोष्णकटिबन्ध मौसम उपोष्णकटिबन्ध पृथ्वी के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र के तुरंत उत्तर तथा दक्षिण से सटकर लगे हुए क्षेत्र को कहते हैं जो कि कर्क रेखा और मकर रेखा के क्रमशः उत्तर तथा दक्षिण का इलाका है। यह क्षेत्र अमूमन दोनों गोलार्धों में २३.५° से लेकर ४०° तक के अक्षांशों में पाया जाता है हालांकि यह मौसम अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों में या उष्णकटिबंधीय इलाकों में भी पाया जा सकता है। .

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१७६८

१७६८ ग्रेगोरी कैलंडर का एक अधिवर्ष है। .

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१८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम

१८५७ के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को समर्पित भारत का डाकटिकट। १८५७ का भारतीय विद्रोह, जिसे प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, सिपाही विद्रोह और भारतीय विद्रोह के नाम से भी जाना जाता है इतिहास की पुस्तकें कहती हैं कि 1857 की क्रान्ति की शुरूआत '10 मई 1857' की संध्या को मेरठ मे हुई थी और इसको समस्त भारतवासी 10 मई को प्रत्येक वर्ष ”क्रान्ति दिवस“ के रूप में मनाते हैं, क्रान्ति की शुरूआत करने का श्रेय अमर शहीद कोतवाल धनसिंह गुर्जर को जाता है 10 मई 1857 को मेरठ में विद्रोही सैनिकों और पुलिस फोर्स ने अंग्रेजों के विरूद्ध साझा मोर्चा गठित कर क्रान्तिकारी घटनाओं को अंजाम दिया।1 सैनिकों के विद्रोह की खबर फैलते ही मेरठ की शहरी जनता और आस-पास के गांव विशेषकर पांचली, घाट, नंगला, गगोल इत्यादि के हजारों ग्रामीण मेरठ की सदर कोतवाली क्षेत्र में जमा हो गए। इसी कोतवाली में धन सिंह कोतवाल (प्रभारी) के पद पर कार्यरत थे।2 मेरठ की पुलिस बागी हो चुकी थी। धन सिंह कोतवाल क्रान्तिकारी भीड़ (सैनिक, मेरठ के शहरी, पुलिस और किसान) में एक प्राकृतिक नेता के रूप में उभरे। उनका आकर्षक व्यक्तित्व, उनका स्थानीय होना, (वह मेरठ के निकट स्थित गांव पांचली के रहने वाले थे), पुलिस में उच्च पद पर होना और स्थानीय क्रान्तिकारियों का उनको विश्वास प्राप्त होना कुछ ऐसे कारक थे जिन्होंने धन सिंह को 10 मई 1857 के दिन मेरठ की क्रान्तिकारी जनता के नेता के रूप में उभरने में मदद की। उन्होंने क्रान्तिकारी भीड़ का नेतृत्व किया और रात दो बजे मेरठ जेल पर हमला कर दिया। जेल तोड़कर 836 कैदियों को छुड़ा लिया और जेल में आग लगा दी।3 जेल से छुड़ाए कैदी भी क्रान्ति में शामिल हो गए। उससे पहले पुलिस फोर्स के नेतृत्व में क्रान्तिकारी भीड़ ने पूरे सदर बाजार और कैंट क्षेत्र में क्रान्तिकारी घटनाओं को अंजाम दिया। रात में ही विद्रोही सैनिक दिल्ली कूच कर गए और विद्रोह मेरठ के देहात में फैल गया। मंगल पाण्डे 8 अप्रैल, 1857 को बैरकपुर, बंगाल में शहीद हो गए थे। मंगल पाण्डे ने चर्बी वाले कारतूसों के विरोध में अपने एक अफसर को 29 मार्च, 1857 को बैरकपुर छावनी, बंगाल में गोली से उड़ा दिया था। जिसके पश्चात उन्हें गिरफ्तार कर बैरकपुर (बंगाल) में 8 अप्रैल को फासी दे दी गई थी। 10 मई, 1857 को मेरठ में हुए जनक्रान्ति के विस्फोट से उनका कोई सम्बन्ध नहीं है। क्रान्ति के दमन के पश्चात् ब्रिटिश सरकार ने 10 मई, 1857 को मेरठ मे हुई क्रान्तिकारी घटनाओं में पुलिस की भूमिका की जांच के लिए मेजर विलियम्स की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई।4 मेजर विलियम्स ने उस दिन की घटनाओं का भिन्न-भिन्न गवाहियों के आधार पर गहन विवेचन किया तथा इस सम्बन्ध में एक स्मरण-पत्र तैयार किया, जिसके अनुसार उन्होंने मेरठ में जनता की क्रान्तिकारी गतिविधियों के विस्फोट के लिए धन सिंह कोतवाल को मुख्य रूप से दोषी ठहराया, उसका मानना था कि यदि धन सिंह कोतवाल ने अपने कर्तव्य का निर्वाह ठीक प्रकार से किया होता तो संभवतः मेरठ में जनता को भड़कने से रोका जा सकता था।5 धन सिंह कोतवाल को पुलिस नियंत्रण के छिन्न-भिन्न हो जाने के लिए दोषी पाया गया। क्रान्तिकारी घटनाओं से दमित लोगों ने अपनी गवाहियों में सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि धन सिंह कोतवाल क्योंकि स्वयं गूजर है इसलिए उसने क्रान्तिकारियों, जिनमें गूजर बहुसंख्या में थे, को नहीं रोका। उन्होंने धन सिंह पर क्रान्तिकारियों को खुला संरक्षण देने का आरोप भी लगाया।6 एक गवाही के अनुसार क्रान्तिकरियों ने कहा कि धन सिंह कोतवाल ने उन्हें स्वयं आस-पास के गांव से बुलाया है 7 यदि मेजर विलियम्स द्वारा ली गई गवाहियों का स्वयं विवेचन किया जाये तो पता चलता है कि 10 मई, 1857 को मेरठ में क्रांति का विस्फोट काई स्वतः विस्फोट नहीं वरन् एक पूर्व योजना के तहत एक निश्चित कार्यवाही थी, जो परिस्थितिवश समय पूर्व ही घटित हो गई। नवम्बर 1858 में मेरठ के कमिश्नर एफ0 विलियम द्वारा इसी सिलसिले से एक रिपोर्ट नोर्थ - वैस्टर्न प्रान्त (आधुनिक उत्तर प्रदेश) सरकार के सचिव को भेजी गई। रिपोर्ट के अनुसार मेरठ की सैनिक छावनी में ”चर्बी वाले कारतूस और हड्डियों के चूर्ण वाले आटे की बात“ बड़ी सावधानी पूर्वक फैलाई गई थी। रिपोर्ट में अयोध्या से आये एक साधु की संदिग्ध भूमिका की ओर भी इशारा किया गया था।8 विद्रोही सैनिक, मेरठ शहर की पुलिस, तथा जनता और आस-पास के गांव के ग्रामीण इस साधु के सम्पर्क में थे। मेरठ के आर्य समाजी, इतिहासज्ञ एवं स्वतन्त्रता सेनानी आचार्य दीपांकर के अनुसार यह साधु स्वयं दयानन्द जी थे और वही मेरठ में 10 मई, 1857 की घटनाओं के सूत्रधार थे। मेजर विलियम्स को दो गयी गवाही के अनुसार कोतवाल स्वयं इस साधु से उसके सूरजकुण्ड स्थित ठिकाने पर मिले थे।9 हो सकता है ऊपरी तौर पर यह कोतवाल की सरकारी भेंट हो, परन्तु दोनों के आपस में सम्पर्क होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता। वास्तव में कोतवाल सहित पूरी पुलिस फोर्स इस योजना में साधु (सम्भवतः स्वामी दयानन्द) के साथ देशव्यापी क्रान्तिकारी योजना में शामिल हो चुकी थी। 10 मई को जैसा कि इस रिपोर्ट में बताया गया कि सभी सैनिकों ने एक साथ मेरठ में सभी स्थानों पर विद्रोह कर दिया। ठीक उसी समय सदर बाजार की भीड़, जो पहले से ही हथियारों से लैस होकर इस घटना के लिए तैयार थी, ने भी अपनी क्रान्तिकारी गतिविधियां शुरू कर दीं। धन सिंह कोतवाल ने योजना के अनुसार बड़ी चतुराई से ब्रिटिश सरकार के प्रति वफादार पुलिस कर्मियों को कोतवाली के भीतर चले जाने और वहीं रहने का आदेश दिया।10 आदेश का पालन करते हुए अंग्रेजों के वफादार पिट्ठू पुलिसकर्मी क्रान्ति के दौरान कोतवाली में ही बैठे रहे। इस प्रकार अंग्रेजों के वफादारों की तरफ से क्रान्तिकारियों को रोकने का प्रयास नहीं हो सका, दूसरी तरफ उसने क्रान्तिकारी योजना से सहमत सिपाहियों को क्रान्ति में अग्रणी भूमिका निभाने का गुप्त आदेश दिया, फलस्वरूप उस दिन कई जगह पुलिस वालों को क्रान्तिकारियों की भीड़ का नेतृत्व करते देखा गया।11 धन सिंह कोतवाल अपने गांव पांचली और आस-पास के क्रान्तिकारी गूजर बाहुल्य गांव घाट, नंगला, गगोल आदि की जनता के सम्पर्क में थे, धन सिंह कोतवाल का संदेश मिलते ही हजारों की संख्या में गूजर क्रान्तिकारी रात में मेरठ पहुंच गये। मेरठ के आस-पास के गांवों में प्रचलित किवंदन्ती के अनुसार इस क्रान्तिकारी भीड़ ने धन सिंह कोतवाल के नेतृत्व में देर रात दो बजे जेल तोड़कर 836 कैदियों को छुड़ा लिया12 और जेल को आग लगा दी। मेरठ शहर और कैंट में जो कुछ भी अंग्रेजों से सम्बन्धित था उसे यह क्रान्तिकारियों की भीड़ पहले ही नष्ट कर चुकी थी। उपरोक्त वर्णन और विवेचना के आधार पर हम निःसन्देह कह सकते हैं कि धन सिंह कोतवाल ने 10 मई, 1857 के दिन मेरठ में मुख्य भूमिका का निर्वाह करते हुए क्रान्तिकारियों को नेतृत्व प्रदान किया था।1857 की क्रान्ति की औपनिवेशिक व्याख्या, (ब्रिटिश साम्राज्यवादी इतिहासकारों की व्याख्या), के अनुसार 1857 का गदर मात्र एक सैनिक विद्रोह था जिसका कारण मात्र सैनिक असंतोष था। इन इतिहासकारों का मानना है कि सैनिक विद्रोहियों को कहीं भी जनप्रिय समर्थन प्राप्त नहीं था। ऐसा कहकर वह यह जताना चाहते हैं कि ब्रिटिश शासन निर्दोष था और आम जनता उससे सन्तुष्ट थी। अंग्रेज इतिहासकारों, जिनमें जौन लोरेंस और सीले प्रमुख हैं ने भी 1857 के गदर को मात्र एक सैनिक विद्रोह माना है, इनका निष्कर्ष है कि 1857 के विद्रोह को कही भी जनप्रिय समर्थन प्राप्त नहीं था, इसलिए इसे स्वतन्त्रता संग्राम नहीं कहा जा सकता। राष्ट्रवादी इतिहासकार वी0 डी0 सावरकर और सब-आल्टरन इतिहासकार रंजीत गुहा ने 1857 की क्रान्ति की साम्राज्यवादी व्याख्या का खंडन करते हुए उन क्रान्तिकारी घटनाओं का वर्णन किया है, जिनमें कि जनता ने क्रान्ति में व्यापक स्तर पर भाग लिया था, इन घटनाओं का वर्णन मेरठ में जनता की सहभागिता से ही शुरू हो जाता है। समस्त पश्चिम उत्तर प्रदेश के बन्जारो, रांघड़ों और गूजर किसानों ने 1857 की क्रान्ति में व्यापक स्तर पर भाग लिया। पूर्वी उत्तर प्रदेश में ताल्लुकदारों ने अग्रणी भूमिका निभाई। बुनकरों और कारीगरों ने अनेक स्थानों पर क्रान्ति में भाग लिया। 1857 की क्रान्ति के व्यापक आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक कारण थे और विद्रोही जनता के हर वर्ग से आये थे, ऐसा अब आधुनिक इतिहासकार सिद्ध कर चुके हैं। अतः 1857 का गदर मात्र एक सैनिक विद्रोह नहीं वरन् जनसहभागिता से पूर्ण एक राष्ट्रीय स्वतन्त्रता संग्राम था। परन्तु 1857 में जनसहभागिता की शुरूआत कहाँ और किसके नेतृत्व में हुई ? इस जनसहभागिता की शुरूआत के स्थान और इसमें सहभागिता प्रदर्शित वाले लोगों को ही 1857 की क्रान्ति का जनक कहा जा सकता है। क्योंकि 1857 की क्रान्ति में जनता की सहभागिता की शुरूआत धन सिंह कोतवाल के नेतृत्व में मेरठ की जनता ने की थी। अतः ये ही 1857 की क्रान्ति के जनक कहे जाते हैं। 10, मई 1857 को मेरठ में जो महत्वपूर्ण भूमिका धन सिंह और उनके अपने ग्राम पांचली के भाई बन्धुओं ने निभाई उसकी पृष्ठभूमि में अंग्रेजों के जुल्म की दास्तान छुपी हुई है। ब्रिटिश साम्राज्य की औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था की कृषि नीति का मुख्य उद्देश्य सिर्फ अधिक से अधिक लगान वसूलना था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अंग्रेजों ने महलवाड़ी व्यवस्था लागू की थी, जिसके तहत समस्त ग्राम से इकट्ठा लगान तय किया जाता था और मुखिया अथवा लम्बरदार लगान वसूलकर सरकार को देता था। लगान की दरें बहुत ऊंची थी, और उसे बड़ी कठोरता से वसूला जाता था। कर न दे पाने पर किसानों को तरह-तरह से बेइज्जत करना, कोड़े मारना और उन्हें जमीनों से बेदखल करना एक आम बात थी, किसानों की हालत बद से बदतर हो गई थी। धन सिंह कोतवाल भी एक किसान परिवार से सम्बन्धित थे। किसानों के इन हालातों से वे बहुत दुखी थे। धन सिंह के पिता पांचली ग्राम के मुखिया थे, अतः अंग्रेज पांचली के उन ग्रामीणों को जो किसी कारणवश लगान नहीं दे पाते थे, उन्हें धन सिंह के अहाते में कठोर सजा दिया करते थे, बचपन से ही इन घटनाओं को देखकर धन सिंह के मन में आक्रोष जन्म लेने लगा।13 ग्रामीणों के दिलो दिमाग में ब्रिटिष विरोध लावे की तरह धधक रहा था। 1857 की क्रान्ति में धन सिंह और उनके ग्राम पांचली की भूमिका का विवेचन करते हुए हम यह नहीं भूल सकते कि धन सिंह गूजर जाति में जन्में थे, उनका गांव गूजर बहुल था। 1707 ई0 में औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात गूजरों ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में अपनी राजनैतिक ताकत काफी बढ़ा ली थी।14 लढ़ौरा, मुण्डलाना, टिमली, परीक्षितगढ़, दादरी, समथर-लौहा गढ़, कुंजा बहादुरपुर इत्यादि रियासतें कायम कर वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक गूजर राज्य बनाने के सपने देखने लगे थे।15 1803 में अंग्रेजों द्वारा दोआबा पर अधिकार करने के वाद गूजरों की शक्ति क्षीण हो गई थी, गूजर मन ही मन अपनी राजनैतिक शक्ति को पुनः पाने के लिये आतुर थे, इस दषा में प्रयास करते हुए गूजरों ने सर्वप्रथम 1824 में कुंजा बहादुरपुर के ताल्लुकदार विजय सिंह और कल्याण सिंह उर्फ कलवा गूजर के नेतृत्व में सहारनपुर में जोरदार विद्रोह किये।16 पश्चिमी उत्तर प्रदेष के गूजरों ने इस विद्रोह में प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया परन्तु यह प्रयास सफल नहीं हो सका। 1857 के सैनिक विद्रोह ने उन्हें एक और अवसर प्रदान कर दिया। समस्त पश्चिमी उत्तर प्रदेष में देहरादून से लेकिन दिल्ली तक, मुरादाबाद, बिजनौर, आगरा, झांसी तक। पंजाब, राजस्थान से लेकर महाराष्ट्र तक के गूजर इस स्वतन्त्रता संग्राम में कूद पड़े। हजारों की संख्या में गूजर शहीद हुए और लाखों गूजरों को ब्रिटेन के दूसरे उपनिवेषों में कृषि मजदूर के रूप में निर्वासित कर दिया। इस प्रकार धन सिंह और पांचली, घाट, नंगला और गगोल ग्रामों के गूजरों का संघर्ष गूजरों के देशव्यापी ब्रिटिष विरोध का हिस्सा था। यह तो बस एक शुरूआत थी। 1857 की क्रान्ति के कुछ समय पूर्व की एक घटना ने भी धन सिंह और ग्रामवासियों को अंग्रेजी शासन को उखाड़ फेंकने के लिए प्रेरित किया। पांचली और उसके निकट के ग्रामों में प्रचलित किंवदन्ती के अनुसार घटना इस प्रकार है, ”अप्रैल का महीना था। किसान अपनी फसलों को उठाने में लगे हुए थे। एक दिन करीब 10 11 बजे के आस-पास बजे दो अंग्रेज तथा एक मेम पांचली खुर्द के आमों के बाग में थोड़ा आराम करने के लिए रूके। इसी बाग के समीप पांचली गांव के तीन किसान जिनके नाम मंगत सिंह, नरपत सिंह और झज्जड़ सिंह (अथवा भज्जड़ सिंह) थे, कृषि कार्यो में लगे थे। अंग्रेजों ने इन किसानों से पानी पिलाने का आग्रह किया। अज्ञात कारणों से इन किसानों और अंग्रेजों में संघर्ष हो गया। इन किसानों ने अंग्रेजों का वीरतापूर्वक सामना कर एक अंग्रेज और मेम को पकड़ दिया। एक अंग्रेज भागने में सफल रहा। पकड़े गए अंग्रेज सिपाही को इन्होंने हाथ-पैर बांधकर गर्म रेत में डाल दिया और मेम से बलपूर्वक दायं हंकवाई। दो घंटे बाद भागा हुआ सिपाही एक अंग्रेज अधिकारी और 25-30 सिपाहियों के साथ वापस लौटा। तब तक किसान अंग्रेज सैनिकों से छीने हुए हथियारों, जिनमें एक सोने की मूठ वाली तलवार भी थी, को लेकर भाग चुके थे। अंग्रेजों की दण्ड नीति बहुत कठोर थी, इस घटना की जांच करने और दोषियों को गिरफ्तार कर अंग्रेजों को सौंपने की जिम्मेदारी धन सिंह के पिता, जो कि गांव के मुखिया थे, को सौंपी गई। ऐलान किया गया कि यदि मुखिया ने तीनों बागियों को पकड़कर अंग्रेजों को नहीं सौपा तो सजा गांव वालों और मुखिया को भुगतनी पड़ेगी। बहुत से ग्रामवासी भयवश गाँव से पलायन कर गए। अन्ततः नरपत सिंह और झज्जड़ सिंह ने तो समर्पण कर दिया किन्तु मंगत सिंह फरार ही रहे। दोनों किसानों को 30-30 कोड़े और जमीन से बेदखली की सजा दी गई। फरार मंगत सिंह के परिवार के तीन सदस्यों के गांव के समीप ही फांसी पर लटका दिया गया। धन सिंह के पिता को मंगत सिंह को न ढूंढ पाने के कारण छः माह के कठोर कारावास की सजा दी गई। इस घटना ने धन सिंह सहित पांचली के बच्चे-बच्चे को विद्रोही बना दिया।17 जैसे ही 10 मई को मेरठ में सैनिक बगावत हुई धन सिंह और ने क्रान्ति में सहभागिता की शुरूआत कर इतिहास रच दिया। क्रान्ति मे अग्रणी भूमिका निभाने की सजा पांचली व अन्य ग्रामों के किसानों को मिली। मेरठ गजेटियर के वर्णन के अनुसार 4 जुलाई, 1857 को प्रातः चार बजे पांचली पर एक अंग्रेज रिसाले ने तोपों से हमला किया। रिसाले में 56 घुड़सवार, 38 पैदल सिपाही और 10 तोपची थे। पूरे ग्राम को तोप से उड़ा दिया गया। सैकड़ों किसान मारे गए, जो बच गए उनमें से 46 लोग कैद कर लिए गए और इनमें से 40 को बाद में फांसी की सजा दे दी गई।18 आचार्य दीपांकर द्वारा रचित पुस्तक स्वाधीनता आन्दोलन और मेरठ के अनुसार पांचली के 80 लोगों को फांसी की सजा दी गई थी। पूरे गांव को लगभग नष्ट ही कर दिया गया। ग्राम गगोल के भी 9 लोगों को दशहरे के दिन फाँसी की सजा दी गई और पूरे ग्राम को नष्ट कर दिया। आज भी इस ग्राम में दश्हरा नहीं मनाया जाता। संदर्भ एवं टिप्पणी 1.

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२००७

वर्ष २००७ सोमवार से प्रारम्भ होने वाला ग्रेगोरी कैलंडर का सामान्य वर्ष है। .

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२१ दिसम्बर

21 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 355वॉ (लीप वर्ष में 356 वॉ) दिन है। साल में अभी और 10 दिन बाकी है। .

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२८ दिसम्बर

28 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 362वॉ (लीप वर्ष मे 363 वॉ) दिन है। साल में अभी और 3 दिन बाकी है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

Nepal, संघीय लोकतान्त्रिक गणतन्त्र नेपाल

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