सामग्री की तालिका
6 संबंधों: प्रति व्यक्ति आय, शिक्षा, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम, सकल राष्ट्रीय आय, जीवन प्रत्याशा, अमर्त्य सेन।
- अंतर्राष्ट्रीय कोटिक्रम
- पर्यावरणीय अर्थशास्त्र
- पाकिस्तान में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
- भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
- भारतीय खोज
प्रति व्यक्ति आय
प्रति व्यक्ति आय उस आय को कहा जाता है जब किसी देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद को जब उस देश की उस वर्ष की मध्यावधि तिथि (१ जुलाई) की जनसंख्या से विभाजित किया जाता है। यह हमें उस देश के निवासियों को प्राप्त होने वाली औसत आय की मौद्रिक जानकारी देता है। अर्थात यह बताता है की उस देश में उत्पन्न होने वाली धनराशि को यदि बाँटा जाए तो सबके भाग में कितना पहुँचेगा। इसका उपयोग किसी देश के भीतर भी विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों, नगरों, या राज्यों इत्यादि के जीवन स्तर का अनुमान लगाने के लिए भी किया जाता है। उदाहरण के लिए २००९ में दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक है, २००९ की डालर विनिमय दर के अनुसार लगभग १,२०० $। .
देखें मानव विकास सूचकांक और प्रति व्यक्ति आय
शिक्षा
अफगानिस्तान के एक विद्यालय में वृक्ष के नीचे पढ़ते बच्चे शिक्षा में ज्ञान, उचित आचरण और तकनीकी दक्षता, शिक्षण और विद्या प्राप्ति आदि समाविष्ट हैं। इस प्रकार यह कौशलों (skills), व्यापारों या व्यवसायों एवं मानसिक, नैतिक और सौन्दर्यविषयक के उत्कर्ष पर केंद्रित है। शिक्षा, समाज की एक पीढ़ी द्वारा अपने से निचली पीढ़ी को अपने ज्ञान के हस्तांतरण का प्रयास है। इस विचार से शिक्षा एक संस्था के रूप में काम करती है, जो व्यक्ति विशेष को समाज से जोड़ने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है तथा समाज की संस्कृति की निरंतरता को बनाए रखती है। बच्चा शिक्षा द्वारा समाज के आधारभूत नियमों, व्यवस्थाओं, समाज के प्रतिमानों एवं मूल्यों को सीखता है। बच्चा समाज से तभी जुड़ पाता है जब वह उस समाज विशेष के इतिहास से अभिमुख होता है। शिक्षा व्यक्ति की अंतर्निहित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्त्व का विकसित करने वाली प्रक्रिया है। यही प्रक्रिया उसे समाज में एक वयस्क की भूमिका निभाने के लिए समाजीकृत करती है तथा समाज के सदस्य एवं एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए व्यक्ति को आवश्यक ज्ञान तथा कौशल उपलब्ध कराती है। शिक्षा शब्द संस्कृत भाषा की ‘शिक्ष्’ धातु में ‘अ’ प्रत्यय लगाने से बना है। ‘शिक्ष्’ का अर्थ है सीखना और सिखाना। ‘शिक्षा’ शब्द का अर्थ हुआ सीखने-सिखाने की क्रिया। जब हम शिक्षा शब्द के प्रयोग को देखते हैं तो मोटे तौर पर यह दो रूपों में प्रयोग में लाया जाता है, व्यापक रूप में तथा संकुचित रूप में। व्यापक अर्थ में शिक्षा किसी समाज में सदैव चलने वाली सोद्देश्य सामाजिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा मनुष्य की जन्मजात शक्तियों का विकास, उसके ज्ञान एवं कौशल में वृद्धि एवं व्यवहार में परिवर्तन किया जाता है और इस प्रकार उसे सभ्य, सुसंस्कृत एवं योग्य नागरिक बनाया जाता है। मनुष्य क्षण-प्रतिक्षण नए-नए अनुभव प्राप्त करता है व करवाता है, जिससे उसका दिन-प्रतिदन का व्यवहार प्रभावित होता है। उसका यह सीखना-सिखाना विभिन्न समूहों, उत्सवों, पत्र-पत्रिकाओं, दूरदर्शन आदि से अनौपचारिक रूप से होता है। यही सीखना-सिखाना शिक्षा के व्यापक तथा विस्तृत रूप में आते हैं। संकुचित अर्थ में शिक्षा किसी समाज में एक निश्चित समय तथा निश्चित स्थानों (विद्यालय, महाविद्यालय) में सुनियोजित ढंग से चलने वाली एक सोद्देश्य सामाजिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा छात्र निश्चित पाठ्यक्रम को पढ़कर अनेक परीक्षाओं को उत्तीर्ण करना सीखता है। शिक्षा एक गतिशील प्रकिया है निखिल .
देखें मानव विकास सूचकांक और शिक्षा
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) एक संयुक्त राष्ट्र संघ का वैश्विक विकास कार्यक्रम है। यह गरीबी कम करने, आधारभूत ढाँचे के विकास और प्रजातांत्रिक प्रशासन को प्रोत्साहित करने का काम करता है संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक विकास नेटवर्क है न्यूयॉर्क शहर में मुख्यालय, यूएनडीपी परिवर्तन के लिए अधिवक्ताओं और लोगों को बेहतर जीवन बनाने में मदद करने के लिए ज्ञान, अनुभव और संसाधनों को जोड़ता है .
देखें मानव विकास सूचकांक और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम
सकल राष्ट्रीय आय
किसी देश की उत्पादन व्यवस्था से अंतिम उपभोक्ता के हाथों में जाने वाली वस्तुओं या देश के पूँजीगत साधनों के विशुद्ध जोड़ को ही राष्ट्रीय आय कहते हैं। किसी देश के नागरिकों का सकल घरेलू एवं विदेशी आउटपुट सकल राष्ट्रीय आय (gross national income (GNI)) कहलाता है। श्रेणी:राष्ट्रीय लेखे.
देखें मानव विकास सूचकांक और सकल राष्ट्रीय आय
जीवन प्रत्याशा
जीवन प्रत्याशा एक दी गयी उम्र के बाद जीवन में शेष बचे वर्षों की औसत संख्या है। यह एक व्यक्ति के औसत जीवनकाल का अनुमान है। जीवन प्रत्याशा इसकी गणना के इस मानदंड कि किस समूह का चयन किया जाता है पर बहुत अधिक निर्भर करती है। उच्च शिशु मृत्यु दर वाले देशों में जन्म के समय जीवन प्रत्याशा जीवन के पहले कुछ वर्षों में होने वाली उच्च मृत्यु की दर के प्रति अति संवेदनशील होती है। इन मामलों में, जीवन प्रत्याशा की गणना के लिए अन्य उपाय है कि इसे पाँच वर्ष की उम्र से मापा जाये जिससे शिशु मृत्यु दर के प्रभाव को अलग कर अन्य कारणों से हुई मौत के कारणों को उजागर किया जा सके। .
देखें मानव विकास सूचकांक और जीवन प्रत्याशा
अमर्त्य सेन
(बी.ए.)ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज,(बी.ए., एम.ए., पी.एच.डी.) | field .
देखें मानव विकास सूचकांक और अमर्त्य सेन
यह भी देखें
अंतर्राष्ट्रीय कोटिक्रम
- आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक
- क्षेत्रफल के अनुसार देशों की सूची
- मानव विकास सूचकांक
- वैश्विक शासन सूचक
पर्यावरणीय अर्थशास्त्र
- चक्रीय अर्थव्यवस्था
- जल दुर्लभता
- मानव विकास सूचकांक
पाकिस्तान में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
- अंतरिक्ष और ऊपरी वायुमंडल अनुसंधान आयोग
- अब्दुस सलाम
- मानव विकास सूचकांक
भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
- एर्नेट
- केन्द्रीय खान योजना एवं डिजाइन संस्थान
- भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- भारत में संचार
- भारतीय आविष्कारों की सूची
- भारतीय गणित
- भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी
- मानव विकास सूचकांक
- राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला, भारत
- राष्ट्रीय विज्ञान दिवस
- लीलावती
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (भारत)
- सिद्धान्त शिरोमणि
- २जी स्पेक्ट्रम मामला
भारतीय खोज
- अत्यधिक उच्चावृत्ति (EHF)
- इंसुलेटेड गेट बाईपोलर ट्रांजिस्टर
- इनस्क्रिप्ट
- इस्पात निर्माण
- कसौटी
- कैरम
- कैलिको
- क्रिया योग
- क्रेस्कोग्राफ
- चक्रम्
- चतुरंग
- चरखा
- छींट
- ठोस ईंधन रॉकेट
- ढोल
- तुरही
- तुला
- पहलवानी
- बावड़ी
- भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- भारतीय अंक प्रणाली
- भारतीय आविष्कारों की सूची
- भारतीय वाद्य यंत्र
- मानव विकास सूचकांक
- मूषा इस्पात
- योग
- रकाब
- विक्रम संवत
- वीणा
- वुट्ज इस्पात
- शर्करा
- शाल
- शास्त्रीय संगीत
- शून्य
- शैंपू
- सरस्वती लिपि
- सांपसीढ़ी (खेल)
- सिंप्यूटर
- सितार
- सिद्ध चिकित्सा
- स्तूप
- हिन्दू पंचांग
- हुक़्क़ा