सामग्री की तालिका
5 संबंधों: त्वरक-चालित उपक्रांतिक रिएक्टर, न्यूट्रॉन, रैखिक कण त्वरक, समुत्खण्डन, कण त्वरक।
- अतिचालकता
- नाभिकीय भौतिकी
- प्रकीर्णन
त्वरक-चालित उपक्रांतिक रिएक्टर
त्वरक-चालित उपक्रांतिक रिएक्टर (accelerator-driven subcritical reactor) नाभिकीय भट्ठियों को कहते हैं जिनमें उपयोग आने वाले कुल न्यूट्रानों की एक अच्छी-खासी मात्रा (लगभग ५%) किसी उच्च ऊर्जा वाले प्रोटॉन त्वरक से आती है। ऐसे रिएक्टर, थोरियम को नाभिकीय ईंधन के रूप में प्रयोग करेंगे जो यूरेनियम और प्लूटोनियम की अपेक्षा अधिक मात्रा में उपलब्ध है। .
देखें समुत्खण्डन न्यूट्रॉन स्रोत और त्वरक-चालित उपक्रांतिक रिएक्टर
न्यूट्रॉन
न्यूट्रॉन एक आवेश रहित मूलभूत कण है, जो परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन के साथ पाये जाते हैं। जेम्स चेडविक ने इनकी खोज की थी। इसे n प्रतीक चिन्ह द्वारा दर्शाया जाता है। श्रेणी:भौतिकी श्रेणी:भौतिक शब्दावली श्रेणी:रसायन शास्त्र.
देखें समुत्खण्डन न्यूट्रॉन स्रोत और न्यूट्रॉन
रैखिक कण त्वरक
जापान के केक (KEK) नामक कण-त्वरक सुविधा में प्रयुक्त एक रैखिक कण त्वरक वे कण त्वरक रैखिक कण त्वरक (linear particle accelerator) या लिनैक (linac) कहलाते हैं जो आवेशित कणों को सीधी रेखा में (बिना मोड़े) त्वरित करते हैं। टीवी (पिक्चर ट्यूब वाली टीवी) सरलतम रैखिक त्वरक है जो ट्यूब के पिछले सिरे पर स्थित कैथोड से उत्सर्जित एलेक्ट्रॉनों की वेग वृद्धि करके अधिक तेजी से पर्दे पर टकराने में मदद करता है। रैखिक कण त्वरक का आविष्कार सन् १९२८ में रॉल्फ विडेरो (Rolf Widerøe) ने किया था। .
देखें समुत्खण्डन न्यूट्रॉन स्रोत और रैखिक कण त्वरक
समुत्खण्डन
किसी पिण्ड पर किसी दूसरे पिण्ड द्वारा आघात करने से पहले पिण्ड के कुछ छोटे टुकड़े अलग होकर निकलने की प्रक्रिया समुत्खण्डन या स्पालेशन (Spallation) कहलाती है। श्रेणी:नाभिकीय प्रौद्योगिकी.
देखें समुत्खण्डन न्यूट्रॉन स्रोत और समुत्खण्डन
कण त्वरक
'''इन्डस-२''': भारत (इन्दौर) का 2.5GeV सिन्क्रोट्रान विकिरण स्रोत (SRS) कण-त्वरक एसी मशीन है जिसके द्वारा आवेशित कणों की गतिज ऊर्जा बढाई जाती हैं। यह एक ऐसी युक्ति है, जो किसी आवेशित कण (जैसे इलेक्ट्रान, प्रोटान, अल्फा कण आदि) का वेग बढ़ाने (या त्वरित करने) के काम में आती हैं। वेग बढ़ाने (और इस प्रकार ऊर्जा बढाने) के लिये वैद्युत क्षेत्र का प्रयोग किया जाता है, जबकि आवेशित कणों को मोड़ने एवं फोकस करने के लिये चुम्बकीय क्षेत्र का प्रयोग किया जाता है। त्वरित किये जाने वाले आवेशित कणों के समूह या किरण-पुंज (बीम) धातु या सिरैमिक के एक पाइप से होकर गुजरती है, जिसमे निर्वात बनाकर रखना पड़ता है ताकि आवेशित कण किसी अन्य अणु से टकराकर नष्ट न हो जायें। टीवी आदि में प्रयुक्त कैथोड किरण ट्यूब (CRT) भी एक अति साधारण कण-त्वरक ही है। जबकि लार्ज हैड्रान कोलाइडर विश्व का सबसे विशाल और शक्तिशाली कण त्वरक है। कण त्वरकों का महत्व इतना है कि उन्हें 'अनुसंधान का यंत्र' (इंजन्स ऑफ डिस्कवरी) कहा जाता है। .
देखें समुत्खण्डन न्यूट्रॉन स्रोत और कण त्वरक
यह भी देखें
अतिचालकता
- अतिचालक चुम्बक
- अतिचालक रेडियो आवृत्ति
- अतिचालकता
- अतिचालकों का वर्गीकरण
- अलेक्से ए अब्रिकोसोव
- माइसनर प्रभाव
- लीयों नील कूपर
- वितली गिन्ज़बर्ग
- समुत्खण्डन न्यूट्रॉन स्रोत
नाभिकीय भौतिकी
- X (आवेश)
- अनुप्रस्थ परिच्छेद (भौतिकी)
- अल्फा क्षय
- उच्च ऊर्जा नाभिकीय भौतिकी
- उत्सर्जन वर्णक्रम
- कृत्रिम तत्वान्तरण
- कोपरनिसियम
- गामा किरण
- ग्रे (इकाई)
- ट्रांसयूरेनिक
- दहन ऊष्मा
- दुर्बल हाइपर आवेश
- नाभिकीय अभिक्रिया
- नाभिकीय बल
- नाभिकीय भौतिकी
- नाभिकीय विस्फोट
- नाभिकीय विस्फोट के परिणाम
- नाभिकीय शृंखला अभिक्रिया
- नाभिकीय संलयन
- न्यूट्रॉन उत्सर्जन
- परमाणु क्रमांक
- परमाणु नाभिक
- पारऐक्टिनाइड
- प्रकीर्णन
- प्रबल अन्योन्य क्रिया
- प्रोटॉन उत्सर्जन
- बीटा क्षय
- बेरिऑन संख्या
- विकिरण समस्थानिक
- विकिरण सुरक्षा
- विखण्डन
- समता (भौतिकी)
- समभारिक प्रचक्रण
- समस्थानिक
- समुत्खण्डन न्यूट्रॉन स्रोत
- स्टेल्लर नाभिकीय संश्लेषण
- हैड्रॉन