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प्रकाशिकी
दर्पणो से प्रकाश के परिवर्तन प्रकाशिकी का विषय है। प्रकाश का अध्ययन भी दो खंडों में किया जाता है। पहला खंड, ज्यामितीय प्रकाशिकी, प्रकाश किरण की संकल्पना पर आधृत है। दर्पणों से प्रकाश का परार्वतन और लेंसों तथा प्रिज्मों से प्रकाश का अपवर्तन, ज्यामितीय प्रकाशिकी के विषय है। सूक्ष्मदर्शी, दूरदर्शी, फोटोग्राफी कैमरा तथा अन्य उपयोगी प्रकाशिकी यंत्रों की क्रियाविधि ज्यामितीय प्रकाशिकी के नियमों पर ही आधृत है। प्रकाशिकी का दूसरा खंड भौतिक प्रकाशिकी है। इसमें प्रकाश की मूल प्रकृति तथा प्रकाश और द्रव्य की पारस्परिक क्रिया का अध्ययन किया जाता है। प्रकाश सूक्ष्म कणों का संचार है, ऐसा मानकर न्यूटन ने ज्यामितीय प्रकाशिकी के मुख्य परिणामों की व्याख्या की। पर 19वीं शताब्दी में प्रकाश के व्यतिकरण की घटनाओं का आविष्कार हुआ। इन क्रियाओं की व्याख्या कणिका सिद्धांत से संभव नहीं है, अत: बाध्य होकर यह मानना पड़ा कि प्रकाश तरंगसंचार ही है। ऊपर वर्णित मैक्सवेल के विद्युतचुंबकीय सिद्धांत ने प्रकाश के तरंग सिद्धांत को ठोस आधार दिया। भौतिक प्रकाशिकी का एक महत्वपूर्ण भाग * श्रेणी:प्राकृतिक दर्शन श्रेणी:विद्युतचुंबकीय विकिरण.
देखें लैम्बर्ट का कोज्या नियम और प्रकाशिकी
यह भी देखें
त्रिआयामी कंप्यूटर ग्राफ़िक्स
- ठोस प्रतिमन
- त्रिविम प्रक्षेप
- लैम्बर्ट का कोज्या नियम
- शीर्ष (ज्यामिति)
- ३डी मॉडलिंग
प्रकाशमिति
- चमक
- दीप्त तीव्रता
- प्रकाशमिति
- फ़ोटोमीटर
- लैम्बर्ट का कोज्या नियम
प्रकीर्णन
- अनुप्रस्थ परिच्छेद (भौतिकी)
- अवमंदक विकिरण
- इलेक्ट्रान विवर्तन
- उत्सर्जन वर्णक्रम
- टिण्डल प्रभाव
- नाभिकीय प्रायिकता क्षेत्र
- प्रकीर्णन
- लैम्बर्ट का कोज्या नियम
- समुत्खण्डन न्यूट्रॉन स्रोत
रेडियोमिति
- उत्तापमापी
- प्रकाशानुपात
- रेडियोमिति
- लैम्बर्ट का कोज्या नियम
- विकिरण ऊर्जा
- विकिरण फ़्लक्स