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गामा किरण

सूची गामा किरण

गामा किरण (γ-किरण) एक प्रकार का विद्युत चुम्बकीय विकिरण या फोटॉन हैं, जो परमाणु-नाभिक के रेडियोसक्रिय क्षय से उत्पन्न होता है। गामा किरणों के फोटॉनों की ऊर्जा अब तक प्रेक्षित अन्य सभी फोटॉनों की ऊर्जा से अधिक होती है। सन १९०० में फ्रांस के भौतिकशास्त्री पॉल विलार्ड ने इसकी खोज की थी जब वे रेडियम से निकलने वाले विकिरण का अध्ययन कर रहे थे। जब परमाणु का नाभिक एक उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न ऊर्जा स्तर पर क्ष्यित होता है तो इस प्रक्रिया में गामा किरणें निकली हैं। इस प्रक्रिया को गामा-क्षय (gamma decay) कहा जाता है। अपने ऊँचे ऊर्जा स्तर के कारण, जैविक कोशिका द्वारा सोख लिए जाने पर अत्यंत नुकसान पहुँचा सकती हैं। .

14 संबंधों: ऊर्जा, प्रायिकता, प्रकाश-विद्युत प्रभाव, फ़ोटोन, ब्रह्माण्ड, रेडियम, रेडियोसक्रियता, सेंसर, घनत्व, विद्युतचुंबकीय विकिरण, कर्कट रोग, किरणन, कॉम्पटन प्रभाव, अनुप्रस्थ परिच्छेद (भौतिकी)

ऊर्जा

दीप्तिमान (प्रकाश) ऊर्जा छोड़ता हैं। भौतिकी में, ऊर्जा वस्तुओं का एक गुण है, जो अन्य वस्तुओं को स्थानांतरित किया जा सकता है या विभिन्न रूपों में रूपांतरित किया जा सकता हैं। किसी भी कार्यकर्ता के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा (Energy) कहते हैं। ऊँचाई से गिरते हुए जल में ऊर्जा है क्योंकि उससे एक पहिये को घुमाया जा सकता है जिससे बिजली पैदा की जा सकती है। ऊर्जा की सरल परिभाषा देना कठिन है। ऊर्जा वस्तु नहीं है। इसको हम देख नहीं सकते, यह कोई जगह नहीं घेरती, न इसकी कोई छाया ही पड़ती है। संक्षेप में, अन्य वस्तुओं की भाँति यह द्रव्य नहीं है, यद्यापि बहुधा द्रव्य से इसका घनिष्ठ संबंध रहता है। फिर भी इसका अस्तित्व उतना ही वास्तविक है जितना किसी अन्य वस्तु का और इस कारण कि किसी पिंड समुदाय में, जिसके ऊपर किसी बाहरी बल का प्रभाव नहीं रहता, इसकी मात्रा में कमी बेशी नहीं होती। .

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प्रायिकता

किसी घटना के होने की सम्भावना (likelihood or chance) को प्रायिकता या संभाव्यता (Probability) कहते हैं। सांख्यिकी, गणित, विज्ञान, दर्शनशास्त्र आदि क्षेत्रों में इसका बहुतायत से प्रयोग होता है। .

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प्रकाश-विद्युत प्रभाव

किसी धातु के प्लेट से एलेक्ट्रानों का उत्सर्जन प्रकाशविद्युत प्रभाव का अध्ययन करने के लिये प्रयोग। इसमें प्रकाश स्रोत एक पतली आवृत्ति बैण्ड वाला (लगभग एकवर्णी) लेते हैं। इस प्रकाश को कैथोड पर डालते हैं जो निर्वात में स्थित है। एनोड और कैथोड के बीच विभवान्तर से यह निर्धारित हो जाता है कि कैथोड से उत्सर्जित वे ही इलेक्ट्रान एनोड तक आ पायेंगे जिनके पास निकलते समय eV से अधिक गतिज ऊर्जा होगी। धारा की मात्रा (μA), प्राप्त इलेक्ट्रानों की संख्या के समानुपाती होगी। जब कोई पदार्थ (धातु एवं अधातु ठोस, द्रव एवं गैसें) किसी विद्युतचुम्बकीय विकिरण (जैसे एक्स-रे, दृष्य प्रकाश आदि) से उर्जा शोषित करने के बाद इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करता है तो इसे प्रकाश विद्युत प्रभाव (photoelectric effect) कहते हैं। इस क्रिया में जो एलेक्ट्रान निकलते हैं उन्हें "प्रकाश-इलेक्ट्रॉन" (photoelectrons) कहते हैं। सन 1887 मे एच.

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फ़ोटोन

एक लेसर में प्रसारित होते कलासम्बद्ध प्रकाश के फ़ोटोन भौतिकी में फ़ोटोन या प्रकाशाणु प्रकाश और अन्य विद्युतचुंबकीय विकिरण (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन) के मूलभूत कण को बोला जाता है। फ़ोटोन का द्रव्यमान (और भार) शून्य होता है। सारे मूलभूत कणों की तरह फ़ोटोन भी तरंग-कण द्विरूप दर्शाते हैं, यानी उनमें तरंग और कण दोनों की ही प्रवृत्ति होती है। फोटोन का आधुनिक रूप "अलबर्ट आईंस्टाईन" ने अपने प्रयोगों द्वारा दिया जो कि प्रकाश के तरंग रूप की ब्याख्या नहीं कर सका। .

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ब्रह्माण्ड

ब्रह्माण्ड सम्पूर्ण समय और अंतरिक्ष और उसकी अंतर्वस्तु को कहते हैं। ब्रह्माण्ड में सभी ग्रह, तारे, गैलेक्सिया, गैलेक्सियों के बीच के अंतरिक्ष की अंतर्वस्तु, अपरमाणविक कण, और सारा पदार्थ और सारी ऊर्जा शामिल है। अवलोकन योग्य ब्रह्माण्ड का व्यास वर्तमान में लगभग 28 अरब पारसैक (91 अरब प्रकाश-वर्ष) है। पूरे ब्रह्माण्ड का व्यास अज्ञात है, और ये अनंत हो सकता है। .

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रेडियम

रेडियम एक रासायनिक तत्त्व है। श्रेणी:रेडियम श्रेणी:क्षारीय पार्थिव धातु श्रेणी:रासायनिक तत्व.

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रेडियोसक्रियता

अल्फा, बीटा और गामा विकिरण की भेदन क्षमता अलग-अलग होती है। रेडियोसक्रियता (रेडियोऐक्टिविटी / radioactivity) या रेडियोधर्मिता वह प्रकिया होती है जिसमें एक अस्थिर परमाणु अपने नाभिक (न्यूक्लियस) से आयनकारी विकिरण (ionizing radiation) के रूप में ऊर्जा फेंकता है। ऐसे पदार्थ जो स्वयं ही ऐसी ऊर्जा निकालते हों विकिरणशील या रेडियोधर्मी कहलाते हैं। यह विकिरण अल्फा कण (alpha particles), बीटा कण (beta particle), गामा किरण (gamma rays) और इलेक्ट्रॉनों के रूप में होती है। ऐसे पदार्थ जिनकी परमाण्विक नाभी स्थिर नहीं होती और जो निश्चित मात्रा में आवेशित कणों को छोड़ते हैं, रेडियोधर्मी (रेडियोऐक्टिव) कहलाते हैं। .

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सेंसर

हाल प्रभाव पर आधारित सेंसर सेंसर (संवेदक) एक ऐसा उपकरण है जो किसी भौतिक राशि को मापने का कार्य करता है तथा इसे एक ऐसे संकेत में परिवर्तित कर देता है जिसे किसी पर्यवेक्षक या यंत्र द्वारा पढ़ा जा सकता है। उदाहरणस्वरूप, एक पारे से भरा कांच का थर्मामीटर मापित तापमान को एक तरल पदार्थ के विस्तार तथा संकुचन में परिवर्तित कर देता है जिसे एक अंशांकित कांच की नली पर पढ़ा जा सकता है। एक थर्मोकपल तापमान को एक आउटपुट वोल्टेज में परिवर्तित कर देता है जिसे एक वोल्टमीटर द्वारा पढ़ा जा सकता है। सटीकता की दृष्टि से, सभी सेंसरों को ज्ञात मानकों के अनुरूप अंशांकित करने की आवश्यकता है। .

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घनत्व

भौतिकी में किसी पदार्थ के इकाई आयतन में निहित द्रव्यमान को उस पदार्थ का घनत्व (डेंसिटी) कहते हैं। इसे ρ या d से निरूपित करते हैं। अर्थात अतः घनत्व किसी पदार्थ के घनेपन की माप है। यह इंगित करता है कि कोई पदार्थ कितनी अच्छी तरह सजाया हुआ है। इसकी इकाई किग्रा प्रति घन मीटर होती है। .

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विद्युतचुंबकीय विकिरण

विद्युतचुंबकीय तरंगों का दृष्यात्मक निरूपण विद्युत चुंबकीय विकिरण शून्य (स्पेस) एवं अन्य माध्यमों से स्वयं-प्रसारित तरंग होती है। इसे प्रकाश भी कहा जाता है किन्तु वास्तव में प्रकाश, विद्युतचुंबकीय विकिरण का एक छोटा सा भाग है। दृष्य प्रकाश, एक्स-किरण, गामा-किरण, रेडियो तरंगे आदि सभी विद्युतचुंबकीय तरंगे हैं। .

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कर्कट रोग

कर्कट (चिकित्सकीय पद: दुर्दम नववृद्धि) रोगों का एक वर्ग है जिसमें कोशिकाओं का एक समूह अनियंत्रित वृद्धि (सामान्य सीमा से अधिक विभाजन), रोग आक्रमण (आस-पास के उतकों का विनाश और उन पर आक्रमण) और कभी कभी अपररूपांतरण अथवा मेटास्टैसिस (लसिका या रक्त के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फ़ैल जाता है) प्रदर्शित करता है। कर्कट के ये तीन दुर्दम लक्षण इसे सौम्य गाँठ (ट्यूमर या अबुर्द) से विभेदित करते हैं, जो स्वयं सीमित हैं, आक्रामक नहीं हैं या अपररूपांतरण प्रर्दशित नहीं करते हैं। अधिकांश कर्कट एक गाँठ या अबुर्द (ट्यूमर) बनाते हैं, लेकिन कुछ, जैसे रक्त कर्कट (श्वेतरक्तता) गाँठ नहीं बनाता है। चिकित्सा की वह शाखा जो कर्कट के अध्ययन, निदान, उपचार और रोकथाम से सम्बंधित है, ऑन्कोलॉजी या अर्बुदविज्ञान कहलाती है। कर्कट सभी उम्र के लोगों को, यहाँ तक कि भ्रूण को भी प्रभावित कर सकता है, लेकिन अधिकांश किस्मों का जोखिम उम्र के साथ बढ़ता है। कर्कट में से १३% का कारण है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, २००७ के दौरान पूरे विश्व में ७६ लाख लोगों की मृत्यु कर्कट के कारण हुई। कर्कट सभी जानवरों को प्रभावित कर सकता है। लगभग सभी कर्कट रूपांतरित कोशिकाओं के आनुवंशिक पदार्थ में असामान्यताओं के कारण होते हैं। ये असामान्यताएं कार्सिनोजन या का कर्कटजन (कर्कट पैदा करने वाले कारक) के कारण हो सकती हैं जैसे तम्बाकू धूम्रपान, विकिरण, रसायन, या संक्रामक कारक.

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किरणन

किसी पदार्थ पर विकिरण डालना उस पदार्थ का किरणन (Irradiation) कहलाता है। .

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कॉम्पटन प्रभाव

काम्प्टन प्रभाव कॉम्पटन प्रभाव उच्च आवृत्ति के विद्युतचुंबकीय विकिरण (अर्थात फोटॉन) की पदार्थ के साथ वह अंत:क्रिया (इंटरऐक्शन) है जिसमें मुक्त इलेक्ट्रानों से प्रकीर्ण (स्कैटर) होकर फ़ोटान की ऊर्जा में ह्रास हो जाता है और उनके तरंग आयाम में वृद्धि हो जाती है। प्रकीर्णित विकिरण की तरंगदैर्घ्य केवल प्रकीर्णन के कोण पर निर्भर करती है। कॉम्प्टन प्रभाव के स्पष्टीकरण के लिए 1923 ई. में कांपटन और डेबाई ने स्वतंत्र रूप से यह धारणा अपनाई कि किसी दिशा में चलते हुए फ़ोटान में जो ऊर्जा/संवेग होता है उनका कुल या केवल थोड़ा सा भाग पर दे सकता है। इससे प्रकीर्ण फ़ोटान की ऊर्जा (E.

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अनुप्रस्थ परिच्छेद (भौतिकी)

अनुप्रस्थ परिच्छेद का सरल निरूपण विविक्त कणों (discrete particles) वाले किसी लक्ष्य पर कोई किरणपुंज आपतित होता है तो सभी फोटानों का प्रकीर्णन नहीं होता। उस सन्दर्भ में अनुप्रस्थ परिच्छेद वह प्रभावी क्षेत्रफल है जो प्रकीर्णन की प्रायिकता बताता है। इसकी ईकाई क्षेत्रफल की ईकाई ही होती है (जैसे 'वर्ग मीटर')। किन्तु यह व्यावहारिक ईकाई नहीं है। इसकी व्यावहारिक इकाई बार्न (barn (b)) है तथा 1 b .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

गामा प्रकाश, गामा विकिरण

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