सामग्री की तालिका
5 संबंधों: भौतिक शास्त्र, रसायन विज्ञान, आदर्श गैस, आंशिक दाब, अणु-अंश।
- अभियान्त्रिक ऊष्मागतिकी
- गैसों के नियम
- भौतिक रसायन
भौतिक शास्त्र
भौतिकी के अन्तर्गत बहुत से प्राकृतिक विज्ञान आते हैं भौतिक शास्त्र अथवा भौतिकी, प्रकृति विज्ञान की एक विशाल शाखा है। भौतिकी को परिभाषित करना कठिन है। कुछ विद्वानों के मतानुसार यह ऊर्जा विषयक विज्ञान है और इसमें ऊर्जा के रूपांतरण तथा उसके द्रव्य संबन्धों की विवेचना की जाती है। इसके द्वारा प्राकृत जगत और उसकी आन्तरिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। स्थान, काल, गति, द्रव्य, विद्युत, प्रकाश, ऊष्मा तथा ध्वनि इत्यादि अनेक विषय इसकी परिधि में आते हैं। यह विज्ञान का एक प्रमुख विभाग है। इसके सिद्धांत समूचे विज्ञान में मान्य हैं और विज्ञान के प्रत्येक अंग में लागू होते हैं। इसका क्षेत्र विस्तृत है और इसकी सीमा निर्धारित करना अति दुष्कर है। सभी वैज्ञानिक विषय अल्पाधिक मात्रा में इसके अंतर्गत आ जाते हैं। विज्ञान की अन्य शाखायें या तो सीधे ही भौतिक पर आधारित हैं, अथवा इनके तथ्यों को इसके मूल सिद्धांतों से संबद्ध करने का प्रयत्न किया जाता है। भौतिकी का महत्व इसलिये भी अधिक है कि अभियांत्रिकी तथा शिल्पविज्ञान की जन्मदात्री होने के नाते यह इस युग के अखिल सामाजिक एवं आर्थिक विकास की मूल प्रेरक है। बहुत पहले इसको दर्शन शास्त्र का अंग मानकर नैचुरल फिलॉसोफी या प्राकृतिक दर्शनशास्त्र कहते थे, किंतु १८७० ईस्वी के लगभग इसको वर्तमान नाम भौतिकी या फिजिक्स द्वारा संबोधित करने लगे। धीरे-धीरे यह विज्ञान उन्नति करता गया और इस समय तो इसके विकास की तीव्र गति देखकर, अग्रगण्य भौतिक विज्ञानियों को भी आश्चर्य हो रहा है। धीरे-धीरे इससे अनेक महत्वपूर्ण शाखाओं की उत्पत्ति हुई, जैसे रासायनिक भौतिकी, तारा भौतिकी, जीवभौतिकी, भूभौतिकी, नाभिकीय भौतिकी, आकाशीय भौतिकी इत्यादि। भौतिकी का मुख्य सिद्धांत "उर्जा संरक्षण का नियम" है। इसके अनुसार किसी भी द्रव्यसमुदाय की ऊर्जा की मात्रा स्थिर होती है। समुदाय की आंतरिक क्रियाओं द्वारा इस मात्रा को घटाना या बढ़ाना संभव नहीं। ऊर्जा के अनेक रूप होते हैं और उसका रूपांतरण हो सकता है, किंतु उसकी मात्रा में किसी प्रकार परिवर्तन करना संभव नहीं हो सकता। आइंस्टाइन के सापेक्षिकता सिद्धांत के अनुसार द्रव्यमान भी उर्जा में बदला जा सकता है। इस प्रकार ऊर्जा संरक्षण और द्रव्यमान संरक्षण दोनों सिद्धांतों का समन्वय हो जाता है और इस सिद्धांत के द्वारा भौतिकी और रसायन एक दूसरे से संबद्ध हो जाते हैं। .
देखें डाल्टन का नियम और भौतिक शास्त्र
रसायन विज्ञान
300pxरसायनशास्त्र विज्ञान की वह शाखा है जिसमें पदार्थों के संघटन, संरचना, गुणों और रासायनिक प्रतिक्रिया के दौरान इनमें हुए परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है। इसका शाब्दिक विन्यास रस+अयन है जिसका शाब्दिक अर्थ रसों (द्रवों) का अध्ययन है। यह एक भौतिक विज्ञान है जिसमें पदार्थों के परमाणुओं, अणुओं, क्रिस्टलों (रवों) और रासायनिक प्रक्रिया के दौरान मुक्त हुए या प्रयुक्त हुए ऊर्जा का अध्ययन किया जाता है। संक्षेप में रसायन विज्ञान रासायनिक पदार्थों का वैज्ञानिक अध्ययन है। पदार्थों का संघटन परमाणु या उप-परमाण्विक कणों जैसे इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से हुआ है। रसायन विज्ञान को केंद्रीय विज्ञान या आधारभूत विज्ञान भी कहा जाता है क्योंकि यह दूसरे विज्ञानों जैसे, खगोलविज्ञान, भौतिकी, पदार्थ विज्ञान, जीवविज्ञान और भूविज्ञान को जोड़ता है। .
देखें डाल्टन का नियम और रसायन विज्ञान
आदर्श गैस
आदर्श गैस के नियत ताप पर pV आरेख आदर्श गैस एक काल्पनिक सैद्धान्तिक गैस है जिसके कण यादृच्छ गति करने वाले, परस्पर अन्योन्यक्रिया न करने वाले और 'बिन्दुवत' हैं। आदर्श गैस की संकल्पना उपयोगी है क्योंकि आदर्श गैस आदर्श गैस नियम का पालन करती है जो एक सरलीकृत एवं सुविधाजनक समीकरण है। सामान्य परिस्थितियों में (जैसे मानक ताप व दाब पर) अधिकांश वास्तविक गैसें गुणात्मक रूप से आदर्श गैस की भांति ही व्यवहार करतीं हैं। नाइट्रोजन, आक्सीजन, हाइड्रोजन, अक्रिय गैसें और कुछ भारी गैसें जैसे कार्बन डाई आक्साइड आदि को कुछ त्रुटि के साथ आदर्श गैस जैसा माना जा सकता है। प्रायः जितना ही अधिक ताप तथा जितना कम दाब हो, किसी गैस का व्यवहार 'आदर्श गैस' के उतना ही समीप होता हैं। .
देखें डाल्टन का नियम और आदर्श गैस
आंशिक दाब
गैसों के किसी मिश्रण में किसी एक गैस का आंशिक दाब (partial pressure) वह काल्पनिक दाब है जो वह गैस डालती यदि उस बर्तन में उस गैस की वही मात्रा, उसी ताप पर अकेले होती। .
देखें डाल्टन का नियम और आंशिक दाब
अणु-अंश
रसायन विज्ञान में, किसी मिश्रण के किसी अवयव का अणु-अंश (mole fraction या molar fraction; संकेत: x_i) निम्नलिखित प्रकार से पारिभाषित है- जहाँ, तथा, अर्थात सभी अवयवों के अणु-अंशों का योग 1 होता है। .
देखें डाल्टन का नियम और अणु-अंश
यह भी देखें
अभियान्त्रिक ऊष्मागतिकी
- अवस्था समीकरण
- आंशिक दाब
- ऊष्मीय दक्षता
- जूल-टॉमसन प्रभाव
- जेट इंजन
- डाल्टन का नियम
- दहन ऊष्मा
- द्विधातु पट्टी
- पदार्थ की अवस्थाएँ
- प्रावस्था
- मानक ताप एवं दाब
- राउल्ट का नियम
- वान डर वाल्स समीकरण
- वाष्प दाब
- वाष्पशीलता (रसायनिकी)
- हेनरी का नियम
गैसों के नियम
- अवोगाद्रो का नियम
- आंशिक दाब
- आदर्श गैस समीकरण
- गैसों के नियम
- ग्राहम का विसरण का नियम
- चार्ल का नियम
- डाल्टन का नियम
- बॉयल का नियम
- वान डर वाल्स समीकरण
- हेनरी का नियम
भौतिक रसायन
- अपररूपता
- अभिकलनात्मक रसायन
- अवशोषण (रसायनशास्त्र)
- आंशिक दाब
- आयन
- आयनन
- उत्क्रमणीय अभिक्रिया
- ऊष्मारसायन
- ओस्टवाल्ड तनुता नियम
- क्वथनांक उन्नयन
- डाल्टन का नियम
- धातु हाइड्रोजन
- पृष्ठ रसायन
- प्रश्लिष
- फिक के विसरण के नियम
- भौतिक रसायन
- मानक ताप एवं दाब
- मिश्रण
- राउल्ट का नियम
- रासायनिक ध्रुवीयता
- रासायनिक साम्य
- वाष्पशीलता (रसायनिकी)
- वाष्पीकरण
- विद्युत अपघट्य
- विद्युत्-रसायन
- विलयन
- सैद्धान्तिक रसायन
- सौर सेल
- हेनरी का नियम
- हेस नियम
डाल्टन का आंशिक दाब का नियम के रूप में भी जाना जाता है।