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अवस्था समीकरण

सूची अवस्था समीकरण

अवस्था समीकरण हमें कई शेत्रो में सहायक है। अवस्था समीकरण (Equation of state) का तात्पर्य उस गणितीय सूत्र से है जिसके द्वारा किसी समष्टि की अवस्था (स्टेट ऑव ऐग्रिगेशन) में किसी वस्तु के आयतन, दाब और ताप के संबंध का बोध हो। यदि इनमें से दो राशियाँ ज्ञात हों तो तीसरी उन दोनों पर निश्चित प्रकार से निर्भर होगी और उसका मान अवस्था समीकरण से मालूम किया जा सकता है। बायल और चार्ल्स के नियमों सेPV.

2 संबंधों: आदर्श गैस, आदर्श गैस समीकरण

आदर्श गैस

आदर्श गैस के नियत ताप पर pV आरेख आदर्श गैस एक काल्पनिक सैद्धान्तिक गैस है जिसके कण यादृच्छ गति करने वाले, परस्पर अन्योन्यक्रिया न करने वाले और 'बिन्दुवत' हैं। आदर्श गैस की संकल्पना उपयोगी है क्योंकि आदर्श गैस आदर्श गैस नियम का पालन करती है जो एक सरलीकृत एवं सुविधाजनक समीकरण है। सामान्य परिस्थितियों में (जैसे मानक ताप व दाब पर) अधिकांश वास्तविक गैसें गुणात्मक रूप से आदर्श गैस की भांति ही व्यवहार करतीं हैं। नाइट्रोजन, आक्सीजन, हाइड्रोजन, अक्रिय गैसें और कुछ भारी गैसें जैसे कार्बन डाई आक्साइड आदि को कुछ त्रुटि के साथ आदर्श गैस जैसा माना जा सकता है। प्रायः जितना ही अधिक ताप तथा जितना कम दाब हो, किसी गैस का व्यवहार 'आदर्श गैस' के उतना ही समीप होता हैं। .

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आदर्श गैस समीकरण

किसी गैस का '''समतापी प्रक्रम''': अलग-अलग नियत तापों पर गैस के आयतन और दाब के बीच सम्बन्ध आदर्श गैस समीकरण, आदर्श गैस के आयतन, दाब एवं ताप के अन्तर्सम्बन्धों को व्यक्त करने वाला समीकरण है। इसे सर्वप्रथम सन १८३४ में बेन्वायट पॉल एमाइल क्लैपिरोन (Benoît Paul Émile Clapeyron) ने प्रकाशित किया था। आदर्श गैस का समीकरण निम्नवत है: जहाँ सार्वत्रिक गैस नियतांक, R, का मान मापन की विभिन्न इकाइयों में नीचे दिया गया है। |- |R ||.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

दशासमीकरण, अवस्था का समीकरण

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