सामग्री की तालिका
5 संबंधों: परिवार, प्रतिचित्रण, सम्प्रभु राज्य, संगठन, ज्ञान प्रबन्धन।
- जटिल तन्त्र सिद्धान्त
- संगठन सिद्धांत
- समाजशास्त्रीय पारिभाषिकी
- समाजशास्त्रीय सिद्धान्त
- सामाजिक नेटवर्किंग
- सामाजिक प्रणालियाँ
- सामुदायिक निर्माण
- स्वसंगठन
परिवार
सन् 1880 का एक मराठा परिवार परिवार (family) साधारणतया पति, पत्नी और बच्चों के समूह को कहते हैं, किंतु दुनिया के अधिकांश भागों में वह सम्मिलित वासवाले रक्त संबंधियों का समूह है जिसमें विवाह और दत्तक प्रथा द्वारा स्वीकृत व्यक्ति भी सम्मिलित हैं। .
देखें सामाजिक जालक्रम और परिवार
प्रतिचित्रण
गणित एवं इससे संबंधित क्षेत्रों में प्रतिचित्रण (मैपिंग) शब्द का प्रयोग फलन के समानार्थी शब्द जैसा होता है। .
देखें सामाजिक जालक्रम और प्रतिचित्रण
सम्प्रभु राज्य
राष्ट्र कहते हैं, एक जन समूह को, जिनकी एक पहचान होती है, जो कि उन्हें उस राष्ट्र से जोङती है। इस परिभाषा से तात्पर्य है कि वह जन समूह साधारणतः समान भाषा, धर्म, इतिहास, नैतिक आचार, या मूल उद्गम से होता है। ‘राजृ-दीप्तो’ अर्थात ‘राजृ’ धातु से कर्म में ‘ष्ट्रन्’ प्रत्यय करने से संस्कृत में राष्ट्र शब्द बनता है अर्थात विविध संसाधनों से समृद्ध सांस्कृतिक पहचान वाला देश ही एक राष्ट्र होता है | देश शब्द की उत्पत्ति "दिश" यानि दिशा या देशांतर से हुआ जिसका अर्थ भूगोल और सीमाओं से है | देश विभाजनकारी अभिव्यक्ति है जबकि राष्ट्र, जीवंत, सार्वभौमिक, युगांतकारी और हर विविधताओं को समाहित करने की क्षमता रखने वाला एक दर्शन है | सामान्य अर्थों में राष्ट्र शब्द देश का पर्यायवाची बन जाता है, जहाँ कुछ असार्वभौमिक राष्ट्र, जिन्होंने अपनी पहचान जुङने के बाद, पृथक सार्वभौमिकिता बनाए रखी है। एक राष्ट्र कई राज्यों में बँटा हो सकता है तथा वे एक निर्धारित भौगोलिक क्षेत्र में रहते हैं, जिसे राष्ट्र कहा जाता है। देश को अपने रहेने वालों का रक्षा करना है। .
देखें सामाजिक जालक्रम और सम्प्रभु राज्य
संगठन
संगठन (organisation) वह सामाजिक व्यवस्था या युक्ति है जिसका लक्ष्य एक होता है, जो अपने कार्यों की समीक्षा करते हुए स्वयं का नियन्त्रण करती है, तथा अपने पर्यावरण से जिसकी अलग सीमा होती है। संगठन तरह-तरह के हो सकते हैं - सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, सैनिक, व्यावसायिक, वैज्ञानिक आदि। .
देखें सामाजिक जालक्रम और संगठन
ज्ञान प्रबन्धन
ज्ञान प्रबन्धन के अन्तर्गत वे सारे कार्य आते हैं जो संस्थाओं द्वारा ज्ञान को पहचानने, उसके सृजन करने, उसे सम्यक रूप से प्रदर्शित करने, तथा उसके वितरण से सम्बन्ध रखते हैं। .
देखें सामाजिक जालक्रम और ज्ञान प्रबन्धन
यह भी देखें
जटिल तन्त्र सिद्धान्त
- अक्रम सिद्धान्त
- अनपेक्षित परिणाम
- जटिल तंत्र
- तंत्र सिद्धान्त
- पृथ्वी प्रणाली विज्ञान
- सामाजिक जालक्रम
संगठन सिद्धांत
- अफसरशाही
- कार्य अभिकल्पन
- पोस्डकॉर्ब
- संगठन सिद्धान्त
- संगठनात्मक विकास
- संघर्ष
- सहभागी प्रबन्धन
- सामाजिक जालक्रम
समाजशास्त्रीय पारिभाषिकी
- आधुनिकता
- आमूलीकरण
- उत्तरदायित्व
- जनता
- जीवन की गुणवत्ता
- जीवनशैली (समाजविज्ञान)
- परम्परा
- पश्चिमी संस्कृति
- प्रभावक्षेत्र
- विचारधारा
- सत्ता
- समाजशास्त्रीय सिद्धान्त
- सहायक और आंतरिक मूल्य
- सामाजिक
- सामाजिक अपवर्जन
- सामाजिक जालक्रम
- सामाजिक तथ्य
- सामाजिक पूँजी
- सामाजिक प्रथा
- सामाजिक वर्ग
- सामाजिक संरचना
- सामाजिक संविदा
- सामाजीकरण
- सूचना-माध्यमों की पारदर्शिता
- सूचना-समाज
समाजशास्त्रीय सिद्धान्त
- अभिजात सिद्धान्त
- अवव्याख्यावाद
- आधुनिकता के सिद्धान्त
- ऐक्टर-नेटवर्क सिद्धान्त
- औद्योगिक समाज
- तथ्यवाद
- मानव जाति विज्ञान
- मार्क्सवाद
- लिंग
- वैश्विक प्रणाली
- संरचनात्मक प्रकार्यवाद
- संरचनावाद
- समाजशास्त्रीय सिद्धान्त
- सामाजिक चक्र
- सामाजिक जालक्रम
- सामाजिक डार्विनवाद
- सामाजिक संघटन
सामाजिक नेटवर्किंग
- सामाजिक जालक्रम
- सामाजिक नेटवर्किंग सेवाएं
- सामाजिक पूँजी
- सामाजिक मीडिया
- सामाजिक वाणिज्य
सामाजिक प्रणालियाँ
- वर्गविहीन समाज
- संगठनात्मक व्यवहार
- समाज कल्याण
- समानता
- सामंतवाद
- सामाजिक जालक्रम
- सामाजिक संरचना
सामुदायिक निर्माण
- गवरी
- नागरिक समाज
- सामाजिक जालक्रम
- सामाजिक पूँजी
- स्वराज
स्वसंगठन
- आणुविक स्व-संयोजन
- गूगल वेव
- विकि
- सामाजिक जालक्रम
- स्व-एकत्रण
- स्वसंगठन
सामाजिक नेटवर्किंग सेवा, सामाजिक संजाल के रूप में भी जाना जाता है।