सामग्री की तालिका
3 संबंधों: ऊष्णकटिबन्ध, कण्णूर, केरल।
- जलीय पारिस्थितिकी
- जलीय बायोम
- भूमीय बायोम
- मैन्ग्रोव पारिक्षेत्र
- समुद्र-वैज्ञानिक पारिभाषिकी
ऊष्णकटिबन्ध
विश्व मानचित्र अंतर ऊष्ण कटिबंध को लाल पट्टी से दर्शाते हुए। मौसमी क्षेत्र ऊष्णकटिबंध (Tropics) दुनिया का वह कटिबंध है जो भूमध्य रेखा से अक्षांश २३°२६'१६" उत्तर में कर्क रेखा और अक्षांश २३°२६'१६" दक्षिण में मकर रेखा तक सीमित है। यह अक्षांश पृथ्वी के अक्षीय झुकाव (Axial tilt) से संबन्धित है। कर्क और मकर रेखाओं में एक सौर्य वर्ष में एक बार और इनके बीच के पूरे क्षेत्र में एक सौर्य वर्ष में दो बार सूरज ठीक सिर के ऊपर होता है। विश्व की आबादी का एक बड़ा भाग (लगभग ४०%) इस क्षेत्र में रहता है और ऐसा अनुमानित है कि बढ़ती जनसंख्या के कारण यह आबादी और बढ़ती ही जायेगी। यह पृथ्वी का सबसे गर्म क्षेत्र है क्योंकि पृथ्वी के अक्षीय झुकाव के कारण सूर्य की अधिकतम ऊष्मा भूमध्य रेखा और उसके आस-पास के इलाके पर केन्द्रित होती है। .
देखें मैन्ग्रोव और ऊष्णकटिबन्ध
कण्णूर
कन्नूर केरल के उत्तरी सिर में स्थित एक छोटा लेकिन बेहद खूबसूरत तटवर्ती नगर है। शहरी भागदौड़ से परेशान हो चुके पर्यटकों को कन्नूर काफी रास आता है। प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण इस नगर के पश्चिमी तट पर फैले रेत को लक्षद्वीप सागर चूमता है और तट के दूसरी तरफ ऊंचे-ऊंचे ताड़ के पेड़ वातावरण को और मनोरम बनाते हैं। सांस्कृतिक विरासत और कला से संपन्न इस नगर से अनेक किस्से जुड़े हुए हैं। माना जाता है कि राजा सोलोमन का जहाज मंदिर बनवाने हेतु लकड़ियां एकत्रित करने यहीं आया था। यहां की थय्यम नृत्य परंपरा विश्व प्रसिद्ध है। अतीत की याद दिलाती यहां की अनेक इमारतें जैसे मस्जिद, मंदिर और चर्च अपनी कहानी स्वयं कहते प्रतीत होते हैं। .
देखें मैन्ग्रोव और कण्णूर
केरल
केरल (मलयालम: കേരളം, केरळम्) भारत का एक प्रान्त है। इसकी राजधानी तिरुवनन्तपुरम (त्रिवेन्द्रम) है। मलयालम (മലയാളം, मलयाळम्) यहां की मुख्य भाषा है। हिन्दुओं तथा मुसलमानों के अलावा यहां ईसाई भी बड़ी संख्या में रहते हैं। भारत की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर अरब सागर और सह्याद्रि पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य एक खूबसूरत भूभाग स्थित है, जिसे केरल के नाम से जाना जाता है। इस राज्य का क्षेत्रफल 38863 वर्ग किलोमीटर है और यहाँ मलयालम भाषा बोली जाती है। अपनी संस्कृति और भाषा-वैशिष्ट्य के कारण पहचाने जाने वाले भारत के दक्षिण में स्थित चार राज्यों में केरल प्रमुख स्थान रखता है। इसके प्रमुख पड़ोसी राज्य तमिलनाडु और कर्नाटक हैं। पुदुच्चेरी (पांडिचेरि) राज्य का मय्यष़ि (माहि) नाम से जाता जाने वाला भूभाग भी केरल राज्य के अन्तर्गत स्थित है। अरब सागर में स्थित केन्द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप का भी भाषा और संस्कृति की दृष्टि से केरल के साथ अटूट संबन्ध है। स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व केरल में राजाओं की रियासतें थीं। जुलाई 1949 में तिरुवितांकूर और कोच्चिन रियासतों को जोड़कर 'तिरुकोच्चि' राज्य का गठन किया गया। उस समय मलाबार प्रदेश मद्रास राज्य (वर्तमान तमिलनाडु) का एक जिला मात्र था। नवंबर 1956 में तिरुकोच्चि के साथ मलाबार को भी जोड़ा गया और इस तरह वर्तमान केरल की स्थापना हुई। इस प्रकार 'ऐक्य केरलम' के गठन के द्वारा इस भूभाग की जनता की दीर्घकालीन अभिलाषा पूर्ण हुई। * केरल में शिशुओं की मृत्यु दर भारत के राज्यों में सबसे कम है और स्त्रियों की संख्या पुरुषों से अधिक है (2001 की जनगणना के आधार पर)।.
देखें मैन्ग्रोव और केरल
यह भी देखें
जलीय पारिस्थितिकी
- अतल मैदान
- अपवाह
- आर्द्रभूमि
- जल प्रदूषण
- जल भराव
- जल संसाधन
- जलमण्डल
- जलीय परितंत्र
- ज्वारनदीमुख
- झुंड व्यवहार
- थर्मल प्रदूषण
- नदी डेल्टा
- पंक
- पारिस्थितिक जल विज्ञान (इकोहाइड्रोलोजी)
- प्लवक
- मछली
- मछली प्रव्रजन
- मीठा जल
- मैन्ग्रोव
- लवणता
- लवणमृदोद्भिद
- शैवाल फुल्लिका
- समुद्री पठार
- समुद्री बर्फ़
- सरोविज्ञान
- सुपोषण
जलीय बायोम
- पेलैजिक क्षेत्र
- मैन्ग्रोव
भूमीय बायोम
- आर्द्रभूमि
- उष्णकटिबन्धीय एवं उपोष्ण शंकुधारी वन
- उष्णकटिबन्धीय एवं उपोष्ण शुष्क पृथुपर्णी वन
- टुण्ड्रा
- ताइगा
- मरुस्थल और शुष्क क्षुपभूमियाँ
- मैन्ग्रोव
- शीतोष्ण शंकुधारी वन
- समशीतोष्ण पर्णपाती वन
मैन्ग्रोव पारिक्षेत्र
- मैन्ग्रोव
- सुन्दरवन
समुद्र-वैज्ञानिक पारिभाषिकी
- अतल मैदान
- अनूप झील
- खाड़ी
- द्वीप
- द्वीपसमूह
- पेलैजिक क्षेत्र
- प्रवाल शैल-श्रेणी
- प्रवालद्वीप
- प्लवक
- बाधा द्वीप
- बालूतट
- मध्य-महासागर पर्वतमाला
- महासागरीय गर्त
- महासागरीय तरंगे
- महासागरीय द्रोणी
- महासागरीय धारायें
- महासागरीय भूपर्पटी
- मैन्ग्रोव
- संयोजक रोधिका
- समुद्र तल
- समुद्री जीवविज्ञान
- समुद्री पठार
- समुद्री प्रदूषण
- समुद्री बर्फ़
- सागर नितल प्रसरण
- सागरगत ज्वालामुखी
- सागरतट
- सिन्धुपंक
- हिमशैल
मैंग्रोव के रूप में भी जाना जाता है।