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सुपोषण

सूची सुपोषण

किसी जलाशय को पोषक तत्वों से समृद्ध करना सुपोषण (Eutrophication) कहलाता है। सुपोषण की प्रक्रिया में जलाशय में पौधों तथा शैवाल (algae) का विकास होता है। इसके अलावा जल में बायोमास की उपस्थिति के कारण उस जल में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। इसका एक उदाहरण जल में पोषक तत्वों के उच्च स्तर के कारण उसमें 'ब्लूम' पैदा होना है। सुपोषण प्रायः जलीय तन्त्र में फॉस्फेट-युक्त डिटरजेन्टों, उर्वरकों और मलजल के मिलने के कारण उत्पन्न होता है। श्रेणी:जल प्रदूषण.

सामग्री की तालिका

  1. 5 संबंधों: शैवाल, शैवाल फुल्लिका, जैवभार, ऑक्सीजन, उर्वरक

  2. जल प्रदूषण
  3. जलीय पारिस्थितिकी

शैवाल

एक शैवाल लौरेंशिया शैवाल (Algae /एल्गी/एल्जी; एकवचन:एल्गै) सरल सजीव हैं। अधिकांश शैवाल पौधों के समान सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा अपना भोजन स्वंय बनाते हैं अर्थात् स्वपोषी होते हैं। ये एक कोशिकीय से लेकर बहु-कोशिकीय अनेक रूपों में हो सकते हैं, परन्तु पौधों के समान इसमें जड़, पत्तियां इत्यादि रचनाएं नहीं पाई जाती हैं। ये नम भूमि, अलवणीय एवं लवणीय जल, वृक्षों की छाल, नम दीवारों पर हरी, भूरी या कुछ काली परतों के रूप में मिलते हैं। .

देखें सुपोषण और शैवाल

शैवाल फुल्लिका

शुद्ध जल में तेजी से शैवालों का बढ़ना शैवाल फुल्लिका या शैवाल विकसन (algal bloom) कहलाता है। इसके कारण जल का रंग ही बदल जाता है। श्रेणी:जल प्रदूषण en:Algal bloom.

देखें सुपोषण और शैवाल फुल्लिका

जैवभार

पुआल के गट्ठर बायोमास बानाने के काम आते हैं। धान की भूसी को जलाकर ऊर्जा (ऊष्मा) प्राप्त की जा सकती है। Panicum virgatum का उपयोग जैव मात्रा के रूप में किया जाता है। जीवित जीवों अथवा हाल ही में मरे हुए जीवों से प्राप्त पदार्थ जैव मात्रा या जैव संहति या 'बायोमास' (Biomass) कहलाता है। प्रायः यहाँ 'जीव' से आशय 'पौधों' से है। बायोमास ऊर्जा के स्रोत हैं। इन्हें सीधे जलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है या इनको विभिन्न प्रकार के जैव ईंधन में परिवर्तित करने के बाद इस्तेमाल किया जा सकता है। उदाहरण- गन्ने की खोई, धान की भूसी, अनुपयोगी लकड़ी आदि बायोमास को जैव ईंधन के रूप में कई प्रकार से बदला जा सकता है, जिन्हें मोटे तौर पर तीन भागों में बांटा जा सकता है- ऊष्मीय विधियाँ, रासायनिक विधियाँ तथा जैवरासायनिक विधियाँ। .

देखें सुपोषण और जैवभार

ऑक्सीजन

ऑक्सीजन या प्राणवायु या जारक (Oxygen) रंगहीन, स्वादहीन तथा गंधरहित गैस है। इसकी खोज, प्राप्ति अथवा प्रारंभिक अध्ययन में जे.

देखें सुपोषण और ऑक्सीजन

उर्वरक

खाद डालते हुए; खाद एक जैविक उर्वरक है। उर्वरक (Fertilizers) कृषि में उपज बढ़ाने के लिए प्रयुक्त रसायन हैं जो पेड-पौधों की वृद्धि में सहायता के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। पानी में शीघ्र घुलने वाले ये रसायन मिट्टी में या पत्तियों पर छिड़काव करके प्रयुक्त किये जाते हैं। पौधे मिट्टी से जड़ों द्वारा एवं ऊपरी छिड़काव करने पर पत्तियों द्वारा उर्वरकों को अवशोषित कर लेते हैं। उर्वरक, पौधों के लिये आवश्यक तत्वों की तत्काल पूर्ति के साधन हैं लेकिन इनके प्रयोग के कुछ दुष्परिणाम भी हैं। ये लंबे समय तक मिट्टी में बने नहीं रहते हैं। सिंचाई के बाद जल के साथ ये रसायन जमीन के नीचे भौम जलस्तर तक पहुँचकर उसे दूषित करते हैं। मिट्टी में उपस्थित जीवाणुओं और सुक्ष्मजीवों के लिए भी ये घातक साबित होते हैं। इसलिए उर्वरक के विकल्प के रूप में जैविक खाद का प्रयोग तेजी से लोकप्रीय हो रहा है। भारत में रासायनिक खाद का सर्वाधिक प्रयोग पंजाब में होता है। .

देखें सुपोषण और उर्वरक

यह भी देखें

जल प्रदूषण

जलीय पारिस्थितिकी