लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

सिन्धुपंक

सूची सिन्धुपंक

महासागर के गहरे सागरीय मैदान की तली पर पाया जाने वाला निक्षेप सिंधुपंक या निपंक (ooze) कहलाता है। यह मुख्यतः तरल पंक (liquid mud) के रूप में होता है। इसमें अधिकांशतः उन जीवों के अवशेष पाये जाते हैं जो जल के उपरी भाग में रहते हैं। मरने के बाद उनके अवशेषों का निक्षेप महासागरीय तली पर जमा होता रहता है। इसमें ज्वालामुखी धूलि के निक्षेप भी मिलते हैं। टेरापोड सिंधु पंक (pteropod ooze) और ग्लोबिजेरिना सिंधुपंक (globigerina ooze) चूना प्रधान सिंधुपंक के उदाहरण हैं जिनका निर्माण क्रमशः टेरेपाड तथा ग्लोबिजेरिना जीवों के अवशोषों द्वारा होता है और इनमें कैल्सियम की मात्रा क्रमशः 80 प्रतिशत और 65 प्रतिशत पायी जाती है। रेडियो लेरियन सिंधु पंक (radiolarian ooze) और डायटम सिंधुपंक (diatom ooze) सिलिका प्रधान सिंधुपंक हैं जिनका निर्माण रेडियोलेरिया, डायटम तथा फोरामिनिफेरा जीवों के अवशेषों के निक्षेप से होता है। .

2 संबंधों: फोरामिनिफेरा, महासागर

फोरामिनिफेरा

जीवित अमोनियाटेपिडा फोरामिनिफेरा (Foraminifera; /fəˌræməˈnɪfərə/ लैटिन अर्थ- hole bearers, informally called "forams")) अथवा पेट्रोलियम उद्योग का तेल मत्कुण (oil bug), प्रोटोज़ोआ संघ के वर्ग सार्कोडिन के उपवर्ग राइज़ोपोडा का एक गण है। इस गण के अधिकांश प्राणी प्राय: सभी महासागरों और समुद्र में सभी गहराइयों में पाए जाते हैं। इस गण की कुछ जातियाँ अलवण जल में और बहुत कम जातियाँ नम मिट्टी में पाई जाती हैं। अधिकांश फ़ोरैमिनाफ़ेरा के शरीर पर एक आवरण होता है, जिसे चोल या कवच (test or shell) कहते हैं। ये कवच कैल्सीभूत, सिलिकामय, जिलेटिनी अथवा काइटिनी (chitinous) होते हैं, या बालू के कणों, स्पंज कंटिकाओं (spongespicules), त्यक्त कवचों, या अन्य मलवों (debris) के बने होते हैं। कवच का व्यास.०१ मिमी. से लेकर १९० मिमी. तक होता है तथा वे गेंदाकार, अंडाकार, शंक्वाकार, नलीदार, सर्पिल (spiral), या अन्य आकार के होते हैं। कवच के अंदर जीवद्रव्यी पिंड (protoplasmic mass) होता है, जिसमें एक या अनेक केंद्रक होते हैं। कवच एककोष्ठी (unilocular or monothalamus), अथवा श्रेणीबद्ध बहुकोष्ठी (multilocular or polythalmus) और किसी किसी में द्विरूपी (dimorphic) होते हैं। कवच में अनेक सक्षम रध्रों के अतिरिक्त बड़े रंध्र, जिन्हें फ़ोरैमिना (Foramina) कहते हैं, पाए जाते हैं। इन्हीं फोरैमिना के कारण इस गण का नाम फ़ोरैमिनीफ़ेरा (Foraminifera) पड़ा है। फ़ोरैमिनीफ़ेरा प्राणी की जीवित अवस्था में फ़ोरैमिना से होकर लंबे धागे के सदृश पतले और बहुत ही कोमल पादाभ (pseudopoda), जो कभी कभी शाखावत और प्राय: जाल या झिल्ली (web) के समान उलझे होते हैं, बाहर निकलते हैं। वेलापवर्ती (pelagic) फ़ोरैमिनीफ़ेरा के कवच समुद्रतल में जाकर एकत्र हो जाते हैं और हरितकीचड़ की परत, जिसे सिंधुपंक (ooze) कहते हैं, बन जाती है। वर्तमान समुद्री तल का ४,८०,००,००० वर्ग मील क्षेत्र सिंधुपंक से आच्छादित है। बाली द्वीप के सानोर (Sanoer) नामक स्थान में बड़े किस्म के फ़ोरैमिनीफ़ेरा के कवच पगडंडियों और सड़कों पर बिछाने के काम आते हैं। .

नई!!: सिन्धुपंक और फोरामिनिफेरा · और देखें »

महासागर

महासागर जलमंडल का प्रमुख भाग है। यह खारे पानी का विशाल क्षेत्र है। यह पृथ्वी का ७१% भाग अपने आप से ढांके रहता है (लगभग ३६.१ करोड वर्ग b किलोमीटर)| जिसका आधा भाग ३००० मीटर गहरा है। प्रमुख महासागर निम्नलिखित हैं: १ प्रशान्त महासागर (en:Pacific Ocean) २ अन्ध महासागर (en:Atlantic Ocean) ३ उत्तरध्रुवीय महासागर (en:Arctic Ocean) ४ हिन्द महासागर (en:Indian Ocean) ५ दक्षिणध्रुवीय महासागर(en:Antarctic Ocean) महासागर श्रेणी:जलसमूह.

नई!!: सिन्धुपंक और महासागर · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

सिंधुपंक

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »