सामग्री की तालिका
- उत्तर प्रदेश के क्षेत्र
- ऋग्वैदिक जनसमुदाय
- भारत की प्राचीन जातियाँ
- महाजनपद
- महाभारत
- राजस्थान के क्षेत्र
- लौह युगी एशिया के देश
- हिन्दू मान्यता सम्बन्धित स्थान
मथुरा
मथुरा उत्तरप्रदेश प्रान्त का एक जिला है। मथुरा एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। लंबे समय से मथुरा प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का केंद्र रहा है। भारतीय धर्म,दर्शन कला एवं साहित्य के निर्माण तथा विकास में मथुरा का महत्त्वपूर्ण योगदान सदा से रहा है। आज भी महाकवि सूरदास, संगीत के आचार्य स्वामी हरिदास, स्वामी दयानंद के गुरु स्वामी विरजानंद, कवि रसखान आदि महान आत्माओं से इस नगरी का नाम जुड़ा हुआ है। मथुरा को श्रीकृष्ण जन्म भूमि के नाम से भी जाना जाता है। .
देखें सुरसेन और मथुरा
महाजनपद
महाजनपद, प्राचीन भारत में राज्य या प्रशासनिक इकाईयों को कहते थे। उत्तर वैदिक काल में कुछ जनपदों का उल्लेख मिलता है। बौद्ध ग्रंथों में इनका कई बार उल्लेख हुआ है। 6वीं-5वीं शताब्दी ईसापूर्व को प्रारंभिक भारतीय इतिहास में एक प्रमुख मोड़ के रूप में माना जाता है; जहाँ सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के बाद भारत के पहले बड़े शहरों के उदय के साथ-साथ श्रमण आंदोलनों (बौद्ध धर्म और जैन धर्म सहित) का उदय हुआ, जिसने वैदिक काल के धार्मिक कट्टरपंथ को चुनौती दी। पुरातात्विक रूप से, यह अवधि उत्तरी काले पॉलिश वेयर संस्कृति के हिस्सा रहे है। .
देखें सुरसेन और महाजनपद
सुरसेन
सुरसेन प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक था। इसकी राजधानी मथुरा थी। .
देखें सुरसेन और सुरसेन
यह भी देखें
उत्तर प्रदेश के क्षेत्र
- अवध
- कड़ा-मानिकपुर
- कुरु
- दोआब
- पूर्वांचल
- बघेलखंड
- बुन्देलखण्ड
- बृज
- सुरसेन
ऋग्वैदिक जनसमुदाय
- पुरु लोग
- बृज
- भारत लोग (ऋग्वेद)
- मत्स्य
- सुरसेन
भारत की प्राचीन जातियाँ
महाजनपद
- अंग महाजनपद
- अवन्ति
- अश्मक
- कंबोज
- कोशल
- पाञ्चाल
- मगध महाजनपद
- मत्स्य
- मल्ल महाजनपद
- महाजनपद
- लिच्छवि
- वज्जि
- वत्स
- सुरसेन
महाभारत
- अक्षौहिणी
- आदि बद्री (हरियाणा)
- कपल मोचन
- काम्पिल्य
- काशीराम दास
- कुरुक्षेत्र युद्ध
- खस (प्राचीन जाति)
- खाण्डव वन
- गाण्डीव
- ज्योतिसर
- द्वारका
- धर्मयुद्ध
- नैमिषारण्य
- पंडवानी
- पाशुपतास्त्र
- पुरुवश
- बृज
- भगीरथ
- महाभारत
- महाभारत में विभिन्न अवतार
- महाभारततात्पर्यनिर्णय
- यक्ष प्रश्न
- रज़्मनामा
- राजसूय
- वनवास
- विष्णु सहस्रनाम
- व्याधगीता
- श्रीमद्भगवद्गीता
- सर्प सत्र
- सुरसेन
- स्थानेश्वर महादेव मन्दिर
- हरिवंश पर्व
राजस्थान के क्षेत्र
- अहीरवाल
- कुरु
- गोड़वाड़
- ढूंढाड़
- दोआब
- बागड़
- बृज
- मत्स्य
- मरू प्रदेश
- मारवाड़
- मेवाड़
- मेवात
- शेखावाटी
- सुरसेन
- हड़ौती
लौह युगी एशिया के देश
हिन्दू मान्यता सम्बन्धित स्थान
- अंजनेरी
- अलकापुरी
- अशोक वाटिका
- आर्यावर्त
- इन्द्रप्रस्थ
- उत्तरापथ
- कनखल
- कुरु
- क्षीर सागर
- खस (प्राचीन जाति)
- खाण्डव वन
- गांधार (जनपद)
- गोवर्धन पर्वत
- जम्बूद्वीप
- तक्षशिला
- त्रिपुर
- त्रैलोक्य
- देवघर
- द्वारका
- द्वैतवन
- नरक
- नाशिक
- पाञ्चाल
- पाताल
- पुरी
- पृथ्वी (माता)
- बरसाना
- बृज
- ब्रह्मलोक
- मंदर पर्वत
- मथुरा
- मेरु पर्वत
- रामसेतु
- लाक्षागृह
- वृन्दावन
- वैतरणी
- शक्ति पीठ
- शाकद्वीप
- सरस्वती नदी
- सुरसेन
- स्वर्ग लोक
- हस्तिनापुर