सामग्री की तालिका
6 संबंधों: देवनागरी, नेपाल, ब्राह्मी लिपि, रंजना लिपि, लिपि, गुप्त लिपि।
- उत्तर प्रदेश का इतिहास
- ब्राह्मी परिवार की लिपियाँ
- भारत का पुरातत्वशास्त्र
- भारतीय अभिलेख
देवनागरी
'''देवनागरी''' में लिखी ऋग्वेद की पाण्डुलिपि देवनागरी एक लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कई विदेशी भाषाएं लिखीं जाती हैं। यह बायें से दायें लिखी जाती है। इसकी पहचान एक क्षैतिज रेखा से है जिसे 'शिरिरेखा' कहते हैं। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, डोगरी, नेपाली, नेपाल भाषा (तथा अन्य नेपाली उपभाषाएँ), तामाङ भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमानी और उर्दू भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। देवनागरी विश्व में सर्वाधिक प्रयुक्त लिपियों में से एक है। मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया की एक ट्राम पर देवनागरी लिपि .
देखें कुटिल लिपि और देवनागरी
नेपाल
नेपाल, (आधिकारिक रूप में, संघीय लोकतान्त्रिक गणराज्य नेपाल) भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित एक दक्षिण एशियाई स्थलरुद्ध हिमालयी राष्ट्र है। नेपाल के उत्तर मे चीन का स्वायत्तशासी प्रदेश तिब्बत है और दक्षिण, पूर्व व पश्चिम में भारत अवस्थित है। नेपाल के ८१ प्रतिशत नागरिक हिन्दू धर्मावलम्बी हैं। नेपाल विश्व का प्रतिशत आधार पर सबसे बड़ा हिन्दू धर्मावलम्बी राष्ट्र है। नेपाल की राजभाषा नेपाली है और नेपाल के लोगों को भी नेपाली कहा जाता है। एक छोटे से क्षेत्र के लिए नेपाल की भौगोलिक विविधता बहुत उल्लेखनीय है। यहाँ तराई के उष्ण फाँट से लेकर ठण्डे हिमालय की श्रृंखलाएं अवस्थित हैं। संसार का सबसे ऊँची १४ हिम श्रृंखलाओं में से आठ नेपाल में हैं जिसमें संसार का सर्वोच्च शिखर सागरमाथा एवरेस्ट (नेपाल और चीन की सीमा पर) भी एक है। नेपाल की राजधानी और सबसे बड़ा नगर काठमांडू है। काठमांडू उपत्यका के अन्दर ललीतपुर (पाटन), भक्तपुर, मध्यपुर और किर्तीपुर नाम के नगर भी हैं अन्य प्रमुख नगरों में पोखरा, विराटनगर, धरान, भरतपुर, वीरगंज, महेन्द्रनगर, बुटवल, हेटौडा, भैरहवा, जनकपुर, नेपालगंज, वीरेन्द्रनगर, त्रिभुवननगर आदि है। वर्तमान नेपाली भूभाग अठारहवीं सदी में गोरखा के शाह वंशीय राजा पृथ्वी नारायण शाह द्वारा संगठित नेपाल राज्य का एक अंश है। अंग्रेज़ों के साथ हुई संधियों में नेपाल को उस समय (१८१४ में) एक तिहाई नेपाली क्षेत्र ब्रिटिश इंडिया को देने पड़े, जो आज भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड तथा पश्चिम बंगाल में विलय हो गये हैं। बींसवीं सदी में प्रारंभ हुए जनतांत्रिक आन्दोलनों में कई बार विराम आया जब राजशाही ने जनता और उनके प्रतिनिधियों को अधिकाधिक अधिकार दिए। अंततः २००८ में जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि माओवादी नेता प्रचण्ड के प्रधानमंत्री बनने से यह आन्दोलन समाप्त हुआ। लेकिन सेना अध्यक्ष के निष्कासन को लेकर राष्ट्रपति से हुए मतभेद और टीवी पर सेना में माओवादियों की नियुक्ति को लेकर वीडियो फुटेज के प्रसारण के बाद सरकार से सहयोगी दलों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद प्रचण्ड को इस्तीफा देना पड़ा। गौरतलब है कि माओवादियों के सत्ता में आने से पहले सन् २००६ में राजा के अधिकारों को अत्यंत सीमित कर दिया गया था। दक्षिण एशिया में नेपाल की सेना पांचवीं सबसे बड़ी सेना है और विशेषकर विश्व युद्धों के दौरान, अपने गोरखा इतिहास के लिए उल्लेखनीय रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए महत्वपूर्ण योगदानकर्ता रही है। .
देखें कुटिल लिपि और नेपाल
ब्राह्मी लिपि
कान्हेरी गुफा की एक शिला पर ब्राह्मी लेख ब्राह्मी एक प्राचीन लिपि है जिससे कई एशियाई लिपियों का विकास हुआ है। देवनागरी सहित अन्य दक्षिण एशियाई, दक्षिण-पूर्व एशियाई, तिब्बती तथा कुछ लोगों के अनुसार कोरियाई लिपि का विकास भी इसी से हुआ था। इथियोपियाई लिपि पर ब्राह्मी लिपि का स्पष्ट प्रभाव है। .
देखें कुटिल लिपि और ब्राह्मी लिपि
रंजना लिपि
रंजना लिपि ११वीं शती में ब्राह्मी से व्युत्पन्न एक लिपि है। यह मुख्यतः नेपाल भाषा लिखने के लिए प्रयुक्त होती है किन्तु भारत, तिब्बत, चीन, मंगोलिया और जापान के मठों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। यह प्रायः बाएँ से दाएँ लिखी जाती है किन्तु 'कूटाक्षर प्रारूप' के लिये ऊपर से नीचे लिखी जाती है। यह मानक नेपाली की कैलिग्राफिक लिपि मानी जाती है। .
देखें कुटिल लिपि और रंजना लिपि
लिपि
लिपि या लेखन प्रणाली का अर्थ होता है किसी भी भाषा की लिखावट या लिखने का ढंग। ध्वनियों को लिखने के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग किया जाता है, वही लिपि कहलाती है। लिपि और भाषा दो अलग अलग चीज़ें होती हैं। भाषा वो चीज़ होती है जो बोली जाती है, लिखने को तो उसे किसी भी लिपि में लिख सकते हैं। किसी एक भाषा को उसकी सामान्य लिपि से दूसरी लिपि में लिखना, इस तरह कि वास्तविक अनुवाद न हुआ हो, इसे लिप्यन्तरण कहते हैं। चीनी लिपि (चित्रलिपि) यद्यपि संसार भर में प्रयोग हो रही भाषाओं की संख्या अब भी हजारों में है, तथापि इस समय इन भाषाओं को लिखने के लिये केवल लगभग दो दर्जन लिपियों का ही प्रयोग हो रहा है। और भी गहराई में जाने पर पता चलता है कि संसार में केवल तीन प्रकार की ही मूल लिपियाँ (या लिपि परिवार) है-.
देखें कुटिल लिपि और लिपि
गुप्त लिपि
गुप्त लिपि, जिसे गुप्त ब्राह्मी लिपि भी कहते हैं, भारत में गुप्त साम्राज्य के काल में संस्कृत लिखने के लिए प्रयोग की जाती थी। गुप्त लिपि ब्राह्मी लिपि से बनी थी, और इसने आगे चलकर देवनागरी, गुरुमुखी, तिब्बतन और बंगाली-असमिया लिपियों को जन्म दिया। .
देखें कुटिल लिपि और गुप्त लिपि
यह भी देखें
उत्तर प्रदेश का इतिहास
- अवध
- अवध के नवाब
- अवध रियासत
- आभीर
- आसफ़ुद्दौला
- उत्तर प्रदेश का इतिहास
- उत्तर प्रदेश में जैन धर्म
- कड़ा-मानिकपुर
- कन्नौज
- कम्पिल
- कायमगंज
- कुटिल लिपि
- कुरु
- कुलपहाड़
- कोशल
- ग्यारह सीढ़ी
- चौखंडी स्तूप
- चौरी चौरा
- झलकारी बाई
- नंद वंश
- नारायण राजवंश
- प्रयाग प्रशस्ति
- फ़तेहपुर सीकरी
- फ़ैजुल्लाह ख़ान
- बिरजिस क़द्र
- भगवंतराय खीची
- मदारपुर का युद्ध
- महाराजा छत्रसाल
- मेरठ षड्यंत्र मामला
- रानी लक्ष्मीबाई
- वत्स
- श्रावस्ती
- संकिशा
- सूरज मल
ब्राह्मी परिवार की लिपियाँ
- अंग लिपि
- अर्धनागरी
- इनस्क्रिप्ट
- ओड़िआ लिपि
- कन्नड लिपि
- कुटिल लिपि
- कुड़ुख
- कैथी
- खुदाबादी लिपि
- खोजकी
- गुजराती लिपि
- गुप्त लिपि
- ग्रन्थ लिपि
- चाम लिपि
- जावाई लिपि
- टाकरी लिपि
- तमिल लिपि
- तिब्बती लिपि
- तेलुगू लिपि
- थाई लिपि
- देवनागरी
- धम्म लान्ना लिपि
- नन्दिनागरी
- नागरी लिपि
- पूर्वी नागरी लिपि
- फाग्सपा लिपि
- बायबायिन लिपि
- बालबोध
- बाली लिपि
- बुहिद लिपि
- ब्राह्मी परिवार की लिपियाँ
- ब्राह्मी लिपि
- मलयालम लिपि
- मिथिलाक्षर
- रंजना लिपि
- लाओ लिपि
- लिपि (संस्कृत)
- वट्टेऴुत्तु
- शंखलिपि
- शारदा लिपि
- सिंहल लिपि
- सिद्धम
भारत का पुरातत्वशास्त्र
भारतीय अभिलेख
कुटिला लिपि के रूप में भी जाना जाता है।