किसी व्यक्ति या वस्तु की प्रशंसा में लिखा गया भाषण या ग्रन्थ प्रशस्ति (eulogy) कहलाता है। प्रशस्ति वंश के बारे में भी बताती है, इनका प्रयोग राजा या बड़े प्रधान द्वारा की जाती थी, ये अपने आत्म सम्मान में बड़े-बड़े प्रशस्तिया लिखवाते थे,एसे ही प्रशस्ति हमें गुप्तवंश के पहले शासक चंद्रगुप्त की मिलती है।.
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