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ऊर्जा का रूपान्तरण

सूची ऊर्जा का रूपान्तरण

ऊर्जा के रूपान्तरण में तीन ऊर्जा: इन्पुट उर्जा, आउटपुट ऊर्जा एवं नष्ट ऊर्जा (ऊर्जा क्षति) किसी संकाय (सिस्टम) की कार्य करने की क्षमता को उर्जा कहते हैं। किसी संकाय पर काम करके या उसके द्वारा काम कराकर ही उसकी उर्जा को बदला जा सकता है क्योंकि उर्जा वह राशि है जो संरक्षित (कंजर्व्ड) होती है। उर्जा तरह-तरह के रूपों में पायी जाती है और भिन्न-भिन्न प्रकार की उर्जा का परस्पर परिवर्तन किया जा सकता है। किसी प्रकार की उर्जा कहीं उपयोगी है तो किसी प्रकार की कहीं और। उदाहरण के लिये कोयले में संचित रासायनिक उर्जा को जलाकर उससे उष्मीय उर्जा प्राप्त की जा सकती है। इस उष्मा से पानी को उबालकर वाष्प बनाकर उससे वाष्प टरबाइन चलाकर इसे यांत्रिक उर्जा में बदला जा सकता है। इस टरबाइन से कोई विद्युत जनित्र चलाकर इस यांत्रिक उर्जा को विद्युत उर्जा में बदला जा सकता है। इस विद्युत उर्जा से प्रकाश बल्ब जलाकर प्रकाश उर्जा प्राप्त की जा सकती है। .

सामग्री की तालिका

  1. 16 संबंधों: ऊर्जा, ऊष्मा-अर्थशास्त्र, ऊष्मीय ऊर्जा, टर्बाइन, तरंग शक्ति, द्रव्य की अविनाशिता का नियम, भाप, यांत्रिक ऊर्जा, रासायनिक ऊर्जा, संरक्षण नियम, जेनरेटर, ईंधन सेल, विद्युत कोष, कोयला, अनिश्चितता सिद्धान्त, उर्जा रूपान्तरण की दक्षता

  2. ऊर्जा रूपान्तरण

ऊर्जा

दीप्तिमान (प्रकाश) ऊर्जा छोड़ता हैं। भौतिकी में, ऊर्जा वस्तुओं का एक गुण है, जो अन्य वस्तुओं को स्थानांतरित किया जा सकता है या विभिन्न रूपों में रूपांतरित किया जा सकता हैं। किसी भी कार्यकर्ता के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा (Energy) कहते हैं। ऊँचाई से गिरते हुए जल में ऊर्जा है क्योंकि उससे एक पहिये को घुमाया जा सकता है जिससे बिजली पैदा की जा सकती है। ऊर्जा की सरल परिभाषा देना कठिन है। ऊर्जा वस्तु नहीं है। इसको हम देख नहीं सकते, यह कोई जगह नहीं घेरती, न इसकी कोई छाया ही पड़ती है। संक्षेप में, अन्य वस्तुओं की भाँति यह द्रव्य नहीं है, यद्यापि बहुधा द्रव्य से इसका घनिष्ठ संबंध रहता है। फिर भी इसका अस्तित्व उतना ही वास्तविक है जितना किसी अन्य वस्तु का और इस कारण कि किसी पिंड समुदाय में, जिसके ऊपर किसी बाहरी बल का प्रभाव नहीं रहता, इसकी मात्रा में कमी बेशी नहीं होती। .

देखें ऊर्जा का रूपान्तरण और ऊर्जा

ऊष्मा-अर्थशास्त्र

ऊष्मा-अर्थशास्त्र (Thermoeconomics), अर्थशास्त्र का एक सम्प्रदाय है जो अर्थशास्त्र में भी ऊष्मागतिकी के नियमों के उपयोग का पक्षधर है। 'थर्मो-इकनॉमिक्स' शब्द का सबसे पहले प्रयोग १९६२ में अमेरिकी इंजीनियर माइरन ट्राइबस ने किया था। ऊष्मा-अर्थशास्त्र को उसी प्रकार समझा जा सकता है जैसे सांख्यिकीय भौतिकी (statistical physics) को। श्रेणी:अर्थशास्त्र.

देखें ऊर्जा का रूपान्तरण और ऊष्मा-अर्थशास्त्र

ऊष्मीय ऊर्जा

ऊष्मीय ऊर्जा के कारण निकलती रोशनी के साथ-साथ ऊष्मा भी निकल रही है। ऊष्मीय ऊर्जा एक प्रकार की आंतरिक ऊर्जा होती है। जो किसी भी स्थान पर अपने तापमान के द्वारा प्रभाव डालती है। औसतन गतिज ऊर्जा से इधर उधर घूमते कण इसी के द्वारा स्वतंत्र रूप से घूमते रहते हैं। यह हर कण में उपस्थित ऊष्मीय ऊर्जा को दर्शाता है। .

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टर्बाइन

सिमेन्स (Siemens) की टर्बाइन जिसका आवरण खोल दिया गया है टर्बाइन एक घूर्णी (rotary) इंजन है जो किसी तरल की गतिज या/तथा स्थितिज उर्जा को ग्रहण करके स्वयं घूमती है और अपने शॉफ्ट पर लगे अन्य यन्त्रों (जैसे विद्युत जनित्र) को घुमाती है। पवन चक्की (विंड मिल्) और जल चक्की (वाटर ह्वील) आदि टर्बाइन के प्रारम्भिक रूप हैं। विद्युत शक्ति के उत्पादन में टर्बाइनों का अत्यधिक महत्व है। गैस, भाप और जल से जलनेवाले टरबाइन एक दूसरे से भिन्न होते हैं। गैस कम्प्रेशर या पम्प भी टर्बाइन जैसा ही होता है पर यह टर्बाइन के उल्टा कार्य करता है। .

देखें ऊर्जा का रूपान्तरण और टर्बाइन

तरंग शक्ति

पेलामिस का तरंग ऊर्जा परिवर्तक पवन तरंगों (हवा के झोंकों) में ऊर्जा होती है जिसे तरंग शक्ति (Wave power) कहते हैं। इसी ऊर्जा को किसी प्रकार कार्य करने के लिये उपयोग में लाया जा सकता है या ऊर्जा के किसी दूसरे रूप में (जैसे, विद्युत में) बदला जा सकता है। जिस युक्ति की सहायता से तरंग शक्ति को कार्य या दूसरी ऊर्जा में बदला जाता है उसे 'तरंग ऊर्जा परिवर्तक' (wave energy converter (WEC)) कहते हैं। .

देखें ऊर्जा का रूपान्तरण और तरंग शक्ति

द्रव्य की अविनाशिता का नियम

द्रव्य की अविनाशिता का नियम अथवा द्रव्यमान संरक्षण का नियम के अनुसार किसी बंद तंत्र (closed system) का द्रब्यमान अपरिवर्तित रहता है, चाहे उस तंत्र के अन्दर जो कोई भी प्रक्रिया चल रही हो। दूसरे शब्दों में, द्रब्य का न तो निर्माण संभव है न विनाश; केवल उसका स्वरूप बदला जा सकता है। अतः किसी बंद तंत्र में होने वाली किसी रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारकों का कुल द्रब्यमान, उत्पादों के कुल द्रब्यमान के बराबर होना ही चाहिये। द्रव्यमान संरक्षण की यह ऐतिहासिक अवधारणा (कांसेप्ट) रसायन विज्ञान, यांत्रिकी, तथा द्रवगतिकी आदि क्षेत्रों में खूब प्रयोग होती है। सापेक्षिकता का सिद्धान्त एवं क्वांटम यांत्रिकी के आने के बाद अब यह स्थापित हो गया है कि यह नियम पूर्णतः सत्य नहीं है बल्कि लगभग सत्य (या व्यावहारिक रूप से सत्य) मानी जा सकती है। .

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भाप

सौ डिग्री सेंट्रिग्रेड से अधिक गरम किसी वस्तु पर जल डालने से अचानक भाप पैदा होता है। पानी की गैसीय अवस्था या जलवाष्प को भाप (steam) कहते हैं। शुष्क भाप अदृश्य होती है, परंतु जब भाप में जल की छोटी-छोटी बूँदें मिली होती हैं तब उसका रंग सफेद होता है, जैसा रेल के इंजन से निकलती भाप में स्पष्ट दिखाई देता है। जब भाप में जल की बूँदे उपस्थित होती हैं, तो इसे 'आर्द्र भाप' (wet steam) कहते हैं। यदि जल की बूँदों का सर्वथा अभाव हो तो यह 'शुष्क भाप' (dry steam) कहलाती है। .

देखें ऊर्जा का रूपान्तरण और भाप

यांत्रिक ऊर्जा

भौतिकी में किसी यांत्रिक प्रणाली के किसी अवयव में निहित स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा के योग को यांत्रिक ऊर्जा (mechanical energy) कहते हैं। अर्थात यांत्रिक उर्जा किसी वस्तु की गति या उसकी स्थिति से सम्बन्धित है। श्रेणी:ऊर्जा श्रेणी:यान्त्रिकी.

देखें ऊर्जा का रूपान्तरण और यांत्रिक ऊर्जा

रासायनिक ऊर्जा

रासायनिक ऊर्जा एक प्रकार की ऊर्जा है। ऊर्जा का यह रूप पदार्थों के मध्य संचित रहता है। यह अणुओं के मध्य परमाणु के स्थिति के कारण तथा विभिन्न छोटे कणों के आपसी स्थिति के कारण उत्पन्न होता है। यदि किसी तंत्र में रासायनिक ऊर्जा का परिमाण घट जाता है तो इसका अर्थ है कि उसमें होने वाली रासायनिक प्रतिक्रिया से कुछ रासायनिक उर्जा आस-पास के वातारण में उष्मा के रूप में मुक्त हुई है। यदि किसी तंत्र में रासायनिक ऊर्जा का परिमाण बढ़ जाता है तो इसका अर्थ है कि उसमें होने वाली रासायनिक प्रतिक्रिया में कुछ रासायनिक उर्जा आस-पास के वातारण से उष्मा के रूप में अवशोषित हुई है। प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में प्रकाश ऊर्जा का रासायनिक ऊर्जा में रूपान्तरण होता है। श्रेणी:ऊर्जा.

देखें ऊर्जा का रूपान्तरण और रासायनिक ऊर्जा

संरक्षण नियम

भौतिक विज्ञान में संरक्षण नियम किसी विलगीत भौतिक निकाय का विशिष्ट मापन योग्य गुणधर्म निकाय में विकास अथवा समय के साथ परिवर्तित नहीं होता। .

देखें ऊर्जा का रूपान्तरण और संरक्षण नियम

जेनरेटर

बीसवीं शताब्दी के आरम्भिक दिनों का अल्टरनेटर, जो बुडापेस्ट में बना हुआ है। विद्युत जनित्र (एलेक्ट्रिक जनरेटर) एक ऐसी युक्ति है जो यांत्रिक उर्जा को विद्युत उर्जा में बदलने के काम आती है। इसके लिये यह प्रायः माईकल फैराडे के विद्युतचुम्बकीय प्रेरण (electromagnetic induction) के सिद्धान्त का प्रयोग करती है। विद्युत मोटर इसके विपरीत विद्युत उर्जा को यांत्रिक उर्जा में बदलने का कार्य करती है। विद्युत मोटर एवं विद्युत जनित्र में बौत कुछ समान होता है और कई बार एक ही मशीन बिना किसी परिवर्तन के दोनो की तरह कार्य कर सकती है। विद्युत जनित्र, विद्युत आवेश को एक वाह्य परिपथ से होकर प्रवाहित होने के लिये वाध्य करता है। लेकिन यह आवेश का सृजन नहीं करता। यह जल-पम्प की तरह है जो केवल जल-को प्रवाहित करने का कार्य करती है, जल पैदा नहीं करती। विद्युत जनित्र द्वारा विद्युत उत्पादन के लिये आवश्यक है कि जनित्र के रोटर को किसी बाहरी शक्ति-स्रित की सहायता से घुमाया जाय। इसके लिये रेसिप्रोकेटिंग इंजन, टर्बाइन, वाष्प इंजन, किसी टर्बाइन या जल-चक्र (वाटर्-ह्वील) पर गिरते हुए जल, किसी अन्तर्दहन इंजन, पवन टर्बाइन या आदमी या जानवर की शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है। किसी भी स्रोत से की गई यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित करना संभव है। यह ऊर्जा, जलप्रपात के गिरते हुए पानी से अथवा कोयला जलाकर उत्पन्न की गई ऊष्मा द्वारा भाव से, या किसी पेट्रोल अथवा डीज़ल इंजन से प्राप्त की जा सकती है। ऊर्जा के नए नए स्रोत उपयोग में लाए जा रहे हैं। मुख्यत:, पिछले कुछ वर्षों में परमाणुशक्ति का प्रयोग भी विद्युत्शक्ति के लिए बड़े पैमाने पर किया गया है और बहुत से देशों में परमाणुशक्ति द्वारा संचालित बिजलीघर बनाए गए हैं। ज्वार भाटों एवं ज्वालामुखियों में निहित असीम ऊर्जा का उपयोग भी विद्युत्शक्ति के जनन के लिए किया गया है। विद्युत्शक्ति के उत्पादन के लिए इन सब शक्ति साधनों का उपयोग, विशालकाय विद्युत् जनित्रों द्वारा ही हाता है, जो मूलत: फैराडे के 'चुंबकीय क्षेत्र में घूमते हुए चालक पर वेल्टता प्रेरण सिद्धांत पर आधारित है। .

देखें ऊर्जा का रूपान्तरण और जेनरेटर

ईंधन सेल

मिथेनॉल से सीधे विद्युत उत्पादन करने वाले ईंधन से का मॉडल ईंधन सेल (fuel cell) एक विद्युतरासायनिक युक्ति है जो ईंधन से प्राप्त रासायनिक ऊर्जा को सीधे विद्युत में परिवर्तित करती है। यह परिवर्तन एक रासायनिक अभिक्रिया के द्वारा होता है जिसमें धनावेशित हाइड्रोजन ऑयन, आक्सीजन या किसी अन्य आक्सीकारक से क्रिया करते हैं। ईंधन सेल, परम्परागत बैटरियों से इस दृष्टि से भिन्न हैं कि इनकी रासायनिक अभिक्रिया को चलते हुए बनाये रखने के लिये ईंधन और आक्सीजन के अविराम स्रोत आवश्यक होता है। ईंधन सेल तब तक ही विद्युत उत्पादन कर सकते हैं जब तक ईंधन और आक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित बनी रहे। फ्यूल सेल दिष्ट धारा के रूप मे विहात उत्पादन करते है।.

देखें ऊर्जा का रूपान्तरण और ईंधन सेल

विद्युत कोष

विभिन्न प्रकार की विद्युत कोष (बांयी तरफ् नीचे से दक्षिणावर्त): दो 9-वोल्ट; दो AA; दो AAA; एक D विद्युत कोष; एक C विद्युत कोष; एक हैम-रेडियो की विद्युत कोष; कार्डलेस फोन की विद्युत कोष; और एक कैमराकार्डर विद्युत कोष (लेटी हुई) विद्युत कोष (Battery) विद्युत ऊर्जा का स्रोत है जिसे रासायनिक उर्जा से प्राप्त किया जाता है। वैद्युत अभियांत्रिकी एवं एलेक्ट्रानिक्स में दो या दो से अधिक विद्युतरासायनिक सेलों के संयोजन को विद्युत कोष कहते हैं। ये रासायनिक उर्जा भण्डारित करते हैं एवं इस उर्जा को विद्युत उर्जा के रूप में उपलब्ध करते हैं। सन १८०० में अलेसान्द्रो वोल्टा द्वारा sabse पहले बैटरी का आविष्कार हुआ। आजकल अधिकांश घरेलू एवं औद्योगिक उपयोगों के लिये विद्युत कोष ही विद्युत उर्जा का प्रमुख साधन है। सन २००५ के एक अनुमान के अनुसार विश्व भर में विद्युत कोष की बिक्री लगभग ४८ बिलियन अमेरिकी डालर के बराबर होता है। .

देखें ऊर्जा का रूपान्तरण और विद्युत कोष

कोयला

कोयला एक ठोस कार्बनिक पदार्थ है जिसको ईंधन के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। ऊर्जा के प्रमुख स्रोत के रूप में कोयला अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। कुल प्रयुक्त ऊर्जा का ३५% से ४०% भाग कोयलें से पाप्त होता हैं। विभिन्न प्रकार के कोयले में कार्बन की मात्रा अलग-अलग होती है। कोयले से अन्य दहनशील तथा उपयोगी पदार्थ भी प्राप्त किया जाता है। ऊर्जा के अन्य स्रोतों में पेट्रोलियम तथा उसके उत्पाद का नाम सर्वोपरि है। .

देखें ऊर्जा का रूपान्तरण और कोयला

अनिश्चितता सिद्धान्त

अनिश्चितता सिद्धान्त अनिश्चितता सिद्धान्त (Uncertainty principle) की व्युत्पत्ति हाइजनबर्ग ने क्वाण्टम यान्त्रिकी के व्यापक नियमों से सन् १९२७ ई.

देखें ऊर्जा का रूपान्तरण और अनिश्चितता सिद्धान्त

उर्जा रूपान्तरण की दक्षता

किसी निकाय द्वारा प्रदत्त उर्जा उसे दी गयी उर्जा से सदा कम होती है। उर्जा का रूपान्तरण करने वाली किसी मशीन या तन्त्र के निर्गम (आउटपुट) और निवेश (इनपुट) उर्जाओं के अनुपात (रेशियो) को उस मशीन की उर्जा रूपान्तरण की दक्षता (Energy conversion efficiency) कहते हैं। \eta .

देखें ऊर्जा का रूपान्तरण और उर्जा रूपान्तरण की दक्षता

यह भी देखें

ऊर्जा रूपान्तरण

ऊर्जा रूपान्तरण के रूप में भी जाना जाता है।