हम Google Play स्टोर पर Unionpedia ऐप को पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं
निवर्तमानआने वाली
🌟हमने बेहतर नेविगेशन के लिए अपने डिज़ाइन को सरल बनाया!
Instagram Facebook X LinkedIn

शुष्क नेत्र

सूची शुष्क नेत्र

शुषक नेत्र रोग (Dry eye syndrome (DES)) में आँखों में नमी की कमी अनुभव होती है। इससे कारण आंखों में उत्तेजन (इर्रिटेशन), लाली, तथा थकावट होती है। इससे धुँधला दिखाई पड़ने की समस्या भी आ सकती है। कुछ मामलों में इसका इलाज न कराने पर श्वेतपटल (कार्निया) भी क्षतिग्रस्त हो सकती है। .

सामग्री की तालिका

  1. 5 संबंधों: त्वचाखरता, योनि स्नेहन, शुष्क मुख, श्रोगेन सिन्ड्रोम, श्वेतपटल

त्वचाखरता

thumb त्वचाखरता (xeroderma) त्वचा का एक रोग है। त्वचा का रूखा हो जाना (जेरोडर्मा) या जन्म से सूखी त्वचा होना (जेरोडर्मिया) एक ऐसी समस्या है जो कि अध्यावरणी तंत्र की गड़बड़ी के कारण होती है। आम तौर पर इसका इलाज नमीकारक के इस्तेमाल के द्वारा किया जा सकता है। सुखी त्वचा की समस्या काफ़ी भद्दी और पीड़ादायक हो सकती है। जेरोडर्मा आम तौर पर खोपड़ी, पैरों के निचले भाग, बाँह, हाथों, पोरों, पेट के किनारों और जाँघो मे होती है। इसके लक्षणो मे पपड़ी पड़ना (बाहरी त्वचा का उखड़ना), खुजली और त्वचा में दरार पड़ना सबसे आम है। इन सभी भागों में लाल रंग ने निशान बन जातें हैं और लगतार खुजली बनी रहती है। .

देखें शुष्क नेत्र और त्वचाखरता

योनि स्नेहन

बायें चित्र में सामान्य अवस्था योनि में स्नेहक की स्थिति, तथा, दायें- कामोत्तेजना की स्थिति में स्नेहक की स्थिति। स्त्रियों की योनि में प्राकृतिक रूप से एक तरल निकलता है जो योनि को नम और चिकना बनाये रखता है। इसे ही योनि स्नेहन (Vaginal lubrication) कहते हैं। सामान्यतः योनि स्नेहित ही रहती है किन्तु संभोग के समय अण्डोत्सर्ग की स्थिति में या संभोग की तीव्र इच्छा होने पर योनि में स्नेहक की मात्रा अत्यधिक बढ़ जाती है। कुछ रोग होने पर योनि में पर्याप्त स्नेहक नहीं बनता, जिसे योनि शुष्कता कहा जाता है। इससे संभोग कष्टकारी हो सकता है। अतः कृत्रिम स्नेहक का उपयोग करना पड़ता है। श्रेणी:कामोत्तेजन.

देखें शुष्क नेत्र और योनि स्नेहन

शुष्क मुख

शुष्क मुख (Xerostomia) एक विकार है जिसमें मुख में नमी की कमी या सूखापन होने लगता है। यह लार की संरचना बदलने के कारण हो सकता है या लार के कम बनने के कारण। यह अधिक उम्र के लोगों में अधिक देखने को मिलता है। .

देखें शुष्क नेत्र और शुष्क मुख

श्रोगेन सिन्ड्रोम

श्रोगेन सिन्ड्रोम (Sjögren's syndrome (SjS, SS)) वह रोग है जिसमें शरीर की नमी पैदा करने वाली ग्रन्थियाँ नमी बनाना बन्द कर देतीं हैं। इसके कारण शुष्क मुख एवं शुष्क नेत्र की समस्या एवं अन्य कई समस्याएँ पैदा होतीं हैं। शोग्रेन्स सिन्ड्रोम से उत्पन्न शुष्क त्वचा की विशेष देखभाल जरूरी है। खुजली, लालिमा, फटना या गलना - यह सब शुष्क त्वचा के लक्षण हैं। शुष्क त्वचा का प्रमुख कारण है शोग्रेन्स रोग द्वारा शरीर में प्रतिरोधक क्षमता की कमी और इससे नमी पैदा करने वाली ग्रंथियों का निष्क्रिय होना। एक बार निष्क्रिय होने पर तेल अथवा पसीने की ग्रंथियां पुनः सक्रिय नहीं हो सकतीं। हालांकि शोग्रेन्स सिन्ड्रोम से पीड़ित रोगी को सूखी त्वचा से परेशानी लगभग पूरे वर्ष बनी रहती है, फिर भी इसके लक्षण सर्दी के मौसम में अधिक प्रबल हो जाते हैं। बाहों, पैरों व कमर पर शुष्क त्वचा का सबसे गंभीर असर होता है। .

देखें शुष्क नेत्र और श्रोगेन सिन्ड्रोम

श्वेतपटल

पीछे से श्वेतपटल खुली रहती हैं तथा आगे की ओर cornea (पतली सी झिल्ली होती हैं) bulking part पर होती हैं इसे दृढ़पटल भी कहते हैं.

देखें शुष्क नेत्र और श्वेतपटल