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योनि स्नेहन

सूची योनि स्नेहन

बायें चित्र में सामान्य अवस्था योनि में स्नेहक की स्थिति, तथा, दायें- कामोत्तेजना की स्थिति में स्नेहक की स्थिति। स्त्रियों की योनि में प्राकृतिक रूप से एक तरल निकलता है जो योनि को नम और चिकना बनाये रखता है। इसे ही योनि स्नेहन (Vaginal lubrication) कहते हैं। सामान्यतः योनि स्नेहित ही रहती है किन्तु संभोग के समय अण्डोत्सर्ग की स्थिति में या संभोग की तीव्र इच्छा होने पर योनि में स्नेहक की मात्रा अत्यधिक बढ़ जाती है। कुछ रोग होने पर योनि में पर्याप्त स्नेहक नहीं बनता, जिसे योनि शुष्कता कहा जाता है। इससे संभोग कष्टकारी हो सकता है। अतः कृत्रिम स्नेहक का उपयोग करना पड़ता है। श्रेणी:कामोत्तेजन.

सामग्री की तालिका

  1. 3 संबंधों: योनि, सम्भोग, अण्डोत्सर्ग

  2. गायनोकोलॉजी
  3. शारीरिक द्रव

योनि

मादा के जननांग को योनि (वेजाइना) कहा जाता है। इसके पर्यायवाची शब्द भग, आदि हैं। सामान्य तौर पर "योनि" शब्द का प्रयोग अक्सर भग के लिये किया जाता है, लेकिन जहाँ भग बाहर से दिखाई देने वाली संरचना है वहीं योनि एक विशिष्ट आंतरिक संरचना है। .

देखें योनि स्नेहन और योनि

सम्भोग

सम्भोग (अंग्रेजी: Sexual intercourse या सेक्सुअल इन्टरकोर्स) मैथुन या सेक्स की उस क्रिया को कहते हैं जिसमे नर का लिंग मादा की योनि में प्रवेश करता हैं। सम्भोग अलग अलग जीवित प्रजातियों के हिसाब से अलग अलग प्रकार से हो सकता हैं। सम्भोग को योनि मैथुन, काम-क्रीड़ा, रति-क्रीड़ा भी कहते हैं। संभोग की क्रिया केवल पति-पत्नी के बीच ही हो सकती है । यदि कोई महिला या पुरुष अपने पति-पत्नी के अलावा किसी और से संबंध बनाता है । तो वह अपराध की श्रेणी में आता है। इस अपराध की सजा भारत मे 30 साल की उम्रकैद है। यदि कोई स्त्री पुरुष अपने पति पत्नी को छोड़कर किसी अन्य से संबंध बनाता बनाती है । तो उस स्त्री अथवा पुरुष का उसकी पति अथवा पत्नी से तलाक हो जाता है । तथा उस स्त्री अथवा पुरुष को 30 साल की जेल होती है। विवाह से पूर्व संभोग करने भी अपराध की श्रेणी में आता है । इसकी दज यह है कि उस उन दोनों का विवाह करना अनिवार्य हो जाता है । तथा वे एक-दूसरे से जीवन भर तलाक नही ले सकते है । और किसी अन्य से संभोग भी नही कर सकते है । सृष्टि में आदि काल से सम्भोग का मुख्य काम वंश को आगे चलाना व बच्चे पैदा करना है। जहाँ कई जानवर व पक्षी सिर्फ अपने बच्चे पैदा करने के लिए उपयुक्त मौसम में ही सम्भोग करते हैं वहीं इंसानों में सम्भोग इस वजह के बिना भी हो सकता हैं। सम्भोग इंसानों में सुख प्राप्ति या प्यार या जज्बात दिखाने का भी एक रूप हैं। सम्भोग अथवा मैथुन से पूर्व की क्रिया, जजिसे अंग्रेजी में फ़ोर प्ले कहते हैं, के दौरान हर प्राणी के शरीर से कुछ विशेष प्रकार की गन्ध (फ़ीरोमंस) उत्सर्जित होती है जो विषमलिंगी को मैथुन के लिये अभिप्रेरित व उत्तेजित करती है। कुछ प्राणियों में यह मौसम के अनुसार भी पाया जाता है। वस्तुत: फ़ोर प्ले से लेकर चरमोत्कर्ष की प्राप्ति तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया ही सम्भोग कहलाती है बशर्ते कि लिंग व्यवहार का यह कार्य विषमलिंगियों के बीच हो रहा हो। कई ऐसे प्रकार के सम्भोग भी हैं जिसमें लिंग का उपयोग नर और मादा के बीच नहीं होता जैसे मुख मैथुन, हस्तमैथुन अथवा गुदा मैथुन उन्हें मैथुन तो कहा जा सकता है परन्तु सम्भोग कदापि नहीं। उपरोक्त प्रकार के मैथुन अस्वाभाविक अथवा अप्राकृतिक व्यवहार के अन्तर्गत आते हैं या फिर सम्भोग के साधनों के अभाव में उन्हें केवल मनुष्य की स्वाभाविक आत्मतुष्टि का उपाय ही कहा जा सकता है, सम्भोग नहीं। .

देखें योनि स्नेहन और सम्भोग

अण्डोत्सर्ग

गर्भाशय से अन्डों का निकलना अंडोत्सर्ग (Ovulation) कहलाता है। मानवों में यह घटना तब होती है जब ता है जब डी ग्राफ पुटक (de Graaf's follicles) फटकर द्वितीयक अंडक गर्भाशय कोशिका निकालते हैं। श्रेणी:मानव प्रजनन.

देखें योनि स्नेहन और अण्डोत्सर्ग

यह भी देखें

गायनोकोलॉजी

शारीरिक द्रव

शुष्क योनि के रूप में भी जाना जाता है।