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भ्रमिलता

सूची भ्रमिलता

भ्रमिलता (Vorticity) तरल यांत्रिकी और मौसम विज्ञान से संबन्धित उपयोगी अवधारणा है। यह द्रव की किसी धुरी के सापेक्ष घूर्णन की प्रकृति के बारे में जानकारी देता है। भ्रमिलता \vec को द्रव के वेग \vec के कर्ल के रूप में पारिभाषित किया जाता है- भ्रमिलता की सहायता से बहुत सी घटनाएँ आसानी से समझी जा सकतीं है (जैसे वायु के फुत्कार से मोमबत्ती का बुझना) जबकि दाब और वेग आदि मौलिक अभिधारणाओं के द्वारा इन्हें समझना उतना आसान नहीं है। यह बात भ्रमिल वलय (vortex rings) के बनने और उनकी गति के सम्बन्ध में और भी अधिक लागू होती है। श्रेणी:तरल यांत्रिकी.

सामग्री की तालिका

  1. 6 संबंधों: तरल यांत्रिकी, दाब, मौसम विज्ञान, घूर्णन, वेग, कर्ल (गणित)

  2. घूर्णन
  3. सातत्यक यान्त्रिकी

तरल यांत्रिकी

तरल यांत्रिकी (अंग्रेज़ी:Fluid Mechanics) तरल पदार्थो के स्वभाव एवं गति के सिद्धान्तों को समझाने वाली यांत्रिकी की एक शाखा है। तरल, द्रव या गैस हो सकते हैं और उनमें सीमित मात्रा में ठोस के मिले या घुले रहने पर भी इन सिद्धांतों का प्रयोग किया जा सकता है। तरल पदार्थ भी न्यूटन के गति नियमों का अनुसरण करते हैं, पर आकार आसानी से बदल जाने के स्वभाव के कारण इनके गति नियमों को विशेष रूप दिया जाता है। नेवियर-स्टोक्स समीकरण तरल यांत्रिकी के समीकरणों का सबसे विस्तृत रूप है। तरल यांत्रिकी वायव्य, यांत्रिकी, सिविल तथा रासायनिक यंताओं द्वारा मुख्य रूप से प्रयुक्त होता है। जटिल तरल गतिक प्रश्नों के हल के लिए संगणित तरल यांत्रिकी का प्रयोग किया जाता है। तरलयांत्रिकी गणित की वह शाखा है, जिसमें (स्थिर अथवा प्रवहयुक्त) तरलों के व्यवहार का अध्ययन होता है। यदि तरल गतिहीन है तो इस अध्ययन को द्रवस्थिति विज्ञान (Hydrostatics) कहते हैं और यदि तरल गतियुक्त है तो उसे तरल यांत्रिकी के विविध उपयोग .

देखें भ्रमिलता और तरल यांत्रिकी

दाब

दाब का मान प्रदर्शित करने के लिये पारा स्तंभ किसी सतह के इकाई क्षेत्रफल पर लगने वाले अभिलम्ब बल को दाब (Pressure) कहते हैं। इसकी इकाई 'न्यूटन प्रति वर्ग मीटर' होती है। दाब की और भी कई प्रचलित इकाइयाँ हैं। p .

देखें भ्रमिलता और दाब

मौसम विज्ञान

वायुवेगमापी ऋतुविज्ञान या मौसम विज्ञान (Meteorology) कई विधाओं को समेटे हुए विज्ञान है जो वायुमण्डल का अध्ययन करता है। मौसम विज्ञान में मौसम की प्रक्रिया एवं मौसम का पूर्वानुमान अध्ययन के केन्द्रबिन्दु होते हैं। मौसम विज्ञान का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है किन्तु अट्ठारहवीं शती तक इसमें खास प्रगति नहीं हो सकी थी। उन्नीसवीं शती में विभिन्न देशों में मौसम के आकड़ों के प्रेक्षण से इसमें गति आयी। बीसवीं शती के उत्तरार्ध में मौसम की भविष्यवाणी के लिये कम्प्यूटर के इस्तेमाल से इस क्षेत्र में क्रान्ति आ गयी। मौसम विज्ञान के अध्ययन में पृथ्वी के वायुमण्डल के कुछ चरों (variables) का प्रेक्षण बहुत महत्व रखता है; ये चर हैं - ताप, हवा का दाब, जल वाष्प या आर्द्रता आदि। इन चरों का मान व इनके परिवर्तन की दर (समय और दूरी के सापेक्ष) बहुत हद तक मौसम का निर्धारण करते हैं। .

देखें भ्रमिलता और मौसम विज्ञान

घूर्णन

अक्ष पर घूर्णन करती हुई पृथ्वी घूर्णन करते हुए तीन छल्ले भौतिकी में किसी त्रिआयामी वस्तु के एक स्थान में रहते हुए (लट्टू की तरह) घूमने को घूर्णन (rotation) कहते हैं। यदि एक काल्पनिक रेखा उस वस्तु के बीच में खींची जाए जिसके इर्द-गिर्द वस्तु चक्कर खा रही है तो उस रेखा को घूर्णन अक्ष कहा जाता है। पृथ्वी अपने अक्ष पर घूर्णन करती है। .

देखें भ्रमिलता और घूर्णन

वेग

किसी वस्तु की एक खास दिशा में जो चाल होती है उसे उस वस्तु का उस दिशा में वेग कहा जाता है। छात्रों में एक सामान्य अवधारणा पाई जाती है कि वेग सिर्फ उसी दिशा में ही निकाला जाता है जिस दिशा में वस्तु चलती हुई प्रतीत होती है। ऐसा नहीं है, वेग उस दिशा में भी निकाला जा सकता है जिस दिशा में वस्तु की चाल प्रतीत नहीं होती है। जबकि चाल वेग का परिमाण होता है। श्रेणी:शब्दार्थ श्रेणी:भौतिकी श्रेणी:गतिविज्ञान.

देखें भ्रमिलता और वेग

कर्ल (गणित)

सदिश कलन में कुंतल या कर्ल ((Curl) एक सदिश संकारक (ऑपरेटर) है जो किसी त्रिविम सदिश क्षेत्र के अत्यणु घूर्णन का वर्णन करता है। क्षेत्र के प्रत्येक बिन्दु पर कर्ल को एक सदिश राशि द्वारा निरुपित किया जाता है। त्रिबीमीय सदिश \mathbf या \vec के कर्ल को भिन्न भिन्न तरीकों से प्रदर्शित किया जाता है, जैसे- .

देखें भ्रमिलता और कर्ल (गणित)

यह भी देखें

घूर्णन

सातत्यक यान्त्रिकी