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कच्चा ओला

सूची कच्चा ओला

वेस्टवुड, मासेचुसेट्स में ०२-०२-२०१० को गिरे कच्चे ओले कच्चे ओले (Graupels) वर्षण का वह प्रकार हैं जिसके अंतर्गत जल की परमशीतल बूंदें सतह पर हिमकण के उपर गिरकर और जम कर 2 से 5 मिमी व्यास के गोलों की रचना करती हैं और इस प्रक्रिया में हिमकण संघनन के नाभिक के रूप में कार्य करता है। यह छोटे ओलों (smaall hail) से भिन्न होता है जो बर्फ़ की पैलेट्स के ठोस बर्फ़ में आवृत्त हो जाने से बनते हैं। .

सामग्री की तालिका

  1. 5 संबंधों: बादल संघनन नाभिक, हिमपात, हिमकण, वर्षण, वर्षा

  2. हिम या बर्फ़ की मौसम परिघटनाएँ

बादल संघनन नाभिक

उत्तरी भारत और बांग्लादेश के ऊपर एअरोसोल प्रदूषण- नासाबादल संघनन नाभिक या संघनन का नाभिक (अंग्रेजी: Cloud condensation nuclei) वो छोटे कण (आमतौर पर 0.2 μm या बादल की बूदों के आकार का 1/100 वां भाग) होते हैं जिन पर, बादल की छोटी बूंदें आपस में जुड़कर एक बड़ी बूंद का निर्माण करती हैं। जल को वाष्प से द्रव अवस्था प्राप्त करने के लिए एक गैर-गैस सतह की आवश्यकता होती है और वातावरण में, यह सतह बादल संघनन नाभिक उपलब्ध कराते हैं। जब कोई बादल संघनन नाभिक मौजूद नहीं होता तो भी, जल वाष्प को 0° सेल्सियस (32 °F) से नीचे परमशीतल किया जा सकता है ताकि बूंदों का स्वत: निर्माण हो सके (यह उपपरमाण्विक कणों का पता लगाने के लिए प्रयुक्त बादल कक्ष तकनीक का आधार है)। हिमांक से ऊपर के तापमान में बूंदों के निर्माण के लिए वायु की परमसंतृप्ता 400% के आसपास होनी चाहिए। बादल संघनन नाभिक ही मेघांकुर की अवधारणा का आधार है, जिसके अंतर्गत वर्षा करवाने के लिए वायु में मेघांकुर छोड़े जाते हैं। .

देखें कच्चा ओला और बादल संघनन नाभिक

हिमपात

वायुमण्डल के जल के हिम बनने के कारण बर्फ धरती पर आच्छादित हो जाती है, इसे हिमपात कहते हैं। .

देखें कच्चा ओला और हिमपात

हिमकण

प्रकाशीय सूक्ष्मदर्शी से देखने पर एक हिमकण हिमकण, जमी हुई बर्फ़ के क्रिस्टलों के समूह को कहते हैं। किसी हिमकण की रचना की शुरुआत बर्फ के क्रिस्टल के रूप में तब होती है जब कोई सूक्ष्म बादल की बूंद परमशीतल होकर जम जाती है। हिमकण विभिन्न आकृति और आकार के होते हैं। परिवर्तित होता तापमान और आर्द्रता का स्तर किसी हिमकण के आकार को जटिल बना सकते है। किसी एक हिमकण की संरचना अपने आप में अद्वितीय होती है। पिघलकर फिर जमने की प्रक्रिया के कारण जो हिमकण बजाय एक कण के, एक गोले के रूप में गिरते हैं, कच्चे ओले कहलाते हैं। .

देखें कच्चा ओला और हिमकण

वर्षण

वर्षण या अवक्षेपण एक मौसम विज्ञान की प्रचलित शब्दावली है जो वायुमण्डलीय जल के संघनित होकर किसी भी रूप में पृथ्वी की सतह पर वापस आने को कहते हैं। वर्षण के कई रूप हो सकते हैं जैसे वर्षा, फुहार, हिमवर्षा, हिमपात और ओलावृष्टि इत्यादि। अतः वर्षा वर्षण का एक रूप या प्रकार है। वर्षण का महत्व जलविज्ञान में भी है क्योंकि किसी भी जलसम्भर का जल बजट तय करने में इसकी प्रमुख भूमिका होती है। ऊपर उठती गर्म एवं आर्द्र वायु के संतृप्त होने तथा ओसांक की प्राप्ति के बाद संघनन होने पर वायुमंडलीय जलवाष्प के या तो तरल रूप (ओस, जलवर्षा) या ठोस रूप (हिमपात) में नीचे गिरने को वर्षण कहते हैं। .

देखें कच्चा ओला और वर्षण

वर्षा

वर्षा (Rainfall) एक प्रकार का संघनन है। पृथ्वी के सतह से पानी वाष्पित होकर ऊपर उठता है और ठण्डा होकर पानी की बूंदों के रूप में पुनः धरती पर गिरता है। इसे वर्षा कहते हैं। .

देखें कच्चा ओला और वर्षा

यह भी देखें

हिम या बर्फ़ की मौसम परिघटनाएँ