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बॅल्मॉरल कासल

सूची बॅल्मॉरल कासल

बॅल्मॉरल कासल(अन्य वर्तनी:बैल्मॉरल कासल, बैल्मोरल कासल) (Balmoral Castle, ब्रिटिश उच्चारण:बॅल़्मॉरल् खास्ल्), एबरडीनशायर के रॉयल डीसाईड में स्थित एक हवेली-नुमा भवन है। यह एबरडीनशायर, स्कॉटलैंड में क्रैथी नमक गाँव के निकट स्थित है। यह बैलाटर से ६.२ मील पश्चिम में अवस्थित है। यह माहल सन् १८५२ से ही ब्रिटिश शाही परिवार के शाही निवासों में से एक रहा है, जब राजकुमार ऐल्बर्ट, महारानी विक्टोरिया के पति, द्वारा प्राथमिक क़िला समेत इस पूरी संपदा को निजी तौर पर खरीद गया था। यह महल, राजपरिवार की निजी संपत्ति है, बकिंघम पैलस जैसे अन्य महलों की तरह राजमुकुट की संपत्ति नहीं है। इस संपदा की खरीद की तुरंत बाद ऐसा आभास किया गया की, तकालीन हवेली, राजपरिवार के आवास-योग्य आकार की नहीं थी। अतः, वर्त्तमान कासल के निर्माण को शीघ्र ही आढ़त किया गया। इस निर्माणकार्य के वास्तुकार, एबरडीन के विलियम स्मिथ थे, हालाँकि, उनकी प्राथमिक नक़्शे में अल्बर्ट ने कुछ परिवर्तन भी फ़रामोश किये थे। यह महल स्कॉट्स बैरोनियाई वास्तुशैली की बेहतरीन मिसाल है, और इसे हिस्टोरिक स्कॉटलैंड द्वारा "A"-सूचित भवनों की श्रेणी में गिना जाता है। नवीनतम महल पर निर्माणकार्य, १८५६ में पूर्ण हुआ, तथा, कुछ समय पश्चात्, पुराने महल को ध्वस्त कर दिया गया। इस महल में, राजपरिवार के आगामी सदस्यों द्वारा अनेक सुधार व परिवर्तन और योगदान जोड़े गए। आज इस आपदा कुल ५०,००० एकर के क्षेत्रफल की भूमि पर फैला हुआ है। यह एक कार्यशील एस्टेट है, और इसमें, महल के अलावा, खेत, और जंगलों समेत पथरीले वीराने और दलदल भी हैं। साथ ही इसमें प्रबंधित व पोषित, घोड़े, मवेशियाँ और हिरणों को भी पाल जाता है। .

5 संबंधों: एलिज़ाबेथ द्वितीय, ब्रिटिश राजतंत्र, ब्रिटेन के शाही निवासों की सूची, मुकुटिय संपदाएँ, क्रेगोवन लॉज

एलिज़ाबेथ द्वितीय

एलिज़ाबेथ द्वितीय (Elizabeth II) (एलिजाबेथ ऐलैग्ज़ैण्ड्रा मैरी, जन्म: २१ अप्रैल १९२६) यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड, जमैका, बारबाडोस, बहामास, ग्रेनेडा, पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन द्वीपसमूह, तुवालू, सन्त लूसिया, सन्त विन्सेण्ट और ग्रेनाडाइन्स, बेलीज़, अण्टीगुआ और बारबूडा और सन्त किट्स और नेविस की महारानी हैं। इसके अतिरिक्त वह राष्ट्रमण्डल के ५४ राष्ट्रों और राज्यक्षेत्रों की प्रमुख हैं और ब्रिटिश साम्राज्ञी के रूप में, वह अंग्रेज़ी चर्च की सर्वोच्च राज्यपाल हैं और राष्ट्रमण्डल के सोलह स्वतन्त्र सम्प्रभु देशों की संवैधानिक महारानी हैं। एलिज़ाबेथ को निजी रूप से पर घर पर शिक्षित किया गया था। उनके पिता, जॉर्ज षष्ठम को १९३६ में ब्रिटेन और ब्रिटिश उपनिवेश भारत का सम्राट बनाया गया था। ६ फरवरी १९५२ को अपने राज्याभिषेक के बाद एलिज़ाबेथ राष्ट्रकुल की अध्यक्ष व साथ स्वतंत्र देशों यूनाइटेड किंगडम, पाकिस्तान अभिराज्य, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका व सिलोन की शासक रानी बन गयीं। उनका राज्याभिषेक समारोह अपने तरह का पहला ऐसा राज्याभिषेक था जिसका दूरदर्शन पर प्रसारण हुआ था। 1956 से 1992 के दौरान विभिन्न देशों को स्वतंत्रता मिलते रहने से उनकी रियासतों की संख्या कम होती गई। वह विश्व में सबसे वृद्ध शासक और ब्रिटेन पर सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाली रानी है। ९ सितम्बर २०१५ को उन्होंने अपनी परदादी महारानी विक्टोरिया के सबसे लंबे शासनकाल के कीर्तिमान को तोड़ दिया व ब्रिटेन पर सर्वाधिक समय तक शासन करने वाली व साम्राज्ञी बन गयीं। एलिज़ाबेथ का जन्म लंदन में ड्यूक जॉर्ज़ षष्टम व राजमाता रानी एलिज़ाबेथ के यहाँ पैदा हुईं व उनकी पढाई घर में ही हुई। उनके पिता ने १९३६ में एडवर्ड ८ के राज-पाठ त्यागने के बाद राज ग्रहण किया। तब वह राज्य की उत्तराधिकारी हो गयी थीं। उन्होंने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जनसेवाओं में हिस्सा लेना शुरु किया व सहायक प्रादेशिक सेवा में हिस्सा लिया। १९४७ में उनका विवाह राजकुमार फिलिप से हुआ जिनसे उनके चार बच्चे, चार्ल्स, ऐने, राजकुमार एँड्रयू और राजकुमार एडवर्ड हैं। एलिज़ाबेथ के शासन के दौरान यूनाइटेड किंगडम में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए, जैसे अफ्रीका की ब्रिटिश उपनिवेशीकरण से स्वतंत्रता, यूके की संसद की शक्तियों का वेल्स, स्कॉटलैंड, इंग्लैंड व आयरलैंड की संसदों में विभाजन इत्यादि। अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने विभिन्न युद्धों के दौरान अपने राज्य का नेतृत्व किया। .

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ब्रिटिश राजतंत्र

ब्रिटिश एकराट्तंत्र अथवा ब्रिटिश राजतंत्र(British Monarchy, ब्रिटिश मोनार्की, ब्रिटिश उच्चारण:ब्रिठिश मॉंनाऱ्क़़ी), वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की संवैधानिक राजतंत्र है। ब्रिटिश एकाधिदारुक को संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ राष्ट्रमण्डल प्रदेशों, मुकुटिया निर्भर्ताओं और समुद्रपार प्रदेशों के राजमुकुटों सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं जब उन्होंने अपने पिता जॉर्ज षष्ठम् से राजगद्दी उत्तराधिकृत की थी। संप्रभु और उसके तत्काल परिवार के सदस्य देश के विभिन्न आधिकारिक, औपचारिक और प्रतिनिधि कार्यों का निर्वाह करते हैं। सत्ताधारी रानी/राजा पर सैद्धांतिक रूप से एक संवैधानिक शासक के अधिकार निहित है, परंतु सदियों पुराने आम कानून के कारण संप्रभु अपने अधिकतर शक्तियों का अभ्यास केवल संसद और सरकार के विनिर्देशों के अनुसार ही कार्यान्वित करने के लिए बाध्य हैं। इस कारण से, इसे वास्तविक तौर पर एक संसदीय सम्राज्ञता मानी जाता है। संसदीय शासक होने के नाते, शासक के अधिकतर अधिकार, निष्पक्ष तथा गैर-राजनैतिक कार्यों तक सीमित हैं। सम्राट, शासक और राष्ट्रप्रमुख होने के नाते उनके अधिकतर संवैधानिक शासन तथा राजनैतिक-शक्तियों का अभ्यय वे सरकार और अपने मंत्रियों की सलाह और विनिर्देशों पर ही करते हैं। परंपरानुसार शासक, ब्रिटेन के सशस्त्र बाल के अधिपति होते हैं। हालाँकि, संप्रभु के समस्त कार्य-अधिकारों का अभ्यय शासक के राज-परमाधिकार द्वारा होता है। वर्ष १००० के आसपास, इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के राज्यों में कई छोटे प्रारंभिक मध्ययुगीन राज्य विकसित हुए थे। इस क्षेत्र में आंग्ल-सैक्सन लोगों का वर्चस्व इंग्लैंड पर नॉर्मन विजय के दौरान १०६६ में समाप्त हो गया, जब अंतिम आंग्ल-सैक्सन राजा हैरल्ड द्वितीय की मृतु हो गयी थी और अंग्रेज़ी सत्ता विजई सेना के नेता, विलियम द कॉंकरर और उनके वंशजों के हाथों में चली गयी। १३वीं सदी में इंग्लैंड ने वेल्स की रियासत को अवशोषित किया तथा मैग्ना कार्टा द्वारा संप्रभु के क्रमिक निःशक्तकरण की प्रक्रिया शुरू हुई। १६०३ में स्कॉटलैंड के राजा जेम्स चतुर्थ, अंग्रेजी सिंहासन पर जेम्स प्रथम के नाम से विराजमान होकर जो दोनों राज्यों को एक व्यक्तिगत संघ की स्थिति में ला खड़ा किया। १६४९ से १६६० के लिए अंग्रेज़ी राष्ट्रमंडल के नाम से एक क्षणिक गणतांत्रिक काल चला, जो तीन राज्यों के युद्ध के बाद अस्तिव में आया, परंतु १६६० के बाद राजशाही को पुनर्स्थापित कर दिया गया। १७०७ में परवर्तित एक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१, जो आज भी परवर्तित है, कॅथॉलिक व्यक्तियों तथा कैथोलिक व्यक्ति संग विवाहित व्यक्तियों को अंग्रज़ी राजसत्ता पर काबिज़ होने से निष्कर्षित करता है। १७०७ में अंग्रेज़ी और स्कॉटियाई राजशाहियों के विलय से ग्रेट ब्रिटेन राजशही की साथपना हुई और इसी के साथ अंग्रज़ी और स्कोटिश मुकुटों का भी विलय हो गया और संयुक्त "ब्रिटिश एकराट्तंत्र" स्थापित हुई। आयरिश राजशही ने १८०१ में ग्रेट ब्रिटेन राजशाही के साथ जुड़ कर ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना की। ब्रिटिश एकराट्, विशाल ब्रिटिश साम्राज्य के नाममात्र प्रमुख थे, जो १९२१ में अपने वृहत्तम् विस्तार के समय विष के चौथाई भू-भाग पर राज करता था। १९२२ में आयरलैंड का पाँच-छ्याई हिस्सा आयरिश मुक्त राज्य के नाम से, संघ से बहार निकल गया। बॅल्फोर घोषणा, १९२६ ने ब्रिटिश डोमिनिओनों के औपनिवेशिक पद से राष्ट्रमंडल के भीतर ही विभक्त, स्वशासित, सार्वभौमिक देशों के रूप में परिवर्तन को मान्य करार दिया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश साम्राज्य सिमटता गया, और ब्रिटिश साम्राज्य के अधिकतर पूर्व उपनिवेश व प्रदेश स्वतंत्र हो गए। जो पूर्व उपनिवेश, ब्रिटिश शासक को अपना शासक मानते है, उन देशों को ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल प्रमंडल या राष्ट्रमण्डल प्रदेश कहा जाता है। इन अनेक राष्ट्रों के चिन्हात्मक समानांतर प्रमुख होने के नाते, ब्रिटिश एकराट् स्वयं को राष्ट्रमण्डल के प्रमुख के ख़िताब से भी नवाज़ते हैं। हालांकि की शासक को ब्रिटिश शासक के नाम से ही संबोधित किया जाता है, परंतु सैद्धान्तिक तौर पर सारे राष्ट्रों का संप्रभु पर सामान अधिकार है, तथा राष्ट्रमण्डल के तमाम देश एक-दुसरे से पूर्णतः स्वतंत्र और स्वायत्त हैं। .

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ब्रिटेन के शाही निवासों की सूची

यह ब्रिटेन के राजकीय निवासों की सूची है, इस पृष्ठ पर ब्रिटिश राजपरिवार के सदस्यों के विभिन्न राजकीय निवासों व महलों को सूचीबद्ध किया गया है, तथा पारंपरिक रूप से राजकितुंब के उस भवन में रहने का समय भी दिया गया है। ब्रिटेन में सारे राजकीय निवास, महल व किले, शासक की निजी संपत्ति नहीं होती है, सारे राजकीय निवास विधिक रूप से राजमुकुट की संपत्ति होते हैं, जिन्हें क्राउन एस्टेट कहा जाता है, इन्हें आधिकारिक तौर पर शासक के विश्वास में आवंटित किया जाता है। शासक स्वेच्छा से इन्हें बेच नहीं सकते हैं। इसके अलावा शासक व राजकुटुंब, निजी तौर पर महल को खरीद सकते है, या उत्तराधिकृत कर सकते हैं। .

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मुकुटिय संपदाएँ

मुकुटिया संपदाएँ यानि क्राउन एस्टेट, यूनाइटेड किंगडम में कुछ विशिष्ट भूमि-संपदाओं और उपलब्धियों का समूह है, जोकि, संप्रभु के स्वामित्व में, उनके एकव्यक्ति संसथान(राजमुकुट) होने के नाते, हैं। यह संपदाएँ, नाहीं पर्याप्त रूपसे सरकारी संपत्ति है, ना शासक की निजी संवत्ति है। क्योंकि, ये सारे शासक की संपत्तियाँ तो हैं, परंतु इनका प्रबंधन और प्रशासन का अधिकार, अर्ध-स्वतंत्र सार्वजनिक रूप से अधिग्रहित निकायों द्वारा किया जाता है, और इनके प्रबंधन में संप्रभु का निजी रूप से शून्यमात्र या न्यूनतम् नियंत्रण या भागीदारी नहीं होती है। अतः इन्हें "संप्रभु की सार्वजनिक संपत्ति" कहा जा सकता है। मुकुटिया संपदाओं को जिन निकायों द्वारा प्रबंधित किया जाता है, उनपर सरपरस्ती, एक क्राउन एस्टेट कमिश्नर का होता है, जोकि उस विशेष संपत्ति के "स्वामित्व के अधिकारों" का अभ्यास करने हेतु सक्षम होता है। इन विरासती संपत्तियों द्वारा उत्पन्न राजस्व को शासक द्वारा उनकी शाही शान की सरकार के अधिकार में रखा गया है। अतः, इनसे उत्पन्न तमाम राजस्व सीधे सरकारी कोष में जाता है। क्राउन एस्टेट, आधिकारिक तौर पर, संसद के प्रति उत्तरदेह है। मुकुटिया संपदाएँ, ब्रिटेन के सबसे बड़े संपत्तियों के मालिकों में से एक है, और इसकी संपत्ति की कुल मूल्य £१२ बिलियन है, जिनमें ९.१ बिलियन शहरी संपत्तियों का है, और अन्य कुल १.६ बिलियन की ग्रामीण संपत्ति है।, इससे कुल वार्षिक आय, मार्च २०१६ में, £३०४.१ मिलियन हुई थी। इसमें से अधिकांश संपत्तियाँ शहरी इलाकों में है, जिनमे अनेक केंद्रीय लंदन में स्थित हैं। इसके अलावा, क्राउन एस्टेट कुल १,४४,००० हेक्टेयर की कृषि और वनभूमि भी है, तथा यह यूके की आधी से अधिक तटीय भूमियों और अन्य अनेक पारंपरिक उपलब्धियों और हितों पर भी स्वामित्व रखता है, जिनमें ऍस्कॉट रेसकोर्स और विंडसर ग्रेट पार्क शामिल हैं। संसद, संप्रभु के अधिकांश सरकारी खर्चों के लिए राशि संसदीय अनुदान तथा सार्वजनिक धन द्वारा प्रदान करता है, जिसे "नागरिक सूची"(सिविल लिस्ट) कहते हैं। तथा एक वार्षिक अनुदान, शाही निवासों के रखरखाव तथा रानी की आधिकारिक यात्राओं के लिए भी आवंटित की जाती है। कर्मचारियों की लागत, राज्य का दौरा, औपचारिक प्रतिबद्धताओं और आधिकारिक मनोरंजन सहित ज्यादातर खर्चों के लिए धन की पूर्ती नागरिक सूची द्वारा ही हो जाती है। यह राशि संसद द्वारा १० वर्षों की अवधी के लिए निर्धारित की जाती है। वर्ष १७६० तक शासक की वित्तीय आवश्यकताएँ, वंशानुगत राजस्व, मुकुटिय संपदाओं के लाभ(राजमुकुट की संपत्ति के पोर्टफोलियो), द्वारा पूरी होती थी। १७६० में राजा जॉर्ज तृतीय ने अपने वंशानुगत राजवन का परित्याग सिविल लिस्ट के लिए करने की सहमति दे दी, जो वर्ष २०१२ तक रहा। वर्त्तमान समय में मुकुटिया एस्टेटों से आई मुद्रा की मात्रा सिविल लिस्ट या अधिराट् को प्रदान किये जाने वाले अन्य अनुदानों से भी अधिक है। इस प्रकार २००७-०८ के बीच क्राउन एस्टेटों ने राजकोश में £२०० मिलियन(२० करोड़ पाउण्ड) की वृद्धि करवाई, जबकि संसद द्वारा ४० लाख पाउण्ड का भुगतान किया गया था। अतः ७.३ अरब पाउण्ड की संपदा के साथ मुकुटिय संपदाएँ ब्रिटेन के सबसे बड़ी ज़मींदारों में से एक है, यह साड़ी संपत्ति न्यास के अंतर्गत राखी गयी हैं और संप्रभु स्वेच्छा से इनका सौदा नहीं कर सकते हैं। २०१२ के बाद से संसदीय अनुदान और नागरिक सूची को मिला कर एक संकुक्त संप्रभु अनुदान से बदल दिया गया है। .

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क्रेगोवन लॉज

क्रेगोवन लॉज, एबरडीनशायर के बैल्मोरल एस्टेट में, बैल्मॉरल कासल से करीब एक मील की दूरी पर स्थित एक सात-कमरों वाला प्रस्तर-निर्मित बंगला है। मुख्य महल से अधिक ग्राम्य आवेश में होने के कारण, इस भवन को राजकुमार चार्ल्स और राजकुमारी डायना द्वारा अक्सर उपयोग किया जाता था। आजकल इसे महत्वपूर्ण मेहमानों के लिए अतिथिशाला के रूप में उपयोग किया जाता है। रूसी शाही परिवार के तत्कालीन वरिष्टताम् सदस्य, माइकल अन्द्रीविच रोमानोफ़् ने द्वितीय विश्व युद्ध के समय यहीं निवास किया था। महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय अक्सर अपनी गर्मियाँ यहीं व्यतीत करती हैं। गर्मियों में इस महल में पर्यटकों को सीमित समय के लिए अनुमति दी जाती है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

बालमोरल महल, बैलमोरल पैलेस, बैल्मॉरल कासल, बैल्मोरल कासल, बॅलमॉरल कासल, बॅल्मोरल कासल

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