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हिंदी चलचित्र, १९७० दशक

सूची हिंदी चलचित्र, १९७० दशक

1970 के दशक के सबसे सफल चलचित्र है: .

304 संबंधों: चन्द्रमा, चाचा भतीजा (1977 फ़िल्म), चाहत (1971 फ़िल्म), चितचोर (1976 फ़िल्म), चेतन आनंद, एक नारी एक ब्रह्मचारी (1971 फ़िल्म), एक पहेली (1971 फ़िल्म), एक हसीना दो दीवाने (1972 फ़िल्म), डैनी डेन्जोंगपा, डॉन (1978 फ़िल्म), तनुजा, तपन सिन्हा, त्रिशूल (1978 फ़िल्म), तेरे मेरे सपने (1971 फ़िल्म), दर्पण (1970 फ़िल्म), दस नम्बरी (1976 फ़िल्म), दस्तक (1970 फ़िल्म), दारा सिंह, दास्तान (1972 फ़िल्म), दिनेश ठाकुर, दिल दौलत दुनिया (1972 फ़िल्म), दिलीप कुमार, दुर्गा, दुलाल गुहा, दुश्मन (1971 फ़िल्म), दूर का राही (1971 फ़िल्म), देव आनन्द, देवेन वर्मा, दो चोर (1972 फ़िल्म), दो यार (1972 फ़िल्म), दोस्त और दुश्मन (1971 फ़िल्म), दीदार (1970 फ़िल्म), दीना पाठक, दीवार (१९७५ फ़िल्म), धरम वीर, धर्मेन्द्र, नन्दा, नया रास्ता (1970 फ़िल्म), नया ज़माना (1971 फ़िल्म), नसीरुद्दीन शाह, नादान (१९७१ फ़िल्म), नादिरा, नासिर हुसैन, निरूपा रॉय, नवीन निश्चल, नौकर (1979 फ़िल्म), नूतन, नीतू सिंह, नीलम, पद्मिनी, ..., पराया धन (1971 फ़िल्म), परवरिश (1977 फ़िल्म), परवाना (1971 फ़िल्म), परवीन बॉबी, पहचान (1970 फ़िल्म), पारस (1971 फ़िल्म), पिया का घर, पगला कहीं का (1970 फ़िल्म), प्यार की कहानी (1971 फ़िल्म), प्रतिज्ञा (1975 फ़िल्म), प्राण, प्रिया राजवंश, प्रकाश मेहरा, प्रेम चोपड़ा, प्रेम पुजारी (1970 फ़िल्म), प्रेमनाथ, प्रीतम (1971 फ़िल्म), पृथ्वीराज कपूर, पूरब और पश्चिम (1970 फ़िल्म), फरिश्ता या कातिल (1977 फ़िल्म), फ़रीदा जलाल, फ़िरोज़ ख़ान, फिर कब मिलोगी (1974 फ़िल्म), बचपन (1970 फ़िल्म), बनफूल (1971 फ़िल्म), बबीता, बलराज साहनी, बाबुल की गलियाँ (1972 फ़िल्म), बासु चटर्जी, बावर्ची (1972 फ़िल्म), बिन्दू, बिखरे मोती (1971 फ़िल्म), बिंदु, बंसी बिरजू (1972 फ़िल्म), बुड्ढा मिल गया (1971 फ़िल्म), ब्रज, ब्रजभाषा, बैराग (1976 फ़िल्म), बेनाम (1974 फ़िल्म), बॉबी (१९७३ फ़िल्म), भारत भूषण, भारती, भाई हो तो ऐसा (1972 फ़िल्म), भूमिका (1977 फ़िल्म), मणि कौल, मदन पुरी, मधुबाला, मन मन्दिर (1971 फ़िल्म), मनमोहन देसाई, मनोरंजन (1974 फ़िल्म), मनोज कुमार, मस्ताना (1970 फ़िल्म), महमूद, माँ और ममता (1970 फ़िल्म), माँ का आँचल (1970 फ़िल्म), माला सिन्हा, मालिक (1972 फ़िल्म), मिथुन चक्रवर्ती, मिली (1975 फ़िल्म), मजबूर (1974 फ़िल्म), मुमताज़ (अभिनेत्री), मुकद्दर का सिकन्दर (1978 फ़िल्म), मौसम (1975 फ़िल्म), मौसमी चटर्जी, मृणाल सेन, मैं तुलसी तेरे आँगन की (1978 फ़िल्म), मेमसाब (1971 फ़िल्म), मेरा नाम जोकर (1970 फ़िल्म), मेरा गाँव मेरा देश (1971 फ़िल्म), मेरे जीवन साथी (1972 फ़िल्म), मेरे अपने (1971 फ़िल्म), मोहन कुमार, मीना कुमारी, यश चोपड़ा, यादगार (1970 फ़िल्म), योगिता बाली, रणधीर कपूर, रमेश देव, रमेश सिप्पी, रानी मेरा नाम (1972 फ़िल्म), रामानन्द सागर, रास्ते का पत्थर, राज खोसला, राज कपूर, राज कुमार, राजश्री, राजिंदर सिंह बेदी, राजकुमार, राजेन्द्र कुमार (अभिनेता), राजेश खन्ना, राखी, राखी गुलज़ार, राखी और हथकड़ी (1972 फ़िल्म), राकेश पांडे, राकेश रोशन, रखवाला (1971 फ़िल्म), रूप तेरा मस्ताना (1972 फ़िल्म), रूपेश कुमार, रेशमा और शेरा (1971 फ़िल्म), रेखा, रोटी (1974 फ़िल्म), रोटी कपड़ा और मकान (1974 फ़िल्म), रीना रॉय, ललिता पवार, लाल पत्थर (1971 फ़िल्म), लक्ष्मी (अभिनेत्री), लीना चन्दावरकर, लीला मिश्रा, शतरंज के खिलाड़ी (१९७७ फ़िल्म), शत्रुघन सिन्हा, शबाना आज़मी, शम्मी कपूर, शर्मिला टैगोर, शर्मीली (1971 फ़िल्म), शशि कपूर, शहज़ादा (1972 फ़िल्म), शादी के बाद (1972 फ़िल्म), शिव कुमार, शक्ति सामंत, श्याम बेनेगल, श्रीदेवी, श्रीराम लागू, शोर (1972 फ़िल्म), शोले (1975 फ़िल्म), सच्चा झूठा (1970 फ़िल्म), सत्येन बोस, सत्येन्द्र कपूर, सन्यासी (1975 फ़िल्म), सब का साथी (1972 फ़िल्म), सबसे बड़ा सुख (1972 फ़िल्म), समाधि (1972 फ़िल्म), सरगम (1979 फ़िल्म), साधना, सायरा बानो, सिमी गरेवाल, सगीना (1974 फ़िल्म), संजय ख़ान, संजोग (1971 फ़िल्म), संजीव कुमार, सुचित्रा सेन, सुनील दत्त, सुभाष घई, सुरेन्द्र मोहन, सुल्तान अहमद, सुजीत कुमार, स्मिता पाटिल, सोहनलाल कंवर, सीता और गीता (1972 फ़िल्म), हम तुम और वो, हमजोली (1970 फ़िल्म), हलचल (1971 फ़िल्म), हाथी मेरे साथी (1971 फ़िल्म), हिन्दी सिनेमा, हिम्मत (1970 फ़िल्म), हंगामा (1971 फ़िल्म), हेमा मालिनी, हेलन, जय श्री टी, जयमाला, जया बच्चन, जयाप्रदा, जल बिन मछली नृत्य बिन बिजली (1971 फ़िल्म), ज़मीन आसमान (1972 फ़िल्म), ज़िन्दगी ज़िन्दगी (1972 फ़िल्म), ज़ीनत अमान, जितेन्द्र, जवान मोहब्बत (1971 फ़िल्म), जंगल में मंगल (1972 फ़िल्म), जुगल किशोर, ज्वाला (1971 फ़िल्म), जूली (1975 फ़िल्म), जॉनी मेरा नाम (1970 फ़िल्म), जॉनी व्हिस्की, जॉय मुखर्जी, जोरू का गुलाम (1972 फ़िल्म), जीत (1972 फ़िल्म), जीवन, जीवन मृत्यु (1970 फ़िल्म), घर घर की कहानी (1970 फ़िल्म), वफ़ा (1972 फ़िल्म), वहीदा रहमान, विद्या सिन्हा, विनोद मेहरा, विनोद खन्ना, विश्राम बेडेकर, विजय, विजय आनन्द, विक्टर बैनर्जी, विक्रम (अभिनेता), वैजयन्ती माला, ख़्वाजा अहमद अब्बास, खिलौना (1970 फ़िल्म), खोटे सिक्के (1974 फ़िल्म), गरम मसाला (1972 फ़िल्म), गुड्डी (1971 फ़िल्म), गुनाह और कानून (1970 फ़िल्म), गुलज़ार (गीतकार), गैम्बलर (1971 फ़िल्म), गोरा और काला (1972 फ़िल्म), गोल माल (1979 फ़िल्म), गोविन्दा, ओम शिवपुरी, आँधी (1975 फ़िल्म), आँखों आँखों में (1972 फ़िल्म), आत्मा राम, आत्माराम, आन बान (1972 फ़िल्म), आशा पारेख, आशिक हूँ बहारों का (1977 फ़िल्म), इश्क पर ज़ोर नहीं (1970 फ़िल्म), इंसान और शैतान (1970 फ़िल्म), कटी पतंग (1970 फ़िल्म), कठपुतली (1971 फ़िल्म), कबीर बेदी, कभी कभी (1976 फ़िल्म), कल आज और कल (1971 फ़िल्म), कल्पवृक्ष, कस्मे वादे (1978 फ़िल्म), काला पत्थर (१९७९ फ़िल्म), किरण कुमार, किशोर कुमार, कंगन (1971 फ़िल्म), कोशिश (1972 फ़िल्म), अदिति, अधिकार (1971 फ़िल्म), अनिल धवन, अनुपमा, अनुभव (1971 फ़िल्म), अनूप कुमार, अनोखा मिलन (1972 फ़िल्म), अनोखी पहचान (1972 फ़िल्म), अपना देश (1972 फ़िल्म), अपराध (1972 फ़िल्म), अपर्णा सेन, अभिनेत्री (1970 फ़िल्म), अभिजीत भट्टाचार्य, अमर प्रेम (1972 फ़िल्म), अमर अकबर एन्थोनी (1977 फ़िल्म), अमरीश पुरी, अमिताभ बच्चन, अमज़द ख़ान, अमोल पालेकर, अमीता, अरुणा ईरानी, अशोक कुमार (राजनीतिज्ञ), अशोक कुमार (अभिनेता), असित सेन, अजीत, अंदाज़ (1971 फ़िल्म), उत्पल दत्त, उपहार (1971 फ़िल्म), ऋषि कपूर, ऋषिकेश मुखर्जी, छोटी सी बात (१९७५ चलचित्र) सूचकांक विस्तार (254 अधिक) »

चन्द्रमा

कोई विवरण नहीं।

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चाचा भतीजा (1977 फ़िल्म)

चाचा भतीजा 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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चाहत (1971 फ़िल्म)

चाहत 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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चितचोर (1976 फ़िल्म)

चितचोर 1976 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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चेतन आनंद

चेतन आनंद (जन्म: 8 जुलाई 1980) बैडमिंटन के एक भारतीय खिलाडी हैं। .

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एक नारी एक ब्रह्मचारी (1971 फ़िल्म)

एक नारी एक ब्रह्मचारी 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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एक पहेली (1971 फ़िल्म)

एक पहेली 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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एक हसीना दो दीवाने (1972 फ़िल्म)

एक हसीना दो दीवाने 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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डैनी डेन्जोंगपा

डैनी डेन्जोंगपा (जन्म- २५ फ़रवरी १९४८) एक भारतीय अभिनेता हैं। ये हिन्दी फ़िल्मों में काम करते हैं। ये भारत के चौथे सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री से सम्मानित कलाकार हैं।सिक्किम में जन्म डैनी भुटिया जाति के हैं एवं भुटिया इनकी मातृभाषा है। अपने शूरूवाती दिनों में ये नेपाली तथा हिन्दी फ़िल्मों में गीत गाते थे। .

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डॉन (1978 फ़िल्म)

डॉन १९७८ की एक हिन्दी क्राइम थ्रिलर फिल्म है। सलीम-जावेद द्वारा लिखी इस फ़िल्म के निर्माता नरीमन ईरानी हैं, तथा निर्देशक चंद्र बरोट हैं। अमिताभ बच्चन, ज़ीनत अमान, इफ़्तेखार, प्राण, हेलन, ओम शिवपुरी, सत्येन कप्पू तथा पिंचू कपूर ने फ़िल्म में मुख्य भूमिकाऐं निभाई हैं। कल्याणजी आनंदजी ने फ़िल्म में संगीत दिया है, तथा फ़िल्म के गीत अंजान और इंदीवर ने लिखे हैं। अमिताभ बच्चन ने फ़िल्म में अंडरवर्ल्ड बॉस 'डॉन' की, और उसके हमशक्ल 'विजय' की दोहरी भूमिका निभाई थी। फ़िल्म की कहानी बम्बई की झुग्गियों के निवासी विजय के इर्द-गिर्द घूमती है, जो संयोग से डॉन का हमशक्ल हैं। बम्बई पुलिस के डीसीपी डी'सिल्वा विजय से डॉन का रूप लेने को कहते हैं, ताकि वह पुलिस के मुखबिर के रूप में काम कर सके, और साथ ही डॉन के आपराधिक नेटवर्क का भंडाफोड़ करने में पुलिस की मदद कर सकें। .

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तनुजा

तनुजा (जन्म: 23 सितंबर, 1943) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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तपन सिन्हा

तपन सिन्हा (তপন সিন্‌হা)(२ अक्टूबर १९२४ – १५ जनवरी २००९) बांग्ला चलचित्र एवं हिन्दी चलचित्र के प्रसिद्ध निर्देशक थे। इन्हें २००६ का दादा साहेब फाल्के पुरस्कार भी मिला था। तपन सिन्हा की फिल्में भारत के अलावा बर्लिन, वेनिस, लंदन, मास्को जैसे अंतरराष्ट्रीय ‍फिल्म समारोहों में भी सराही गई थीं। इन्होंने भौतिकी विषय में स्नातकोत्तर किया था। ये सबसे अधिक गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के कार्यो से प्रभावित थे। तपन सिन्हा ने बांग्ला फ़िल्म अभिनेत्री अरुंधती देवी से विवाह किया था। इनके पुत्र अनिन्द्य सिन्हा भारतीय वैज्ञानिक हैं। तपन जी अपने जीवन की संध्या में हृदय रोग से पीड़ित हो गये थे और अन्ततः १५ जनवरी, २००९ को परलोक सिधार गये। इनकी पत्नी की मृत्यु १९९० में ही हो चुकी थी। सगीना महतो और सफेद हाथी जैसी उल्लेखनीय फिल्में बनाने वाले सिन्हा विभिन्न श्रेणियों में अभी तक १९ राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किए जा चुके हैं। स्वतंत्रता की ६०वीं जयंती पर भारत सरकार ने उन्हें फिल्म जगत में अद्वितीय योगदान के लिए अवार्ड फॉर लाइफ टाइम अचीवमेंट से सम्मानित किय़ा था। तपन जी की पहली फिल्म उपहार थी जो १९५५ में रिलीज़ हुई थी। १९५६ मे रिलीज़ हुई फिल्म काबुलीवाला दूसरी फिल्म थी। इसके अलावा एक डॉक्टर की मौत, सगीना और आदमी और औरत इनकी बेहतरीन फिल्मों में गिनी जाती हैँ। इन्होंने बावर्ची जैसी कई फिल्मों की कहानी भी लिखी है। .

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त्रिशूल (1978 फ़िल्म)

त्रिशूल 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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तेरे मेरे सपने (1971 फ़िल्म)

तेरे मेरे सपने 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दर्पण (1970 फ़िल्म)

दर्पण 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दस नम्बरी (1976 फ़िल्म)

दस नम्बरी 1976 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दस्तक (1970 फ़िल्म)

दस्तक 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दारा सिंह

दारा सिंह (पूरा नाम: दारा सिंह रन्धावा, अंग्रेजी: Dara Singh, जन्म: 19 नवम्बर, 1928 पंजाब, मृत्यु: 12 जुलाई 2012 मुम्बई) अपने जमाने के विश्व प्रसिद्ध फ्रीस्टाइल पहलवान रहे हैं। उन्होंने 1959 में पूर्व विश्व चैम्पियन जार्ज गारडियान्का को पराजित करके कामनवेल्थ की विश्व चैम्पियनशिप जीती थी। 1968 में वे अमरीका के विश्व चैम्पियन लाऊ थेज को पराजित कर फ्रीस्टाइल कुश्ती के विश्व चैम्पियन बन गये। उन्होंने पचपन वर्ष की आयु तक पहलवानी की और पाँच सौ मुकाबलों में किसी एक में भी पराजय का मुँह नहीं देखा। 1983 में उन्होंने अपने जीवन का अन्तिम मुकाबला जीतने के पश्चात कुश्ती से सम्मानपूर्वक संन्यास ले लिया। उन्नीस सौ साठ के दशक में पूरे भारत में उनकी फ्री स्टाइल कुश्तियों का बोलबाला रहा। बाद में उन्होंने अपने समय की मशहूर अदाकारा मुमताज के साथ हिन्दी की स्टंट फ़िल्मों में प्रवेश किया। दारा सिंह ने कई फ़िल्मों में अभिनय के अतिरिक्त निर्देशन व लेखन भी किया। उन्हें टी० वी० धारावाहिक रामायण में हनुमान के अभिनय से अपार लोकप्रियता मिली। उन्होंने अपनी आत्मकथा मूलत: पंजाबी में लिखी थी जो 1993 में हिन्दी में भी प्रकाशित हुई। उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने राज्य सभा का सदस्य मनोनीत किया। वे अगस्त 2003 से अगस्त 2009 तक पूरे छ: वर्ष राज्य सभा के सांसद रहे। 7 जुलाई 2012 को दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें कोकिलाबेन धीरूभाई अम्बानी अस्पताल मुम्बई में भर्ती कराया गया किन्तु पाँच दिनों तक कोई लाभ न होता देख उन्हें उनके मुम्बई स्थित निवास पर वापस ले आया गया जहाँ उन्होंने 12 जुलाई 2012 को सुबह साढ़े सात बजे दम तोड़ दिया। .

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दास्तान (1972 फ़िल्म)

दास्तान 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दिनेश ठाकुर

दिनेश ठाकुर - रंगमंच निदेशक, टेलीविजन, रंगमंच और हिन्दी फिल्म अभिनेता है। बासु चटर्जी की फिल्म रजनीगन्था के लिये फ़िल्म फेयर पुरस्कार। वह मुंबई में अन्क सन्स्था के निर्देशक है। .

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दिल दौलत दुनिया (1972 फ़िल्म)

दिल दौलत दुनिया 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दिलीप कुमार

दिलीप कुमार (जन्म 11 दिसंबर, 1922; जन्म का नाम: यूसुफ़ ख़ान), हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय अभिनेता है जो भारतीय संसद के उच्च सदन राज्य सभा के सदस्य रह चुके है। दिलीप कुमार को उनके दौर का बेहतरीन अभिनेता माना जाता है, त्रासद या दु:खद भूमिकाओं के लिए मशहूर होने के कारण उन्हे 'ट्रेजिडी किंग' भी कहा जाता था। उन्हें भारतीय फ़िल्मों के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, इसके अलावा दिलीप कुमार को पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ से भी सम्मानित किया गया है। .

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दुर्गा

दुर्गा हिन्दुओं की प्रमुख देवी हैं जिन्हें केवल देवी और शक्ति भी कहते हैं। शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं जिनकी तुलना परम ब्रह्म से की जाती है। दुर्गा को आदि शक्ति, प्रधान प्रकृति, गुणवती माया, बुद्धितत्व की जननी तथा विकार रहित बताया गया है। वह अंधकार व अज्ञानता रुपी राक्षसों से रक्षा करने वाली तथा कल्याणकारी हैं। उनके बारे में मान्यता है कि वे शान्ति, समृद्धि तथा धर्म पर आघात करने वाली राक्षसी शक्तियों का विनाश करतीं हैं। देवी दुर्गा का निरूपण सिंह पर सवार एक निर्भय स्त्री के रूप में की जाती है। दुर्गा देवी आठ भुजाओं से युक्त हैं जिन सभी में कोई न कोई शस्त्रास्त्र होते है। उन्होने महिषासुर नामक असुर का वध किया। महिषासुर (.

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दुलाल गुहा

दुलाल गुहा (जन्म: 2 अप्रैल, 1928 निधन: 15 फरवरी, 2001) हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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दुश्मन (1971 फ़िल्म)

दुश्मन 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दूर का राही (1971 फ़िल्म)

दूर का राही 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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देव आनन्द

देव आनन्द उर्फ़ धरमदेव पिशोरीमल आनंद (जन्म २६ सितंबर १९२३- मृत्यु ३ दिसम्बर २०११) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। .

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देवेन वर्मा

देवेन वर्मा हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध हास्य अभिनेता थे।इनका जन्म २३ अक्टूबर १९३७ को कच्छ राज्य, (ब्रिटिश भारत) में हुआ था। वह एक अभिनेता और निर्माता थे, जिन्हे अंगूर (१९८२),गोल माल (1979 फ़िल्म), खट्टा मीठा (1978 फ़िल्म), नास्तिक, रंग बिरंगी,अंदाज अपना अपना (१९९४) और दिल तो पागल है (१९९७) ही नहीं वरन कई हास्य फ़िल्मों के लिए जाना जाता था।2 दिसंबर, 2014 को पुणे, महाराष्ट्र, भारत में उनका निधन हो गया। .

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दो चोर (1972 फ़िल्म)

दो चोर 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दो यार (1972 फ़िल्म)

दो यार 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दोस्त और दुश्मन (1971 फ़िल्म)

दोस्त और दुश्मन 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दीदार (1970 फ़िल्म)

दीदार 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दीना पाठक

दीना पाठक (जन्म: 4 मार्च, 1922; निधन: 11 अक्टूबर, 2002) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री थीं। .

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दीवार (१९७५ फ़िल्म)

दीवार 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यश चोपड़ा निर्मित दीवार हिन्दी सिनेमा की सबसे सफ़लतम फिल्मों में से है जिसने अमिताभ को "एंग्री यंग मैन" के खिताब में स्थापित कर दिया। इस फिल्म ने अमिताभ के करियर को नयी बुलंदियों पर पहुँचा दिया। कहा जाता है की फिल्म की कहानी अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान के जीवन पर आधारित है और अमिताभ बच्चन ने यही किरदार निभाया है। फिल्म की कहानी है दो भाईयों की कहानी है जो बचपन में अपने और अपने परिवार पर अत्याचारों को झेलकर जिंदगी में दो अलग अलग रास्ते चुनते हैं, जो दोनों के बीच मे एक दीवार खड़ी कर देते हैं। .

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धरम वीर

धरम वीर १९७७ में बनी एक फ़िल्म है। .

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धर्मेन्द्र

धर्मेन्द्र (पंजाबी: ਧਰਮਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਦਿਉਲ जन्म: ८ दिसंबर, १९३५) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। इनकी पत्नी हेमा मालिनी, पुत्र बॉबी द्योल और सनी द्योल भी फ़िल्मों में काम करते हैं। धर्मेन्द्र 2004 से 2009 तक बीकानेर से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद थे। .

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नन्दा

नन्दा (8 जनवरी 1939 - 25 मार्च 2014) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री थीं। .

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नया रास्ता (1970 फ़िल्म)

नया रास्ता 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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नया ज़माना (1971 फ़िल्म)

नया ज़माना 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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नसीरुद्दीन शाह

नसीरुद्दीन शाह हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। नसीरुद्दीन शाह, जिन्हें हिंदी फ़िल्म उद्योग में अदाकारी का एक पैमाना कहा जाए तो शायद ही किसी को एतराज हो। नसीर की काबिलियत का सबसे बड़ा सुबूत है, सिनेमा की दोनों धाराओं में उनकी कामयाबी। नसीर का नाम अगर पैरेलल सिनेमा के सबसे बेहतरीन अभिनेताओं की सूची में शामिल हुआ तो बॉलीवुड की मुख्य धारा या व्यापारिक फ़िल्मों में भी उन्होंने बड़ी कामयाबी हासिल की है। नसीर अपने शानदार अंदाज से मुख्य धारा के चहेते सितारे बन गए, ऐसा सितारा जिसने हर तरह के किरदार को बेहतरीन अभिनय से जिंदा कर दिया। ये सितार जब भी स्क्रीन पर आया देखने वाले के दिल पर उस किरदार की यादगार छाप छोड़ गया। उसकी कॉमेडी ने पब्लिक को खूब गुदगुदाया तो एक्शन में भी उसका अलग ही अंदाज नजर आया। मुख्य धारा सिनेमा में नसीरुद्दीन शाह के सफर की शुरुआत 1980 में आई फ़िल्म 'हम पांच' से हुई। फ़िल्म भले ही व्यापारिक थी, लेकिन इसमें नसीर के अभिनय की गहराई समानांतर सिनेमा वाली फ़िल्मों से कम नहीं थी। गुलामी को अपनी तकदीर मान चुके एक गांव में विद्रोह की आवाज बुलंद करते नौजवान के किरदार में नसीर ने जान फूंक दी। हालांकि फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर कामयाब नहीं रही और एक व्यापारिक एक्टर के तौर पर सफलता साबित करने के लिए नसीर को टिकट खिड़की पर भी बिकाऊ बनने की जरूरत थी। और उनके लिए ये काम किया 'जाने भी दो यारों' ने। बॉलीवुड की ऑल टाइम बेस्ट कॉमेडी फ़िल्मों में शुमार 'जाने भी दो यारों' में रवि वासवानी और नसीर की जोड़ी ने बेजोड़ कॉमिक टाइमिंग दिखाई और फ़िल्म बेहद कामयाब रही। लेकिन कमर्शियल सिनेमा में नसीर की सबसे बड़ी कामयाबी बनी 'मासूम'। बाप और बेटे के रिश्तों को उकेरती 'मासूम' में नसीर ने कमाल की अदाकारी से ना केवल खूब वाहवाही बटोरी बल्कि फ़िल्म भी सुपरहिट हुई और नसीर को एक स्टार का दर्जा मिल गया। नसीर के इस स्टार स्टेटस को और मजबूत किया 1986 में आई सुभाष घई की मल्टीस्टारर मेगाबजट फ़िल्म 'कर्मा' ने। फ़िल्म में नसीर के लिए अपनी छाप छोड़ना आसान नहीं था क्योंकि वहां अभिनय सम्राट "दिलीप कुमार भी थे। और उस दौर के नए नवेले सितारे जैकी श्रॉफ और अनिल कपूर भी थे। 1987 में गुलजार की 'इजाजत' नसीर के लिए कामयाबी का एक और जरिया बन कर आई। एक जज्बाती कहानी, बेहतरीन निर्देशन, शानदार अभिनय और यादगार संगीत। 'इजाजत' ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कामयाबी हासिल की और बतौर व्यापारिक एक्टर नसीर का रुतबा और बढ़ गया। 'त्रिदेव' जैसी सुपरहिट फ़िल्म देकर, 90 का दशक आते-आते नसीर ने व्यापारिक फ़िल्मों में भी अपनी अलग पहचान बना ली थी। 2003 में आई हॉलीवुड फ़िल्म 'द लीग ऑफ एक्सट्रा ऑर्डिनरी जेंटलमेन' में नसीरुद्दीन ने कैप्टन नीमो का किरदार निभाया तो दूसरी तरफ पाकिस्तानी फ़िल्म 'खुदा के लिए' में भी उन्होंने शानदार काम किया। देश से लेकर परदेस तक, नसीरुद्दीन शाह ने अपनी अदाकारी का लोहा सारी दुनिया में मनवाया है। लेकिन नसीर अपनी काबिलियत को खुशकिस्मती का नाम देते हैं। वो कहते हैं, 'मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि मुझे इतने मौके मिले, लेकिन मैं व्यापारिक फ़िल्मों से अभी संतुष्ट नहीं हूँ।' 2008 में आई 'अ वेडनेसडे' ने नसीर की कमाल की अदाकारी का एक और नजराना पेश किया तो 'इश्किया', 'राजनीति', 'सात खून माफ' और 'डर्टी पिक्चर' जैसी फ़िल्मों के जरिए नसीरुद्दीन ने बार-बार ये साबित किया कि एक सच्चे कलाकार को उम्र बांध नहीं सकती। हाल ही में रिलीज हुई फ़िल्म 'मैक्सिमम' में भी नसीर की जोरदार एक्टिंग ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया है। आज के नसीरुद्दीन शाह की बात करें तो शायद ही ऐसा कोई रोल है जो उनपर फिट नहीं बैठे। आखिर वो एक्टर ही ऐसे हैं कि हर रोल के मुताबिक खुद को ढाल लेते हैं। लेकिन एक समय था जब नसीर को दो रोल करने की इच्छा थी जो उस समय उन्हें नहीं मिले। लेकिन बाद 'मिर्जा गालिब', दूरदर्शन धारावाहिक में उन्हें दो रोल मिले जिसमें उन्होंने ग़ालिब का वास्तविक चित्र उभारने की कोशिश की। लेकिन आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि गालिब बनने की नसीर की तमन्ना उनके दिल में एक अधूरे ख्वाब की तरह अटकी हुई थी। 1988 में सीरियल बनाने से सालों पहले गुलजार साहब गालिब पर एक फ़िल्म बनाना चाहते थे और उस फ़िल्म में गालिब के तौर पर उनकी दिली इच्छा संजीव कुमार को लेने की थी। नसीर साहब ने इस बारे में बताते हुए कहा, 'मैंने गुलजार भाई को चिठ्ठी लिखी और अपनी फोटोग्राफ्स भेजी, मैंने लिखा कि ये क्या कर रहे हैं, इस फ़िल्म में आपको मुझे लेना चाहिए।' लेकिन संजीव कुमार को दिल का दौरा पड़ गया था और सेहत उनका साथ नहीं दे रही थी। फिर उसके बाद गुलजार साहब के दिल में उस रोल के लिए अमिताभ के नाम का खयाल आया। लेकिन वहां भी बात नहीं बनी और आखिरकार गालिब पर फ़िल्म बनाने का प्लान ही ठंडे बस्ते में पड़ गया। शायद उस वक्त गुलजार को भी नहीं मालूम होगा कि इस किरदार पर तो तकदीर ने किसी और का नाम लिख दिया है। कई साल बाद गुलजार साहब ने एक दिन नसीर को फोन लगाया। नसीर ने बताया, 'एक दिन मुझे गुलजार भाई का फोन आया कि सीरियल में काम करोगे। मैंने पूछा कौन सा सीरियल तो उन्होंने बताया गालिब पर है। मैंने बिना कुछ सोचे फौरन हां कह दिया।' साल 1982 में 'गांधी' के रिलीज होने के अट्ठारह साल बाद कमल हासन ने 'हे राम' बनाई, जिसने नसीर साहब की गांधी बनने की तमन्ना को भी पूरा कर दिया। सधी हुई अदाकरी और बेजोड़ अंदाज से उन्होंने ना केवल गांधी के किरदार में जान डाल दी। बेजोड़ एक्टिंग और गजब की क्षमता से हर तरह के किरदार निभाने वाले नसीर ने अपनी छाप नकारात्मक भूमिकाओं में भी छोड़ी। समानांतर सिनेमा का ये हीरो कमर्शियल फ़िल्मों में एक ख़तरनाक विलेन के तौर पर भी हमेशा याद किया जाता रहेगा। हिन्दी सिनेमा में विलेन का ये नया चेहरा था, खूंखार और अजीबोगरीब शक्ल वाला कोई गुंडा नहीं बल्कि सोफेस्टिकेटेड इंसान जिसके दिमाग में सिर्फ जहर ही जहर था। विलेन का ये किरदार जितना संजीदा था उससे भी ज्यादा संजीदगी से उसे निभाया था नसीरुद्दीन शाह ने। वैसे खलनायक के तौर पर उनकी एक दो फ़िल्में नहीं थीं। 'मोहरा' में उन्होंने दिखाया विलेन का वो चेहरा जो किसी के भी दिल में खौफ पैदा कर सकता है। अंधा होने का नाटक करने वाला एक शिकारी, लेकिन ये नसीर की असली पहचान नहीं थी। नसीर की असली पहचान समानांतर सिनेमा था। सिनेमा की वो धारा जिसमें एक स्टार के लिए कम और एक्टर के लिए गुंजाइश ज्यादा होती है। और ये बात किसी से छुपी नहीं कि नसीर एक एक्टर पहले और स्टार बाद में हैं। समानांतर सिनेमा के इस सितारे ने स्मिता पाटिल, शबाना आजमी, अमरीश पुरी और ओम पुरी जैसे माहिर कलाकारों के साथ मिलकर आर्ट फ़िल्मों को एक नई पहचान दी। 'निशान्त' जैसी सेंसेटिव फ़िल्म से अभिनय का सफर शुरू करने वाले नसीर ने 'आक्रोश', 'स्पर्श', 'मिर्च मसाला', 'भवनी भवाई', 'अर्धसत्य', 'मंडी' और 'चक्र' जैसी फ़िल्मों में अभिनय की नई मिसाल पेश कर दी। .

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नादान (१९७१ फ़िल्म)

नादान (१९७१ फ़िल्म) नादान १९७१ में देवेन वर्मा द्वारा निर्मित व निर्देशित हिन्दी भाषा की फिल्म है| आशा पारेख, नवीन निश्चल, मदन पुरी और निरूपा रॉय इसके प्रमुख कलाकार है| .

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नादिरा

नादिरा (जन्म: 5 दिसंबर, 1932 निधन: 9 फरवरी, 2006) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। 'मुड़ मुड़ के न देख गर्ल' नादिरा ने अधिकतर फ़िल्मों में नेगेटिव रोल किए किसी ज़माने में हिंदी फ़िल्मी दुनिया में 'मुड़ मुड़ के न देख गर्ल' के नाम से मशहूर हुईं नादिरा का गुरूवार को निधन हो गया। 1952 में महबूब ख़ान की 'आन' से अपने करियर की शुरूआत करने वाली नादिरा कुछ समय से बीमार थीं और मुंबई के एक अस्पताल में उनका इलाज हो रहा था। पचास और साठ के दशक में नादिरा की शोहरत आसमान पर थी और राजकपूर की 'श्री चार सौ बीस' के एक गाने के बाद से तो उन्हें 'मुड़ मुड़ के न देख गर्ल' ही कहा जाने लगा था। .

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नासिर हुसैन

नासिर हुसैन (16 नवंबर 1926 - 13 मार्च 2002) भारतीय फिल्म निर्माता, निर्देशक और पटकथा लेखक थे। दशकों तक फैले अपने करियर के साथ, हुसैन को हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक प्रमुख पथ जनक के रूप में जाना जाता है। उदाहरण के लिए, उन्होंने यादों की बारात (1973) को निर्देशित किया, जिसने बॉलीवुड मसाला फिल्म शैली बनाई जिसने 1970 और 1980 के दशक में हिंदी सिनेमा को परिभाषित किया। साथ ही उन्होंने कयामत से कयामत तक (1988) को लिखा और निर्मित किया, जिसने 1990 के दशक में हिंदी सिनेमा को परिभाषित करने वाले बॉलीवुड संगीतमय रोमांस रूपरेखा को स्थापित किया। इनके ऊपर एक किताब म्यूजिक, मस्ती और मॉडर्निटी- द सिनेमा ऑफ नासिर हुसैन भी लिखी गई है। .

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निरूपा रॉय

निरूपा राय (जन्म: 4 जनवरी, 1931 निधन: 13 अक्टूबर, 2004) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री थीं। .

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नवीन निश्चल

नवीन निश्चल हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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नौकर (1979 फ़िल्म)

नौकर 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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नूतन

नूतन (४ जून १९३६ - २१ फ़रवरी १९९१), हिन्दी सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। नूतन के सौन्दर्य को मिस इंडिया पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह इस पुरस्कार को पाने वाली पहली महिला थीं। नूतन ने ५० से भी अधिक फ़िल्मों में काम किया और उन्हे बहुत से अन्य पुरस्कारों के अलावा ६ बार फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिला (जो कि अभी तक किसी भी दूसरी अभिनेत्री से अधिक है)। नूतन का जन्म ४ जून १९३६ को एक पढे-लिखे और सभ्रांत परिवार में हुआ था। इनकी माता का नाम श्रीमती शोभना सामर्थ और पिता का नाम श्री कुमारसेन सामर्थ था। नूतन ने अपने फ़िल्मी जीवन की शुरुआत १९५० में की थी जब वह स्कूल में ही पढ़ती थीं। ११ अक्तुबर १९५९ को नूतन ने लेफ़्टिनेंट कमांडर रजनीश बहल से विवाह कर लिया। नूतन के पुत्र मोहनीश बहल भी हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय करते हैं। नूतन की बहन तनुजा और भतीजी काजोल भी हिन्दी सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्रियों में शामिल हैं। नूतन के अभिनय को हिन्दी फ़िल्म उद्दोग के सभी बडे नामों ने सराहा है और वह आज भी बहुत सी अदाकाराओं का आदर्श बनी हुई हैं। नूतन का देहांत फरवरी १९९१ को कैंसर के कारण हुआ। जिन फ़िल्मों के लिये नूतन को फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिले, उनकी सूची इस प्रकार है.

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नीतू सिंह

नीतू सिंह हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। वह ऋषि कपूर की पत्नी हैं। .

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नीलम

नीलम एक रत्न श्रेणी का खनिज है। यह अल्यूमिनियम भस्म (ऑक्साइड) (Al2O3) है, जब यह लाल के सिवाय अन्य वर्ण का होता है। नीलम प्रकृति में भी मिलता है, एवं कृत्रिम भी बनाया जाता है। अपनी उल्लेखनीय सख्तता के कारण कई अनुप्रयोगों में प्रयुक्त होता है, जैसे अधोरक्त दृष्टि सम्बन्धी उपकरण, घडी़ के क्रिस्टल, अर्धचालकों की डिपोसीशन हेतु जैसे कि। .

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पद्मिनी

पद्मावती या पद्मिनी चित्तौड़ के राजा रत्नसिंह (रतनसेन) की रानी थी। इस राजपूत रानी के नाम का ऐतिहासिक अस्तित्व बहुत संदिग्ध है, और इसका ऐतिहासिक अस्तित्व तो प्रायः इतिहासकारों द्वारा काल्पनिक स्वीकार कर लिया गया है। इस नाम का मुख्य स्रोत मलिक मुहम्मद जायसी कृत 'पद्मावत' नामक महाकाव्य है। अन्य जिस किसी ऐतिहासिक स्रोतों या ग्रंथों में 'पद्मावती' या 'पद्मिनी' का वर्णन हुआ है वे सभी 'पद्मावत' के परवर्ती हैं। .

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पराया धन (1971 फ़िल्म)

पराया धन 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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परवरिश (1977 फ़िल्म)

परवरिश 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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परवाना (1971 फ़िल्म)

परवाना 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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परवीन बॉबी

परवीन बॉबी (जन्म: 4 अप्रैल, 1949; निधन: 20 जनवरी, 2005) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं, जिन्हें 1970 के दशक के शीर्ष नायकों के साथ ग्लैमरस भूमिकाएं निभाने के लिए याद किया जाता है। उन्होने 1970 और 1980 की ब्लोकबस्टर फिल्मों मे भी काम किया है, जैसे दीवार, नमक हलाल, अमर अकबर एन्थोनी और शान। उन्हें भारत की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में एक माना जाता है। .

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पहचान (1970 फ़िल्म)

पहचान 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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पारस (1971 फ़िल्म)

पारस 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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पिया का घर

पिया का घर १९७२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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पगला कहीं का (1970 फ़िल्म)

पगला कहीं का 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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प्यार की कहानी (1971 फ़िल्म)

प्यार की कहानी 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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प्रतिज्ञा (1975 फ़िल्म)

प्रतिज्ञा 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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प्राण

प्राण हिन्दू दर्शनों, जैसे योगदर्शन और आयुर्वेद इत्यादि में जीवनी शक्ति को कहा गया है। कुछ प्रसंगों में इसे सूर्य से उत्पन्न और पूरे ब्रह्माण्ड में व्याप्त शक्ति के रूप में भी वर्णित किया गया है। आयुर्वेद, तन्त्र इत्यादि में पाँच प्रकार के प्राण बताये गये हैं: .

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प्रिया राजवंश

प्रिया राजवंश, जिनका जन्म का नाम वेरा सुन्दर सिंह था, हिन्दी फ़िल्म की अभिनेत्री थीं। उन्होंने सिर्फ़ चेतन आनन्द की बनाई फ़िल्मों में ही काम किया। उनकी कुछ उल्लेखनीय फ़िल्म हक़ीक़त (१९६४), हीर राँझा (१९७०) तथा हँसते ज़ख़्म (१९७३) हैं। .

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प्रकाश मेहरा

प्रकाश मेहरा (जन्म: 13 जुलाई, 1939 मत्यु: 17 मई2009) हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्माता एवं निर्देशक हैं। प्रकाश मेहरा का जन्म उत्तरप्रदेश के बिजनौर में हुआ था। मेहरा ने 50 के दशक में अपने फ़िल्मी जीवन की शुरूआत एक प्रोडक्शन कंट्रोलर की हैसियत से की थी। 1968 में उन्होंने शशि कपूर की फ़िल्म हसीना मान जाएगी का निर्देशन किया जिसमें शशि कपूर ने दोहरी भूमिका निभाई थी। इसके बाद 1971 में उन्होंने में मेला का निर्देशन किया जिसमें फिरोज खान और संजय खान ने मुख्य भूमिका निभाई थी। 1973 में उन्होंने जंजीर का निर्माण और निर्देशन किया। यह फ़िल्म जबरदस्त हिट रही और इस फ़िल्म ने अमिताभ के डवांडोल कैरियर को पटरी पर ला दिया.

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प्रेम चोपड़ा

प्रेम चोपड़ा हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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प्रेम पुजारी (1970 फ़िल्म)

प्रेम पुजारी 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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प्रेमनाथ

प्रेमनाथ (जन्म: 21 नवंबर, 1926 निधन: 3 नवंबर, 1992) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। .

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प्रीतम (1971 फ़िल्म)

प्रीतम 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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पृथ्वीराज कपूर

पृथ्वीराज कपूर (3 नवंबर 1901 - 29 मई 1972) हिंदी सिनेमा जगत एवं भारतीय रंगमंच के प्रमुख स्तंभों में गिने जाते हैं। पृथ्वीराज ने बतौर अभिनेता मूक फ़िल्मो से अपना करियर शुरू किया। उन्हें भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) के संस्थापक सदस्यों में से एक होने का भी गौरव हासिल है। पृथ्वीराज ने सन् 1944 में मुंबई में पृथ्वी थिएटर की स्थापना की, जो देश भर में घूम-घूमकर नाटकों का प्रदर्शन करता था। इन्हीं से कपूर ख़ानदान की भी शुरुआत भारतीय सिनेमा जगत में होती है। 1972 में उनकी मृत्यु के पश्चात उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी नवाज़ा गया। पृथ्वीराज कपूर को कला क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९६९ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। पृथ्वीराज ने पेशावर पाकिस्तान के एडवर्ड कालेज से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने एक साल तक कानून की शिक्षा भी प्राप्त की जिसके बाद उनका थियेटर की दुनिया में प्रवेश हुआ। 1928 में उनका मुंबई आगमन हुआ। कुछ एक मूक फ़िल्मों में काम करने के बाद उन्होंने भारत की पहली बोलनेवाली फ़िल्म आलम आरा में मुख्य भूमिका निभाई। .

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पूरब और पश्चिम (1970 फ़िल्म)

पूरब और पश्चिम 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। उपकार के पश्चात भारत कुमार के रूप में यह उनकी दूसरी फिल्म थी जिसमें उनका साथ थे-विनोद खन्ना, अशोक कुमार, सायरा बानो.

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फरिश्ता या कातिल (1977 फ़िल्म)

फरिश्ता या कातिल 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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फ़रीदा जलाल

फ़रीदा जलाल हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। .

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फ़िरोज़ ख़ान

फ़िरोज़ ख़ान (25 सितंबर 1939 – अप्रैल 2009) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। उन्होंने लंबी फ़िल्मी पारी खेली.वे अपनी खास शैली, अलग अंदाज और किरदारों के लिए जाने जाते रहे।.

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फिर कब मिलोगी (1974 फ़िल्म)

फिर कब मिलोगी १९७४ में बनी हिन्दी भाषा की एक फिल्म है। इसमें अन्य साथी कलाकारो के साथ हिंदी नायक दिलीप कुमार ने भुमिका निभायी थी। .

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बचपन (1970 फ़िल्म)

बचपन 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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बनफूल (1971 फ़िल्म)

बनफूल 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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बबीता

बबीता एक भारतीय अभिनेत्री हैं। वह रणधीर कपूर की पत्नी हैं। .

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बलराज साहनी

बलराज साहनी (जन्म: 1 मई, 1913 निधन: 13 अप्रैल, 1973), बचपन का नाम "युधिष्ठिर साहनी" था। हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। वे ख्यात लेखक भीष्म साहनी के बड़े भाई व चरित्र अभिनेता परीक्षत साहनी के पिता हैं। एक प्रसिद्ध भारतीय फिल्म और मंच अभिनेता थे, जो धरती के लाल (1946), दो बीघा ज़मीन (1953), काबूलीवाला (1961) और गरम हवा के लिए जाने जाते हैं। वह भेरा जो अब पंजाब, पाकिस्तान में है, से आए थे, और हिंदी लेखक, नाटककार और अभिनेता भीष्म साहनी के भाई थे। .

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बाबुल की गलियाँ (1972 फ़िल्म)

बाबुल की गलियाँ 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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बासु चटर्जी

बासु चटर्जी बासु चटर्जी (जन्म: 10 जनवरी, 1930) हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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बावर्ची (1972 फ़िल्म)

RajeshKhanna.jpg राजेश खन्ना इस फिल्म के अभिनेता थे बावर्ची (अंग्रेजी: The Cook) 1972 में ऋषिकेश मुखर्जी निर्मित पारिवारिक कथा आधारित हास्य हिन्दी भाषा फिल्म है जिसके मुख्य पात्र निभाये हैं राजेश खन्ना, जया भादुरी, असरानी, ए के हंगल और दुर्गा खोटे| यह फिल्म बांगला फिल्म 'गाल्पा होलेओ सात्यी' (1966) से प्रेरित है। .

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बिन्दू

बिन्दू हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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बिखरे मोती (1971 फ़िल्म)

बिखरे मोती 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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बिंदु

बिंदु (Point in geometry)यह समतल में एक स्थिति को बताने के लिए एक सुक्ष्म चिन्ह है। इसमें न लम्बाई होती है और न ही चैड़ाई। .

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बंसी बिरजू (1972 फ़िल्म)

बंसी बिरजू 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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बुड्ढा मिल गया (1971 फ़िल्म)

बुड्ढा मिल गया 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह एक सस्पैंस फ़िल्म थी। .

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ब्रज

शेठ लक्ष्मीचन्द मन्दिर का द्वार (१८६० के दशक का फोटो) वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के मथुरा नगर सहित वह भू-भाग, जो श्रीकृष्ण के जन्म और उनकी विविध लीलाओं से सम्बधित है, ब्रज कहलाता है। इस प्रकार ब्रज वर्तमान मथुरा मंडल और प्राचीन शूरसेन प्रदेश का अपर नाम और उसका एक छोटा रूप है। इसमें मथुरा, वृन्दावन, गोवर्धन, गोकुल, महाबन, वलदेव, नन्दगाँव, वरसाना, डीग और कामबन आदि भगवान श्रीकृष्ण के सभी लीला-स्थल सम्मिलित हैं। उक्त ब्रज की सीमा को चौरासी कोस माना गया है। सूरदास तथा अन्य व्रजभाषा के भक्त कवियों और वार्ताकारों ने भागवत पुराण के अनुकरण पर मथुरा के निकटवर्ती वन्य प्रदेश की गोप-बस्ती को ब्रज कहा है और उसे सर्वत्र 'मथुरा', 'मधुपुरी' या 'मधुवन' से पृथक वतलाया है। ब्रज क्षेत्र में आने वाले प्रमुख नगर ये हैं- मथुरा, जलेसर, भरतपुर, आगरा, हाथरस, धौलपुर, अलीगढ़, इटावा, मैनपुरी, एटा, कासगंज, और फिरोजाबाद। ब्रज शब्द संस्कृत धातु 'व्रज' से बना है, जिसका अर्थ गतिशीलता से है। जहां गाय चरती हैं और विचरण करती हैं वह स्थान भी ब्रज कहा गया है। अमरकोश के लेखक ने ब्रज के तीन अर्थ प्रस्तुत किये हैं- गोष्ठ (गायों का बाड़ा), मार्ग और वृंद (झुण्ड)। संस्कृत के व्रज शब्द से ही हिन्दी का ब्रज शब्द बना है। वैदिक संहिताओं तथा रामायण, महाभारत आदि संस्कृत के प्राचीन धर्मग्रंथों में ब्रज शब्द गोशाला, गो-स्थान, गोचर भूमि के अर्थों में भी प्रयुक्त हुआ है। ऋग्वेद में यह शब्द गोशाला अथवा गायों के खिरक के रूप में वर्णित है। यजुर्वेद में गायों के चरने के स्थान को ब्रज और गोशाला को गोष्ठ कहा गया है। शुक्लयजुर्वेद में सुन्दर सींगों वाली गायों के विचरण स्थान से ब्रज का संकेत मिलता है। अथर्ववेद में गोशलाओं से सम्बधित पूरा सूक्त ही प्रस्तुत है। हरिवंश तथा भागवतपुराणों में यह शब्द गोप बस्त के रूप में प्रयुक्त हुआ है। स्कंदपुराण में महर्षि शांण्डिल्य ने ब्रज शब्द का अर्थ व्थापित वतलाते हुए इसे व्यापक ब्रह्म का रूप कहा है। अतः यह शब्द ब्रज की आध्यात्मिकता से सम्बधित है। वेदों से लेकर पुराणों तक में ब्रज का सम्बध गायों से वर्णित किया गया है। चाहे वह गायों को बांधने का बाडा हो, चाहे गोशाला हो, चाहे गोचर भूमि हो और चाहे गोप-बस्ती हो। भागवतकार की दृष्टि में गोष्ठ, गोकुल और ब्रज समानार्थक हैं। भागवत के आधार पर सूरदास की रचनाओं में भी ब्रज इसी अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। मथुरा और उसका निकटवर्ती भू-भाग प्राचीन काल से ही अपने सघन वनों, विस्तृत चारागाहों, गोष्ठों और सुन्दर गायों के लिये प्रसिद्ध रहा है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म यद्यपि मथुरा नगर में हुआ था, तथापि राजनैतिक कारणों से उन्हें जन्म लेते ही यमुना पार की गोप-वस्ती में भेज दिया गया था, उनकी वाल्यावस्था एक बड़े गोपालक के घर में गोप, गोपी और गो-वृंद के साथ बीती थी। उस काल में उनके पालक नंदादि गोप गण अपनी सुरक्षा और गोचर-भूमि की सुविधा के लिये अपने गोकुल के साथ मथुरा निकटवर्ती विस्तृत वन-खण्डों में घूमा करते थे। श्रीकृष्ण के कारण उन गोप-गोपियों, गायों और गोचर-भूमियों का महत्व बड़ गया था। पौराणिक काल से लेकर वैष्णव सम्प्रदायों के आविर्भाव काल तक जैसे-जैसे कृश्णोपासना का विस्तार होता गया, वैसे-वैसे श्रीकृष्ण के उक्त परिकरों तथा उनके लीला स्थलों के गौरव की भी वृद्धि होती गई। इस काल में यहां गो-पालन की प्रचुरता थी, जिसके कारण व्रजखण्डों की भी प्रचुरता हो गई थी। इसलिये श्री कृष्ण के जन्म स्थान मथुरा और उनकी लीलाओं से सम्वधित मथुरा के आस-पास का समस्त प्रदेश ही ब्रज अथवा ब्रजमण्डल कहा जाने लगा था। इस प्रकार ब्रज शब्द का काल-क्रमानुसार अर्थ विकास हुआ है। वेदों और रामायण-महाभारत के काल में जहाँ इसका प्रयोग 'गोष्ठ'-'गो-स्थान' जैसे लघु स्थल के लिये होता था। वहां पौराणिक काल में 'गोप-बस्ती' जैसे कुछ बड़े स्थान के लिये किया जाने लगा। उस समय तक यह शब्द प्रदेशवायी न होकर क्षेत्रवायी ही था। भागवत में 'ब्रज' क्षेत्रवायी अर्थ में ही प्रयुक्त हुआ है। वहां इसे एक छोटे ग्राम की संज्ञा दी गई है। उसमें 'पुर' से छोटा 'ग्राम' और उससे भी छोटी बस्ती को 'ब्रज' कहा गया है। १६वीं शताब्दी में 'ब्रज' प्रदेशवायी होकर 'ब्रजमंडल' हो गया और तव उसका आकार ८४ कोस का माना जाने लगा था। उस समय मथुरा नगर 'ब्रज' में सम्मिलित नहीं माना जाता था। सूरदास तथा अन्य ब्रज-भाषा कवियों ने 'ब्रज' और मथुरा का पृथक् रूप में ही कथन किया है, जैसे पहिले अंकित किया जा चुका है। कृष्ण उपासक सम्प्रदायों और ब्रजभाषा कवियों के कारण जब ब्रज संस्कृति और ब्रजभाषा का क्षेत्र विस्तृत हुआ तब ब्रज का आकार भी सुविस्तृत हो गया था। उस समय मथुरा नगर ही नहीं, बल्कि उससे दूर-दूर के भू-भाग, जो ब्रज संस्कृति और ब्रज-भाषा से प्रभावित थे, व्रज अन्तर्गत मान लिये गये थे। वर्तमान काल में मथुरा नगर सहित मथुरा जिले का अधिकांश भाग तथा राजस्थान के डीग और कामबन का कुछ भाग, जहाँ से ब्रजयात्रा गुजरती है, ब्रज कहा जाता है। ब्रज संस्कृति और ब्रज भाषा का क्षेत्र और भी विस्तृत है। उक्त समस्त भू-भाग रे प्राचीन नाम, मधुबन, शुरसेन, मधुरा, मधुपुरी, मथुरा और मथुरामंडल थे तथा आधुनिक नाम ब्रज या ब्रजमंडल हैं। यद्यपि इनके अर्थ-बोध और आकार-प्रकार में समय-समय पर अन्तर होता रहा है। इस भू-भाग की धार्मिक, राजनैतिक, ऐतिहासिक और संस्कृतिक परंपरा अत्यन्त गौरवपूर्ण रही है। .

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ब्रजभाषा

ब्रजभाषा मूलत: ब्रज क्षेत्र की बोली है। (श्रीमद्भागवत के रचनाकाल में "व्रज" शब्द क्षेत्रवाची हो गया था। विक्रम की 13वीं शताब्दी से लेकर 20वीं शताब्दी तक भारत के मध्य देश की साहित्यिक भाषा रहने के कारण ब्रज की इस जनपदीय बोली ने अपने उत्थान एवं विकास के साथ आदरार्थ "भाषा" नाम प्राप्त किया और "ब्रजबोली" नाम से नहीं, अपितु "ब्रजभाषा" नाम से विख्यात हुई। अपने विशुद्ध रूप में यह आज भी आगरा, हिण्डौन सिटी,धौलपुर, मथुरा, मैनपुरी, एटा और अलीगढ़ जिलों में बोली जाती है। इसे हम "केंद्रीय ब्रजभाषा" भी कह सकते हैं। ब्रजभाषा में ही प्रारम्भ में काव्य की रचना हुई। सभी भक्त कवियों ने अपनी रचनाएं इसी भाषा में लिखी हैं जिनमें प्रमुख हैं सूरदास, रहीम, रसखान, केशव, घनानंद, बिहारी, इत्यादि। फिल्मों के गीतों में भी ब्रजभाषा के शब्दों का प्रमुखता से प्रयोग किया जाता है। .

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बैराग (1976 फ़िल्म)

बैराग १९७६ में बनी हिन्दी भाषा की एक फिल्म है। इसमें अन्य साथी कलाकारो के साथ हिंदी नायक दिलीप कुमार ने भुमिका निभायी थी। .

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बेनाम (1974 फ़िल्म)

बेनाम 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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बॉबी (१९७३ फ़िल्म)

बॉबी 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह फिल्म डिम्पल कपाडिया और राज कपूर के बेटे ऋषि कपूर की पहली फिल्म है। यह फिल्म १९७३ की सबसे हिट फिल्म मानी जाती है। .

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भारत भूषण

भारत भूषण हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। .

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भारती

भारति दक्षिण भारत की एक प्रमुख अभिनेत्री हैं। इन्होने कन्नड, तमिल, तेलुगु, हिन्दी और मलयालम सिनेमा में काम किया है। १९६७ की फिल्म मेहरबाँ से उन्होंने हिन्दी सिनेमा में सहायक अभिनेत्री के रूप में प्रवेश किया था। लव् इन बेंगलूर्(१९६६) सिनेमा के द्वारा कन्नड सिनेमा प्रवेश करनेवालि भारति बाद में तमिल, तेलुगु, हिन्दी और मलयालम भाषाओं के १५० से ज्यादा फिल्मो में काम किया है। पूरब और पश्चिम(१९७०), मस्ताना(१९७०), हम तुम और वो(१९७१), सब का साथी(१९७२), कुँवारा बाप और उत्तर दक्षिण इनके प्रमुख हिन्दी फिल्मे हैं। कन्नड में डॉ॰ राजकुमार के साथ सन्ध्याराग(१९६६), बंगारद मनुष्य(१९७२), दूरद बेट्ट(१९७३) जैसे प्रसिद्ध फिल्मो में काम किया है। डॉ॰ राजकुमार, अक्किनेनी नागेश्वर राव, शिवाजी गणेशन, दिलीप कुमार, एन.टी.रामराव, मनोज कुमार और विनोद खन्ना जैसे अभिनेताओंके साथ काम किया है। .

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भाई हो तो ऐसा (1972 फ़िल्म)

भाई हो तो ऐसा 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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भूमिका (1977 फ़िल्म)

भूमिका 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मणि कौल

मणि कौल (२५ दिसम्बर १९४४ - ६ जुलाई २०११) कश्मीरी पंडित एवं भारतीय फ़िल्म निर्देशक थे। वो समानांतर सिनेमा के प्रभावी निर्देशक थे। उन्होंने भारतीय फिल्म और टेलिविज़न संस्थान से स्नातक की शिक्षा पूर्ण की जहाँ वो ऋत्विक घटक के विद्यार्थी थे और बाद में वहाँ शिक्षक भी बने। उन्होंने अपने कैरियर को उसकी रोटी (१९६९) से आरम्भ किया जिससे उन्होंने सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के लिए फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड जीता। उन्होंने १९७४ में दुविधाके लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशन के लिए नेशनल फ़िल्म पुरस्कार एवं १९८९ में सिद्धेशवरी के लिए वृत्तचित्र सिनेमा में नेशनल फ़िल्म अवार्ड जीता। .

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मदन पुरी

मदन पुरी (निधन: 13 जनवरी, 1985) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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मधुबाला

मधुबाला (مدھو بال; जन्म: 14 फ़रवरी 1933, दिल्ली - निधन: 23 फ़रवरी 1969, बंबई) भारतीय हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री थी। उनके अभिनय में एक आदर्श भारतीय नारी को देखा जा सकता है। चेहरे द्वारा`भावाभियक्ति तथा नज़ाक़त उनकी प्रमुख विशेषतायें थीं। उनके अभिनय, प्रतिभा, व्यक्तित्व और खूबसूरती को देख कर यही कहा जाता है कि वह भारतीय सिनेमा की अब तक की सबसे महान अभिनेत्री है। वास्तव मे हिन्दी फ़िल्मों के समीक्षक मधुबाला के अभिनय काल को स्वर्ण युग की संज्ञा से सम्मानित करते हैं। .

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मन मन्दिर (1971 फ़िल्म)

मन मन्दिर 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मनमोहन देसाई

मनमोहन देसाई हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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मनोरंजन (1974 फ़िल्म)

मनोरंजन 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मनोज कुमार

मनोज कुमार एक हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं।उनका पूर्व नाम हरिकिशन गिरि गोस्वामी था फ़िल्म जगत् के प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता, निर्माता व निर्देशक हैं। अपनी फ़िल्मों के जरिए मनोज कुमार ने लोगों को देशभक्ति की भावना का गहराई से एहसास कराया। मनोज कुमार शहीद-ए-आजम भगत सिंह से बेहद प्रभावित हैं और इसी भावना ने उन्हें 'शहीद' जैसी कालजई फ़िल्म में देश के इस अमर सपूत के किरदार को जीवंत करने की प्रेरणा दी थी। 1992 में मनोज कुमार को भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया। .

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मस्ताना (1970 फ़िल्म)

मस्ताना 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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महमूद

महमूद अली (१९३२-जुलाई २३, २००४) (आम तौर पर महमूद) एक भारतीय अभिनेता और फ़िल्म निर्देशक थे। हिन्दी फ़िल्मों में उनके हास्य कलाकार के तौर पर किये गये अदभुत अभिनय के लिये वे जाने और सराहे गये है। तीन दशक लम्बे चले उनके करीयर में उन्होने 300 से ज़्यादा हिन्दी फ़िल्मों में काम किया। महमूद अभिनेता और नृत्य कलाकार मुम्ताज़ अली के नौ बच्चों में से एक थे। जुलाई २३, २००४ को अमरीका में पेनसिल्वेनिया शहर में नींद में ही गुज़र गये। वे बरसों से ह्रदयरोग से पीडीत थे। पिछले बरसों में उनकी सेहत बहुत खराब रेहती थी। .

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माँ और ममता (1970 फ़िल्म)

माँ और ममता 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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माँ का आँचल (1970 फ़िल्म)

माँ का आँचल 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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माला सिन्हा

माला सिन्हा (जन्म: ११ नवम्बर १९३६) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। वे नेपाली-भारतीय हैं तथा उन्होने हिन्दी के अलावा बंगला और नेपाली फिल्मों में भी काम किया है। वे अपनी प्रतिभा और सुन्दरता दोनों के लिये जानी जाती हैं। वे १९५० के दशक से आरम्भ करके १९७० के दशक तक हिन्दी फिल्मों की प्रमुख अभिनेत्री थीं। उन्होने सौ से अधिक फिल्मों में कार्य किया है जिनमें से प्रमुख हैं- प्यास (1957), धूल के फूल (1959), अनपढ़, दिल तेरा दीवाना (दोनों 1962 में)। .

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मालिक (1972 फ़िल्म)

मालिक 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मिथुन चक्रवर्ती

मिथुन चक्रवर्ती (মিঠুন চক্রবর্তী) (बचपन का नाम गौरांग चक्रवर्ती) का जन्म जून 16, 1952 को हुआ। ये भारत के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त कर चुके एक किवदंती फिल्म अभिनेता, सामाजिक कार्यकर्ता, उद्यमी और राज्यसभा के सांसद हैं। मिथुन ने अपने अभिनय की शुरुआत कला फिल्म मृगया (1976) से की, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए पहला राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त हुआ। 1980 के दशक के अपने सुनहरे दौर में एक डांसिंग स्टार के रूप में उनके बहुत सारे प्रसंशक बने और खुद को उन्होंने भारत के सबसे लोकप्रिय प्रमुख अभिनेता के रूप में स्थापित किया, विशेष रूप से 1982 में बहुत बड़ी हिट फिल्म डिस्को डांसर में स्ट्रीट डांसर जिमी की भूमिका ने उन्हें लोकप्रिय बनाया। कुल मिलाकर बॉलीवुड की 350 से अधिक फिल्मों में अभिनय के अलावा उन्होंने बांग्ला, उड़िया और भोजपुरी में भी बहुत सारी फिल्में की। मिथुन मोनार्क ग्रुप के मालिक भी हैं जो होस्पिटालिटी सेक्टर में कार्यरत है। .

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मिली (1975 फ़िल्म)

मिली 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मजबूर (1974 फ़िल्म)

मजबूर 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। जिसमें मुख्य भूमिका में अमिताभ बच्चन हैं तथा सह भूमिका में शिव कुमार हैं। .

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मुमताज़ (अभिनेत्री)

मुमताज़ (जन्म: 31 जुलाई, 1947) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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मुकद्दर का सिकन्दर (1978 फ़िल्म)

मुकद्दर का सिकन्दर 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मौसम (1975 फ़िल्म)

श्रेणी:1975 में बनी हिन्दी फ़िल्म श्रेणी:कमलेश्वर.

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मौसमी चटर्जी

मौसमी चटर्जी एक हिन्दी फिल्म अभिनेत्री हैं। .

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मृणाल सेन

मृणाल सेन (बांग्ला: মৃণাল সেন मृणाल् शेन्) भारतीय फ़िल्मों के प्रसिद्ध निर्माता व निर्देशक हैं। इनकी अधिकतर फ़िल्में बांग्ला भाषा में हैं। उनका जन्म फरीदपुर नामक शहर में (जो अब बंगला देश में है) में १४ मई १९२३ में हुआ था। हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने बाद उन्होंने शहर छोड़ दिया और कोलकाता में पढ़ने के लिये आ गये। वह भौतिक शास्त्र के विद्यार्थी थे और उन्होंने अपनी शिक्षा स्कोटिश चर्च कॉलेज़ एवं कलकत्ता यूनिवर्सिटी से पूरी की। अपने विद्यार्थी जीवन में ही वे वह कम्युनिस्ट पार्टी के सांस्कृतिक विभाग से जुड़ गये। यद्यपि वे कभी इस पार्टी के सदस्य नहीं रहे पर इप्टा से जुड़े होने के कारण वे अनेक समान विचारों वाले सांस्कृतिक रुचि के लोगों के परिचय में आ गए | .

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मैं तुलसी तेरे आँगन की (1978 फ़िल्म)

मैं तुलसी तेरे आँगन की 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मेमसाब (1971 फ़िल्म)

मेमसाब 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मेरा नाम जोकर (1970 फ़िल्म)

मेरा नाम जोकर 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मेरा गाँव मेरा देश (1971 फ़िल्म)

मेरा गाँव मेरा देश 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मेरे जीवन साथी (1972 फ़िल्म)

मेरे जीवन साथी 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मेरे अपने (1971 फ़िल्म)

मेरे अपने १९७१ में गुलज़ार द्वारा रचित व निर्देशित हिंदी फ़िल्म है। यह फ़िल्म बांगला फ़िल्म 'आपनजन' का हिंदी रूपांतर है जिसमें मुख्य भूमिका मीना कुमारी, विनोद खन्ना, शत्रुघन सिन्हा, देवेन वर्मा, पेंटल, असित सेन, असरानी, डैनी डेन्जोंगपा, कैस्टो मुखर्जी, ए के हंगल, दिनेश ठाकुर, महमूद और योगिता बाली ने निभायी है। .

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मोहन कुमार

डॉ॰ मोहन कुमार एक भारतीय राजनयिक और फ्रांस के राजदूत हैं। इससे पूर्व वे शीर्ष दूत के रूप में बहरीन में कार्यरत थे। वे वर्ष 1981 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी हैं और वर्ष 2010 में, बहरीन के राजदूत बनने से पूर्व, उन्होने पेरिस में भारतीय दूतावास के मिशन के उप प्रमुख के रूप में तीन वर्ष तक कार्य किया। .

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मीना कुमारी

मीना कुमारी (1 अगस्त, 1933 - 31 मार्च, 1972) भारत की एक मशहूर अभिनेत्री थीं। इन्हें खासकर दुखांत फ़िल्मों में इनकी यादगार भूमिकाओं के लिये याद किया जाता है। मीना कुमारी को भारतीय सिनेमा की ट्रैजेडी क्वीन भी कहा जाता है। अभिनेत्री होने के साथ-साथ मीना कुमारी एक उम्दा शायारा एवम् पार्श्वगायिका भी थीं। मीना कुमारी का असली नाम महजबीं बानो था और ये बंबई में पैदा हुई थीं। उनके पिता अली बक्श पारसी रंगमंच के एक मँझे हुए कलाकार थे और उन्होंने "ईद का चाँद" फिल्म में संगीतकार का भी काम किया था। उनकी माँ प्रभावती देवी (बाद में इकबाल बानो), भी एक मशहूर नृत्यांगना और अदाकारा थी। मीना कुमारी की बड़ी बहन खुर्शीद बानो भी फिल्म अभिनेत्री थीं जो आज़ादी के बाद पाकिस्तान चलीं गईं।कहा जाता है कि दरिद्रता से ग्रस्त उनके पिता अली बक़्श उन्हें पैदा होते ही अनाथाश्रम में छोड़ आए थे चूँकि वे उनके डाॅक्टर श्रीमान गड्रे को उनकी फ़ीस देने में असमर्थ थे।हालांकि अपने नवजात शिशु से दूर जाते-जाते पिता का दिल भर आया और तुरंत अनाथाश्रम की ओर चल पड़े।पास पहुंचे तो देखा कि नन्ही मीना के पूरे शरीर पर चीटियाँ काट रहीं थीं।अनाथाश्रम का दरवाज़ा बंद था, शायद अंदर सब सो गए थे।यह सब देख उस लाचार पिता की हिम्मत टूट गई,आँखों से आँसु बह निकले।झट से अपनी नन्हीं-सी जान को साफ़ किया और अपने दिल से लगा लिया।अली बक़्श अपनी चंद दिनों की बेटी को घर ले आए।समय के साथ-साथ शरीर के वो घाव तो ठीक हो गए किंतु मन में लगे बदकिस्मती के घावों ने अंतिम सांस तक मीना का साथ नहीं छोड़ा। महजबीं पहली बार 1939 में फिल्म निर्देशक विजय भट्ट की फिल्म फ़रज़न्द-ए-वतन में बेबी महज़बीं के रूप में नज़र आईं। 1940 की फिल्म "एक ही भूल" में विजय भट्ट ने इनका नाम बेबी महजबीं से बदल कर बेबी मीना कर दिया। 1946 में आई फिल्म बच्चों का खेल से बेबी मीना 14 वर्ष की आयु में मीना कुमारी बनीं। मार्च 1947 में लम्बे समय तक बीमार रहने के कारण उनकी माँ की मृत्यु हो गई। मीना कुमारी की प्रारंभिक फिल्में ज्यादातर पौराणिक कथाओं पर आधारित थीं जिनमें हनुमान पाताल विजय, वीर घटोत्कच व श्री गणेश महिमा प्रमुख हैं। 1952 में आई फिल्म बैजू बावरा ने मीना कुमारी के फिल्मी सफ़र को नई उड़ान दी। मीना कुमारी द्वारा चित्रित गौरी के किरदार ने उन्हें घर-घर में प्रसिद्धि दिलाई। फिल्म 100 हफ्तों तक परदे पर रही और 1954 में उन्हें इसके लिए पहले फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1953 तक मीना कुमारी की तीन फिल्में आ चुकी थीं जिनमें: दायरा, दो बीघा ज़मीन और परिणीता शामिल थीं। परिणीता से मीना कुमारी के लिये एक नया युग शुरु हुआ। परिणीता में उनकी भूमिका ने भारतीय महिलाओं को खास प्रभावित किया था चूँकि इस फिल्म में भारतीय नारी की आम जिंदगी की कठिनाइयों का चित्रण करने की कोशिश की गयी थी। उनके अभिनय की खास शैली और मोहक आवाज़ का जादू छाया रहा और लगातार दूसरी बार उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। वर्ष 1951 में फिल्म तमाशा के सेट पर मीना कुमारी की मुलाकात उस ज़माने के जाने-माने फिल्म निर्देशक कमाल अमरोही से हुई जो फिल्म महल की सफलता के बाद निर्माता के तौर पर अपनी अगली फिल्म अनारकली के लिए नायिका की तलाश कर रहे थे।मीना का अभिनय देख वे उन्हें मुख्य नायिका के किरदार में लेने के लिए राज़ी हो गए।दुर्भाग्यवश 21 मई 1951 को मीना कुमारी महाबलेश्वरम के पास एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गईं जिससे उनके बाहिने हाथ की छोटी अंगुली सदा के लिए मुड़ गई। मीना अगले दो माह तक बम्बई के ससून अस्पताल में भर्ती रहीं और दुर्घटना के दूसरे ही दिन कमाल अमरोही उनका हालचाल पूछने पहुँचे। मीना इस दुर्घटना से बेहद दुखी थीं क्योंकि अब वो अनारकली में काम नहीं कर सकती थीं। इस दुविधा का हल कमाल अमरोही ने निकाला, मीना के पूछने पर कमाल ने उनके हाथ पर अनारकली के आगे 'मेरी' लिख डाला।इस तरह कमाल मीना से मिलते रहे और दोनों में प्रेम संबंध स्थापित हो गया। 14 फरवरी 1952 को हमेशा की तरह मीना कुमारी के पिता अली बख़्श उन्हें व उनकी छोटी बहन मधु को रात्रि 8 बजे पास के एक भौतिक चिकित्सकालय (फिज़्योथेरेपी क्लीनिक) छोड़ गए। पिताजी अक्सर रात्रि 10 बजे दोनों बहनों को लेने आया करते थे।उस दिन उनके जाते ही कमाल अमरोही अपने मित्र बाक़र अली, क़ाज़ी और उसके दो बेटों के साथ चिकित्सालय में दाखिल हो गए और 19 वर्षीय मीना कुमारी ने पहले से दो बार शादीशुदा 34 वर्षीय कमाल अमरोही से अपनी बहन मधु, बाक़र अली, क़ाज़ी और गवाह के तौर पर उसके दो बेटों की उपस्थिति में निक़ाह कर लिया। 10 बजते ही कमाल के जाने के बाद, इस निक़ाह से अपरिचित पिताजी मीना को घर ले आए।इसके बाद दोनों पति-पत्नी रात-रात भर बातें करने लगे जिसे एक दिन एक नौकर ने सुन लिया।बस फिर क्या था, मीना कुमारी पर पिता ने कमाल से तलाक लेने का दबाव डालना शुरू कर दिया। मीना ने फैसला कर लिया की तबतक कमाल के साथ नहीं रहेंगी जबतक पिता को दो लाख रुपये न दे दें।पिता अली बक़्श ने फिल्मकार महबूब खान को उनकी फिल्म अमर के लिए मीना की डेट्स दे दीं परंतु मीना अमर की जगह पति कमाल अमरोही की फिल्म दायरा में काम करना चाहतीं थीं।इसपर पिता ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे पति की फिल्म में काम करने जाएँगी तो उनके घर के दरवाज़े मीना के लिए सदा के लिए बंद हो जाएँगे। 5 दिन अमर की शूटिंग के बाद मीना ने फिल्म छोड़ दी और दायरा की शूटिंग करने चलीं गईं।उस रात पिता ने मीना को घर में नहीं आने दिया और मजबूरी में मीना पति के घर रवाना हो गईं। अगले दिन के अखबारों में इस डेढ़ वर्ष से छुपी शादी की खबर ने खूब सुर्खियां बटोरीं। लेकिन स्वछंद प्रवृति की मीना अमरोही से 1964 में अलग हो गयीं। उनकी फ़िल्म पाक़ीज़ा को और उसमें उनके रोल को आज भी सराहा जाता है। शर्मीली मीना के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं कि वे कवियित्री भी थीं लेकिन कभी भी उन्होंने अपनी कवितायें छपवाने की कोशिश नहीं की। उनकी लिखी कुछ उर्दू की कवितायें नाज़ के नाम से बाद में छपी। .

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यश चोपड़ा

यश चोपड़ा (अंग्रेजी: Yash Chopra जन्म: 27 सितम्बर 1932 – मृत्यु: 21 अक्टूबर 2012) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध निर्देशक थे। बाद में उन्होंने कुछ अच्छी फिल्मों का निर्माण भी किया। उन्होंने अपने भाई बी० आर० चोपड़ा और आई० एस० जौहर के साथ बतौर सहायक निर्देशक फिल्म जगत में प्रवेश किया। 1959 में उन्होंने अपनी पहली फिल्म धूल का फूल बनायी थी। उसके बाद 1961 में धर्मपुत्र आयी। 1965 में बनी फिल्म वक़्त से उन्हें अपार शोहरत हासिल हुई। उन्हें फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कई पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हुए। बालीवुड जगत से फिल्म फेयर पुरस्कार, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के अतिरिक्त भारत सरकार ने उन्हें 2005 में भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया। .

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यादगार (1970 फ़िल्म)

यादगार 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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योगिता बाली

योगिता बाली एक भारतीय अभिनेत्री हैं। she is mithoon chakrabarty's wife.she has 4 children's.

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रणधीर कपूर

रणधीर कपूर (जन्म-15 फरवरी 1947) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। राज कपूरजी के सुपुत्र तथा करिश्मा और करीना कपूर के पिता जीन्होने सत्तर,अस्सीके दशकमे काफी धूम मचायी थी।.

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रमेश देव

रमेश देव हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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रमेश सिप्पी

रमेश सिप्पी (जन्म: 23 नवंबर, 1947) हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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रानी मेरा नाम (1972 फ़िल्म)

रानी मेरा नाम 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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रामानन्द सागर

रामानन्द सागर (29 दिसम्बर 1917 – 12 दिसम्बर 2005) हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक थे। दूरदर्शन पर रामायण नामक अति लोकप्रिय धारावाहिक के कारण वे बहुत प्रसिद्ध हुए। .

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रास्ते का पत्थर

रास्ते का पत्थर १९७२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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राज खोसला

राज खोसला (जन्म: 31 मई, 1925 निधन: 9 जून, 1991) हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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राज कपूर

राज कपूर (१९२४-१९८८) प्रसिद्ध अभिनेता, निर्माता एवं निर्देशक थे। नेहरूवादी समाजवाद से प्रेरित अपनी शुरूआती फ़िल्मों से लेकर प्रेम कहानियों को मादक अंदाज से परदे पर पेश करके उन्होंने हिंदी फ़िल्मों के लिए जो रास्ता तय किया, इस पर उनके बाद कई फ़िल्मकार चले। भारत में अपने समय के सबसे बड़े 'शोमैन' थे। सोवियत संघ और मध्य-पूर्व में राज कपूर की लोकप्रियता दंतकथा बन चुकी है। उनकी फ़िल्मों खासकर श्री ४२० में बंबई की जो मूल तस्वीर पेश की गई है, वह फ़िल्म निर्माताओं को अभी भी आकर्षित करती है। राज कपूर की फ़िल्मों की कहानियां आमतौर पर उनके जीवन से जुड़ी होती थीं और अपनी ज्यादातर फ़िल्मों के मुख्य नायक वे खुद होते थे। .

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राज कुमार

राज कुमार (अंग्रेज़ी: Raaj Kumar, जन्म- 8 अक्तूबर 1926 बलूचिस्तान (अब पाकिस्तान में), मृत्यु- 3 जुलाई 1996 मुम्बई) हिन्दी फ़िल्मों में एक भारतीय अभिनेता थे। इनका नाम कुलभूषण पंडित था लेकिन फ़िल्मी दुनिया में ये अपने दूसरे नाम 'राज कुमार' के नाम से प्रसिद्ध हैं। पारम्परिक पारसी थियेटर की संवाद अदाइगी को इन्होंने अपनाया और यही उनकी विशेष पहचान बनी। इनके द्वारा अभिनीत प्रसिद्ध फ़िल्मों में पैग़ाम, वक़्त, नीलकमल, पाकीज़ा, मर्यादा, हीर रांझा, सौदाग़र आदि हैं। .

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राजश्री

राजश्री हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री काहाहै हैं। .

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राजिंदर सिंह बेदी

राजिंदर सिंह बेदी एक हिन्दी और उर्दू उपन्यासकार, निर्देशक, पटकथा लेखक, नाटककार थे। इनका जन्म 1 सितम्बर 1915 को सियालकोट, पंजाब, ब्रिटिश भारत में हुआ था। यह पहले अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ के उर्दू लेखक थे। जो बाद में हिन्दी फ़िल्म निर्देशक, पटकथा लेखक, संवाद लेखक बन गए। यह पटकथा और संवाद में ऋषिकेश मुखर्जी की फ़िल्म अभिमान, अनुपमा और सत्यकाम; और बिमल रॉय की मधुमती के कारण जाने जाते हैं। यह निर्देशक के रूप में दस्तक (1970) की फ़िल्म जिसमें संजीव कुमार और रेहना सुल्तान थे, के कारण जानते जाते हैं। .

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राजकुमार

राजकुमार शब्द का तात्पर्य निम्न में से किसी के संदर्भ में हो सकता है.

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राजेन्द्र कुमार (अभिनेता)

राजेन्द्र कुमार (२० जुलाई १९२९ – १२ जुलाई १९९९) ६० तथा ७० के दशकों में बॉलीवुड के सफलतम अभिनेताओं में से एक थे। ८० के दशक में वह कई फ़िल्मों के निर्माता थे जिनमें उनके पुत्र कुमार गौरव ने अभिनय किया है। उनका जन्म ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रान्त के सियालकोट शहर में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। .

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राजेश खन्ना

राजेश खन्ना (जन्म: 29 दिसम्बर 1942 - मृत्यु: 18 जुलाई 2012) एक भारतीय बॉलीवुड अभिनेता, निर्देशक व निर्माता थे। उन्होंने कई हिन्दी फ़िल्में बनायीं और राजनीति में भी प्रवेश किया। वे नई दिल्ली लोक सभा सीट से पाँच वर्ष 1991-96 तक कांग्रेस पार्टी के सांसद रहे। बाद में उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया। उन्होंने कुल 180 फ़िल्मों और 163 फीचर फ़िल्मों में काम किया, 128 फ़िल्मों में मुख्य भूमिका निभायी, 22 में दोहरी भूमिका के अतिरिक्त 17 छोटी फ़िल्मों में भी काम किया। व तीन साल 1969-71 के अंदर १५ solo हिट फ़िल्मों में अभिनय करके बॉलीवुड का सुपरस्टार कहे जाने लगे। उन्हें फ़िल्मों में सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिये तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार मिला और १४ बार मनोनीत किया गया। बंगाल फ़िल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा हिन्दी फ़िल्मों के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी अधिकतम चार बार उनके ही नाम रहा और २५ बार मनोनीत किया गया। 2005 में उन्हें फ़िल्मफेयर का लाइफटाइम अचीवमेण्ट अवार्ड दिया गया। राजेश खन्ना हिन्दी सिनेमा के पहले सुपर स्टार थे। 1966 में उन्होंने आखिरी खत नामक फ़िल्म से अपने अभिनय की शुरुआत की। राज़, बहारों के सपने, आखिरी खत - उनकी लगातार तीन कामयाब फ़िल्में रहीं और बहारों के सपने पूर्णतः असफल हुई। उन्होंने 1966-1991 में 74 स्वर्ण जयंती फ़िल्में की। (golden jubilee hits)। उन्होंने 1966-1991 में 22 रजत जयंती फ़िल्में किया। उन्होंने 1966-1996 में 9 सामान्य हित्त फ़िल्म किया। उन्होंने 1966-2013 में 163 फ़िल्म किया और 105 हिट रहे। .

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राखी

कोई विवरण नहीं।

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राखी गुलज़ार

रक्षाबंधन त्योहार के लिये यहाँ क्लिक करें राखी गुलज़ार (जन्म: 15 अगस्त, 1947) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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राखी और हथकड़ी (1972 फ़िल्म)

राखी और हथकड़ी 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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राकेश पांडे

राकेश पांडे भारत के पंजाब राज्य की लुधियाना उत्तर सीट से कांग्रेस के विधायक हैं। 2012 के चुनावों में वे अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 2168 वोटों के अंतर से हराकर निर्वाचित हुए। .

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राकेश रोशन

राकेश रोशन एक हिन्दी फिल्म अभिनेता एवं निर्देशक हैं। .

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रखवाला (1971 फ़िल्म)

रखवाला 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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रूप तेरा मस्ताना (1972 फ़िल्म)

रूप तेरा मस्ताना 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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रूपेश कुमार

रूपेश कुमार हिन्दी फ़िल्मों के एक चरित्र अभिनेता थे, जो खलनायक की भूमिका के लिए प्रसिध्द थे। अपनी फ़िल्मी यात्रा के दौरान उन्होने 100 से अधिक फ़िल्मो मे काम किया। वे अभिनेत्री मुमताज़ के चचेरे भाई थे। .

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रेशमा और शेरा (1971 फ़िल्म)

रेशमा और शेरा 1971रेशमा और शेरा उनके परिवारों के बीच मौजूद झगड़े के बावजूद एक दूसरे से प्यार करते हैं। छोटू, शेरा का भाई, रेशमा के परिवार को मारता है।जब शेरा को खबर हो जाती है,वह छोटू को मारने की योजना करता है। .

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रेखा

भानुरेखा गणेशन उर्फ़ रेखा (जन्म: 10 अक्टूबर, 1954) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। प्रतिभाशाली रेखा को हिन्दी फ़िल्मों की सबसे अच्छी अभिनेत्रियों में से एक माना जाता है। वैसे तो रेखा ने अपने फ़िल्मी जीवन की शुरुआत बतौर एक बाल कलाकार तेलुगु फ़िल्म रंगुला रत्नम से कर दी थी, लेकिन हिन्दी सिनेमा में उनकी प्रविष्टि १९७० की फ़िल्म सावन भादों से हुई। 2010 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। .

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रोटी (1974 फ़िल्म)

रोटी 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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रोटी कपड़ा और मकान (1974 फ़िल्म)

रोटी कपड़ा और मकान 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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रीना रॉय

कोई विवरण नहीं।

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ललिता पवार

ललिता पवार हिन्दी फिल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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लाल पत्थर (1971 फ़िल्म)

लाल पत्थर 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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लक्ष्मी (अभिनेत्री)

लक्ष्मी नारायण हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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लीना चन्दावरकर

लीना चन्दावरकर हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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लीला मिश्रा

लीला मिश्रा हिन्दी सिनेमा की अभिनेत्रियों में से एक हैं। .

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शतरंज के खिलाड़ी (१९७७ फ़िल्म)

शतरंज के खिलाड़ी 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसी नाम से मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गई कहानी पर आधारित इस फिल्म के निर्देशक थे प्रसिद्ध बांग्ला फिल्मकार सत्यजित रे। इसकी कहानी १८५६ के अवध नवाब वाजिद अली शाह के दो अमीरों के इर्द-गिर्द घूमती है। ये दोनों खिलाड़ी शतरंज खेलने में इतने व्यस्त रहते हैं कि उन्हें अपने शासन तथा परिवार की भी फ़िक्र नहीं रहती। इसी की पृष्ठभूमि में अंग्रेज़ों की सेना अवध पर चढ़ाई करती है। फिल्म का अंत अंग्रेज़ों के अवध पर अधिपत्य के बाद के एक दृश्य से होता है जिसमें दोनों खिलाड़ी शतरंज अपने पुराने देशी अंदाज की बजाय अंग्रेज़ी शैली में खेलने लगते हैं जिसमें राजा एक दूसरे के आमने सामने नहीं होते। इस फिल्म को फिल्मकारों तथा इतिहासकारों दोनों की समालोचना मिली थी। फ़िल्म को तीन फिल्मपेयर अवार्ड मिले थे जिसमें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार भी शामिल था। .

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शत्रुघन सिन्हा

शत्रुघन सिन्हा (जन्म: 15 जुलाई, 1946) एक हिन्दी फिल्म अभिनेता एवं भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ हैं। .

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शबाना आज़मी

शबाना आज़मी (जन्म: 18 सितंबर, 1950) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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शम्मी कपूर

शम्मी कपूर (जन्म: 21 अक्टूबर, 1931 निधन: 14 अगस्त, 2011) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। उन्होने जंगली, तुमसा नही देखा, दिल देके देखो, सिंगापुर, कॉलेज गर्ल, प्रोफेसर, चाइना टाउन, प्यार किया तो डरना क्या, कश्मीर की कली, जानवर, तीसरी मंज़िल, अंदाज़, एन इवनिंग इन पेरिस, ब्रह्मचारी और सच्चाई जैसी हिट फ़िल्मों में काम किया। .

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शर्मिला टैगोर

शर्मिला टैगोर (जन्म: 8 दिसंबर, 1946) हिन्दी एवं बांगला सिनेमा की अभिनेत्रियों में से एक हैं। .

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शर्मीली (1971 फ़िल्म)

शर्मीली 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है और राखी ने इसमें दोहरा किरदार निभाया है। .

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शशि कपूर

शशि कपूर (जन्म: 18 मार्च, 1938, निधन: 04 दिसम्बर 2017) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। शशि कपूर हिन्दी फ़िल्मों में लोकप्रिय कपूर परिवार के सदस्य थे। वर्ष २०११ में उनको भारत सरकार ने पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया। वर्ष २०१५ में उनको २०१४ के दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। इस तरह से वे अपने पिता पृथ्वीराज कपूर और बड़े भाई राजकपूर के बाद यह सम्मान पाने वाले कपूर परिवार के तीसरे सदस्य बन गये। .

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शहज़ादा (1972 फ़िल्म)

शहज़ादा 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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शादी के बाद (1972 फ़िल्म)

शादी के बाद 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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शिव कुमार

शिव कुमार प्रसिद्ध भारतीय फ़िल्म अभिनेता हैं। जो ब्रजवुड के जनक हैं। इन्होंने ने ही ब्रजभाषा की सर्वप्रथम फिल्म ब्रज भूमि बनाई थी। इसके अलावा इन्होंने लल्लूराम भी बनाई थी।शिव कुमार का जन्म देदामई ग्राम (तत्कालीन अलीगढ़ जिला) अब हाथरस जिला में हुआ था। उनका हिन्दी चलचित्र जगत में प्रवेश निर्देशक किशोर साहू की फिल्म पूनम की रात (१९६५) से हुआ। .

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शक्ति सामंत

शक्ति सामंत (जन्म: १३ जनवरी १९२६ बर्धमान, पश्चिम बंगाल, ब्रिटिश भारत - मृत्यु: १४ अप्रैल २००९, मुम्बई, भारत) एक प्रसिद्ध चित्र निर्माता एवं निर्देशक थे। .

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श्याम बेनेगल

श्याम बेनेगल (जन्म 14 दिसंबर, 1934) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध निर्देशक हैं। अंकुर, निशांत, मंथन और भूमिका जैसी फिल्मों के लिये चर्चित बेनेगल समानांतर सिनेमा के अग्रणी निर्देशकों में शुमार किये जाते हैं। श्याम को 1976 में पद्मश्री और 1961 में पद्मभूषण सम्मान दिये गये। 2007 में वे अपने योगदान के लिये भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाज़े गये। सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फीचर फिल्म के लिये राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पाँच बार जीतने वाले वे एकमात्र फिल्म निर्देशक हैं। श्याम बेनेगल को भारत सरकार द्वारा सन १९९१ में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये महाराष्ट्र से हैं। .

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श्रीदेवी

श्रीदेवी (जन्म: श्री अम्मा येंजर अय्यपन; १३ अगस्त १९६३ – २४ फरवरी २०१८) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री थीं, जिन्होंने तमिल, मलयालम, तेल्गु, कन्नड़ और हिन्दी सिनेमा में काम किया था। भारतीय सिनेमा की पहली "महिला सुपरस्टार" कही जाने वाली श्रीदेवी ने पाँच फिल्मफेयर पुरस्कार भी प्राप्त किये। १९८० और १९९० के दशक में श्रीदेवी सबसे अधिक वेतन प्राप्त करने वाली अभिनेत्रयों में शामिल थीं, और उन्हें उस युग की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्री माना जाता है। २०१३ में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। १९७५ की फिल्म जूली से उन्होंने हिन्दी सिनेमा में बाल अभिनेत्री के रूप में प्रवेश किया था। अपनी पहली फिल्म मून्द्र्हु मुदिछु नामक तमिल में थी। श्रीदेवी का बॉलीवुड में प्रवेश १९७८ की फिल्म सोलहवाँ सावन से हुआ। लेकिन उन्हे सबसे अधिक पहचान १९८३ की फिल्म हिम्मतवाला से मिली। सदमा, नागिन,निगाहें, मिस्टर इन्डिया, चालबाज़, लम्हे, ख़ुदागवाह और जुदाई उनकी प्रसिद्ध फ़िल्में हैं। २४ फरवरी २०१८ को दुबई में उनका निधन हुआ। अपने फिल्मी करियर में श्रीदेवी ने 63 हिंदी, 62 तेलुगु, 58 तमिल, 21 मलयालम तथा कुछ कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया। .

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श्रीराम लागू

श्रीराम लागू हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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शोर (1972 फ़िल्म)

शोर १९७२ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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शोले (1975 फ़िल्म)

शोले १९७५ की एक भारतीय हिन्दी एक्शन फिल्म है। सलीम-जावेद द्वारा लिखी इस फिल्म का निर्माण गोपाल दास सिप्पी ने और निर्देशन का कार्य, उनके पुत्र रमेश सिप्पी ने किया है। इसकी कहानी जय (अमिताभ बच्चन) और वीरू (धर्मेन्द्र) नामक दो अपराधियों पर केन्द्रित है, जिन्हें डाकू गब्बर सिंह (अमजद ख़ान) से बदला लेने के लिए पूर्व पुलिस अधिकारी ठाकुर बलदेव सिंह (संजीव कुमार) अपने गाँव लाता है। जया भादुरी और हेमा मालिनी ने भी फ़िल्म में मुख्य भूमिकाऐं निभाई हैं। शोले को भारतीय सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक माना जाता है। ब्रिटिश फिल्म इंस्टिट्यूट के २००२ के "सर्वश्रेष्ठ १० भारतीय फिल्मों" के एक सर्वेक्षण में इसे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था। २००५ में पचासवें फिल्मफेयर पुरस्कार समारोह में इसे पचास सालों की सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार भी मिला। शोले का फिल्मांकन कर्नाटक राज्य के रामनगर क्षेत्र के चट्टानी इलाकों में ढाई साल की अवधि तक चला था। केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के निर्देशानुसार कई हिंसक दृश्यों को हटाने के बाद फ़िल्म को १९८ मिनट की लंबाई के साथ १५ अगस्त १९७५ को रिलीज़ किया गया था। हालांकि १९९० में मूल २०४ मिनट का मूल संस्करण भी होम मीडिया पर उपलब्ध हो गया था। रिलीज़ होने पर पहले तो शोले को समीक्षकों से नकारात्मक प्रतिक्रियाएं और कमजोर व्यावसायिक परिणाम मिले, लेकिन अनुकूल मौखिक प्रचार की सहायता से थोड़े दिन बाद यह बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफलता बनकर उभरी। फ़िल्म ने पूरे भारत में कई सिनेमाघरों में निरंतर प्रदर्शन के लिए रिकॉर्ड तोड़ दिए, और मुंबई के मिनर्वा थिएटर में तो यह पांच साल से अधिक समय तक प्रदर्शित हुई। कुछ स्त्रोतों के अनुसार मुद्रास्फीति के लिए समायोजित करने पर यह सर्वाधिक कमाई करने वाली भारतीय फिल्म है। शोले एक डकैती-वॅस्टर्न फिल्म है, जो वॅस्टर्न शैली के साथ भारतीय डकैती फिल्मों परम्पराओं का संयोजन करती है, और साथ ही मसाला फिल्मों का एक परिभाषित उदाहरण है, जिसमें कई फिल्म शैलियों का मिश्रण पाया जाता है। विद्वानों ने फिल्म के कई विषयों का उल्लेख किया है, जैसे कि हिंसा की महिमा, सामंती विचारों का परिवर्तन, सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने वालों और संगठित होकर लूट करने वालों के बीच बहस, समलैंगिक गैर रोमानी सामाजिक बंधन और राष्ट्रीय रूपरेखा के रूप में फिल्म की भूमिका। राहुल देव बर्मन द्वारा रचित फिल्म की संगीत एल्बम और अलग से जारी हुए संवादों की संयुक्त बिक्री ने कई नए बिक्री रिकॉर्ड सेट किए। फिल्म के संवाद और कुछ पात्र बेहद लोकप्रिय हो गए और भारतीयों के दैनिक रहन-सहन हिस्सा बन गए। जनवरी २०१४ में, शोले को ३डी प्रारूप में सिनेमाघरों में फिर से रिलीज़ किया गया था। .

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सच्चा झूठा (1970 फ़िल्म)

सच्चा झूठा 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सत्येन बोस

सत्येन बोस हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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सत्येन्द्र कपूर

सत्येन्द्र कपूर (या सत्येन कप्पू;  १९३१ – २७ अक्टूबर २००७) हिन्दी फ़िल्मों के एक कलाकार हैं। .

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सन्यासी (1975 फ़िल्म)

सन्यासी 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सब का साथी (1972 फ़िल्म)

सब का साथी 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सबसे बड़ा सुख (1972 फ़िल्म)

सबसे बड़ा सुख 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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समाधि (1972 फ़िल्म)

समाधि 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सरगम (1979 फ़िल्म)

सरगम 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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साधना

कोई विवरण नहीं।

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सायरा बानो

सायरा बानो (जन्म: 23 अगस्त, 1944) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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सिमी गरेवाल

अंगूठाकार सिमी गरेवाल हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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सगीना (1974 फ़िल्म)

सगीना 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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संजय ख़ान

संजय ख़ान हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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संजोग (1971 फ़िल्म)

संजोग 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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संजीव कुमार

संजीव कुमार (मूल नाम: हरीभाई जरीवाला; जन्म: 9 जुलाई 1938, मृत्यु: 6 नवम्बर 1985) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। उनका पूरा नाम हरीभाई जरीवाला था। वे मूल रूप से गुजराती थे। इस महान कलाकार का नाम फ़िल्मजगत की आकाशगंगा में एक ऐसे धुव्रतारे की तरह याद किया जाता है जिनके बेमिसाल अभिनय से सुसज्जित फ़िल्मों की रोशनी से बॉलीवुड हमेशा जगमगाता रहेगा। उन्होंने नया दिन नयी रात फ़िल्म में नौ रोल किये थे। कोशिश फ़िल्म में उन्होंने गूँगे बहरे व्यक्ति का शानदार अभिनय किया था। शोले फ़िल्म में ठाकुर का चरित्र उनके अभिनय से अमर हो गया। उन्हें श्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के अलावा फ़िल्मफ़ेयर क सर्वश्रेष्ठ अभिनेता व सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार दिया गया। वे आजीवन कुँवारे रहे और मात्र 47 वर्ष की आयु में सन् 1984 में हृदय गति रुक जाने से बम्बई में उनकी मृत्यु हो गयी। 1960 से 1984 तक पूरे पच्चीस साल तक वे लगातार फ़िल्मों में सक्रिय रहे। उन्हें उनके शिष्ट व्यवहार व विशिष्ट अभिनय शैली के लिये फ़िल्मजगत में हमेशा याद किया जायेगा। .

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सुचित्रा सेन

सुचित्रा सेन (जन्म: ६ अप्रैल १९३१ - १७ जनवरी २०१४) हिन्दी एवं बांग्ला फिल्मों की एक अभिनेत्री थीं। वह मुनमुन सेन की माँ थी। विशेषकर उत्तम कुमार के साथ अभिनय करन के कारण वे सारे बंगाल में अत्यन्त जनप्रिय हुईं। उत्तम-सुचित्रा की जोड़ी आज भी बांग्ला चलचित्र की श्रेष्ठ जोड़ी मानी जाती है। वे प्रथम भारतीय अभिनेत्री हैं जिनको किसी अन्तर्राष्ट्रीय चलचित्र महोत्सव में पुरस्कार प्रदान किया गया (श्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार - 'सात पाके बाँधा' १९६३ के लिए, मास्को चलचित्र उत्सव)। .

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सुनील दत्त

सुनील दत्त (अंग्रेजी: Sunil Dutt, पंजाबी: ਸੁਨੀਲ ਦੱਤ, जन्म: 6 जून 1929, मृत्यु: 25 मई 2005), जिनका असली नाम बलराज दत्त था, भारतीय फिल्मों के विख्यात अभिनेता, निर्माता व निर्देशक थे, जिन्होंने कुछ पंजाबी फिल्मों में भी अभिनय किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने भारतीय राजनीति में भी सार्थक भूमिका निभायी। मनमोहन सिंह की सरकार में 2004 से 2005 तक वे खेल एवं युवा मामलों के कैबिनेट मन्त्री रहे। उनके पुत्र संजय दत्त भी फिल्म अभिनेता हैं। उन्होंने 1984 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर मुम्बई उत्तर पश्चिम लोक सभा सीट से चुनाव जीता और सांसद बने। वे यहाँ से लगातार पाँच बार चुने जाते रहे। उनकी मृत्यु के बाद उनकी बेटी प्रिया दत्त ने अपने पिता से विरासत में मिली वह सीट जीत ली। भारत सरकार ने 1968 में उन्हें पद्म श्री सम्मान प्रदान किया। इसके अतिरिक्त वे बम्बई के शेरिफ़ भी चुने गये। .

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सुभाष घई

सुभाष घई सुभाष घई (जन्म: २४ जनवरी, १९४५) हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्माता-निर्देशक हैं। .

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सुरेन्द्र मोहन

सुरेन्द्र मोहन (४ दिसम्बर १९२६ - १७ दिसम्बर २०१०) भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, राजनेता एवं समाजवादी विचारक थे। वे ईमानदारी, सादगी, विनम्रता, त्याग, संघर्ष और वैचारिक प्रतिबद्धता की अनूठी मिसाल थे। भारत की समकालीन लोकविमुख, विचारहीन और सत्ताकामी राजनीति के माहौल में सुरेंद्र मोहन एक मिसाल थे। सुरेंद्र मोहन अपने छात्र जीवन में ही समाजवादी आंदोलन से जुड़े तो ऐसे जुड़े कि अपने जीवन की आखिरी साँस तक समतामूलक समाज का सपना अपनी आँखों में सँजोए हुए उसी सपने को हकीकत में बदलने की जद्दोजहद में लगे रहे। अपनी मृत्यु से एक दिन पूर्व भी आदिवासियों के सवाल पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित धरना आंदोलन में वे शामिल हुए थे। आपसी कलह के चलते बार-बार टूटने और बिखरने को अभिशप्त रहे समाजवादी आंदोलन के नेताओं की जमात में वे उन चंद नेताओं में से थे जिन्होंने हमेशा आपसी राग-द्वेष से मुक्त रहते हुए साथियों और कार्यकर्ताओं को जोड़ने का काम किया देश की आजादी के बाद गोवा मुक्ति का आंदोलन हो या कच्छ सत्याग्रह, मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात के आदिवासियों का आंदोलन हो या सुदूर पूर्वोत्तर की जनजातियों का संघर्ष, ओडीसा की चिल्का झील को बचाने की लड़ाई हो या नर्मदा बचाओ आंदोलन, आंध्र के मछुआरों के अधिकारों की लड़ाई हो या विंध्य क्षेत्र के किसानों का आंदोलन या फिर सु्रधारवादी बोहरा आंदोलन, सुरेंद्र मोहन ने हर संघर्ष में सक्रिय साझेदारी निभाई और कई बार जेल यात्राएँ कीं। आपातकाल में भी वे पूरे 19 महीने जेल में रहे। .

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सुल्तान अहमद

सुल्तान अहमद (६ जून १९५३ - ४ सितंबर २०१७) भारत सरकार की पंद्रहवीं लोकसभा के मंत्रीमंडल में पर्यटन राज्यमंत्री थे। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के राजनीतिज्ञ थे। ४ सितंबर २०१७ को कोलकाता में उनका दिल के दौरे से निधन हो गया। .

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सुजीत कुमार

सुजीत कुमार एक हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं। इन्होंने काफी फ़िल्मों में खलनायक का चरित्र निभाया है। सुजीत कुमार का निधन ५ फ़रवरी २०१० को मुंबई में हुआ| वे ७५ वर्ष के थे और लम्बे समय से कैंसर से जूझ रहे थे | .

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स्मिता पाटिल

स्मिता पाटिल (जन्म: 17 अक्टूबर, 1955; निधन: 13 दिसम्बर, 1986) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। भारतीय संदर्भ में स्मिता पाटिल एक सक्रिय नारीवादी होने के अतिरिक्त मुंबई के महिला केंद्र की सदस्य भी थीं। वे महिलाओं के मुद्दों पर पूरी तरह से वचनबद्ध थीं और इसके साथ ही उन्होने उन फिल्मो मे काम करने को प्राथमिकता दी जो परंपरागत भारतीय समाज मे शहरी मध्यवर्ग की महिलाओं की प्रगति उनकी कामुकता तथा सामाजिक परिवर्तन का सामना कर रही महिलाओं के सपनों की अभिवयक्ति कर सकें.

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सोहनलाल कंवर

सोहनलाल कंवर हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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सीता और गीता (1972 फ़िल्म)

सीता और गीता 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसमे हेमा मालिनी दोहरी भूमिका मे है। .

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हम तुम और वो

हम तुम और वो 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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हमजोली (1970 फ़िल्म)

हमजोली 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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हलचल (1971 फ़िल्म)

हलचल 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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हाथी मेरे साथी (1971 फ़िल्म)

हाथी मेरे साथी 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। हाथी मेरे साथी (अंग्रेजी: हाथी मेरे साथी) 1971 से फिल्म एक भारतीय मोड़ के साथ एक Disneyesque अपील की है एक भारतीय फिल्म है। हाथी मेरे साथी 1971 की सबसे बड़ी हिट की सबसे बड़ी हिट कभी हिन्दी में एक दक्षिण निर्माता द्वारा किए गए समय में उस बिंदु पर बॉक्स ऑफिस कलेक्शन से जा रहा था, और यह भी था समीक्षकों acclaimed.Rajesh खन्ना इस फिल्म में अभिनय किया। फिल्म थी । त्वरित तथ्य: हाथी मेरे साथी, द्वारा निर्देशित...

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हिन्दी सिनेमा

हिन्दी सिनेमा, जिसे बॉलीवुड के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दी भाषा में फ़िल्म बनाने का उद्योग है। बॉलीवुड नाम अंग्रेज़ी सिनेमा उद्योग हॉलिवुड के तर्ज़ पर रखा गया है। हिन्दी फ़िल्म उद्योग मुख्यतः मुम्बई शहर में बसा है। ये फ़िल्में हिन्दुस्तान, पाकिस्तान और दुनिया के कई देशों के लोगों के दिलों की धड़कन हैं। हर फ़िल्म में कई संगीतमय गाने होते हैं। इन फ़िल्मों में हिन्दी की "हिन्दुस्तानी" शैली का चलन है। हिन्दी और उर्दू (खड़ीबोली) के साथ साथ अवधी, बम्बईया हिन्दी, भोजपुरी, राजस्थानी जैसी बोलियाँ भी संवाद और गानों में उपयुक्त होते हैं। प्यार, देशभक्ति, परिवार, अपराध, भय, इत्यादि मुख्य विषय होते हैं। ज़्यादातर गाने उर्दू शायरी पर आधारित होते हैं।भारत में सबसे बड़ी फिल्म निर्माताओं में से एक, शुद्ध बॉक्स ऑफिस राजस्व का 43% का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि तमिल और तेलुगू सिनेमा 36% का प्रतिनिधित्व करते हैं,क्षेत्रीय सिनेमा के बाकी 2014 के रूप में 21% का गठन है। बॉलीवुड भी दुनिया में फिल्म निर्माण के सबसे बड़े केंद्रों में से एक है। बॉलीवुड कार्यरत लोगों की संख्या और निर्मित फिल्मों की संख्या के मामले में दुनिया में सबसे बड़ी फिल्म उद्योगों में से एक है।Matusitz, जे, और पायानो, पी के अनुसार, वर्ष 2011 में 3.5 अरब से अधिक टिकट ग्लोब जो तुलना में हॉलीवुड 900,000 से अधिक टिकट है भर में बेच दिया गया था। बॉलीवुड 1969 में भारतीय सिनेमा में निर्मित फिल्मों की कुल के बाहर 2014 में 252 फिल्मों का निर्माण। .

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हिम्मत (1970 फ़िल्म)

हिम्मत 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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हंगामा (1971 फ़िल्म)

हंगामा 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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हेमा मालिनी

हेमा मालिनी हेमा मालिनी हिन्दी फ़िल्मजगत की प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। इन्होंने अपने फ़िल्म कैरियर की शुरुआत राज कपूर के साथ फ़िल्मसपनों का सौदागर से की। 1981 में इन्होंने अभिनेता धर्मेन्द्र से विवाह किया। ये अब भी फ़िल्मों में सक्रिय हैं। ये भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से राज्यसभा की सांसद चुनी गईं हैं। हेमा मालिनी वर्तमान में मथुरा (उत्तर प्रदेश) से लोकसभा की सांसद हे प्रसिद्ध अभिनेत्री और नृत्यांगना हेमा मालिनी बालीवुड की उन गिनी, चुनी अभिनेत्रियों में शामिल हैं, जिनमें सौंदर्य और अभिनय का अनूठा संगम देखने को मिलता है। लगभग चार दशक के कैरियर में उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया लेकिन कैरियर के शुरुआती दौर में उन्हें वह दिन भी देखना पड़ा था। जब एक निर्माता-निर्देशक ने उन्हें यहां तक कह दिया था कि उनमें स्टार अपील नहीं है। (ड्रीमगर्ल) हेमा मालिनी ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा ही था तब एक तमिल निर्देशक श्रीधर ने उन्हें अपनी फिल्म में काम देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि उनमें स्टार अपील नहीं है। बाद में सत्तर के दशक में इसी निर्माता-निर्देशक ने उनकी लोकप्रियता को भुनाने के लिए उन्हें लेकर 1973 में (गहरी चाल) फिल्म का निर्माण किया। हेमा मालिनी फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए 1968 तक संघर्ष करती रहीं लेकिन उन्हें काम नहीं मिला। वह साल उनके सिने कैरियर का सुनहरा वर्ष साबित हुआ जब उन्हें सुप्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक और अभिनेता राजकपूर की फिल्म (सपनों का सौदागर) में पहली बार नायिका के रूप में काम करने का मौका मिला। फिल्म के प्रचार के दौरान हेमा मालिनी को। ड्रीम गर्ल.

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हेलन

हेलन हिन्दी सिनेमा की अभिनेत्रियों में से एक हैं एवं प्रख्यात नर्तकी हैं। हेलन के जन्म क नाम हेलन ऐन रिचर्डसन था, सलीम ख़ान से विवाह के बाद ये हेलन ख़ान हो गयीं। ये २०० से भी अधिक फिल्मों में काम कर चुकी हैं और दो बार फ़िल्मफेयर पुरस्कार जीत चुकी हैं। हेलन चार फिल्मों एवं एक पुस्तक की प्रेरणा भी रह चुकी हैं। .

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जय श्री टी

जय श्री टी एक भारतीय अभिनेत्री हैं। .

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जयमाला

स्वयंवर में कन्या द्वारा वर को पहनाई जाने वाली माला, जयमाला कहलाती है। प्राचीन भारत की स्वयंवर प्रथा का ऐतिहासिक महत्व है। आमंत्रित अनेक वर प्रत्याशियों में कन्या इच्छानुकूल व्यक्ति को जयमाला पहनाती थी। यह विजय का प्रतीक समझी जाती थी, इस लिये विजयी सम्राटों को भी पहनाई जाती थी। श्रेणी:भारतीय संस्कृति.

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जया बच्चन

जया बच्चन (जया भादुरी, विवाह पूर्व) हिन्दी फिल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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जयाप्रदा

जयाप्रदा (జయప్రద) (जन्म 3 अप्रैल 1962) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री और राजनीतिज्ञ हैं। .

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जल बिन मछली नृत्य बिन बिजली (1971 फ़िल्म)

जल बिन मछली नृत्य बिन बिजली 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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ज़मीन आसमान (1972 फ़िल्म)

ज़मीन आसमान 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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ज़िन्दगी ज़िन्दगी (1972 फ़िल्म)

ज़िन्दगी ज़िन्दगी 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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ज़ीनत अमान

ज़ीनत अमान (जन्म: 19 नवंबर, 1951) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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जितेन्द्र

जितेन्द्र (जन्म: 7 अप्रैल, 1942) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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जवान मोहब्बत (1971 फ़िल्म)

जवान मोहब्बत 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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जंगल में मंगल (1972 फ़िल्म)

जंगल में मंगल 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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जुगल किशोर

जुगल किशोर,भारत के उत्तर प्रदेश की प्रथम विधानसभा सभा में विधायक रहे। 1952 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के 100 - मथुरा (दक्षिण) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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ज्वाला (1971 फ़िल्म)

ज्वाला 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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जूली (1975 फ़िल्म)

जूली 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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जॉनी मेरा नाम (1970 फ़िल्म)

जॉनी मेरा नाम 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। विजय आनन्द द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म में देवानन्द और प्राण ने दो भाइयों का किरदार निभाया है जो बचपन में बिछड़ जाते हैं। हेमा मालिनी, आई एस जौहर, इफ़्तेख़ार और प्रेमनाथ ने भी इस फ़िल्म में अहम भूमिका निभाई है। .

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जॉनी व्हिस्की

जॉनी व्हिस्की हिन्दी फ़िल्म के एक अभिनेता थे। .

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जॉय मुखर्जी

जॉय मुखर्जी (জয় মুখার্জী; २४ फ़रवरी १९३९ – ९ मार्च २०१२) एक भारतीय फिल्म अभिनेता थे। .

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जोरू का गुलाम (1972 फ़िल्म)

जोरू का गुलाम 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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जीत (1972 फ़िल्म)

जीत 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। मुख्य भूमिकाओं में रणधीर कपूर और बबीता हैं। .

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जीवन

हमारे जन्म से मृत्यु के बीच की अवधि ही जीवन कहलाती है। लेकिन हमारा जन्म क्या हमारी इच्छा से होता है? नहीं, यह तो मात्र नर और मादा के संभोग का परिणाम होता है जो प्रकृति के नियम के अंतर्गत है। इसके अतिरिक्त जीवन का मुख्य अंग एक चेतन तत्त्व है जो जीवन की सभी क्रियाओं का साक्षी होता है। .

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जीवन मृत्यु (1970 फ़िल्म)

जीवन मृत्यु सन् 1970 में प्रदर्शित जुर्म पर आधारित एक रोमांचक हिन्दी फ़िल्म है। जिसमें धर्मेन्द्र, राखी, अजीत तथा राजेन्द्रनाथ मुख्य भुमिका मे है। फ़िल्म का निर्माण राजश्री प्रोडक्शन्स तथा निर्देशन सत्येन बोस ने किया है। यह राखी की पहली हिन्दी फ़िल्म थी। .

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घर घर की कहानी (1970 फ़िल्म)

घर घर की कहानी 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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वफ़ा (1972 फ़िल्म)

वफ़ा 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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वहीदा रहमान

वहीदा रहमान (जन्म: 14 मई, 1938) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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विद्या सिन्हा

विद्या सिन्हा (जन्म: 15 नवंबर, 1947) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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विनोद मेहरा

विनोद मेहरा (जन्म: 13 फरवरी, 1945 निधन: 30 अक्टूबर, 1990) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। .

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विनोद खन्ना

विनोद खन्ना (जन्म: रविवार, ६ अक्टूबर, १९४६ - निधन: गुरुवार, २७ अप्रैल २०१७) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे जिनका जन्म पेशावर (ब्रितानी भारत) में हुआ था जबकि इनका लम्बे समय से कैंसर से पीड़ित रहने की वजह से २७ अप्रैल २०१७ को मुम्बई के एच एन रिलायंस अस्पताल में निधन हो गया । .

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विश्राम बेडेकर

विश्राम बेडेकर मराठी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक आत्मकथा एक झाड आणि दोन पक्षी के लिये उन्हें सन् 1985 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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विजय

विजय शब्द का प्रयोग मूलतः युद्ध में जीत के लिये किया जाता था। .

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विजय आनन्द

विजय आनन्द (22 जनवरी 1934–23 फ़रवरी 2004) हिन्दी फ़िल्मों के अभिनेता,निर्माता,पटकथा-लेखक,निर्देशक और सम्पादक थे। उन्होंने गाइड (1965) और जॉनी मेरा नाम (1970) फ़िल्मों में अपना योगदान दिया। वो गुरदासपुर (पंजाब) में जन्मे थे। चेतनआनन्द,देव आनन्द, विजय आनन्द के भाई थे। .

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विक्टर बैनर्जी

विक्टर बैनर्जी (बांग्ला: ভিক্টর ব্যানার্জি भिक्टॉर बैनार्जी) हिन्दी एवं बांगला सिनेमा की अभिनेत्रियों में से एक हैं। .

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विक्रम (अभिनेता)

विक्रम केन्नेडी कोलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेता है। चेन्नई, तमिल नाडु, में जन्मे विक्रम ईसाई धर्म परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता, विनोद राज तमिल अभिनेता थे, जबकि उनकी माँ राजेश्वरी जिल्ला सब-कलक्टर थीं। श्रेणी:भारतीय फ़िल्म अभिनेता श्रेणी:1964 में जन्मे लोग श्रेणी:जीवित लोग श्रेणी:चेन्नई के लोग श्रेणी:तमिलनाडु के लोग श्रेणी:भारतीय पुरुष आवाज अभिनेताओं.

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वैजयन्ती माला

वैजयन्ती माला बाली (जन्म: 13 अगत 1936 --) को अधिकांश रूप से एक ही नाम "वैजयन्ती" के नाम से जाना जाता है, एक हिन्दी फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री रही हैं और एक राजनीतिज्ञा हैं। वह भरतनाट्यम की नृत्यांगना, कर्नाटक गायिका, नृत्य प्रशिक्षक और सांसद की भी भूमिका निभा चुकी हैं। उसने अपनी शुरुआत तमिल भाषीय फ़िल्म "वड़कई" से 1949 में की। इसके पश्चात उसने तमिल फ़िल्म "जीवितम" में 1950 में काम किया। इसके बाद वह दक्षिण भारत की प्रमुख नायिकाओं में से एक बनी और बॉलिवुड के सुनहरे दौर की अभिनेत्रियों में एक रही। वैजयन्ती माला हिन्दी फ़िल्मों पर लगभग दो दशकों तो राज करती रही। दक्षिण भारत से आकर राष्ट्रीय अभिनेत्री का दर्जा पाने वह पहली महिला हैं। वैजयन्ती माला एक प्रसिद्ध नृत्यांगना है। उसी ने हिन्दी फ़िल्मों में अर्थ-शास्त्रीय नृत्य के लिए जगह बनाई। वैजयन्ती माला के थिरकते पाँवों ने उसे "ट्विन्कल टोज़" (twinkle toes) का खिताब दिलाया। 1950-1960 के दशके उसे प्रथम श्रेणी की नायिका के नाम से जाना जाता था। .

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ख़्वाजा अहमद अब्बास

ख़्वाजा अहमद अब्बास प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और उर्दू लेखक थे। उन्होंने 'अलीगढ़ ओपिनियन' शुरू किया। 'बॉम्बे क्रॉनिकल' में ये लंबे समय तक बतौर संवाददाता और फ़िल्म समीक्षक काम किया। इनका स्तंभ 'द लास्ट पेज' सबसे लंबा चलने वाले स्तंभों में गिना जाता है। यह 1941 से 1986 तक चला। अब्बास इप्टा के संस्थापक सदस्य थे। .

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खिलौना (1970 फ़िल्म)

खिलौना १९७० में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फ़िल्म के निर्देशक हैं चंदर वोहरा। इस फ़िल्म को फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों में छः श्रेणियों में नामांकित किया गया था और इसने दो श्रेणियों में पुरस्कार जीते। .

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खोटे सिक्के (1974 फ़िल्म)

खोटे सिक्के 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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गरम मसाला (1972 फ़िल्म)

गरम मसाला 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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गुड्डी (1971 फ़िल्म)

गुड्डी 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फ़िल्म को बाद में सिनेमा पैतियम नामक तमिळ फ़िल्म निर्मित किया गया जिसके प्रमुख कलाकार कमल हासन व जयचित्रा थे। .

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गुनाह और कानून (1970 फ़िल्म)

गुनाह और कानून 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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गुलज़ार (गीतकार)

ग़ुलज़ार नाम से प्रसिद्ध सम्पूर्ण सिंह कालरा (जन्म-१८ अगस्त १९३६) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गीतकार हैं। इसके अतिरिक्त वे एक कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी रचनाए मुख्यतः हिन्दी, उर्दू तथा पंजाबी में हैं, परन्तु ब्रज भाषा, खङी बोली, मारवाड़ी और हरियाणवी में भी इन्होने रचनाये की। गुलजार को वर्ष २००२ में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष २००४ में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष २००९ में डैनी बॉयल निर्देशित फिल्म स्लम्डाग मिलियनेयर में उनके द्वारा लिखे गीत जय हो के लिये उन्हे सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार पुरस्कार मिल चुका है। इसी गीत के लिये उन्हे ग्रैमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। .

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गैम्बलर (1971 फ़िल्म)

गैम्बलर 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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गोरा और काला (1972 फ़िल्म)

गोरा और काला 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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गोल माल (1979 फ़िल्म)

गोल माल 1979 में बनी हिन्दी भाषा की एक हास्य फिल्म है। .

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गोविन्दा

गोविन्दा (जन्म: 21 दिसंबर, 1958) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। उनके नाम बॉलीवुड में एक वर्ष में सबसे अधिक फिल्‍म देने का रिकार्ड दर्ज है इनके पास बॉलीवुड के हर विभाग में न० १ का तमगा हासिल है गोविन्दा .

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ओम शिवपुरी

ओम शिवपुरी हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। .

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आँधी (1975 फ़िल्म)

आँधी (अंग्रेजी: storm) 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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आँखों आँखों में (1972 फ़िल्म)

आँखों आँखों में 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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आत्मा राम

आत्मा राम १८०० के आरम्भिक दिनों में अफगानिस्तान में एक हिन्दू मंत्री थे। कहा जाता है कि उन्होने भारत और तुरान के बीच व्यापार को बढ़ावा दिया। .

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आत्माराम

डॉ आत्माराम (१२ अक्टुबर, १९०८ - ६ फ़रवरी १९८३) भारत के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे। उनकी स्मृति में केन्द्रीय हिन्दी संस्थान द्वारा 'आत्माराम पुरस्कार' दिया जाता है। चश्मे के काँच के निर्माण में उनका उल्लेखनीय योगदान था। वे केन्‍द्रीय कांच एवं सिरामिक अनुसन्धान संस्‍थान के निदेशक रहे तथा २१ अगस्त १९६६ को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महानिदेशक का पद संभाला। .

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आन बान (1972 फ़िल्म)

आन बान 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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आशा पारेख

आशा पारेख (जन्म 2 अक्टूबर 1942) एक बॉलीवुड अभिनेत्री, निर्माता और निर्देशक हैं। वह 1959 से 1973 के मध्य सर्वश्रेष्ठ तारिकाओं में से एक थीं। 1992 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री के साथ सम्मानित किया गया। आशा पारेख हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। .

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आशिक हूँ बहारों का (1977 फ़िल्म)

आशिक हूँ बहारों का 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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इश्क पर ज़ोर नहीं (1970 फ़िल्म)

इश्क पर ज़ोर नहीं 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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इंसान और शैतान (1970 फ़िल्म)

इंसान और शैतान 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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कटी पतंग (1970 फ़िल्म)

कटी पतंग 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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कठपुतली (1971 फ़िल्म)

कठपुतली 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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कबीर बेदी

कबीर बेदी कबीर बेदी हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। अनुज कुमार पान्देय किसे चह्ता हाइ अ .

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कभी कभी (1976 फ़िल्म)

कभी कभी 1976 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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कल आज और कल (1971 फ़िल्म)

कल आज और कल 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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कल्पवृक्ष

कल्पवृक्ष की रक्षा करते हुए किन्नर और किन्नरी कल्पवृक्ष देवलोक का एक वृक्ष। इसे कल्पद्रुप, कल्पतरु, सुरतरु देवतरु तथा कल्पलता इत्यादि नामों से भी जाना जाता है। पुराणों के अनुसार समुद्रमंथन से प्राप्त 14 रत्नों में कल्पवृक्ष भी था। यह इंद्र को दे दिया गया था और इंद्र ने इसकी स्थापना सुरकानन में कर दी थी। हिंदुओं का विश्वास है कि कल्पवृक्ष से जिस वस्तु की भी याचना की जाए, वही यह दे देता है। इसका नाश कल्पांत तक नहीं होता। 'तूबा' नाम से ऐसे ही एक पेड़ का वर्णन इस्लामी धार्मिक साहित्य में भी मिलता है जो सदा अदन (मुसलमानों के स्वर्ग का उपवन) में फूलता फलता रहता है। सिद्ध, नाथ और संत कल्पलता या कल्पवल्लरी संज्ञा 'उन्मनी' को देते हैं क्योंकि उनके मतानुसार सहजावस्था या कैवल्य की प्राप्ति के लिए उन्मनी ही एकमात्र साधन है जो न केवल सभी कामनाओं को पूरी करनेवाली है अपितु स्वयं अविनश्वर भी है और जिसे मिल जाती हैं, उसे भी अविनश्वर बना देती है। .

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कस्मे वादे (1978 फ़िल्म)

कस्मे वादे 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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काला पत्थर (१९७९ फ़िल्म)

काला पत्थर 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फिल्म की कहानी धनबाद में 1975 के चासनाला के खान दुर्घटना से प्रेरित थी। इस दुर्घटना मे सरकारी आँकडो़ के अनुसार 375 लोग मारे गये थे। .

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किरण कुमार

किरण कुमार हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। .

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किशोर कुमार

किशोर कुमार (जन्म: 4 अगस्त, 1929 खंडवा मध्यप्रदेश निधन: 13 अक्टूबर, 1987) भारतीय सिनेमा के मशहूर पार्श्वगायक समुदाय में से एक रहे हैं। वे एक अच्छे अभिनेता के रूप में भी जाने जाते हैं। हिन्दी फ़िल्म उद्योग में उन्होंने बंगाली, हिंदी, मराठी, असमी, गुजराती, कन्नड़, भोजपुरी, मलयालम, उड़िया और उर्दू सहित कई भारतीय भाषाओं में गाया था। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के लिए 8 फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीते और उस श्रेणी में सबसे ज्यादा फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीतने का रिकॉर्ड बनाया है। उसी साल उन्हें मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लता मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उस वर्ष के बाद से मध्यप्रदेश सरकार ने "किशोर कुमार पुरस्कार"(एक नया पुरस्कार) हिंदी सिनेमा में योगदान के लिए चालु कर दिया था। .

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कंगन (1971 फ़िल्म)

कंगन 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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कोशिश (1972 फ़िल्म)

कोशिश 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अदिति

अदिति कश्यप ऋषि की दूसरी पत्नी थीं। इनके बारह पुत्र हुए जो आदित्य कहलाए (अदितेः अपत्यं पुमान् आदित्यः)। उन्हें देवता भी कहा जाता है। अतः अदिति को देवमाता कहा जाता है। संस्कृत शब्द अदिति का अर्थ होता है 'असीम'। .

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अधिकार (1971 फ़िल्म)

अधिकार 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अनिल धवन

कोई विवरण नहीं।

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अनुपमा

अनुपमा का तात्पर्य निम्न में से किसी से हो सकता है.

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अनुभव (1971 फ़िल्म)

अनुभव 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। प्रसिद्द निर्देशक बासू भट्टाचार्य द्वारा निर्मित फिल्म जिसमे संजीव कुमार, तनुजा और दिनेश ठाकुर मुख्य भूमिका निभाये| यह निर्देशक की, शहरी जीवनशैली के कारण गृहस्थ जीवन में तनाव को दर्शाता, विश्लेषकत्रय में से है जिसके अन्य फ़िल्में है आविष्कार (1973) और गृहप्रवेश (1979)| आगे चलकर फिल्म जगत में यह एक प्रमुख विषय रहा| .

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अनूप कुमार

अनूप कुमार हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। .

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अनोखा मिलन (1972 फ़िल्म)

अनोखा मिलन १९७२ में बनी हिन्दी भाषा की एक फिल्म है। इसमें अन्य साथी कलाकारो के साथ हिंदी नायक दिलीप कुमार ने भुमिका निभायी थी। .

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अनोखी पहचान (1972 फ़िल्म)

अनोखी पहचान 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अपना देश (1972 फ़िल्म)

अपना देश 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अपराध (1972 फ़िल्म)

अपराध 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अपर्णा सेन

अपर्णा सेन (बांग्ला: অপর্ণা সেন ओपॉर्णा शेन) हिन्दी एवं बांगला सिनेमा की अभिनेत्रियों में से एक हैं। .

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अभिनेत्री (1970 फ़िल्म)

अभिनेत्री 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अभिजीत भट्टाचार्य

अभिजीत हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गायक हैं। .

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अमर प्रेम (1972 फ़िल्म)

अमर प्रेम 1972 में प्रदर्शित हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अमर अकबर एन्थोनी (1977 फ़िल्म)

अमर अकबर एन्थोनी 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अमरीश पुरी

अमरीश पुरी (जन्म:२२ जून १९३२ -मृत्यु:१२ जनवरी २००५) चरित्र अभिनेता मदन पुरी के छोटे भाई अमरीश पुरी हिन्दी फिल्मों की दुनिया का एक प्रमुख स्तंभ रहे हैं। अभिनेता के रूप निशांत, मंथन और भूमिका जैसी फ़िल्मों से अपनी पहचान बनाने वाले श्री पुरी ने बाद में खलनायक के रूप में काफी प्रसिद्धी पायी। उन्होंने १९८४ मे बनी स्टीवेन स्पीलबर्ग की फ़िल्म "इंडियाना जोन्स एंड द टेम्पल ऑफ़ डूम" (अंग्रेज़ी- Indiana Jones and the Temple of Doom) में मोलाराम की भूमिका निभाई जो काफ़ी चर्चित रही। इस भूमिका का ऐसा असर हुआ कि उन्होंने हमेशा अपना सिर मुँडा कर रहने का फ़ैसला किया। इस कारण खलनायक की भूमिका भी उन्हें काफ़ी मिली। व्यवसायिक फिल्मों में प्रमुखता से काम करने के बावज़ूद समांतर या अलग हट कर बनने वाली फ़िल्मों के प्रति उनका प्रेम बना रहा और वे इस तरह की फ़िल्मों से भी जुड़े रहे। फिर आया खलनायक की भूमिकाओं से हटकर चरित्र अभिनेता की भूमिकाओं वाले अमरीश पुरी का दौर। और इस दौर में भी उन्होंने अपनी अभिनय कला का जादू कम नहीं होने दिया .

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अमिताभ बच्चन

अमिताभ बच्चन (जन्म-११ अक्टूबर, १९४२) बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेता हैं। १९७० के दशक के दौरान उन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की और तब से भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रमुख व्यक्तित्व बन गए हैं। बच्चन ने अपने करियर में कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और बारह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार शामिल हैं। उनके नाम सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फ़िल्मफेयर अवार्ड का रिकार्ड है। अभिनय के अलावा बच्चन ने पार्श्वगायक, फ़िल्म निर्माता और टीवी प्रस्तोता और भारतीय संसद के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में १९८४ से १९८७ तक भूमिका की हैं। इन्होंने प्रसिद्द टी.वी.

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अमज़द ख़ान

अमज़द ख़ान (जन्म: 12 नवंबर, 1940 निधन: 27 जुलाई, 1992) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। .

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अमोल पालेकर

अमोल पालेकर अमोल पालेकर (जन्म: 24 नवंबर, 1944) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। अपने अभिनय से सभी का दिल बहलाने के बाद आजकल वे एक निर्देशक के रूप मे कही ज्यादा सक्रिय हैं। .

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अमीता

अमीता (जन्म; ११ अप्रैल १९४०) एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री है। इनका जन्म कोलकाता में ब्रितानी भारत के समय हुआ था। इन्होंने अपने कैरियर १९५३ से १९६८ तक कई बड़ी-बड़ी भारतीय हिंदी फिल्मों में कार्य किया था। इन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत १९५३-१९५४ में बनी श्री चैतन्य महाप्रभु फिल्म से की थी। .

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अरुणा ईरानी

अरुणा ईरानी हिन्दी फिल्मों की एक चरित्र अभिनेत्री हैं। दस साल की उम्र से आयी थी, दिलीप कुमार की फिल्म मे, कम शिक्शित होते हुए भि उन्होन्ने भार्तिय .

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अशोक कुमार (राजनीतिज्ञ)

अशोक कुमार भारत के झारखण्ड राज्य की महगामा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं। २०१४ के चुनावों में वे झारखण्ड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के उम्मीदवार शाहिद इक़बाल को 31560 वोटों के अंतर से हराकर निर्वाचित हुए। .

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अशोक कुमार (अभिनेता)

अशोक कुमार (অশোক কুমার; १३ अक्टूबर १९११, भागलपुर, कुमुद कुमार गांगुली - १० दिसम्बर २००१, मुंबई) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। सन् १९९९ में भारत सरकार ने उन्हें कला के क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया। ये महाराष्ट्र राज्य से थे। .

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असित सेन

असित सेन एक हिन्दी फिल्म के प्रसिद्ध हास्य अभिनेता हैं। .

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अजीत

अजीत (जन्म: 27 जनवरी, 1922 निधन: 22 अक्टूबर, 1998) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। वह अपने खलनायक किरदारों के लिये विशेष रूप से जाने जाते हैं। .

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अंदाज़ (1971 फ़िल्म)

अंदाज़ 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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उत्पल दत्त

उत्पल दत्त (जन्म: 29 मार्च, 1929 निधन: 19 अगस्त, 1993) एक हिन्दी एवं बांगला फिल्म के प्रसिद्ध अभिनेता थे। .

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उपहार (1971 फ़िल्म)

उपहार 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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ऋषि कपूर

ऋषि कपूर (जन्म: 4 सितंबर, 1952) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। ऋषि कपूर एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता, फ़िल्म निर्माता और निर्देशक है। वह एक बाल कलाकार के रूप मे काम कर चुके है। उन्हें बॉबी के लिए 1974 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार और साथ ही 2008 में फ़िल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चूका है। उन्होंने उनकी पहली फ़िल्म में शानदार भूमिका के लिए 1971 में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त किया। .

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ऋषिकेश मुखर्जी

ऋषिकेश मुखर्जी एक भारतीय फिल्मकार थे। हृषिकेश दा का भारतीय सिनेमा जगत में अपने विशिष्ट योगदान के लिए जाने जाते हैं। .

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छोटी सी बात (१९७५ चलचित्र)

छोटी सी बात १९७५ में बनी हिन्दी भाषा की चलचित्र है। .

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