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संजीव कुमार

सूची संजीव कुमार

संजीव कुमार (मूल नाम: हरीभाई जरीवाला; जन्म: 9 जुलाई 1938, मृत्यु: 6 नवम्बर 1985) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। उनका पूरा नाम हरीभाई जरीवाला था। वे मूल रूप से गुजराती थे। इस महान कलाकार का नाम फ़िल्मजगत की आकाशगंगा में एक ऐसे धुव्रतारे की तरह याद किया जाता है जिनके बेमिसाल अभिनय से सुसज्जित फ़िल्मों की रोशनी से बॉलीवुड हमेशा जगमगाता रहेगा। उन्होंने नया दिन नयी रात फ़िल्म में नौ रोल किये थे। कोशिश फ़िल्म में उन्होंने गूँगे बहरे व्यक्ति का शानदार अभिनय किया था। शोले फ़िल्म में ठाकुर का चरित्र उनके अभिनय से अमर हो गया। उन्हें श्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के अलावा फ़िल्मफ़ेयर क सर्वश्रेष्ठ अभिनेता व सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार दिया गया। वे आजीवन कुँवारे रहे और मात्र 47 वर्ष की आयु में सन् 1984 में हृदय गति रुक जाने से बम्बई में उनकी मृत्यु हो गयी। 1960 से 1984 तक पूरे पच्चीस साल तक वे लगातार फ़िल्मों में सक्रिय रहे। उन्हें उनके शिष्ट व्यवहार व विशिष्ट अभिनय शैली के लिये फ़िल्मजगत में हमेशा याद किया जायेगा। .

169 संबंधों: चरित्रहीन (1974 फ़िल्म), चंदा और बिजली (1969 फ़िल्म), चौकीदार (1974 फ़िल्म), चेहरे पे चेहरा (1981 फ़िल्म), टक्कर (1980 फ़िल्म), एक पहेली (1971 फ़िल्म), तुम्हारे लिये (1978 फ़िल्म), त्रिशूल, त्रिशूल (1978 फ़िल्म), तृष्णा (1978 फ़िल्म), दस्तक (1970 फ़िल्म), दासी (१९८१ फ़िल्म), दावत (1974 फ़िल्म), दिल और पत्थर (1977 फ़िल्म), दिलीप कुमार, दूर नहीं मंज़िल (1973 फ़िल्म), देवता (1978 फ़िल्म), देवी (1970 फ़िल्म), दो लड़कियाँ (1976 फ़िल्म), धरती कहे पुकार के (1969 फ़िल्म), धर्मेन्द्र, धूप छाँव (१९७७ चलचित्र), धोती लोटा और चौपाटी (1975 फ़िल्म), नमकीन (1982 फ़िल्म), नया दिन नई रात (1974 फ़िल्म), निशान, पति पत्नी (1966 फ़िल्म), पति पत्नी और वो (1978 फ़िल्म), पत्थर से टक्कर (1980 फ़िल्म), परिचय (1972 फ़िल्म), पापी (1977 फ़िल्म), पारस (1971 फ़िल्म), पाखंडी (1984 फ़िल्म), पंजाबी, प्रिया (1970 फ़िल्म), प्रोफेसर की पड़ोसन (1993 फ़िल्म), पृथ्वीराज कपूर, फ़रार (1975 फ़िल्म), फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार, फ़ौजी चाचा (1980 फ़िल्म), बचपन (1970 फ़िल्म), बद और बदनाम (1984 फ़िल्म), बात बन जाये (1986 फ़िल्म), बादल (1966 फ़िल्म), बंधन (1969 फ़िल्म), ब्रिटिश राज, बेरहम (1980 फ़िल्म), बॉम्बे एट नाइट (1979 फ़िल्म), बीवी ओ बीवी (1981 फ़िल्म), ..., भारत, भारतीय सिनेमा, मन मन्दिर (1971 फ़िल्म), मनचली (1973 फ़िल्म), मनोरंजन (1974 फ़िल्म), महाराष्ट्र, माँ का आँचल (1970 फ़िल्म), मान अपमान (1979 फ़िल्म), मुम्बई, मुकद्दर (1978 फ़िल्म), मुक्ति (१९७७ फ़िल्म), मौसम (1975 फ़िल्म), मृत्यु, मेरा दोस्त मेरा दुश्मन (1984 फ़िल्म), यही है ज़िन्दगी (1977 फ़िल्म), यादगार (1984 फ़िल्म), राम तेरे कितने नाम (1985 फ़िल्म), राही (1987 फ़िल्म), राजा और रंक (1968 फ़िल्म), राजेश खन्ना, रिवाज़ (1972 फ़िल्म), लाखों की बात (1984 फ़िल्म), लव एंड गॉड (1986 फ़िल्म), लेडीज़ टेलर (1981 फ़िल्म), लोग क्या कहेंगे (1982 फ़िल्म), शतरंज के खिलाड़ी (१९७७ फ़िल्म), शम्मी कपूर, शशि कपूर, शानदार (1974 फ़िल्म), शिकार, शिकार (1968 फ़िल्म), श्रीमान श्रीमती (1982 फ़िल्म), शोले (1975 फ़िल्म), सच्चाई (1969 फ़िल्म), सत्यकाम (1969 फ़िल्म), सबसे बड़ा सुख (1972 फ़िल्म), सलीम ख़ान, साथी (1968 फ़िल्म), सावन के गीत (1978 फ़िल्म), सिलसिला (1981 फ़िल्म), सिंदूर बने ज्वाला (1982 फ़िल्म), सवाल (1982 फ़िल्म), संघर्ष (1968 फ़िल्म), सुबह ओ श्याम (1972 फ़िल्म), सुराग (1982 फ़िल्म), स्मगलर (1966 फ़िल्म), स्वयंवर (1980 फ़िल्म), स्वर्ग नर्क (१९७८ फ़िल्म), सूरत, सूरज और चंदा (1973 फ़िल्म), सीता और गीता (1972 फ़िल्म), हथकड़ी (1982 फ़िल्म), हम पाँच (१९८० फ़िल्म), हम हिन्दुस्तानी (1960 फ़िल्म), हमारे तुम्हारे (1979 फ़िल्म), हाथों की लकीरें (1986 फ़िल्म), हुस्न और इश्क (1966 फ़िल्म), हीरो (1983 फ़िल्म), जन्म, जया बच्चन, ज़बरदस्त (1985 फ़िल्म), ज़िन्दगी (1976 फ़िल्म), जानी दुश्मन (1979 फ़िल्म), ज्योति (1969 फ़िल्म), ज्योति बने ज्वाला (1980 फ़िल्म), जीने की राह (1969 फ़िल्म), ईमान (1974 फ़िल्म), ईमान धर्म (१९७७ फ़िल्म), घर की लाज (1979 फ़िल्म), विधाता (1982 फ़िल्म), विश्वासघात (1977 फ़िल्म), वक्त की दीवार (1981 फ़िल्म), खिलौना (1970 फ़िल्म), खुद्दार (1982 फ़िल्म), ग़ुस्ताखी माफ़ (1969 फ़िल्म), गुनाह और कानून (1970 फ़िल्म), गुलज़ार (गीतकार), गुजरात, गुजराती भाषा, गौरी (1968 फ़िल्म), गृह प्रवेश (1979 फ़िल्म), आँधी (1975 फ़िल्म), आप की कसम (1974 फ़िल्म), आरती, आलाप (1977 फ़िल्म), आशीर्वाद (1968 फ़िल्म), आक्रमण (1975 फ़िल्म), इतनी सी बात (1981 फ़िल्म), इन्साफ का मन्दिर (1969 फ़िल्म), इंसान और शैतान (1970 फ़िल्म), कत्ल (1986 फ़िल्म), काँच की दीवार (1986 फ़िल्म), कालपी (1966 फ़िल्म), काला पत्थर (१९७९ फ़िल्म), कंगन (1971 फ़िल्म), कुँवारा बाप (1974 फ़िल्म), कोशिश, कोशिश (1972 फ़िल्म), अनहोनी (1973 फ़िल्म), अनामिका (1973 फ़िल्म), अनुभव (1971 फ़िल्म), अनोखी रात, अपनापन (1977 फ़िल्म), अपने दुश्मन (1975 फ़िल्म), अपने रंग हज़ार (1975 फ़िल्म), अब्दुल्ला (1980 फ़िल्म), अभिनय, अभिनेता, अमिताभ बच्चन, अय्याश (1982 फ़िल्म), अर्चना (1974 फ़िल्म), अर्जुन पंडित (1976 फ़िल्म), अग्नि रेखा (1973 फ़िल्म), अंगारे (1977 फ़िल्म), अंगूर (1982 फ़िल्म), उलझन (1975 फ़िल्म), १९७६, १९७७, १९८० सूचकांक विस्तार (119 अधिक) »

चरित्रहीन (1974 फ़िल्म)

चरित्रहीन 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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चंदा और बिजली (1969 फ़िल्म)

चंदा और बिजली 1969 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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चौकीदार (1974 फ़िल्म)

चौकीदार 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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चेहरे पे चेहरा (1981 फ़िल्म)

चेहरे पे चेहरा 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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टक्कर (1980 फ़िल्म)

टक्कर 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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एक पहेली (1971 फ़िल्म)

एक पहेली 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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तुम्हारे लिये (1978 फ़िल्म)

तुम्हारे लिये (अंग्रेजी: For Your Sake) 1978 में बासु चटर्जी द्वारा निर्मित हिन्दी फिल्म जिसमे संजीव कुमार, विद्या सिन्हा व अशोक कुमार ने प्रमुख पात्र निभाए है| .

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त्रिशूल

त्रिशूल के कई अर्थ हो सकते हैं.

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त्रिशूल (1978 फ़िल्म)

त्रिशूल 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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तृष्णा (1978 फ़िल्म)

तृष्णा 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दस्तक (1970 फ़िल्म)

दस्तक 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दासी (१९८१ फ़िल्म)

दासी १९८१ में निर्मित हिन्दी फ़िल्म है। इसे राज खोसला ने निर्देशित किया है तथा के के श्रीवास्तव ने इसके संवाद (पटकथा) लेखन का कार्य किया है। .

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दावत (1974 फ़िल्म)

दावत 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दिल और पत्थर (1977 फ़िल्म)

दिल और पत्थर 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दिलीप कुमार

दिलीप कुमार (जन्म 11 दिसंबर, 1922; जन्म का नाम: यूसुफ़ ख़ान), हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय अभिनेता है जो भारतीय संसद के उच्च सदन राज्य सभा के सदस्य रह चुके है। दिलीप कुमार को उनके दौर का बेहतरीन अभिनेता माना जाता है, त्रासद या दु:खद भूमिकाओं के लिए मशहूर होने के कारण उन्हे 'ट्रेजिडी किंग' भी कहा जाता था। उन्हें भारतीय फ़िल्मों के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, इसके अलावा दिलीप कुमार को पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ से भी सम्मानित किया गया है। .

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दूर नहीं मंज़िल (1973 फ़िल्म)

दूर नहीं मंज़िल 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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देवता (1978 फ़िल्म)

देवता 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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देवी (1970 फ़िल्म)

देवी 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दो लड़कियाँ (1976 फ़िल्म)

दो लड़कियाँ 1976 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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धरती कहे पुकार के (1969 फ़िल्म)

धरती कहे पुकार के (अंग्रेजी: Call of the Earth) 1969 में वैशाली फिलम्स पताका अन्तर्गत दीनानाथ शास्त्री निर्मित, दुलाल गुहा निर्देशित हिन्दी भाषा की फिल्म है। जितेंद्र, नंदा, कन्हैयालाल, दुर्गा खोटे एवं संजीव कुमार इसके प्रमुख कलाकार तथा अभि भट्टाचार्य, अमोल सेन, असित सेन, ए के हंगल, तरुण बोस, मनमोहन व लीला मिश्रा सहायक कलाकार है। फिल्म में संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने दिया तथा गीतकार मजरुह सुल्तानपुरी है। .

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धर्मेन्द्र

धर्मेन्द्र (पंजाबी: ਧਰਮਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਦਿਉਲ जन्म: ८ दिसंबर, १९३५) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। इनकी पत्नी हेमा मालिनी, पुत्र बॉबी द्योल और सनी द्योल भी फ़िल्मों में काम करते हैं। धर्मेन्द्र 2004 से 2009 तक बीकानेर से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद थे। .

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धूप छाँव (१९७७ चलचित्र)

धूप छाँव 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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धोती लोटा और चौपाटी (1975 फ़िल्म)

धोती लोटा और चौपाटी 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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नमकीन (1982 फ़िल्म)

नमकीन 1982 में प्रदर्शित होने वाली हिन्दी फ़िल्म है जिसे गुलज़ार ने निर्देशित किया था। नमकीन, बांग्ला साहित्यकार समरेश बसु की कहानी पर आधारित है। हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से पर्वतीय गाँव में एक ट्रक ड्राइवर गेरुलाल (संजीव कुमार) आता है। स्थानीय ढाबे वाला धनीराम (टी.पी.जैन) गेरुलाल को एक वृद्धा ज्योति (वहीदा रहमान) के घर पर एक कमरा किराज़े पर दिलवा देता है। ज्योति की तीन बेटियां हैं- सबसे बड़ी...

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नया दिन नई रात (1974 फ़िल्म)

नया दिन नई रात 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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निशान

निशान १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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पति पत्नी (1966 फ़िल्म)

पति पत्नी 1966 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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पति पत्नी और वो (1978 फ़िल्म)

पति पत्नी और वो 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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पत्थर से टक्कर (1980 फ़िल्म)

पत्थर से टक्कर 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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परिचय (1972 फ़िल्म)

परिचय 1972 में गुलज़ार द्वारा निर्मित एक पारिवारिक कथा आधारित हिन्दी फिल्म है। यह प्रमुख अंग्रेज़ी फ़िल्म दि साऊँड ऑफ़ म्युज़िक से प्रेरित पर यथार्थ चित्रण नहीं है। .

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पापी (1977 फ़िल्म)

पापी 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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पारस (1971 फ़िल्म)

पारस 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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पाखंडी (1984 फ़िल्म)

पाखंडी १९८४ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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पंजाबी

पंजाबी का इनमें से मतलब हो सकता: संस्कृति में.

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प्रिया (1970 फ़िल्म)

प्रिया 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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प्रोफेसर की पड़ोसन (1993 फ़िल्म)

प्रोफेसर की पड़ोसन 1993 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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पृथ्वीराज कपूर

पृथ्वीराज कपूर (3 नवंबर 1901 - 29 मई 1972) हिंदी सिनेमा जगत एवं भारतीय रंगमंच के प्रमुख स्तंभों में गिने जाते हैं। पृथ्वीराज ने बतौर अभिनेता मूक फ़िल्मो से अपना करियर शुरू किया। उन्हें भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) के संस्थापक सदस्यों में से एक होने का भी गौरव हासिल है। पृथ्वीराज ने सन् 1944 में मुंबई में पृथ्वी थिएटर की स्थापना की, जो देश भर में घूम-घूमकर नाटकों का प्रदर्शन करता था। इन्हीं से कपूर ख़ानदान की भी शुरुआत भारतीय सिनेमा जगत में होती है। 1972 में उनकी मृत्यु के पश्चात उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी नवाज़ा गया। पृथ्वीराज कपूर को कला क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९६९ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। पृथ्वीराज ने पेशावर पाकिस्तान के एडवर्ड कालेज से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने एक साल तक कानून की शिक्षा भी प्राप्त की जिसके बाद उनका थियेटर की दुनिया में प्रवेश हुआ। 1928 में उनका मुंबई आगमन हुआ। कुछ एक मूक फ़िल्मों में काम करने के बाद उन्होंने भारत की पहली बोलनेवाली फ़िल्म आलम आरा में मुख्य भूमिका निभाई। .

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फ़रार (1975 फ़िल्म)

फ़रार 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। यह हिन्दी फ़िल्म में सबसे बेहतर अभिनय के लिये फ़िल्म के सहायक अभिनेता को फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार समारोह में दिया जाता है। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। यह हिन्दी फ़िल्म में सबसे बेहतर अभिनय के लिये फ़िल्म के अभिनेता को फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार समारोह में दिया जाता है। .

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फ़ौजी चाचा (1980 फ़िल्म)

फ़ौजी चाचा 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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बचपन (1970 फ़िल्म)

बचपन 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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बद और बदनाम (1984 फ़िल्म)

बद और बदनाम १९८४ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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बात बन जाये (1986 फ़िल्म)

बात बन जाये 1986 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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बादल (1966 फ़िल्म)

बादल 1966 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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बंधन (1969 फ़िल्म)

बंधन 1969 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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ब्रिटिश राज

ब्रिटिश राज 1858 और 1947 के बीच भारतीय उपमहाद्वीप पर ब्रिटिश द्वारा शासन था। क्षेत्र जो सीधे ब्रिटेन के नियंत्रण में था जिसे आम तौर पर समकालीन उपयोग में "इंडिया" कहा जाता था‌- उसमें वो क्षेत्र शामिल थे जिन पर ब्रिटेन का सीधा प्रशासन था (समकालीन, "ब्रिटिश इंडिया") और वो रियासतें जिन पर व्यक्तिगत शासक राज करते थे पर उन पर ब्रिटिश क्राउन की सर्वोपरिता थी। .

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बेरहम (1980 फ़िल्म)

बेरहम 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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बॉम्बे एट नाइट (1979 फ़िल्म)

बॉम्बे एट नाइट 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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बीवी ओ बीवी (1981 फ़िल्म)

बीवी ओ बीवी 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारतीय सिनेमा

भारतीय सिनेमा के अन्तर्गत भारत के विभिन्न भागों और भाषाओं में बनने वाली फिल्में आती हैं जिनमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और बॉलीवुड शामिल हैं। भारतीय सिनेमा ने २०वीं सदी की शुरुआत से ही विश्व के चलचित्र जगत पर गहरा प्रभाव छोड़ा है।। भारतीय फिल्मों का अनुकरण पूरे दक्षिणी एशिया, ग्रेटर मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्व सोवियत संघ में भी होता है। भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से अब संयुक्त राज्य अमरीका और यूनाइटेड किंगडम भी भारतीय फिल्मों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बन गए हैं। एक माध्यम(परिवर्तन) के रूप में सिनेमा ने देश में अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की और सिनेमा की लोकप्रियता का इसी से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि यहाँ सभी भाषाओं में मिलाकर प्रति वर्ष 1,600 तक फिल्में बनी हैं। दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के जनक के रूप में जाना जाते हैं। दादा साहब फाल्के के भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के प्रतीक स्वरुप और 1969 में दादा साहब के जन्म शताब्दी वर्ष में भारत सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की स्थापना उनके सम्मान में की गयी। आज यह भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित और वांछित पुरस्कार हो गया है। २०वीं सदी में भारतीय सिनेमा, संयुक्त राज्य अमरीका का सिनेमा हॉलीवुड तथा चीनी फिल्म उद्योग के साथ एक वैश्विक उद्योग बन गया।Khanna, 155 2013 में भारत वार्षिक फिल्म निर्माण में पहले स्थान पर था इसके बाद नाइजीरिया सिनेमा, हॉलीवुड और चीन के सिनेमा का स्थान आता है। वर्ष 2012 में भारत में 1602 फ़िल्मों का निर्माण हुआ जिसमें तमिल सिनेमा अग्रणी रहा जिसके बाद तेलुगु और बॉलीवुड का स्थान आता है। भारतीय फ़िल्म उद्योग की वर्ष 2011 में कुल आय $1.86 अरब (₹ 93 अरब) की रही। जिसके वर्ष 2016 तक $3 अरब (₹ 150 अरब) तक पहुँचने का अनुमान है। बढ़ती हुई तकनीक और ग्लोबल प्रभाव ने भारतीय सिनेमा का चेहरा बदला है। अब सुपर हीरो तथा विज्ञानं कल्प जैसी फ़िल्में न केवल बन रही हैं बल्कि ऐसी कई फिल्में एंथीरन, रा.वन, ईगा और कृष 3 ब्लॉकबस्टर फिल्मों के रूप में सफल हुई है। भारतीय सिनेमा ने 90 से ज़्यादा देशों में बाजार पाया है जहाँ भारतीय फिल्मे प्रदर्शित होती हैं। Khanna, 158 सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन, अडूर गोपालकृष्णन, बुद्धदेव दासगुप्ता, जी अरविंदन, अपर्णा सेन, शाजी एन करुण, और गिरीश कासरावल्ली जैसे निर्देशकों ने समानांतर सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और वैश्विक प्रशंसा जीती है। शेखर कपूर, मीरा नायर और दीपा मेहता सरीखे फिल्म निर्माताओं ने विदेशों में भी सफलता पाई है। 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रावधान से 20वीं सेंचुरी फॉक्स, सोनी पिक्चर्स, वॉल्ट डिज्नी पिक्चर्स और वार्नर ब्रदर्स आदि विदेशी उद्यमों के लिए भारतीय फिल्म बाजार को आकर्षक बना दिया है। Khanna, 156 एवीएम प्रोडक्शंस, प्रसाद समूह, सन पिक्चर्स, पीवीपी सिनेमा,जी, यूटीवी, सुरेश प्रोडक्शंस, इरोज फिल्म्स, अयनगर्न इंटरनेशनल, पिरामिड साइमिरा, आस्कार फिल्म्स पीवीआर सिनेमा यशराज फिल्म्स धर्मा प्रोडक्शन्स और एडलैब्स आदि भारतीय उद्यमों ने भी फिल्म उत्पादन और वितरण में सफलता पाई। मल्टीप्लेक्स के लिए कर में छूट से भारत में मल्टीप्लेक्सों की संख्या बढ़ी है और फिल्म दर्शकों के लिए सुविधा भी। 2003 तक फिल्म निर्माण / वितरण / प्रदर्शन से सम्बंधित 30 से ज़्यादा कम्पनियां भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध की गयी थी जो फिल्म माध्यम के बढ़ते वाणिज्यिक प्रभाव और व्यसायिकरण का सबूत हैं। दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग दक्षिण भारत की चार फिल्म संस्कृतियों को एक इकाई के रूप में परिभाषित करता है। ये कन्नड़ सिनेमा, मलयालम सिनेमा, तेलुगू सिनेमा और तमिल सिनेमा हैं। हालाँकि ये स्वतंत्र रूप से विकसित हुए हैं लेकिन इनमे फिल्म कलाकारों और तकनीशियनों के आदान-प्रदान और वैष्वीकरण ने इस नई पहचान के जन्म में मदद की। भारत से बाहर निवास कर रहे प्रवासी भारतीय जिनकी संख्या आज लाखों में हैं, उनके लिए भारतीय फिल्में डीवीडी या व्यावसायिक रूप से संभव जगहों में स्क्रीनिंग के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं। Potts, 74 इस विदेशी बाजार का भारतीय फिल्मों की आय में 12% तक का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसके अलावा भारतीय सिनेमा में संगीत भी राजस्व का एक साधन है। फिल्मों के संगीत अधिकार एक फिल्म की 4 -5 % शुद्ध आय का साधन हो सकते हैं। .

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मन मन्दिर (1971 फ़िल्म)

मन मन्दिर 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मनचली (1973 फ़िल्म)

मनचली 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मनोरंजन (1974 फ़िल्म)

मनोरंजन 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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महाराष्ट्र

महाराष्ट्र भारत का एक राज्य है जो भारत के दक्षिण मध्य में स्थित है। इसकी गिनती भारत के सबसे धनी राज्यों में की जाती है। इसकी राजधानी मुंबई है जो भारत का सबसे बड़ा शहर और देश की आर्थिक राजधानी के रूप में भी जानी जाती है। और यहाँ का पुणे शहर भी भारत के बड़े महानगरों में गिना जाता है। यहाँ का पुणे शहर भारत का छठवाँ सबसे बड़ा शहर है। महाराष्ट्र की जनसंख्या सन २०११ में ११,२३,७२,९७२ थी, विश्व में सिर्फ़ ग्यारह ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या महाराष्ट्र से ज़्यादा है। इस राज्य का निर्माण १ मई, १९६० को मराठी भाषी लोगों की माँग पर की गयी थी। यहां मराठी ज्यादा बोली जाती है। मुबई अहमदनगर पुणे, औरंगाबाद, कोल्हापूर, नाशिक नागपुर ठाणे शिर्डी-अहमदनगर आैर महाराष्ट्र के अन्य मुख्य शहर हैं। .

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माँ का आँचल (1970 फ़िल्म)

माँ का आँचल 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मान अपमान (1979 फ़िल्म)

मान अपमान 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

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मुकद्दर (1978 फ़िल्म)

मुकद्दर 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मुक्ति (१९७७ फ़िल्म)

मुक्ति 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मौसम (1975 फ़िल्म)

श्रेणी:1975 में बनी हिन्दी फ़िल्म श्रेणी:कमलेश्वर.

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मृत्यु

मानव खोपड़ी मौत के लिए एक सार्वभौमिक प्रतीक है। किसी प्राणी के जीवन के अन्त को मृत्यु कहते हैं। मृत्यु सामान्यतः दुर्घटना, चोट, बीमारी, कुपोषण के परिणामस्वरूप होती है। आँख "अनन्त जीवन के लिए प्राचीन मिस्र के प्रतीक है।" वे और कई अन्य संस्कृतियों के बाद से एक पोर्टल के रूप में एक जीवन के बाद में जैविक मौत देखी है। .

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मेरा दोस्त मेरा दुश्मन (1984 फ़िल्म)

मेरा दोस्त मेरा दुश्मन १९८४ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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यही है ज़िन्दगी (1977 फ़िल्म)

यही है ज़िन्दगी 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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यादगार (1984 फ़िल्म)

यादगार १९८४ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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राम तेरे कितने नाम (1985 फ़िल्म)

राम तेरे कितने नाम 1985 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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राही (1987 फ़िल्म)

राही १९८७ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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राजा और रंक (1968 फ़िल्म)

राजा और रंक 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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राजेश खन्ना

राजेश खन्ना (जन्म: 29 दिसम्बर 1942 - मृत्यु: 18 जुलाई 2012) एक भारतीय बॉलीवुड अभिनेता, निर्देशक व निर्माता थे। उन्होंने कई हिन्दी फ़िल्में बनायीं और राजनीति में भी प्रवेश किया। वे नई दिल्ली लोक सभा सीट से पाँच वर्ष 1991-96 तक कांग्रेस पार्टी के सांसद रहे। बाद में उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया। उन्होंने कुल 180 फ़िल्मों और 163 फीचर फ़िल्मों में काम किया, 128 फ़िल्मों में मुख्य भूमिका निभायी, 22 में दोहरी भूमिका के अतिरिक्त 17 छोटी फ़िल्मों में भी काम किया। व तीन साल 1969-71 के अंदर १५ solo हिट फ़िल्मों में अभिनय करके बॉलीवुड का सुपरस्टार कहे जाने लगे। उन्हें फ़िल्मों में सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिये तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार मिला और १४ बार मनोनीत किया गया। बंगाल फ़िल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा हिन्दी फ़िल्मों के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी अधिकतम चार बार उनके ही नाम रहा और २५ बार मनोनीत किया गया। 2005 में उन्हें फ़िल्मफेयर का लाइफटाइम अचीवमेण्ट अवार्ड दिया गया। राजेश खन्ना हिन्दी सिनेमा के पहले सुपर स्टार थे। 1966 में उन्होंने आखिरी खत नामक फ़िल्म से अपने अभिनय की शुरुआत की। राज़, बहारों के सपने, आखिरी खत - उनकी लगातार तीन कामयाब फ़िल्में रहीं और बहारों के सपने पूर्णतः असफल हुई। उन्होंने 1966-1991 में 74 स्वर्ण जयंती फ़िल्में की। (golden jubilee hits)। उन्होंने 1966-1991 में 22 रजत जयंती फ़िल्में किया। उन्होंने 1966-1996 में 9 सामान्य हित्त फ़िल्म किया। उन्होंने 1966-2013 में 163 फ़िल्म किया और 105 हिट रहे। .

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रिवाज़ (1972 फ़िल्म)

रिवाज़ 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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लाखों की बात (1984 फ़िल्म)

लाखों की बात १९८४ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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लव एंड गॉड (1986 फ़िल्म)

लव एंड गॉड 1986 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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लेडीज़ टेलर (1981 फ़िल्म)

लेडीज़ टेलर 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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लोग क्या कहेंगे (1982 फ़िल्म)

लोग क्या कहेंगे 1982 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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शतरंज के खिलाड़ी (१९७७ फ़िल्म)

शतरंज के खिलाड़ी 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसी नाम से मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गई कहानी पर आधारित इस फिल्म के निर्देशक थे प्रसिद्ध बांग्ला फिल्मकार सत्यजित रे। इसकी कहानी १८५६ के अवध नवाब वाजिद अली शाह के दो अमीरों के इर्द-गिर्द घूमती है। ये दोनों खिलाड़ी शतरंज खेलने में इतने व्यस्त रहते हैं कि उन्हें अपने शासन तथा परिवार की भी फ़िक्र नहीं रहती। इसी की पृष्ठभूमि में अंग्रेज़ों की सेना अवध पर चढ़ाई करती है। फिल्म का अंत अंग्रेज़ों के अवध पर अधिपत्य के बाद के एक दृश्य से होता है जिसमें दोनों खिलाड़ी शतरंज अपने पुराने देशी अंदाज की बजाय अंग्रेज़ी शैली में खेलने लगते हैं जिसमें राजा एक दूसरे के आमने सामने नहीं होते। इस फिल्म को फिल्मकारों तथा इतिहासकारों दोनों की समालोचना मिली थी। फ़िल्म को तीन फिल्मपेयर अवार्ड मिले थे जिसमें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार भी शामिल था। .

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शम्मी कपूर

शम्मी कपूर (जन्म: 21 अक्टूबर, 1931 निधन: 14 अगस्त, 2011) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। उन्होने जंगली, तुमसा नही देखा, दिल देके देखो, सिंगापुर, कॉलेज गर्ल, प्रोफेसर, चाइना टाउन, प्यार किया तो डरना क्या, कश्मीर की कली, जानवर, तीसरी मंज़िल, अंदाज़, एन इवनिंग इन पेरिस, ब्रह्मचारी और सच्चाई जैसी हिट फ़िल्मों में काम किया। .

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शशि कपूर

शशि कपूर (जन्म: 18 मार्च, 1938, निधन: 04 दिसम्बर 2017) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। शशि कपूर हिन्दी फ़िल्मों में लोकप्रिय कपूर परिवार के सदस्य थे। वर्ष २०११ में उनको भारत सरकार ने पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया। वर्ष २०१५ में उनको २०१४ के दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। इस तरह से वे अपने पिता पृथ्वीराज कपूर और बड़े भाई राजकपूर के बाद यह सम्मान पाने वाले कपूर परिवार के तीसरे सदस्य बन गये। .

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शानदार (1974 फ़िल्म)

शानदार 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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शिकार

शिकार नाम से लेख:-.

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शिकार (1968 फ़िल्म)

शिकार सन् 1968 में प्रदर्शित हिन्दी भाषा की रहस्यमयी रोमांचक फिल्म है। जिसमें धर्मेन्द्र, आशा पारेख, संजीव कुमार तथा जॉनी वॉकर मुख्य भूमिका में है। .

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श्रीमान श्रीमती (1982 फ़िल्म)

श्रीमान श्रीमती 1982 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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शोले (1975 फ़िल्म)

शोले १९७५ की एक भारतीय हिन्दी एक्शन फिल्म है। सलीम-जावेद द्वारा लिखी इस फिल्म का निर्माण गोपाल दास सिप्पी ने और निर्देशन का कार्य, उनके पुत्र रमेश सिप्पी ने किया है। इसकी कहानी जय (अमिताभ बच्चन) और वीरू (धर्मेन्द्र) नामक दो अपराधियों पर केन्द्रित है, जिन्हें डाकू गब्बर सिंह (अमजद ख़ान) से बदला लेने के लिए पूर्व पुलिस अधिकारी ठाकुर बलदेव सिंह (संजीव कुमार) अपने गाँव लाता है। जया भादुरी और हेमा मालिनी ने भी फ़िल्म में मुख्य भूमिकाऐं निभाई हैं। शोले को भारतीय सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक माना जाता है। ब्रिटिश फिल्म इंस्टिट्यूट के २००२ के "सर्वश्रेष्ठ १० भारतीय फिल्मों" के एक सर्वेक्षण में इसे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था। २००५ में पचासवें फिल्मफेयर पुरस्कार समारोह में इसे पचास सालों की सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार भी मिला। शोले का फिल्मांकन कर्नाटक राज्य के रामनगर क्षेत्र के चट्टानी इलाकों में ढाई साल की अवधि तक चला था। केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के निर्देशानुसार कई हिंसक दृश्यों को हटाने के बाद फ़िल्म को १९८ मिनट की लंबाई के साथ १५ अगस्त १९७५ को रिलीज़ किया गया था। हालांकि १९९० में मूल २०४ मिनट का मूल संस्करण भी होम मीडिया पर उपलब्ध हो गया था। रिलीज़ होने पर पहले तो शोले को समीक्षकों से नकारात्मक प्रतिक्रियाएं और कमजोर व्यावसायिक परिणाम मिले, लेकिन अनुकूल मौखिक प्रचार की सहायता से थोड़े दिन बाद यह बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफलता बनकर उभरी। फ़िल्म ने पूरे भारत में कई सिनेमाघरों में निरंतर प्रदर्शन के लिए रिकॉर्ड तोड़ दिए, और मुंबई के मिनर्वा थिएटर में तो यह पांच साल से अधिक समय तक प्रदर्शित हुई। कुछ स्त्रोतों के अनुसार मुद्रास्फीति के लिए समायोजित करने पर यह सर्वाधिक कमाई करने वाली भारतीय फिल्म है। शोले एक डकैती-वॅस्टर्न फिल्म है, जो वॅस्टर्न शैली के साथ भारतीय डकैती फिल्मों परम्पराओं का संयोजन करती है, और साथ ही मसाला फिल्मों का एक परिभाषित उदाहरण है, जिसमें कई फिल्म शैलियों का मिश्रण पाया जाता है। विद्वानों ने फिल्म के कई विषयों का उल्लेख किया है, जैसे कि हिंसा की महिमा, सामंती विचारों का परिवर्तन, सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने वालों और संगठित होकर लूट करने वालों के बीच बहस, समलैंगिक गैर रोमानी सामाजिक बंधन और राष्ट्रीय रूपरेखा के रूप में फिल्म की भूमिका। राहुल देव बर्मन द्वारा रचित फिल्म की संगीत एल्बम और अलग से जारी हुए संवादों की संयुक्त बिक्री ने कई नए बिक्री रिकॉर्ड सेट किए। फिल्म के संवाद और कुछ पात्र बेहद लोकप्रिय हो गए और भारतीयों के दैनिक रहन-सहन हिस्सा बन गए। जनवरी २०१४ में, शोले को ३डी प्रारूप में सिनेमाघरों में फिर से रिलीज़ किया गया था। .

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सच्चाई (1969 फ़िल्म)

सच्चाई 1969 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सत्यकाम (1969 फ़िल्म)

सत्यकाम 1969 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सबसे बड़ा सुख (1972 फ़िल्म)

सबसे बड़ा सुख 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सलीम ख़ान

सलीम ख़ान हिन्दी फ़िल्मों के मशहूर लेखक हैं। .

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साथी (1968 फ़िल्म)

साथी 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सावन के गीत (1978 फ़िल्म)

सावन के गीत 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सिलसिला (1981 फ़िल्म)

सिलसिला 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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सिंदूर बने ज्वाला (1982 फ़िल्म)

सिंदूर बने ज्वाला 1982 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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सवाल (1982 फ़िल्म)

सवाल (अंग्रेजी: Question) 1982 में यश चोपड़ा द्वारा निर्मित, रमेश तलवार द्वारा निर्देशित हिन्दी फ़िल्म है। खय्याम इसके संगीतकार एवं गीतकार मजरुह सुल्तानपुरी है। इसमें शशि कपूर, संजीव कुमार, वहीदा रहमान, रणधीर कपूर, प्रेम चोपड़ा, हेलन, मैक मोहन, मदन पुरी एवं मनमोहन कृष्णा जैसे प्रमुख कलाकारों ने पात्र निभाये हैं। .

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संघर्ष (1968 फ़िल्म)

संघर्ष 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सुबह ओ श्याम (1972 फ़िल्म)

सुबह ओ श्याम 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सुराग (1982 फ़िल्म)

सुराग 1982 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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स्मगलर (1966 फ़िल्म)

स्मगलर 1966 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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स्वयंवर (1980 फ़िल्म)

स्वयंवर 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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स्वर्ग नर्क (१९७८ फ़िल्म)

स्वर्ग नरक (अंग्रेजी: Heaven and Hell) 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सूरत

सूरत गुजरात प्रान्त का एक प्रमुख शहर है। यह शहर सूरत जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। तापी नदी सूरत शहर के मध्य से होकर गुजरती है। सूरत मुख्यत: कपड़ा उद्योग और डायमंड कटिंग और पोलिशिंग के लिए प्रसिद्ध है, इसलिए इस शहर को सिल्क सिटी और डायमंड सिटी के नाम से भी जाना जाता है। .

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सूरज और चंदा (1973 फ़िल्म)

सूरज और चंदा 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सीता और गीता (1972 फ़िल्म)

सीता और गीता 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसमे हेमा मालिनी दोहरी भूमिका मे है। .

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हथकड़ी (1982 फ़िल्म)

हथकड़ी 1982 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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हम पाँच (१९८० फ़िल्म)

हम पाँच 1980 में बनी हिन्दी फ़िल्म है। .

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हम हिन्दुस्तानी (1960 फ़िल्म)

हम हिन्दुस्तानी 1960 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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हमारे तुम्हारे (1979 फ़िल्म)

हमारे तुम्हारे 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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हाथों की लकीरें (1986 फ़िल्म)

हाथों की लकीरें 1986 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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हुस्न और इश्क (1966 फ़िल्म)

हुस्न और इश्क 1966 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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हीरो (1983 फ़िल्म)

हीरो १९८३ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। अनिल जयसवाल ने बनायी है| .

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जन्म

जीवों के शरीर बहुत छोटी-छोटी काशिकाओं से बने हैं। सरलतम एक-कोशिकाई (unicellular) जीव को लें। कोशिका की रासायनिक संरचना हम जानते हैं। कोशिकाऍं प्रोटीन (protein) से बनी हैं और उनके अंदर नाभिक में नाभिकीय अम्ल (nuclear acid) है। ये प्रोटीन केवल २० प्रकार के एमिनो अम्‍ल (amino acids) की श्रृंखला-क्रमबद्धता से बनते हैं और इस प्रकार २० एमिनो अम्ल से तरह-तरह के प्रोटीन संयोजित होते हैं। अमेरिकी और रूसी वैज्ञानिकां ने प्रयोग से सिद्ध किया कि मीथेन (methane), अमोनिया (ammonia) और ऑक्सीजन (oxygen) को काँच के खोखले लट्टू के अंदर बंद कर विद्युत चिनगारी द्वारा एमिनो अम्ल का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने कहना प्रारंभ किया कि अत्यंत प्राचीन काल में जीवविहीन पृथ्वी पर मीथेन, अमोनिया तथा ऑक्सीजन से भरे वातावरण में बादलों के बीच बिजली की गड़गड़ाहट से एमिनो अम्ल बने, जिनसे प्रोटीन योजित हुए। अपने प्राचीन ग्रंथों में सूर्य को जीवन का दाता कहा गया है। इसीसे प्रेरित होकर भारत में (जो जीवोत्पत्ति के शोधकार्य में सबसे आगे था) प्रयोग हुए कि जब पानी पर सूर्य का प्रकाश फॉरमैल्डिहाइड (formaldehyde) की उपस्थिति में पड़ता है तो एमिनो अम्ल बनते हैं। इसमें फॉरमैल्डिहाइड उत्प्रेरक (catalyst) का कार्य करती है। इसके लिए किसी विशेष प्रकार के वायुमंडल में विद्युतीय प्रक्षेपण की आवश्यकता नहीं। अब कोशिका का नाभिकीय अम्ल ? इमली के बीज से इमली का ही पेड़ उत्पन्न होगा, पशु का बच्चा वैसा ही पशु बनेगा, यह नाभिकीय अम्ल की माया है। यही नाभिकीय अम्ल जीन (gene) के नाभिक को बनाता है, जिससे शरीर एवं मस्तिष्क की रचना तथा वंशानुक्रम में प्राप्त होनेवाले गुण—सभी पुरानी पीढ़ी से नई पीढ़ी को प्राप्त होते हैं। जब प्रजनन के क्रम में एक कोशिका दो कोशिका में विभक्त होती है तो दोनो कोशिकायें जनक कोशिका की भाँति होंगी, यह नाभिकीय अम्ल के कारण है। पाँच प्रकार के नाभिकीय अम्ल को लेकर सीढ़ी की तरह अणु संरचना से जितने प्रकार के नाभिकीय अम्ल चाहें, बना सकते हैं। नाभिकीय अम्ल में अंतर्निहित गुण है कि वह उचित परिस्थिति में अपने को विभक्त कर दो समान गुणधर्मी स्वतंत्र अस्तित्व धारणा करता है। दूसरे यह कि किस प्रकार का प्रोटीन बने, यह भी नाभिकीय अम्ल निर्धारित करता है। एक से उसी प्रकार के अनेक जीव बनने के जादू का रहस्य इसी में है। क्या किसी दूरस्थ ग्रह के देवताओं ने, प्रबुद्ध जीवो ने ये पाँच नाभिकीय अम्ल के मूल यौगिक (compound) इस पृथ्वी पर बो दिए थे? एक कोशिका में लगभग नौ अरब (९x१०^९) परमाणु (atom) होते हैं। कैसे संभव हुआ कि इतने परमाणुओं ने एक साथ आकर एक जीवित कोशिका का निर्माण किया। विभिन्न अवस्थाओं में भिन्न-भिन्न प्रकार के प्रोटीन या नाभिकीय अम्ल बनने के पश्चात भी यह प्रश्न शेष रहता है कि इन्होंने किस परिस्थिति में संयुक्त होकर जीवन संभव किया। भारत में डॉ॰ कृष्ण बहादुर ने प्रकाश-रासायनिक प्रक्रिया (photo-chemical process) द्वारा जीवाणु बनाए। फॉरमैल्डिहाइड की उत्प्रेरक उपस्थिति में सूर्य की किरणों से प्रोटीन तथा नाभिकीय अम्ल एक कोशिकीय जीवाणु मे संयोजित हुए। ये जीवाणु अपने लिए पोषक आहार अंदर लेकर, उसे पचाकर और कोशिका का भाग बनाकर बढ़ते हैं। जीव विज्ञान (biology) में इस प्रकार स्ववर्धन की क्रिया को हम उपापचय (metabolism) कहते हैं। ये जीवाणु अंदर से बढ़ते हैं, रसायनशाला में घोल के अंदर टँगे हुए सुंदर कांतिमय रवा (crystal) की भाँति बाहर से नहीं। जीवाणु बढ़कर एक से दो भी हो जाते हैं, अर्थात प्रजनन (reproduction) भी होता है। और ऐसे जीवाणु केवल कार्बन के ही नहीं, ताँबा, सिलिकन (silicon) आदि से भी निर्मित किए, जिनमें जीवन के उपर्युक्त गुण थे। कहते हैं कि जीव के अंदर एक चेतना होती है। वह चैतन्य क्या है? यदि अँगुली में सुई चुभी तो अँगुली तुरंत पीछे खिंचती है, बाह्य उद्दीपन के समक्ष झुकती है। मान लो कि एक संतुलित तंत्र है। उसमें एक बाहरी बाधा आई तो एक इच्छा, एक चाह उत्पन्न हुई कि बाधा दूर हो। निराकरण करने के लिए किसी सीमा तक उस संतुलित तंत्र में परिवर्तन (बदल) भी होता है। यदि यही चैतन्य है तो यह मनुष्य एवं जंतुओं में है ही। कुछ कहेंगे, वनस्पतियों, पेड़-पौधों में भी है। पर एक परमाणु की सोचें—उसमें हैं नाभिक के चारों ओर घूमते विद्युत कण। पास के किसी शक्ति-क्षेत्र (fore-field) की छाया के रूप में कोई बाह्य बाधा आने पर यह अणु अपने अंदर कुछ परिवर्तन लाता है और आंशिक रूप में ही क्यों न हो, कभी-कभी उसे निराकृत कर लेता है। बाहरी दबाव को किसी सीमा तक निष्प्रभ करने की इच्छा एवं क्षमता—आखिर यही तो चैतन्य है। यह चैतन्य सर्वव्यापी है। महर्षि अरविंद के शब्दों में, ‘चराचर के जीव (वनस्पति और जंतु) और जड़, सभी में निहित यही सर्वव्यापी चैतन्य (cosmic consciousness) है।‘ पर जीवन जड़ता से भिन्न है, आज यह अंतर स्पष्ट दिखता है। सभी जीव उपापचय द्वारा अर्थात बाहर से योग्य आहार लेकर पचाते हुए शरीर का भाग बनाकर, स्ववर्धन करते तथा ऊर्जा प्राप्त करते हैं। जड़ वस्तुओं में इस प्रकार अंदर से बढ़ने की प्रक्रिया नहीं दिखती। फिर मोटे तौर पर सभी जीव अपनी तरह के अन्य जीव पैदा करते हैं। निरा एक- कोशिक सूक्ष्मदर्शीय जीव भी; जैसे अमीबा (amoeba) बढ़ने के बाद दो या अनेक अपने ही तरह के एक-कोशिक जीवों में बँट जाता है। कभी-कभी अनेक अवस्थाओं से गुजरकर जीव प्रौढ़ता को प्राप्त होते हैं और तभी प्रजनन से पुन: क्रम चलता है। किसी-न-किसी रूप में प्रजनन जीवन की वृत्ति है, मानो जीव-सृष्टि इसी के लिए हो। पर ये दोनों गुण‍ जीवाणु में भी हैं। यदि यही वृत्तिमूलक परिभाषा (functional definition) जीवन की लें तो जीवाणु उसकी प्राथमिक कड़ी है। कोशिका में ये वृत्तियाँ क्यों उत्पन्न हुई ? इसका उत्तर दर्शन, भौतिकी तथा रसायन के उस संधि-स्थल पर है जहां जीव विज्ञान प्रारंभ होता है। यहां सभी विज्ञान धुँधले होकर एक-दूसरे में मिलते हैं, मानों सब एकाकार हों। इसके लिये दो बुनियादी भारतीय अभिधारणाएँ हैं—(1) यह पदार्थ (matter) मात्र का गुण है कि उसकी टिकाऊ इकाई में अपनी पुनरावृत्ति करनेकी प्रवृत्ति है। पुरूष सूक्त ने पुनरावृत्ति को सृष्टि का नियम कहा है। (2) हर जीवित तंत्र में एक अनुकूलनशीलता है; जो बाधाऍं आती हैं उनका आंशिक रूप में निराकरण, अपने को परिस्थिति के अनुकूल बनाकर, वह कर सकता है। इन गुणों का एक दूरगामी परिणाम जीव की विकास-यात्रा है। चैतन्य सर्वव्यापी है और जीव तथा जड़ सबमें विद्यमान है, यह विशुद्ध भारतीय दर्शन साम्यवादियों को अखरता था। उपर्युक्त दोनों भारतय अभिधारणाओं ने, जो जीवाणु का व्यवहार एवं जीव की विकास-यात्रा का कारण बताती हैं, उन्हें झकझोर डाला। यह विश्वास अनेक सभ्यताओं में रहा है कि ईश्वर ने सृष्टि की रचना की। भारतीय दर्शन में ईश्वर की अनेक कल्पनाऍं हैं। ऐसा समझना कि वे सारी कल्पनाऍं सृष्टिकर्ता ईश्वर की हैं, ठीक न होगा। ईश्वर के विश्वास के साथ जिसे अनीश्वरवादी दर्शन कह सकते हैं, यहाँ पनपता रहा। कणाद ऋषि ने कहा कि यह सारी सृष्टि परमाणु से बनी है। सांख्य दर्शन को भी एक दृष्टि से अनीश्वरवादी दर्शन कह सकते हैं। सांख्य की मान्यता है कि पुरूष एवं प्रकृति दो अलग तत्व हैं और दोनों के संयोग से सृष्टि उत्पन्न हुई। पुरूष निष्क्रिय है और प्रकृति चंचल; वह माया है और हाव-भाव बदलती रहती है। पर बिना पुरूष के यह संसार, यह चराचर सृष्टि नहीं हो सकती। उपमा दी गई कि पुरूष सूर्य है तो प्रकृति चंद्रमा, अर्थात उसी के तेज से प्रकाशवान। मेरे एक मित्र इस अंतर को बताने के लिए एक रूपक सुनाते थे। उन्होंने कहा कि उनके बचपन में बिजली न थी और गैस लैंप, जिसके प्रकाश में सभा हो सके, अनिवार्य था। पर गैस लैंप निष्क्रिय था। न वह ताली बजाता था, न वाह-वाह करता था, न कार्यवाही में भाग लेता था, न प्रेरणा दे सकता था और न परामर्श। पर यदि सभा में मार-पीट भी करनी हो तो गैस लैंप की आवश्यकता थी, कहीं अपने समर्थक ही अँधेरे में न पिट जाऍं। यह गैस लैंप या प्रकाश सांख्य दर्शन का ‘पुरूष’ है। वह निष्क्रिय है, कुछ करता नहीं। पर उसके बिना सभा भी तो नहीं हो सकती थी। इसी प्रकार प्रसिद्ध नौ उपनिषदों में पाँच उपनिषदों को, जिस अर्थ में बाइबिल ने सृष्टिकर्ता ईश्वर की महिमा कही, उस अर्थ में अनीश्वरवादी कह सकते हैं। जो ग्रंथ ईश्वर को सृष्टिकर्ता के रूप में मानते हैं उनमें एक प्रसिद्ध वाक्य आता है, ‘एकोअहं बहुस्यामि’। ईश्वर के मन में इच्छा उत्पन्न हुई कि मैं एक हूँ, अनेक बनूँ और इसलिए अपनी ही अनेक अनुकृतियाँ बनाई—ऐसा अर्थ उसमें लगाते हैं। पर एक से अनेक बनने का तो जीव का गुण है। यही नहीं, यह तो पदार्थ मात्र की भी स्वाभाविक प्रवृत्ति है। भारतीय दर्शन के अनुसार यह सृष्टि किसी की रचना नहीं है, जैसा कि ईसाई या मुसलिम विश्वास है। यदि ईश्वर ने यह ब्रम्हाण्ड रचा तो ईश्वर था ही, अर्थात कुछ सृष्टि थी। इसलिए ईश्वर स्वयं ही भौतिक तत्व अथवा पदार्थ था, ऐसा कहना पड़ेगा। (उसे किसने बनाया?) इसी से कहा कि यह अखिल ब्रम्हांड केवल उसकी अभिव्यक्ति अथवा प्रकटीकरण (manifestation) है, रचना अथवा निर्मित (creation) नहीं। उसी प्रकार जैसे आभूषण स्वर्ण का आकार विशेष में प्रकटीकरण मात्र है। इसी रूप में भारतीय दर्शन ने सृष्टि को देखा। धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों को यह विचार कि जीवन इस पृथ्वी पर स्वाभाविक और अनिवार्य रासायनिक- भौतिक प्रक्रिया द्वारा बिना किसी चमत्कारी शक्ति के उत्पन्न हुआ, इसलिए प्रतिकूल पड़ता है कि वे जीव का संबंध आत्मा से जोड़ते हैं। उनका विश्वास है कि बिना आत्मा के जीवन संभव नहीं और इसलिए कोई परमात्मा है जिसमें अंततोगत्वा सब आत्माऍं विलीन हो जाती हैं। पर जड़ प्रकृति का स्वाभाविक सौंदर्य, वह स्फटिक (crystal), वह हिमालय की बर्फानी चोटियों पर स्वर्ण-किरीट रखता सूर्य, वह उष:काल की लालिमा या कन्याकुमारी का तीन महासागरों के संधि-स्थल का सूर्यास्त, अथवा झील के तरंगित जल पर खेलती प्रकाश-रश्मियाँ- ये सब कीड़े-मकोडों से या कैंसर की फफूँद से या अमरबेल या किसी क्षुद्र जानवर से निम्न स्तर की हैं क्या? पेड़-पौधे और उनमें उगे कुकुरमुत्ते में आत्मा है क्या ? एक बात जो मुसलमान या ईसाई नहीं मानते। सृष्टि में इस प्रकार के जीवित तथा जड़ वस्तुओं में भेदभाव भला क्यों ? शायद हम सोचें, सभी जीवधारियों का अंत होता है। ‘केहि जग काल न खाय।‘ वनस्पति और जंतु सभी मृत्यु को प्राप्त होते हैं और उनका शरीर नष्ट हो जाता है। परंतु यदि एक-कोशिक जीव बड़ा होकर अपने ही प्रकार के दो या अधिक जीवों में बँट जाता है तो इस घटना को पहले जीव की मृत्यु कहेंगे क्या ? वैसे तो संतति भी माता-पिता के जीवन का विस्तार ही है, उनका जीवनांश एक नए शरीर में प्रवेश करता है। श्रेणी:ज्योतिष श्रेणी:जीव विज्ञान श्रेणी:दर्शन.

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जया बच्चन

जया बच्चन (जया भादुरी, विवाह पूर्व) हिन्दी फिल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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ज़बरदस्त (1985 फ़िल्म)

ज़बरदस्त 1985 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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ज़िन्दगी (1976 फ़िल्म)

ज़िन्दगी (अंग्रेज़ी: Life) 1976 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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जानी दुश्मन (1979 फ़िल्म)

जानी दुश्मन 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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ज्योति (1969 फ़िल्म)

ज्योति 1969 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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ज्योति बने ज्वाला (1980 फ़िल्म)

ज्योति बने ज्वाला 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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जीने की राह (1969 फ़िल्म)

जीने की राह 1969 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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ईमान (1974 फ़िल्म)

ईमान 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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ईमान धर्म (१९७७ फ़िल्म)

ईमान धर्म 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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घर की लाज (1979 फ़िल्म)

घर की लाज 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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विधाता (1982 फ़िल्म)

विधाता १९८२ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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विश्वासघात (1977 फ़िल्म)

विश्वासघात 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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वक्त की दीवार (1981 फ़िल्म)

वक्त की दीवार 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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खिलौना (1970 फ़िल्म)

खिलौना १९७० में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फ़िल्म के निर्देशक हैं चंदर वोहरा। इस फ़िल्म को फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों में छः श्रेणियों में नामांकित किया गया था और इसने दो श्रेणियों में पुरस्कार जीते। .

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खुद्दार (1982 फ़िल्म)

खुद्दार 1982 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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ग़ुस्ताखी माफ़ (1969 फ़िल्म)

ग़ुस्ताखी माफ़ 1969 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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गुनाह और कानून (1970 फ़िल्म)

गुनाह और कानून 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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गुलज़ार (गीतकार)

ग़ुलज़ार नाम से प्रसिद्ध सम्पूर्ण सिंह कालरा (जन्म-१८ अगस्त १९३६) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गीतकार हैं। इसके अतिरिक्त वे एक कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी रचनाए मुख्यतः हिन्दी, उर्दू तथा पंजाबी में हैं, परन्तु ब्रज भाषा, खङी बोली, मारवाड़ी और हरियाणवी में भी इन्होने रचनाये की। गुलजार को वर्ष २००२ में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष २००४ में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष २००९ में डैनी बॉयल निर्देशित फिल्म स्लम्डाग मिलियनेयर में उनके द्वारा लिखे गीत जय हो के लिये उन्हे सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार पुरस्कार मिल चुका है। इसी गीत के लिये उन्हे ग्रैमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। .

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गुजरात

गुजरात (गुजराती:ગુજરાત)() पश्चिमी भारत में स्थित एक राज्य है। इसकी उत्तरी-पश्चिमी सीमा जो अन्तर्राष्ट्रीय सीमा भी है, पाकिस्तान से लगी है। राजस्थान और मध्य प्रदेश इसके क्रमशः उत्तर एवं उत्तर-पूर्व में स्थित राज्य हैं। महाराष्ट्र इसके दक्षिण में है। अरब सागर इसकी पश्चिमी-दक्षिणी सीमा बनाता है। इसकी दक्षिणी सीमा पर दादर एवं नगर-हवेली हैं। इस राज्य की राजधानी गांधीनगर है। गांधीनगर, राज्य के प्रमुख व्यवसायिक केन्द्र अहमदाबाद के समीप स्थित है। गुजरात का क्षेत्रफल १,९६,०७७ किलोमीटर है। गुजरात, भारत का अत्यंत महत्वपूर्ण राज्य है। कच्छ, सौराष्ट्र, काठियावाड, हालार, पांचाल, गोहिलवाड, झालावाड और गुजरात उसके प्रादेशिक सांस्कृतिक अंग हैं। इनकी लोक संस्कृति और साहित्य का अनुबन्ध राजस्थान, सिंध और पंजाब, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के साथ है। विशाल सागर तट वाले इस राज्य में इतिहास युग के आरम्भ होने से पूर्व ही अनेक विदेशी जातियाँ थल और समुद्र मार्ग से आकर स्थायी रूप से बसी हुई हैं। इसके उपरांत गुजरात में अट्ठाइस आदिवासी जातियां हैं। जन-समाज के ऐसे वैविध्य के कारण इस प्रदेश को भाँति-भाँति की लोक संस्कृतियों का लाभ मिला है। .

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गुजराती भाषा

गुजराती भारत की एक भाषा है जो गुजरात राज्य, दीव और मुंबई में बोली जाती है। गुजराती साहित्य भारतीय भाषाओं के सबसे अधिक समृद्ध साहित्य में से है। भारत की दूसरी भाषाओं की तरह गुजराती भाषा का जन्म संस्कृत भाषा से हुआ है। वहीं इसके कई शब्द ब्रजभाषा के हैं ऐसा भी माना जाता है की इसका जन्म ब्रजभाषा में से भी हुआ अर्थात संस्कृत और ब्रजभाषा के मिले जुले शब्दों से गुजरातीे भाषा का जन्म हुआ। दूसरे राज्य एवं विदेशों में भी गुजराती बोलने वाले लोग निवास करते हैं। जिन में पाकिस्तान, अमेरिका, यु.के., केन्या, सिंगापुर, अफ्रिका, ऑस्ट्रेलीया मुख्य है। भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की मातृभाषा गुजराती थी। गुजराती बोलने वाले भारत के दूसरे महानुभावों में पाकिस्तान के राष्ट्रपिता मुहम्मद अली जिन्ना, महर्षि दयानंद सरस्वती, मोरारजी देसाई, नरेन्द्र मोदी, धीरु भाई अंबानी भी सम्मिलित है। .

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गौरी (1968 फ़िल्म)

गौरी 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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गृह प्रवेश (1979 फ़िल्म)

गृह प्रवेश 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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आँधी (1975 फ़िल्म)

आँधी (अंग्रेजी: storm) 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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आप की कसम (1974 फ़िल्म)

आप की कसम 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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आरती

अधिक विकल्पों के लिए यहां जाएं - आरती (बहुविकल्पी) मंदिर में भगवाण की मूर्ति की आरती करता हुआ एक पुजारी आरती हिन्दू उपासना की एक विधि है। इसमें जलती हुई लौ या इसके समान कुछ खास वस्तुओं से आराध्य के सामाने एक विशेष विधि से घुमाई जाती है। ये लौ घी या तेल के दीये की हो सकती है या कपूर की। इसमें वैकल्पिक रूप से, घी, धूप तथा सुगंधित पदार्थों को भी मिलाया जाता है। कई बार इसके साथ संगीत (भजन) तथा नृत्य भी होता है। मंदिरों में इसे प्रातः, सांय एवं रात्रि (शयन) में द्वार के बंद होने से पहले किया जाता है। प्राचीन काल में यह व्यापक पैमाने पर प्रयोग किया जाता था। तमिल भाषा में इसे दीप आराधनई कहते हैं। सामान्यतः पूजा के अंत में आराध्य भगवान की आरती करते हैं। आरती में कई सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है। इन सबका विशेष अर्थ होता है। ऐसी मान्यता है कि न केवल आरती करने, बल्कि इसमें सम्मिलित होने पर भी बहुत पुण्य मिलता है। किसी भी देवता की आरती करते समय उन्हें तीन बार पुष्प अर्पित करने चाहियें। इस बीच ढोल, नगाडे, घड़ियाल आदि भी बजाये जाते हैं।। याहू जागरण- धर्म। मीता जिंदल .

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आलाप (1977 फ़िल्म)

आलाप 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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आशीर्वाद (1968 फ़िल्म)

आशीर्वाद 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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आक्रमण (1975 फ़िल्म)

आक्रमण 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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इतनी सी बात (1981 फ़िल्म)

इतनी सी बात 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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इन्साफ का मन्दिर (1969 फ़िल्म)

इन्साफ का मन्दिर 1969 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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इंसान और शैतान (1970 फ़िल्म)

इंसान और शैतान 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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कत्ल (1986 फ़िल्म)

कत्ल 1986 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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काँच की दीवार (1986 फ़िल्म)

काँच की दीवार 1986 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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कालपी (1966 फ़िल्म)

कालपी 1966 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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काला पत्थर (१९७९ फ़िल्म)

काला पत्थर 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फिल्म की कहानी धनबाद में 1975 के चासनाला के खान दुर्घटना से प्रेरित थी। इस दुर्घटना मे सरकारी आँकडो़ के अनुसार 375 लोग मारे गये थे। .

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कंगन (1971 फ़िल्म)

कंगन 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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कुँवारा बाप (1974 फ़िल्म)

कुँवारा बाप 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसके निर्माता अमरलाल चबरिया और निर्देशक महमूद हैं। .

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कोशिश

कोशिश का अर्थ प्रयास है। .

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कोशिश (1972 फ़िल्म)

कोशिश 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अनहोनी (1973 फ़िल्म)

अनहोनी 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अनामिका (1973 फ़िल्म)

अनामिका 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अनुभव (1971 फ़िल्म)

अनुभव 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। प्रसिद्द निर्देशक बासू भट्टाचार्य द्वारा निर्मित फिल्म जिसमे संजीव कुमार, तनुजा और दिनेश ठाकुर मुख्य भूमिका निभाये| यह निर्देशक की, शहरी जीवनशैली के कारण गृहस्थ जीवन में तनाव को दर्शाता, विश्लेषकत्रय में से है जिसके अन्य फ़िल्में है आविष्कार (1973) और गृहप्रवेश (1979)| आगे चलकर फिल्म जगत में यह एक प्रमुख विषय रहा| .

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अनोखी रात

अनोखी रात 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अपनापन (1977 फ़िल्म)

अपनापन १९७७ में बनी एक हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फिल्म की कहानी में नायक दिल्ली में नया आता है व उसका एक महिला के साथ प्यार हो जाता है। बाद में नायिका को पता चलता है की नायक पहले से शादीशुदा है व उसके एक बच्चा भी है। .

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अपने दुश्मन (1975 फ़िल्म)

अपने दुश्मन 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अपने रंग हज़ार (1975 फ़िल्म)

अपने रंग हज़ार (1975 फ़िल्म) अपने रंग हज़ार 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अब्दुल्ला (1980 फ़िल्म)

अब्दुल्ला 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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अभिनय

अभिनय करती हुई श्रीनिका पुरोहित अभिनय किसी अभिनेता या अभिनेत्री के द्वारा किया जाने वाला वह कार्य है जिसके द्वारा वे किसी कथा को दर्शाते हैं, साधारणतया किसी पात्र के माध्यम से। अभिनय का मूल ग्रन्थ नाट्यशास्त्र माना जाता है। इसके रचयिता भरतमुनि थे। जब प्रसिद्ध या कल्पित कथा के आधार पर नाट्यकार द्वारा रचित रूपक में निर्दिष्ट संवाद और क्रिया के अनुसार नाट्यप्रयोक्ता द्वारा सिखाए जाने पर या स्वयं नट अपनी वाणी, शारीरिक चेष्टा, भावभंगी, मुखमुद्रा वेषभूषा के द्वारा दर्शकों को, शब्दों को शब्दों के भावों का प्रिज्ञान और रस की अनुभूति कराते हैं तब उस संपूर्ण समन्वित व्यापार को अभिनय कहते हैं। भरत ने नाट्यकारों में अभिनय शब्द की निरुक्ति करते हुए कहा है: "अभिनय शब्द 'णीं' धातु में 'अभि' उपसर्ग लगाकर बना है। अभिनय का उद्देश्य होता है किसी पद या शब्द के भाव को मुख्य अर्थ तक पहुँचा देना; अर्थात्‌ दर्शकों या सामाजिकों के हृदय में भाव या अर्थ से अभिभूत करना"। कविराज विश्वनाथ ने सहित्य दर्पण के छठे परिच्छेद के आरम्भ में कहा है: 'भवेदभिनयोSवस्थानुकार:' अर्थात् अवस्था का अनुकरण ही अभिनय कहलाता है। अभिनय करने की प्रवृत्ति बचपन से ही मनुष्य में तथा अन्य अनेक जीवों में होती है। हाथ, पैर, आँख, मुंह, सिर चलाकर अपने भाव प्रकट करने की प्रवृत्ति सभ्य और असभ्य जातियों में समान रूप से पाई जाती है। उनके अनुकरण कृत्यों का एक उद्देश्य तो यह रहता है कि इससे उन्हें वास्तविक अनुभव जैसा आनंद मिलता है और दूसरा यह कि इससे उन्हें दूसरों को अपना भाव बताने में सहायता मिलती है। इसी दूसरे उद्देश्य के कारण शारीरिक या आंगिक चेष्टाओं और मुखमुद्राओं का विकास हुआ जो जंगली जातियों में बोली हुई भाषा के बदले या उसकी सहायक होकर अभिनय प्रयोग में आती है। .

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अभिनेता

अभिनेता वह पुरुष कलाकार है जो एक चलचित्र या नाटक में किसी चरित्र का अभिनय करता है। अभिनेता परिकल्पना एवं दर्शक के बीच माध्यम का काम करता है। जो दी गयी भूमिका को किसी मंच (चलचित्र, नाटक, रेडियो) द्वारा दर्शक के लिए प्रस्तुत करता है। अभिनय की कला का ज्ञान एवं अभिनेता के भाव प्रस्तुतीकरण को सार्थक बनाता है। .

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अमिताभ बच्चन

अमिताभ बच्चन (जन्म-११ अक्टूबर, १९४२) बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेता हैं। १९७० के दशक के दौरान उन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की और तब से भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रमुख व्यक्तित्व बन गए हैं। बच्चन ने अपने करियर में कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और बारह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार शामिल हैं। उनके नाम सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फ़िल्मफेयर अवार्ड का रिकार्ड है। अभिनय के अलावा बच्चन ने पार्श्वगायक, फ़िल्म निर्माता और टीवी प्रस्तोता और भारतीय संसद के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में १९८४ से १९८७ तक भूमिका की हैं। इन्होंने प्रसिद्द टी.वी.

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अय्याश (1982 फ़िल्म)

अय्याश 1982 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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अर्चना (1974 फ़िल्म)

अर्चना 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अर्जुन पंडित (1976 फ़िल्म)

अर्जुन पंडित 1976 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अग्नि रेखा (1973 फ़िल्म)

अग्नि रेखा 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अंगारे (1977 फ़िल्म)

अंगारे 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अंगूर (1982 फ़िल्म)

अंगूर अंगूर वर्ष 1982 में रिलीज़ हुई हिंदी कॉमेडी फिल्म है जिसका निर्देशन प्रसिद्ध फिल्मकार गुलज़ार ने किया है। ये फिल्म अंग्रेजी के महान नाटककार विलियम शेक्सपियर के नाटक- ‘कॉमेडी ऑफ़ एरर्स’ पर आधारित है। .

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उलझन (1975 फ़िल्म)

उलझन 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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१९७६

१९७६ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९७७

1977 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९८०

अभिनेत्री नेहा धुपिया १९८० ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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