सामग्री की तालिका
4 संबंधों: पादप, जल, वाष्प, इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी।
- जलविज्ञान
- वनस्पति शरीरविज्ञान
पादप
पादप या उद्भिद (plant) जीवजगत का एक बड़ी श्रेणी है जिसके अधिकांश सदस्य प्रकाश संश्लेषण द्वारा शर्कराजातीय खाद्य बनाने में समर्थ होते हैं। ये गमनागम (locomotion) नहीं कर सकते। वृक्ष, फर्न (Fern), मॉस (mosses) आदि पादप हैं। हरा शैवाल (green algae) भी पादप है जबकि लाल/भूरे सीवीड (seaweeds), कवक (fungi) और जीवाणु (bacteria) पादप के अन्तर्गत नहीं आते। पादपों के सभी प्रजातियों की कुल संख्या की गणना करना कठिन है किन्तु प्रायः माना जाता है कि सन् २०१० में ३ लाख से अधिक प्रजाति के पादप ज्ञात हैं जिनमें से 2.7 लाख से अधिक बीज वाले पादप हैं। पादप जगत में विविध प्रकार के रंग बिरंगे पौधे हैं। कुछ एक को छोड़कर प्रायः सभी पौधे अपना भोजन स्वयं बना लेते हैं। इनके भोजन बनाने की क्रिया को प्रकाश-संश्लेषण कहते हैं। पादपों में सुकेन्द्रिक प्रकार की कोशिका पाई जाती है। पादप जगत इतना विविध है कि इसमें एक कोशिकीय शैवाल से लेकर विशाल बरगद के वृक्ष शामिल हैं। ध्यातव्य है कि जो जीव अपना भोजन खुद बनाते हैं वे पौधे होते हैं, यह जरूरी नहीं है कि उनकी जड़ें हों ही। इसी कारण कुछ बैक्टीरिया भी, जो कि अपना भोजन खुद बनाते हैं, पौधे की श्रेणी में आते हैं। पौधों को स्वपोषित या प्राथमिक उत्पादक भी कहा जाता है। 'पादपों में भी प्राण है' यह सबसे पहले जगदीश चन्द्र बसु ने कहा था। पादपों का वैज्ञानिक अध्ययन वनस्पति विज्ञान कहलाता है। .
देखें वाष्पोत्सर्जन और पादप
जल
जल या पानी एक आम रासायनिक पदार्थ है जिसका अणु दो हाइड्रोजन परमाणु और एक ऑक्सीजन परमाणु से बना है - H2O। यह सारे प्राणियों के जीवन का आधार है। आमतौर पर जल शब्द का प्प्रयोग द्रव अवस्था के लिए उपयोग में लाया जाता है पर यह ठोस अवस्था (बर्फ) और गैसीय अवस्था (भाप या जल वाष्प) में भी पाया जाता है। पानी जल-आत्मीय सतहों पर तरल-क्रिस्टल के रूप में भी पाया जाता है। पृथ्वी का लगभग 71% सतह को 1.460 पीटा टन (पीटी) (1021 किलोग्राम) जल से आच्छदित है जो अधिकतर महासागरों और अन्य बड़े जल निकायों का हिस्सा होता है इसके अतिरिक्त, 1.6% भूमिगत जल एक्वीफर और 0.001% जल वाष्प और बादल (इनका गठन हवा में जल के निलंबित ठोस और द्रव कणों से होता है) के रूप में पाया जाता है। खारे जल के महासागरों में पृथ्वी का कुल 97%, हिमनदों और ध्रुवीय बर्फ चोटिओं में 2.4% और अन्य स्रोतों जैसे नदियों, झीलों और तालाबों में 0.6% जल पाया जाता है। पृथ्वी पर जल की एक बहुत छोटी मात्रा, पानी की टंकिओं, जैविक निकायों, विनिर्मित उत्पादों के भीतर और खाद्य भंडार में निहित है। बर्फीली चोटिओं, हिमनद, एक्वीफर या झीलों का जल कई बार धरती पर जीवन के लिए साफ जल उपलब्ध कराता है। जल लगातार एक चक्र में घूमता रहता है जिसे जलचक्र कहते है, इसमे वाष्पीकरण या ट्रांस्पिरेशन, वर्षा और बह कर सागर में पहुॅचना शामिल है। हवा जल वाष्प को स्थल के ऊपर उसी दर से उड़ा ले जाती है जिस गति से यह बहकर सागर में पहँचता है लगभग 36 Tt (1012किलोग्राम) प्रति वर्ष। भूमि पर 107 Tt वर्षा के अलावा, वाष्पीकरण 71 Tt प्रति वर्ष का अतिरिक्त योगदान देता है। साफ और ताजा पेयजल मानवीय और अन्य जीवन के लिए आवश्यक है, लेकिन दुनिया के कई भागों में खासकर विकासशील देशों में भयंकर जलसंकट है और अनुमान है कि 2025 तक विश्व की आधी जनसंख्या इस जलसंकट से दो-चार होगी।.
देखें वाष्पोत्सर्जन और जल
वाष्प
किसी पदार्थ के क्रांतिक बिन्दु से कम ताप पर उस पदार्थ के गैस प्रावस्था को उस पदार्थ का वाष्प (vapor) कहते हैं। इसका अर्थ है कि वाष्प का दाब बढ़ाकर, बिना ताप कम किये ही, उसे द्रव या ठोस में बदला जा सकता है। उदाहरण के लिये, पानी का क्रांतिक ताप 374 °C (647 K) है। इसका मतलब है कि इससे अधिक ताप पर किसी भी दशा में पानी द्रव अवस्था में नहीं रह सकता। अतः वायुमण्डल में, सामान्य तापों पर पानी की वाष्प द्रव में बदल जायेगी यदि इसका आंशिक दाब पर्याप्त बढ़ा दिया जाय। वाष्प और द्रव (या ठोस) का सह-अस्तित्व सम्भव है। .
देखें वाष्पोत्सर्जन और वाष्प
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी
'''ट्रान्समिशन एलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी''' का आरेख इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी एक विशेष प्रकार का सूक्ष्मदर्शी है जो नमूने (specimen) को देखने के लिये एलेक्ट्रॉन किरण पुंज का उपयोग करता है और उच्च प्रवर्धिक छबि प्राप्त कराता है। इसकी विभेदन क्षमता (resolving power) प्रकाशीय सूक्ष्मदर्शी से बहुत अच्छी होती है। .
देखें वाष्पोत्सर्जन और इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी
यह भी देखें
जलविज्ञान
- अति-खारी झील
- अपवाह
- अपवाह तन्त्र
- अवप्रवाह मण्डल
- आर्टेसियन कुएं
- केशिका क्रिया
- जल चक्र
- जल संसाधन
- जल स्तर
- जल-भू-आकारिकी
- जलभर
- जलमण्डल
- जलमिति
- जलमौसमविज्ञान
- जलविज्ञान
- जलसम्भर
- तट
- धरातलीय जल
- पानी का चश्मा
- पारिस्थितिक जल विज्ञान (इकोहाइड्रोलोजी)
- बन्द जलसम्भर
- बाढ़
- बाधा द्वीप
- भूजल
- भूजल पुनर्भरण
- मीठा जल
- वर्षा परिक्षेपण आरेख
- वाष्पोत्सर्जन
- संगम
- समुद्र विज्ञान
- सरिता अपहरण
- सूखा