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लिवोर मोर्टिस

सूची लिवोर मोर्टिस

लिवोर मोर्टिस (लातीनी भाषा में शरीर का नीलापन), ह्य्पोस्तासिस (यूनानी भाषा में खड़े ढाँचे के नीचे), पोस्टमॉर्टम लिविडिटी (लातीनी: मरने के बाद काले और नीले होना) यह तीनों सामान्य शब्द है, और यह मृत्यु के बाद का चौथी अवस्था है। लिवोर मोर्टिस मृत्यु के बाद का बाद का एक ऐसा समय है जिसमें शारीर का सारा रक्त निचले हिस्से में एकत्रित हो जाता है और त्वचा को बैंगनी रंग अथवा लाल रंग का कर देता है। यहाँ पर दिल काम करना बंद कर देता है और रक्त का बहाव की कोई शक्ति नहीं रह जाती है। इस समय भरी लाल रक्त कोशिकाएँ भी गुरुत्वाकर्षण के कारण प्लाविका में डूब जाती हैं। लिवोर मोर्टिस की प्रक्रिया २०-३० मिनट में शुरू हो जाती है और लगभग १-३ घंटो के अंदर ही सारे शारीर पर बैंगनी रंग के पैच (धब्बे) हो जाते हैं। पैच का आकार अगले ३-६ घंटों में बढता है। निश्चित रूप से जीवन के अंतिम संकेत ६-१२ घंटों तक ही दिखाई देते हैं। लिवोर मोर्टिस के रंग की तीव्रता रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा पर निर्भर करती है। रंग का फीका होना शारीर के उन भागों में नही दिखाई देता जो भाग किसी भी वस्तु या भूमी के संपर्क में होते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यहाँ की कोशिकाएँ दब जाती हैं और रंग बदलने नहीं देती। .

सामग्री की तालिका

  1. 9 संबंधों: पुलिस, प्लाविका, फॉरेंसिक प्रोफाइलिंग, मृत्यु, यूनानी भाषा, लातिन भाषा, शरीर, हीमोग्लोबिन, कोशिका

  2. मृत्यु के चिकित्सकीय पक्ष
  3. रक्त

पुलिस

अमेरिकी खुफिया पुलिस सेवा के अधिकारी पुलिस (अंग्रेजी: Police, शुद्ध हिन्दी: आरक्षी या आरक्षक) एक सुरक्षा बल होता है जिसका उपयोग किसी भी देश की अन्दरूनी नागरिक सुरक्षा के लिये ठीक उसी तरह से किया जाता है जिस प्रकार किसी देश की बाहरी अनैतिक गतिविधियों से रक्षा के लिये सेना का उपयोग किया जाता है। .

देखें लिवोर मोर्टिस और पुलिस

प्लाविका

प्लाविका या रक्त प्लाज्मा, रक्त का पीले रंग का तरल घटक है, जिसमें पूर्ण रक्त की रक्त कोशिकायें सामान्य रूप से निलंबित रहती हैं। यह कुल रक्त की मात्रा का लगभग 55% तक होता है। इसका अधिकतर अंश जल (90% आयतन अनुसार) होता है और इसमें प्रोटीन, शर्करा, थक्का जमाने वाले कारक, खनिज आयन, हार्मोन और कार्बन डाइऑक्साइड (प्लाविका उत्सर्जित उत्पादों के निष्कासन का प्रमुख माध्यम है) घुले रहते हैं। प्लाविका को रक्त से पृथक करने के लिए एक परखनली मे ताजा रक्त लेकर उसे सेंट्रीफ्यूज़ (अपकेंद्रिक) में तब तक घुमाना चाहिए जब तक रक्त कोशिकायें नली के तल मे बैठ न जायें, इसके बाद ऊपर बचे प्लाविका को उड़ेल कर अलग या तैयार कर लें। प्लाविका का घनत्व लगभग 1025 kg/m3, या 1.025 kg/l.

देखें लिवोर मोर्टिस और प्लाविका

फॉरेंसिक प्रोफाइलिंग

फॉरेंसिक प्रोफाइलिंग आदेश की जानकारी को विकसित करने में सबूत का पता लगाने के अध्ययन है जो पुलिस अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है। फॉरेंसिक शब्द का मतलब है जानकारी जो कि सबूत के तौर पर अदालत में इस्तेमाल किया जाता है। फॉरेंसिक प्रोफाइलिंग अलग है अपराधी प्रोफाइलिंग से, अपराधी प्रोफाइलिंग सिर्फ पहचान करता है अपराधी की उसकी मनोवैज्ञानिक प्रोफाइल पर। .

देखें लिवोर मोर्टिस और फॉरेंसिक प्रोफाइलिंग

मृत्यु

मानव खोपड़ी मौत के लिए एक सार्वभौमिक प्रतीक है। किसी प्राणी के जीवन के अन्त को मृत्यु कहते हैं। मृत्यु सामान्यतः दुर्घटना, चोट, बीमारी, कुपोषण के परिणामस्वरूप होती है। आँख "अनन्त जीवन के लिए प्राचीन मिस्र के प्रतीक है।" वे और कई अन्य संस्कृतियों के बाद से एक पोर्टल के रूप में एक जीवन के बाद में जैविक मौत देखी है। .

देखें लिवोर मोर्टिस और मृत्यु

यूनानी भाषा

यूनानी या ग्रीक (Ελληνικά या Ελληνική γλώσσα), हिन्द-यूरोपीय (भारोपीय) भाषा परिवार की स्वतंत्र शाखा है, जो ग्रीक (यूनानी) लोगों द्वारा बोली जाती है। दक्षिण बाल्कन से निकली इस भाषा का अन्य भारोपीय भाषा की तुलना में सबसे लंबा इतिहास है, जो लेखन इतिहास के 34 शताब्दियों में फैला हुआ है। अपने प्राचीन रूप में यह प्राचीन यूनानी साहित्य और ईसाईयों के बाइबल के न्यू टेस्टामेंट की भाषा है। आधुनिक स्वरूप में यह यूनान और साइप्रस की आधिकारिक भाषा है और करीबन 2 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है। लेखन में यूनानी अक्षरों का उपयोग किया जाता है। यूनानी भाषा के दो ख़ास मतलब हो सकते हैं.

देखें लिवोर मोर्टिस और यूनानी भाषा

लातिन भाषा

लातीना (Latina लातीना) प्राचीन रोमन साम्राज्य और प्राचीन रोमन धर्म की राजभाषा थी। आज ये एक मृत भाषा है, लेकिन फिर भी रोमन कैथोलिक चर्च की धर्मभाषा और वैटिकन सिटी शहर की राजभाषा है। ये एक शास्त्रीय भाषा है, संस्कृत की ही तरह, जिससे ये बहुत ज़्यादा मेल खाती है। लातीना हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की रोमांस शाखा में आती है। इसी से फ़्रांसिसी, इतालवी, स्पैनिश, रोमानियाई और पुर्तगाली भाषाओं का उद्गम हुआ है (पर अंग्रेज़ी का नहीं)। यूरोप में ईसाई धर्म के प्रभुत्व की वजह से लातीना मध्ययुगीन और पूर्व-आधुनिक कालों में लगभग सारे यूरोप की अंतर्राष्ट्रीय भाषा थी, जिसमें समस्त धर्म, विज्ञान, उच्च साहित्य, दर्शन और गणित की किताबें लिखी जाती थीं। .

देखें लिवोर मोर्टिस और लातिन भाषा

शरीर

शरीर सामान्य अर्थों में किसी भी जीवधारी के समस्त अंग-प्रत्यंगों का समुच्चय। उर्दू से आया हुआ शब्द "चंचल" के अर्थों में प्रयुक्त। संबंधित लेख निम्नवत हैं.

देखें लिवोर मोर्टिस और शरीर

हीमोग्लोबिन

मानव के रुधिरवर्णिका की संरचना- प्रोटीन की दोनो उपइकाईयों को लाल एंव नीले रंग से तथा लौह भाग को हरे रंग से दिखाया गया है। रुधिरवर्णिका या हीमोग्लोबिन (वर्तनी में हेमोग्लोबिन और संक्षिप्त में एचबी या एचजीबी) पृष्ठवंशियों की लाल रक्त कोशिकाओं और कुछ अपृष्ठवंशियों के ऊतकों में पाया जाने वाला लौह-युक्त आक्सीजन का परिवहन करने वाला धातुप्रोटीन है.

देखें लिवोर मोर्टिस और हीमोग्लोबिन

कोशिका

कोशिका कोशिका (Cell) सजीवों के शरीर की रचनात्मक और क्रियात्मक इकाई है और प्राय: स्वत: जनन की सामर्थ्य रखती है। यह विभिन्न पदार्थों का वह छोटे-से-छोटा संगठित रूप है जिसमें वे सभी क्रियाएँ होती हैं जिन्हें सामूहिक रूप से हम जीवन कहतें हैं। 'कोशिका' का अंग्रेजी शब्द सेल (Cell) लैटिन भाषा के 'शेलुला' शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ 'एक छोटा कमरा' है। कुछ सजीव जैसे जीवाणुओं के शरीर एक ही कोशिका से बने होते हैं, उन्हें एककोशकीय जीव कहते हैं जबकि कुछ सजीव जैसे मनुष्य का शरीर अनेक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है उन्हें बहुकोशकीय सजीव कहते हैं। कोशिका की खोज रॉबर्ट हूक ने १६६५ ई० में किया।"...

देखें लिवोर मोर्टिस और कोशिका

यह भी देखें

मृत्यु के चिकित्सकीय पक्ष

रक्त