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रिफ्लेक्सोलॉजी

सूची रिफ्लेक्सोलॉजी

रिफ्लेक्सोलॉजी चार्ट का एक उदाहरण, जिसमें पैरों के उन क्षेत्रों का प्रदर्शन किया गया है जो चिकित्सकों का मानना है कि शरीर के क्षेत्रों के अंगों से सम्बंधित हैं। हाथ की रिफ्लेक्सोलॉजी चार्ट का एक उदाहरण, इसमें हाथ के क्षेत्रों का प्रदर्शन किया गया है, जो चिकित्सकों का मानना है कि शरीर के "क्षेत्रों" के अंगों से सम्बंधित हैं। रिफ्लेक्सोलॉजी (क्षेत्र चिकित्सा) एक वैकल्पिक चिकित्सा है, पूरक या इलाज की एकीकृत चिकित्सा विधि है जिसमें बिना तेल या लोशन का इस्तेमाल किये विशिष्ट अंगूठे, अंगुली और हस्त तकनीक द्वारा पैर और हाथ पर दबाव डाला जाता है। रिफ्लेक्सोलॉजिस्ट का दावा है कि यह ज़ोन और रिफ्लेक्स क्षेत्र की प्रणाली पर आधारित है, जहां वे कहते हैं कि पैर और हाथ पर शरीर की एक छवि प्रतिबिंबित होती है, जो इस आधार पर है कि इस तरह के कार्य शरीर में एक शारीरिक बदलाव लाते हैं। यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षण की 2009 की एक व्यवस्थित समीक्षा ने यह निष्कर्ष दिया कि "आज तक का उपलब्ध सबसे अच्छा सबूत ठोस रूप से यह प्रदर्शित नहीं करता कि रिफ्लेक्सोलॉजी किसी चिकित्सा स्थिति के उपचार के लिए प्रभावी है".

सामग्री की तालिका

  1. 6 संबंधों: एक्यूपंक्चर, एक्यूप्रेशर, नाक, कान और गले के रोग, हाथ, जापानी भाषा, छद्म विज्ञान

  2. छद्म विज्ञान
  3. प्राकृतिक चिकित्सा
  4. हस्त चिकित्सा

एक्यूपंक्चर

हुआ शउ से एक्यूपंक्चर चार्ट (fl. 1340 दशक, मिंग राजवंश). शि सी जिंग फ़ा हुई की छवि (चौदह मेरिडियन की अभिव्यक्ति). (टोक्यो: सुहाराया हेइसुके कंको, क्योहो गन 1716).

देखें रिफ्लेक्सोलॉजी और एक्यूपंक्चर

एक्यूप्रेशर

एक्यूप्रेशर शरीर के विभिन्न हिस्सों के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दबाव डालकर रोग के निदान करने की विधि है। चिकित्सा शास्त्र की इस शाखा का मानना है कि मानव शरीर पैर से लेकर सिर तक आपस में जुड़ा है। हजारों नसें, रक्त धमनियां, मांसपेशियां, स्नायु और हड्डियों के साथ अन्य कई चीजें आपस में मिलकर इस मशीन को बखूबी चलाती हैं। अत: किसी एक बिंदु पर दबाव डालने से उससे जुड़ा पूरा भाग प्रभावित होता है। यह चीन की चिकित्सा पद्धति है। इसके अंतर्गत लगातार अध्ययनों के बाद मानव शरीर में एक से दो हजार ऐसे बिंदु चिन्हित किए गए हैं, जिन्हें एक्यूप्वाइंट कहा जाता है। जिस जगह दबाव डालने से दर्द हो उस जगह दबने से सम्बन्धित बिनदु कि बीमारी दुर होती है।;सारसुत्र जिस जगह दबाव दालने से दर्द हो उस जगह दबाने से सम्बन्धित बिन्दु कि बीमारी दूर होती है। .

देखें रिफ्लेक्सोलॉजी और एक्यूप्रेशर

नाक, कान और गले के रोग

Kan .

देखें रिफ्लेक्सोलॉजी और नाक, कान और गले के रोग

हाथ

Tupaia javanica, Homo sapiens हाथ (med./लैटिन: manus, pl. manūs) मानव एवं अन्य अधिकतर मनुष्य-सदृश चतुष्पाद कशेरुकी पशुओं के अगले पादों के जोड़े को कहते हैं, जिसके छोर पर कई (प्रायः पांच) अंगुलियां होती हैं। .

देखें रिफ्लेक्सोलॉजी और हाथ

जापानी भाषा

जापानी भाषा (जापानी: 日本語 नीहोंगो) जापान देश की मुख्यभाषा और राजभाषा है। द्वितीय महायुद्ध से पहले कोरिया, फार्मोसा और सखालीन में भी जापानी बोली जाती थी। अब भी कोरिया और फार्मोसा में जापानी जाननेवालों की संख्या पर्याप्त है, परंतु धीरे धीरे उनकी संख्या कम होती जा रही है। भाषाविद इसे 'अश्लिष्ट-योगात्मक भाषा' मानते हैं। जापानी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में नहीं आती। भाषाविद इसे ख़ुद की जापानी भाषा-परिवार में रखते हैं (कुछ इसे जापानी-कोरियाई भाषा-परिवार में मानते हैं)। ये दो लिपियों के मिश्रण में लिखी जाती हैं: कांजी लिपि (चीन की चित्र-लिपि) और काना लिपि (अक्षरी लिपि जो स्वयं चीनी लिपिपर आधारित है)। इस भाषा में आदर-सूचक शब्दों का एक बड़ा तंत्र है और बोलने में "पिच-सिस्टम" ज़रूरी होता है। इसमें कई शब्द चीनी भाषा से लिये गये हैं। जापानी भाषा किस भाषा कुल में सम्मिलित है इस संबंध में अब तक कोई निश्चित मत स्थापित नहीं हो सका है। परंतु यह स्पष्ट है कि जापानी और कोरियाई भाषाओं में घनिष्ठ संबंध है और आजकल अनेक विद्वानों का मत है कि कोरियाई भाषा अलटाइक भाषाकुल में संमिलित की जानी चाहिए। जापानी भाषा में भी उच्चारण और व्याकरण संबंधी अनेक विशेषताएँ है जो अन्य अलटाइ भाषाओं के समान हैं परंतु ये विशेषताएँ अब तक इतनी काफी नहीं समझी जाती रहीं जिनमें हम निश्चित रूप से कह सकें कि जापानी भाषा अलटाइक भाषाकुल में ऐ एक है। हाइकु इसकी प्रमुख काव्य विधा है। .

देखें रिफ्लेक्सोलॉजी और जापानी भाषा

छद्म विज्ञान

छद्म विज्ञान एक ऐसे दावे, आस्था या प्रथा को कहते हैं जिसे विज्ञान की तरह प्रस्तुत किया जाता है, पर जो वैज्ञानिक विधि का पालन नहीं करता है। अध्ययन के किसी विषय को अगर वैज्ञानिक विधि के मानदण्डों के संगत प्रस्तुत किया जाए, पर वो इन मानदण्डों का पालन नहीं करे तो उसे छद्म विज्ञान कहा जा सकता है। छद्म विज्ञान के ये लक्षण हैं: अस्पष्ट, असंगत, अतिरंजित या अप्रमाण्‍य दावों का प्रयोग; दावे का खंडन करने के कठोर प्रयास की जगह पुष्टि पूर्वाग्रह रखना, विषय के विशेषज्ञों द्वारा जांच का विरोध; और सिद्धांत विकसित करते समय व्यवस्थित कार्यविधि का अभाव। छद्म विज्ञान शब्द को अपमानजनक माना जाता है, क्योंकि ये सुझाव देता है किसी चीज को गलत या भ्रामक ढ़ंग से विज्ञान दर्शाया जा रहा है। इसलिए, जिन्हें छद्म विज्ञान का प्रचार या वकालत करते चित्रित किया जाता है, वे इस चित्रण का विरोध करते हैं। विज्ञान एम्पिरिकल अनुसन्धान से प्राकृतिक जगत में अंतर्दृष्टि देता है। इसलिए ये देव श्रुति, धर्मशास्त्र और अध्यात्म से बिलकुल अलग है। श्रेणी:विज्ञान.

देखें रिफ्लेक्सोलॉजी और छद्म विज्ञान

यह भी देखें

छद्म विज्ञान

प्राकृतिक चिकित्सा

हस्त चिकित्सा