सामग्री की तालिका
5 संबंधों: परामनोविज्ञान, सम्मोहन, संशयवाद, ज्योर्जेस चर्पाक, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय।
- छद्म विज्ञान
परामनोविज्ञान
परामनोविज्ञान (Parapsychology) एक विवादास्पद विधा है जो वैज्ञानिक विधि का उपयोग करते हुए इस बात की जाँच-परख करने का प्रयत्न करती है कि मृत्यु के बाद भी मनोवैज्ञानिक क्षमताओं का अस्तित्व रहता है या नहीं। परामनोविज्ञान का संबंध मनुष्य की उन अधिसामान्य शक्तियों से है, जिनकी व्याख्या अब तक के प्रचलित सामान्य मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों से नहीं हो पाती। इन तथाकथित प्राकृतेतर तथा विलक्षण प्रतीत होनेवाली अधिसामन्य घटनाओं या प्रक्रियाओं की व्याख्या में ज्ञात भौतिक प्रत्ययों से भी सहायता नहीं मिलती। .
देखें अतिरिक्त संवेदी बोध और परामनोविज्ञान
सम्मोहन
सम्मोहन (Hypnosis) वह कला है जिसके द्वारा मनुष्य उस अर्धचेतनावस्था में लाया जा सकता है जो समाधि, या स्वप्नावस्था, से मिलती-जुलती होती है, किंतु सम्मोहित अवस्था में मनुष्य की कुछ या सब इंद्रियाँ उसके वश में रहती हैं। वह बोल, चल और लिख सकता है; हिसाब लगा सकता है तथा जाग्रतावस्था में उसके लिए जो कुछ संभव है, वह सब कुछ कर सकता है, किंतु यह सब कार्य वह सम्मोहनकर्ता के सुझाव पर करता है।कभी कभी यह सम्मोहन बिना किसी सुझाव के भी काम करता है और केवल लिखाई और पढ़ाई में भी काम करता है जैसे के फलाने मर्ज की दवा यहाँ मिलती है इस प्रकार के हिप्नोसिस का प्रयोग भारत में ज्यादा होता है .
देखें अतिरिक्त संवेदी बोध और सम्मोहन
संशयवाद
जैसा श्री शिवादित्य ने सप्तपदार्थी नामक ग्रंथ में लिखा है (अनवधारण ज्ञान संशय) संशय अनिश्चित ज्ञान या संदिग्ध अनुभव को कहते हैं। तर्कसंग्रह के अनुसार संशय वह ज्ञान है जिसमें एक ही पदार्थ अनेक विरोधी धर्मो या गुणों से युक्त प्रतीत होता है (एकस्मिन् धर्मिणी विरुद्धनानाधर्मवैशिष्ट्यावगाहिज्ञानं संशय)। उदाहरणार्थ, जब हम अँधेरे में किसी दूरस्थ स्तंभ को देखकर निश्चित रूप से यह नहीं जान पाते कि वह स्तंभ है तो हमारा मन दोलायमान हो जाता है और हम उस एक को पदार्थ में स्तंभत्व एवं मनुष्यत्व दो विभिन्न धर्मों का आरोप करने लगते हैं। न तो हम निश्चयपूर्वक यह कह सकते हैं कि वह पदार्थ स्तंभ है और न यह कि वह मनुष्य है। मन की ऐसी ही विप्रतिपत्तियुक्त, द्विविधाग्रस्त, निश्चयरहित या विकल्पात्मक अवस्था को संशय कहा जाता है। यह अवस्था न केवल ज्ञानाभाव तथा (रज्जु के सर्प के) भ्रम या विपरीत ज्ञान (विपर्यय) से ही किंतु यथार्थ निश्चित्त ज्ञान से भी भिन्न होती है। अत: संशयवाद (Scepticism), नामक सिद्धांत के अनुसार निश्चित्त ज्ञान अथवा उसकी संभावना का निषेध किया जाता है। इस सिद्धांत को पूर्ण रूप से माननेवाले व्यक्तियों के विचारानुसार मानव को कभी भी और किसी भी प्रकार का वास्तविक या निश्चित ज्ञान नहीं हो सकता। संशयवादियों की राय में हमारे मस्तिष्क या मन की बनावट ही ऐसी है कि उसके द्वारा हम कभी भी संसार के या उसके पदार्थों के सही स्वरूप को अवगत कर सकने में समर्थ नहीं हो सकते। .
देखें अतिरिक्त संवेदी बोध और संशयवाद
ज्योर्जेस चर्पाक
ज्योर्जेस चर्पाक १९९२ नोबेल पुरस्कार भौतिक शास्त्र विजेता.
देखें अतिरिक्त संवेदी बोध और ज्योर्जेस चर्पाक
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (औमतौर पर केंब्रिज) इंग्लैंड के कैम्ब्रिज शहर में स्थित एक विश्वविद्यालय है। यह अंग्रेजीभाषी देशों में दूसरा सबसे पुराना और यूरोप में चौथा सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। वर्तमान समय में इसके साथ 31 कॉलेज, 100 विभाग, फैकल्टीज और सिंडिकेट और 6 स्कूल संबद्ध हैं। इसमें 17000 छात्र एनरोल हैं, जिनमें 120 विभिन्न देशों के 1000 अंतरराष्ट्रीय छात्र शामिल हैं। 1209 में शहरवासियों से हुए विवाद की वजह से आक्सफोर्ड को छोड़ निकले प्रबुद्धजनों के संगठन ने इस विश्वविद्यालय की नीव रखी थी। आक्सफोर्ड और केम्ब्रिज विश्वविद्यालय को संयुक्त रूप से आक्सब्रिज कहा जाता है। बिट्रिश संस्कृति और इतिहास में घुलेमिले दोनों विश्वविद्यालय के बीच प्रतिद्वंदिता का एक लंबा इतिहास है। अकादमिक तौर पर कैंब्रिज विश्वविद्यालय की गणना दुनिया के पांच सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में की जाती है। वर्ष 2009 तक इस विश्वविद्यालय की फेरहिस्त में 85 नोबल पुरस्कार विजेता शामिल हैं। विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज.
देखें अतिरिक्त संवेदी बोध और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
यह भी देखें
छद्म विज्ञान
- अतिरिक्त संवेदी बोध
- अपराधी रूपरेखा
- अस्थिचिकित्सा
- आकृतिविद्या
- आयुर्वेद
- आर्य वंश
- आस्ट्रेलायड्रस
- एक्यूपंक्चर
- ओजोन थेरेपी
- कपालविद्या
- कुण्डली
- चिकित्सा ज्योतिष
- चुंबक चिकित्सा
- छद्म विज्ञान
- डिस्कवरी संस्थान
- तकनीकी विश्लेषण
- नीग्रोइड्स
- नो-फैप
- न्यायालयिक दंत विज्ञान
- पंचगव्य
- परचित्तज्ञान
- परामनोविज्ञान
- पॉलीग्राफ
- प्राकृतिक चिकित्सा
- प्राचीन यूनानी चिकित्साविज्ञान
- फलित ज्योतिष
- फालुन गोंग
- फेंग शुई
- भारत में अन्धविश्वास
- भारतीय ज्योतिष
- भू-विकिरण
- भ्रमणोन्माद
- मेसोथेरपि
- युवा पृथ्वी क्रिएशनिस्म
- यूनानी चिकित्सा पद्धति
- राशियाँ
- रिफ्लेक्सोलॉजी
- रेकी चिकित्सा
- वस्ति
- वैकल्पिक चिकित्सा
- शाश्वत गति
- शिवकर बापूजी तलपदे
- सामाजिक डार्विनवाद
- स्त्री हिस्टीरिया
- स्वमूत्र चिकित्सा
- हस्तरेखा शास्त्र
- हस्तलेखानुमिति
- होम्योपैथी