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भारतीय पशु और पक्षी

सूची भारतीय पशु और पक्षी

भारत विशाल देश है। इसमें पशु-पक्षी भी नाना प्रकार, रंग रूप तथा गुणों के पाए जाते हैं। कुछ बृहदाकार हैं तो कुछ सूक्ष्माकार। भारत के प्राचीन ग्रथों में पशुपक्षियों का विस्तृत वर्णन मिलता है। उस समय उनका अधिक महत्व उनके मांस के कारण था। अत: आयुर्वेदिक ग्रंथों में उनका विशेष उल्लेख मिलता है। .

23 संबंधों: ऊँट, ऊदबिलाव, दक्षिण भारत के पक्षियों की सूची, बिज्जू, भारत, भारत के पशुपक्षियों की बहुभाषीय सूची, भारतीय पादप तथा वृक्ष, भारतीय पक्षियों की सूची, भारतीय पुष्प, भारतीय शस्य, लकड़बग्घा, शामा (पक्षी), साइरेनिया, हिमालय, घरेलू गौरैया, घोंसला, गंगा नदी, आयुर्वेद, कपोतक, कस्तूरी, कछुआ, कौआ, अजगर

ऊँट

ऊँट कैमुलस जीनस के अंतर्गत आने वाला एक खुरधारी जीव है। अरबी ऊँट के एक कूबड़ जबकि बैकट्रियन ऊँट के दो कूबड़ होते हैं। अरबी ऊँट पश्चिमी एशिया के सूखे रेगिस्तान क्षेत्रों के जबकि बैकट्रियन ऊँट मध्य और पूर्व एशिया के मूल निवासी हैं। इसे रेगिस्तान का जहाज भी कहते हैं। यह रेतीले तपते मैदानों में इक्कीस इक्कीस दिन तक बिना पानी पिये चल सकता है। इसका उपयोग सवारी और सामान ढोने के काम आता है। यह 7 दिन बिना पानी पिए रह सकता है ऊँट शब्द का प्रयोग मोटे तौर पर ऊँट परिवार के छह ऊँट जैसे प्राणियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है, इनमे दो वास्तविक ऊँट और चार दक्षिण अमेरिकी ऊँट जैसे जीव है जो हैं लामा, अलपाका, गुआनाको और विकुना। एक ऊँट की औसत जीवन प्रत्याशा चालीस से पचास वर्ष होती है। एक पूरी तरह से विकसित खड़े वयस्क ऊंट की ऊँचाई कंधे तक 1.85 मी और कूबड़ तक 2.15 मी होती है। कूबड़ शरीर से लगभग तीस इंच ऊपर तक बढ़ता है। ऊँट की अधिकतम भागने की गति 65 किमी/घंटा के आसपास होती है तथा लम्बी दूरी की यात्रा के दौरान यह अपनी गति 40 किमी/घंटा तक बनाए रख सकता है। जीवाश्म साक्ष्यों से पता चलता है कि आधुनिक ऊँट के पूर्वजों का विकास उत्तरी अमेरिका में हुआ था जो बाद में एशिया में फैल गये। लगभग 2000 ई.पू.

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ऊदबिलाव

ऊदबिलाव (अंग्रेज़ी: Otter) एक अर्धजलीय (जल और स्थल में समय बांटने वाला) स्तनधारी जानवर है। यह एक मांसाहारी प्राणी है। इसकी 13 ज्ञात जातियाँ हैं। ऑस्ट्रेलिया और अन्टार्कटिका को छोड़कर ऊदबिलाव बाक़ी सभी महाद्वीपों पर मिलते हैं।, Michael Leach, pp.

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दक्षिण भारत के पक्षियों की सूची

इस लेख में दक्षिण भारत, अर्थात नर्मदा नदी के आस-पास स्थित दक्षिण भारत के प्रायद्वीप पर पाए जाने वाले पक्षियों की सूची दी गई है। दक्षिण भारत में आन्ध्र प्रदेश के रोल्लापाडु, कर्नाटक में नागरहोल (राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान) एवं बांदीपुर, केरल में राजमालाई (एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान) एवं पेरियार राष्ट्रीय उद्यान, अनामलाई में मुडूमलाई राष्ट्रीय उद्यान, उधागामंडलम, इंदिरा गांधी वन्यजीव अभयारण्य, तमिलनाडु में वेदान्थांगल एवं कोडिक्काराई पक्षी देखने के उल्लेखनीय स्थान हैं। .

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बिज्जू

बिज्जू (अंग्रेज़ी: Honey badger) एक स्तनधारी जानवर है जो भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिणपश्चिमी एशिया और अफ़्रीका में मिलता है। यह एक मांसाहारी प्राणी है। अपने लड़ाके स्वभाव और मोटी चमड़ी के कारण अन्य जानवर इस से दूर ही रहते हैं और अन्य खूँखार प्राणी भी इसपर हमला कम ही करते हैं।, Maurice Burton, Robert Burton, pp.

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत के पशुपक्षियों की बहुभाषीय सूची

भारत के पशुपक्षियों के नाम अलग-अलग भारतीय भाषाओं में भिन्न-भिन्न हैं। .

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भारतीय पादप तथा वृक्ष

पीपल का तना और पत्तियाँ भारत में पादप अध्ययन प्रागैतिहासिक काल से चला आ रहा है। आयुर्वेद विज्ञान के अंतर्गत सहस्त्रों पौधों के आकार, प्राप्तिस्थान तथा उनके गुणों के बारे में कई हजार वर्ष पूर्व किए गए उल्लेख मिलते है। भारत का लगभग १९ प्रतिशत भूभाग वनों से ढका है। उत्तम कोटि के पादप, जैसे अनावृतबीजी तथा आवृतबीजी की लगभग ३०,००० जातियाँ इस देश में पाई जाती हैं। वनस्पति विज्ञान की आधुनिक रीति से क्लार्क (१८९८ ई०), हूकर (१८५५ तथा १९०७ ई०), इथी, हेंस, कांजीलाल, डी० चटर्जी जी० एस० पुरी इत्यादि ने भारतीय पौधों तथा वृक्षों का विशेष अध्ययन किया है, जैसे ‘वन’ के बारे में चैंपियन तथा ग्रिफिथ और जी० एस० पुरी, ‘घास’ तथा ‘चारागाह’ के बारे में रंगनाथन्‌, ह्वाइट तथा एन० एल० बोर, ने। औषधि में प्रयुक्त होने वाले पौधे तथा जहरीले पौधों के अध्ययन के लिये चोपड़ा, कीर्तिकर तथा बसु उल्लेखनीय हैं। .

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भारतीय पक्षियों की सूची

यहाँ भारत में पायी जाने वाली पक्षियों की सूची दी गयी है। भारत में पक्षियों की कोई 1301 प्रजातियाँ (species) हैं जिनमें से 42 केवल भारत में पायी जाती हैं; 1 मानव द्वारा विकसित है तथा 26 दुर्लभ प्रजातियाँ हैं। मोर (Pavo cristatus) भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। सूची में पक्षियों के पाये जाने का विवरण इस प्रकार है:-.

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भारतीय पुष्प

भारत में लगभग ५०,००० जाति के पुष्पधारी पौधे पाए जाते हैं। इनकी विभिन्न जातियाँ जलीय, मरुस्थलीय, नम, पर्वतीय तथा शीत वातावरण में वितरित हैं। इनमें से कुछ पौधे मौसमी हैं, जो किसी विशेष मौसम में ही फूलते हैं, परंतु कुछ ऐसे भी हैं जो प्राय: साल भर फूलते हुए पाए जाते हैं। .

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भारतीय शस्य

कोई विवरण नहीं।

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लकड़बग्घा

भूरा लकड़बग्घा लकड़बग्घा, हाइयेनिडी कुल से संबंधित एक मांसाहारी स्तनधारी जीव है। इसका प्राकृतिक आवास एशिया और अफ्रीका दोनो महाद्वीप हैं। वर्तमान काल में इसकी निम्न चार जीवित प्रजाति अस्तित्व में हैं।.

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शामा (पक्षी)

शामा (पक्षी) सफेद- रंपड शामा (कॉप्सिचस मालाबारिकस) परिवार मुसीकापिडे की एक छोटी पासरीन पक्षी है । भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिणपूर्व एशिया में घनी वनस्पति निवासियों के मूल निवासी, पिंजरे की पक्षी और गीतकार के रूप में इसकी लोकप्रियता है। .

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साइरेनिया

साइरेनिया (Sirenia) या समुद्री गाय (sea cow) जल में रहने वाले शाकाहारी स्तनधारी प्राणियों का एक जीववैज्ञानिक गण है जिसके सदस्य नदियों और तट के पास वाले समुद्री क्षेत्रों में रहते हैं। साइरेनिया की चार जीववैज्ञानिक जातियाँ अस्तित्व में हैं, जो दो कुलों और वंशों में विभाजित हैं। इन चार जातियों में मैनाटी की तीन जातियाँ और डूगोंग की एक जाति शामिल है। १८वीं शताब्दी तक स्टेलर समुद्री गाय (Steller's sea cow) नामक एक जाति भी थी जो विलुप्त हो गई। .

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हिमालय

हिमालय पर्वत की अवस्थिति का एक सरलीकृत निरूपण हिमालय एक पर्वत तन्त्र है जो भारतीय उपमहाद्वीप को मध्य एशिया और तिब्बत से अलग करता है। यह पर्वत तन्त्र मुख्य रूप से तीन समानांतर श्रेणियों- महान हिमालय, मध्य हिमालय और शिवालिक से मिलकर बना है जो पश्चिम से पूर्व की ओर एक चाप की आकृति में लगभग 2400 कि॰मी॰ की लम्बाई में फैली हैं। इस चाप का उभार दक्षिण की ओर अर्थात उत्तरी भारत के मैदान की ओर है और केन्द्र तिब्बत के पठार की ओर। इन तीन मुख्य श्रेणियों के आलावा चौथी और सबसे उत्तरी श्रेणी को परा हिमालय या ट्रांस हिमालय कहा जाता है जिसमें कराकोरम तथा कैलाश श्रेणियाँ शामिल है। हिमालय पर्वत पाँच देशों की सीमाओं में फैला हैं। ये देश हैं- पाकिस्तान, भारत, नेपाल, भूटान और चीन। अन्तरिक्ष से लिया गया हिमालय का चित्र संसार की अधिकांश ऊँची पर्वत चोटियाँ हिमालय में ही स्थित हैं। विश्व के 100 सर्वोच्च शिखरों में हिमालय की अनेक चोटियाँ हैं। विश्व का सर्वोच्च शिखर माउंट एवरेस्ट हिमालय का ही एक शिखर है। हिमालय में 100 से ज्यादा पर्वत शिखर हैं जो 7200 मीटर से ऊँचे हैं। हिमालय के कुछ प्रमुख शिखरों में सबसे महत्वपूर्ण सागरमाथा हिमाल, अन्नपूर्णा, गणेय, लांगतंग, मानसलू, रॊलवालिंग, जुगल, गौरीशंकर, कुंभू, धौलागिरी और कंचनजंघा है। हिमालय श्रेणी में 15 हजार से ज्यादा हिमनद हैं जो 12 हजार वर्ग किलॊमीटर में फैले हुए हैं। 72 किलोमीटर लंबा सियाचिन हिमनद विश्व का दूसरा सबसे लंबा हिमनद है। हिमालय की कुछ प्रमुख नदियों में शामिल हैं - सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और यांगतेज। भूनिर्माण के सिद्धांतों के अनुसार यह भारत-आस्ट्र प्लेटों के एशियाई प्लेट में टकराने से बना है। हिमालय के निर्माण में प्रथम उत्थान 650 लाख वर्ष पूर्व हुआ था और मध्य हिमालय का उत्थान 450 लाख वर्ष पूर्व हिमालय में कुछ महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी है। इनमें हरिद्वार, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गोमुख, देव प्रयाग, ऋषिकेश, कैलाश, मानसरोवर तथा अमरनाथ प्रमुख हैं। भारतीय ग्रंथ गीता में भी इसका उल्लेख मिलता है (गीता:10.25)। .

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घरेलू गौरैया

घरेलू गौरैया (पासर डोमेस्टिकस) एक पक्षी है जो यूरोप और एशिया में सामान्य रूप से हर जगह पाया जाता है। इसके अतिरिक्त पूरे विश्व में जहाँ-जहाँ मनुष्य गया इसने उनका अनुकरण किया और अमरीका के अधिकतर स्थानों, अफ्रीका के कुछ स्थानों, न्यूज़ीलैंड और आस्ट्रेलिया तथा अन्य नगरीय बस्तियों में अपना घर बनाया। शहरी इलाकों में गौरैया की छह तरह ही प्रजातियां पाई जाती हैं। ये हैं हाउस स्पैरो, स्पेनिश स्पैरो, सिंड स्पैरो, रसेट स्पैरो, डेड सी स्पैरो और ट्री स्पैरो। इनमें हाउस स्पैरो को गौरैया कहा जाता है। यह शहरों में ज्यादा पाई जाती हैं। आज यह विश्व में सबसे अधिक पाए जाने वाले पक्षियों में से है। लोग जहाँ भी घर बनाते हैं देर सबेर गौरैया के जोड़े वहाँ रहने पहुँच ही जाते हैं। .

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घोंसला

टोकरी के आकार का घोंसला घोंसला एक प्राणी विशेष तौर पर एक पक्षी का शरण स्थल है जहां पर यह अंडे देते हैं, रहते हैं और अपनी संतानो को पालते हैं। एक घोंसला आमतौर पर कार्बनिक सामग्री जैसे टहनी, घास और पत्ती; आदि से बना होता है पर, कभी कभी यह जमीन में एक गड्ढा़, पेड़ का कोटर, चट्टान या इमारत में छेद के रूप मे भी हो सकता है। मानव निर्मित धागे, प्लास्टिक, कपड़े, बाल या कागज जैसे पदार्थों का इस्तेमाल भी प्राणी घोंसला बनाने मे करते हैं। आमतौर पर प्रत्येक प्रजाति के घोंसले की एक विशिष्ट शैली होती है। घोंसलों को कई अलग अलग पर्यावासों में पाया जा सकता है। यह् मुख्यतः पक्षियों द्वारा बनाये जाते हैं पर स्तनधारी जन्तु (जैसे गिलहरी), मछली, कीट और सरीसृप भी घोंसलों का निर्माण करते हैं। .

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गंगा नदी

गंगा (गङ्गा; গঙ্গা) भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी है। यह भारत और बांग्लादेश में कुल मिलाकर २,५१० किलोमीटर (कि॰मी॰) की दूरी तय करती हुई उत्तराखण्ड में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुन्दरवन तक विशाल भू-भाग को सींचती है। देश की प्राकृतिक सम्पदा ही नहीं, जन-जन की भावनात्मक आस्था का आधार भी है। २,०७१ कि॰मी॰ तक भारत तथा उसके बाद बांग्लादेश में अपनी लंबी यात्रा करते हुए यह सहायक नदियों के साथ दस लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के अति विशाल उपजाऊ मैदान की रचना करती है। सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण गंगा का यह मैदान अपनी घनी जनसंख्या के कारण भी जाना जाता है। १०० फीट (३१ मी॰) की अधिकतम गहराई वाली यह नदी भारत में पवित्र मानी जाती है तथा इसकी उपासना माँ तथा देवी के रूप में की जाती है। भारतीय पुराण और साहित्य में अपने सौन्दर्य और महत्त्व के कारण बार-बार आदर के साथ वंदित गंगा नदी के प्रति विदेशी साहित्य में भी प्रशंसा और भावुकतापूर्ण वर्णन किये गये हैं। इस नदी में मछलियों तथा सर्पों की अनेक प्रजातियाँ तो पायी ही जाती हैं, मीठे पानी वाले दुर्लभ डॉलफिन भी पाये जाते हैं। यह कृषि, पर्यटन, साहसिक खेलों तथा उद्योगों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है तथा अपने तट पर बसे शहरों की जलापूर्ति भी करती है। इसके तट पर विकसित धार्मिक स्थल और तीर्थ भारतीय सामाजिक व्यवस्था के विशेष अंग हैं। इसके ऊपर बने पुल, बांध और नदी परियोजनाएँ भारत की बिजली, पानी और कृषि से सम्बन्धित ज़रूरतों को पूरा करती हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि इस नदी के जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु होते हैं, जो जीवाणुओं व अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों को जीवित नहीं रहने देते हैं। गंगा की इस अनुपम शुद्धीकरण क्षमता तथा सामाजिक श्रद्धा के बावजूद इसको प्रदूषित होने से रोका नहीं जा सका है। फिर भी इसके प्रयत्न जारी हैं और सफ़ाई की अनेक परियोजनाओं के क्रम में नवम्बर,२००८ में भारत सरकार द्वारा इसे भारत की राष्ट्रीय नदी तथा इलाहाबाद और हल्दिया के बीच (१६०० किलोमीटर) गंगा नदी जलमार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है। .

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आयुर्वेद

आयुर्वेद के देवता '''भगवान धन्वन्तरि''' आयुर्वेद (आयुः + वेद .

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कपोतक

बारबरी कपोतक कपोतक (डव, Dove) एक पक्षी है, जो कबूतरों (कोलंबिडी गण, Order columbidae) का निकट संबंधी है। यह पँड़की, फाखता, पंडुक और सिरोटी के नाम से भी प्रसिद्ध है। कपोतक 12 इंच तक लंबे, भोले भाले पक्षी होते हैं। इनकी प्रकृति, स्वभाव तथा अन्य बातें कपोतों से मिलती जुलती होती हैं। कपोत (कबूतर) की तरह ये भी अनाज और बीज आदि से अपना पेट भरते हैं और इन्हीं की भाँति इनका अंडा देने का समय भी साल में दो बार आता है। तब मादा अपने मचान-नुमा, तितरे बितरे घोंसले में दो सफ़ेद अंडे देती है। .

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कस्तूरी

मोस्खस मोस्खिफेरस, साइबेरियाई कस्तूरी मृग कस्तूरी नाम मूलतः एक ऐसे पदार्थ को दिया जाता है जिसमें एक तीक्ष्ण गंध होती है और जो नर कस्तूरी मृग के पीछे/गुदा क्षेत्र में स्थित एक ग्रंथि से प्राप्त होती है। इस पदार्थ को प्राचीन काल से इत्रके लिए एक लोकप्रिय रासायनिक पदार्थ के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है और दुनिया भर के सबसे महंगे पशु उत्पादों में से एक है। यह नाम, संस्कृत के से उत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ है "अंडकोष," यह लगभग समान गंध वाले एक व्यापक रूप से विविध विभिन्न पदार्थों के आस पास घूमता है हालांकि इनमें से कई काफी अलग रासायनिक संरचना वाले हैं। इनमें कस्तूरी हिरण के अलावा अन्य जानवरों के ग्रंथि स्राव, समान खुशबू बिखेरने वाले पौधे और ऐसी ही खुशबू वाली कृत्रिम पदार्थ शामिल है। 19वीं सदी के उतरार्ध तक, प्राकृतिक कस्तूरी का इस्तेमाल इत्र में बड़े पैमाने पर तब तक किया जाता रहा जब तक की आर्थिक और नैतिक इरादों ने सिंथेटिक कस्तूरी को अपनाने की दिशा नहीं दिखाई, जो लगभग विशेष रूप से उपयोग किया जाता है। कस्तूरी की विशेष गंध के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार जैविक यौगिक म्स्कोने है। प्राकृतिक कस्तूरी फली का आधुनिक उपयोग अब केवल पारंपरिक चीनी दवा तक सीमित है। .

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कछुआ

कछुए (Turtles) या कर्म टेस्टूडनीज़ नामक सरीसृपों के जीववैज्ञानिक गण के सदस्य होते हैं जो उनके शरीरों के मुख्य भाग को उनकी पसलियों से विकसित हुए ढाल-जैसे कवच से पहचाने जाते हैं। विश्व में स्थलीय कछुओं और जलीय कछुओं दोनों की कई जातियाँ हैं। कछुओं की सबसे पहली जातियाँ आज से १५.७ करोड़ वर्ष पहले उत्पन्न हुई थीं, जो की सर्वप्रथम सर्पों व मगरमच्छों से भी पहले था। इसलिये वैज्ञानिक उन्हें प्राचीनतम सरीसृपों में से एक मानते हैं। कछुओं की कई जातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं लेकिन ३२७ आज भी अस्तित्व में हैं। इनमें से कई जातियाँ ख़तरे में हैं और उनका संरक्षण करना एक चिंता का विषय है। इसकी उम्र 300 साल से अधिक होती है .

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कौआ

कौवा एक पक्षी है। राजस्थानी में इसे कागला तथा मारवाडी भाषा में हाडा कहा जाता हैँ |राजस्थान में एक बहुप्रचलित कहावत है-" मलके माय हाडा काळा " अर्थात दुष्ट व्यक्ति हर जगह मिलते हैँ। अपेक्षाकृत छोटा कबूतर आकार के जैकडो (यूरेशियन और डौरीयन) से होलारक्टिक क्षेत्र के आम रैवेन और इथियोपिया के हाइलैंड्स के मोटी-बिल वाले रेवेन, दक्षिण अमेरिका को छोड़कर सभी समशीतोष्ण महाद्वीपों पर इस जीनसोकक के 45 या इतने सदस्य हैं।, और कई द्वीपों कौवा जीन परिवार कोरिडीडे में प्रजातियों में से एक तिहाई पैदा करता है। सदस्यों को एशिया में कॉरिड स्टॉक से विकसित किया गया है, जो ऑस्ट्रेलिया में विकसित हुआ था। कौवा के एक समूह के लिए सामूहिक नाम एक 'झुंड' या 'हत्या' है। जीनस नाम "रेवेन" के लिए लैटिन है। वैज्ञानिक वर्गीकरण किंगडम:एनिमिलिया संघ:कॉर्डेटा .

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अजगर

अजगर अजगर (Python) एक विशालकाय सर्प है। यह एक विषहीन साँपो की प्रजाति है जो एशिया, अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया के वनो में पायी जाती है। श्रेणी:टाइगर श्रेणी:सर्प.

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