सामग्री की तालिका
61 संबंधों: चानक, चिल्मिआ, चकोर, चीनी तीतर, चीर, टिटहरी, टॅमिन्क ट्रॅगोपॅन, तिब्बती तीतर, तिब्बती रामचकोर, दक्षिण भारत के पक्षियों की सूची, दूधराज, धनेश, धारीदार पूँछ वाला तीतर, निकोबार मॅगापोड, पपीहा, पर्वतीय बटेर, पर्वतीय बांस का तीतर, पियोरा, पक्षी, पेंटेड फ़्रैंकोलिन, बड़ा बटेर, बंगाल का गिद्ध, ब्लाइद ट्रॅगोपॅन, भारत, भारतीय पशु और पक्षी, भारतीय गिद्ध, भूरी छाती वाला तीतर, मणिपुरी बटेर, महोख, मोर, लाल सिर वाला गिद्ध, लाल जंगली मुर्गा, लाल गले वाला तीतर, लंबी चोंच का गिद्ध, लौवा, लौआ, सफ़ेद तीतर, सफ़ेद गाल वाला तीतर, सफ़ेद गिद्ध, सलेटी मयूर-तीतर, सलेटी जंगली मुर्गा, सारस (पक्षी), स्क्लैटर मोनाल, हार्ट-स्पॉटेड कठफोड़वा, हिम तीतर, हिमालय का रामचकोर, हिमालयी मोनाल, हंस (पक्षी), हुत्काह, जापानी बटेर, ... सूचकांक विस्तार (11 अधिक) »
चानक
चानक या चीनी बटेर (Rain Quail या Black-breasted Quail) (Coturnix coromandelica) बटेर की एक जाति है जो भारतीय उपमहाद्वीप में पाई जाती है। यह जाति कंबोडिया, थाइलैंड, नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भारत, म्यानमार, वियतनाम और श्रीलंका की मूल निवासी है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और चानक
चिल्मिआ
चिल्मिआ (Blood pheasant) (Ithaginis cruentus) फ़ीज़ॅन्ट कुल का पक्षी है जो अपनी प्रजाति का इकलौता पक्षी है। यह भूटान, चीन, भारत, म्यानमार तथा नेपाल में मूलत: पाया जाता है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और चिल्मिआ
चकोर
चकोर (Chukor or French Partridge, Caccabis chukor) (Chukar) (Alectoris chukar) एक साहित्यिक पक्षी है, जिसके बारे में भारत के कवियों ने यह कल्पना कर रखी है कि यह सारी रात चंद्रमा की ओर ताका करता है और अग्निस्फुलिंगों को चंद्रमा के टुकड़े समझकर चुनता रहता है। इसमें वास्तविकता केवल इतनी है कि कीटभक्षी पक्षी होने के कारण, चकोर चिनगारियों को जुगनू आदि चमकनेवाले कीट समझकर उनपर भले ही चोंच चला दे। लेकिन न तो यह आग के टुकड़े ही खाता है और न निर्निमेष सारी रात चंद्रमा को ताकता ही रहता है। यह पाकिस्तान का राष्ट्रीय पक्षी है। Birds of Hindustan luchas, called būqalamūn, and partridges '' Alectoris chukar falki '' चकोर पक्षी (Aves) वर्ग के मयूर (Phasianidae) कुल का प्राणी है, जिसकी शिकार किया जाता है। इसका माँस स्वादिष्ट होता है। चकोर मैदान में न रहकर पहाड़ों पर रहना पसंद करता है। यह तीतर से स्वभाव और रहन सहन में बहुत मिलता जुलता है। पालतू हो जाने पर तीतर की भाँति ही अपने मालिक के पीछे-पीछे चलता है। इसके बच्चे अंडे से बाहर आते ही भागने लगते हैं। चकोर- (साहित्य) परंपराप्राप्त लोकप्रसिद्धि के अनुसार तथा कविसमय को काल्पनिक मान्यताओं के अनुरूप, चकोर चंद्रकिरणों पीकर जीवित रहता है (शांर्गघरपद्धति, १.२३)। इसीलिये इसे "चंद्रिकाजीवन' और "चंद्रिकापायी' भी कहते हैं। प्रवाद है कि वह चंद्रमा का एकांत प्रेमी है और रात भर उसी को एकटक देखा करता है। अँधेरी रातों में चद्रमा और उसकी किरणों के अभाव में वह अंगारों को चंद्रकिरण समझकर चुगता है। चंद्रमा के प्रति उसकी इस प्रसिद्ध मान्यता के आधार पर कवियों द्वारा प्राचीन काल से, अनन्य प्रेम और निष्ठा के उदाहरण स्वरूप चकोर संबंधी उक्तियाँ बराबर की गई हैं। इसका एक नाम विषदशर्नमृत्युक है जिसका आधार यह विश्वास है कि विषयुक्त खाद्य सामाग्री देखते ही उसकी आँखें लाल हो जाती है और वह मर जाता है। कहते हैं, भोजन की परीक्षा के लिये राजा लोग उसे पालते थे। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और चकोर
चीनी तीतर
चीनी तीतर (Chinese Francolin) (Francolinus pintadeanus) फ़्रैंकोलिन प्रजाति का एक पक्षी है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और चीनी तीतर
चीर
चीर (Cheer pheasant) (Catreus wallichii) एक मयूरवंशी पक्षी है जो कि पाक अधिकृत कश्मीर, भारत तथा नेपाल में पाया जाता है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और चीर
टिटहरी
टिटहरी (अंग्रेज़ी:Sandpiper, संस्कृत: टिट्टिभ) मध्यम आकार के जलचर पक्षी होते हैं, जिनका सिर गोल, गर्दन व चोंच छोटी और पैर लंबे होते हैं। यह प्राय: जलाशयों के समीप रहती है। इसे कुररी भी कहते हैं। नर अपनी मादा को हवाई करतबों से रिझाता है, जिनमें उड़ान के बीच में द्रुत चढ़ाव, पलटे और चक्कर होते है। यह तेज़ चक्करों, हिचकोलों और लुढ़कन भरी उड़ान है, जिसमें कुछ अंतराल पर पंख फड़फड़ाने की ऊंची ध्वनि दूर तक सुनाई देती है। ये धरती पर मामूली सा खोदकर अथवा थोड़े से कंकरों और बालू से घिरे गढ्डे में घोंसला बनाते हैं। इनका प्रजनन बरसात के समय मार्च से अगस्त के दौरान होता है। ये सामान्यत: दो से पांच नाशपाती के आकार के (पृष्ठभूमि से बिल्कुल मिलते-जुलते, पत्थर के रंग के हल्के पीले पर स्लेटी-भूरे, गहरे भूरे या बैंगनी धब्बों वाले) अंडे देती हैं। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और टिटहरी
टॅमिन्क ट्रॅगोपॅन
टॅमिन्क ट्रॅगोपॅन (Temminck's tragopan) (Tragopan temminckii) फ़ीज़ॅन्ट कुल के ट्रॅगोपॅन प्रजाति का पक्षी है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और टॅमिन्क ट्रॅगोपॅन
तिब्बती तीतर
तिब्बती तीतर (तिब्बती:सकफा) (Tibetan Partridge) (Perdix hodgsoniae) फ़ीज़ैन्ट कुल का एक पक्षी है जो व्यापक रूप से तिब्बती पठार में पाया जाता है। इस पक्षी का आवासीय क्षेत्र बहुत विशाल है और इसी वजह से इसे संकट से बाहर की जाति माना गया है। इस पक्षी का मूल निवास चीन, भारत, भूटान और नेपाल है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और तिब्बती तीतर
तिब्बती रामचकोर
तिब्बती रामचकोर (Tibetan Snowcock) (Tetraogallus tibetanus) फ़ीज़ैन्ट कुल का एक पक्षी है जो पश्चिमी हिमालय तथा तिब्बती पठार के ऊँचाई वाले इलाकों में रहता है और हिमालय के कुछ इलाकों में यह हिमालय के रामचकोर के साथ इलाका बांटता है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और तिब्बती रामचकोर
दक्षिण भारत के पक्षियों की सूची
इस लेख में दक्षिण भारत, अर्थात नर्मदा नदी के आस-पास स्थित दक्षिण भारत के प्रायद्वीप पर पाए जाने वाले पक्षियों की सूची दी गई है। दक्षिण भारत में आन्ध्र प्रदेश के रोल्लापाडु, कर्नाटक में नागरहोल (राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान) एवं बांदीपुर, केरल में राजमालाई (एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान) एवं पेरियार राष्ट्रीय उद्यान, अनामलाई में मुडूमलाई राष्ट्रीय उद्यान, उधागामंडलम, इंदिरा गांधी वन्यजीव अभयारण्य, तमिलनाडु में वेदान्थांगल एवं कोडिक्काराई पक्षी देखने के उल्लेखनीय स्थान हैं। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और दक्षिण भारत के पक्षियों की सूची
दूधराज
दूधराज या सुल्ताना बुलबुल, जिसे अंग्रेज़ी में एशियाई दिव्यलोकी कीटमार (Asian Paradise Flycatcher) कहते हैं, पासरीफ़ोर्मीज़ जीववैज्ञानिक गण का मध्य आकार का एक पक्षी है। नरों की दुम पर लम्बे पंख होते हैं जो उत्तर भारत में अक्सर सफ़ेद रंग के, लेकिन अन्य जगहों पर आमतौर से काले या लाल-भूरे होते हैं। यह घनी टहनियों वाले पेड़ों के नीचे कीट पकड़कर खाते हैं।, Eugene William Oates, William Thomas Blanford, pp.
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और दूधराज
धनेश
धनेश एक पक्षी प्रजाति है जिनकी चोंच लंबी और नीचे की ओर घूमी होती है और अमूमन ऊपर वाली चोंच के ऊपर लंबा उभार होता है जिसकी वजह से इसका अंग्रेज़ी नाम Hornbill (Horn.
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और धनेश
धारीदार पूँछ वाला तीतर
धारीदार पूँछ वाला तीतर (Mrs. Hume's pheasant) या (Hume's pheasant) या (bar-tailed pheasant) (Syrmaticus humiae) भारत के पूर्वोत्तर हिमालय तथा चीन, म्यानमार तथा थाइलैंड में पाया जाता है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और धारीदार पूँछ वाला तीतर
निकोबार मॅगापोड
निकोबार मॅगापोड या निकोबारी जंगली मुर्ग (Nicobar Megapode या Nicobar Scrubfowl) (Megapodius nicobariensis) भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के निकोबार के द्वीपों में पाया जाता है। इसकी २ उपजातियाँ निकोबार के १४ द्वीपों में पाई जाती हैं जो इस प्रकार हैं:-.
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और निकोबार मॅगापोड
पपीहा
पपीहा एक पक्षी है जो दक्षिण एशिया में बहुतायत में पाया जाता है। यह दिखने में शिकरा की तरह होता है। इसके उड़ने और बैठने का तरीका भी बिल्कुल शिकरा जैसा होता है। इसीलिए अंग्रेज़ी में इसको Common Hawk-Cuckoo कहते हैं। यह अपना घोंसला नहीं बनाता है और दूसरे चिड़ियों के घोंसलों में अपने अण्डे देता है। प्रजनन काल में नर तीन स्वर की आवाज़ दोहराता रहता है जिसमें दूसरा स्वर सबसे लंबा और ज़्यादा तीव्र होता है। यह स्वर धीरे-धीरे तेज होते जाते हैं और एकदम बन्द हो जाते हैं और काफ़ी देर तक चलता रहता है; पूरे दिन, शाम को देर तक और सवेरे पौं फटने तक। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और पपीहा
पर्वतीय बटेर
पर्वतीय बटेर फ़ीज़ैन्ट कुल का एक पक्षी है जो केवल उत्तराखण्ड में देखा गया है और वह भी आख़िरी बार सन् १८७६ में। सन् १८७७ से पूर्व मसूरी और नैनीताल के नज़दीक से क़रीब एक दर्ज़न नमूने इकट्ठा किए गए। उन्नीसवीं सदी के मध्य में किए गए शोध से यह नतीजा निकला कि एक समय यह काफ़ी संख्या में रहा होगा, लेकिन उन्नीसवीं सदी के अंत तक यह यक़ीनन दुर्लभ हो चला था, जो यह दर्शाता है कि इसकी संख्या में काफ़ी गिरावट आई। उस समय से अब तक इसको नहीं देखा गया जिससे यह निष्कर्ष निकाला गया कि यह जाति अब शायद विलुप्त हो गई है। सन् १९८४ में सुआखोली के पास और पुन: सन् २००३ में नैनीताल के पास यह शायद फिर एक बार दिखा। सन् २०१० में ख़बर मिली कि एक शिकारी ने एक मादा देखी है। यह उम्मीद लगाई जा रही है कि इस पक्षी की शायद एक छोटी संख्या मध्य और निचली हिमालय श्रंखला में अब भी जीवित बची है क्योंकि इस तक पहुँच पाना या इसको देख पाना बहुत ही मुश्किल है। इस पक्षी की संख्या ५० से भी कम आंकी गई है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और पर्वतीय बटेर
पर्वतीय बांस का तीतर
पर्वतीय बांस का तीतर Mountain Bamboo Partridge (Bambusicola fytchii) तीतर के कुल का एक पक्षी है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और पर्वतीय बांस का तीतर
पियोरा
पियोरा (Hill Partridge) (Arborophila torqueola) तीतर कुल का एक पक्षी है जो पूर्वोत्तर भारत से लेकर लगभग समूचे दक्षिण पूर्व एशिया में काफ़ी संख्या में पाया जाता है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और पियोरा
पक्षी
pages.
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और पक्षी
पेंटेड फ़्रैंकोलिन
पेंटेड फ़्रैंकोलिन (मराठी:काला तीतर) (Painted Francolin) (Francolinus pictus) फ़्रैंकोलिन जाति का एक पक्षी है जो मध्य और दक्षिणी भारत के घास के इलाकों में और दक्षिण-पूर्व श्रीलंका के निचले इलाकों में पाया जाता है।The Painted Partridge may be said to take the place of the Black in Central and part of Southern India.
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और पेंटेड फ़्रैंकोलिन
बड़ा बटेर
बड़ा बटेर या घघुस बटेर (Common Quail) (Coturnix coturnix) फ़ीज़ैंट कुल का एक पक्षी है। यह उत्तरी यूरोप को छोड़कर लगभग पूरे यूरोप में, पूर्वी, पश्चिमी, मध्य तथा दक्षिणी अफ़्रीका में और पश्चिमोत्तर अफ़्रीका के कुछ इलाकों में, मध्य पूर्व, मध्य एशिया तथा दक्षिणी एशिया में व्यापक रूप से पाया जाता है। औसतन यह १८ से २२ से.मी.
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और बड़ा बटेर
बंगाल का गिद्ध
बंगाल का गिद्ध एक पुरानी दुनिया का गिद्ध है, जो कि यूरोपीय ग्रिफ़न गिद्ध का संबन्धी है। एक समय यह अफ़्रीका के सफ़ेद पीठ वाले गिद्ध का ज़्यादा करीबी समझा जाता था और इसे पूर्वी सफ़ेद पीठ वाला गिद्ध भी कहा जाता है। १९९० के दशक तक यह पूरे दक्षिणी तथा दक्षिण पूर्वी एशिया में व्यापक रूप से पाया जाता था और इसको विश्व का सबसे ज़्यादा आबादी वाला बड़ा परभक्षी पक्षी माना जाता था लेकिन १९९२ से २००७ तक इनकी संख्या ९९.९% तक घट गई और अब यह घोर संकटग्रस्त जाति की श्रेणी में पहुँच गया है और अब बहुत कम नज़र आता है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और बंगाल का गिद्ध
ब्लाइद ट्रॅगोपॅन
ब्लाइद ट्रॅगोपॅन (Blyth’s tragopan) या (grey-bellied tragopan) (Tragopan blythii) फ़ीज़ॅन्ट कुल का पक्षी है जो ट्रॅगोपैन प्रजाति का सबसे बड़ा पक्षी है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और ब्लाइद ट्रॅगोपॅन
भारत
भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और भारत
भारतीय पशु और पक्षी
भारत विशाल देश है। इसमें पशु-पक्षी भी नाना प्रकार, रंग रूप तथा गुणों के पाए जाते हैं। कुछ बृहदाकार हैं तो कुछ सूक्ष्माकार। भारत के प्राचीन ग्रथों में पशुपक्षियों का विस्तृत वर्णन मिलता है। उस समय उनका अधिक महत्व उनके मांस के कारण था। अत: आयुर्वेदिक ग्रंथों में उनका विशेष उल्लेख मिलता है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और भारतीय पशु और पक्षी
भारतीय गिद्ध
भारतीय गिद्ध (Gyps indicus) पुरानी दुनिया का गिद्ध है जो नई दुनिया के गिद्धों से अपनी सूंघने की शक्ति में भिन्न हैं। यह मध्य और पश्चिमी से लेकर दक्षिणी भारत तक पाया जाता है। प्रायः यह जाति खड़ी चट्टानों के श्रंग में अपना घोंसला बनाती है, परन्तु राजस्थान में यह अपना घोंसला पेड़ों पर बनाते हुये भी पाये गये हैं। अन्य गिद्धों की भांति यह भी अपमार्जक या मुर्दाख़ोर होता है और यह ऊँची उड़ान भरकर इंसानी आबादी के नज़दीक या जंगलों में मुर्दा पशु को ढूंढ लेते हैं और उनका आहार करते हैं। इनके चक्षु बहुत तीक्ष्ण होते हैं और काफ़ी ऊँचाई से यह अपना आहार ढूंढ लेते हैं। यह प्रायः समूह में रहते हैं। भारतीय गिद्ध का सर गंजा होता है, उसके पंख बहुत चौड़े होते हैं तथा पूँछ के पर छोटे होते हैं। इसका वज़न ५.५ से ६.३ कि.
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और भारतीय गिद्ध
भूरी छाती वाला तीतर
भूरी छाती वाला तीतर (Chestnut-breasted Partridge) (Arborophila mandellii) तीतर परिवार का एक पक्षी है जो ब्रह्मपुत्र के उत्तर में स्थित पूर्वी हिमालय का मूल निवासी है और भारत के अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम तथा पश्चिम बंगाल (केवल दार्जीलिंग के क्षेत्र में) में, भूटान में, तथा दक्षिण-पूर्वी तिब्बत में जाना जाता है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और भूरी छाती वाला तीतर
मणिपुरी बटेर
मणिपुरी बटेर (Manipur Bush Quail) (Perdicula manipurensis) भारत में पाई जाने वाली बटेर पक्षी की एक क़िस्म है, जो कि पश्चिम बंगाल, असम, नागालैण्ड, मणिपुर और मेघालय के दलदली इलाकों में, जहाँ ऊँची घास होती है, पाया जाता है। पहले इसकी आबादी पर्याप्त थी और यह अक्सर पूर्वोत्तर भारत में तथा उत्तर भारत, जो अब बांग्लादेश है, में देखा जा सकता था। लेकिन इसके आवास क्षेत्रों के या तो संकुचित होने से और या खण्डित होने से इसकी आबादी निरंतर कम होती जा रही है और इसी कारण से इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ने असुरक्षित श्रेणी में रखा है। इस पक्षी को आख़िरी बार सन् १९३२ में देखा गया था और वैज्ञानिकों का यह मानना था कि यह विलुप्त हो गया है। लेकिन सन् २००६ में फिर से मानस राष्ट्रीय उद्यान में देखा गया हालांकि इसका चित्र नहीं उतारा जा सका और अब पक्षी प्रेमियों में यह रोमांच का विषय हो गया है। इसको मणिपुरी भाषा में लैंक्स सॉइबॉल कहते हैं। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और मणिपुरी बटेर
महोख
महोख या महोक (अंग्रेजी: Greater Coucal या Crow Pheasant; वैज्ञानिक नाम: Centropus sinensis) एक बड़ा पक्षी है। यह एशिया में भारत, चीन, इण्डोनेशिया आदि में पायी जाती है। इसका आकार काले कौए (वनकाक) के बराबर होता है और रंग चमकीला काला होता है। यह पक्षी सारे भारत में पाया जाता है। हिमालय में भी यह 6,000 फुट की ऊँचाई पर पाया जाता है। यह खुले भाग के मैदान तथा पहाड़ी भागों का पक्षी है और ‘ऊक’ शब्द थोड़े-थोड़े समय पर उच्चारित करता है। यह एक दूसरा शब्द कूप-कूप-कूप आदि जल्दी जल्दी उच्चारित करता है, जो प्रति सेकंड दो या तीन कूप के हिसाब से 6 से 20 बार तक सुनाई पड़ता है। इसका आहार टिड्डे, भुजंगे, लार्वा, जंगली चूहे, बिच्छू, गिरगिट, साँप आदि हैं। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और महोख
मोर
मोर अथवा मयूर एक पक्षी है जिसका मूलस्थान दक्षिणी और दक्षिणपूर्वी एशिया में है। ये ज़्यादातर खुले वनों में वन्यपक्षी की तरह रहते हैं। नीला मोर भारत और श्रीलंका का राष्ट्रीय पक्षी है। नर की एक ख़ूबसूरत और रंग-बिरंगी फरों से बनी पूँछ होती है, जिसे वो खोलकर प्रणय निवेदन के लिए नाचता है, विशेष रूप से बसन्त और बारिश के मौसम में। मोर की मादा मोरनी कहलाती है। जावाई मोर हरे रंग का होता है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और मोर
लाल सिर वाला गिद्ध
लाल सिर वाला गिद्ध (Sarcogyps calvus) जिसे एशियाई राजा गिद्ध, भारतीय काला गिद्ध और पौण्डिचैरी गिद्ध भी कहते हैं, भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाने वाला गिद्ध है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और लाल सिर वाला गिद्ध
लाल जंगली मुर्गा
लाल जंगली मुर्गा (Red junglefowl) (Gallus gallus) फ़ीज़ेन्ट कुल का पक्षी है जो उष्णकटिबंध के इलाकों में पाया जाता है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और लाल जंगली मुर्गा
लाल गले वाला तीतर
लाल गले वाला तीतर (Rufous-throated Partridge) (Arborophila rufogularis) तीतर कुल का एक पक्षी है जो दक्षिण तथा दक्षिण पूर्व एशिया में व्यापक रूप से पाया जाता है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और लाल गले वाला तीतर
लंबी चोंच का गिद्ध
लंबी चोंच का गिद्ध (Gyps tenuirostris) हाल ही में पहचानी गई जाति है। पहले इसे भारतीय गिद्ध की एक उपजाति समझा जाता था, लेकिन हाल के शोधों से पता चला है कि यह एक अलग जाति है। जहाँ भारतीय गिद्ध गंगा नदी के दक्षिण में पाया जाता है तथा खड़ी चट्टानों के उभार में अपना घोंसला बनाता है वहीं लंबी चोंच का गिद्ध तराई इलाके से लेकर दक्षिण-पूर्वी एशिया तक पाया जाता है और अपना घोंसला पेड़ों पर बनाता है। यह गिद्ध पुरानी दुनिया का गिद्ध है जो नई दुनिया के गिद्धों से अपनी सूंघने की शक्ति में भिन्न हैं। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और लंबी चोंच का गिद्ध
लौवा
लौवा (Rock Bush Quail) (Perdicula argoondah) बटेर के कुल का एक पक्षी है जो पश्चिमी और दक्षिणी भारत में व्यापक रूप से पाया जाता है। यह विशुद्ध भारतीय जाति है जो और कहीं भी नहीं पाई जाती है। जैसा कि इसका अंग्रेज़ी नाम प्रदर्शित करता है, यह पक्षी पथरीले इलाकों में अधिक पाया जाता है और यह इलाका मध्य भारत के विशाल क्षेत्र में है। मादा अगस्त या सितम्बर के महीने में ६ से ८ अण्डे देती है। यह अण्डे झाड़ियों के जड़ में खोदे गये ५-६ इन्च के कोटर में दिये जाते हैं। इसकी लंबाई लगभग १७ से १८.५ से.मी.
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और लौवा
लौआ
लौआ (Jungle Bush Quail) (Perdicula asiatica) बटेर परिवार का एक पक्षी है जो भारत और श्रीलंका में पाया जाता है और अब नेपाल से विलुप्त हो गया है। इसके आहार में अधिकतर घास के बीज होते हैं लेकिन इसे कीड़े-मकोड़ों से भी कोई परहेज़ नहीं है। नर और मादा में फ़र्क यह है कि जहाँ नर का अगला भाग सफ़ेद और काली धारियों से भरा होता है वहीं मादा का अग्र भाग लाली लिए हुए होता है। यह समुद्र सतह से चार से पाँच हज़ार फ़ुट की ऊँचाई तक घने जंगलों में, पर्वतीय इलाकों में, ऊबड़-खाबड़ मैदानों में, ऊसर ज़मीन में और ऐसे खेतों में जहाँ ज़्यादा पानी न हो, में पाया जाता है। इसकी लंबाई लगभग १६ से १८ से.मी.
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और लौआ
सफ़ेद तीतर
सफ़ेद तीतर, गोरा तीतर या राम तीतर (Grey Francolin) (Francolinus pondicerianus) फ़्रैंकोलिन जाति का एक सदस्य है जो कि दक्षिण एशिया के मैदानों और सूखे इलाकों में पाया जाता है। जिन देशों का यह मूल निवासी है और जहाँ इसको प्रचलित किया गया है वह इस प्रकार हैं:-.
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और सफ़ेद तीतर
सफ़ेद गाल वाला तीतर
सफ़ेद गाल वाला तीतर (White-cheeked Partridge) (Arborophila atrogularis) तीतर कुल का एक पक्षी है जो पूर्वोत्तर भारत, चीन, म्यानमार तथा बांग्लादेश में पाया जाता है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और सफ़ेद गाल वाला तीतर
सफ़ेद गिद्ध
स्पेन के मैड्रिड स्थित एक चिड़ियाघर में सफ़ेद गिद्ध सफ़ेद गिद्ध (Egyptian Vulture) (Neophron percnopterus) पुरानी दुनिया (जिसमें दोनों अमरीकी महाद्वीप शामिल नहीं होते) का गिद्ध है जो पहले पश्चिमी अफ़्रीका से लेकर उत्तर भारत, पाकिस्तान और नेपाल में काफ़ी तादाद में पाया जाता था किन्तु अब इसकी आबादी में बहुत गिरावट आयी है और इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ने संकटग्रस्त घोषित कर दिया है। भारत में जो उपप्रजाति पाई जाती है उसका वैज्ञानिक नाम (Neophron percnopterus ginginianus) है। उत्तर भारत के अलावा भारत में अन्य जगह यह प्रवासी पक्षी है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और सफ़ेद गिद्ध
सलेटी मयूर-तीतर
सलेटी मयूर-तीतर (Grey peacock-pheasant) (Polyplectron bicalcaratum) गॉलिफ़ॉर्मिस गण का एक बड़ा एशियाई पक्षी है। यह म्यानमार का राष्ट्रीय पक्षी है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और सलेटी मयूर-तीतर
सलेटी जंगली मुर्गा
सलेटी जंगली मुर्गा (Grey junglefowl) (Gallus sonneratii) फ़ीज़ेन्ट कुल का पक्षी है जिसका मूल आवास भारत में ही है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और सलेटी जंगली मुर्गा
सारस (पक्षी)
सारस विश्व का सबसे विशाल उड़ने वाला पक्षी है। इस पक्षी को क्रौंच के नाम से भी जानते हैं। पूरे विश्व में भारतवर्ष में इस पक्षी की सबसे अधिक संख्या पाई जाती है। सबसे बड़ा पक्षी होने के अतिरिक्त इस पक्षी की कुछ अन्य विशेषताएं इसे विशेष महत्व देती हैं। उत्तर प्रदेश के इस राजकीय पक्षी को मुख्यतः गंगा के मैदानी भागों और भारत के उत्तरी और उत्तर पूर्वी और इसी प्रकार के समान जलवायु वाले अन्य भागों में देखा जा सकता है। भारत में पाये जाने वाला सारस पक्षी यहां के स्थाई प्रवासी होते हैं और एक ही भौगोलिक क्षेत्र में रहना पसंद करते हैं। सारस पक्षी का अपना विशिष्ट सांस्कृतिक महत्व भी है। विश्व के प्रथम ग्रंथ रामायण की प्रथम कविता का श्रेय सारस पक्षी को जाता है। रामायण का आरंभ एक प्रणयरत सारस-युगल के वर्णन से होता है। प्रातःकाल की बेला में महर्षि वाल्मीकि इसके द्रष्टा हैं तभी एक आखेटक द्वारा इस जोड़े में से एक की हत्या कर दी जाती है। जोड़े का दूसरा पक्षी इसके वियोग में प्राण दे देता है। ऋषि उस आखेटक को श्राप देते हैं। अर्थात्, हे निषाद! तुझे निरंतर कभी शांति न मिले। तूने इस क्रौंच के जोड़े में से एक की जो काम से मोहित हो रहा था, बिना किसी अपराध के हत्या कर डाली। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और सारस (पक्षी)
स्क्लैटर मोनाल
स्क्लैटर मोनाल (Sclater's monal) या (crestless monal) (Lophophorus sclateri) मोनाल प्रजाति का एक पक्षी है जो पूर्वी हिमालय में पाया जाता है तथा इसकी एक उपजाति अरुणाचल प्रदेश के मिश्मी पहाड़ों में पाई जाती है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और स्क्लैटर मोनाल
हार्ट-स्पॉटेड कठफोड़वा
हार्ट-स्पॉटेड कठफोड़वा (हेमीसिर्कस कैनेंटे) कठफोड़वा परिवार में पक्षियों की एक प्रजाति है। उनमें विपरीत रंगों, सफ़ेद तथा काले का संयोजन पाया जाता है, एक नाटे परन्तु सुदृढ़ शरीर के साथ एक ढलुआं आकार का सिर इसे आसानी से पहचाने जाने योग्य बनाते हैं, तथा इनकी नियमित पुकार इन्हें आसनी से खोजे जाने योग्य बनाती है, ये अपृष्ठवंशियों (मुख्यतः कीट) रूपी चारा खोजने के लिए वृक्षों की टहनियों के नीचे तनों पर जाते हैं। वे जोड़े अथवा छोटे समूह में देखे जाते हैं तथा अक्सर चारा खोजता हुआ मिश्रित-प्रजाति का समूह के भाग के रूप में भी दिखाई देते हैं। इनका व्यापक वितरण सम्पूर्ण एशिया में विशेष रूप से दक्षिण-पश्चिमी और मध्य भारत के जंगलों में, जो अपने विस्तार में हिमालय तथा दक्षिण-पूर्व एशिया से अलग होते हैं, पाया जाता है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और हार्ट-स्पॉटेड कठफोड़वा
हिम तीतर
हिम तीतर (Snow Partridge) (lerwa lerwa) फ़ीज़ैन्ट कुल का प्राणी है जो हिमालय के ऊँचे इलाकों में भरपूर पाया जाता है। यह पाकिस्तान, भारत, नेपाल और चीन में पाया जाता। अपनी प्रजाति का यह इकलौता पक्षी जीवित है। यह वृक्ष रेखा से ऊपर अल्पाइन चारागाह और खुले पहाड़ों की ढलानों में पाये जाते हैं लेकिन हिमालय के बर्फ़मुर्ग के विपरीत यह पथरीले इलाकों में नहीं पाये जाते हैं और उसकी भांति इतने सावधान भी नहीं होते हैं। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और हिम तीतर
हिमालय का रामचकोर
हिमालय का रामचकोर (Himalayan Snowcock) (Tetraogallus himalayensis) फ़ैज़ैन्ट कुल का एक पक्षी है। यह हिमालय पर्वतमाला में व्यापक रूप से और पामीर पर्वतमाला में कुछ जगहों में पाया जाता है। यह वृक्ष रेखा से ऊपर अल्पाइन चारागाह तथा खड़ी ढाल वाली चट्टानों में पाया जाता है जहाँ से ख़तरा होने पर यह नीचे की ओर लुढ़क जाता है। तिब्बती रामचकोर इससे कुछ छोटा होता है और हिमालय के कुछ इलाकों में यह दोनों परस्पर व्याप्त हैं। विभिन्न इलाकों में इनकी रंगत कुछ भिन्न होती है और इस आधार पर इनको चार उपजातियों में विभाजित किया गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका के नेवाडा राज्य में इनको प्रचलित किया गया था जहाँ इन्होंने अपने पैर जमा लिए हैं। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और हिमालय का रामचकोर
हिमालयी मोनाल
हिमालयी मोनाल (Himalayan monal) (Lophophorus impejanus) जिसे नेपाल और उत्तराखंड में डाँफे के नाम से जानते हैं। यह पक्षी हिमालय पर पाये जाते हैं। यह नेपाल का राष्ट्रीय पक्षी और उत्तराखण्ड का "राज्य पक्षी" है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और हिमालयी मोनाल
हंस (पक्षी)
हंस हंस एक पक्षी है। भारतीय साहित्य में इसे बहुत विवेकी पक्षी माना जाता है। और ऐसा विश्वास है कि यह नीर-क्षीर विवेक (पानी और दूध को अलग करने वाला विवेक) से युक्त है। यह विद्या की देवी सरस्वती का वाहन है। ऐसी मान्यता है कि यह मानसरोवर में रहते हैं। यह पानी मे रहता है। श्रेणी:पक्षी.
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और हंस (पक्षी)
हुत्काह
हुत्काह (Painted spurfowl) (Galloperdix lunulata) तीतर कुल का एक पक्षी है जो कि मध्य भारत से लेकर दक्षिण भारत के झाड़ियों या पथरीले इलाकों में आवास करता है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और हुत्काह
जापानी बटेर
जापानी बटेर (Japanese quail या coturnix quail) (Coturnix japonica) बटेर कुल का एक पक्षी है। यह पूर्वी एशिया में प्रजनन करता है जिसमें उत्तरी मंगोलिया, रूस के साख़ालिन, बायकाल और वितिम इलाके, पूर्वोत्तर चीन, जापान, उत्तरी कोरिया तथा दक्षिणी कोरिया शामिल हैं। कुछ संख्या जापान से प्रवास नहीं करती है लेकिन अधिकतर पक्षी सर्दियों में दक्षिण में दक्षिणी चीन, लाओस, वियतनाम, कंबोडिया, म्यानमार, भूटान और पूर्वोत्तर भारत की ओर प्रवास कर जाते हैं। जिन जगहों पर इस पक्षी का मूल निवास है, या प्रचलित किया गया है अथवा यदा-कदा मिलता है वह इस प्रकार हैं:-.
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और जापानी बटेर
जंगली तीतर
जंगली तीतर या बन तीतर (वन, बन यानि जंगल) (Swamp Francolin) (Francolinus gularis) फ़ीज़ैन्ट कुल का एक पक्षी है। इसका मूल निवास गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों की घाटियों में है– पश्चिमी नेपाल की तराई से लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम और अरुणाचल प्रदेश तक। पहले यह बांग्लादेश के चटगाँव इलाके तथा सुन्दरबन में प्रचुर मात्रा में पाया जाता था, लेकिन हाल में यह नहीं देखा गया है और अब यह अनुमान लगाया गया है कि इन इलाकों से इनका उन्मूलन हो गया है। भारत में यह सभी तराई के सुरक्षित क्षेत्रों में पाया गया है जो यह बतलाता है कि यह पूर्व अनुमानित आंकड़ों से अधिक संख्या में विद्यमान है। नेपाल में, जहाँ इसका आवास क्षेत्र २,४०० वर्ग कि॰मी॰ का है और निवास ३३० वर्ग कि.
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और जंगली तीतर
जेवर (पक्षी)
जेवर (western tragopan) या (western horned tragopan) (Tragopan melanocephalus) एक मध्य आकार का फ़ीज़ॅन्ट कुल का पक्षी है जो हिमालय में पश्चिम में उत्तरीय पाकिस्तान के हज़ारा से पूर्व में भारत के उत्तराखण्ड तक पाया जाता है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और जेवर (पक्षी)
गोडावण
राजस्थान का राज्य-पक्षी: गोडावण गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड; वैज्ञानिक नाम: Ardeotis nigriceps) एक बड़े आकार का पक्षी है जो भारत के राजस्थान तथा सीमावर्ती पाकिस्तान में पाया जाता है। उड़ने वाली पक्षियों में यह सबसे अधिक वजनी पक्षियों में है। बड़े आकार के कारण यह शुतुरमुर्ग जैसा प्रतीत होता है। यह राजस्थान का राज्य पक्षी है। सोहन चिड़िया, हुकना, गुरायिन आदि इसके अन्य नाम हैं। यह पक्षी भारत और पाकिस्तान के शुष्क एवं अर्ध-शुष्क घास के मैदानों में पाया जाता है। पहले यह पक्षी भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा एवं तमिलनाडु राज्यों के घास के मैदानों में व्यापक रूप से पाया जाता था। किंतु अब यह पक्षी कम जनसंख्या के साथ राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और संभवतः मध्य प्रदेश राज्यों में पाया जाता है। IUCN की संकटग्रस्त प्रजातियों पर प्रकाशित होने वाली लाल डाटा पुस्तिका में इसे 'गंभीर रूप से संकटग्रस्त' श्रेणी में तथा भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची 1 में रखा गया है। इस विशाल पक्षी को बचाने के लिए राजस्थान सरकार ने एक प्रोजेक्ट शुरू किया था। इस प्रोजेक्ट का विज्ञापन "मेरी उड़ान न रोकें" जैसे मार्मिक वाक्यांश से किया गया है। भारत सरकार के वन्यजीव निवास के समन्वित विकास के तहत किये जा रहे 'प्रजाति रिकवरी कार्यक्रम (Species Recovery Programme)' के अंतर्गत चयनित 17 प्रजातियों में गोडावण भी सम्मिलित है। यह जैसलमेर के मरू उद्यान, सोरसन (बारां) व अजमेर के शोकलिया क्षेत्र में पाया जाता है। यह पक्षी अत्यंत ही शर्मिला है और सघन घास में रहना इसका स्वभाव है। यह पक्षी 'सोन चिरैया', 'सोहन चिडिया' तथा 'शर्मिला पक्षी' के उपनामों से भी प्रसिद्ध है। गोडावण का अस्तित्व वर्तमान में खतरे में है तथा इनकी बहुत कम संख्या ही बची हुई है अर्थात यह प्रजाति विलुप्ति की कगार पर है। यह सर्वाहारी पक्षी है। इसकी खाद्य आदतों में गेहूँ, ज्वार, बाजरा आदि अनाजों का भक्षण करना शामिल है किंतु इसका प्रमुख खाद्य टिड्डे आदि कीट है। यह साँप, छिपकली, बिच्छू आदि भी खाता है। यह पक्षी बेर के फल भी पसंद करता है। राजस्थान में अवस्थित राष्ट्रीय मरु उद्यान में गोडावण की घटती संख्या को बढ़ाने के लिये आगामी प्रजनन काल में सुरक्षा के समुचित प्रबंध किए गए हैं।; राष्ट्रीय मरु उद्यान (डेज़र्ट नेशनल पार्क) 3162 वर्ग किमी.
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और गोडावण
गोबल बुटई
गोबल बुटई (King Quail) (Coturnix chinensis) बटेर परिवार का एक पक्षी है और असली बटेर प्रजाति में यह सबसे छोटा सदस्य है। इसे अंग्रेज़ी में और भी कई नाम से जाना जाता है जैसे button Quail, Chinese Painted Quail, Chun-chi, Asian Blue Quail या Blue-breasted Quail। यह पक्षी अफ़्रीका से लेकर दक्षिण पूर्व एशिया तक और फिर आस्ट्रेलिया में भी पाया जाता है। इसकी ठीक से गणना नहीं की गई है किन्तु इसका आवास क्षेत्र इतना विस्तृत है कि इस जाति को ख़तरे से बाहर बताया है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और गोबल बुटई
कठफोड़वा
कठफोड़वा पक्षी कठफोड़वा (वुडपैकर / woodpeckers) पक्षियों की एक प्रजाति है। इसे हुदहुद भी कहा जाता है। इस परिवार के सदस्य दुनिया भर में पाए जाते हैं, ऑस्ट्रेलिया, न्यू गिनी, न्यूजीलैंड, मेडागास्कर, और चरम ध्रुवीय क्षेत्रों के लिए छोड़कर। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और कठफोड़वा
कलचुरी
कलचुरी वंश बुंदेलखंड का एक महत्वपूर्ण शासक रहा है। उनके शासनकाल के दौरान बुंदेलखंड में कई युद्ध हुए और निरंतर अनिश्चय का वातावरण रहा। कलचुरी वंश लगभग तीन सौ वर्ष तक दक्षिणी बुंदेलखंड का शासक रहा। बारहवीं शताब्दी में चंदेल शासकों की बढ़ती शक्ति के कारण कलचुरियों का पराभव हुआ। कलचुरी शैवोपासक थे इसलिए उनके बनवाए मदिरों में शिव मंदिर अधिक हैं। उनमें त्रिदेवों की पूजा भी होती थी। स्थापत्य और मूर्तिकला को कलचुरियों ने काफी प्रोत्साहन दिया। ऐसी भी धारणा है कि समाज में विभिन्न वर्गों में उपजातियों का निर्माण इसी काल में हुआ था। श्रेणी:बुंदेलखंड.
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और कलचुरी
काला तीतर
काला तीतर या काला फ़्रैंकोलिन (Black Francolin) (Francolinus francolinus) फ़ीज़ैन्ट कुल का एक पक्षी है। यह अफ़्गानिस्तान, आर्मीनिया, अज़रबैजान, भूटान, साइप्रस, जॉर्जिया, भारत, ईरान, ईराक, इज़्रायल, जॉर्डन, नेपाल, पाकिस्तान, फ़िलिस्तीनी राज्यक्षेत्र, सीरिया, तुर्की और तुर्कमेनिस्तान में पाया जाता है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और काला तीतर
कालिज
कालिज (Kalij pheasant) (वैज्ञानिक नाम: Lophura leucomelanos) फ़ीज़ॅन्ट कुल का एक पक्षी है जो हिमालय के निचले स्थानों में पाया जाता है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और कालिज
कोकनी लौवा
कोकनी लौवा (Painted Bush Quail) (Perdicula erythrorhyncha) बटेर परिवार का एक पक्षी है जो केवल भारत में ही पाया जाता है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और कोकनी लौवा
कोकलास
कोकलास (Koklass pheasant) (Pucrasia macrolopha) फ़ीज़ॅंट कुल का पक्षी है जो अफ़गानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, नेपाल तथा चीन में पाया जाता है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और कोकलास
छोटी जंगली मुर्गी
छोटी जंगली मुर्गी (Red Spurfowl) (Galloperdix spadicea) फ़ीज़ेन्ट कुल का पक्षी है जो भारत का ही मूल निवासी है। इसकी पूँछ तीतर (जो स्वयं फ़िज़ेन्ट कुल का पक्षी है) की तुलना में लंबी होती है और जब यह ज़मीन पर बैठा होता है, तो इसकी पूँछ साफ़ दिखाई देती है। हालांकि इसका मुर्गी से दूर का भी संबन्ध नहीं है, लेकिन भारत में इसे जंगली मुर्गा ही माना जाता है। .
देखें भारतीय पक्षियों की सूची और छोटी जंगली मुर्गी
भारत के पक्षियों की सूची, भारतीय पक्षी के रूप में भी जाना जाता है।