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बड़ी इलायची

सूची बड़ी इलायची

बड़ी इलायची के सुखाये हुए फल और बीज भारतीय तथा अन्य देशों के व्यंजनों में मसाले के रूप में इस्तेमाल की जाती है। इसे 'काली इलायची', 'भूरी इलायची', 'लाल इलायची', 'नेपाली इलायची' या 'बंगाल इलायची' भी कहते हैं। इसके बीजों में से कपूर की तरह की खुशबू आती है और थोड़ा धूंये का सा स्वाद आता है जो उसके सुखाने के तरीके से आता है। बड़ी इलायची का नाम संस्कृत में एला, काता इत्यादि, मराठी में वेलदोड़े, गुजराती में मोटी एलची तथा लैटिन में ऐमोमम कार्डामोमम है। इसके वृक्ष से पाँच फुट तक ऊँचे भारत तथा नेपाल के पहाड़ी प्रदेशों में होते हैं। फल तिकोने, गहरे कत्थई रंग के और लगभग आधा इंच लंबे तथा बीज छोटी इलायची से कुछ बड़े होते हैं। आयुर्वेद तथा यूनानी उपचार में इसके बीजों के लगभग वे ही गुण कहे गए हैं जो छोटी इलायची के बीजों के। परंतु बड़ी इलायची छोटी से कम स्वादिष्ट होती है। .

सामग्री की तालिका

  1. 21 संबंधों: चाय, चीन, एकबीजपत्री, नेपाल, पादप, पाकिस्तान, भारत, भूटान, मराठी भाषा, मलेरिया, मसाला, मुग़लाई खाना, लातिन भाषा, सपुष्पक पौधा, संस्कृत भाषा, वियतनाम, गरम मसाला, गुजराती भाषा, आयुर्वेद, इलायची, कपूर

  2. मसाले

चाय

चाय एक लोकप्रिय पेय है। यह चाय के पौधों की पत्तियों से बनता है।भारतीय.

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चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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एकबीजपत्री

मोनोकॉट​ (Monocot) या एकबीजपत्री सपुष्पक पौधों का एक समूह है जिनके बीजों में एक ही बीजपत्र (कॉटिलिडन​) होता है। इनके विपरीत युडिकॉट​ (Eudicot) पौधों के बीजों में दो बीजपत्र होते हैं। फूलधारी (सपुष्पक) पौधों की यही दो मुख्य श्रेणियाँ हैं।, Linda R.

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नेपाल

नेपाल, (आधिकारिक रूप में, संघीय लोकतान्त्रिक गणराज्य नेपाल) भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित एक दक्षिण एशियाई स्थलरुद्ध हिमालयी राष्ट्र है। नेपाल के उत्तर मे चीन का स्वायत्तशासी प्रदेश तिब्बत है और दक्षिण, पूर्व व पश्चिम में भारत अवस्थित है। नेपाल के ८१ प्रतिशत नागरिक हिन्दू धर्मावलम्बी हैं। नेपाल विश्व का प्रतिशत आधार पर सबसे बड़ा हिन्दू धर्मावलम्बी राष्ट्र है। नेपाल की राजभाषा नेपाली है और नेपाल के लोगों को भी नेपाली कहा जाता है। एक छोटे से क्षेत्र के लिए नेपाल की भौगोलिक विविधता बहुत उल्लेखनीय है। यहाँ तराई के उष्ण फाँट से लेकर ठण्डे हिमालय की श्रृंखलाएं अवस्थित हैं। संसार का सबसे ऊँची १४ हिम श्रृंखलाओं में से आठ नेपाल में हैं जिसमें संसार का सर्वोच्च शिखर सागरमाथा एवरेस्ट (नेपाल और चीन की सीमा पर) भी एक है। नेपाल की राजधानी और सबसे बड़ा नगर काठमांडू है। काठमांडू उपत्यका के अन्दर ललीतपुर (पाटन), भक्तपुर, मध्यपुर और किर्तीपुर नाम के नगर भी हैं अन्य प्रमुख नगरों में पोखरा, विराटनगर, धरान, भरतपुर, वीरगंज, महेन्द्रनगर, बुटवल, हेटौडा, भैरहवा, जनकपुर, नेपालगंज, वीरेन्द्रनगर, त्रिभुवननगर आदि है। वर्तमान नेपाली भूभाग अठारहवीं सदी में गोरखा के शाह वंशीय राजा पृथ्वी नारायण शाह द्वारा संगठित नेपाल राज्य का एक अंश है। अंग्रेज़ों के साथ हुई संधियों में नेपाल को उस समय (१८१४ में) एक तिहाई नेपाली क्षेत्र ब्रिटिश इंडिया को देने पड़े, जो आज भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड तथा पश्चिम बंगाल में विलय हो गये हैं। बींसवीं सदी में प्रारंभ हुए जनतांत्रिक आन्दोलनों में कई बार विराम आया जब राजशाही ने जनता और उनके प्रतिनिधियों को अधिकाधिक अधिकार दिए। अंततः २००८ में जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि माओवादी नेता प्रचण्ड के प्रधानमंत्री बनने से यह आन्दोलन समाप्त हुआ। लेकिन सेना अध्यक्ष के निष्कासन को लेकर राष्ट्रपति से हुए मतभेद और टीवी पर सेना में माओवादियों की नियुक्ति को लेकर वीडियो फुटेज के प्रसारण के बाद सरकार से सहयोगी दलों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद प्रचण्ड को इस्तीफा देना पड़ा। गौरतलब है कि माओवादियों के सत्ता में आने से पहले सन् २००६ में राजा के अधिकारों को अत्यंत सीमित कर दिया गया था। दक्षिण एशिया में नेपाल की सेना पांचवीं सबसे बड़ी सेना है और विशेषकर विश्व युद्धों के दौरान, अपने गोरखा इतिहास के लिए उल्लेखनीय रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए महत्वपूर्ण योगदानकर्ता रही है। .

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पादप

पादप या उद्भिद (plant) जीवजगत का एक बड़ी श्रेणी है जिसके अधिकांश सदस्य प्रकाश संश्लेषण द्वारा शर्कराजातीय खाद्य बनाने में समर्थ होते हैं। ये गमनागम (locomotion) नहीं कर सकते। वृक्ष, फर्न (Fern), मॉस (mosses) आदि पादप हैं। हरा शैवाल (green algae) भी पादप है जबकि लाल/भूरे सीवीड (seaweeds), कवक (fungi) और जीवाणु (bacteria) पादप के अन्तर्गत नहीं आते। पादपों के सभी प्रजातियों की कुल संख्या की गणना करना कठिन है किन्तु प्रायः माना जाता है कि सन् २०१० में ३ लाख से अधिक प्रजाति के पादप ज्ञात हैं जिनमें से 2.7 लाख से अधिक बीज वाले पादप हैं। पादप जगत में विविध प्रकार के रंग बिरंगे पौधे हैं। कुछ एक को छोड़कर प्रायः सभी पौधे अपना भोजन स्वयं बना लेते हैं। इनके भोजन बनाने की क्रिया को प्रकाश-संश्लेषण कहते हैं। पादपों में सुकेन्द्रिक प्रकार की कोशिका पाई जाती है। पादप जगत इतना विविध है कि इसमें एक कोशिकीय शैवाल से लेकर विशाल बरगद के वृक्ष शामिल हैं। ध्यातव्य है कि जो जीव अपना भोजन खुद बनाते हैं वे पौधे होते हैं, यह जरूरी नहीं है कि उनकी जड़ें हों ही। इसी कारण कुछ बैक्टीरिया भी, जो कि अपना भोजन खुद बनाते हैं, पौधे की श्रेणी में आते हैं। पौधों को स्वपोषित या प्राथमिक उत्पादक भी कहा जाता है। 'पादपों में भी प्राण है' यह सबसे पहले जगदीश चन्द्र बसु ने कहा था। पादपों का वैज्ञानिक अध्ययन वनस्पति विज्ञान कहलाता है। .

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पाकिस्तान

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भूटान

भूटान का राजतंत्र (भोटान्त) हिमालय पर बसा दक्षिण एशिया का एक छोटा और महत्वपूर्ण देश है। यह चीन (तिब्बत) और भारत के बीच स्थित भूमि आबद्ध(Land Lock)देश है। इस देश का स्थानीय नाम ड्रुग युल है, जिसका अर्थ होता है अझ़दहा का देश। यह देश मुख्यतः पहाड़ी है और केवल दक्षिणी भाग में थोड़ी सी समतल भूमि है। यह सांस्कृतिक और धार्मिक तौर से तिब्बत से जुड़ा है, लेकिन भौगोलिक और राजनीतिक परिस्थितियों के मद्देनजर वर्तमान में यह देश भारत के करीब है। .

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मराठी भाषा

मराठी भारत के महाराष्ट्र प्रांत में बोली जानेवाली सबसे मुख्य भाषा है। भाषाई परिवार के स्तर पर यह एक आर्य भाषा है जिसका विकास संस्कृत से अपभ्रंश तक का सफर पूरा होने के बाद आरंभ हुआ। मराठी भारत की प्रमुख भाषओं में से एक है। यह महाराष्ट्र और गोवा में राजभाषा है तथा पश्चिम भारत की सह-राजभाषा हैं। मातृभाषियों कि संख्या के आधार पर मराठी विश्व में पंद्रहवें और भारत में चौथे स्थान पर है। इसे बोलने वालों की कुल संख्या लगभग ९ करोड़ है। यह भाषा 900 ईसवी से प्रचलन में है और यह भी हिन्दी के समान संस्कृत आधारित भाषा है। .

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मलेरिया

मलेरिया या दुर्वात एक वाहक-जनित संक्रामक रोग है जो प्रोटोज़ोआ परजीवी द्वारा फैलता है। यह मुख्य रूप से अमेरिका, एशिया और अफ्रीका महाद्वीपों के उष्ण तथा उपोष्ण कटिबंधी क्षेत्रों में फैला हुआ है। प्रत्येक वर्ष यह ५१.५ करोड़ लोगों को प्रभावित करता है तथा १० से ३० लाख लोगों की मृत्यु का कारण बनता है जिनमें से अधिकतर उप-सहारा अफ्रीका के युवा बच्चे होते हैं। मलेरिया को आमतौर पर गरीबी से जोड़ कर देखा जाता है किंतु यह खुद अपने आप में गरीबी का कारण है तथा आर्थिक विकास का प्रमुख अवरोधक है। मलेरिया सबसे प्रचलित संक्रामक रोगों में से एक है तथा भंयकर जन स्वास्थ्य समस्या है। यह रोग प्लास्मोडियम गण के प्रोटोज़ोआ परजीवी के माध्यम से फैलता है। केवल चार प्रकार के प्लास्मोडियम (Plasmodium) परजीवी मनुष्य को प्रभावित करते है जिनमें से सर्वाधिक खतरनाक प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम (Plasmodium falciparum) तथा प्लास्मोडियम विवैक्स (Plasmodium vivax) माने जाते हैं, साथ ही प्लास्मोडियम ओवेल (Plasmodium ovale) तथा प्लास्मोडियम मलेरिये (Plasmodium malariae) भी मानव को प्रभावित करते हैं। इस सारे समूह को 'मलेरिया परजीवी' कहते हैं। मलेरिया के परजीवी का वाहक मादा एनोफ़िलेज़ (Anopheles) मच्छर है। इसके काटने पर मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश कर के बहुगुणित होते हैं जिससे रक्तहीनता (एनीमिया) के लक्षण उभरते हैं (चक्कर आना, साँस फूलना, द्रुतनाड़ी इत्यादि)। इसके अलावा अविशिष्ट लक्षण जैसे कि बुखार, सर्दी, उबकाई और जुखाम जैसी अनुभूति भी देखे जाते हैं। गंभीर मामलों में मरीज मूर्च्छा में जा सकता है और मृत्यु भी हो सकती है। मलेरिया के फैलाव को रोकने के लिए कई उपाय किये जा सकते हैं। मच्छरदानी और कीड़े भगाने वाली दवाएं मच्छर काटने से बचाती हैं, तो कीटनाशक दवा के छिडकाव तथा स्थिर जल (जिस पर मच्छर अण्डे देते हैं) की निकासी से मच्छरों का नियंत्रण किया जा सकता है। मलेरिया की रोकथाम के लिये यद्यपि टीके/वैक्सीन पर शोध जारी है, लेकिन अभी तक कोई उपलब्ध नहीं हो सका है। मलेरिया से बचने के लिए निरोधक दवाएं लम्बे समय तक लेनी पडती हैं और इतनी महंगी होती हैं कि मलेरिया प्रभावित लोगों की पहुँच से अक्सर बाहर होती है। मलेरिया प्रभावी इलाके के ज्यादातर वयस्क लोगों मे बार-बार मलेरिया होने की प्रवृत्ति होती है साथ ही उनमें इस के विरूद्ध आंशिक प्रतिरोधक क्षमता भी आ जाती है, किंतु यह प्रतिरोधक क्षमता उस समय कम हो जाती है जब वे ऐसे क्षेत्र मे चले जाते है जो मलेरिया से प्रभावित नहीं हो। यदि वे प्रभावित क्षेत्र मे वापस लौटते हैं तो उन्हे फिर से पूर्ण सावधानी बरतनी चाहिए। मलेरिया संक्रमण का इलाज कुनैन या आर्टिमीसिनिन जैसी मलेरियारोधी दवाओं से किया जाता है यद्यपि दवा प्रतिरोधकता के मामले तेजी से सामान्य होते जा रहे हैं। .

देखें बड़ी इलायची और मलेरिया

मसाला

गोवा की एक दुकान में मसाले इस्तानबुल की एक दुकान में मसाले भोजन को सुवास बनाने, रंगने या संरक्षित करने के उद्देश्य से उसमें मिलाए जाने वाले सूखे बीज, फल, जड़, छाल, या सब्जियों को मसाला (spice) कहते हैं। कभी-कभी मसाले का प्रयोग दूसरे फ्लेवर को छुपाने के लिए भी किया जाता है। मसाले, जड़ी-बूटियों से अलग हैं। पत्तेदार हरे पौधों के विभिन्न भागों को जड़ी-बूटी (हर्ब) कहते हैं। इनका भी उपयोग फ्लेवर देने या अलंकृत करने (garnish) के लिए किया जाता है। बहुत से मसालों में सूक्ष्मजीवाणुओं को नष्ट करने की क्षमता पाई जाती है। .

देखें बड़ी इलायची और मसाला

मुग़लाई खाना

मुग़लाई खाना विशेष रूप से भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भागों में पसन्द किया जाता है। .

देखें बड़ी इलायची और मुग़लाई खाना

लातिन भाषा

लातीना (Latina लातीना) प्राचीन रोमन साम्राज्य और प्राचीन रोमन धर्म की राजभाषा थी। आज ये एक मृत भाषा है, लेकिन फिर भी रोमन कैथोलिक चर्च की धर्मभाषा और वैटिकन सिटी शहर की राजभाषा है। ये एक शास्त्रीय भाषा है, संस्कृत की ही तरह, जिससे ये बहुत ज़्यादा मेल खाती है। लातीना हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की रोमांस शाखा में आती है। इसी से फ़्रांसिसी, इतालवी, स्पैनिश, रोमानियाई और पुर्तगाली भाषाओं का उद्गम हुआ है (पर अंग्रेज़ी का नहीं)। यूरोप में ईसाई धर्म के प्रभुत्व की वजह से लातीना मध्ययुगीन और पूर्व-आधुनिक कालों में लगभग सारे यूरोप की अंतर्राष्ट्रीय भाषा थी, जिसमें समस्त धर्म, विज्ञान, उच्च साहित्य, दर्शन और गणित की किताबें लिखी जाती थीं। .

देखें बड़ी इलायची और लातिन भाषा

सपुष्पक पौधा

कमल बीज पैदा करनेवाले पौधे दो प्रकार के होते हैं: नग्न या विवृतबीजी तथा बंद या संवृतबीजी। सपुष्पक, संवृतबीजी, या आवृतबीजी (flowering plants या angiosperms या Angiospermae या Magnoliophyta, Magnoliophyta, मैग्नोलिओफाइटा) एक बहुत ही बृहत् और सर्वयापी उपवर्ग है। इस उपवर्ग के पौधों के सभी सदस्यों में पुष्प लगते हैं, जिनसे बीज फल के अंदर ढकी हुई अवस्था में बनते हैं। ये वनस्पति जगत् के सबसे विकसित पौधे हैं। मनुष्यों के लिये यह उपवर्ग अत्यंत उपयोगी है। बीज के अंदर एक या दो दल होते हैं। इस आधार पर इन्हें एकबीजपत्री और द्विबीजपत्री वर्गों में विभाजित करते हैं। सपुष्पक पौधे में जड़, तना, पत्ती, फूल, फल निश्चित रूप से पाए जाते हैं। .

देखें बड़ी इलायची और सपुष्पक पौधा

संस्कृत भाषा

संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार का एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। .

देखें बड़ी इलायची और संस्कृत भाषा

वियतनाम

वियतनाम (आधिकारिक तौर पर वियतनाम समाजवादी गणराज्य) दक्षिणपूर्व एशिया के हिन्दचीन प्रायद्वीप के पूर्वी भाग में स्थित एक देश है। इसके उत्तर में चीन, उत्तर पश्चिम में लाओस, दक्षिण पश्चिम में कंबोडिया और पूर्व में दक्षिण चीन सागर स्थित है। २००८ में ८ करोड़ ६१ लाख की जनसंख्या के साथ वियतनाम दुनिया में १३वाँ सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। बौद्ध धर्म यहां का प्रमुख धर्म है जो देश जनसंख्या का ८५% हिस्सा है। और बौद्ध जनसंख्या में ये दुनिया का तीसरा बड़ा देश है (चीन और जापान के बाद)। वियतनाम में आज करीब ७.५ करोड़ बौद्ध धर्म के अनुयायी है। .

देखें बड़ी इलायची और वियतनाम

गरम मसाला

भारत में मसालों का ज़ायका क्षेत्र के अनुसार बदलता रहता है इसीलिए पंजाबी गरम मसाले, कश्मीरी गरम मसाले, केरलाई गरम मसाले आदि नामों से मसाले बनते हैं। इनमें क्षेत्र को निवासियों के स्वाद व पसंद के अनुसार घटकों में परिवर्तन होता रहता है। इलायची, काली मिर्च, जीरा, दालचीनी व लवंग सभी मसालों में शामिल होतो हैं। बाकी घटक क्षेत्रवार या पसंद के अनुसार मिलाए जाते हैं, जैसे, पंजाबी गरम मसाले में धनिया, तेजपत्ता, सोंठ भी मिलाए जाते हैं। इसी प्रकार कश्मीरी गरम मसाले में घटकों की संख्या अधिक होती है जिससे व्यंजन में खुशबू आती है और ज़ायके में अंतर होता है। यहाँ चारों किस्म के मसालों का तुलनात्मक चार्ट दिया जा रहा है - घटकों की मात्राएँ इस बात पर निर्भर करेंगी कि हमें कितनी मात्रा में मसाला चाहिए। आमतौर पर २०० या २५० ग्राम की कुल मात्र के आधार पर घटकों की मात्रा निर्धारित की जाती है। श्रेणी:मसाले.

देखें बड़ी इलायची और गरम मसाला

गुजराती भाषा

गुजराती भारत की एक भाषा है जो गुजरात राज्य, दीव और मुंबई में बोली जाती है। गुजराती साहित्य भारतीय भाषाओं के सबसे अधिक समृद्ध साहित्य में से है। भारत की दूसरी भाषाओं की तरह गुजराती भाषा का जन्म संस्कृत भाषा से हुआ है। वहीं इसके कई शब्द ब्रजभाषा के हैं ऐसा भी माना जाता है की इसका जन्म ब्रजभाषा में से भी हुआ अर्थात संस्कृत और ब्रजभाषा के मिले जुले शब्दों से गुजरातीे भाषा का जन्म हुआ। दूसरे राज्य एवं विदेशों में भी गुजराती बोलने वाले लोग निवास करते हैं। जिन में पाकिस्तान, अमेरिका, यु.के., केन्या, सिंगापुर, अफ्रिका, ऑस्ट्रेलीया मुख्य है। भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की मातृभाषा गुजराती थी। गुजराती बोलने वाले भारत के दूसरे महानुभावों में पाकिस्तान के राष्ट्रपिता मुहम्मद अली जिन्ना, महर्षि दयानंद सरस्वती, मोरारजी देसाई, नरेन्द्र मोदी, धीरु भाई अंबानी भी सम्मिलित है। .

देखें बड़ी इलायची और गुजराती भाषा

आयुर्वेद

आयुर्वेद के देवता '''भगवान धन्वन्तरि''' आयुर्वेद (आयुः + वेद .

देखें बड़ी इलायची और आयुर्वेद

इलायची

इलायची का सेवन आमतौर पर मुखशुद्धि के लिए अथवा मसाले के रूप में किया जाता है। यह दो प्रकार की आती है- हरी या छोटी इलायची तथा बड़ी इलायची। जहाँ बड़ी इलायची व्यंजनों को लजीज बनाने के लिए एक मसाले के रूप में प्रयुक्त होती है, वहीं हरी इलायची मिठाइयों की खुशबू बढ़ाती है। मेहमानों की आवभगत में भी इलायची का इस्तेमाल होता है। लेकिन इसकी महत्ता केवल यहीं तक सीमित नहीं है। यह औषधीय गुणों की खान है। संस्कृत में इसे एला कहा जाता है। छोटी इलायची को संस्कृत में 'एला', 'तीक्ष्णगंधा' इत्यादि और लैटिन में एलेटेरिआ कार्डामोमम कहते हैं। भारत में इसके बीजों का उपयोग अतिथिसत्कार, मुखशुद्धि तथा पकवानों को सुगंधित करने के लिए होता है। ये पाचनवर्धक तथा रुचिवर्धक होते हैं। आयुर्वेदिक मतानुसार इलाचयी शीतल, तीक्ष्ण, मुख को शुद्ध करनेवाली, पित्तजनक तथा वात, श्वास, खाँसी, बवासीर, क्षय, वस्तिरोग, सुजाक, पथरी, खुजली, मूत्रकृच्छ तथा हृदयरोग में लाभदायक है। इलायची के बीजों में एक प्रकार का उड़नशील तैल (एसेंशियल ऑएल) होता है। .

देखें बड़ी इलायची और इलायची

कपूर

कपूर (संस्कृत: कर्पूर) उड़नशील वानस्पतिक द्रव्य है। यह सफेद रंग का मोम की तरह का पदार्थ है। इसमे एक तीखी गंध होती है। कपूर को संस्कृत में कर्पूर, फारसी में काफ़ूर और अंग्रेजी में कैंफ़र कहते हैं। कपूर उत्तम वातहर, दीपक और पूतिहर होता है। त्वचा और फुफ्फुस के द्वारा उत्सर्जित होने के कारण यह स्वेदजनक और कफघ्न होता है। न्यूनाधिक मात्रा में इसकी क्रिया भिन्न-भिन्न होती है। साधारण औषधीय मात्रा में इससे प्रारंभ में सर्वाधिक उत्तेजन, विशेषत: हृदय, श्वसन तथा मस्तिष्क, में होता है। पीछे उसके अवसादन, वेदनास्थापन और संकोच-विकास-प्रतिबंधक गुण देखने में आते हैं। अधिक मात्रा में यह दाहजनक और मादक विष हो जाता है। .

देखें बड़ी इलायची और कपूर

यह भी देखें

मसाले

नेपाली इलायची, बंगाल इलायची, लाल इलायची के रूप में भी जाना जाता है।