लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

फल

सूची फल

फल और सब्ज़ियाँ निषेचित, परिवर्तित एवं परिपक्व अंडाशय को फल कहते हैं। साधारणतः फल का निर्माण फूल के द्वारा होता है। फूल का स्त्री जननकोष अंडाशय निषेचन की प्रक्रिया द्वारा रूपान्तरित होकर फल का निर्माण करता है। कई पादप प्रजातियों में, फल के अंतर्गत पक्व अंडाशय के अतिरिक्त आसपास के ऊतक भी आते है। फल वह माध्यम है जिसके द्वारा पुष्पीय पादप अपने बीजों का प्रसार करते हैं, हालांकि सभी बीज फलों से नहीं आते। किसी एक परिभाषा द्वारा पादपों के फलों के बीच में पायी जाने वाली भारी विविधता की व्याख्या नहीं की जा सकती है। छद्मफल (झूठा फल, सहायक फल) जैसा शब्द, अंजीर जैसे फलों या उन पादप संरचनाओं के लिए प्रयुक्त होता है जो फल जैसे दिखते तो है पर मूलत: उनकी उत्पप्ति किसी पुष्प या पुष्पों से नहीं होती। कुछ अनावृतबीजी, जैसे कि यूउ के मांसल बीजचोल फल सदृश होते है जबकि कुछ जुनिपरों के मांसल शंकु बेरी जैसे दिखते है। फल शब्द गलत रूप से कई शंकुधारी वृक्षों के बीज-युक्त मादा शंकुओं के लिए भी होता है। .

40 संबंधों: ऊतक, चावल, टमाटर, दल चक्र, निम्बू-वंश, निषेचन, पादप हार्मोन, पादपरसायन, पिस्ता, पक्षाघात, पुष्प, पुंकेशर चक्र, प्राणी, फलों की सूची, बाह्यदलपुंज, बैंगन, बीज, बीजाण्ड, भ्रूणपोष, मटर, मसाला, मिर्च, मक्का, मूँगफली, मोतियाबिंद, रेवतचीनी, शहतूत, सेम, हृदय रोग, जल, वायु, खीरा, गिरी, गेहूँ, कर्कट रोग, कुम्हड़ा, कोणधारी, अनानास, अनावृतबीजी, अंजीर

ऊतक

ऊतक (tissue) किसी जीव के शरीर में कोशिकाओं के ऐसे समूह को कहते हैं जिनकी उत्पत्ति एक समान हो तथा वे एक विशेष कार्य करती हो। अधिकांशतः ऊतको का आकार एंव आकृति एक समान होती है। परंतु कभी कभी कुछ उतकों के आकार एंव आकृति में असमानता पाई जाती है, मगर उनकी उत्पत्ति एंव कार्य समान ही होते हैं। कोशिकाएँ मिलकर ऊतक का निर्माण करती हैं। ऊतक के अध्ययन को ऊतक विज्ञान (Histology) के रूप में जाना जाता है। .

नई!!: फल और ऊतक · और देखें »

चावल

मिश्रित चावल: सफेद चावल, भूरा चावल, लाल चावल और जंगली चावल चावल विभिन्न आकार, रंग, रूप में आते हैं। धान से लेकर सफेद चावल बनाने की प्रक्रिया धान के बीज को चावल कहते हैं। यह धान से ऊपर का छिलका हटाने से प्राप्त होता है। चावल सम्पूर्ण पूर्वी जगत में प्रमुख रूप से खाए जाने वाला अनाज है। भारत में भात, खिचड़ी सहित काफी सारे पक्वान्न बनते हैं। चावल का चलन दक्षिण भारत और पूर्वी-दक्षिणी भारत में उत्तर भारत से अधिक है। इसे संस्कृत में 'तण्डुल' कहा जाता है और तमिल में 'अरिसि' कहा जाता है। इसे कभी-कभार 'षड्रस' भी कहा जाता है, क्योंकि में स्वाद के छहों प्रमुख रस मौजूद हैं। सांस्कृतिक हिंदी में पके हुए चावल को भात कहा जाता है, किन्तु अधिकतर हिन्दी भाषी 'भात' शब्द का प्रयोग कम ही करते हैं। चावल की फ़सल को धान कहते हैं। बासमती चावल भारत का प्रसिद्ध चावल जो विदेशों को निर्यात भी किया जाता है। .

नई!!: फल और चावल · और देखें »

टमाटर

टमाटर विश्व में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाली सब्जी है। इसका पुराना वानस्पतिक नाम लाइकोपोर्सिकान एस्कुलेंटम मिल है। वर्तमान समय में इसे सोलेनम लाइको पोर्सिकान कहते हैं। बहुत से लोग तो ऐसे हैं जो बिना टमाटर के खाना बनाने की कल्पना भी नहीं कर सकते। इसकी उत्पति दक्षिण अमेरिकी ऐन्डीज़ में हुआ। मेक्सिको में इसका भोजन के रूप में प्रयोग आरम्भ हुआ और अमेरिका के स्पेनिस उपनिवेश से होते हुये विश्वभर में फैल गया। .

नई!!: फल और टमाटर · और देखें »

दल चक्र

एक फूल जिसमें हरे रंग के बाह्यदलपुंज तथा पीले रंग के दलपुंज को स्पष्ट देखा जा सकता है। फूल के हरी पंखुड़ियों के भीतर दलचक्र स्थित रहता है। ये प्रायः रंगीन होते हैं तथा इनमें सुगन्ध भी मौजूद रहती है। रात के समय खिलने वाले पुष्पों के रंग सफेद होते हैं तथा उनमें तेज सुगन्ध होती है। दल चक्र के एक भाग को दल कहते हैं। श्रेणी:फूल श्रेणी:परागण.

नई!!: फल और दल चक्र · और देखें »

निम्बू-वंश

निम्बू-वंश एक पादप वंश है, जो रुटेसी (Rutaceae) कुल के पुष्पीय पादपों का वंश है। इनकी उत्पत्ति दुनिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्ण दक्षिण पूर्वी क्षेत्रों में हुई है। इस वंश की वर्गिकी और क्रमबद्धता जटिल है और इसकी प्राकृतिक प्रजातियों की सटीक संख्या अस्पष्ट है, क्योंकि कई ज्ञात प्रजातियां कृंतकीय रूप से विकसित संकर प्रजाति हैं और इस बात के आनुवंशिक साक्ष्य हैं कि कुछ जंगली, विशुद्ध-प्रजनित वास्तव मे संकर, मूल की हैं। निम्बू-वंश के कृषि योग्य फल मूलतः चार पैतृक प्रजातियों से संबंधित हैं। वाणिज्यिक रूप से कृषि योग्य प्राकृतिक और मूल संकर प्रजातियों मे महत्वपूर्ण फल हैं, संतरा, चकोतरा, नीबू, नारंगी और किन्नू। .

नई!!: फल और निम्बू-वंश · और देखें »

निषेचन

एक शुक्राणु कोशिका, अण्डाणु को निशेचित कर रही है। जन्तुओं के मादा के अंडाणु और नर के शुक्राणु मिलकर एकाकार हो जाते हैं और नये 'जीव' का सृजन करते हैं; इसे या निषेचन (Fertilisation) कहते हैं। .

नई!!: फल और निषेचन · और देखें »

पादप हार्मोन

ऑक्सिम हार्मोन के अभाव मे पादप (दांय) की असमान्य वृद्धि पादप हार्मोन, जिन्हें फाइटोहार्मोन भी कहते हैं, रसायन होते हैं जो पौधों के विकास को विनियमित करते हैं। पादप हार्मोन, संकेत अणु होते है और बहुत कम परिमाण में इनका उत्पादन पौधों में ही होता है। हार्मोन, स्थानीय रूप से लक्षित कोशिकाओं में कोशिकीय प्रक्रियाओं को विनियमित करते हैं और जब यह पौधे में दूसरे स्थानों पर पहुँचते हैं तो वहाँ कि कोशिकीय प्रक्रियाओं को विनियमित करते हैं। पौधों में जानवरों की तरह हार्मोन के उत्पादन और स्रावण के लिए ग्रंथियों नहीं होतीं। पादप हार्मोन, पौधे को निश्चित आकार देने के साथ, बीज विकास, पुष्पण का समय, फूलों के लिंग, पत्तियों और फलों के वार्धक्य (बुढा़पा) के लिए उत्तरदायी होते हैं। यह उन ऊतकों जो नीचे या ऊपर की ओर बढ़ते हैं, पत्ती और तने के विकास, फल विकास और पक्वन, पादप की दीर्घायु और यहां तक कि उसकी मृत्यु को भी प्रभावित करते हैं। हार्मोन, पादप के विकास के लिए महत्वपूर्ण है और इनके अभाव में पादप का विकास नामुमकिन है। पौधों में मुख्यतः पाँच प्रकार के हार्मोन पाए जाते हैं। वे हैं - अॉक्स़िन, जिब्रेलिक अम्ल, साइटोकाईनिन, इथाइलिन और एब्सिसिक अम्ल। श्रेणी:हार्मोन.

नई!!: फल और पादप हार्मोन · और देखें »

पादपरसायन

पादपरसायन के कारण ब्लूबेरी में गहरा रंग पादपरसायन या फाइटोकैमिकल बीटा कैरोटीन जैसे वो कार्बनिक यौगिक होते हैं, जो वनस्पतियों में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध होते हैं। ये रसायन स्वास्थ्य के लिये लाभकारक हो सकते हैं, किन्तु अभी तक पोषण के लिये आवश्यक सिद्ध नहीं हुए हैं। हालांकि इन रसायनों से परिपूर्ण फलों व सब्जियों से मिश्रित आहार का परामर्श देने हेतु पर्याप्त वैज्ञानिक एवं सरकारी समर्थन मिला हुआ है, किन्तु फिर भी कुछ विशेष पादपरसायनों के द्वारा मिलने वाले लाभों के बारे में मात्र कुछ ही सीमित प्रमाण उपलब्ध हैं। फलों और सब्जियों में रोगों से लड़ने वाले एंटीआक्सीडेंट्स और पादपरसायन पाये जाते हैं। फाइटोकैमिकल्स, हृदय रोग, कैंसर मधुमेह जैसे रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। .

नई!!: फल और पादपरसायन · और देखें »

पिस्ता

पिस्ता एक प्रकार का मेवा है। ड्राइ फ्रूट्स के रूप में इस्तेमाल होने वाला पिस्ता न केवल एक बेहतर स्नैक है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। एक ताजा अध्ययन के अनुसार इसका नियमित सेवन शरीर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को नियंत्रित कर ब्लड में शुगर के लेवल को घटाता है। टोरंटो यूनिवर्सिटी की ओर से किए गए अध्ययन की रिपोर्ट के मुताबिक "पिस्ता को कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद पदार्थ जैसे व्हाइट ब्रेड के साथ खाने से शरीर में कार्बोहाइट्रेड की अधिक मात्रा नहीं पहुंचती और जिसके कारण खून में शर्करा का स्तर नहीं बढ़ पाता।" शोधकर्ताओं के अनुसार भारत जैसे देश जहां लगभग चार करोड़ लोग डाइबिटीज के शिकार हैं और वर्ष 2025 तक इसके आठ करोड़ तक के आंकड़े को पार करने की आशंका है, पिस्ता का सेवन डाइबिटीज के मरीजों की संख्या को नियंत्रित कर सकता है। इस शोध का नेतृत्व करने वाले शोधकर्ता सिरील केनडॉल का कहना है कि "डाइबिटीज के इलाज और बचाव के लिए ब्लड में ग्लुकोज के स्तर को नियंत्रित करना जरूरी है। आमतौर पर खून में शुगर का लेवल कार्बोहाइड्रेट की अधिकता से बढ़ता है। हमने जो अध्ययन किया है, उसके प्रारंभिक परिणामों से स्पष्ट है कि पिस्ता का सेवन शरीर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को बढ़ने नहीं देता और परिणामस्वरूप खून में शर्करा का मात्रा नियंत्रित रहती है।" इसके साथ ही अध्ययन में पता चला है कि पिस्ता भूख को उत्तेजित करने वाले हार्मोन को भी नियंत्रित करता है, जिससे लंबे समय तक डाइबिटीज से बचाव संभव है। गौरतलब है कि अत्याधिक भोजन करने से भी शरीर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बढ़ती है और यह डाइबिटीज को का सबसे बड़ा कारण है। .

नई!!: फल और पिस्ता · और देखें »

पक्षाघात

पक्षाघात या लकवा मारना (Paralysis) एक या एकाधिक मांसपेशी समूह की मांसपेशियों के कार्य करने में पूर्णतः असमर्थ होने की स्थिति को कहते हैं। पक्षाघात से प्रभावी क्षेत्र की संवेदन-शक्ति समाप्त हो सकती है या उस भाग को चलना-फिरना या घुमाना असम्भव हो जाता है। यदि दुर्बलता आंशिक है तो उसे आंशिक पक्षाघात कहते हैं। .

नई!!: फल और पक्षाघात · और देखें »

पुष्प

flower bouquet) पर चित्रकारी रेशम पर स्याही और रंग, १२ वीं शताब्दी की अंत-अंत में और १३ वीं शताब्दी के प्रारम्भ में. पुष्प, अथवा फूल, जनन संरचना है जो पौधों में पाए जाते हैं। ये (मेग्नोलियोफाईटा प्रकार के पौधों में पाए जाते हैं, जिसे एग्नियो शुक्राणु भी कहा जाता है। एक फूल की जैविक क्रिया यह है कि वह पुरूष शुक्राणु और मादा बीजाणु के संघ के लिए मध्यस्तता करे। प्रक्रिया परागन से शुरू होती है, जिसका अनुसरण गर्भधारण से होता है, जो की बीज के निर्माण और विखराव/ विसर्जन में ख़त्म होता है। बड़े पौधों के लिए, बीज अगली पुश्त के मूल रूप में सेवा करते हैं, जिनसे एक प्रकार की विशेष प्रजाति दुसरे भूभागों में विसर्जित होती हैं। एक पौधे पर फूलों के जमाव को पुष्पण (inflorescence) कहा जाता है। फूल-पौधों के प्रजनन अवयव के साथ-साथ, फूलों को इंसानों/मनुष्यों ने सराहा है और इस्तेमाल भी किया है, खासकर अपने माहोल को सजाने के लिए और खाद्य के स्रोत के रूप में भी। .

नई!!: फल और पुष्प · और देखें »

पुंकेशर चक्र

पुंकेशर चक्र फूल का नर भाग है। .

नई!!: फल और पुंकेशर चक्र · और देखें »

प्राणी

प्राणी या जंतु या जानवर 'ऐनिमेलिया' (Animalia) या मेटाज़ोआ (Metazoa) जगत के बहुकोशिकीय और सुकेंद्रिक जीवों का एक मुख्य समूह है। पैदा होने के बाद जैसे-जैसे कोई प्राणी बड़ा होता है उसकी शारीरिक योजना निर्धारित रूप से विकसित होती जाती है, हालांकि कुछ प्राणी जीवन में आगे जाकर कायान्तरण (metamorphosis) की प्रकिया से गुज़रते हैं। अधिकांश जंतु गतिशील होते हैं, अर्थात अपने आप और स्वतंत्र रूप से गति कर सकते हैं। ज्यादातर जंतु परपोषी भी होते हैं, अर्थात वे जीने के लिए दूसरे जंतु पर निर्भर रहते हैं। अधिकतम ज्ञात जंतु संघ 542 करोड़ साल पहले कैम्ब्रियन विस्फोट के दौरान जीवाश्म रिकॉर्ड में समुद्री प्रजातियों के रूप में प्रकट हुए। .

नई!!: फल और प्राणी · और देखें »

फलों की सूची

* अंगूर.

नई!!: फल और फलों की सूची · और देखें »

बाह्यदलपुंज

एक फूल जिसमें हरे रंग के बाह्यदलपुंज तथा पीले रंग के दलपुंज को स्पष्ट देखा जा सकता है। पुष्प के सबसे बाहरी चक्र को बाह्यदलपुंज कहा जाता है। यह पुष्प का सबसे नीचे एवं बाहर का भाग है। इसमें पत्तियों के समान हरे रंग के कई बाह्य दल या अंखुड़ी पाए जाते हैं। जिस समय फूल कली की अवस्था में रहता है, बाह्य दल उसे ढँककर रखता है तथा उसकी रक्षा करती है। श्रेणी:फूल.

नई!!: फल और बाह्यदलपुंज · और देखें »

बैंगन

बैंगन का फला हुआ पौधा सब्ज़ी जिसके सिर पर ताज है:- '''बैंगन''' बैगन (Brinjal) एक सब्जी है। बैंगन भारत में ही पैदा हुआ और आज आलू के बाद दूसरी सबसे अधिक खपत वाली सब्जी है। विश्व में चीन (54 प्रतिशत) के बाद भारत बैंगन की दूसरी सबसे अधिक पैदावार (27 प्रतिशत) वाले देश हैं। यह देश में 5.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में उगाया जाता है। बैंगन का पौधा २ से ३ फुट ऊँचा खड़ा लगता है। फल बैंगनी या हरापन लिए हुए पीले रंग का, या सफेद होता है और कई आकार में, गोल, अंडाकार, या सेव के आकार का और लंबा तथा बड़े से बड़ा फुटबाल गेंद सा हो सकता है। लंबाई में एक फुट तक का हो सकता है। बैंगन भारत का देशज है। प्राचीन काल से भारत से इसकी खेती होती आ रही है। ऊँचे भागों को छोड़कर समस्त भारत में यह उगाया जाता है। .

नई!!: फल और बैंगन · और देखें »

बीज

विभिन्न पौधों के बीज बीज की परिभाषा बीज एक परिपक्व बीजाण्ड है,जो निषेचन के बाद क्रियाशिल होता है,बीज उचित परिस्थितिया जैसे जल,वायु,सूर्य प्रकास आदि मिलने पर क्रियाशिल होता है। .

नई!!: फल और बीज · और देखें »

बीजाण्ड

thumb बीजाण्ड शाब्दिक अर्थ मे बीज का अंडा होता है। किसी भी बीज उत्पन्न करने वाले पादप मे बीजाण्ड वह संरचनायें होती हैं जहाँ, मादा प्रजननात्मक कोशिकाओं का निर्माण व भंडारण होता है। श्रेणी:फूल.

नई!!: फल और बीजाण्ड · और देखें »

भ्रूणपोष

कुछ पौधों के बीजों में खाद्य संग्रह के लिए विशेष प्रकार की रचना पाइ जाती है जिन्हें भ्रूणपोष कहते हैं। श्रेणी:वनस्पति विज्ञान.

नई!!: फल और भ्रूणपोष · और देखें »

मटर

मटर एक फूल धारण करने वाला द्विबीजपत्री पौधा है। इसकी जड़ में गांठे मिलती हैं। इसकी संयुक्त पत्ती के अगल कुछ पत्रक प्रतान में बदल जाते हैं। यह शाकीय पौधा है जिसका तना खोखला होता है। इसकी पत्ती सेयुक्त होती है। इसके फूल पूर्ण एवं तितली के आकार के होते हैं। इसकी फली लम्बी, चपटी एवं अनेक बीजों वाली होती है। मटर के एक बीज का वजन ०.१ से ०.३६ ग्राम होता है। .

नई!!: फल और मटर · और देखें »

मसाला

गोवा की एक दुकान में मसाले इस्तानबुल की एक दुकान में मसाले भोजन को सुवास बनाने, रंगने या संरक्षित करने के उद्देश्य से उसमें मिलाए जाने वाले सूखे बीज, फल, जड़, छाल, या सब्जियों को मसाला (spice) कहते हैं। कभी-कभी मसाले का प्रयोग दूसरे फ्लेवर को छुपाने के लिए भी किया जाता है। मसाले, जड़ी-बूटियों से अलग हैं। पत्तेदार हरे पौधों के विभिन्न भागों को जड़ी-बूटी (हर्ब) कहते हैं। इनका भी उपयोग फ्लेवर देने या अलंकृत करने (garnish) के लिए किया जाता है। बहुत से मसालों में सूक्ष्मजीवाणुओं को नष्ट करने की क्षमता पाई जाती है। .

नई!!: फल और मसाला · और देखें »

मिर्च

मिर्च मिर्च कैप्सिकम वंश के एक पादप का फल है, तथा यह सोलेनेसी (Solanaceae) कुल का एक सदस्य है। वनस्पति विज्ञान में इस पौधे को एक बेरी की झाड़ी समझा जाता है। स्वाद, तीखापन और गूदे की मात्रा, के अनुसार इनका उपयोग एक सब्जी (शिमला मिर्च) या एक मसाले (लाल मिर्च) के रूप में किया जाता है। मिर्च प्राप्त करने के लिए इसकी खेती की जाती है। मिर्च का जन्म स्थान दक्षिण अमेरिका है जहाँ से यह पूरे विश्व में फैली। अब इनकी विभिन्न किस्में पूरे विश्व में उगायी जा रही हैं। मिर्च का प्रयोग एक औषधि के रूप में भी होता है। मिर्ची का तीखापन केप्सेसिन के कारण होता है। .

नई!!: फल और मिर्च · और देखें »

मक्का

*मक्का (शहर)- सउदी अरब पवित्र शहर.

नई!!: फल और मक्का · और देखें »

मूँगफली

मूँगफली (peanut, या groundnut; वानस्पतिक नाम: Arachis hypogaea) एक प्रमुख तिलहन फसल है। मूँगफली वानस्पतिक प्रोटीन का एक सस्ता स्रोत हैं। इसमें प्रोटीन की मात्रा मांस की तुलना में १.३ गुना, अण्डों से २.५ गुना एवं फलों से ८ गुना अधिक होती है। मूँगफली वस्तुतः पोषक तत्त्वों की अप्रतिम खान है। प्रकृति ने भरपूर मात्रा में इसे विभिन्न पोषक तत्त्वों से सजाया-सँवारा है। 100 ग्राम कच्ची मूँगफली में 1 लीटर दूध के बराबर प्रोटीन होता है। मूँगफली में प्रोटीन की मात्रा 25 प्रतिशत से भी अधिक होती है, जब कि मांस, मछली और अंडों में उसका प्रतिशत 10 से अधिक नहीं। 250 ग्राम मूँगफली के मक्खन से 300 ग्राम पनीर, 2 लीटर दूध या 15 अंडों के बराबर ऊर्जा की प्राप्ति आसानी से की जा सकती है। मूँगफली पाचन शक्ति बढ़ाने में भी कारगर है। 250 ग्राम भूनी मूँगफली में जितनी मात्रा में खनिज और विटामिन पाए जाते हैं, वो 250 ग्राम मांस से भी प्राप्त नहीं हो सकता है। .

नई!!: फल और मूँगफली · और देखें »

मोतियाबिंद

मानव आंख का क्रॉस-सेक्शनल दृश्य, जिसमें लेन्स की स्थिति दिखाई गई है। सौजन्य:NIH मोतियाबिंद आंखों का एक सामान्य रोग है। प्रायः पचपन वर्ष की आयु से अधिक के लोगों में मोतियाबिंद होता है, किन्तु युवा लोग भी इससे प्रतिरक्षित नहीं हैं। मोतियाबिंद विश्व भर में अंधत्‍व के मुख्य कारण हैं। 60 से अधिक आयु वालों में ४० प्रतिशत लोगों में मोतियाबिंद विकसित होता है। शल्‍य क्रिया ही इसका एकमात्र इलाज़ है, जो सुरक्षित एवं आसान प्रक्रिया है। आंखों के लेंस आँख से विभिन्‍न दूरियों की वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। समय के साथ लेंस अपनी पारदर्शिता खो देता है तथा अपारदर्शी हो जाता है। लेंस के धुंधलेपन को मोतियाबिंद कहा जाता है। दृष्टिपटल तक प्रकाश नहीं पहुँच पाता है एवं धीरे-धीरे दृष्टि में कमी अन्धता के बिंदु तक हो जाती है। ज्यादातर लोगों में अंतिम परिणाम धुंधलापन एवं विकृत दृष्टि होते है। मोतियाबिंद का निश्चित कारण अभी तक ज्ञात नहीं है। मोतियाबिंद के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनमें सबसे आम वृद्धावस्था का मोतियाबिंद है, जो ५० से अधिक आयुवाले लोगों में विकसित होता है। इस परिवर्तन में योगदान देने वाले कारकों में रोग, आनुवांशिकी, बुढ़ापा, या नेत्र की चोट शामिल है। वे लोग जो सिगरेट के धुएँ, पराबैंगनी विकिरण (सूर्य के प्रकाश सहित), या कुछ दवाएं के सम्पर्क मे रह्ते हैं, उन्हें भी मोतियाबिंद होने का खतरा होता है। मुक्त कण और ऑक्सीकरण एजेंट्स भी आयु-संबंधी मोतियाबिंद के होने से जुड़े हैं। इसके लक्षणों में समय के साथ दृष्टि में क्रमिक गिरावट, वस्‍तुयें धुंधली, विकृत, पीली या अस्‍पष्‍ट दिखाई देती हैं। रात में अथवा कम रोशनी में दृष्टि में कमी होना। रात में रंग मलिन दिखाई दे सकते हैं या रात की दृष्टि कमजोर हो सकती है। धूप या तेज रोशनी में दृष्टि चमक से प्रभावित होती है। चमकदार रोशनी के चारों ओर कुण्‍डल दिखाई देते हैं। मोतियाबिंद से खुजली, आंसू आना या सिर दर्द नहीं होता है। .

नई!!: फल और मोतियाबिंद · और देखें »

रेवतचीनी

रेवतचीनी, रेउम जीनस का एक सदाबहार पौधा है, जो नाटे मोटे प्रकंद से बढ़ता है। इस जीनस का कुल पॉलीगैनोसी है। इन पौधों के पत्ते बड़े कुछ त्रिकोणीय आकार के होते हैं साथ ही पर्णवृंत लंबा और मांसल होता है। फूल छोटे और सफेद हरा से गुलाबी-लाल, रंग के होते हैं, और इनका पुष्पण पत्तेदार समूह मे होता है। इसकी विभिन्न प्रजातियों की खेती औषधीय और मानव उपभोग दोनों प्रयोजनों के लिए होती है। हालांकि इसकी पत्तियां जहरीली होती हैं, पर इसका डंठल अपने तीखे स्वाद के चलते पाई जैसे मिष्ठान बनाने मे प्रयुक्त होता है।.

नई!!: फल और रेवतचीनी · और देखें »

शहतूत

शहतूत की डाली, पत्तियाँ एवं फल शहतूत की पत्ती पर रखे शहतूत के फल 300px शहतूत (वानस्पतिक नाम: Morus alba) एक फल है। इसका वृक्ष छोटे से लेकर मध्यम आकार का (१० मीटर से २० मीटर ऊँचा) होता है और तेजी से बढ़ता है। इसका जीवनकाल कम होता है। यह चीन का देशज है किन्तु अन्य स्थानों पर भी आसानी से इसकी खेती की जाती है। इसे संस्कृत में 'तूत', मराठी में 'तूती', तुर्की भाषा में 'दूत', तथा फारसी, अजरबैजानी एवं आर्मेनी भाषाओं में 'तूत' कहते हैं रेशम के कीड़ों को खिलाने के लिये सफेद शहतूत की खेती की जाती है। यह भारत के अन्दर खासकर उत्तर भारत में उत्तर प्रदेश बिहार झारखण्ड मध्य-प्रदेश हरियाणा पंजाब हिमाचल-प्रदेश इत्यादि राज्यों में अत्यधिक इसकी खेती की जाती है। .

नई!!: फल और शहतूत · और देखें »

सेम

सेम की लता पत्ती, फल, फूल '''सेम के तरह-तरह के बीज''' सेम एक लता है। इसमें फलियां लगती हैं। फलियों की सब्जी खाई जाती है। इसकी पत्तियां चारे के रूप में प्रयोग की जा सकती हैं। ललौसी नामक त्वचा रोग सेम की पत्ती को संक्रमित स्थान पर रगड़ने मात्र से ठीक हो जाता है। सेम संसार के प्राय: सभी भागों में उगाई जाती हैं। इसकी अनेक जातियाँ होती हैं और उसी के अनुसार फलियाँ भिन्न-भिन्न आकार की लंबी, चिपटी और कुछ टेढ़ी तथा सफेद, हरी, पीली आदि रंगों की होती है। इसकी फलियाँ शाक सब्जी के रूप में खाई जाती हैं, स्वादिष्ट और पुष्टकर होती हैं यद्यपि यह उतनी सुपाच्य नहीं होती। वैद्यक में सेम मधुर, शीतल, भारी, बलकारी, वातकारक, दाहजनक, दीपन तथा पित्त और कफ का नाश करने वाली कही गई हैं। इसके बीज भी शाक के रूप में खाए जाते हैं। इसकी दाल भी होती है। बीज में प्रोटीन की मात्रा पर्याप्त रहती है। उसी कारण इसमें पौष्टिकता आ जाती है। सेम के पौधे बेल प्रकार के होते हैं। भारत में घरों के निकट इन्हें छानों पर चढ़ाते हैं। खेतों में इनकी बेलें जमीन पर फैलती हैं और फल देती हैं। उत्तर प्रदेश में रेंड़ी के खेत में इसे बोते हैं। यह मध्यम उपज देने वाली मिट्टी में उपजती है। इसके बीज एक-एक फुट की दूरी पर लगाई जाती हैं। वर्षा के प्रारंभ से बीज बोया जाता है। जाड़े या वसंत में पौधे फल देते हैं। गरमी में पौधे जीवित रहने पर फलियाँ बहुत कम देते हैं। अत: प्रति बरस बीज बोना चाहिए। यह सूखा सह सकता है। इसकी कई किस्में होती हैं जिनमें ्फ्रांसिसी या किडनी सेम अधिक महत्व की है। यह दक्षिणी अमरीका का देशज है पर संसार के प्रत्येक भाग में उपजाई जाती है। यह मध्यम उपज वाली मिट्टियों में हो जाती है। प्रति एकड़ ३०-४० पाउंड नाइट्रोजन देना चाहिए। मैदानों में शीतकालीन वामन या झाड़ी वाली जातियाँ उपजती है। इन्हें अक्टूबर या प्रारंभ नवंबर तक डेढ़ से दो फुट कतारों में बोते हैं। बीज ९ इंच से १ फुट की दूरी पर लगाते हैं। कूड़ों में ३ इंच की दूरी पर बोकर पीछे ९ इंच से १ फुट का विरलन कर लेते हैं। यह पर्वतों पर अच्छी उपजती है और अंत मार्च से जून तक बोई जाती है। सिंचाई प्रत्येक पखवारे करनी चाहिए। इसकी अनेक जातियाँ हैं। यह लेगुमिनेसी वंश का पौधा है। .

नई!!: फल और सेम · और देखें »

हृदय रोग

हृदय रोग हृदय शरीर का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। मानवों मेंयह छाती के मध्य में, थोड़ी सी बाईं ओर स्थित होता है और एक दिन में लगभग एक लाख बार एवं एक मिनट में 60-90 बार धड़कता है। यह हर धड़कन के साथ शरीर में रक्त को धकेलता करता है। हृदय को पोषण एवं ऑक्सीजन, रक्त के द्वारा मिलता है जो कोरोनरी धमनियों द्वारा प्रदान किया जाता है। यह अंग दो भागों में विभाजित होता है, दायां एवं बायां। हृदय के दाहिने एवं बाएं, प्रत्येक ओर दो चैम्बर (एट्रिअम एवं वेंट्रिकल नाम के) होते हैं। कुल मिलाकर हृदय में चार चैम्बर होते हैं। दाहिना भाग शरीर से दूषित रक्त प्राप्त करता है एवं उसे फेफडों में पम्प करता है और रक्त फेफडों में शोधित होकर ह्रदय के बाएं भाग में वापस लौटता है जहां से वह शरीर में वापस पम्प कर दिया जाता है। चार वॉल्व, दो बाईं ओर (मिट्रल एवं एओर्टिक) एवं दो हृदय की दाईं ओर (पल्मोनरी एवं ट्राइक्यूस्पिड) रक्त के बहाव को निर्देशित करने के लिए एक-दिशा के द्वार की तरह कार्य करते हैं। हृदय में कई प्रकार के रोग हो सकते हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार से हैं.

नई!!: फल और हृदय रोग · और देखें »

जल

जल या पानी एक आम रासायनिक पदार्थ है जिसका अणु दो हाइड्रोजन परमाणु और एक ऑक्सीजन परमाणु से बना है - H2O। यह सारे प्राणियों के जीवन का आधार है। आमतौर पर जल शब्द का प्प्रयोग द्रव अवस्था के लिए उपयोग में लाया जाता है पर यह ठोस अवस्था (बर्फ) और गैसीय अवस्था (भाप या जल वाष्प) में भी पाया जाता है। पानी जल-आत्मीय सतहों पर तरल-क्रिस्टल के रूप में भी पाया जाता है। पृथ्वी का लगभग 71% सतह को 1.460 पीटा टन (पीटी) (1021 किलोग्राम) जल से आच्छदित है जो अधिकतर महासागरों और अन्य बड़े जल निकायों का हिस्सा होता है इसके अतिरिक्त, 1.6% भूमिगत जल एक्वीफर और 0.001% जल वाष्प और बादल (इनका गठन हवा में जल के निलंबित ठोस और द्रव कणों से होता है) के रूप में पाया जाता है। खारे जल के महासागरों में पृथ्वी का कुल 97%, हिमनदों और ध्रुवीय बर्फ चोटिओं में 2.4% और अन्य स्रोतों जैसे नदियों, झीलों और तालाबों में 0.6% जल पाया जाता है। पृथ्वी पर जल की एक बहुत छोटी मात्रा, पानी की टंकिओं, जैविक निकायों, विनिर्मित उत्पादों के भीतर और खाद्य भंडार में निहित है। बर्फीली चोटिओं, हिमनद, एक्वीफर या झीलों का जल कई बार धरती पर जीवन के लिए साफ जल उपलब्ध कराता है। जल लगातार एक चक्र में घूमता रहता है जिसे जलचक्र कहते है, इसमे वाष्पीकरण या ट्रांस्पिरेशन, वर्षा और बह कर सागर में पहुॅचना शामिल है। हवा जल वाष्प को स्थल के ऊपर उसी दर से उड़ा ले जाती है जिस गति से यह बहकर सागर में पहँचता है लगभग 36 Tt (1012किलोग्राम) प्रति वर्ष। भूमि पर 107 Tt वर्षा के अलावा, वाष्पीकरण 71 Tt प्रति वर्ष का अतिरिक्त योगदान देता है। साफ और ताजा पेयजल मानवीय और अन्य जीवन के लिए आवश्यक है, लेकिन दुनिया के कई भागों में खासकर विकासशील देशों में भयंकर जलसंकट है और अनुमान है कि 2025 तक विश्व की आधी जनसंख्या इस जलसंकट से दो-चार होगी।.

नई!!: फल और जल · और देखें »

वायु

वायु पंचमहाभूतों मे एक हैं| अन्य है पृथिवी, जल, अग्नि व आकाश वायु वस्तुत: गैसो का मिश्रण है, जिसमे अनेक प्रकार की गैस जैसे जारक, प्रांगार द्विजारेय, नाट्रोजन, उदजन ईत्यादि शामिल है।.

नई!!: फल और वायु · और देखें »

खीरा

खीरे की लता, पुष्प एवं फल खीरा (cucumber; वैज्ञानिक नाम: Cucumis sativus) ज़ायद की एक प्रमुख फसल है। सलाद के रूप में सम्पूर्ण विश्व में खीरा का विशेष महत्त्व है। खीरा को सलाद के अतिरिक्त उपवास के समय फलाहार के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके द्वारा विभिन्न प्राकर की मिठाइयाँ भी तैयार की जाती है। पेट की गड़बडी तथा कब्ज में भी खीरा को औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। खीरा कब्ज़ दूर करता है। पीलिया, प्यास, ज्वर, शरीर की जलन, गर्मी के सारे दोष, चर्म रोग में लाभदायक है। खीरे का रस पथरी में लाभदायक है। पेशाब में जलन, रुकावट और मधुमेह में भी लाभदायक है। घुटनों में दर्द को दूर करने के लिये भोजन में खीरा अधिक खायें। .

नई!!: फल और खीरा · और देखें »

गिरी

गिरी ब्राह्मणों की एक प्रमुख उपजाति हैं। इस जाति के लोग ज्यादातर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार में पाए जाते हैं। .

नई!!: फल और गिरी · और देखें »

गेहूँ

गेहूँ गेहूं (Wheat; वैज्ञानिक नाम: Triticum spp.),Belderok, Bob & Hans Mesdag & Dingena A. Donner.

नई!!: फल और गेहूँ · और देखें »

कर्कट रोग

कर्कट (चिकित्सकीय पद: दुर्दम नववृद्धि) रोगों का एक वर्ग है जिसमें कोशिकाओं का एक समूह अनियंत्रित वृद्धि (सामान्य सीमा से अधिक विभाजन), रोग आक्रमण (आस-पास के उतकों का विनाश और उन पर आक्रमण) और कभी कभी अपररूपांतरण अथवा मेटास्टैसिस (लसिका या रक्त के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फ़ैल जाता है) प्रदर्शित करता है। कर्कट के ये तीन दुर्दम लक्षण इसे सौम्य गाँठ (ट्यूमर या अबुर्द) से विभेदित करते हैं, जो स्वयं सीमित हैं, आक्रामक नहीं हैं या अपररूपांतरण प्रर्दशित नहीं करते हैं। अधिकांश कर्कट एक गाँठ या अबुर्द (ट्यूमर) बनाते हैं, लेकिन कुछ, जैसे रक्त कर्कट (श्वेतरक्तता) गाँठ नहीं बनाता है। चिकित्सा की वह शाखा जो कर्कट के अध्ययन, निदान, उपचार और रोकथाम से सम्बंधित है, ऑन्कोलॉजी या अर्बुदविज्ञान कहलाती है। कर्कट सभी उम्र के लोगों को, यहाँ तक कि भ्रूण को भी प्रभावित कर सकता है, लेकिन अधिकांश किस्मों का जोखिम उम्र के साथ बढ़ता है। कर्कट में से १३% का कारण है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, २००७ के दौरान पूरे विश्व में ७६ लाख लोगों की मृत्यु कर्कट के कारण हुई। कर्कट सभी जानवरों को प्रभावित कर सकता है। लगभग सभी कर्कट रूपांतरित कोशिकाओं के आनुवंशिक पदार्थ में असामान्यताओं के कारण होते हैं। ये असामान्यताएं कार्सिनोजन या का कर्कटजन (कर्कट पैदा करने वाले कारक) के कारण हो सकती हैं जैसे तम्बाकू धूम्रपान, विकिरण, रसायन, या संक्रामक कारक.

नई!!: फल और कर्कट रोग · और देखें »

कुम्हड़ा

thumb कुम्हड़ा या कद्दू एक स्थलीय, द्विबीजपत्री पौधा है जिसका तना लम्बा, कमजोर व हरे रंग का होता है। तने पर छोटे-छोटे रोयें होते हैं। यह अपने आकर्षों की सहायता से बढ़ता या चढ़ता है। इसकी पत्तियां हरी, चौड़ी और वृत्ताकार होती हैं। इसका फूल पीले रंग का सवृंत, नियमित तथा अपूर्ण घंटाकार होता। नर एवं मादा पुष्प अलग-अलग होते हैं। नर एवं मादा दोनों पुष्पों में पाँच जोड़े बाह्यदल एवं पाँच जोड़े पीले रंग के दलपत्र होते हैं। नर पुष्प में तीन पुंकेसर होते हैं जिनमें दो एक जोड़ा बनाकार एवं तीसरा स्वतंत्र रहता है। मादा पुष्प में तीन संयुक्त अंडप होते हैं जिसे युक्तांडप कहते हैं। इसका फल लंबा या गोलाकार होता है। फल के अन्दर काफी बीज पाये जाते हैं। फल का वजन ४ से ८ किलोग्राम तक हो सकता है। सबसे बड़ी प्रजाति मैक्सिमा का वजन ३४ किलोग्राम से भी अधिक होता है।pumpkin.

नई!!: फल और कुम्हड़ा · और देखें »

कोणधारी

उत्तरी कैलीफ़ोरनिया में एक कोणधारियों का जंगल कोणधारी या शंकुधारी (अंग्रेज़ी: coniferous, कॉनिफ़ॅरस) वृक्षों की एक क़िस्म है। यह ठन्डे या कम गरम इलाक़ों में पनपते हैं और इनपर कोण या शंकु उगते हैं। इन पेड़ों का जनन इन्ही कोणों के ज़रिये होता है। ऐसे पेड़ों के पत्ते भी अक्सर चपटे होने की बजाए लम्बी तीलियों जैसे होते हैं। वैज्ञानिक रूप से इन पेड़ों को 'पाइनोफ़ाइटा' (Pinophyta), 'कॉनिफ़ॅरोफ़ाइटा' (Coniferophyta) या कॉनिफ़ॅरे (Coniferae) कहा जाता है। चीड़ (पाइन), तालिसपत्र (यू), प्रसरल (स्प्रूस), सनोबर (फ़र) और देवदार (सीडर) के पेड़ इसी कोणधारियों की श्रेणी में आते हैं।, Helena Curtis, N. Sue Barnes, Macmillan, 1994, ISBN 978-0-87901-679-1,...

नई!!: फल और कोणधारी · और देखें »

अनानास

अनन्नास (अंग्रेज़ी:पाइनऍप्पल, वैज्ञा:Ananas comosus) एक खाद्य उष्णकटिबन्धीय पौधे एवं उसके फल का सामान्य नाम है हालांकि तकनीकी दृष्टि से देखें, तो ये अनेक फलों का समूह विलय हो कर निकलता है। यह मूलतः पैराग्वे एवं दक्षिणी ब्राज़ील का फल है। अनन्नास को ताजा काट कर भी खाया जाता है और शीरे में संरक्षित कर या रस निकाल कर भी सेवन किया जाता है। इसे खाने के उपरांत मीठे के रूप में सलाद के रूप में एवं फ्रूट-कॉकटेल में मांसाहार के विकल्प के रूप में प्रयोग भी किया जाता है।। याहू जागरण मिष्टान्न रूप में ये उच्च स्तर के अम्लीय स्वभाव (संभवतः मैलिक या साइट्रिक अम्ल) का होता है। अनन्नास कृषि किया गया ब्रोमेल्याकेऐ एकमात्र फल है। अनन्नास फल व अनुप्रस्थ काट अनन्नास के औषधीय गुण भी बहुत होते हैं। ये शरीर के भीतरी विषों को बाहर निकलता है। इसमें क्लोरीन की भरपूर मात्रा होती है। साथ ही पित्त विकारों में विशेष रूप से और पीलिया यानि पांडु रोगों में लाभकारी है। ये गले एवं मूत्र के रोगों में लाभदायक है। इसके अलावा ये हड्डियों को मजबूत बनाता है। अनन्नास में प्रचुर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है। यह शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने का काम करता है। एक प्याला अनन्नास के रस-सेवन से दिन भर के लिए आवश्यक मैग्नीशियम के ७५% की पूर्ति होती है। साथ ही ये कई रोगों में उपयोगी होता है। इस फल में पाया जाने वाला ब्रोमिलेन सर्दी और खांसी, सूजन, गले में खराश और गठिया में लाभदायक होता है। यह पाचन में भी उपयोगी होता है। अनन्नास अपने गुणों के कारण नेत्र-ज्योति के लिए भी उपयोगी होता है। दिन में तीन बार इस फल को खाने से बढ़ती उम्र के साथ आंखों की रोशनी कम हो जाने का खतरा कम हो जाता है। आस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों के शोधों के अनुसार यह कैंसर के खतरे को भी कम करता है। ये उच्च एंटीआक्सीडेंट का स्रोत है व इसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और साधारण ठंड से भी सुरक्षा मिलती है। इससे सर्दी समेत कई अन्य संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। .

नई!!: फल और अनानास · और देखें »

अनावृतबीजी

एक कोणधारी का शंकु - कोणधारी अनावृतबीजी वृक्षों की सबसे विस्तृत श्रेणी है अनावृतबीजी या विवृतबीज (gymnosperm, जिम्नोस्पर्म, अर्थ: नग्न बीज) ऐसे पौधों और वृक्षों को कहा जाता है जिनके बीज फूलों में पनपने और फलों में बंद होने की बजाए छोटी टहनियों या शंकुओं में खुली ('नग्न') अवस्था में होते हैं। यह दशा 'आवृतबीजी' (angiosperm, ऐंजियोस्पर्म) वनस्पतियों से विपरीत होती है जिनपर फूल आते हैं (जिस कारणवश उन्हें 'फूलदार' या 'सपुष्पक' भी कहा जाता है) और जिनके बीज अक्सर फलों के अन्दर सुरक्षित होकर पनपते हैं। अनावृतबीजी वृक्षों का सबसे बड़ा उदाहरण कोणधारी हैं, जिनकी श्रेणी में चीड़ (पाइन), तालिसपत्र (यू), प्रसरल (स्प्रूस), सनोबर (फ़र) और देवदार (सीडर) शामिल हैं।, David Sadava, David M. Hillis, H. Craig Heller, May Berenbaum, Macmillan, 2009, ISBN 978-1-4292-4644-6,...

नई!!: फल और अनावृतबीजी · और देखें »

अंजीर

अंजीर (अंग्रेजी नाम फ़िग, वानस्पतिक नाम: "फ़िकस कैरिका", प्रजाति फ़िकस, जाति कैरिका, कुल मोरेसी) एक वृक्ष का फल है जो पक जाने पर गिर जाता है। पके फल को लोग खाते हैं। सुखाया फल बिकता है। सूखे फल को टुकड़े-टुकड़े करके या पीसकर दूध और चीनी के साथ खाते हैं। इसका स्वादिष्ट जैम (फल के टुकड़ों का मुरब्बा) भी बनाया जाता है। सूखे फल में चीनी की मात्रा लगभग ६२ प्रतिशत तथा ताजे पके फल में २२ प्रतिशत होती है। इसमें कैल्सियम तथा विटामिन 'ए' और 'बी' काफी मात्रा में पाए जाते हैं। इसके खाने से कोष्ठबद्धता (कब्जियत) दूर होती है। अंजीर मध्यसागरीय क्षेत्र और दक्षिण पश्चिम एशियाई मूल की एक पर्णपाती झाड़ी या एक छोटे पेड़ है जो पाकिस्तान से यूनान तक पाया जाता है। इसकी लंबाई ३-१० फुट तक हो सकती है। अंजीर विश्व के सबसे पुराने फलों मे से एक है। यह फल रसीला और गूदेदार होता है। इसका रंग हल्का पीला, गहरा सुनहरा या गहरा बैंगनी हो सकता है। अंजीर अपने सौंदर्य एवं स्वाद के लिए प्रसिद्ध अंजीर एक स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक और बहु उपयोगी फल है। यह विश्व के ऐसे पुराने फलों में से एक है, जिसकी जानकारी प्राचीन समय में भी मिस्त्र के फैरोह लोगों को थी। आजकल इसकी पैदावार ईरान, मध्य एशिया और अब भूमध्यसागरीय देशों में भी होने लगी है। प्राचीन यूनान में यह फल व्यापारिक दृष्टि से इतना महत्त्वपूर्ण था और इसके निर्यात पर पाबंदी थी। आज विश्व का सबसे पुराना अंजीर का पेड़ सिसली के एक बगीचे में है। अंजीर का वृक्ष छोटा तथा पर्णपाती (पतझड़ी) प्रकृति का होता है। तुर्किस्तान तथा उत्तरी भारत के बीच का भूखंड इसका उत्पत्ति स्थान माना जाता है। भूमध्यसागरीय तट वाले देश तथा वहाँ की जलवायु में यह अच्छा फलता-फूलता है। निस्संदेह यह आदिकाल के वृक्षों में से एक है और प्राचीन समय के लोग भी इसे खूब पसंद करते थे। ग्रीसवासियों ने इसे कैरिया (एशिया माइनर का एक प्रदेश) से प्राप्त किया; इसलिए इसकी जाति का नाम कैरिका पड़ा। रोमवासी इस वृक्ष को भविष्य की समृद्धि का चिह्न मानकर इसका आदर करते थे। स्पेन, अल्जीरिया, इटली, तुर्की, पुर्तगाल तथा ग्रीस में इसकी खेती व्यावसायिक स्तर पर की जाती है। नाशपाती के आकार के इस छोटे से फल की अपनी कोई विशेष तेज़ सुगंध नहीं पर यह रसीला और गूदेदार होता है। रंग में यह हल्का पीला, गहरा सुनहरा या गहरा बैंगनी हो सकता है। छिलके के रंग का स्वाद पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता पर इसका स्वाद इस बात पर निर्भर करता है कि इसे कहाँ उगाया गया है और यह कितना पका है। इसे पूरा का पूरा छिलका बीज और गूदे सहित खाया जा सकता है। घरेलू उपचार में ऐसा माना जाता है कि स्थाई रूप से रहने वाली कब्ज़ अंजीर खाने से दूर हो जाती है। जुकाम, फेफड़े के रोगों में पाँच अंजीर पानी में उबाल कर छानकर यह पानी सुबह-शाम पीना चाहिए। दमा जिसमे कफ (बलगम) निकलता हो उसमें अंजीर खाना लाभकारी है इससे कफ बाहर आ जाता है। कच्चे अंजीरों को कमरे के तापमान पर रख कर पकाया जा सकता है लेकिन उसमें स्वाभाविक स्वाद नहीं आता। घरेलू उपचारों में अंजीर का विभिन्न प्रकार से प्रयोग किया जाता है। .

नई!!: फल और अंजीर · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

फलों

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »