लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

पुष्प

सूची पुष्प

flower bouquet) पर चित्रकारी रेशम पर स्याही और रंग, १२ वीं शताब्दी की अंत-अंत में और १३ वीं शताब्दी के प्रारम्भ में. पुष्प, अथवा फूल, जनन संरचना है जो पौधों में पाए जाते हैं। ये (मेग्नोलियोफाईटा प्रकार के पौधों में पाए जाते हैं, जिसे एग्नियो शुक्राणु भी कहा जाता है। एक फूल की जैविक क्रिया यह है कि वह पुरूष शुक्राणु और मादा बीजाणु के संघ के लिए मध्यस्तता करे। प्रक्रिया परागन से शुरू होती है, जिसका अनुसरण गर्भधारण से होता है, जो की बीज के निर्माण और विखराव/ विसर्जन में ख़त्म होता है। बड़े पौधों के लिए, बीज अगली पुश्त के मूल रूप में सेवा करते हैं, जिनसे एक प्रकार की विशेष प्रजाति दुसरे भूभागों में विसर्जित होती हैं। एक पौधे पर फूलों के जमाव को पुष्पण (inflorescence) कहा जाता है। फूल-पौधों के प्रजनन अवयव के साथ-साथ, फूलों को इंसानों/मनुष्यों ने सराहा है और इस्तेमाल भी किया है, खासकर अपने माहोल को सजाने के लिए और खाद्य के स्रोत के रूप में भी। .

57 संबंधों: चार्ल्स डार्विन, तापमान, नया कैलेडोनिया, निषेचन, न्यूज़ीलैण्ड, पत्ती, पराबैंगनी, पराग, परागण, पादप, पादप क्रमविकास, पक्षी, पुंकेशर चक्र, प्रतीक, प्रोटीन, फल, फ़्लोरा, फूल गोभी, बियर, बीज, मधु, मधुमक्खी, मसाला, मक्का (अनाज), यूनाइटेड किंगडम, रस्सी, रैफ्लेशिया, रेशम, लिली, लौंग, सनातन धर्म, सहानुभूति, स्त्री जननांग, सूरजमुखी, जड़ (वनस्पति), जनन, जापान, विलियम ब्लेक, विलियम वर्द्स्वर्थ, विलोपन सिद्धान्त, विष्णु, खसखस, गंध, गुलदाउदी, गुलाब, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कमल, कली, कुकरौंधा, ..., क्लाद मोने, कीट, अनुकूलन, अंग (शारीरिकी), उद्यान, १११५, १२३४ सूचकांक विस्तार (7 अधिक) »

चार्ल्स डार्विन

चार्ल्स डार्विन चार्ल्स डार्विन (१२ फरवरी, १८०९ – १९ अप्रैल १८८२) ने क्रमविकास (evolution) के सिद्धान्त का प्रतिपादन किया। उनका शोध आंशिक रूप से १८३१ से १८३६ में एचएमएस बीगल पर उनकी समुद्र यात्रा के संग्रहों पर आधारित था। इनमें से कई संग्रह इस संग्रहालय में अभी भी उपस्थित हैं। डार्विन महान वैज्ञानिक थे - आज जो हम सजीव चीजें देखते हैं, उनकी उत्पत्ति तथा विविधता को समझने के लिए उनका विकास का सिद्धान्त सर्वश्रेष्ठ माध्यम बन चुका है। संचार डार्विन के शोध का केन्द्र-बिन्दु था। उनकी सर्वाधिक प्रसिद्ध पुस्तक जीवजाति का उद्भव (Origin of Species (हिंदी में - 'ऑरिजिन ऑफ स्पीसीज़')) प्रजातियों की उत्पत्ति सामान्य पाठकों पर केंद्रित थी। डार्विन चाहते थे कि उनका सिद्धान्त यथासम्भव व्यापक रूप से प्रसारित हो। डार्विन के विकास के सिद्धान्त से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि किस प्रकार विभिन्न प्रजातियां एक दूसरे के साथ जुङी हुई हैं। उदाहरणतः वैज्ञानिक यह समझने का प्रयास कर रहे हैं कि रूस की बैकाल झील में प्रजातियों की विविधता कैसे विकसित हुई। .

नई!!: पुष्प और चार्ल्स डार्विन · और देखें »

तापमान

आदर्श गैस के तापमान का सैद्धान्तिक आधार अणुगति सिद्धान्त से मिलता है। तापमान किसी वस्तु की उष्णता की माप है। अर्थात्, तापमान से यह पता चलता है कि कोई वस्तु ठंढी है या गर्म। उदाहरणार्थ, यदि किसी एक वस्तु का तापमान 20 डिग्री है और एक दूसरी वस्तु का 40 डिग्री, तो यह कहा जा सकता है कि दूसरी वस्तु प्रथम वस्तु की अपेक्षा गर्म है। एक अन्य उदाहरण - यदि बंगलौर में, 4 अगस्त 2006 का औसत तापमान 29 डिग्री था और 5 अगस्त का तापमान 32 डिग्री; तो बंगलौर, 5 अगस्त 2006 को, 4 अगस्त 2006 की अपेक्षा अधिक गर्म था। गैसों के अणुगति सिद्धान्त के विकास के आधार पर यह माना जाता है कि किसी वस्तु का ताप उसके सूक्ष्म कणों (इलेक्ट्रॉन, परमाणु तथा अणु) के यादृच्छ गति (रैण्डम मोशन) में निहित औसत गतिज ऊर्जा के समानुपाती होता है। तापमान अत्यन्त महत्वपूर्ण भौतिक राशि है। प्राकृतिक विज्ञान के सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों (भौतिकी, रसायन, चिकित्सा, जीवविज्ञान, भूविज्ञान आदि) में इसका महत्व दृष्टिगोचर होता है। इसके अलावा दैनिक जीवन के सभी पहलुओं पर तापमान का महत्व है। .

नई!!: पुष्प और तापमान · और देखें »

नया कैलेडोनिया

नया कैलेडोनिया (फ्रांसीसी: Nouvelle-Calédonie), फ्रांस का एक विदेशी क्षेत्र है। श्रेणी:फ़्रांस का भूगोल श्रेणी:फ़्रांस के अधीनस्थ क्षेत्र.

नई!!: पुष्प और नया कैलेडोनिया · और देखें »

निषेचन

एक शुक्राणु कोशिका, अण्डाणु को निशेचित कर रही है। जन्तुओं के मादा के अंडाणु और नर के शुक्राणु मिलकर एकाकार हो जाते हैं और नये 'जीव' का सृजन करते हैं; इसे या निषेचन (Fertilisation) कहते हैं। .

नई!!: पुष्प और निषेचन · और देखें »

न्यूज़ीलैण्ड

न्यूज़ीलैंड प्रशान्त महासागर में ऑस्ट्रेलिया के पास स्थित देश है। ये दो बड़े द्वीपों से बना है। न्यूजीलैंड (माओरी भाषा में: Aotearoa आओटेआरोआ) दक्षिण पश्चिमि पेसिफ़िक ओशन में दो बड़े द्वीप और अन्य कई छोटे द्वीपों से बना एक देश है। न्यूजीलैंड के ४० लाख लोगों में से लगभग तीस लाख लोग उत्तरी द्वीप में रहते हैं और दस लाख लोग दक्षिणि द्वीप में। यह द्वीप दुनिया के सबसे बडे द्वीपों में गिने जाते हैं। अन्य द्वीपों में बहुत कम लोग रहतें हैं और वे बहुत छोटे हैं। इनमें मुख्य है.

नई!!: पुष्प और न्यूज़ीलैण्ड · और देखें »

पत्ती

पत्ती का चित्र पत्ती संवहनीय पादपों का एक अंग है। पत्तियाँ और तना सम्मिलित रूप से प्ररोह (shoot) बनाते हैं। पत्तियाँ पर्वसन्धियों से निकलती हैं। इनके कक्ष में एक कक्ष-कलिका होती है। पत्तियों में प्रकाश-संश्लेषण की महत्वपूर्ण क्रिया होती है। वाष्पोत्सर्जन की क्रिया भी पत्तियों में होती हैं। साधारणतः पत्तियाँ दो प्रकार की होती हैं, सरल पत्ती एवं संयुक्त पत्ती। कुछ प्रमुख पत्तियों का आकार .

नई!!: पुष्प और पत्ती · और देखें »

पराबैंगनी

सौर्य एवं हैलियोस्फेरिक वेधशाला (SOHO) अंतरिक्ष वाहन से लिया गया था। पृथ्वी की पराबैंगनी छायांकन, जो कि चंद्रमा से अपोलो 16 अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा लिया गया था पराबैंगनी किरण (पराबैंगनी लिखीं जाती हैं) एक प्रकार का विद्युत चुम्बकीय विकिरण हैं, जिनकी तरंग दैर्घ्य प्रत्यक्ष प्रकाश से छोटी हो एवं कोमल एक्स किरण से अधिक हो। इनकी ऐसा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि, इनका वर्णक्रम लिए होता है विद्युत चुम्बकीय तरंग जिनकी आवृत्ति मानव द्वारा दर्शन योग्य बैंगनी वर्ण से ऊपर होती हैं।परा का मतलब होता है कि इस से अधिक अर्थात बैगनी से अधिक आवृत्ति की तरंग। .

नई!!: पुष्प और पराबैंगनी · और देखें »

पराग

कैमेलिया फूल के पराग पराग पौधे द्वारा संश्लेषित शर्करा युक्त तरल पदार्थ है। सामान्यतः इसका निर्माण फूल में होता है। ये हमिंगबर्ड, तितलियों तथा कई कीट पतंगो के खाद्य पदार्थ है। आर्थिक रूप से भी यह महत्वपूर्ण हैं क्योंकि मधुमक्खियां इसी से मधु का निर्माण करती हैं। फूल के अलावा यह पौधे के अन्य भागों जैसे पत्तियों तथा फ्लोएम ऊतकों में भी निर्मित होते हैं। कुछ कीट भक्षी परजीवी पौधे इसका उपयोग कीट पतंगो को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए करते हैं। पराग का उपयोग परागण में होता है। पौधे द्वारा परागण की व्यवस्था इस बात पर निर्भर करती है कि किस तरह से परागण को इस्तेमाल किया जाता है। अधिकांश फूल अपने परागण के तरीके को लेकर मोटे तौर पर दो समूहों में विभाजित किए जा सकते हैं। कीटपरागित फूल: फूल कीटों, चमगादडों, पक्षियों और जानवरों को आकर्षित करते हैं और एक फूल से दूसरे को पराग स्थानांतरित करने के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं। उनका रूपाकार विशिष्ट होता है और पुंकेसर की ऐसी व्यवस्था होती है कि पराग के दाने अपने आप पक्षियों या कीटपतंगों के साथ चिपककर स्थानान्तरित हो जायें और जब वह दूसरे पौधों पर बैठे तब वहाँ स्थानांतिरित हो जाएँ। कई फूलों की एक ही प्रजाति की किसी आकर्षक विशेषता को पाने के लिए, परागनकर्ता द्वारा उन सभी फूलों में पराग को स्टिग्मा में स्थान्तरित कर देती है जो बिल्कुल सटीक रूप से समान रूप में व्यवस्थित होते हैं। कई फूल परागण के लिए मात्र फूलों के हिस्सों के बीच निकटता पर निर्भर करते हैं, जैसे सारसेनिया या मादा स्लीपर ऑर्किड। वातपरागित फूल: वायु के साथ पराग को एक फूल से अगले फूल तक ले जाते हैं उदाहरण के लिए संटी वृक्ष, एम्बोर्सिया जाति की रैग घास और एसर जाति के पेड़ और झाडियाँ। उन्हें परागण को आकर्षित करने की जरुरत नही पड़ती जिस कारण उनकी प्रवृति 'दिखावटी फूलों' की नही होती.

नई!!: पुष्प और पराग · और देखें »

परागण

पुष्प पर मंडराती मख्खी, परागण में सहायक पौधों में पराग कण (Pollen grains) का नर-भाग (परागकोष - Anther) से मादा-भाग (वर्तिकाग्र - Stigma) पर स्थानातरण परागण (Pollination) कहलाता है। परागन के उपरान्त निषेचन की क्रिया होती है और प्रजनन का कार्य आगे बढ़ता है। .

नई!!: पुष्प और परागण · और देखें »

पादप

पादप या उद्भिद (plant) जीवजगत का एक बड़ी श्रेणी है जिसके अधिकांश सदस्य प्रकाश संश्लेषण द्वारा शर्कराजातीय खाद्य बनाने में समर्थ होते हैं। ये गमनागम (locomotion) नहीं कर सकते। वृक्ष, फर्न (Fern), मॉस (mosses) आदि पादप हैं। हरा शैवाल (green algae) भी पादप है जबकि लाल/भूरे सीवीड (seaweeds), कवक (fungi) और जीवाणु (bacteria) पादप के अन्तर्गत नहीं आते। पादपों के सभी प्रजातियों की कुल संख्या की गणना करना कठिन है किन्तु प्रायः माना जाता है कि सन् २०१० में ३ लाख से अधिक प्रजाति के पादप ज्ञात हैं जिनमें से 2.7 लाख से अधिक बीज वाले पादप हैं। पादप जगत में विविध प्रकार के रंग बिरंगे पौधे हैं। कुछ एक को छोड़कर प्रायः सभी पौधे अपना भोजन स्वयं बना लेते हैं। इनके भोजन बनाने की क्रिया को प्रकाश-संश्लेषण कहते हैं। पादपों में सुकेन्द्रिक प्रकार की कोशिका पाई जाती है। पादप जगत इतना विविध है कि इसमें एक कोशिकीय शैवाल से लेकर विशाल बरगद के वृक्ष शामिल हैं। ध्यातव्य है कि जो जीव अपना भोजन खुद बनाते हैं वे पौधे होते हैं, यह जरूरी नहीं है कि उनकी जड़ें हों ही। इसी कारण कुछ बैक्टीरिया भी, जो कि अपना भोजन खुद बनाते हैं, पौधे की श्रेणी में आते हैं। पौधों को स्वपोषित या प्राथमिक उत्पादक भी कहा जाता है। 'पादपों में भी प्राण है' यह सबसे पहले जगदीश चन्द्र बसु ने कहा था। पादपों का वैज्ञानिक अध्ययन वनस्पति विज्ञान कहलाता है। .

नई!!: पुष्प और पादप · और देखें »

पादप क्रमविकास

पादपों के क्रमिक विकास (Plant evolution) के अन्तर्गत पादपों के क्रमविकास (evolution) का अध्ययन किया जाता है। श्रेणी:विकासवाद.

नई!!: पुष्प और पादप क्रमविकास · और देखें »

पक्षी

pages.

नई!!: पुष्प और पक्षी · और देखें »

पुंकेशर चक्र

पुंकेशर चक्र फूल का नर भाग है। .

नई!!: पुष्प और पुंकेशर चक्र · और देखें »

प्रतीक

प्रतीक; किसी वस्तु, चित्र, लिखित शब्द, ध्वनि या विशिष्ट चिह्न को कहते हैं जो संबंध, सादृश्यता या परंपरा द्वारा किसी अन्य वस्तु का प्रतिनिधित्व करता है। उदाहरण के लिए, एक लाल अष्टकोण (औक्टागोन) "रुकिए" (स्टॉप) का प्रतीक हो सकता है। नक्शों पर दो तलवारें युद्ध क्षेत्र का संकेत हो सकती हैं। अंक, संख्या (राशि) के प्रतीक होते हैं। सभी भाषाओं में प्रतीक होते हैं। व्यक्तिगत नाम, व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतीक होते हैं। .

नई!!: पुष्प और प्रतीक · और देखें »

प्रोटीन

रुधिरवर्णिका(हीमोग्लोबिन) की संरचना- प्रोटीन की दोनो उपइकाईयों को लाल एंव नीले रंग से तथा लौह भाग को हरे रंग से दिखाया गया है। प्रोटीन या प्रोभूजिन एक जटिल भूयाति युक्त कार्बनिक पदार्थ है जिसका गठन कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन एवं नाइट्रोजन तत्वों के अणुओं से मिलकर होता है। कुछ प्रोटीन में इन तत्वों के अतिरिक्त आंशिक रूप से गंधक, जस्ता, ताँबा तथा फास्फोरस भी उपस्थित होता है। ये जीवद्रव्य (प्रोटोप्लाज्म) के मुख्य अवयव हैं एवं शारीरिक वृद्धि तथा विभिन्न जैविक क्रियाओं के लिए आवश्यक हैं। रासायनिक गठन के अनुसार प्रोटीन को सरल प्रोटीन, संयुक्त प्रोटीन तथा व्युत्पन्न प्रोटीन नामक तीन श्रेणियों में बांटा गया है। सरल प्रोटीन का गठन केवल अमीनो अम्ल द्वारा होता है एवं संयुक्त प्रोटीन के गठन में अमीनो अम्ल के साथ कुछ अन्य पदार्थों के अणु भी संयुक्त रहते हैं। व्युत्पन्न प्रोटीन वे प्रोटीन हैं जो सरल या संयुक्त प्रोटीन के विघटन से प्राप्त होते हैं। अमीनो अम्ल के पॉलीमराईजेशन से बनने वाले इस पदार्थ की अणु मात्रा १०,००० से अधिक होती है। प्राथमिक स्वरूप, द्वितीयक स्वरूप, तृतीयक स्वरूप और चतुष्क स्वरूप प्रोटीन के चार प्रमुख स्वरुप है। प्रोटीन त्वचा, रक्त, मांसपेशियों तथा हड्डियों की कोशिकाओं के विकास के लिए आवश्यक होते हैं। जन्तुओं के शरीर के लिए कुछ आवश्यक प्रोटीन एन्जाइम, हार्मोन, ढोने वाला प्रोटीन, सिकुड़ने वाला प्रोटीन, संरचनात्मक प्रोटीन एवं सुरक्षात्मक प्रोटीन हैं। प्रोटीन का मुख्य कार्य शरीर की आधारभूत संरचना की स्थापना एवं इन्जाइम के रूप में शरीर की जैवरसायनिक क्रियाओं का संचालन करना है। आवश्यकतानुसार इससे ऊर्जा भी मिलती है। एक ग्राम प्रोटीन के प्रजारण से शरीर को ४.१ कैलीरी ऊष्मा प्राप्त होती है। प्रोटीन द्वारा ही प्रतिजैविक (एन्टीबॉडीज़) का निर्माण होता है जिससे शरीर प्रतिरक्षा होती है। जे.

नई!!: पुष्प और प्रोटीन · और देखें »

फल

फल और सब्ज़ियाँ निषेचित, परिवर्तित एवं परिपक्व अंडाशय को फल कहते हैं। साधारणतः फल का निर्माण फूल के द्वारा होता है। फूल का स्त्री जननकोष अंडाशय निषेचन की प्रक्रिया द्वारा रूपान्तरित होकर फल का निर्माण करता है। कई पादप प्रजातियों में, फल के अंतर्गत पक्व अंडाशय के अतिरिक्त आसपास के ऊतक भी आते है। फल वह माध्यम है जिसके द्वारा पुष्पीय पादप अपने बीजों का प्रसार करते हैं, हालांकि सभी बीज फलों से नहीं आते। किसी एक परिभाषा द्वारा पादपों के फलों के बीच में पायी जाने वाली भारी विविधता की व्याख्या नहीं की जा सकती है। छद्मफल (झूठा फल, सहायक फल) जैसा शब्द, अंजीर जैसे फलों या उन पादप संरचनाओं के लिए प्रयुक्त होता है जो फल जैसे दिखते तो है पर मूलत: उनकी उत्पप्ति किसी पुष्प या पुष्पों से नहीं होती। कुछ अनावृतबीजी, जैसे कि यूउ के मांसल बीजचोल फल सदृश होते है जबकि कुछ जुनिपरों के मांसल शंकु बेरी जैसे दिखते है। फल शब्द गलत रूप से कई शंकुधारी वृक्षों के बीज-युक्त मादा शंकुओं के लिए भी होता है। .

नई!!: पुष्प और फल · और देखें »

फ़्लोरा

फ़्लोरा (लातिनी:Flora; उच्चारण:फ़्लोरा) किसी क्षेत्र अथवा काल विशेष में पाए जाने वाले पौधों और वनस्पतियों के समूह को कहते हैं। आमतौर पर इसमें उस क्षेत्र में मानव द्वारा बाहर से लाकर स्थापित प्रजातियों को शामिल नहीं किया जाता। कभी कभी बैक्टीरिया और कवकों को भी फ़्लोरा में शामिल किया जाता है, जैसे gut flora अथवा skin flora जैसी शब्दावलियों में इसका प्रयोग। .

नई!!: पुष्प और फ़्लोरा · और देखें »

फूल गोभी

फूलगोभी एक लोकपिय सब्जी है। उत्त्पति स्थान साइप्रस या इटली का भूमध्यसागरीय क्षेत्र माना जाता है। भारत में इसका आगमन मुगल काल में हुआ माना जाता है। भारत में इसकी कृषि के अंतर्गत कुल क्षेत्रफल लगभग 3000 हेक्टर है, जिससे तकरीबन 6,85,000 टन उत्पादन होता है। उत्तर प्रदेश तथा अन्य शीतल स्थानों में इसका उत्पादन व्यपाक पैमाने पर किया जाता है। वर्तमान में इसे सभी स्थानों पर उगाया जाता है। फूलगोभी, जिसे हम सब्जी के रूप में उपयोग करते है, के पुष्प छोटे तथा घने हो जाते हैं और एक कोमल ठोस रूप निर्मित करते हैं। फूल गोभी में प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन ‘ए’, ‘सी’ तथा निकोटीनिक एसिड जैसे पोषक तत्व होते है। गोभी को पकाकर खाया जाता है और अचार आदि भी तैयार किया जाता है। पौध रोपण के 3 से 3½ माह में सब्जी योग्य फूल तैयार हो जाते है। फ़सल की अवधि 60 से 120 दिन की होती है। प्रति हेक्टेयर 100 से 250 क्विंटल फुल प्राप्त हो जाते है। उपज पौधे लगने के समय के ऊपर निर्भर करती है। .

नई!!: पुष्प और फूल गोभी · और देखें »

बियर

सीधे पीपा से 'श्लेंकेरला राउख़बियर' नामक बियर परोसी जा रही है​ बियर संसार का सबसे पुराना और सर्वाधिक व्यापक रूप से खुलकर सेवन किया जाने वाला मादक पेय है।Origin and History of Beer and Brewing: From Prehistoric Times to the Beginning of Brewing Science and Technology, John P Arnold, BeerBooks, Cleveland, Ohio, 2005, ISBN 0-9662084-1-2 सभी पेयों के बाद यह चाय और जल के बाद तीसरा सर्वाधिक लोकप्रिय पेय है।, European Beer Guide, Accessed 2006-10-17 क्योंकि बियर अधिकतर जौ के किण्वन (फ़र्मेन्टेशन​) से बनती है, इसलिए इसे भारतीय उपमहाद्वीप में जौ की शराब या आब-जौ के नाम से बुलाया जाता है। संस्कृत में जौ को 'यव' कहते हैं इसलिए बियर का एक अन्य नाम यवसुरा भी है। ध्यान दें कि जौ के अलावा बियर बनाने के लिए गेहूं, मक्का और चावल का भी व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। अधिकतर बियर को राज़क (हॉप्स) से सुवासित एवं स्वादिष्ट कर दिया जाता है, जिसमें कडवाहट बढ़ जाती है और जो प्राकृतिक संरक्षक के रूप में भी कार्य करता है, हालांकि दूसरी सुवासित जड़ी बूटियां अथवा फल भी यदाकदा मिला दिए जाते हैं।, Max Nelson, Routledge, Page 1, Pages 1, 2005, ISBN 0-415-31121-7, Accessed 2009-11-19 लिखित साक्ष्यों से यह पता चलता है कि मान्यता के आरंभ से बियर के उत्पादन एवं वितरण को कोड ऑफ़ हम्मुराबी के रूप में सन्दर्भित किया गया है जिसमें बियर और बियर पार्लर्स से संबंधित विनियमन कानून तथा "निन्कासी के स्रुति गीत", जो बियर की मेसोपोटेमिया देवी के लिए प्रार्थना एवं किंचित शिक्षित लोगों की संस्कृति के लिए नुस्खे के रूप में बियर का उपयोग किया जाता था। आज, किण्वासवन उद्योग एक वैश्विक व्यापार बन गया है, जिसमें कई प्रभावी बहुराष्ट्रीय कंपनियां और हजारों की संख्या में छोटे-छोटे किण्वन कर्म शालाओं से लेकर आंचलिक शराब की भट्टियां शामिल हैं। बियर के किण्वासन की मूल बातें राष्ट्रीय और सांस्कृतिक सीमाओं से परे भी एक साझे में हैं। आमतौर पर बियर को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है - दुनिया भर में लोकप्रिय हल्का पीला यवसुरा और आंचलिक तौर पर अलग किस्म के बियर, जिन्हें और भी कई किस्मों जैसे कि हल्का पीला बियर, घने और भूरे बियर में वर्गीकृत किया गया है। आयतन के दृष्टीकोण से बियर में शराब की मात्रा (सामान्य) 4% से 6% तक रहती है हालांकि कुछ मामलों में यह सीमा 1% से भी कम से आरंभ कर 20% से भी अधिक हो सकती है। बियर पान करने वाले राष्ट्रों के लिए बियर उनकी संस्कृति का एक अंग है और यह उनकी सामजिक परंपराओं जैसे कि बियर त्योहारों, साथ ही साथ मदिरालयी सांस्कृतिक गतिविधियों जैसे कि मदिरालय रेंगना तथा मदिरालय में खेले जाने वाले खेल जैसे कि बार बिलियर्ड्स शामिल हैं। .

नई!!: पुष्प और बियर · और देखें »

बीज

विभिन्न पौधों के बीज बीज की परिभाषा बीज एक परिपक्व बीजाण्ड है,जो निषेचन के बाद क्रियाशिल होता है,बीज उचित परिस्थितिया जैसे जल,वायु,सूर्य प्रकास आदि मिलने पर क्रियाशिल होता है। .

नई!!: पुष्प और बीज · और देखें »

मधु

बोतल में छत्ते के साथ रखी मधु मधु या शहद (अंग्रेज़ी:Honey हनी) एक मीठा, चिपचिपाहट वाला अर्ध तरल पदार्थ होता है जो मधुमक्खियों द्वारा पौधों के पुष्पों में स्थित मकरन्दकोशों से स्रावित मधुरस से तैयार किया जाता है और आहार के रूप में मौनगृह में संग्रह किया जाता है।। उत्तराकृषिप्रभा शहद में जो मीठापन होता है वो मुख्यतः ग्लूकोज़ और एकलशर्करा फ्रक्टोज के कारण होता है। शहद का प्रयोग औषधि रूप में भी होता है। शहद में ग्लूकोज व अन्य शर्कराएं तथा विटामिन, खनिज और अमीनो अम्ल भी होता है जिससे कई पौष्टिक तत्व मिलते हैं जो घाव को ठीक करने और उतकों के बढ़ने के उपचार में मदद करते हैं। प्राचीन काल से ही शहद को एक जीवाणु-रोधी के रूप में जाना जाता रहा है। शहद एक हाइपरस्मॉटिक एजेंट होता है जो घाव से तरल पदार्थ निकाल देता है और शीघ्र उसकी भरपाई भी करता है और उस जगह हानिकारक जीवाणु भी मर जाते हैं। जब इसको सीधे घाव में लगाया जाता है तो यह सीलैंट की तरह कार्य करता है और ऐसे में घाव संक्रमण से बचा रहता है।। हिन्दुस्तान लाईव। ११ अप्रैल २०१० .

नई!!: पुष्प और मधु · और देखें »

मधुमक्खी

मधुमक्खी मधुमक्खी के छाते मधुमक्खी कीट वर्ग का प्राणी है। मधुमक्खी से मधु प्राप्त होता है जो अत्यन्त पौष्टिक भोजन है। यह संघ बनाकर रहती हैं। प्रत्येक संघ में एक रानी, कई सौ नर और शेष श्रमिक होते हैं। मधुमक्खियाँ छत्ते बनाकर रहती हैं। इनका यह घोसला (छत्ता) मोम से बनता है। इसके वंश एपिस में 7 जातियां एवं 44 उपजातियां हैं। .

नई!!: पुष्प और मधुमक्खी · और देखें »

मसाला

गोवा की एक दुकान में मसाले इस्तानबुल की एक दुकान में मसाले भोजन को सुवास बनाने, रंगने या संरक्षित करने के उद्देश्य से उसमें मिलाए जाने वाले सूखे बीज, फल, जड़, छाल, या सब्जियों को मसाला (spice) कहते हैं। कभी-कभी मसाले का प्रयोग दूसरे फ्लेवर को छुपाने के लिए भी किया जाता है। मसाले, जड़ी-बूटियों से अलग हैं। पत्तेदार हरे पौधों के विभिन्न भागों को जड़ी-बूटी (हर्ब) कहते हैं। इनका भी उपयोग फ्लेवर देने या अलंकृत करने (garnish) के लिए किया जाता है। बहुत से मसालों में सूक्ष्मजीवाणुओं को नष्ट करने की क्षमता पाई जाती है। .

नई!!: पुष्प और मसाला · और देखें »

मक्का (अनाज)

मक्का विभिन्न रंग और आकार के दानों वाली मकई की सूखी (पकी) बालियाँ भुट्टा सेंकते हुए ''Zea mays 'Ottofile giallo Tortonese''' मक्का (वानस्पतिक नाम: Zea mays) एक प्रमुख खाद्य फसल हैं, जो मोटे अनाजो की श्रेणी में आता है। इसे भुट्टे की शक्ल में भी खाया जाता है। भारत के अधिकांश मैदानी भागों से लेकर २७०० मीटर उँचाई वाले पहाडी क्षेत्रों तक मक्का सफलतापूर्वक उगाया जाता है। इसे सभी प्रकार की मिट्टियों में उगाया जा सकता है तथा बलुई, दोमट मिट्टी मक्का की खेती के लिये बेहतर समझी जाती है। मक्का एक ऐसा खाद्यान्न है जो मोटे अनाज की श्रेणी में आता तो है परंतु इसकी पैदावार पिछले दशक में भारत में एक महत्त्वपूर्ण फसल के रूप में मोड़ ले चुकी है क्योंकि यह फसल सभी मोटे व प्रमुख खाद्दानो की बढ़ोत्तरी दर में सबसे अग्रणी है। आज जब गेहूँ और धान मे उपज बढ़ाना कठिन होता जा रहा है, मक्का पैदावार के नये मानक प्रस्तुत कर रही है जो इस समय बढ्कर 5.98 तक पहुँच चुका है। यह फसल भारत की भूमि पर १६०० ई० के अन्त में ही पैदा करना शुरू की गई और आज भारत संसार के प्रमुख उत्पादक देशों में शामिल है। जितनी प्रकार की मक्का भारत में उत्पन्न की जाती है, शायद ही किसी अन्य देश में उतनी प्रकार की मक्का उत्पादित की जा रही है। हाँ यह बात और है कि भारत मक्का के उपयोगो मे काफी पिछडा हुआ है। जबकि अमरीका में यह एक पूर्णतया औद्याोगिक फसल के रूप में उत्पादित की जाती है और इससे विविध औद्याोगिक पदार्थ बनाऐ जाते है। भारत में मक्का का महत्त्व एक केवल खाद्यान्न की फसल के रूप मे जाना जाता है। सयुक्त राज्य अमरीका मे मक्का का अधिकतम उपयोग स्टार्च बनाने के लिये किया जाता है। भारत में मक्का की खेती जिन राज्यों में व्यापक रूप से की जाती है वे हैं - आन्ध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश इत्यादि। इनमे से राजस्थान में मक्का का सर्वाधिक क्षेत्रफल है व आन्ध्रा में सर्वाधिक उत्पादन होता है। परन्तु मक्का का महत्व जम्मू कश्मीर, हिमाचल, पूर्वोत्तर राज्यों, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, महाराष्ट्र, गुजरात व झारखण्ड में भी काफी अधिक है। .

नई!!: पुष्प और मक्का (अनाज) · और देखें »

यूनाइटेड किंगडम

वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैण्ड का यूनाइटेड किंगडम (सामान्यतः यूनाइटेड किंगडम, यूके, बर्तानिया, UK, या ब्रिटेन के रूप में जाना जाने वाला) एक विकसित देश है जो महाद्वीपीय यूरोप के पश्चिमोत्तर तट पर स्थित है। यह एक द्वीपीय देश है, यह ब्रिटिश द्वीप समूह में फैला है जिसमें ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड का पूर्वोत्तर भाग और कई छोटे द्वीप शामिल हैं।उत्तरी आयरलैंड, UK का एकमात्र ऐसा हिस्सा है जहां एक स्थल सीमा अन्य राष्ट्र से लगती है और यहां आयरलैण्ड यूके का पड़ोसी देश है। इस देश की सीमा के अलावा, UK अटलांटिक महासागर, उत्तरी सागर, इंग्लिश चैनल और आयरिश सागर से घिरा हुआ है। सबसे बड़ा द्वीप, ग्रेट ब्रिटेन, चैनल सुरंग द्वारा फ़्रांस से जुड़ा हुआ है। यूनाइटेड किंगडम एक संवैधानिक राजशाही और एकात्मक राज्य है जिसमें चार देश शामिल हैं: इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स. यह एक संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है जिसकी राजधानी लंदन में सरकार बैठती है, लेकिन इसमें तीन न्यागत राष्ट्रीय प्रशासन हैं, बेलफ़ास्ट, कार्डिफ़ और एडिनबर्ग, क्रमशः उत्तरी आयरलैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड की राजधानी.जर्सी और ग्वेर्नसे द्वीप समूह, जिन्हें सामूहिक रूप से चैनल द्वीप कहा जाता है और मैन द्वीप (आईल ऑफ मान), यू के की राजत्व निर्भरता हैं और UK का हिस्सा नहीं हैं। इसके इलावा, UK के चौदह समुद्रपार निर्भर क्षेत्र हैं, ब्रिटिश साम्राज्य, जो १९२२ में अपने चरम पर था, दुनिया के तकरीबन एक चौथाई क्षेत्रफ़ल को घेरता था और इतिहास का सबसे बड़ा साम्रज्य था। इसके पूर्व उपनिवेशों की भाषा, संस्कृति और कानूनी प्रणाली में ब्रिटिश प्रभाव अभी भी देखा जा सकता है। प्रतीकत्मक सकल घरेलू उत्पाद द्वारा दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था और क्रय शक्ति समानता के हिसाब से सातवाँ बड़ा देश होने के साथ ही, यूके एक विकसित देश है। यह दुनिया का पहला औद्योगिक देश था और 19वीं और 20वीं शताब्दियों के दौरान विश्व की अग्रणी शक्ति था, लेकिन दो विश्व युद्धों की आर्थिक लागत और 20 वीं सदी के उत्तरार्ध में साम्राज्य के पतन ने वैश्विक मामलों में उसकी अग्रणी भूमिका को कम कर दिया फिर भी यूके अपने सुदृढ़ आर्थिक, सांस्कृतिक, सैन्य, वैज्ञानिक और राजनीतिक प्रभाव के कारण एक प्रमुख शक्ति बना हुआ है। यह एक परमाणु शक्ति है और दुनिया में चौथी सर्वाधिक रक्षा खर्चा करने वाला देश है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट धारण करता है और राष्ट्र के राष्ट्रमंडल, जी8, OECD, नाटो और विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है। .

नई!!: पुष्प और यूनाइटेड किंगडम · और देखें »

रस्सी

मछली पकड़ने में प्रयुक्त रस्सी की कुण्डली रस्सी या रज्जु, रेशों (फाइबर) को ऐंठकर या चोटी-पूरकर (ब्रेडिंग करके) बनायी जाती है जिससे इनकी शक्ति बढ़ जाती है। यांत्रिक दृष्टि से रस्सी में तनाव झेलने की शक्ति (टेंसाइल स्ट्रेंथ) तो होती है किन्तु इसकी कम्प्रेसिव स्ट्रेंथ (दबाव झेलने की शक्ति) नगण्य होती है क्योंकि यह लचीली होती है। इसका दूसरे शब्दों में अर्थ यह है कि खींचने (pulling) के लिये तो इसका प्रयोग किया जा सकता है किन्तु धकेलने (पुशिंग) के लिये नहीं। .

नई!!: पुष्प और रस्सी · और देखें »

रैफ्लेशिया

रेफ्लीसिया रेफ्लीसिया मुख्यतः मलेशिया एंव इंडोनेशिया में पाया जाने वाला, एक आश्चर्यजनक परजीवी पौधा है, जिसका फूल वनस्पति जगत के सभी पौंधों के फूलों से बड़ा लगभग १ मीटर व्यास का होता और इसका वजन १० किलोग्राम तक हो सकता है। इसकी सबसे छोटी प्रजाति २० सेमी व्यास की पाई गई है। सभी प्रजातियों में फूल की त्वचा छूने में मांस की तरह प्रतीत होती है और इसके फूल से सड़े मांस की बदबू आती है जिससे कुछ विशेष कीट पतंग इसकी ओर आकृष्ट होते हैं। इस की खोज सबसे पहले इंडोनेशिया के वर्षा वनों में हुई थी, जब सर्वप्रथम डाक्टर जोसेफ अर्नाल्ड के एक स्थानीय गाइड ने इसे देखा। इसका नामकरण उसी खोजी दल के नेता सर थॉमस स्टैमफोर्ड रेफ्लस के नाम पर हुआ। अब तक इसकी २६ प्रजातियां खोजी जा चुकी है। जिनमें से ४ का नामकरण स्पष्ट रूप से नहीं हुआ है। इंडोनेशिया और मलेशिया के अतिरिक्त यह पौधा सुमात्रा और फ़िलीपीन्स में भी पाया जाता है। इसका जन्म किसी संक्रमित पेड़ की जड़ से होता है। पहले एक गाँठ सी बनती है और जब यह बड़ी होकर एक बंदगोभी के आकार की हो जाती है तब चार दिनों के अंदर इसकी पंखुड़ियाँ खुल जाती हैं और पूरा फूल आकार ले लेता है। इस पौधे में केवल फूल ही एक ऐसा भाग है जो जमीन के ऊपर रहता है शेष सब भाग कवक जाल की भांति पतले-पतले होते हैं और जमीन के अन्दर ही धागों के रूप में फैले रहते हैं। यह दूसरे पौधे की जड़ों से भोजन चूसते हैं। .

नई!!: पुष्प और रैफ्लेशिया · और देखें »

रेशम

रेशम की बनी परम्परागत बनारसी साड़ी रेशम (Silk) प्राकृतिक प्रोटीन से बना रेशा है। रेशम के कुछ प्रकार के रेशों से वस्त्र बनाए जा सकते हैं। ये प्रोटीन रेशों में मुख्यतः फिब्रोइन (fibroin) होता है। ये रेशे कुछ कीड़ों के लार्वा द्वारा बनाया जाता है। सबसे उत्तम रेशम शहतूत के पत्तों पर पलने वाले कीड़ों के लार्वा द्वारा बनाया जाता है। .

नई!!: पुष्प और रेशम · और देखें »

लिली

एक कहानी संग्रह है। इसकी रचना सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने की थी। .

नई!!: पुष्प और लिली · और देखें »

लौंग

लौंग लौंग लौंग (वानस्पतिक नाम: Syzygium aromaticum; मलयालम: കരയാമ്പൂ; अंग्रेजी:Cloves) मटेंसी कुल (Myrtaceae) के 'यूजीनिया कैरियोफ़ाइलेटा' (Eugenia caryophyllata) नामक मध्यम कद वाले सदाबहार वृक्ष की सूखी हुई पुष्प कलिका है। लौंग का अंग्रेजी पर्यायवाची क्लोव (clove) है, जो लैटिन शब्द क्लैवस (clavus) से निकला है। इस शब्द से कील या काँटे का बोध होता है, जिससे लौंग की आकृति का सादृश्य है। दूसरी तरफ लौंग का लैटिन नाम 'पिपर' (Piper) संस्कृत/मलयालम/तमिल के 'पिप्पलि' आया हुआ लगता है। लौंग एक प्रकार का मसाला है। इस मसाले का उपयोग भारतीय पकवानो मे बहुतायत मे किया जाता है। इसे औषधि के रूप मे भी उपयोग मे लिया जाता है। .

नई!!: पुष्प और लौंग · और देखें »

सनातन धर्म

सनातन धर्म: (हिन्दू धर्म, वैदिक धर्म) अपने मूल रूप हिन्दू धर्म के वैकल्पिक नाम से जाना जाता है।वैदिक काल में भारतीय उपमहाद्वीप के धर्म के लिये 'सनातन धर्म' नाम मिलता है। 'सनातन' का अर्थ है - शाश्वत या 'हमेशा बना रहने वाला', अर्थात् जिसका न आदि है न अन्त।सनातन धर्म मूलत: भारतीय धर्म है, जो किसी ज़माने में पूरे वृहत्तर भारत (भारतीय उपमहाद्वीप) तक व्याप्त रहा है। विभिन्न कारणों से हुए भारी धर्मान्तरण के बाद भी विश्व के इस क्षेत्र की बहुसंख्यक आबादी इसी धर्म में आस्था रखती है। सिन्धु नदी के पार के वासियो को ईरानवासी हिन्दू कहते, जो 'स' का उच्चारण 'ह' करते थे। उनकी देखा-देखी अरब हमलावर भी तत्कालीन भारतवासियों को हिन्दू और उनके धर्म को हिन्दू धर्म कहने लगे। भारत के अपने साहित्य में हिन्दू शब्द कोई १००० वर्ष पूर्व ही मिलता है, उसके पहले नहीं। हिन्दुत्व सनातन धर्म के रूप में सभी धर्मों का मूलाधार है क्योंकि सभी धर्म-सिद्धान्तों के सार्वभौम आध्यात्मिक सत्य के विभिन्न पहलुओं का इसमें पहले से ही समावेश कर लिया गया था। .

नई!!: पुष्प और सनातन धर्म · और देखें »

सहानुभूति

किसी व्यक्ति की ऐसी संवेगात्मक प्रतिक्रियाएं जो दूसरे लोगों पर केंद्रित होती हैं, या जिसका रूझान दूसरे की तरफ होता है और जिससे करूणा की अनुभूति, हमदर्दी और चिंताएं शामिल होती है, उसे सहानुभूति (Sympathy) कहते हैं। इस तरह समानुभूति में सहानुभूति शामिल होती है। यदि हम किसी दूसरे व्यक्ति के प्रति समानुभूति रखते हैं तो इससे हमारा सहायता करने की प्रवृत्ति और मजबूत होती है। किंतु सहानुभूति सहायता की प्रवृत्ति की तरफ जाये, यह आवश्यक नहीं है। .

नई!!: पुष्प और सहानुभूति · और देखें »

स्त्री जननांग

स्त्री प्रजनन तंत्र का योजनामूलक चित्र मानवों में प्रजनन हेतु जननांग होते हैं, जो स्त्रियों और पुरुषों में भिन्न होते हैं। स्त्री के जननांगो में सबसे पहले बाल होते है जिसे प्यूबिक बाल कहा जाता है। ये बाल स्त्री जननागं को चारों ओर से घेरे रहते है। ऊपर की तरफ एक अंग जो उल्टे वी के आकार की होती है उसे क्लाईटोरिस कहते है। यह भाग काफी संवेदनशील होता है। क्लाइटोरिस के नीचे एक छोटा सा छेद होता है जोकि मूत्रद्वार होता है। मूत्रद्वार के नीचे एक बड़ा छिद्र होता है जिसको जनन छिद्र कहते है। इसी के रास्ते प्रत्येक महीने महिलाओं को मासिक स्राव (माहवारी) होती है। इसी रास्ते के द्वारा ही बच्चे का जन्म भी होता है। इसकी दीवारे लचीली होती है जो बच्चे के जन्म समय फैल जाती है। इसके नीचे थोड़ी सी दूरी पर एक छिद्र होता है जिसे मलद्वार या मल निकास द्वार कहते है। .

नई!!: पुष्प और स्त्री जननांग · और देखें »

सूरजमुखी

पूरा बीज (दाएं) और कर्नेल बिना छिलके के (बाएं) सूरजमुखी या 'सूर्यमुखी' (वानस्पतिक नाम: हेलियनथस एनस) अमेरिका के देशज वार्षिक पौधे हैं। यह अनेक देशों के बागों में उगाया जाता है। यह कंपोजिटी (Compositae) कुल के हेलिएंथस (Helianthus) गण का एक सदस्य है। इस गण में लगभग साठ जातियाँ पाई गई हैं जिनमें हेलिएंथस ऐमूस (Helianthus annuus), हेलिएंथस डिकैपेटलेस (Helianthus decapetalus), हेलिएंथिस मल्टिफ्लोरस (Helianthus multiflorus), हे.

नई!!: पुष्प और सूरजमुखी · और देखें »

जड़ (वनस्पति)

आम के वृक्ष का जड़ पौधे का वह भाग जो जमीन के अन्दर मुलांकुर से विकसित होकर प्रवेश करता है तथा प्रकाश के विपरीत जाता है, जड़ या मूल (root) कहलाता है। .

नई!!: पुष्प और जड़ (वनस्पति) · और देखें »

जनन

जनन (Reproduction) द्वारा कोई जीव (वनस्पति या प्राणी) अपने ही सदृश किसी दूसरे जीव को जन्म देकर अपनी जाति की वृद्धि करता है। जन्म देने की इस क्रिया को जनन कहते हैं। जनन जीवितों की विशेषता है। जीव की उत्पत्ति किसी पूर्ववर्ती जीवित जीव से ही होती है। निर्जीव पिंड से सजीव की उत्पत्ति नहीं देखी गई है। संभवत: विषाणु (Virus) इसके अपवाद हों (देखें, स्वयंजनन, Abiogenesis)। जनन के दो उद्देश्य होते हैं एक व्यक्तिविशेष का संरक्षण और दूसरा जाति की शृंखला बनाए रखना। दोनों का आधार पोषण है। पोषण से ही संरक्षण, वृद्धि और जनन होते हैं। जीवधारियों के अंतअंतहेलनस्पति और प्राणी दोनों आते हैं। दोनों में ही जैविक घटनाएँ घटित होती है। दोनों की जननविधियों में समानता है, पर सूक्ष्म विस्तार में अंतर अवश्य है। अत: उनका विचार अलग अलग किया जा रहा है। .

नई!!: पुष्प और जनन · और देखें »

जापान

जापान, एशिया महाद्वीप में स्थित देश है। जापान चार बड़े और अनेक छोटे द्वीपों का एक समूह है। ये द्वीप एशिया के पूर्व समुद्रतट, यानि प्रशांत महासागर में स्थित हैं। इसके निकटतम पड़ोसी चीन, कोरिया तथा रूस हैं। जापान में वहाँ का मूल निवासियों की जनसंख्या ९८.५% है। बाकी 0.5% कोरियाई, 0.4 % चाइनीज़ तथा 0.6% अन्य लोग है। जापानी अपने देश को निप्पॉन कहते हैं, जिसका मतलब सूर्योदय है। जापान की राजधानी टोक्यो है और उसके अन्य बड़े महानगर योकोहामा, ओसाका और क्योटो हैं। बौद्ध धर्म देश का प्रमुख धर्म है और जापान की जनसंख्या में 96% बौद्ध अनुयायी है। .

नई!!: पुष्प और जापान · और देखें »

विलियम ब्लेक

विलियम ब्लेक (28 नवम्बर 1757 – 12 अगस्त 1827) एक अंग्रेज कवि, चित्रकार तथा प्रिंट रचयिता थे। अपने जीवनकाल में उन्हें ख्याति नहीं मिली, किंतु अब उन्हें रोमैंटिक युग की कविता और चाक्षुष कलाओं के क्षेत्र की एक महान आरंभिक हस्ती के रूप में माना जाता है। उनके भविष्यदर्शी काव्य के बारे में कहा गया है कि वह “अंग्रेजी भाषा का ऐसा काव्य है जिसे उसकी खूबियों के अनुपात से कम पढ़ा गया”.

नई!!: पुष्प और विलियम ब्लेक · और देखें »

विलियम वर्द्स्वर्थ

विलियम वर्द्स्व्र्थ (७ अप्रैल,१७७०-२३ अप्रैल १८५०) एक प्रमुख रोमचक कवि थे और उन्होने सैम्युअल टेलर कॉलरिज कि सहायता से अंरेज़ि सहित्य में सयुक्त प्रकाशन गीतात्मक गथागीत के साथ रोमन्चक युग क आरम्भ किया। वर्द्स्वर्थ कि प्रसिध रचना 'द प्रेल्युद' हे जो कि एक अर्ध-आत्म चरितात्मक कवित माना जाता है। वर्द्स्वर्थ १८४३ से १८५० में अप्नि म्रित्यु तक ब्रिटेन के महाकवि थे। .

नई!!: पुष्प और विलियम वर्द्स्वर्थ · और देखें »

विलोपन सिद्धान्त

बीजगणित तथा बीजीय ज्यामिति में उन कलनविधियों को विलोपन सिद्धान्त (elimination theory) या केवल 'विलोपन' कहते हैं जो अनेकों चरों से युक्त समीकरणों में से एक या अधिक चरों को हटाने (विलुप्त करने) के लिए प्रयुक्त होती हैं। आजकल रैखिक युगपत समीकरणों से चरों के विलोपन के लिए प्रायः गाउस का विलोपन प्रयुक्त होता है। इसी के उपयोग से इन समीकरणों का हल निकाला जाता है न कि क्रैमर के नियम द्वारा। .

नई!!: पुष्प और विलोपन सिद्धान्त · और देखें »

विष्णु

वैदिक समय से ही विष्णु सम्पूर्ण विश्व की सर्वोच्च शक्ति तथा नियन्ता के रूप में मान्य रहे हैं। हिन्दू धर्म के आधारभूत ग्रन्थों में बहुमान्य पुराणानुसार विष्णु परमेश्वर के तीन मुख्य रूपों में से एक रूप हैं। पुराणों में त्रिमूर्ति विष्णु को विश्व का पालनहार कहा गया है। त्रिमूर्ति के अन्य दो रूप ब्रह्मा और शिव को माना जाता है। ब्रह्मा को जहाँ विश्व का सृजन करने वाला माना जाता है, वहीं शिव को संहारक माना गया है। मूलतः विष्णु और शिव तथा ब्रह्मा भी एक ही हैं यह मान्यता भी बहुशः स्वीकृत रही है। न्याय को प्रश्रय, अन्याय के विनाश तथा जीव (मानव) को परिस्थिति के अनुसार उचित मार्ग-ग्रहण के निर्देश हेतु विभिन्न रूपों में अवतार ग्रहण करनेवाले के रूप में विष्णु मान्य रहे हैं। पुराणानुसार विष्णु की पत्नी लक्ष्मी हैं। कामदेव विष्णु जी का पुत्र था। विष्णु का निवास क्षीर सागर है। उनका शयन शेषनाग के ऊपर है। उनकी नाभि से कमल उत्पन्न होता है जिसमें ब्रह्मा जी स्थित हैं। वह अपने नीचे वाले बाएँ हाथ में पद्म (कमल), अपने नीचे वाले दाहिने हाथ में गदा (कौमोदकी),ऊपर वाले बाएँ हाथ में शंख (पाञ्चजन्य) और अपने ऊपर वाले दाहिने हाथ में चक्र(सुदर्शन) धारण करते हैं। शेष शय्या पर आसीन विष्णु, लक्ष्मी व ब्रह्मा के साथ, छंब पहाड़ी शैली के एक लघुचित्र में। .

नई!!: पुष्प और विष्णु · और देखें »

खसखस

खस का पौधा खस या खसखस (Khus Khus) एक सुगंधित पौधा है। इसका वानस्पतिक नाम वेटिवीरिआ जिजेनिऑयडीज (Vetiveria) है जिसकी व्युत्पत्ति तमिल के शब्द वेटिवर से हुई प्रतीत होती है। यह सुगंधित, पतले एकवर्ध्यक्ष (Racemes) का लंबे पुष्पगुच्छवाला वर्षानुवर्षी पौधा है। इसकी अनुशूकी का जोड़ा सीकुररहित होता है, जिसमें से एक अवृंत और पूर्ण तथा दूसरा वृंतयुक्त और पृंपुष्पी होता है। अवृंत अनुशूकि में बारीक कंटक होते हैं। इसका प्रकंद (rhizoma) बहुत सुगंधित होता है। प्रकंद का उपयोग भारत में इत्र बनाने और ओषधि के रूप में प्राचीन काल से हो रहा है। पौधे की जड़ों का उपयोग विशेष प्रकार का पर्दा बनाने में होता है जिसे ‘खस की टट्टी’ कहते हैं। इसको ग्रीष्म ऋतु में कमरे तथा खिड़कियों पर लगाते हैं और पानी से तर रखते हैं जिससे कमरे में ठंडी तथा सुगंधित वायु आती है और कमरा ठंडा बना रहता है। प्रकंद के वाष्प आसवन से सुगंधित वाष्पशील तेल प्राप्त होता है जिसका उपयोग इत्र बनाने में होता है। फूलों की गंध को पकड़ रखने की इसमें क्षमता पर्याप्त होती है। यह सघन गुच्छेदार घास राजस्थान एवं भारत के अन्य राज्यों में स्वजात उगती पाई जाती है। राजस्थान में भरतपुर तथा अजमेर जिलों में यह खूब उगती है। इस पादप के मजबूत डंठल प्रकद से निकले हुए लगभग 2 मीटर तक ऊंचे, सघन गुच्छों में, मजबूत स्पंजी जड़ों वाले होते हैं। इसकी जड़ों से प्राप्त तेल इत्र उद्योग में प्रसाधन सामग्री बनाने व साबुन का सुगंध प्रदान करने में प्रयुक्त होता है। खस तेल का अध्याम, शूल व दुराग्राही उल्टियों में वातानुलोमक के रूप में प्रयोग होता है। यह उद्दीपक, स्वेदनकारी व शीतलक माना जाता है। इसके अतिरिक्त आमवात, कटिवेदना व मोच में भी इससे मालिश करने पर आराम मिलता है। .

नई!!: पुष्प और खसखस · और देखें »

गंध

गंध सूँघने की शक्ति द्वारा ग्राह्य संवेदना है। श्रेणी:बोध *.

नई!!: पुष्प और गंध · और देखें »

गुलदाउदी

गुलदाउदी (Chrysanthemum) एक बारहमासी सजावटी फूलों का पौधा है। इसकी लगभग 30 प्रजातियों पाई जाती हैं। मुख्यतः यह एशिया और पूर्वोत्तर यूरोप मे पाया जाता है। ग्रीक भाषा के (Anemone) अनुसार क्राइसैंथिमम शब्द का अर्थ स्वर्णपुष्प है। इस जाति का पुष्प छोटा तथा सम्मित एनीमोन सदृश होता है। बेंथैम तथा हूकर (Bentham and Hooker, 1862-93) के वनस्पति-विभाजन-क्रम के आधार पर गुलदाऊउदी का स्थान नीचे दिए हुए क्रम के अनुसार निर्धारित होता है: वर्ग द्विदलीय (Dicotyledon) गैमोपेटैली (Gamopetalae) श्रेणी इनफेरी (Inferae) आर्डर ऐस्टरेलीज़ (Asterales) कुल कॉम्पॉज़िटी (Compositae) जीनस क्राइसैंथिमम .

नई!!: पुष्प और गुलदाउदी · और देखें »

गुलाब

गुलाब एक बहुवर्षीय, झाड़ीदार, कंटीला, पुष्पीय पौधा है जिसमें बहुत सुंदर सुगंधित फूल लगते हैं। इसकी १०० से अधिक जातियां हैं जिनमें से अधिकांश एशियाई मूल की हैं। जबकि कुछ जातियों के मूल प्रदेश यूरोप, उत्तरी अमेरिका तथा उत्तरी पश्चिमी अफ्रीका भी है। भारत सरकार ने १२ फरवरी को 'गुलाब-दिवस' घोषित किया है। गुलाब का फूल कोमलता और सुंदरता के लिये प्रसिद्ध है, इसी से लोग छोटे बच्चों की उपमा गुलाब के फूल से देते हैं। .

नई!!: पुष्प और गुलाब · और देखें »

ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया, सरकारी तौर पर ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल दक्षिणी गोलार्द्ध के महाद्वीप के अर्न्तगत एक देश है जो दुनिया का सबसे छोटा महाद्वीप भी है और दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप भी, जिसमे तस्मानिया और कई अन्य द्वीप हिंद और प्रशांत महासागर में है। ऑस्ट्रेलिया एकमात्र ऐसी जगह है जिसे एक ही साथ महाद्वीप, एक राष्ट्र और एक द्वीप माना जाता है। पड़ोसी देश उत्तर में इंडोनेशिया, पूर्वी तिमोर और पापुआ न्यू गिनी, उत्तर पूर्व में सोलोमन द्वीप, वानुअतु और न्यू कैलेडोनिया और दक्षिणपूर्व में न्यूजीलैंड है। 18वी सदी के आदिकाल में जब यूरोपियन अवस्थापन प्रारंभ हुआ था उसके भी लगभग 40 हज़ार वर्ष पहले, ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप और तस्मानिया की खोज अलग-अलग देशो के करीब 250 स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाईयो ने की थी। तत्कालिक उत्तर से मछुआरो के छिटपुट भ्रमण और होलैंडवासियो (Dutch) द्वारा 1606, में यूरोप की खोज के बाद,1770 में ऑस्ट्रेलिया के अर्द्वपूर्वी भाग पर अंग्रेजों (British) का कब्ज़ा हो गया और 26 जनवरी 1788 में इसका निपटारा "देश निकला" दण्डस्वरुप बने न्यू साउथ वेल्स नगर के रूप में हुआ। इन वर्षों में जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि हुई और महाद्वीप का पता चला,19वी सदी के दौरान दूसरे पांच बड़े स्वयं-शासित शीर्ष नगर की स्थापना की गई। 1 जनवरी 1901 को, छ: नगर महासंघ हो गए और ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल का गठन हुआ। महासंघ के समय से लेकर ऑस्ट्रेलिया ने एक स्थायी उदार प्रजातांत्रिक राजनैतिक व्यवस्था का निर्वहन किया और प्रभुता संपन्न राष्ट्र बना रहा। जनसंख्या 21.7मिलियन (दस लाख) से थोडा ही ऊपर है, साथ ही लगभग 60% जनसंख्या मुख्य राज्यों सिडनी,मेलबर्न,ब्रिस्बेन,पर्थ और एडिलेड में केन्द्रित है। राष्ट्र की राजधानी केनबर्रा है जो ऑस्ट्रेलियाई प्रधान प्रदेश (ACT) में अवस्थित है। प्रौद्योगिक रूप से उन्नत और औद्योगिक ऑस्ट्रेलिया एक समृद्ध बहुसांस्कृतिक राष्ट्र है और इसका कई राष्ट्रों की तुलना में इन क्षत्रों में प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है जैसे स्वास्थ्य, आयु संभाव्यता, जीवन-स्तर, मानव विकास, जन शिक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता और मूलभूत अधिकारों की रक्षा और राजनैतिक अधिकार.

नई!!: पुष्प और ऑस्ट्रेलिया · और देखें »

कनाडा

कोई विवरण नहीं।

नई!!: पुष्प और कनाडा · और देखें »

कमल

'''कमल''' - यही भारत का राष्ट्रीय पुष्प भी है। कमल (वानस्पतिक नाम:नीलंबियन न्यूसिफ़ेरा (Nelumbian nucifera)) वनस्पति जगत का एक पौधा है जिसमें बड़े और सुन्दर फूल खिलते हैं। यह भारत का राष्ट्रीय पुष्प है। संस्कृत में इसके नाम हैं - कमल, पद्म, पंकज, पंकरुह, सरसिज, सरोज, सरोरुह, सरसीरुह, जलज, जलजात, नीरज, वारिज, अंभोरुह, अंबुज, अंभोज, अब्ज, अरविंद, नलिन, उत्पल, पुंडरीक, तामरस, इंदीवर, कुवलय, वनज आदि आदि। फारसी में कमल को 'नीलोफ़र' कहते हैं और अंग्रेजी में इंडियन लोटस या सैक्रेड लोटस, चाइनीज़ वाटर-लिली, ईजिप्शियन या पाइथागोरियन बीन। कमल का पौधा (कमलिनी, नलिनी, पद्मिनी) पानी में ही उत्पन्न होता है और भारत के सभी उष्ण भागों में तथा ईरान से लेकर आस्ट्रेलिया तक पाया जाता है। कमल का फूल सफेद या गुलाबी रंग का होता है और पत्ते लगभग गोल, ढाल जैसे, होते हैं। पत्तों की लंबी डंडियों और नसों से एक तरह का रेशा निकाला जाता है जिससे मंदिरों के दीपों की बत्तियाँ बनाई जाती हैं। कहते हैं, इस रेशे से तैयार किया हुआ कपड़ा पहनने से अनेक रोग दूर हो जाते हैं। कमल के तने लंबे, सीधे और खोखले होते हैं तथा पानी के नीचे कीचड़ में चारों ओर फैलते हैं। तनों की गाँठों पर से जड़ें निकलती हैं। .

नई!!: पुष्प और कमल · और देखें »

कली

गुलाब की कली विभिन्न प्रकार की कलियाँ वनस्पति विज्ञान में किसी अविकसित प्ररोह (shoot) को कली या कलिका (bud) कहते हैं। यह किसी पत्ती के कक्ष (axil) पर या तने के अन्तिम छोर पर उत्पन्न होती है। श्रेणी:वनस्पति विज्ञान.

नई!!: पुष्प और कली · और देखें »

कुकरौंधा

कुकरौंधा (वानस्पतिक नाम: BLUMEA LACERA) एक वनस्पति है। यह भारत में बहुतायत में पायी जाती है। भारत में कपूर इसी से बनाया जाता है।; विभिन्न भाषाओं में नाम.

नई!!: पुष्प और कुकरौंधा · और देखें »

क्लाद मोने

क्लाद मोने फ्रांस के महान चित्रकार हैं। .

नई!!: पुष्प और क्लाद मोने · और देखें »

कीट

एक टिड्डा कीट अर्थोपोडा संघ का एक प्रमुख वर्ग है। इसके 10 लाख से अधिक जातियों का नामकरण हो चुका है। पृथ्वी पर पाये जाने वाले सजीवों में आधे से अधिक कीट हैं। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि कीट वर्ग के 3 करोड़ प्राणी ऐसे हैं जिनको चिन्हित ही नहीं किया गया है अतः इस ग्रह पर जीवन के विभिन्न रूपों में कीट वर्ग का योगदान 90% है। ये पृथ्वी पर सभी वातावरणों में पाए जाते हैं। सिर्फ समुद्रों में इनकी संख्या कुछ कम है। आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण कीट हैं: एपिस (मधुमक्खी) व बांबिक्स (रेशम कीट), लैसिफर (लाख कीट); रोग वाहक कीट, एनाफलीज, क्यूलेक्स तथा एडीज (मच्छर); यूथपीड़क टिड्डी (लोकस्टा); तथा जीवीत जीवाश्म लिमूलस (राज कर्कट किंग क्रेब) आदि। .

नई!!: पुष्प और कीट · और देखें »

अनुकूलन

अनुकूलन किसी विशेष वातावरण में सुगमता पूर्वक जीवन व्यतीत करने एवं वंशवृद्धि के लिए जीवों के शरीर में रचनात्मक एवं क्रियात्मक स्थायी परिवर्तन उत्पन्न होने की प्रक्रिया है। यह शरीर का अंग या स्थिति नहीं बल्कि एक प्रक्रिया है अनुकूलन द्वारा होने वाले स्थायी बदलावों को इस प्रक्रिया से भिन्न स्पष्ट करने के लिए उन्हें अनुकूलन जन्य लक्षण कहा जा सकता है। .

नई!!: पुष्प और अनुकूलन · और देखें »

अंग (शारीरिकी)

जीवविज्ञान (biology) की दृष्टि से एक विशिष्ट कार्य करने वाले उत्तकों के समूह को अंग (organ) कहते हैं। .

नई!!: पुष्प और अंग (शारीरिकी) · और देखें »

उद्यान

पार्क या वाटिका शहरों के अन्दर या आसपास मनोरंजन के लिये बनाया गया खुला व शोभायुक्त पेड़ पौधों से सज्जित हिस्सा है। * श्रेणी:मनोविनोद.

नई!!: पुष्प और उद्यान · और देखें »

१११५

१११५ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: पुष्प और १११५ · और देखें »

१२३४

१२३४ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: पुष्प और १२३४ · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

पुष्पीय, फ़ूल, फूल, फूलों, सुमन

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »