सामग्री की तालिका
ऍनसॅलअडस (उपग्रह)
२६ अगस्त १९८१ को वॉयेजर द्वितीय यान द्वारा ली गयी ऍनसॅलअडस की तस्वीर ऍनसॅलअडस के दक्षिणी ध्रुव के पास के "शेर धारियाँ" क्षेत्र में पानी और बर्फ़ उगलते हुए ऊंचे फुव्वारे ऍनसॅलअडस के दक्षिणी ध्रुव के पास की "शेर धारियाँ" इस तस्वीर में साफ़ नज़र आ रही हैं ऍनसॅलअडस हमारे सौर मण्डल के छठे ग्रह शनि का छठा सब से बड़ा उपग्रह है। ऍनसॅलअडस आकार में बहुत छोटा है - इसका व्यास (डायामीटर) केवल ४०० किमी है, जो शनि के सब से बड़े चद्रमा, टाइटन, का सिर्फ़ दसवाँ है। इस छोटे आकार के बावजूद इसकी सतह पर टीले-खाइयों से लेकर उल्कापिंडों के प्रहार से बने हुए गड्ढों तक तरह-तरह की चीजें देखी जाती हैं। ऍनसॅलअडस की सतह पर अधिकतर पानी की बर्फ़ की एक मोटी तह फैली हुई है। इस बर्फ़ीली सतह की वजह से ऍनसॅलअडस का ऐल्बीडो (सफ़ेदपन या चमकीलापन) १.३८ है, जो सौर मण्डल की किसी भी अन्य ज्ञात वस्तु से अधिक है। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ ने इस उपग्रह की सतह पर मौजूद बहुत से आकारों के नाम आलिफ़ लैला की कहानियों के पात्रों पर रखे हैं, जैसे की समरक़न्द खाइयाँ, अलादीन गड्ढा, सरान्दीब मैदान, वग़ैराह। .
देखें पालिन (चंद्रमा) और ऍनसॅलअडस (उपग्रह)
प्राकृतिक उपग्रह
टाइटन) इतना बड़ा है के उसका अपना वायु मण्डल है - आकारों की तुलना के लिए पृथ्वी भी दिखाई गई है प्राकृतिक उपग्रह या चन्द्रमा ऐसी खगोलीय वस्तु को कहा जाता है जो किसी ग्रह, क्षुद्रग्रह या अन्य वस्तु के इर्द-गिर्द परिक्रमा करता हो। जुलाई २००९ तक हमारे सौर मण्डल में ३३६ वस्तुओं को इस श्रेणी में पाया गया था, जिसमें से १६८ ग्रहों की, ६ बौने ग्रहों की, १०४ क्षुद्रग्रहों की और ५८ वरुण (नॅप्ट्यून) से आगे पाई जाने वाली बड़ी वस्तुओं की परिक्रमा कर रहे थे। क़रीब १५० अतिरिक्त वस्तुएँ शनि के उपग्रही छल्लों में भी देखी गई हैं लेकिन यह ठीक से अंदाज़ा नहीं लग पाया है के वे शनि की उपग्रहों की तरह परिक्रमा कर रही हैं या नहीं। हमारे सौर मण्डल से बाहर मिले ग्रहों के इर्द-गिर्द अभी कोई उपग्रह नहीं मिला है लेकिन वैज्ञानिकों का विशवास है के ऐसे उपग्रह भी बड़ी संख्या में ज़रूर मौजूद होंगे। जो उपग्रह बड़े होते हैं वे अपने अधिक गुरुत्वाकर्षण की वजह से अन्दर खिचकर गोल अकार के हो जाते हैं, जबकि छोटे चन्द्रमा टेढ़े-मेढ़े भी होते हैं (जैसे मंगल के उपग्रह - फ़ोबस और डाइमस)। .
देखें पालिन (चंद्रमा) और प्राकृतिक उपग्रह
माइमस (उपग्रह)
कैसिनी द्वारा फरवरी २०१० में ली गयी माइमस की तस्वीर जिसमें हरशॅल क्रेटर नज़र आ रहा है माइमस का नक़्शा छल्लों के ऍफ़ छल्ले के पीछे माइमस माइमस हमारे सौर मण्डल के छठे ग्रह शनि का सातवा सब से बड़ा उपग्रह है। पूरे सौर मण्डल में यह बीसवा सब से बड़ा उपग्रह है। माइमस सब से छोटी ज्ञात खगोलीय वस्तु है जो अपने गुरुत्वाकर्षण के खींचाव से स्वयं को गोल कर चुकी है। माइमस का व्यास (डायामीटर) ३९६ किमी है। .
देखें पालिन (चंद्रमा) और माइमस (उपग्रह)
जूलियन दिन
जूलियन दिन (Julian day) जूलियन काल के आरम्भ से गुज़रे हुए कुल दिवसों की गिनती है। जूलियन काल का आरम्भ दोपहर के १२ बजे जनवरी १, ४७१३ ईसापूर्व को माना जाता है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से खगोलशास्त्री करते हैं। मसलन जनवरी १, २००० के १२ बजे की जूलियन दिन संख्या (Julian day number) २४,५१,५४५ है। जूलियन दिवस (Julian date) उस आरम्भिक क्षण से व्यतीत हुए दिवसों की गिनती है, जिसमें वर्तमान क्षण तक को गिना जाता है (यानि इस गिनती में अन्त का अधूरा दिन भी शामिल है)। उदाहरण के लिए जनवरी १, २०१३ के ००:३०:००.० बजे समन्वित सार्वत्रिक समय का जूलियन दिवस २४,५६,२९३.५२०८३३ था। .
देखें पालिन (चंद्रमा) और जूलियन दिन
यह भी देखें
शनि के प्राकृतिक उपग्रह
- अल्बियोरिक्स (चंद्रमा)
- इगेओन (चंद्रमा)
- ऍनसॅलअडस (उपग्रह)
- एटलस (चंद्रमा)
- एपिमेथियस (चंद्रमा)
- एरियपस (चंद्रमा)
- ऐजराक (चंद्रमा)
- किवियक (चंद्रमा)
- केलिप्सो (चंद्रमा)
- ग्रेइप (चंद्रमा)
- जानूस (चंद्रमा)
- जार्नसेक्सा (चंद्रमा)
- टार्वोस (चंद्रमा)
- टेलेस्टो (चंद्रमा)
- डाफनिस (चंद्रमा)
- तार्केक (चंद्रमा)
- नन्हा चाँद
- पान (चंद्रमा)
- पालिन (चंद्रमा)
- पालियाक (चंद्रमा)
- पैंडोरा (चंद्रमा)
- पॉलीड्युसस (चंद्रमा)
- प्रोमेथियस (चंद्रमा)
- फोबे (चंद्रमा)
- मिथोन (चंद्रमा)
- रिया (उपग्रह)
- शनि के प्राकृतिक उपग्रह
- स्कॉल (चंद्रमा)
- हिपेरायन (चंद्रमा)
- हीरोकीन (चंद्रमा)
- हेलेन (चंद्रमा)