13 संबंधों: दस्तावेज़, पदोन्नति, प्रबन्धन, प्रशिक्षण, भेदभाव, मात्रा, लक्षण, समय, व्यवहार, व्यक्तित्व, वेतन, आयाम, अदिश राशि।
दस्तावेज़
पासपोर्ट नागरिकता प्रमाणीत करने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ होता है - ब्रिटिश राज के ज़माने का एक भारतीय पासपोर्ट दस्तावेज़ या प्रलेख या डॉक्यूमेंट (document) ऐसी वस्तु को कहते हैं जिसमें काग़ज़, कम्प्यूटर फ़ाइल या किसी अन्य माध्यम पर किसी मानव या मानवों द्वारा बनाए गए चिह्नों, शब्दों, विचारों, चित्रों या अन्य अर्थपूर्ण जानकारी को दर्ज किया गया हो। कानूनी व्यवस्था में किसी समझौते, सम्पति-अधिकार, घोषणा या अन्य महत्वपूर्ण बात का प्रमाण देने के लिए दस्तावेज़ों का विशेष प्रयोग होता है।, Jerry Iannacci, Ron Morris, pg.
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पदोन्नति
किसी संगठन में किसी कर्मचारी का पद बदलकर उसे उससे ऊपर वाला पद देना पदोन्नति (promotion) कहलाता है। .
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प्रबन्धन
व्यवसाय एवं संगठन के सन्दर्भ में प्रबन्धन (Management) का अर्थ है - उपलब्ध संसाधनों का दक्षतापूर्वक तथा प्रभावपूर्ण तरीके से उपयोग करते हुए लोगों के कार्यों में समन्वय करना ताकि लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके। प्रबन्धन के अन्तर्गत आयोजन (planning), संगठन-निर्माण (organizing), स्टाफिंग (staffing), नेतृत्व करना (leading या directing), तथा संगठन अथवा पहल का नियंत्रण करना आदि आते हैं। संगठन भले ही बड़ा हो या छोटा, लाभ के लिए हो अथवा गैर-लाभ वाला, सेवा प्रदान करता हो अथवा विनिर्माणकर्ता, प्रबंध सभी के लिए आवश्यक है। प्रबंध इसलिए आवश्यक है कि व्यक्ति सामूहिक उद्देश्यों की पूर्ति में अपना श्रेष्ठतम योगदान दे सकें। प्रबंध में पारस्परिक रूप से संबंधित वह कार्य सम्मिलित हैं जिन्हें सभी प्रबंधक करते हैं। प्रबंधक अलग-अलग कार्यों पर भिन्न समय लगाते हैं। संगठन के उच्चस्तर पर बैठे प्रबंधक नियोजन एवं संगठन पर नीचे स्तर के प्रबंधकों की तुलना में अधिक समय लगाते हैं। kisi bhi business ko start krne se phle prabandh yaani ke managements ki jaroort hoti h .
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प्रशिक्षण
पर्वतारोहण का प्रशिक्षण प्रशिक्षण (Training) का अर्थ है, अपने आप को या किसी दूसरे को ऐसी शिक्षा देना और या कौशल विकसित करना जिससे किसी विशेष कार्य में प्रवीणता आजाय। श्रेणी:प्रशिक्षण.
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भेदभाव
भेदभाव या विभेदन (discrimination) किसी व्यक्ति या अन्य चीज़ के पक्ष में या उस के विरुद्ध, उसके व्यक्तिगत गुणों-अवगुणों को न देखते हूए, उसके किसी वर्ग, श्रेणी या समूह का सदस्य होने के आधार पर भेद करने की प्रक्रिया को कहते हैं। भेदभाव में अक्सर किसी व्यक्ति को केवल उसके वर्ग के आधार पर अवसरों, स्थानों, अधिकारों और अन्य चीज़ों से वंछित कर दिया जाता है। भेदभावी परम्पराएँ, नीतियाँ, विचार, क़ानून और रीतियाँ बहुत से समाजों, देशों और संस्थाओं में हैं और अक्सर यह वहाँ भी मिलती हैं जहाँ औपचारिक रूप से भेदभाव को न्यायिक रूप से वर्जित या अनौचित्य समझा जाता है। यह किसी धर्म जाति मूल वंश के प्रति किया गया नकारात्मक व्यवहार है .
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मात्रा
मात्रा एक गुण है जो बहुलता या परिमाण के रूप में अस्तित्व में हो सकता है। मात्राओं की तुलना "अधिक", "कम", या "बराबर" के संदर्भ में, या "कोई मापन के मात्रक के संदर्भ में संख्यात्मक मूल्य निर्दिष्ट करके" की जा सकती हैं। गुण, पदार्थ, परिवर्तन, और संबंध, के साथ-साथ मात्र चीज़ों के मूलभूत वर्गों में से एक हैं। कुछ मात्राएँ अपने आंतरिक स्वभाव द्वारा ऐसी हैं (जैसे संख्या), जबकि कुछ मात्राएँ चीज़ों की अवस्थाओं (गुणों, विमाओं, गुणधर्मों) के रूप में काम करती हैं, जैसे कि भारी और हल्का, लंबा और छोटा, चौड़ा और पतला, लघु और महान, या बहुत और कम। .
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लक्षण
लक्षण का अर्थ है - 'पहचान का चिह्न' या गुणधर्म या प्रकृति। किसी पदार्थ की वह विशेषता जिसके द्वारा वह पहचाना जाय। वे गुण आदि जो किसी पदार्थ में विशिष्ट रूप से हों और जिनके द्वारा सहज में उसका ज्ञान हो सके। जैसे,—आकाश के लक्षण से जान पड़ता है कि आज पानी बरसेगा। शरीर में दिखाई पड़नेवाले वे चिह्न आदि जो किसी रोग के सूचक हों, भी 'लक्षण' कहलाते हैं। जैसे,—इस रोगी में क्षय के सभी लक्षण दिखाई देते हैं। सामुद्रिक के अनुसार शरीर के अँगों में मिलने वाले कुछ विशेष चिह्न भी लक्षण कहे जाते हैं जो शुभ या अशुभ माने जाते हैं। जैसे,—चक्रवर्ती और बुद्ध के लक्षण एक से होते हैं। लक्षणों को जाननेवाला या शुभ अशुभ चिह्नों का ज्ञाता लक्षणज्ञ कहलाता है। काव्य या साहित्य के लक्षणों का विवेचन करनेवाला ग्रंथ लक्षण ग्रंथ कहलाता है। दूसरे शब्दों में, लक्षण ग्रन्थ का अर्थ साहित्यिक समीक्षा की पुस्तक या 'समालोचना शास्त्र' है। .
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समय
समय मापने की प्राचीन (किन्तु मेधापूर्ण) तरीका: '''रेतघड़ी''' समय (time) एक भौतिक राशि है। जब समय बीतता है, तब घटनाएँ घटित होती हैं तथा चलबिंदु स्थानांतरित होते हैं। इसलिए दो लगातार घटनाओं के होने अथवा किसी गतिशील बिंदु के एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक जाने के अंतराल (प्रतीक्षानुभूति) को समय कहते हैं। समय नापने के यंत्र को घड़ी अथवा घटीयंत्र कहते हैं। इस प्रकार हम यह भी कह सकते हैं कि समय वह भौतिक तत्व है जिसे घटीयंत्र से नापा जाता है। सापेक्षवाद के अनुसार समय दिग्देश (स्पेस) के सापेक्ष है। अत: इस लेख में समयमापन पृथ्वी की सूर्य के सापेक्ष गति से उत्पन्न दिग्देश के सापेक्ष समय से लिया जाएगा। समय को नापने के लिए सुलभ घटीयंत्र पृथ्वी ही है, जो अपने अक्ष तथा कक्ष में घूमकर हमें समय का बोध कराती है; किंतु पृथ्वी की गति हमें दृश्य नहीं है। पृथ्वी की गति के सापेक्ष हमें सूर्य की दो प्रकार की गतियाँ दृश्य होती हैं, एक तो पूर्व से पश्चिम की तरफ पृथ्वी की परिक्रमा तथा दूसरी पूर्व बिंदु से उत्तर की ओर और उत्तर से दक्षिण की ओर जाकर, कक्षा का भ्रमण। अतएव व्यावहारिक दृष्टि से हम सूर्य से ही काल का ज्ञान प्राप्त करते हैं। .
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व्यवहार
किसी के साथ किस तरह आप रहते हैं वह व्यव्हार कहलाता है। .
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व्यक्तित्व
व्यक्तित्व (personality) आधुनिक मनोविज्ञान का बहुत ही महत्वपूर्ण एवं प्रमुख विषय है। व्यक्तित्व के अध्ययन के आधार पर व्यक्ति के व्यवहार का पूर्वकथन भी किया जा सकता है। प्रत्येक व्यक्ति में कुछ विशेष गुण या विशेषताएं होती हो जो दूसरे व्यक्ति में नहीं होतीं। इन्हीं गुणों एवं विशेषताओं के कारण ही प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे से भिन्न होता है। व्यक्ति के इन गुणों का समुच्चय ही व्यक्ति का व्यक्तित्व कहलाता है। व्यक्तित्व एक स्थिर अवस्था न होकर एक गत्यात्मक समष्टि है जिस पर परिवेश का प्रभाव पड़ता है और इसी कारण से उसमें बदलाव आ सकता है। व्यक्ति के आचार-विचार, व्यवहार, क्रियाएं और गतिविधियों में व्यक्ति का व्यक्तित्व झलकता है। व्यक्ति का समस्त व्यवहार उसके वातावरण या परिवेश में समायोजन करने के लिए होता है। जनसाधारण में व्यक्तित्व का अर्थ व्यक्ति के बाह्य रूप से लिया जाता है, परन्तु मनोविज्ञान में व्यक्तित्व का अर्थ व्यक्ति के रूप गुणों की समष्ठि से है, अर्थात् व्यक्ति के बाह्य आवरण के गुण और आन्तरिक तत्व, दोनों को माना जाता है। .
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वेतन
वेतन किसी नियोक्ता से किसी कर्मचारी को मिलने वाले आवधिक भुगतान का एक स्वरूप है जो एक नियोजन संबंधी अनुबंध में निर्देशित किया गया हो सकता है। यह टुकड़ों में मिलने वाली मजदूरी के विपरीत है जहाँ आवधिक आधार पर भुगतान किये जाने की बजाय प्रत्येक काम, घंटे या अन्य इकाई का अलग-अलग भुगतान किया जाता है। एक कारोबार के दृष्टिकोण से वेतन को अपनी गतिविधियाँ संचालित करने के लिए मानव संसाधनों की प्राप्ति की लागत के रूप में भी देखा जा सकता है और उसके बाद इसे कार्मिक खर्च या वेतन खर्च का नाम दिया जा सकता है। लेखांकन में वेतनों को भुगतान संबंधी (पेरोल) खातों में दर्ज किया जाता है। .
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आयाम
किसी आवर्ती फलन में चर आयाम एक पूर्ण आवर्ती में इसके अधिकतम परिवर्तन का माप है। आयाम को विभिन्न परिभाषाओं से परिभाषित किया जा सकता है जो प्रत्येक इष्टतम मानों में अन्तर के परिमाण के फलन के रूप में होते हैं। पुराने कला को भी आयाम बोला जाता था। .
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अदिश राशि
जिन राशियों में सिर्फ परिमाण होता है उन्हें अदिश राशि कहते हैं, जैसे - चाल, दूरी, द्रव्यमान, आयतन, समय, ताप, कार्य,बिधुत धारा, दाब, ऊर्जा इत्यादि। जिस भौतिक राशि में मात्रा (परिमाण) तथा दिशा दोनो निहित होते हैं उन्हें सदिश राशि कहते है। सदिश राशियों के उदाहरण हैं - वेग, बल, संवेग, त्वरण, विस्थापन,रेखीय संवेग, कोणीय वेग, कोणीय संवेग, चुम्बकीय आघूर्ण,चाल प्रवणता, ताप प्रवणता,विधुत द्विध्रुव आघुर्ण,विधुत धारा घनत्व इत्यादि। राशि, अदिश श्रेणी: चित्र जोड़ें.