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दर्द
दर्द या पीड़ा एक अप्रिय अनुभव होता है। इसका अनुभव कई बार किसी चोट, ठोकर लगने, किसी के मारने, किसी घाव में नमक या आयोडीन आदि लगने से होता है। अंतर्राष्ट्रीय पीड़ा अनुसंधान संघ द्वारा दी गई परिभाषा के अनुसार "एक अप्रिय संवेदी और भावनात्मक अनुभव जो वास्तविक या संभावित ऊतक-हानि से संबंधित होता है; या ऐसी हानि के सन्दर्भ से वर्णित किया जा सके- पीड़ा कहलाता है".
देखें दाँत दर्द और दर्द
दाँत
दाँत (tooth) मुख की श्लेष्मिक कला के रूपांतरित अंकुर या उभार हैं, जो चूने के लवण से संसिक्त होते हैं। दाँत का काम है पकड़ना, काटना, फाड़ना और चबाना। कुछ जानवरों में ये कुतरने (चूहे), खोदने (शूकर), सँवारने (लीमर) और लड़ने (कुत्ते) के काम में भी आते हैं। दांत, आहार को काट-पीसकर गले से उतरने योग्य बनाते हैं। दाँत की दो पंक्तियाँ होती हैं,.
देखें दाँत दर्द और दाँत
दंत-क्षरण
दंत क्षरण, जिसे दंत-अस्थिक्षय या छिद्र भी कहा जाता है, एक बीमारी है जिसमें जीवाण्विक प्रक्रियाएं दांत की सख्त संरचना (दन्तबल्क, दन्त-ऊतक और दंतमूल) को क्षतिग्रस्त कर देती हैं। ये ऊतक क्रमशः टूटने लगते हैं, जिससे दन्त-क्षय (छिद्र, दातों में छिद्र) उत्पन्न हो जाते हैं। दन्त-क्षय दो जीवाणुओं के कारण प्रारंभ होता है: स्ट्रेप्टोकॉकस म्युटान्स (Streptococcus mutans) और लैक्टोबैसिलस (Lactobacillus).
देखें दाँत दर्द और दंत-क्षरण
यह भी देखें
चिकित्सा आपातकाल
- अतिताप
- अधोमधुरक्तता
- आंत में उपांत्र शोथ-एपेंडिसाइटिस
- आंतरिक रक्तस्राव
- आंत्रावरोध
- आत्महत्या
- एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम
- कुंद बल चोट
- घाव
- चोट
- जलना (चिकित्सा)
- डेलेरियम त्रेमेंस
- तानिकाशोथ
- तीव्रग्राहिता
- दाँत दर्द
- पानी में डूबना
- पूतीभवन
- पूर्णहृदरोध
- प्राक्षेपिक अभिघात
- प्रायापिज़्म
- फुफ्फुसीय अन्त:शल्यता
- फुफ्फुसीय शोथ
- रासायनिक चोटें
- वातिलवक्ष
- वाहिकाशोफ
- विद्युत स्पर्शाघात
- शॉक
- सर्पदंश
- हाईपोथर्मिया
- हृदयाघात