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डिज़ाइन

सूची डिज़ाइन

अभिकल्प या डिजाइन (Design) शब्द का उपयोग प्रयुक्त कलाओं, अभियांत्रिकी, वास्तुशिल्प एवं इसी तरह के अन्य सृजनात्मक कार्यों एवं क्षेत्रों में किया जाता है। इसे क्रिया के रूप में एवं संज्ञा के रूप में प्रयोग किया जाता है। क्रिया के रूप में डिजाइन का अर्थ उस प्रक्रिया से है जो किसी उत्पाद, ढांचा, तन्त्र या सामान को अस्तित्व में लाने या उसके विकास के लिये अपनायी जाती है। संज्ञा के रूप में डिजाइन शब्द दो अर्थों में प्रयुक्त होता है-.

सामग्री की तालिका

  1. 4 संबंधों: संज्ञा, वास्तुकला, क्रिया, अभियान्त्रिकी

  2. विषयानुसार अभियान्त्रिकी
  3. संरचना
  4. सौन्दर्यशास्त्र

संज्ञा

भाषा विज्ञान में, संज्ञा एक विशाल, मुक्त शाब्दिक वर्ग का सदस्य है, जिसके सदस्य वाक्यांश के कर्ता के मुख्य शब्द, क्रिया के कर्म, या पूर्वसर्ग के कर्म के रूप में मौजूद हो सकते हैं। शाब्दिक वर्गों को इस संदर्भ में परिभाषित किया जाता है कि उनके सदस्य अभिव्यक्तियों के अन्य प्रकारों के साथ किस तरह संयोजित होते हैं। संज्ञा के लिए भाषावार वाक्यात्मक नियम भिन्न होते हैं। अंग्रेज़ी में, संज्ञा को उन शब्दों के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो उपपद और गुणवाचक विशेषणों के साथ होते हैं और संज्ञा वाक्यांश के शीर्ष के रूप में कार्य कर सकते हैं। पारंपरिक अंग्रेज़ी व्याकरण में Noun, आठ शब्दभेदों में से एक है। .

देखें डिज़ाइन और संज्ञा

वास्तुकला

'''अंकोरवाट मंदिर''' विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक संरचना है भवनों के विन्यास, आकल्पन और रचना की, तथा परिवर्तनशील समय, तकनीक और रुचि के अनुसार मानव की आवश्यकताओं को संतुष्ट करने योग्य सभी प्रकार के स्थानों के तर्कसंगत एवं बुद्धिसंगत निर्माण की कला, विज्ञान तथा तकनीक का संमिश्रण वास्तुकला (आर्किटेक्चर) की परिभाषा में आता है। इसका और भी स्पष्टकीण किया जा सकता है। वास्तुकला ललितकला की वह शाखा रही है और है, जिसका उद्देश्य औद्योगिकी का सहयोग लेते हुए उपयोगिता की दृष्टि से उत्तम भवननिर्माण करना है, जिनके पर्यावरण सुसंस्कृत एवं कलात्मक रुचि के लिए अत्यंत प्रिय, सौंदर्य-भावना के पोषक तथा आनंदकर एवं आनंदवर्धक हों। प्रकृति, बुद्धि एवं रुचि द्वारा निर्धारित और नियमित कतिपय सिद्धांतों और अनुपातों के अनुसार रचना करना इस कला का संबद्ध अंग है। नक्शों और पिंडों का ऐसा विन्यास करना और संरचना को अत्यंत उपयुक्त ढंग से समृद्ध करना, जिससे अधिकतम सुविधाओं के साथ रोचकता, सौंदर्य, महानता, एकता और शक्ति की सृष्टि हो से यही वास्तुकौशल है। प्रारंभिक अवस्थाओं में, अथवा स्वल्पसिद्धि के साथ, वास्तुकला का स्थान मानव के सीमित प्रयोजनों के लिए आवश्यक पेशों, या व्यवसायों में-प्राय: मनुष्य के लिए किसी प्रकार का रक्षास्थान प्रदान करने के लिए होता है। किसी जाति के इतिहास में वास्तुकृतियाँ महत्वपूर्ण तब होती हैं, जब उनमें किसी अंश तक सभ्यता, समृद्धि और विलासिता आ जाती है और उनमें जाति के गर्व, प्रतिष्ठा, महत्वाकांक्षा और आध्यात्मिकता की प्रकृति पूर्णतया अभिव्यक्त होती है। .

देखें डिज़ाइन और वास्तुकला

क्रिया

क्रिया कर्दम ऋषि एवं देवहूति की षष्ठम कन्या थी। क्रिया का विवाह कृतु ऋषि के साथ हुआ था। कृतु और क्रिया से बाल-खिल्यादि साठ सहस्त्र ऋषि उत्पन्न हुये। श्रेणी:श्रीमद्भागवत.

देखें डिज़ाइन और क्रिया

अभियान्त्रिकी

लोहे का 'कड़ा' (O-ring): कनाडा के इंजिनियरों का परिचय व गौरव-चिह्न सन् 1904 में निर्मित एक इंजन की डिजाइन १२ जून १९९८ को अंतरिक्ष स्टेशन '''मीर''' अभियान्त्रिकी (Engineering) वह विज्ञान तथा व्यवसाय है जो मानव की विविध जरूरतों की पूर्ति करने में आने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करता है। इसके लिये वह गणितीय, भौतिक व प्राकृतिक विज्ञानों के ज्ञानराशि का उपयोग करती है। इंजीनियरी भौतिक वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करती है; औद्योगिक प्रक्रमों का विकास एवं नियंत्रण करती है। इसके लिये वह तकनीकी मानकों का प्रयोग करते हुए विधियाँ, डिजाइन और विनिर्देश (specifications) प्रदान करती है। .

देखें डिज़ाइन और अभियान्त्रिकी

यह भी देखें

विषयानुसार अभियान्त्रिकी

संरचना

सौन्दर्यशास्त्र

डिजाइन, अभिकल्पन, अभिकल्पना के रूप में भी जाना जाता है।