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कॉम्पटन प्रभाव

सूची कॉम्पटन प्रभाव

काम्प्टन प्रभाव कॉम्पटन प्रभाव उच्च आवृत्ति के विद्युतचुंबकीय विकिरण (अर्थात फोटॉन) की पदार्थ के साथ वह अंत:क्रिया (इंटरऐक्शन) है जिसमें मुक्त इलेक्ट्रानों से प्रकीर्ण (स्कैटर) होकर फ़ोटान की ऊर्जा में ह्रास हो जाता है और उनके तरंग आयाम में वृद्धि हो जाती है। प्रकीर्णित विकिरण की तरंगदैर्घ्य केवल प्रकीर्णन के कोण पर निर्भर करती है। कॉम्प्टन प्रभाव के स्पष्टीकरण के लिए 1923 ई.

सामग्री की तालिका

  1. 10 संबंधों: ऊर्जा, तरंगदैर्घ्य, पदार्थ, प्रमात्रा यान्त्रिकी, प्रकाश का वेग, प्लैंक स्थिरांक, फ़ोटोन, मुक्त इलेक्ट्रॉन मॉडल, विद्युतचुंबकीय विकिरण, कॉम्पटन तरंगदैर्घ्य

  2. खगोलभौतिकी
  3. परमाणु भौतिकी
  4. प्रेक्षणात्मक खगोलिकी

ऊर्जा

दीप्तिमान (प्रकाश) ऊर्जा छोड़ता हैं। भौतिकी में, ऊर्जा वस्तुओं का एक गुण है, जो अन्य वस्तुओं को स्थानांतरित किया जा सकता है या विभिन्न रूपों में रूपांतरित किया जा सकता हैं। किसी भी कार्यकर्ता के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा (Energy) कहते हैं। ऊँचाई से गिरते हुए जल में ऊर्जा है क्योंकि उससे एक पहिये को घुमाया जा सकता है जिससे बिजली पैदा की जा सकती है। ऊर्जा की सरल परिभाषा देना कठिन है। ऊर्जा वस्तु नहीं है। इसको हम देख नहीं सकते, यह कोई जगह नहीं घेरती, न इसकी कोई छाया ही पड़ती है। संक्षेप में, अन्य वस्तुओं की भाँति यह द्रव्य नहीं है, यद्यापि बहुधा द्रव्य से इसका घनिष्ठ संबंध रहता है। फिर भी इसका अस्तित्व उतना ही वास्तविक है जितना किसी अन्य वस्तु का और इस कारण कि किसी पिंड समुदाय में, जिसके ऊपर किसी बाहरी बल का प्रभाव नहीं रहता, इसकी मात्रा में कमी बेशी नहीं होती। .

देखें कॉम्पटन प्रभाव और ऊर्जा

तरंगदैर्घ्य

साइन-आकारीय अनुप्रस्थ तरंग का तरंगदैर्घ्य, '''λ''' भौतिकी में, कोई साइन-आकार की तरंग, जितनी दूरी के बाद अपने आप को पुनरावृत (repeat) करती है, उस दूरी को उस तरंग का तरंगदैर्घ्य (wavelength) कहते हैं। 'दीर्घ' (.

देखें कॉम्पटन प्रभाव और तरंगदैर्घ्य

पदार्थ

रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान में पदार्थ (matter) उसे कहते हैं जो स्थान घेरता है व जिसमे द्रव्यमान (mass) होता है। पदार्थ और ऊर्जा दो अलग-अलग वस्तुएं हैं। विज्ञान के आरम्भिक विकास के दिनों में ऐसा माना जाता था कि पदार्थ न तो उत्पन्न किया जा सकता है, न नष्ट ही किया जा सकता है, अर्थात् पदार्थ अविनाशी है। इसे पदार्थ की अविनाशिता का नियम कहा जाता था। किन्तु अब यह स्थापित हो गया है कि पदार्थ और ऊर्जा का परस्पर परिवर्तन सम्भव है। यह परिवर्तन आइन्स्टीन के प्रसिद्ध समीकरण E.

देखें कॉम्पटन प्रभाव और पदार्थ

प्रमात्रा यान्त्रिकी

प्रमात्रा यान्त्रिकी (Quantum mechanics) कुछ वैज्ञानिक सिद्धान्तों का एक समुच्चय है जो परमाणवीय पैमाने पर उर्जा एवं पदार्थ के ज्ञात गुणधर्मों की व्याख्या करते हैं। इसमें उप-परमाणु पैमाने पर जो प्रकाश और उप-परमाण्वीय कणों में तरंग-कण द्विरूप देखा जाता है, उसका गणित आधार सम्मिलित है। क्वाण्टम यान्त्रिकी में उर्जा और पदार्थ के गहरे सम्बन्ध का भी गणित आधार सम्मिलित है। .

देखें कॉम्पटन प्रभाव और प्रमात्रा यान्त्रिकी

प्रकाश का वेग

प्रकाश की चाल (speed of light) (जिसे प्राय: c से निरूपित किया जाता है) एक भौतिक नियतांक है। निर्वात में इसका सटीक मान 299,792,458 मीटर प्रति सेकेण्ड है जिसे प्राय: 3 लाख किमी/से.

देखें कॉम्पटन प्रभाव और प्रकाश का वेग

प्लैंक स्थिरांक

प्लैंक स्थिरांक (Planck constant) प्रकृति का एक भौतिक नियतांक है। इसे रोमन लिपि के अक्षर h से प्रदर्शित करते हैं। वैज्ञानिक मैक्स प्लांक ने सर्वप्रथम सिद्धान्त दिया कि यह एक नियतांक है। यह क्वाण्टम यांत्रिकी में क्वान्त के आकार को प्रदर्शित करता है। .

देखें कॉम्पटन प्रभाव और प्लैंक स्थिरांक

फ़ोटोन

एक लेसर में प्रसारित होते कलासम्बद्ध प्रकाश के फ़ोटोन भौतिकी में फ़ोटोन या प्रकाशाणु प्रकाश और अन्य विद्युतचुंबकीय विकिरण (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन) के मूलभूत कण को बोला जाता है। फ़ोटोन का द्रव्यमान (और भार) शून्य होता है। सारे मूलभूत कणों की तरह फ़ोटोन भी तरंग-कण द्विरूप दर्शाते हैं, यानी उनमें तरंग और कण दोनों की ही प्रवृत्ति होती है। फोटोन का आधुनिक रूप "अलबर्ट आईंस्टाईन" ने अपने प्रयोगों द्वारा दिया जो कि प्रकाश के तरंग रूप की ब्याख्या नहीं कर सका। .

देखें कॉम्पटन प्रभाव और फ़ोटोन

मुक्त इलेक्ट्रॉन मॉडल

त्रिबीमीय अवकाश में, फर्मिऑन गैस के स्टेट्स का घनत्व कणों की गतिज ऊर्जा के वर्गमूल के समानुपाती होता है। ठोस अवस्था भौतिकी में मुक्त इलेक्ट्रान माडल (free electron model) धात्विक ठोसों के क्रिस्टल संरचना में संयोजक इलेक्ट्रानों के व्यवहार को अभिव्यक्त करने वाला सरल मॉडल है। इसका विकास मुख्य रूप से अर्नाल्ड समरफिल्ड ने किया था। अत्यन्त सरल होने के बावजूद भी यह मॉडल अनेकों प्रायोगिक परिघटनाओं की व्याख्या करने में सक्षम है। श्रेणी:इलेक्ट्रान.

देखें कॉम्पटन प्रभाव और मुक्त इलेक्ट्रॉन मॉडल

विद्युतचुंबकीय विकिरण

विद्युतचुंबकीय तरंगों का दृष्यात्मक निरूपण विद्युत चुंबकीय विकिरण शून्य (स्पेस) एवं अन्य माध्यमों से स्वयं-प्रसारित तरंग होती है। इसे प्रकाश भी कहा जाता है किन्तु वास्तव में प्रकाश, विद्युतचुंबकीय विकिरण का एक छोटा सा भाग है। दृष्य प्रकाश, एक्स-किरण, गामा-किरण, रेडियो तरंगे आदि सभी विद्युतचुंबकीय तरंगे हैं। .

देखें कॉम्पटन प्रभाव और विद्युतचुंबकीय विकिरण

कॉम्पटन तरंगदैर्घ्य

कॉम्पटन तरंगदैर्घ्य (Compton wavelength) किसी कण की क्वाण्टम यांत्रिक गुण है। इसका विवेचन आर्थर कॉम्पटन ने किया था। किसी कण का कॉम्पटन तरंगदैर्घ्य उस फोटॉन के तरंगदैर्घ्य के बराबर होता है जिसकी ऊर्जा उस कण के द्रव्यमान के तुल्य है। किसी कण की मानक कॉम्प्टन तरंगदैर्घ्य, निम्नलिखित समीकरण द्वारा निकाली जाती है- जहाँ प्लांक नियतांक है, उस कण का द्रव्यमान है, और प्रकाश का वेग है। .

देखें कॉम्पटन प्रभाव और कॉम्पटन तरंगदैर्घ्य

यह भी देखें

खगोलभौतिकी

परमाणु भौतिकी

प्रेक्षणात्मक खगोलिकी

कांपटन प्रभाव, कॉम्प्टन प्रकीर्णन के रूप में भी जाना जाता है।