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आमिर ख़ान

सूची आमिर ख़ान

आमिर खान (नस्तालीक़: عامر خان) (जन्म आमिर हुसैन खान; मार्च 14, 1965) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता, निर्माता, निर्देशक, पटकथा लिखनेवाले, कभी कभी गायक और आमिर खान प्रोडक्सनस के संस्थापक-मालिक है। अपने चाचा नासिर हुसैन की फ़िल्म यादों की बारात (1973) में आमिर खान एक बाल कलाकार की भूमिका में नज़र आए थे और ग्यारह साल बाद खान का करियर फ़िल्म होली (1984) से आरम्भ हुआ उन्हें अपने चचेरे भाई मंसूर खान के साथ फ़िल्म क़यामत से क़यामत तक (1988) के लिए अपनी पहली व्यवसायिक सफलता मिली और उन्होंने फ़िल्म में एक्टिंग के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ मेल नवोदित पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ नवोदित पुरूष कलाकार के लिए फ़िल्मफेयर पुरस्कार) जीता। पिछले आठ नामांकन के बाद 1980 और 1990 के दौरान, खान को राजा हिन्दुस्तानी (1996), के लिए पहला फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार मिला जो अब तक की उनकी एक बड़ी व्यवसायिक सफलता थी। उन्हें बाद में फिल्मफेयर कार्यक्रम में दूसरा सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और लगान में उनके अभिनय के लिए 2001 में कई अन्य पुरस्कार मिले और अकादमी पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया। अभिनय से चार साल का सन्यास लेने के बाद, केतन मेहता की फ़िल्म द रायजिंग (2005) से खान ने वापसी की। २००७ में, वे निर्देशक के रूप में फ़िल्म तारे ज़मीन पर का निर्देशन किया, जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार दिया गया। कई कॉमर्शियल सफल फ़िल्मों का अंग होने के कारण और बहुत ही अच्छा अभिनय करने के कारण, वे हिन्दी सिनेमा के एक प्रमुख अभिनेता बन गए हैं। .

110 संबंधों: तलाश (२०१२ फ़िल्म), तारे ज़मीन पर (2007 फ़िल्म), तुम मेरे हो (1990 फ़िल्म), दर्शील सफारी, दिल (फ़िल्म), दिल चाहता है, दिल तो पागल है, दिल धड़कने दो, दिल है के मानता नहीं, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, दंगल, दौलत की जंग (1992 फ़िल्म), देवदास (२००२ फ़िल्म), दीपा मेहता, दीवाना मुझ सा नहीं, धर्मेश दर्शन, धूम 3, नस्तालीक़, नासिर हुसैन, नजमा हेपतुल्ला, पटकथा, परंपरा (1992 फ़िल्म), पार्श्वगायक, प्रीति ज़िंटा, पीके (फ़िल्म), फरहान अख्तर, फ़ना (२००६ चलचित्र), फ़िल्म निर्देशक, फ़िल्म निर्माता, फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर पुरुष प्रथम अभिनय पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार, फैसल ख़ान, बाज़ी (1995 फ़िल्म), बांद्रा, ब्रिटिश अकादमी फ़िल्म पुरस्कार, ब्लैक, भारत, भारतीय चलचित्र अभिनेता सूची, मदहोश (1974 फ़िल्म), मन (1999 फ़िल्म), महाराष्ट्र, मंसूर ख़ान, मंगल पांडे: द राइज़िंग, मुम्बई, मुसलमान, मैंने प्यार किया, ..., मेरी तुसाद, मेला (2000 फ़िल्म), यादों की बारात (1973 फ़िल्म), राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार, राजा हिन्दुस्तानी, राख, राकेश रोशन, राकेश ओमप्रकाश मेहरा, रंग दे बसंती, रंगीला (1995 फ़िल्म), लव लव लव (1989 फ़िल्म), लगान (२००१ फ़िल्म), शाहरुख़ ख़ान, सरफ़रोश (1999 फ़िल्म), सलमान ख़ान, संजय लीला भंसाली, सैफ़ अली ख़ान, हम हैं राही प्यार के, हेरात, होली (1984 फ़िल्म), ज़ाकिर हुसैन (राजनीतिज्ञ), जाने तू या जाने ना, जवानी ज़िन्दाबाद (1990 फ़िल्म), जूही चावला, जो जीता वही सिकन्दर (1992 फ़िल्म), ग़ुलाम (1998 फ़िल्म), गजनी (2008 फ़िल्म), आतंक ही आतंक (1995 फ़िल्म), आमिर खान प्रोडक्सन्स, आशुतोष गोवरिकर, इमरान ख़ान (अभिनेता), इश्क, इस्लाम, इसी का नाम ज़िन्दगी (1992 फ़िल्म), करिश्मा कपूर, कहो ना प्यार है, क़यामत से क़यामत तक, किरण राव, केतन मेहता, अफ़साना प्यार का (1991 फ़िल्म), अफ़ग़ानिस्तान, अबुल कलाम आज़ाद, अभिनेता, अमिताभ बच्चन, अर्थ (1998 फ़िल्म), अजय देवगन, अव्वल नम्बर (1990 फ़िल्म), अंदाज़ अपना अपना, अक्षय खन्ना, अकेडमी पुरस्कार, अकेले हम अकेले तुम, ऋतिक रोशन, १४ मार्च, १८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, १९६५, २००७, २००८, २८ नवम्बर, ३ ईडियट्स, ३१ अक्टूबर सूचकांक विस्तार (60 अधिक) »

तलाश (२०१२ फ़िल्म)

तलाश एक 2012 में प्रदर्शित एक भारतीय थ्रिलर फ़िल्म है जिसे रीमा कागती द्वारा लिखा व निर्देशित किया गया है। फ़िल्म को एक्सेल इंटरटेनमेंट और आमिर खान प्रोडक्शंस मिल कर निर्मित किया और इसमें आमिर खान, रानी मुखर्जी और करीना कपूर मुख्य भूमिकाओं में है। फ़िल्म का संगीत राम संपथ द्वारा किया गया है और जावेद अख्तर ने गानों को लिखा है। .

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तारे ज़मीन पर (2007 फ़िल्म)

तारे ज़मीन पर (का अनुवाद:हिन्दी: में तारे ज़मीन पर, (उर्दू:में تارے زمیپرن) और अंतरराष्ट्रीय डीवीडी का शीर्षक:पृथ्वी पर के सितारे की तरह) बॉलीवुड फिल्म आमिर खान के द्वारा 2007 में निर्देशितहै, आमिर खान निर्माता के द्वारा निर्मित है और शुरू की कल्पना और विकसित पति और पत्नी दल, के रूप में अमोल गुप्ते (लेखक और रचनात्मक निर्देशक) और दीपा भाटिया (अवधारणा, अनुसंधान और संपादन) के द्वारा निर्देशित है यह संगीत सुविधाएँ शंकर-एहसान-लॉय, के तिकड़ी द्वारा, गीत प्रसून जोशी के द्वारा तटरक्षक एनीमेशन दृश्य कम्प्यूटिंग लेबोरेटरीज, टाटा एल्क्स्सी लिमिटेड, के द्वारा 2डी एनीमेशन वैभव कुमारेश का वैभव स्टूडियो से है, और शीर्षक एनीमेशन.धीमंत व्यास के द्वारा किया गया है तारे ज़मीन पर विश्व भर के सिनेमा हाल में एक फिल्म के रूप में 21 दिसम्बर 2007 को जारी किया गया था। इस डीवीडी के भारतीय संस्करण को मुंबई में 25 जुलाई 2008 को जारी किया गया। तीन डिस्क वाले डीवीडी का एक अंतर्राष्ट्रीय संस्करण के शीर्षक पृथ्वी पर सितारे की तरह 7 अप्रैल 2009 को जारी करने के लिए उम्मीद है।वॉल्ट डिज्नी कंपनी ने उत्तरी अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया.में वितरण के लिए घर के वीडियो का अधिकार खरीदे हैंयह पहली बार हुआ है की। "एक अंतरराष्ट्रीय स्टूडियो भारतीय फिल्म का वीडियो अधिकार खरीदा है " यह फिल्म आठ साल के ईशान दर्शील सफारी की कहानी बताती है जो बुरी तरह पीड़ित होता है जबतक की उसकी पहचान एक शिक्षक आमिर खान के द्वारा एक द्य्स्लेक्सिक (dyslexic) के रूप में की जाती है वाणिज्यिक और समीक्षकों, प्रशंसित दोनों रूप में तारे ज़मीन पर 2008 के सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार के विजेता है। इसका कर दिल्ली सरकार द्वारा मुक्त घोषित किया गया था। .

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तुम मेरे हो (1990 फ़िल्म)

तुम मेरे हो 1990 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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दर्शील सफारी

दर्शील सफारी हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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दिल (फ़िल्म)

दिल बॉलीवुड की एक फ़िल्म है जो 1990 में प्रदर्शित हुई थी। आमिर खान, माधुरी दीक्षित, अनुपम खेर और सईद जाफ़री प्रमुख कलाकार हैं। इन्द्र कुमार द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म में संगीत दिया है आनंद-मिलिंद ने। .

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दिल चाहता है

दिल चाहता है 2001 में फ़रहान अख्तर द्वारा निर्देशित की गई हिन्दी नाटकीय हास्य फिल्म है। आमिर खान, सैफ अली खान, अक्षय खन्ना, प्रीति जिंटा, सोनाली कुलकर्णी और डिंपल कपाड़िया अभिनीत ये फिल्म फरहाँ अख्तर द्वारा लिखित और निर्देशित पहली फिल्म है। 2001 में, फिल्म ने हिन्दी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था। .

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दिल तो पागल है

दिल तो पागल है 1997 में बनी भारतीय हिन्दी फिल्म है। जिसका निर्देशन यश चोपड़ा ने किया है। इसमें मुख्य किरदार में शाहरुख खान, माधुरी दीक्षित, करिश्मा कपूर हैं। शाहरुख खान और यश चोपड़ा की यह एक साथ तीसरी फिल्म है। इससे पहले वह डर (1993) और दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995) में साथ काम किए थे। .

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दिल धड़कने दो

दिल धड़कने दो एक भारतीय बॉलीवुड फिल्म है। जिसके निर्देशक जोया अख्तर व निर्माता रितेश शिदवानी और फरहान अख्तर हैं। इसमें अनिल कपूर, फरहान अख्तर, शेफाली शाह, प्रियंका चोपड़ा, रणवीर सिंह, अनुष्का शर्मा, राहुल बोस मुख्य भूमिका में हैं। यह फिल्म 5 जून 2015 को सिनेमा घरों में प्रदर्शित होगी। .

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दिल है के मानता नहीं

दिल है के मानता नहीं 1991 की महेश भट्ट द्वारा निर्देशित हिन्दी भाषा की हास्य प्रेमकहानी फिल्म है। यह गुलशन कुमार द्वारा निर्मित की गई थी और पूजा भट्ट की प्रमुख भूमिका वाली पहली फिल्म थी। आमिर खान द्वारा प्रमुख पुरुष भूमिका निभाई गई। अनुपम खेर, वीरेन्द्र सक्सेना और टीकू तलसानिया द्वारा सहायक भूमिका निभाई गई, जबकि दीपक तिजोरी ने विशेष उपस्थिति दर्ज कराई। फिल्म एक बॉक्स ऑफिस सफलता थी और इसने आमिर खान को प्रमुख फिल्म सितारे के रूप में मजबूत करते हुए नवागंतुक पूजा भट्ट के करियर को बढ़ावा दिया। यह 1956 की बॉलीवुड फिल्म चोरी चोरी की अनौपचारिक रीमेक है। .

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दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे

दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे 1995 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है, जो डीडीएलजे के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस पहला प्रदर्शन 19 अक्टूबर 1995 को हुआ और 20 अक्टूबर 1995 को यह पूरे भारत में निर्गमित हुई। इस फिल्म का निर्देशन प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और निर्देशक यश चोपड़ा के पुत्र आदित्य चोपड़ा ने किया। शाहरुख खान, काजोल और अमरीश पुरी इसके प्रमुख कलाकारों में थे। इस फिल्म के नाम सबसे ज्यादा चलने का रिकॉर्ड है। यह मुंबई के मराठा मंदिर में तेरह सालों से भी ज्यादा समय तक चली.

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दंगल

दंगल से जुड़े लेख निम्न हैं:-.

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दौलत की जंग (1992 फ़िल्म)

दौलत की जंग 1992 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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देवदास (२००२ फ़िल्म)

देवदास शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास देवदास पर आधारित चलचित्र है। यह इसी नाम पर बना तीसरा और प्रथम रंगीन चलचित्र है। इस चलचित्र में शाहरुख़ खान, ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित प्रमुख भुमिका में हैं और इसका निर्देशन संजय लीला भंसाली ने किया है। जब यह चलचित्र प्रदर्शित किया गया था, तब यह बॉलीवुड का सर्वाधिक बजट वाला चलचित्र था जिसका बजट ५० करोड़ रु बताया जाता है। हिन्दी के अतिरिक्त इसे छः अन्य भाषाओं में प्रदर्शित किया गया था: अंग्रेजी़, गुजराती, फ्रांसीसी, मंदारिन (चीनी), थाई और पंजाबी। .

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दीपा मेहता

दीपा मेहता फ़िल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और फ़िल्म निर्माता हैं। वह अपनी फ़िलमें फ़ायर, अर्थ और वाटर (यानी तत्वों की त्रयी) के लिए मशहूर है। .

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दीवाना मुझ सा नहीं

दीवाना मुझ सा नहीं 1990 में बनी हिन्दी भाषा की प्रेमकहानी फ़िल्म है। फिल्म में आमिर खान और माधुरी दीक्षित मुख्य भूमिकाओं में है। .

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धर्मेश दर्शन

धर्मेश दर्शन हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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धूम 3

धूम 3 (Dhoom 3: Back in Action) २०१३ की बहुप्रतीक्षित हिन्दी फ़िल्म है जिसे विजय कृष्ण आचार्य ने निर्देशित किया है। धूम का पहला संस्करण २००४ में जबकि 'धूम 2' २००६ में रिलीज़ हुई थी। यह दोनों ही फिल्में सुपरहिट रही थीं। पहली धूम में जॉन अब्राहम और दूसरी धूम में ऋतिक रोशन ने खलनायक की भूमिका निभाई थी। फिल्म में आमिर खान ने नकारात्मक किरदार निभाया है, जो चालाकी से चोरी करता है। यह फ़िल्म आइमैक्स (IMAX) के फॉर्मेट में विश्व स्तर पर हिन्दी, तमिल एवं तेलुगु भाषा में प्रदर्शित की गयी। धूम 3 भारत में आइमैक्स फ़ाॅर्मेट में प्रदर्शित होने वाली पहली फ़िल्म है। यश राज फ़िल्म्स की बनाइए हुई इस फिल्म ने घरेलु बॉक्स ऑफिस पर 280 करोड़ रूपए की कमाई की थी। .

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नस्तालीक़

मीर इमाद का फ़ारसी चलीपा तरीका. नस्तालीक़ (उर्दू), इस्लामी कैलिग्राफ़ी की एक प्रमुख पद्धति है। इसका जन्म इरान में चौदहवीं-पन्द्रहवीं शताब्दी में हुआ। यह इरान, दक्षिणी एशिया एवं तुर्की के क्षेत्रों में बहुतायत में प्रयोग की जाती रही है। कभी कभी इसका प्रयोग अरबी लिखने के लिये भी किया जाता है। शीर्षक आदि लिखने के लिये इसका प्रयोग खूब होता है। नस्तालीक का एक रूप उर्दू एवं फ़ारसी लिखने में प्रयुक्त होता है। उर्दू अधिकांशतः नस्तालीक़ लिपि में लिखी जाती है, जो फ़ारसी-अरबी लिपि का एक रूप है। उर्दू दाएँ से बाएँ लिखी जाती है। .

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नासिर हुसैन

नासिर हुसैन (16 नवंबर 1926 - 13 मार्च 2002) भारतीय फिल्म निर्माता, निर्देशक और पटकथा लेखक थे। दशकों तक फैले अपने करियर के साथ, हुसैन को हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक प्रमुख पथ जनक के रूप में जाना जाता है। उदाहरण के लिए, उन्होंने यादों की बारात (1973) को निर्देशित किया, जिसने बॉलीवुड मसाला फिल्म शैली बनाई जिसने 1970 और 1980 के दशक में हिंदी सिनेमा को परिभाषित किया। साथ ही उन्होंने कयामत से कयामत तक (1988) को लिखा और निर्मित किया, जिसने 1990 के दशक में हिंदी सिनेमा को परिभाषित करने वाले बॉलीवुड संगीतमय रोमांस रूपरेखा को स्थापित किया। इनके ऊपर एक किताब म्यूजिक, मस्ती और मॉडर्निटी- द सिनेमा ऑफ नासिर हुसैन भी लिखी गई है। .

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नजमा हेपतुल्ला

डॉ॰ नजमा हेपतुल्ला (Najma Heptulla, نجمہ ہیپت اللہ) एक राजनीतिज्ञ, लेखिका और नरेन्द्र मोदी सरकार के अंतर्गत अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री थी। वह फिलहाल मणिपुर राज्य की राज्यपाल है।वे मुंबई कांग्रेस कमेटी की महासचिव और उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। वे 1985 से 1986 तथा 1988 से जुलाई 2007 तक भारतीय लोकतंत्र की उपरी प्रतिनिधि सभा राज्यसभा की पूर्व उपसभापति रही हैं। 1980 से राज्यसभा की सदस्य हैं। और अभी उनका दिल्ली के जमियामालिया युनिव्हर्सिटी मी कुलगुरू किया हैं। .

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पटकथा

पटकथा किसी फ़िल्म या दूरदर्शन कार्यक्रम के लिए पटकथा लेखक द्वारा लिखा गया कच्चा चिट्ठा होता है। यह मूल रूप से भी लिखा जा सकता है और किसी उपन्यास या कहानी के लिए भी तैयार किया जा सकता है। इसमें संवाद और संवादों के बीच होने वाली घटनाओं व दृश्यों का विस्तृत ब्योरा होता है। इसे अंग्रेजी में स्र्कीनप्ले कहा जाता है। जबतक साहित्य कहानी के विधा में होती है तब तक पटकथा की जरूरत नहीं होती क्योंकि तब वह केवल पठनीय मात्र होती है । किंतु उसे जैसे ही पर्दे पर लाने की कोशिश की जाती है तब इस कहानी में दर्र्श्यात्मक तथ्यों को वास्तविक रूप में दिखाने के लिए पटकथा की जरूरत पडती है। श्रेणी:फ़िल्म श्रेणी:फ़िल्म निर्माण.

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परंपरा (1992 फ़िल्म)

परंपरा 1992 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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पार्श्वगायक

पार्श्वगायक ऐसे गायक को कहा जाता है जो कि पर्दे के पीछे से गायन की भूमिका निभाता है तथा जिसकी गाये गीत को अन्य किसी अभिनेता पर फिल्माया जाता है। हिन्दी फिल्मों के अधिकतर गायक पार्श्वगायक ही होते हैं। दूसरी ओर हॉलीवुड तथा अन्य यूरोपीय देशों में पार्श्वगायन की परम्परा अपेक्षाकृत रूप से कम है। वहाँ अधिकतर गायक पर्दे के सामने या फिर लाइव प्रस्तुति देते हैं। .

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प्रीति ज़िंटा

प्रीटी ज़िंटा (जन्म ३१ जनवरी १९७५) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री है। वे हिन्दी, तेलगू, पंजाबी व अंग्रेज़ी फ़िल्मों में कार्य कर चुकी है। मनोविज्ञान में उपाधी ग्रहण करने के बाद ज़िंटा ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत दिल से.. में १९९८ से की और उसी वर्ष फ़िल्म सोल्जर में पुनः दिखी। इन फ़िल्मों में अभिनय के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ नई अदाकारा का पुरस्कार प्रदान किया गया और आगे चलकर उन्हें फ़िल्म क्या कहना में कुँवारी माँ के किरदार के लिए काफ़ी सराहा गया। उन्होंने आगे चलकर भिन्न-भिन्न प्रकार के किरदार अदा किए व उनके अभिनय व किरदारों ने हिन्दी फ़िल्म अभिनेत्रियों की एक नई कल्पना को जन्म दिया। जिंटा को २००३ में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार कल हो ना हो फ़िल्म में उनके अभिनय के लिए प्रदान किया गया। उन्होंने सर्वाधिक कमाई वाली दो भारतीय फ़िल्मों में अभिनय किया जिनमे काल्पनिक विज्ञान पर आधारित फ़िल्म कोई... मिल गया (२००३) और रोमांस फ़िल्म वीर-ज़ारा (२००४) शमिल है जिसके लिए उन्हें समीक्षकों द्वारा बेहद सराहा गया। उन्होंने आधुनिक भारतीय नारी का किरदार फ़िल्म सलाम नमस्ते और कभी अलविदा ना कहना में निभाया जो अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में उच्च-कमाई वाली फ़िल्में रही। इन उपलब्धियों ने उन्हें हिन्दी सिनेमा के मुख्य अभिनेत्रियों में से एक बना दिया। उनका पहला अंतर्राष्ट्रीय किरदार कनेडियाई फ़िल्म हेवन ऑन अर्थ में था जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का सिल्वर ह्यूगो पुरस्कार २००८ के शिकागो अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह में प्रदान किया गया। फ़िल्मों में अभिनय के आलावा जिंटा ने बीबीसी न्यूज़ ऑनलाइन में कई लेख लिखे है, साथ ही वे एक सामाजिक कार्यकर्त्ता, टेलिविज़न मेज़बान और नियमित मंच प्रदर्शनकर्ता है। वे पीज़ेडएनज़ेड इण्डिया प्रोडक्शन कंपनी की संस्थापक भी है जिसकी स्थापना उन्होंने अपने पूर्व-साथी नेस वाडिया के साथ की है और दोनों साथ-ही-साथ इंडियन प्रीमियर लीग की क्रिकेट टीम किंग्स XI पंजाब के मालिक भी है। .

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पीके (फ़िल्म)

पीके एक भारतीय बॉलीवुड फिल्म है। जिसका निर्देशन राजकुमार हिरानी ने किया है। इस फिल्म के निर्माता राजकुमार हिरानी के साथ-साथ विधु विनोद चोपड़ा और सिद्धार्थ रॉय कपूर हैं। यह फिल्म १९ दिसम्बर २०१४ को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी। इस फिल्म में मुख्य किरदार आमिर ख़ान, अनुष्का शर्मा, संजय दत्त, बोमन ईरानी और सुशांत सिंह राजपूत हैं। इस फ़िल्म ने अब तक ₹ 642 करोड़ का बिज़नेस किया। ये फ़िल्म भारत की सबसे सफल फ़िल्म बन गयी है। .

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फरहान अख्तर

फरहान अख्तर (فرحان اختر, जन्म - 9 जनवरी 1974), एक भारतीय फ़िल्म निर्माता, पटकथा लेखक, अभिनेता, पार्श्वगायक, गीतकार, फ़िल्म निर्माता और टीवी होस्ट है। निर्देशक के रूप में उनकी पहली फ़िल्म (दिल चाहता है, 2001) की काफी प्रशंसा की गई थी और तभी से एक खास दर्शक वर्ग में उनकी अलग पहचान है। आनंद सुरापुर की फ़िल्म, द फकीर ऑफ वेनिस (2007) और रॉक ऑन!! (2008) से उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। 2008 .

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फ़ना (२००६ चलचित्र)

कोई विवरण नहीं।

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फ़िल्म निर्देशक

फ़िल्म निर्दशक फ़िल्म के निर्माण की देखरेख करता है। वह पटकथा की दृश्यों को आकार देता है और फ़िल्म के कलात्मक व नाटकीय पहलुओं को नियंत्रित करते हुए सहयोगी कलाकारों तथा तकनीकी जत्थे को अपनी परिकल्पना को पूरा करने की दिशा में निर्देशित करता है। श्रेणी:फ़िल्म निर्देशक श्रेणी:मनोरंजन व्यवसाय श्रेणी:मीडिया व्यवसाय de:Regisseur is:Leikstjóri kk:Режиссер li:Regisseur nl:Regisseur pl:Reżyser sh:Režija tr:Yönetmen.

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फ़िल्म निर्माता

फिल्म निर्माता वह व्यक्ति होता है जो फ़िल्म के निर्माण के लिए उत्तरदायी होता है। वह धन की व्यवस्था करता है तथा निर्देशक का चुनाव व सहयोग करता है। श्रेणी:फ़िल्म निर्देशक.

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फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार

फिल्मफेयर पुरस्कार समारोह भारतीय सिनेमा के इतिहास की सबसे पुरानी और प्रमुख घटनाओं में से एक रही है। इसकी शुरुआत सबसे पहले 1954 में हुई जब राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की भी स्थापना हुई थी। पुरस्कार जनता के मत एवं ज्यूरी के सदस्यों के मत दोनों के आधार पर दी हर साल दी जाती है। .

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फ़िल्मफ़ेयर पुरुष प्रथम अभिनय पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर पुरुष प्रथम अभिनय पुरस्कार हिन्दी फ़िल्मों के लिये दिये जाने वाला पुरस्कार है जो प्रति वर्ष एक समारोह में दिया जाता है। यह पुरस्कार उभरते अभिनेता को दिया जाता है जिसने उस वर्ष अपनी पहली ही फ़िल्म में बेहतरीन अभिनय दिखाया हो। श्रेणी:फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार.

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। यह हिन्दी फ़िल्म में सबसे बेहतर अभिनय के लिये फ़िल्म के सहायक अभिनेता को फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार समारोह में दिया जाता है। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। यह हिन्दी फ़िल्म में सबसे बेहतर अभिनय के लिये फ़िल्म के अभिनेता को फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार समारोह में दिया जाता है। .

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फैसल ख़ान

फैसल ख़ान हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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बाज़ी (1995 फ़िल्म)

बाज़ी 1995 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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बांद्रा

बांद्रा के कई अर्थ हो सकते हैं:-.

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ब्रिटिश अकादमी फ़िल्म पुरस्कार

ब्रिटिश अकादमी फ़िल्म पुरस्कार (English:British Academy Film Awards) ब्रिटिश अकादमी ऑफ फिल्म और टेलीविजन आर्ट्स द्वारा प्रदत्त एक वार्षिक पुरस्कार है, जिसे बाफटा पुरस्कार भी कहा जाता है। यह अमेरिका के ऑस्कर पुरस्कार का समकक्ष है।.

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ब्लैक

ब्लैक 2005 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारतीय चलचित्र अभिनेता सूची

इस पृष्ठ पर भारतीय चलचित्र के अभिनेताओं की सूची दी गई है। .

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मदहोश (1974 फ़िल्म)

मदहोश 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मन (1999 फ़िल्म)

मन 1999 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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महाराष्ट्र

महाराष्ट्र भारत का एक राज्य है जो भारत के दक्षिण मध्य में स्थित है। इसकी गिनती भारत के सबसे धनी राज्यों में की जाती है। इसकी राजधानी मुंबई है जो भारत का सबसे बड़ा शहर और देश की आर्थिक राजधानी के रूप में भी जानी जाती है। और यहाँ का पुणे शहर भी भारत के बड़े महानगरों में गिना जाता है। यहाँ का पुणे शहर भारत का छठवाँ सबसे बड़ा शहर है। महाराष्ट्र की जनसंख्या सन २०११ में ११,२३,७२,९७२ थी, विश्व में सिर्फ़ ग्यारह ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या महाराष्ट्र से ज़्यादा है। इस राज्य का निर्माण १ मई, १९६० को मराठी भाषी लोगों की माँग पर की गयी थी। यहां मराठी ज्यादा बोली जाती है। मुबई अहमदनगर पुणे, औरंगाबाद, कोल्हापूर, नाशिक नागपुर ठाणे शिर्डी-अहमदनगर आैर महाराष्ट्र के अन्य मुख्य शहर हैं। .

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मंसूर ख़ान

मंसूर ख़ान हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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मंगल पांडे: द राइज़िंग

द राइज़िंग 2005 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह पहले स्वतंत्रता संग्राम के वीर सिपाही मंगल पांडे की जीवन गाथा और भारतीय विद्रोह (1857) में उनकी भूमिका पर आधारित एक जीवनी ऐतिहासिक फिल्म है। यह बॉबी बेदी ने इस फ़िल्म को प्रोडूस किया है। 2001 में फिल्म "दिल चाहता है" के लम्बे अंतराल के बाद इस फ़िल्म के माध्यम से आमिर खान की फिल्मों में वापसी हुई। फ़िल्म में दर्शाया गया विद्रोह 'भारतीय स्वतंत्रता के प्रथम संग्राम, 'या' सिपाही विद्रोह के रूप में जाना जाता है। .

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मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

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मुसलमान

मिसरी (ईजिप्ट) मुस्लिमान नमाज़ पढ रहे हैं, एक तस्वीर। मुसलमान (अरबी: مسلم، مسلمة फ़ारसी: مسلمان،, अंग्रेजी: Muslim) का मतलब वह व्यक्ति है जो इस्लाम में विश्वास रखता हो। हालाँकि मुसलमानों के आस्था के अनुसार इस्लाम ईश्वर का धर्म है और धर्म हज़रत मुहम्मद से पहले मौजूद था और जो लोग अल्लाह के धर्म का पालन करते रहे वह मुसलमान हैं। जैसे कुरान के अनुसार हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम भी मुसलमान थे। मगर आजकल मुसलमान का मतलब उसे लिया जाता है जो हज़रत मुहम्मद लाए हुए दीन का पालन करता हो और विश्वास रखता हो। मध्यकालीन मुस्लिम इतिहासकारों ने भारत को हिन्द अथवा हिन्दुस्तान कहा है । .

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मैंने प्यार किया

मैंने प्यार किया 1989 की सूरज बड़जात्या द्वारा निर्देशित हिन्दी भाषा की संगीतमय प्रेमकहानी फ़िल्म है। प्रमुख भूमिकाओं में सलमान खान और भाग्यश्री हैं। इसे राजश्री प्रोडक्शन्स द्वारा बनाया गया था। यह सूरज की निर्देशक के रूप में शुरुआत, सलमान की पहली प्रमुख भूमिका (पिछले वर्ष की बीवी हो तो ऐसी में सहायक भूमिका के बाद) और भाग्यश्री की फिल्म करियर की शुरुआत थी। यह 1989 वर्ष की शीर्ष कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्म थी और 1980 के दशक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म थी। इस फिल्म का साउंडट्रैक एल्बम भी 1980 के दशक का सर्वश्रेष्ठ बिकने वाला बॉलीवुड संगीत एल्बम था। 35वें फिल्मफेयर पुरस्कार में, फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म सहित छह पुरस्कार जीते। .

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मेरी तुसाद

thumb मेरी तुसाद (१ दिसंबर, १७६१ - १६ अप्रैल, १८५०) एक फ्रांसीसी कलाकार थी। वे उनके द्वारा बनाए गए मोम के आदमकद पुतलों के लिए विख्यात हैं। उन्होने लन्दन में मैडम तुसाद संग्राहलय की स्थापना की। .

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मेला (2000 फ़िल्म)

मेला 2000 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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यादों की बारात (1973 फ़िल्म)

यादों की बारात 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार

राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार फ़िल्मों के क्षेत्र में दिये जाने वाले भारत के काफी पुराने पुरस्कार हैं जो सन १९५४ से दिये जा रहे हैं। यह पुरस्कार तीन खंडो मे प्रदान किये जाते है; फीचर फिल्म,गैर फीचर फिल्म और सिनेमा पर श्रेष्ठ लेखन| .

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राजा हिन्दुस्तानी

राजा हिन्दुस्तानी 1996 में बनी धर्मेश दर्शन द्वारा निर्देशित हिन्दी भाषा की प्रेमकहानी फ़िल्म है। आमिर खान और करिश्मा कपूर द्वारा प्रमुख भूमिका निभाई गई हैं। 15 नवंबर 1996 को जारी यह फ़िल्म 1965 की जब जब फूल खिले की रीमेक है, जिसमें शशि कपूर और नन्दा कलाकार हैं। फिल्म का संगीत नदीम-श्रवण द्वारा दिया गया था, जिसमें समीर के बोल थे। जारी होने के बाद यह वर्ष की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी। इसने सात स्टार स्क्रीन पुरस्कार सहित पांच फिल्मफेयर पुरस्कार जीते थे। .

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राख

कोई विवरण नहीं।

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राकेश रोशन

राकेश रोशन एक हिन्दी फिल्म अभिनेता एवं निर्देशक हैं। .

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राकेश ओमप्रकाश मेहरा

राकेश ओमप्रकाश मेहरा हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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रंग दे बसंती

रंग दे बसंती (पंजाबी: ਰੰਗ ਦੇ ਬਸੰਤੀ, उर्दू: رنگ دے بسنتى) एक हिन्दी फिल्म है। 26 जनवरी 2006 को यह फिल्म रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म के निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा एवं फिल्म के मुख्य कलाकारों में शामिल हैं, आमिर खान, सिद्धार्थ नारायण, सोहा अली खान, कुणाल कपूर, माधवन, शरमन जोशी, अतुल कुलकर्णी और ब्रिटिश अभिनेत्री एलिस पैटन। पच्चीस करोड़ की लागत से बनी यह फिल्म नई दिल्ली, मुंबई, राजस्थान और पंजाब में फिल्माई गयी थी। कहानी एक ब्रिटिश वृत्तचित्र निर्माता की है जो अपने दादा की डायरी प्रविष्टियों के आधार पर भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों पर एक फिल्म बनाने के लिए भारत आती है। इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म के लिए 2006 BAFTA पुरस्कार में नामांकित किया गया था। रंग दे बसंती को सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म वर्ग में गोल्डन ग्लोब पुरस्कार और अकादमी पुरस्कार के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में चुना गया। ए.आर.

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रंगीला (1995 फ़िल्म)

रंगीला 1995 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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लव लव लव (1989 फ़िल्म)

लव लव लव 1989 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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लगान (२००१ फ़िल्म)

लगान २००१ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। लगान (उर्फ़ लगान: वन्स अपॊन अ टाइम इन इन्डीया) हिन्दी चलचित्र ई.स.२००१ में भारत में प्र्स्तुत की गई थी। यह फ़िल्म आशुतोष गौरीकर की मूल कथा पर आधारित है, जिसका उन्होनेही दिग्दर्शन किया है। आमीर ख़ान इसके सहनिर्माता होने के अलावा मुख्य अभिनेता भी है। साथ मे ग्रेसी सींह, रचेल शॅली और पॉल ब्लॅकथॉर्न ने पात्र निभाये है। फ़िल्म रानी विक्टोरिया के ब्रिटानी राज की एक सूखा पीडित गांव के किसानो पर कठोर ब्रीटानी लगान की कहानी है। जब किसान लगान कम करने की मांग कर्ते हैं, तब ब्रिटानी अफ़्सर एक प्रस्ताव देतें है। अगर क्रिकॅट के खेल में उन्को गांववासीओं ने परजित किया तो लगान मांफ़। चूनौती स्वीकारने के बाद गांवनिवासीऒं पर क्या बीतती है, यही इस फ़िल्म का चरीत्र है। इस फ़िल्म की समालोचनात्म्क सरहाना के अलावा इस को कई देसी और विदेशी पुरस्कार भी मिले है। ऑस्कर के "सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म" पुरस्कार के लिये नियुक्त की गई यह तिसरी हिन्दी फ़िल्म है। इससे पह्ले "मधर इन्डीया" और "सलाम बॉम्बे" नियुक्त किये जा चुके हैं। ई.स.२००१ की यह बहुत लोकप्रिय फ़िल्म रही। ई.स.२००७ तक इस की डीवीडी की बिक्री सबसे अव्वल थी। जीतू मीना फुलवाड़ा फुलवाड़ा9057673720 .

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शाहरुख़ ख़ान

शाहरुख़ ख़ान (उच्चारण; जन्म 2 नवम्बर 1965), जिन्हें अक्सर शाहरुख खान के रूप में श्रेय दिया जाता है और अनौपचारिक रूप में एसआरके नाम से सन्दर्भित किया जाता, एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता है। अक्सर मीडिया में इन्हें "बॉलीवुड का बादशाह", "किंग खान", "रोमांस किंग" और किंग ऑफ़ बॉलीवुड नामों से पुकारा जाता है। खान ने रोमैंटिक नाटकों से लेकर ऐक्शन थ्रिलर जैसी शैलियों में 75 हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय किया है। फिल्म उद्योग में उनके योगदान के लिये उन्होंने तीस नामांकनों में से चौदह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीते हैं। वे और दिलीप कुमार ही ऐसे दो अभिनेता हैं जिन्होंने साथ फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार आठ बार जीता है। 2005 में भारत सरकार ने उन्हें भारतीय सिनेमा के प्रति उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया। अर्थशास्त्र में उपाधी ग्रहण करने के बाद इन्होने अपने करियर की शुरुआत १९८० में रंगमंचों व कई टेलिविज़न धारावाहिकों से की और १९९२ में व्यापारिक दृष्टी से सफल फ़िल्म दीवाना से फ़िल्म क्षेत्र में कदम रखा। इस फ़िल्म के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर प्रथम अभिनय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके पश्च्यात उन्होंने कई फ़िल्मों में नकारात्मक भूमिकाएं अदा की जिनमे डर (१९९३), बाज़ीगर (१९९३) और अंजाम (१९९४) शामिल है। वे कई प्रकार की भूमिकाओं में दिखे व भिन्न-भिन्न प्रकार की फ़िल्मों में कार्य किया जिनमे रोमांस फ़िल्में, हास्य फ़िल्में, खेल फ़िल्में व ऐतिहासिक ड्रामा शामिल है। उनके द्वारा अभिनीत ग्यारह फ़िल्मों ने विश्वभर में १ बिलियन का व्यवसाय किया है। खान की कुछ फ़िल्में जैसे दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे (१९९५), कुछ कुछ होता है (१९९८), ''देवदास'' (२००२), ''चक दे! इंडिया'' (२००७), ओम शांति ओम (२००७), रब ने बना दी जोड़ी (२००८) और रा.वन (२०११) अबतक की सबसे बड़ी हीट फ़िल्मों में रही है और कभी खुशी कभी ग़म (२००१), कल हो ना हो (२००३), वीर ज़ारा (२००६)। वेल्थ रिसर्च फर्म वैल्थ एक्स के मुताबिक किंग खान पहले सबसे अमीर भारतीय अभिनेता बन गए हैं। फर्म ने अभिनेता की कुल संपत्ति 3660 करोड़ रूपए आंकी थी लेकिन अब 4000 करोङ बताई जाती है। .

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सरफ़रोश (1999 फ़िल्म)

सरफ़रोश 1999 में बनी निर्देशक-निर्माता एवं लेखक जाॅन मैथ्यू मैथन की एक्शन-थ्रिलर आधारित हिन्दी भाषा की फिल्म है। फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, आमिर खान एवं सोनाली बेंद्रे मुख्य भूमिका में है। फिल्म की पटकथा एवं विषय-वस्तु के निर्माण के लिए निर्देशक मैथ्यू वर्ष 1992 से ही गहन शोध में कार्यरत रहे फिर सात वर्ष बाद सन् 1999 में फिल्म तब रिलीज हुई जब भारत-पाकिस्तान के मध्य कारगिल युद्ध का संघर्ष चल रहा था। और फिल्म का विषय भी एक बहादुर भारतीय पुलिस अफसर और सीमा-घुसपैठ के गुप्त अभियान पर केंद्रित है। फिल्म की सकारात्मक समीक्षा के साथ व्यावसायिक रूप से भी काफी सफल रही। फिल्म का दक्षिण भारतीय भाषाओं में भी पुनर्निर्माण हुआ जिनमें से कन्नड़ संस्करण में सत्यमेव जयते अभिनीत देवाराज तथा तेलुगु संस्करण में अस्त्रम (2006) अभिनीत विष्णु मंचु एवं अनुष्का शेट्टी प्रमुख है। .

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सलमान ख़ान

अब्दुल रशीद सलीम सलमान खान (سلمان خان. उच्चारण:, जन्म: २७ दिसम्बर १९६५) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता हैं, जो बॉलीवुड की फिल्मों में दिखाई देते हैं। इन्होंने सन १९८८ में अभिनय की दुनिया में अपनी पहली फिल्म बीवी हो तो ऐसी से शुरूआत की। सलमान को अपनी पहली बड़ी व्यावसायिक सफलता १९८९ में रिलीज़ हुई मैंने प्यार किया से मिली, जिसके लिए इन्हें फिल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ नवीन पुरूष अभिनेता पुरस्कार भी दिया गया। वे बॉलीवुड की कुछ सफल फिल्मों में स्टार कलाकार की भूमिका करते रहे, जैसे साजन (१९९१), हम आपके हैं कौन (१९९४) व बीवी नं. १ (१९९९) और ये ऐसी फिल्में थीं जिन्होंने उनके करियर में पाँच अलग सालों में सबसे अधिक कमाई की। १९९९ में खान ने १९९८ की फिल्म कुछ कुछ होता है में उनकी अतिथि-भूमिका के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार जीता और तब से इन्होंने कई आलोचनात्मक और व्यावसायिक फिल्मों में स्टार के रूप में सफलता प्राप्त की है, जिनमें हम दिल दे चुके सनम (१९९९), तेरे नाम (२००३), नो एन्ट्री (२००५) और पार्टनर (२००७) शामिल हैं। २०१७ में टाईगर जिंदा ने कमाई के मामले मे नया इतिहास बनाया इस तरह खान ने खुद को हिंदी सिनेमा के प्रमुख अभिनेताओं में सबसे महान अभिनेता की छवि बनाई। बाद में बनी फ़िल्में, वांटेड (२००९), दबंग (२०१०), रेड्डी (२०११) और बॉडीगार्ड (२०११) उनकी हिन्दी सिने जगत में सर्वाधिक कमाई वाली फ़िल्में रही। किक (२०१४ फिल्म) सलमान की पहली फिल्म है जो 200 करोड़ के क्लब में शामिल हुई है। किक सलमान की सातवीं फिल्म है जो 100 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस कर चुकी है। इससे पहले 6 फिल्में 100 करोड़ क्लब में शामिल हो चुकी हैं एक था टाइगर - 198 करोड़, दबंग-2 - 158 करोड़, बॉडीगार्ड - 142 करोड़, दबंग - 145 करोड़, Ready (2011 film) - 120 करोड़, जय हो (फ़िल्म) - 111 करोड़ है। (मुख्य सूचना सलमान खान एक भारतीय अभिनेता के साथ एक गायक भी है. जिन्होंने कई सुरीली आवाजो में गाने भी गाए हैं।) .

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संजय लीला भंसाली

संजय लीला भंसाली (जन्मः २४ फ़रवरी १९६४) हिन्दी फिल्म उद्योग बॉलीवुड के एक निर्देशक हैं। वह भारतीय फिल्म और टेलिविज़न संस्थान के छात्र रह चुके हैं। 1942: ए लव स्टोरी फिल्म से उन्होने, अपनी मां को श्रद्धांजली देने के लिये, अपने नाम मे "लीला" लिखना शुरू किया। इन्होंने २०१८ में प्रदर्शित हुई पद्मावत का भी निर्देशन किया जिस पर बहुत विवाद हुआ था। .

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सैफ़ अली ख़ान

सैफ़ अली ख़ान (जन्म: 16 अगस्त, 1970) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। उनके पिता मंसूर अली ख़ान पटौदी एक मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी एवं माँ शर्मिला टैगोर हिन्दी फ़िल्मों की मशहूर अभिनेत्री हैं। उनके पूर्वज पटौदी रियासत के नवाब थे | उन्होंने अपना शालेय जीवन लॉरेंस स्कूल, सनावर और लाकर्स पार्क स्कूल, हेर्टफोर्डशिरे,इंग्लैंड में पूरा किया | जिसके बाद महाविद्यालीन पढाई के लिए वह विंचेस्टर कॉलेज इंडिपेंडेंट स्कूल फॉर बॉयज इन यूनाइटेड किंगडम चले गए | अपनी पढ़ाई पूरी कर लौटने के बाद उन्होंने २ महीनो तक दिल्ली स्थित एक एडवरटाइजिंग फर्म के लिए काम किया | उसके बाद उनके पारिवारिक मित्र के कहने पर उन्होंने कपड़ो के ब्रांड "ग्वालियर सुइटिंग्स" के लिए कुछ विज्ञापनों में काम किया | पर किसी कारणवश वह प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया और उन्हें मुंबई आना पड़ा | जहां से उन्होंने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की | उनकी पहली फिल्म "परंपरा" १९९२ में रिलीज़ हुई थी, जो बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर पायी। उन्होंने 2010 में पद्म श्री को चौथा सबसे बड़ा भारतीय नागरिक पुरस्कार प्राप्त किया। .

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हम हैं राही प्यार के

हम हैं राही प्यार के 1993 की महेश भट्ट द्वारा निर्देशित और ताहिर हुसैन द्वारा निर्मित हिन्दी भाषा की हास्य प्रेमकहानी फिल्म है। इसमें प्रमुख भूमिकाओं में आमिर खान और जूही चावला है। रिलीज होने पर, फिल्म ने जूही चावला के लिये फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार प्राप्त किया और फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार भी पाया। .

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हेरात

हेरात हेरात (पश्तो:, अंग्रेजी: Herat) अफ़्ग़ानिस्तान का एक नगर है और हेरात प्रान्त की राजधानी भी है। यह देश के पश्चिम में है और ऐतिहासिक महत्व के शहर है। यह वृहत ख़ोरासान क्षेत्र का हिस्सा है और सबसे बड़ा शहर भी। रेशम मार्ग पर स्थित होने के कारण यह वाणिज्य का केन्द्र रहा है जहाँ से भारत और चीन से पश्चिमी देशों का व्यापार होता रहा है। पारसी ग्रंथ अवेस्ता में इसका ज़िक्र मिलता है। ईसा के पूर्व पाँचवीं सदी के हख़ामनी काल से ही यह एक संपन्न शहर रहा है। यहाँ इस्लाम सातवीं सदी के मध्य में आया जिसके बाद कई विद्रोह हुए। हेरात हरी नदी (हरीरूद) के किनारे बसा हुआ है। .

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होली (1984 फ़िल्म)

होली १९८४ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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ज़ाकिर हुसैन (राजनीतिज्ञ)

डाक्टर ज़ाकिर हुसैन (8 फरवरी, 1897 - 3 मई, 1969, indiapress.org पर भारत के पूर्व राष्ट्रपतियों की जीवनी) भारत के तीसरे राष्ट्रपति थे जिनका कार्यकाल 13 मई 1967 से 3 मई 1969 तक था। डा.

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जाने तू या जाने ना

जाने तू...

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जवानी ज़िन्दाबाद (1990 फ़िल्म)

जवानी ज़िन्दाबाद 1990 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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जूही चावला

रूह अफ़ज़ा लॉन्च २००८ में जूही चावला जूही चावला (जन्म: 13 नवंबर, 1967) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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जो जीता वही सिकन्दर (1992 फ़िल्म)

जो जीता वही सिकन्दर 1992 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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ग़ुलाम (1998 फ़िल्म)

गुलाम (English: Ghulaam, Urdu: غلام) १९९८ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। गुलाम का बॉक्स ऑफिस पर प्रदर्शन मध्यम रहा। .

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गजनी (2008 फ़िल्म)

ग़जनी (घजनी) गीता आर्ट्स के बैनर तले बनी ए.आर. मुरुगाडोस द्वारा निर्देशित एवं निर्मित 2008 की एक बॉलीवुड फिल्म है। तमिल फिल्म जो मुरुगाडोस द्वारा ही निर्देशित थी, इसी नाम से बनी ग़जनी की पटकथा क्रिस्टोफ़र नोलन द्वारा लिखित तथा निर्देशित हॉलीवुड की फिल्म "मेमेंटो" पर आधारित है। इसकी मुख्य भूमिका में आमिर खान और असिन है जबकि जिया खान, प्रदीप रावत और रियाज़ खान सहायक भूमिकाओं में हैं। आमिर खान ने इस भूमिका के लिए अपने निजी प्रशिक्षक के साथ लगातार एक साल अपनी निजी व्यायामशाला में प्रशिक्षण के लिए बिताया। यह फिल्म मारधाड़ वाली अपने रोमांटिक तत्वों के साथ एक्शन-थ्रिलर फिल्म है जो कि उच्च प्रकृति के पूर्व स्मृति लोप (एंटीरोग्रेड एम्नेसिया) रोग से ग्रस्त एक अमीर व्यापारी की जिंदगी की छानबीन करती है, जिसे यह रोग अपनी प्रेयसी मॉडल कल्पना की एक हिंसक मुठभेड़ में हत्या के कारण हो जाता है। वह पोलोरोयड इंस्टैंट कैमरा के फोटोग्राफ्स एवं चिरस्थायी टैटूज के जरिये हत्या का बदला लेने की कोशिश करता है। आमिर खान का चरित्र ग़जनी द गेम शीर्षक वाले 3-डी वीडियो गेम में, जो इसी फिल्म पर आधारित है, विशेष स्थान पाएगा. .

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आतंक ही आतंक (1995 फ़िल्म)

आतंक ही आतंक 1995 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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आमिर खान प्रोडक्सन्स

आमिर खान प्रोडक्सन्स (AKP) भारतीय चलचित्र निर्माण एवं वितरण कंपनी है। भारत के मुंबई (महाराष्ट्र) में स्थित इस कंपनी की स्थापना अभिनेता आमिर खान द्वारा २००१ में की गई थी। इसके द्वारा निर्मित पहली फिल्म लगान थी। यह फिल्म बहुत सफल हुई थी। इसकी अगली फिल्म तारे जमीन पर लगान से भी ज्यादा सफल हुई। बी। श्रिनिवास राव और आमिर की पत्नी किरण राव भी इसके निर्माता दल में शामिल रहे हैं। किरण राव तारे जमीन पर के बाद अगली फिल्म जाने तू या जाने ना की भी सह निर्माता थी। .

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आशुतोष गोवरिकर

आशुतोष गोवरिकर हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता, लेखक एवं निर्देशक हैं। .

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इमरान ख़ान (अभिनेता)

इमरान ख़ान (बांग्ला: ইমরান খ়ান), (जन्म: 13 जनवरी, 1983) एक भारतीय हिन्दी फ़िल्म के अभिनेता हैं। ये अभिनेता आमिर खान व निर्माता-निर्देशक मंसूर खान के भांजे है। खान ने २००८ में फ़िल्म जाने तू या जाने ना ने अभिनय क्षेत्र में पदार्पण किया था। इस फ़िल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ नए अभिनेता का फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिला था। उन्होंने बाद में आई हेट लव स्टोरीज़ (२०१०), देली बेली (२०११) और मेरे ब्रदर की दुल्हन (२०११) जैसी सफल फ़िल्मों में काम किया। .

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इश्क

इश्क 1997 में बनी हिन्दी भाषा की हास्य प्रेमकहानी फिल्म है। इसका निर्देशन इन्द्र कुमार द्वारा किया गया और प्रमुख भूमिकाओं में आमिर खान, अजय देवगन, जूही चावला और काजोल हैं। नाजायज़ (1995) के बाद जूही चावला और अजय देवगन की एक साथ यह दूसरी फिल्म थी। साथ ही काजोल और आमिर खान की एक साथ यह पहली फिल्म थी। बाद में वे फना (2006) में मिलकर काम किए। जूही चावला और काजोल की एक साथ यह एकमात्र फिल्म भी है। .

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इस्लाम

इस्लाम (अरबी: الإسلام) एक एकेश्वरवादी धर्म है, जो इसके अनुयायियों के अनुसार, अल्लाह के अंतिम रसूल और नबी, मुहम्मद द्वारा मनुष्यों तक पहुंचाई गई अंतिम ईश्वरीय पुस्तक क़ुरआन की शिक्षा पर आधारित है। कुरान अरबी भाषा में रची गई और इसी भाषा में विश्व की कुल जनसंख्या के 25% हिस्से, यानी लगभग 1.6 से 1.8 अरब लोगों, द्वारा पढ़ी जाती है; इनमें से (स्रोतों के अनुसार) लगभग 20 से 30 करोड़ लोगों की यह मातृभाषा है। हजरत मुहम्मद साहब के मुँह से कथित होकर लिखी जाने वाली पुस्तक और पुस्तक का पालन करने के निर्देश प्रदान करने वाली शरीयत ही दो ऐसे संसाधन हैं जो इस्लाम की जानकारी स्रोत को सही करार दिये जाते हैं। .

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इसी का नाम ज़िन्दगी (1992 फ़िल्म)

इसी का नाम ज़िन्दगी 1992 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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करिश्मा कपूर

करिश्मा कपूर हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। वह प्रसिद्ध कपूर ख़ानदान से हैं और करीना कपूर की बड़ी बहन हैं। करिश्मा को उनके उपनाम लोलो से भी जाना जाता है। इनका जन्म 25 जून 1974 को मुम्बई में हुआ था। इन्हौंने बॉलीवुड की कई प्रसिद्ध और इनाम जीतने वाली फ़िल्मों में काम किया है। .

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कहो ना प्यार है

कहो ना प्यार है 2000 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फिल्म के निर्देशक और लेखक राकेश रोशन हैं। इस फिल्म के द्वारा ऋतिक रोशन और अमीषा पटेल ने फिल्मों में अपने अभिनय के सफर को शुरू किया था। इसमें ऋतिक रोशन रोहित और राज की दोहरी भूमिका निभाएँ हैं। यह फिल्म 2000 की सबसे सफल फिल्म थी। इसे बहुत अधिक पुरस्कार भी मिले। इस फिल्म के लिए राकेश रोशन को पहली बार निर्माता और निर्देशक के रूप में फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेता के लिए ऋतिक रोशन को एक ही फिल्म में यह दोनों पुरस्कार भी मिल गया। .

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क़यामत से क़यामत तक

कयामत से कयामत तक सन् 1988 की हिन्दी भाषा की प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसका निर्देशन मंसूर खान ने किया है और निर्माण उनके पिता नासिर हुसैन ने किया है। इसमें नासिर के भतीजे और मंसूर के चचेरे भाई आमिर खान और जूही चावला मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म आलोचनात्मक प्रशंसा के साथ जारी हुई थी और यह एक बड़ी व्यावसायिक सफलता भी थी। इसने आमिर और जूही को बेहद लोकप्रिय सितारों में बदल दिया था। इसकी कहानी आधुनिक रूप में रची गई दुखद रूमानी कहानियों लैला और मजनू, हीर राँझा और रोमियो और जूलियट पर आधारित है। क़यामत से क़यामत तक हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक मील का पत्थर थी। 1990 के दशक में हिंदी सिनेमा को परिभाषित करने वाली संगीतमय रोमांस फिल्मों की रूपरेखा इसी को माना जाता है। आनंद-मिलिंद द्वारा रचित, फिल्म का साउंडट्रैक समान रूप से सफल और लोकप्रिय था। इसने सर्वश्रेष्ठ मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ निदेशक सहित ग्यारह नामांकनों से आठ फिल्मफेयर पुरस्कार जीते। .

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किरण राव

किरण राव एक भारतीय निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखिका हैं। .

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केतन मेहता

केतन मेहता हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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अफ़साना प्यार का (1991 फ़िल्म)

अफ़साना प्यार का 1991 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अफ़ग़ानिस्तान

अफ़ग़ानिस्तान इस्लामी गणराज्य दक्षिणी मध्य एशिया में अवस्थित देश है, जो चारो ओर से जमीन से घिरा हुआ है। प्रायः इसकी गिनती मध्य एशिया के देशों में होती है पर देश में लगातार चल रहे संघर्षों ने इसे कभी मध्य पूर्व तो कभी दक्षिण एशिया से जोड़ दिया है। इसके पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर पूर्व में भारत तथा चीन, उत्तर में ताजिकिस्तान, कज़ाकस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान तथा पश्चिम में ईरान है। अफ़ग़ानिस्तान रेशम मार्ग और मानव प्रवास का8 एक प्राचीन केन्द्र बिन्दु रहा है। पुरातत्वविदों को मध्य पाषाण काल ​​के मानव बस्ती के साक्ष्य मिले हैं। इस क्षेत्र में नगरीय सभ्यता की शुरुआत 3000 से 2,000 ई.पू.

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अबुल कलाम आज़ाद

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद या अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन (11 नवंबर, 1888 - 22 फरवरी, 1958) एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे। वे कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत की आजादी के वाद वे एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक रहे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतो का समर्थन करते थे। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए कार्य किया, तथा वे अलग मुस्लिम राष्ट्र (पाकिस्तान) के सिद्धांत का विरोध करने वाले मुस्लिम नेताओ में से थे। खिलाफत आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। 1923 में वे भारतीय नेशनल काग्रेंस के सबसे कम उम्र के प्रेसीडेंट बने। वे 1940 और 1945 के बीच काग्रेंस के प्रेसीडेंट रहे। आजादी के वाद वे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर जिले से 1952 में सांसद चुने गए और वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने। वे धारासन सत्याग्रह के अहम इन्कलाबी (क्रांतिकारी) थे। वे 1940-45 के बीट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे जिस दौरान भारत छोड़ो आन्दोलन हुआ था। कांग्रेस के अन्य प्रमुख नेताओं की तरह उन्हें भी तीन साल जेल में बिताने पड़े थे। स्वतंत्रता के बाद वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना में उनके सबसे अविस्मरणीय कार्यों में से एक था। .

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अभिनेता

अभिनेता वह पुरुष कलाकार है जो एक चलचित्र या नाटक में किसी चरित्र का अभिनय करता है। अभिनेता परिकल्पना एवं दर्शक के बीच माध्यम का काम करता है। जो दी गयी भूमिका को किसी मंच (चलचित्र, नाटक, रेडियो) द्वारा दर्शक के लिए प्रस्तुत करता है। अभिनय की कला का ज्ञान एवं अभिनेता के भाव प्रस्तुतीकरण को सार्थक बनाता है। .

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अमिताभ बच्चन

अमिताभ बच्चन (जन्म-११ अक्टूबर, १९४२) बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेता हैं। १९७० के दशक के दौरान उन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की और तब से भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रमुख व्यक्तित्व बन गए हैं। बच्चन ने अपने करियर में कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और बारह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार शामिल हैं। उनके नाम सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फ़िल्मफेयर अवार्ड का रिकार्ड है। अभिनय के अलावा बच्चन ने पार्श्वगायक, फ़िल्म निर्माता और टीवी प्रस्तोता और भारतीय संसद के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में १९८४ से १९८७ तक भूमिका की हैं। इन्होंने प्रसिद्द टी.वी.

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अर्थ (1998 फ़िल्म)

अर्थ १९९८ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अजय देवगन

अजय देवगन (जन्म: 2 अप्रैल, 1969) भारतीय हिन्दी फ़िल्म उद्योग बॉलीवुड के एक जाने माने अभिनेता, फिल्म निर्माता और निर्देशक हैं। उन्होने अपना फ़िल्मी सफर वर्ष १९९१ की फ़िल्म फूल और काँटे से शुरु किया। १९९९ में उन्हे महेश भट्ट निर्देशित फ़िल्म जख्म और २००२ में राजकुमार संतोषी निर्देशित फ़िल्म द लेजेंड ऑफ भगत सिंह के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। .

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अव्वल नम्बर (1990 फ़िल्म)

अव्वल नम्बर 1990 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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अंदाज़ अपना अपना

अंदाज़ अपना अपना 1994 की हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह राजकुमार संतोषी द्वारा निर्देशित कॉमेडी फ़िल्म है। इसमें प्रमुख भूमिकाओं में आमिर खान, सलमान खान, रवीना टंडन, करिश्मा कपूर और परेश रावल मुख्य कलाकार हैं। महमूद, गोविन्दा और जूही चावला ने अतिथि उपस्थिति दर्ज की है। फिल्म 4 नवंबर 1994 को रिलीज हुई थी। .

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अक्षय खन्ना

अक्षय खन्ना एक हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं। यह सत्तर – अस्सी के दशक के मशहूर अभिनेता विनोद खन्ना के पुत्र है और इनके बड़े भाई राहुल खन्ना एक प्रसिद्ध वी जे हैं। .

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अकेडमी पुरस्कार

अमेरिका की अकेडेमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज़ द्वारा प्रदत्त अकेडमी पुरस्कार, जिसे ऑस्कर पुरस्कार भी कहा जाता है, फिल्म व्यवसाय से जुड़े सर्वश्रेष्ठ निर्देशकों, कलाकारों, लेखक व तकनीशियनों को दिया जाने वाला प्रतिष्ठित सालाना पुरस्कार है। पहला समारोह १६ मई १९२९ को आयोजित किया गया था। .

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अकेले हम अकेले तुम

अकेले हम अकेले तुम मंसूर खान के द्वारा निर्देशित एक हिन्दी फिल्म है जिसमें आमिर खान और मनीषा कोइराला की मुख्य भूमिका है। इस फिल्म को संगीत अनु मलिक ने दिया और इसके गीत मजरुह सुल्तानपुरी ने लिखे हैं। इसे पति-पत्नी के रिश्ते को सबसे वास्तविक और संवेदनशीलता से दर्शाने वाला फिल्म माना जाता है। इसे बॉक्स-ऑफिस पर सफलता प्राप्त नहीं हुई। .

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ऋतिक रोशन

हृथिक रोशन (हिन्दी: ऋतिक रोशन, उच्चारण: /10 जनवरी 1974 जन्म) एक भारतीय अभिनेता है जो बॉलीवुड में काम कर रहे हैं।इनका जन्म एक कायस्थ परिवार में हुआ था। सन 1980 में हृतिक रोशन ने एक बालकलाकार के रूप में फिल्मोमें पदर्पण होनेके बाद फिल्म कहो ना प्यार है (2000) में प्रमुख भूमिका निभाई.

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१४ मार्च

14 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 73वॉ (लीप वर्ष में 74 वॉ) दिन है। साल में अभी और 292 दिन बाकी है। .

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१८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम

१८५७ के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को समर्पित भारत का डाकटिकट। १८५७ का भारतीय विद्रोह, जिसे प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, सिपाही विद्रोह और भारतीय विद्रोह के नाम से भी जाना जाता है इतिहास की पुस्तकें कहती हैं कि 1857 की क्रान्ति की शुरूआत '10 मई 1857' की संध्या को मेरठ मे हुई थी और इसको समस्त भारतवासी 10 मई को प्रत्येक वर्ष ”क्रान्ति दिवस“ के रूप में मनाते हैं, क्रान्ति की शुरूआत करने का श्रेय अमर शहीद कोतवाल धनसिंह गुर्जर को जाता है 10 मई 1857 को मेरठ में विद्रोही सैनिकों और पुलिस फोर्स ने अंग्रेजों के विरूद्ध साझा मोर्चा गठित कर क्रान्तिकारी घटनाओं को अंजाम दिया।1 सैनिकों के विद्रोह की खबर फैलते ही मेरठ की शहरी जनता और आस-पास के गांव विशेषकर पांचली, घाट, नंगला, गगोल इत्यादि के हजारों ग्रामीण मेरठ की सदर कोतवाली क्षेत्र में जमा हो गए। इसी कोतवाली में धन सिंह कोतवाल (प्रभारी) के पद पर कार्यरत थे।2 मेरठ की पुलिस बागी हो चुकी थी। धन सिंह कोतवाल क्रान्तिकारी भीड़ (सैनिक, मेरठ के शहरी, पुलिस और किसान) में एक प्राकृतिक नेता के रूप में उभरे। उनका आकर्षक व्यक्तित्व, उनका स्थानीय होना, (वह मेरठ के निकट स्थित गांव पांचली के रहने वाले थे), पुलिस में उच्च पद पर होना और स्थानीय क्रान्तिकारियों का उनको विश्वास प्राप्त होना कुछ ऐसे कारक थे जिन्होंने धन सिंह को 10 मई 1857 के दिन मेरठ की क्रान्तिकारी जनता के नेता के रूप में उभरने में मदद की। उन्होंने क्रान्तिकारी भीड़ का नेतृत्व किया और रात दो बजे मेरठ जेल पर हमला कर दिया। जेल तोड़कर 836 कैदियों को छुड़ा लिया और जेल में आग लगा दी।3 जेल से छुड़ाए कैदी भी क्रान्ति में शामिल हो गए। उससे पहले पुलिस फोर्स के नेतृत्व में क्रान्तिकारी भीड़ ने पूरे सदर बाजार और कैंट क्षेत्र में क्रान्तिकारी घटनाओं को अंजाम दिया। रात में ही विद्रोही सैनिक दिल्ली कूच कर गए और विद्रोह मेरठ के देहात में फैल गया। मंगल पाण्डे 8 अप्रैल, 1857 को बैरकपुर, बंगाल में शहीद हो गए थे। मंगल पाण्डे ने चर्बी वाले कारतूसों के विरोध में अपने एक अफसर को 29 मार्च, 1857 को बैरकपुर छावनी, बंगाल में गोली से उड़ा दिया था। जिसके पश्चात उन्हें गिरफ्तार कर बैरकपुर (बंगाल) में 8 अप्रैल को फासी दे दी गई थी। 10 मई, 1857 को मेरठ में हुए जनक्रान्ति के विस्फोट से उनका कोई सम्बन्ध नहीं है। क्रान्ति के दमन के पश्चात् ब्रिटिश सरकार ने 10 मई, 1857 को मेरठ मे हुई क्रान्तिकारी घटनाओं में पुलिस की भूमिका की जांच के लिए मेजर विलियम्स की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई।4 मेजर विलियम्स ने उस दिन की घटनाओं का भिन्न-भिन्न गवाहियों के आधार पर गहन विवेचन किया तथा इस सम्बन्ध में एक स्मरण-पत्र तैयार किया, जिसके अनुसार उन्होंने मेरठ में जनता की क्रान्तिकारी गतिविधियों के विस्फोट के लिए धन सिंह कोतवाल को मुख्य रूप से दोषी ठहराया, उसका मानना था कि यदि धन सिंह कोतवाल ने अपने कर्तव्य का निर्वाह ठीक प्रकार से किया होता तो संभवतः मेरठ में जनता को भड़कने से रोका जा सकता था।5 धन सिंह कोतवाल को पुलिस नियंत्रण के छिन्न-भिन्न हो जाने के लिए दोषी पाया गया। क्रान्तिकारी घटनाओं से दमित लोगों ने अपनी गवाहियों में सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि धन सिंह कोतवाल क्योंकि स्वयं गूजर है इसलिए उसने क्रान्तिकारियों, जिनमें गूजर बहुसंख्या में थे, को नहीं रोका। उन्होंने धन सिंह पर क्रान्तिकारियों को खुला संरक्षण देने का आरोप भी लगाया।6 एक गवाही के अनुसार क्रान्तिकरियों ने कहा कि धन सिंह कोतवाल ने उन्हें स्वयं आस-पास के गांव से बुलाया है 7 यदि मेजर विलियम्स द्वारा ली गई गवाहियों का स्वयं विवेचन किया जाये तो पता चलता है कि 10 मई, 1857 को मेरठ में क्रांति का विस्फोट काई स्वतः विस्फोट नहीं वरन् एक पूर्व योजना के तहत एक निश्चित कार्यवाही थी, जो परिस्थितिवश समय पूर्व ही घटित हो गई। नवम्बर 1858 में मेरठ के कमिश्नर एफ0 विलियम द्वारा इसी सिलसिले से एक रिपोर्ट नोर्थ - वैस्टर्न प्रान्त (आधुनिक उत्तर प्रदेश) सरकार के सचिव को भेजी गई। रिपोर्ट के अनुसार मेरठ की सैनिक छावनी में ”चर्बी वाले कारतूस और हड्डियों के चूर्ण वाले आटे की बात“ बड़ी सावधानी पूर्वक फैलाई गई थी। रिपोर्ट में अयोध्या से आये एक साधु की संदिग्ध भूमिका की ओर भी इशारा किया गया था।8 विद्रोही सैनिक, मेरठ शहर की पुलिस, तथा जनता और आस-पास के गांव के ग्रामीण इस साधु के सम्पर्क में थे। मेरठ के आर्य समाजी, इतिहासज्ञ एवं स्वतन्त्रता सेनानी आचार्य दीपांकर के अनुसार यह साधु स्वयं दयानन्द जी थे और वही मेरठ में 10 मई, 1857 की घटनाओं के सूत्रधार थे। मेजर विलियम्स को दो गयी गवाही के अनुसार कोतवाल स्वयं इस साधु से उसके सूरजकुण्ड स्थित ठिकाने पर मिले थे।9 हो सकता है ऊपरी तौर पर यह कोतवाल की सरकारी भेंट हो, परन्तु दोनों के आपस में सम्पर्क होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता। वास्तव में कोतवाल सहित पूरी पुलिस फोर्स इस योजना में साधु (सम्भवतः स्वामी दयानन्द) के साथ देशव्यापी क्रान्तिकारी योजना में शामिल हो चुकी थी। 10 मई को जैसा कि इस रिपोर्ट में बताया गया कि सभी सैनिकों ने एक साथ मेरठ में सभी स्थानों पर विद्रोह कर दिया। ठीक उसी समय सदर बाजार की भीड़, जो पहले से ही हथियारों से लैस होकर इस घटना के लिए तैयार थी, ने भी अपनी क्रान्तिकारी गतिविधियां शुरू कर दीं। धन सिंह कोतवाल ने योजना के अनुसार बड़ी चतुराई से ब्रिटिश सरकार के प्रति वफादार पुलिस कर्मियों को कोतवाली के भीतर चले जाने और वहीं रहने का आदेश दिया।10 आदेश का पालन करते हुए अंग्रेजों के वफादार पिट्ठू पुलिसकर्मी क्रान्ति के दौरान कोतवाली में ही बैठे रहे। इस प्रकार अंग्रेजों के वफादारों की तरफ से क्रान्तिकारियों को रोकने का प्रयास नहीं हो सका, दूसरी तरफ उसने क्रान्तिकारी योजना से सहमत सिपाहियों को क्रान्ति में अग्रणी भूमिका निभाने का गुप्त आदेश दिया, फलस्वरूप उस दिन कई जगह पुलिस वालों को क्रान्तिकारियों की भीड़ का नेतृत्व करते देखा गया।11 धन सिंह कोतवाल अपने गांव पांचली और आस-पास के क्रान्तिकारी गूजर बाहुल्य गांव घाट, नंगला, गगोल आदि की जनता के सम्पर्क में थे, धन सिंह कोतवाल का संदेश मिलते ही हजारों की संख्या में गूजर क्रान्तिकारी रात में मेरठ पहुंच गये। मेरठ के आस-पास के गांवों में प्रचलित किवंदन्ती के अनुसार इस क्रान्तिकारी भीड़ ने धन सिंह कोतवाल के नेतृत्व में देर रात दो बजे जेल तोड़कर 836 कैदियों को छुड़ा लिया12 और जेल को आग लगा दी। मेरठ शहर और कैंट में जो कुछ भी अंग्रेजों से सम्बन्धित था उसे यह क्रान्तिकारियों की भीड़ पहले ही नष्ट कर चुकी थी। उपरोक्त वर्णन और विवेचना के आधार पर हम निःसन्देह कह सकते हैं कि धन सिंह कोतवाल ने 10 मई, 1857 के दिन मेरठ में मुख्य भूमिका का निर्वाह करते हुए क्रान्तिकारियों को नेतृत्व प्रदान किया था।1857 की क्रान्ति की औपनिवेशिक व्याख्या, (ब्रिटिश साम्राज्यवादी इतिहासकारों की व्याख्या), के अनुसार 1857 का गदर मात्र एक सैनिक विद्रोह था जिसका कारण मात्र सैनिक असंतोष था। इन इतिहासकारों का मानना है कि सैनिक विद्रोहियों को कहीं भी जनप्रिय समर्थन प्राप्त नहीं था। ऐसा कहकर वह यह जताना चाहते हैं कि ब्रिटिश शासन निर्दोष था और आम जनता उससे सन्तुष्ट थी। अंग्रेज इतिहासकारों, जिनमें जौन लोरेंस और सीले प्रमुख हैं ने भी 1857 के गदर को मात्र एक सैनिक विद्रोह माना है, इनका निष्कर्ष है कि 1857 के विद्रोह को कही भी जनप्रिय समर्थन प्राप्त नहीं था, इसलिए इसे स्वतन्त्रता संग्राम नहीं कहा जा सकता। राष्ट्रवादी इतिहासकार वी0 डी0 सावरकर और सब-आल्टरन इतिहासकार रंजीत गुहा ने 1857 की क्रान्ति की साम्राज्यवादी व्याख्या का खंडन करते हुए उन क्रान्तिकारी घटनाओं का वर्णन किया है, जिनमें कि जनता ने क्रान्ति में व्यापक स्तर पर भाग लिया था, इन घटनाओं का वर्णन मेरठ में जनता की सहभागिता से ही शुरू हो जाता है। समस्त पश्चिम उत्तर प्रदेश के बन्जारो, रांघड़ों और गूजर किसानों ने 1857 की क्रान्ति में व्यापक स्तर पर भाग लिया। पूर्वी उत्तर प्रदेश में ताल्लुकदारों ने अग्रणी भूमिका निभाई। बुनकरों और कारीगरों ने अनेक स्थानों पर क्रान्ति में भाग लिया। 1857 की क्रान्ति के व्यापक आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक कारण थे और विद्रोही जनता के हर वर्ग से आये थे, ऐसा अब आधुनिक इतिहासकार सिद्ध कर चुके हैं। अतः 1857 का गदर मात्र एक सैनिक विद्रोह नहीं वरन् जनसहभागिता से पूर्ण एक राष्ट्रीय स्वतन्त्रता संग्राम था। परन्तु 1857 में जनसहभागिता की शुरूआत कहाँ और किसके नेतृत्व में हुई ? इस जनसहभागिता की शुरूआत के स्थान और इसमें सहभागिता प्रदर्शित वाले लोगों को ही 1857 की क्रान्ति का जनक कहा जा सकता है। क्योंकि 1857 की क्रान्ति में जनता की सहभागिता की शुरूआत धन सिंह कोतवाल के नेतृत्व में मेरठ की जनता ने की थी। अतः ये ही 1857 की क्रान्ति के जनक कहे जाते हैं। 10, मई 1857 को मेरठ में जो महत्वपूर्ण भूमिका धन सिंह और उनके अपने ग्राम पांचली के भाई बन्धुओं ने निभाई उसकी पृष्ठभूमि में अंग्रेजों के जुल्म की दास्तान छुपी हुई है। ब्रिटिश साम्राज्य की औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था की कृषि नीति का मुख्य उद्देश्य सिर्फ अधिक से अधिक लगान वसूलना था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अंग्रेजों ने महलवाड़ी व्यवस्था लागू की थी, जिसके तहत समस्त ग्राम से इकट्ठा लगान तय किया जाता था और मुखिया अथवा लम्बरदार लगान वसूलकर सरकार को देता था। लगान की दरें बहुत ऊंची थी, और उसे बड़ी कठोरता से वसूला जाता था। कर न दे पाने पर किसानों को तरह-तरह से बेइज्जत करना, कोड़े मारना और उन्हें जमीनों से बेदखल करना एक आम बात थी, किसानों की हालत बद से बदतर हो गई थी। धन सिंह कोतवाल भी एक किसान परिवार से सम्बन्धित थे। किसानों के इन हालातों से वे बहुत दुखी थे। धन सिंह के पिता पांचली ग्राम के मुखिया थे, अतः अंग्रेज पांचली के उन ग्रामीणों को जो किसी कारणवश लगान नहीं दे पाते थे, उन्हें धन सिंह के अहाते में कठोर सजा दिया करते थे, बचपन से ही इन घटनाओं को देखकर धन सिंह के मन में आक्रोष जन्म लेने लगा।13 ग्रामीणों के दिलो दिमाग में ब्रिटिष विरोध लावे की तरह धधक रहा था। 1857 की क्रान्ति में धन सिंह और उनके ग्राम पांचली की भूमिका का विवेचन करते हुए हम यह नहीं भूल सकते कि धन सिंह गूजर जाति में जन्में थे, उनका गांव गूजर बहुल था। 1707 ई0 में औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात गूजरों ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में अपनी राजनैतिक ताकत काफी बढ़ा ली थी।14 लढ़ौरा, मुण्डलाना, टिमली, परीक्षितगढ़, दादरी, समथर-लौहा गढ़, कुंजा बहादुरपुर इत्यादि रियासतें कायम कर वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक गूजर राज्य बनाने के सपने देखने लगे थे।15 1803 में अंग्रेजों द्वारा दोआबा पर अधिकार करने के वाद गूजरों की शक्ति क्षीण हो गई थी, गूजर मन ही मन अपनी राजनैतिक शक्ति को पुनः पाने के लिये आतुर थे, इस दषा में प्रयास करते हुए गूजरों ने सर्वप्रथम 1824 में कुंजा बहादुरपुर के ताल्लुकदार विजय सिंह और कल्याण सिंह उर्फ कलवा गूजर के नेतृत्व में सहारनपुर में जोरदार विद्रोह किये।16 पश्चिमी उत्तर प्रदेष के गूजरों ने इस विद्रोह में प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया परन्तु यह प्रयास सफल नहीं हो सका। 1857 के सैनिक विद्रोह ने उन्हें एक और अवसर प्रदान कर दिया। समस्त पश्चिमी उत्तर प्रदेष में देहरादून से लेकिन दिल्ली तक, मुरादाबाद, बिजनौर, आगरा, झांसी तक। पंजाब, राजस्थान से लेकर महाराष्ट्र तक के गूजर इस स्वतन्त्रता संग्राम में कूद पड़े। हजारों की संख्या में गूजर शहीद हुए और लाखों गूजरों को ब्रिटेन के दूसरे उपनिवेषों में कृषि मजदूर के रूप में निर्वासित कर दिया। इस प्रकार धन सिंह और पांचली, घाट, नंगला और गगोल ग्रामों के गूजरों का संघर्ष गूजरों के देशव्यापी ब्रिटिष विरोध का हिस्सा था। यह तो बस एक शुरूआत थी। 1857 की क्रान्ति के कुछ समय पूर्व की एक घटना ने भी धन सिंह और ग्रामवासियों को अंग्रेजी शासन को उखाड़ फेंकने के लिए प्रेरित किया। पांचली और उसके निकट के ग्रामों में प्रचलित किंवदन्ती के अनुसार घटना इस प्रकार है, ”अप्रैल का महीना था। किसान अपनी फसलों को उठाने में लगे हुए थे। एक दिन करीब 10 11 बजे के आस-पास बजे दो अंग्रेज तथा एक मेम पांचली खुर्द के आमों के बाग में थोड़ा आराम करने के लिए रूके। इसी बाग के समीप पांचली गांव के तीन किसान जिनके नाम मंगत सिंह, नरपत सिंह और झज्जड़ सिंह (अथवा भज्जड़ सिंह) थे, कृषि कार्यो में लगे थे। अंग्रेजों ने इन किसानों से पानी पिलाने का आग्रह किया। अज्ञात कारणों से इन किसानों और अंग्रेजों में संघर्ष हो गया। इन किसानों ने अंग्रेजों का वीरतापूर्वक सामना कर एक अंग्रेज और मेम को पकड़ दिया। एक अंग्रेज भागने में सफल रहा। पकड़े गए अंग्रेज सिपाही को इन्होंने हाथ-पैर बांधकर गर्म रेत में डाल दिया और मेम से बलपूर्वक दायं हंकवाई। दो घंटे बाद भागा हुआ सिपाही एक अंग्रेज अधिकारी और 25-30 सिपाहियों के साथ वापस लौटा। तब तक किसान अंग्रेज सैनिकों से छीने हुए हथियारों, जिनमें एक सोने की मूठ वाली तलवार भी थी, को लेकर भाग चुके थे। अंग्रेजों की दण्ड नीति बहुत कठोर थी, इस घटना की जांच करने और दोषियों को गिरफ्तार कर अंग्रेजों को सौंपने की जिम्मेदारी धन सिंह के पिता, जो कि गांव के मुखिया थे, को सौंपी गई। ऐलान किया गया कि यदि मुखिया ने तीनों बागियों को पकड़कर अंग्रेजों को नहीं सौपा तो सजा गांव वालों और मुखिया को भुगतनी पड़ेगी। बहुत से ग्रामवासी भयवश गाँव से पलायन कर गए। अन्ततः नरपत सिंह और झज्जड़ सिंह ने तो समर्पण कर दिया किन्तु मंगत सिंह फरार ही रहे। दोनों किसानों को 30-30 कोड़े और जमीन से बेदखली की सजा दी गई। फरार मंगत सिंह के परिवार के तीन सदस्यों के गांव के समीप ही फांसी पर लटका दिया गया। धन सिंह के पिता को मंगत सिंह को न ढूंढ पाने के कारण छः माह के कठोर कारावास की सजा दी गई। इस घटना ने धन सिंह सहित पांचली के बच्चे-बच्चे को विद्रोही बना दिया।17 जैसे ही 10 मई को मेरठ में सैनिक बगावत हुई धन सिंह और ने क्रान्ति में सहभागिता की शुरूआत कर इतिहास रच दिया। क्रान्ति मे अग्रणी भूमिका निभाने की सजा पांचली व अन्य ग्रामों के किसानों को मिली। मेरठ गजेटियर के वर्णन के अनुसार 4 जुलाई, 1857 को प्रातः चार बजे पांचली पर एक अंग्रेज रिसाले ने तोपों से हमला किया। रिसाले में 56 घुड़सवार, 38 पैदल सिपाही और 10 तोपची थे। पूरे ग्राम को तोप से उड़ा दिया गया। सैकड़ों किसान मारे गए, जो बच गए उनमें से 46 लोग कैद कर लिए गए और इनमें से 40 को बाद में फांसी की सजा दे दी गई।18 आचार्य दीपांकर द्वारा रचित पुस्तक स्वाधीनता आन्दोलन और मेरठ के अनुसार पांचली के 80 लोगों को फांसी की सजा दी गई थी। पूरे गांव को लगभग नष्ट ही कर दिया गया। ग्राम गगोल के भी 9 लोगों को दशहरे के दिन फाँसी की सजा दी गई और पूरे ग्राम को नष्ट कर दिया। आज भी इस ग्राम में दश्हरा नहीं मनाया जाता। संदर्भ एवं टिप्पणी 1.

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१९६५

1965 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२००७

वर्ष २००७ सोमवार से प्रारम्भ होने वाला ग्रेगोरी कैलंडर का सामान्य वर्ष है। .

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२००८

२००८ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२८ नवम्बर

28 नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 332वॉ (लीप वर्ष में 333 वॉ) दिन है। साल में अभी और 33 दिन बाकी है। .

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३ ईडियट्स

थ्री इडीयट्स (हिन्दी अर्थ: तीन बेवक़ूफ़) २००९ की एक हिंदी चल चित्र है। इस फ़िल्म की कहानी अंग्रेजी उपन्यासकार चेतन भगत के प्रसिद्ध अंग्रेजी उपन्यास फ़ाइव प्वांइट समवन पर आधारित है। फ़िल्म के मुख्य कलाकार आमिर ख़ान, करीना कपूर, बोमन इरानी, माधवन, ओमी वैद्य और शर्मन जोशी है। .

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३१ अक्टूबर

३१ अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३०४वाँ (लीप वर्ष में ३०५वाँ) दिन है। वर्ष में अभी और ६१ दिन बाकी है। .

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