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अमर सिंह प्रथम

सूची अमर सिंह प्रथम

राणा अमर सिंह (1597 – 1620 ई०) मेवाड के शिशोदिया राजवंश के शासक थे। वे महाराणा प्रताप के पुत्र तथा महाराणा उदयसिंह के पौत्र थे। राणा अमर सिंह भी महाराणा प्रताप जैसे वीर थे। इन्होंने मुगलों से 18 बार युद्ध लड़ा। प्रारम्भ में मुगल सेना के आक्रमण न होने से अमर सिंह ने राज्य में सुव्यवस्था बनाया। जहांगीर के द्वारा करवाये गयें कई आक्रमण विफल किये। अंत में खुर्रम ने मेवाड़ अधिकार कर लिया। हारकर बाद में इन्होनें अपमानजनक संधि की। वे मेवाड़ के अंतिम स्वतन्त्र शासक थे। राणा अमर सिंह प्रजा भक्त थे। इनको गुलामी में रहना अच्छा नहीं लगा, अतः इन्होंने आपना राज्य आपने पुत्र को दे कर ख़ुद एक कुटिया में रहने लग गए। .

14 संबंधों: चित्तौड़गढ़ दुर्ग, भारत, महाराणा, महाराणा प्रताप, मेवाड़, राजस्थान, राजा रवि वर्मा, सिसोदिया, सिसोदिया (राजपूत), हिन्दू धर्म, करण सिंह द्वितीय, अजबदे पंवार, उदयपुर, उदयसिंह द्वितीय

चित्तौड़गढ़ दुर्ग

चित्तौड़गढ़ दुर्ग भारत का सबसे विशाल दुर्ग है। यह राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित है जो भीलवाड़ा से कुछ किमी दक्षिण में है। यह एक विश्व विरासत स्थल है। चित्तौड़ मेवाड़ की राजधानी थी। इस किले ने इतिहास के उतार-चढाव देखे हैं। यह इतिहास की सबसे खूनी लड़ाईयों का गवाह है। इसने तीन महान आख्यान और पराक्रम के कुछ सर्वाधिक वीरोचित कार्य देखे हैं जो अभी भी स्थानीय गायकों द्वारा गाए जाते हैं। चित्तौड़ के दुर्ग को २०१३ में युनेस्को विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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महाराणा

राजस्थान में मेवाड़ के राजाओं को महाराणा कहा जाता था।.

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महाराणा प्रताप

महाराणा प्रताप सिंह (ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया रविवार विक्रम संवत १५९७ तदानुसार ९ मई १५४०–१९ जनवरी १५९७) उदयपुर, मेवाड में सिसोदिया राजवंश के राजा थे। उनका नाम इतिहास में वीरता और दृढ प्रण के लिये अमर है। उन्होंने कई सालों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ संघर्ष किया। महाराणा प्रताप सिंह ने मुगलों को कईं बार युद्ध में भी हराया। उनका जन्म राजस्थान के कुम्भलगढ़ में महाराणा उदयसिंह एवं माता राणी जयवंत कँवर के घर हुआ था। १५७६ के हल्दीघाटी युद्ध में २०,००० राजपूतों को साथ लेकर राणा प्रताप ने मुगल सरदार राजा मानसिंह के ८०,००० की सेना का सामना किया। शत्रु सेना से घिर चुके महाराणा प्रताप को झाला मानसिंह ने आपने प्राण दे कर बचाया ओर महाराणा को युद्ध भूमि छोड़ने के लिए बोला। शक्ति सिंह ने आपना अश्व दे कर महाराणा को बचाया। प्रिय अश्व चेतक की भी मृत्यु हुई। यह युद्ध तो केवल एक दिन चला परन्तु इसमें १७,००० लोग मारे गए। मेवाड़ को जीतने के लिये अकबर ने सभी प्रयास किये। महाराणा की हालत दिन-प्रतिदिन चिंताजनक होती चली गई । २५,००० राजपूतों को १२ साल तक चले उतना अनुदान देकर भामा शाह भी अमर हुआ। .

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मेवाड़

राजस्थान के अन्तर्गत मेवाड़ की स्थिति मेवाड़ राजस्थान के दक्षिण-मध्य में एक रियासत थी। इसे 'उदयपुर राज्य' के नाम से भी जाना जाता था। इसमें आधुनिक भारत के उदयपुर, भीलवाड़ा, राजसमंद, तथा चित्तौडगढ़ जिले थे। सैकड़ों सालों तक यहाँ रापपूतों का शासन रहा और इस पर गहलौत तथा सिसोदिया राजाओं ने १२०० साल तक राज किया। बाद में यह अंग्रेज़ों द्वारा शासित राज बना। १५५० के आसपास मेवाड़ की राजधानी थी चित्तौड़। राणा प्रताप सिंह यहीं का राजा था। अकबर की भारत विजय में केवल मेवाड़ का राणा प्रताप बाधक बना रहा। अकबर ने सन् 1576 से 1586 तक पूरी शक्ति के साथ मेवाड़ पर कई आक्रमण किए, पर उसका राणा प्रताप को अधीन करने का मनोरथ सिद्ध नहीं हुआ स्वयं अकबर, प्रताप की देश-भक्ति और दिलेरी से इतना प्रभावित हुआ कि प्रताप के मरने पर उसकी आँखों में आंसू भर आये। उसने स्वीकार किया कि विजय निश्चय ही राणा की हुई। यह एक ऐतिहासिक सत्य है कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में प्रताप जैसे महान देशप्रेमियों के जीवन से ही प्रेरणा प्राप्त कर अनेक देशभक्त हँसते-हँसते बलिवेदी पर चढ़ गए। महाराणा प्रताप की मृत्यु पर उसके उत्तराधिकारी अमर सिंह ने मुगल सम्राट जहांगीर से संधि कर ली। उसने अपने पाटवी पुत्र को मुगल दरबार में भेजना स्वीकार कर लिया। इस प्रकार १०० वर्ष बाद मेवाड़ की स्वतंत्रता का भी अन्त हुआ। .

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राजस्थान

राजस्थान भारत गणराज्य का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब (भारत), उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ (132139 वर्ग मील) है। 2011 की गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.11% हैं। जयपुर राज्य की राजधानी है। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है। विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है, जो कि पर्यटन का केन्द्र है, माउंट आबू और विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर सम्मिलित करती है। पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है। .

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राजा रवि वर्मा

राजा रवि वर्मा की कलाकृति- '''ग्वालिन''' राजा रवि वर्मा (१८४८ - १९०६) भारत के विख्यात चित्रकार थे। उन्होंने भारतीय साहित्य और संस्कृति के पात्रों का चित्रण किया। उनके चित्रों की सबसे बड़ी विशेषता हिंदू महाकाव्यों और धर्मग्रन्थों पर बनाए गए चित्र हैं। हिन्दू मिथकों का बहुत ही प्रभावशाली इस्‍तेमाल उनके चित्रों में दिखता हैं। वडोदरा (गुजरात) स्थित लक्ष्मीविलास महल के संग्रहालय में उनके चित्रों का बहुत बड़ा संग्रह है। .

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सिसोदिया

सिसोदिया जो कि एक बहुविकल्पीय शीर्षक है के कई अर्थ हो सकते हैं। कृप्या निम्नलिखित में से चुने।.

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सिसोदिया (राजपूत)

सिसोदिया राजवंश की कुलदेवी सिसोदिया या गेहलोत मांगलिया यासिसोदिया एक राजपूत राजवंश है, जिसका राजस्थान के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है। यह सूर्यवंशी राजपूत थे। सिसोदिया राजवंश में कई वीर शासक हुए हैं। 'गुहिल' या 'गेहलोत' 'गुहिलपुत्र' शब्द का अपभ्रष्ट रूप है। कुछ विद्वान उन्हें मूलत: ब्राह्मण मानते हैं, किंतु वे स्वयं अपने को सूर्यवंशी क्षत्रिय कहते हैं जिसकी पुष्टि पृथ्वीराज विजय काव्य से होती है। मेवाड़ के दक्षिणी-पश्चिमी भाग से उनके सबसे प्राचीन अभिलेख मिले है। अत: वहीं से मेवाड़ के अन्य भागों में उनकी विस्तार हुआ होगा। गुह के बाद भोज, महेंद्रनाथ, शील ओर अपराजित गद्दी पर बैठे। कई विद्वान शील या शीलादित्य को ही बप्पा मानते हैं। अपराजित के बाद महेंद्रभट और उसके बाद कालभोज राजा हुए। गौरीशंकर हीराचंद ओझा ने कालभोज को चित्तौड़ दुर्ग का विजेता बप्पा माना है। किंतु यह निश्चित करना कठिन है कि वास्तव में बप्पा कौन था। कालभोज के पुत्र खोम्माण के समय अरब आक्रान्ता मेवाड़ तक पहुंचे। अरब आक्रांताओं को पीछे हटानेवाले इन राजा को देवदत्त रामकृष्ण भंडारकर ने बप्पा मानने का सुझाव दिया है। कुछ समय तक चित्तौड़ प्रतिहारों के अधिकार में रहा और गुहिल उनके अधीन रहे। भर्तृ पट्ट द्वितीय के समय गुहिल फिर सशक्त हुए और उनके पुत्र अल्लट (विक्रम संवत् १०२४) ने राजा देवपाल को हराया जो डा.

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हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म (संस्कृत: सनातन धर्म) एक धर्म (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत,नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म कहा जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है। विद्वान लोग हिन्दू धर्म को भारत की विभिन्न संस्कृतियों एवं परम्पराओं का सम्मिश्रण मानते हैं जिसका कोई संस्थापक नहीं है। यह धर्म अपने अन्दर कई अलग-अलग उपासना पद्धतियाँ, मत, सम्प्रदाय और दर्शन समेटे हुए हैं। अनुयायियों की संख्या के आधार पर ये विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। संख्या के आधार पर इसके अधिकतर उपासक भारत में हैं और प्रतिशत के आधार पर नेपाल में हैं। हालाँकि इसमें कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन वास्तव में यह एकेश्वरवादी धर्म है। इसे सनातन धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहते हैं। इण्डोनेशिया में इस धर्म का औपचारिक नाम "हिन्दु आगम" है। हिन्दू केवल एक धर्म या सम्प्रदाय ही नहीं है अपितु जीवन जीने की एक पद्धति है। .

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करण सिंह द्वितीय

मेवाड, राजस्थान के शिशोदिया राजवंश के शासक थे। श्रेणी:मेवाड़ के शासक.

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अजबदे पंवार

कोई विवरण नहीं।

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उदयपुर

उदयपुर राजस्थान का एक नगर एवं पर्यटन स्थल है जो अपने इतिहास, संस्कृति एवम् अपने अाकर्षक स्थलों के लिये प्रसिद्ध है। इसे सन् 1559 में महाराणा उदय सिंह ने स्थापित किया था। अपनी झीलों के कारण यह शहर 'झीलों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। उदयपुर शहर सिसोदिया राजवंश द्वारा ‌शासित मेवाड़ की राजधानी रहा है। .

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उदयसिंह द्वितीय

उदयसिंह द्वितीय (जन्म ०४ अगस्त १५२२ – २८ फरवरी १५७२,चित्तौड़गढ़ दुर्ग, राजस्थान, भारत) एक मेवाड़के महाराणा थे और उदयपुर शहर के स्थापक थे जो वर्तमान में राजस्थान राज्य है। ये मेवाड़ साम्राज्य के ५३वें शासक थे उदयसिंह मेवाड़ के शासक महाराणा सांगा (संग्राम सिंह) के चौथे पुत्र थेTod, James (1829, reprint 2002).

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

महाराणा अमर सिंह, राणा अमर सिंह

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