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बोकारो

सूची बोकारो

बोकारो झारखंड राज्य का एक जिला है। यह शहर अपने सरकारी क्षेत्र के इस्पात उद्योग के लिये प्रसिद्ध है तथा "स्टील सिटी" के नाम से जाना जाता है। बोकारो छोटानागपुर पठार में स्थित है। .

19 संबंधों: झारखण्ड, झारखंड के शहर, धनबाद, नीलांचल एक्सप्रेस, पुरूलिया जिला, बोकारो जिला, बोकारो विमानक्षेत्र, बोकारो इस्पात संयंत्र, भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाले महानगरों की सूची, भारत के शहरों की सूची, भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची, भारतीय इस्पात प्राधिकरण, मैथिली भाषा, राँची, शक्ति संचरण, सरस्वती विद्या मंदिर, बोकारो, सिंदरी, हर्षवर्धन ओझा, उद्योग

झारखण्ड

झारखण्ड यानी 'झार' या 'झाड़' जो स्थानीय रूप में वन का पर्याय है और 'खण्ड' यानी टुकड़े से मिलकर बना है। अपने नाम के अनुरुप यह मूलतः एक वन प्रदेश है जो झारखंड आंदोलन के फलस्वरूप सृजित हुआ। प्रचुर मात्रा में खनिज की उपलबध्ता के कारण इसे भारत का 'रूर' भी कहा जाता है जो जर्मनी में खनिज-प्रदेश के नाम से विख्यात है। 1930 के आसपास गठित आदिवासी महासभा ने जयपाल सिंह मुंडा की अगुआई में अलग ‘झारखंड’ का सपना देखा.

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झारखंड के शहर

झारखंड के प्रमुख शहरों की सूची.

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धनबाद

धनबाद भारत के झारखंड में स्थित एक शहर है जो कोयले की खानों के लिये मशहूर है। यह शहर भारत में कोयला व खनन में सबसे अमीर है। पुर्व मैं यह मानभुम जिला के अधीन था। यहां कई ख्याति प्राप्त औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संस्थान हैं। यह नगर कोयला खनन के क्षेत्र में भारत में सबसे प्रसिद्ध है। कई ख्याति प्राप्त औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संसथान यहाँ पाए जाते हैं। यहां का वाणिज्य बहुत व्यापक है। झारखंड में स्थित धनबाद को भारत की कोयला राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर कोयले की अनेक खदानें देखी जा सकती हैं। कोयले के अलावा इन खदानों में विभिन्न प्रकार के खनिज भी पाए जाते हैं। खदानों के लिए धनबाद पूरे विश्‍व में प्रसिद्ध है। यह खदानें धनबाद की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। पर्यटन के लिहाज से भी यह खदानें काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पर्यटक बड़ी संख्या में इन खदानों को देखने आते हैं। खदानों के अलावा भी यहां पर अनेक पर्यटक स्थल हैं जो पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। इसके प्रमुख पर्यटक स्थलों में पानर्रा, चारक, तोपचांची और मैथन प्रमुख हैं। पर्यटकों को यह पर्यटक स्थल और खदानें बहुत पसंद आती है और वह इनके खूबसूरत दृश्यों को अपने कैमरों में कैद करके ले जाते हैं। कम्बाइन्ड बिल्डिंग चौक .

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नीलांचल एक्सप्रेस

नीलांचल एक्सप्रेस भारतीय रेलवे द्वारा संचालित एक प्रमुख रेलगाडी है जो पुरी से नयी दिल्ली तक चलती है। पूरी यात्रा तय करने में यह रेल लगभग ३६ घंटे का समय लेती है एवं अपनी यात्रा के दौरान तीन बरास्ता बोकारो तथा तीन दिन गया होकर चलती है। .

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पुरूलिया जिला

पुरूलिया जिला भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल का एक प्रशासकीय जिला है। इसके उत्तर एवं उत्तर-पश्चिम में झारखंड राज्य के धनबाद एवं हजारीबाग जिले, पश्चिम में बोकारो एवं राँची, दक्षिण में सिंहभूम तथा पूर्व में पश्चिमी बंगाल राज्य का बाँकुड़ा जिला स्थित है। इस जिले का प्रमुख नगर पुरुलिया है। आद्रा, बलरामपुर, रघुनाथपुर, एवं झाल्दा आदि इस जिले के प्रमुख नगर हैं। इसके पूर्वी भाग में जलोढ़ मिट्टी मिलती है तथा यह एक उपजाऊ भाग है। धान की खेती जिले में अधिक की जाती है। यापार में यहाँ चावल का स्थान प्रमुख हैं। श्रेणी:पश्चिम बंगाल के जिले.

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बोकारो जिला

बोकारो भारतीय राज्य झारखंड का एक जिला है। जिले का मुख्यालय बोकारो है। क्षेत्रफल - 2,861 वर्ग कि.मी.

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बोकारो विमानक्षेत्र

बोकारो विमानक्षेत्र एक निजी विमानक्षेत्र है। यह झारखंड राज्य के बोकारो शहर में स्थित है। फिलहाल यहाँ कोई विमान सेवा नहीं है परंतु 2010 में एअर डेक्कन ने बोकारो-कोलकाता विमान सेवा शुरू करने की कोशिश कि मगर सेवाएँ शुरू नहीं हुई।.

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बोकारो इस्पात संयंत्र

बोकारो स्टील प्लांट का मुख्यद्वार बोकारो स्टील प्लांट भारत का सार्वजनिक क्षेत्र का इस्पात संयत्र है जो सोवियत संघ के सहयोग से बना था। यह झारखण्ड के बोकारो में स्थित है। यह संयंत्र भारत के प्रथम स्वदेशी इस्पात संयंत्र के रूप में जाना जाता है। सन् १९६४ में यह एक लिमिटेड कंपनी के रूप में निगमित किया गया। बाद में इसे भारत सरकार के स्टील अथारिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड के साथ मिला दिया गया। पहले इसे 'बोकारो स्टील लिनिटेड' (बीएसएल) के नाम से जाना जाता था। इसकी पहली ब्लास्ट फरनेस २ अक्टूबर १९७२ को आरम्भ हुई थी। सम्प्रति इसमें ५ ब्लास्ट फरनेस हैं जो ४.५ मेट्रिक टन द्रव इस्पात बनाने की क्षमता रखते हैं। इस संयंत्र का वृहद आधुनीकीकरण किया जा रहा है जिसके पूर्ण होने पर इसकी क्षमता १० टन के ऊपर पहुँच जायेगी। .

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भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाले महानगरों की सूची

इस लेख में भारत के सर्वोच्च सौ महानगरीय क्षेत्रों की सूची (२००८ अनुसार) है। इन सौ महानगरों की संयुक्त जनसंख्या राष्ट्र की कुल जनसंख्या का सातवां भाग बनाती है। .

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भारत के शहरों की सूची

कोई विवरण नहीं।

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भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची

यह सूचियों भारत के सबसे बड़े शहरों पर है। .

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भारतीय इस्पात प्राधिकरण

भारतीय इस्पात प्राधिकरण (अंग्रेज़ी:स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इण्डिया लिमिटेड (सेल)) भारत की सर्वाधिक इस्पात उत्पादन करने वाली कम्पनी है। यह पूर्णतः एकीकृत लोहे और इस्पात का सामान तैयार करती है। कम्पनी में घरेलू निर्माण, इंजीनियरी, बिजली, रेलवे, मोटरगाड़ी और सुरक्षा उद्योगों तथा निर्यात बाजार में बिक्री के लिए मूल तथा विशेष, दोनों तरह के इस्पात तैयार किए जाते हैं। यह भारत सरकार की पूर्ण-स्वामित्व प्राधिकरण है। यह व्यापार के हिसाब से देश में सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी १० कम्पनियों में से एक है। सेल अनेक प्रकार के इस्पात के सामान का उत्पादन और उनकी बिक्री करती है। इनमें हॉट तथा कोल्ड रोल्ड शीटें और कॉयल, जस्ता चढ़ी शीट, वैद्युत शीट, संरचनाएँ, रेलवे उत्पाद, प्लेट बार और रॉड, स्टेनलेस स्टील तथा अन्य मिश्र धातु इस्पात शामिल हैं। सेल अपने पांच एकीकृत इस्पात कारखानों और तीन विशेष इस्पात कारखानों में लोहे और इस्पात का उत्पादन करती है। ये कारखाने देश के पूर्वी और केन्द्रीय क्षेत्र में स्थित हैं तथा इनके पास ही कच्चे माल के घरेलू स्रोत उपलब्ध हैं। इन स्रोतों में कंपनी की लौह अयस्क, चूना-पत्थर और डोलोमाइट खानें शामिल हैं। कंपनी को भारत का दूसरा सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक होने का श्रेय भी प्राप्त है। इसके पास देश में दूसरा सबसे बड़ा खानों का जाल है। कम्पनी के पास अपने लौह अयस्क, चूना-पत्थर और डोलोमाइट खानें हैं जो इस्पात निर्माण के लिए महत्वपूर्ण कच्चे माल हैं। इससे कम्पनी को प्रतियोगिता में लाभ मिल रहा है। सेल का अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार डिवीजन आईएसओ ९००१: २००० से प्रमाणित है। इसका कार्यालय नई दिल्ली में है और यह सेल के पांच एकीकृत इस्पात कारखानों से मृदुल इस्पात उत्पादों तथा कच्चे लोहे का निर्यात करता है। .

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मैथिली भाषा

मैथिली भारत के उत्तरी बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा है। यह हिन्द आर्य परिवार की सदस्य है। इसका प्रमुख स्रोत संस्कृत भाषा है जिसके शब्द "तत्सम" वा "तद्भव" रूप में मैथिली में प्रयुक्त होते हैं। यह भाषा बोलने और सुनने में बहुत ही मोहक लगता है। मैथिली भारत में मुख्य रूप से दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, शिवहर, भागलपुर, मधेपुरा, अररिया, सुपौल, वैशाली, सहरसा, रांची, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद और देवघर जिलों में बोली जाती है| नेपाल के आठ जिलों धनुषा,सिरहा,सुनसरी, सरलाही, सप्तरी, मोहतरी,मोरंग और रौतहट में भी यह बोली जाती है। बँगला, असमिया और ओड़िया के साथ साथ इसकी उत्पत्ति मागधी प्राकृत से हुई है। कुछ अंशों में ये बंगला और कुछ अंशों में हिंदी से मिलती जुलती है। वर्ष २००३ में मैथिली भाषा को भारतीय संविधान की ८वीं अनुसूची में सम्मिलित किया गया। सन २००७ में नेपाल के अन्तरिम संविधान में इसे एक क्षेत्रीय भाषा के रूप में स्थान दिया गया है। .

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राँची

राँची भारत का एक प्रमुख नगर और झारखंड प्रदेश की राजधानी है। यह झारखंड का तीसरा सबसे प्रसिद्ध शहर है। इसे झरनों का शहर भी कहा जाता है। पहले जब यह बिहार राज्य का भाग था तब गर्मियों में अपने अपेक्षाकृत ठंडे मौसम के कारण प्रदेश की राजधानी हुआ करती थी। झारखंड आंदोलन के दौरान राँची इसका केन्द्र हुआ करता था। राँची एक प्रमुख औद्योगिक केन्द्र भी है। जहाँ मुख्य रूप से एच ई सी (हेवी इंजिनियरिंग कारपोरेशन), भारतीय इस्पात प्राधिकरण, मेकन इत्यादि के कारखाने हैं। राँची के साथ साथ जमशेदपुर और बोकारो इस प्रांत के दो अन्य प्रमुख औद्योगिक केन्द्र हैं। राँची को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट सिटीज मिशन के अन्तर्गत एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किये जाने वाले सौ भारतीय शहरों में से एक के रूप में चुना गया है। राँची भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का गृहनगर होने के लिए प्रसिद्ध है। झारखंड की राजधानी राँची में प्रकृति ने अपने सौंदर्य को खुलकर लुटाया है। प्राकृतिक सुन्दरता के अलावा राँची ने अपने खूबसूरत पर्यटक स्थलों के दम पर विश्व के पर्यटक मानचित्र पर भी पुख्ता पहचान बनाई है। गोंडा हिल और रॉक गार्डन, मछली घर, बिरसा जैविक उद्यान, टैगोर हिल, मैक क्लुस्किगंज और आदिवासी संग्राहलय इसके प्रमुख पर्यटक स्थल हैं। इन पर्यटक स्थलों की सैर करने के अलावा यहां पर प्रकृति की बहुमूल्य देन झरनों के पास बेहतरीन पिकनिक भी मना सकते हैं। राँची के झरनों में पांच गाघ झरना सबसे खूबसूरत है क्योंकि यह पांच धाराओं में गिरता है। यह झरने और पर्यटक स्थल मिलकर राँची को पर्यटन का स्वर्ग बनाते हैं और पर्यटक शानदार छुट्टियां बिताने के लिए हर वर्ष यहां आते हैं। राँची का नाम उराँव गांव के पिछले नाम से एक ही स्थान पर, राची के नाम से लिया गया है। "राँची" उराँव शब्द 'रअयची' से निकला है जिसका मतलब है रहने दो। पौराणिक कथाओं के अनुसार, आत्मा के साथ विवाद के बाद,एक किसान ने अपने बांस के साथ आत्मा को हराया। आत्मा ने रअयची रअयची चिल्लाया और गायब हो गया। रअयची राची बन गई, जो राँची बन गई। राची के ऐतिहासिक रूप से एक महत्वपूर्ण पड़ोस में डोरांडा (दुरन "दुरङ" का अर्थ है गीत और दाह "दएः" का अर्थ मुंदारी भाषा में जल है)। डोरांडा हीनू (भुसूर) और हरमू नदियों के बीच स्थित है, जहां ब्रिटिश राज द्वारा स्थापित सिविल स्टेशन, ट्रेजरी और चर्च सिपाही विद्रोह के दौरान विद्रोही बलों द्वारा नष्ट किए गए थे। .

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शक्ति संचरण

शक्ति (Power) शब्द का प्रयोग मानवनियंत्रित ऊर्जा को जो यांत्रिक कार्य करने के लिए प्राप्य हो, सूचित करने के लिए किया जाता है। शक्ति के मुख्य स्रोत (source) हैं: मनुष्यों एवं जानवरों की पेशीय ऊर्जा (muscular energy), नदी एवं वायु की गतिज ऊर्जा, उच्च सतहों पर स्थित जलाशय की स्थितिज (potential) ऊर्जा, लहरों एवं ज्वारभाटा की ऊर्जा, पृथ्वी एवं सूर्य की ऊष्मा ऊर्जा, ईंधन को जलाने से प्राप्त ऊष्मा ऊर्जा आदि। पालतू जानवरों की शक्ति का उपयोग मानवीय सभ्यता का प्रथम कदम था। बाद में क्रमश: विभिन्न प्रकार की शक्तियों को उपयोग में लाने के लिए प्रयास किए जाते रहे। अभी भी अधिक से अधिक शक्तियों को नियंत्रित करने में वैज्ञानिक व्यस्त हैं एवं प्रयत्न जारी है। .

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सरस्वती विद्या मंदिर, बोकारो

सरस्वती विद्या मंदिर, बोकारो इस्पात नगर में मई १९९४ में स्थापित हुआ था। इस से पहले यह सरस्वती शिशु मंदिर, बोकारो के नाम से सन् १९६७ में स्थापित हुआ था। यह एक अंग्रेज़ी-माध्यम सह-शिक्षा विद्यालय है जो नई दिल्ली, भारत में केन्द्रित केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के साथ जुड़ा हुआ है। इसका संचालन नई दिल्ली की विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान करती है, जो एक लाभ निरपेक्ष संस्था है। शिव कुमार सिंह इसके प्रथम प्राध्यापक थे और वर्तमान में राजा राम शर्मा हैं। विद्यालय परिक्षाओं में और खेल व संस्कृति के मैदानों में सफलता के लिये जाना जाता है। .

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सिंदरी

अवलोकन सिंदरी धनबाद झारखंड राज्य के धनबाद जिला के नगरपालिका सीमा के भीतर एक औद्योगिक नगरी है। जल्दी औद्योगिक भारत में यहाँ कल्पना - सिंदरी अच्छी तरह से एक बड़ी उर्वरक कारखाना (FCIL, 2002 में बंद भारत का उर्वरक निगम) की वजह से जाना जाता था। यह भी जाना जाता था एसोसिएटेड सीमेंट कंपनी (एसीसी), इंडियन आयरन एंड स्टील कंपनी (इस्को) है, जो स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा किया गया है पर ले लिया की कोयला खान जैसे यहां स्थित कुछ अन्य कंपनियों के लिए सेल और परियोजनाओं और विकास इंडिया लिमिटेड पीडीआईएल, पूर्व योजना एवं विकास प्रभाग भारत कोकिंग कोल लिमिटेड की एक सहायक कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड के FCIL और कोयला खान के.

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हर्षवर्धन ओझा

हर्ष वर्द्धन ओझा एक जानेमाने पत्रकार, समाजिक कार्यकर्ता और हिंदी फिल्म निर्माता हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर हर्ष वर्धन ओझा फिल्मों में आने से पहले कई वर्षों तक दूरदर्शन के साथ जुड़े रहें। दूरदर्शन में उन्होने एक बड़ी पारी खेली और इस दौरान समाजिक सरोकार से जुड़े कई प्रोग्राम बनाएं। दूरदर्शन में वे डेवलपमेंट क्म्यूनिकेशन डिविजन के साथ जुड़कर भारत सरकार के तमाम मंत्रालयों के लिए कई कायर्क्रम का निर्माण किया,जिसका मकसद समाज में जाकरुकता फैलाना था। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि कल्याणी कार्यक्रम का निर्माण रहा। कल्याणी,को भारत में सबसे लंबे समय तक चलने वाला स्वास्थ्य टेलीविज़न कार्यक्रम के रुप में जाना जाता है। कल्याणी को कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। हर्ष वर्धन ओझा ने 'कल्याणी' कार्यक्रम को एक नया आयाम दिया। ये हर्ष वर्धन की सूझबूझ और प्रोडक्शन कौशल हीं थी की 'कल्याणी' ग्रामीण भारत की महिलाओं के साथ आम जनमानस के सशक्तिकरण की अहम सहेली बन गई। दूरदर्शन में एक लंबी पारी बिताने के बाद हर्ष वर्धन ओझा ने फिल्मों का रुख किया। शुरु से ही उन्हें समाजिक मुद्दों पर फिल्में बनाने की रुचि थी, लिहाजा हर्ष वर्धन ओझा ने भी अपनी फिल्मी सफर की शुरुआत एक समाजिक मसले से जुड़ी फिल्म से की। हर्ष वर्धन ओझा ने "ग्लोबल बाबा" फिल्म से अपनी बॉलीवुु़ड सफर की शुरुआत की। "ग्लोबल बाबा" फर्जी बाबाओं की कहानी है,जिसमें दिखाया गया है कि किस प्रकार देश में धार्मिक बाबा,लोगों को गुमराह कर राजनीतिक और प्रशासनिक मिलीभगत से लोगों को लूटते हैं। "ग्लोबल बाबा" को क्रिटिक्स ने एक अच्छी फिल्म बताया। "ग्लोबल बाबा" के बाद हर्ष वर्धन ओझा समाजिक मुद्दों पर दो और हिन्दी फिल्मोें के निर्माण का काम कर रहें हैं। हर्ष वर्धन ओझा के लिए समाज सेवा एक मिशन है,जिसका मुख्य उदेश्य समाज के पिछड़े,उपेक्षित और पिछले कतार के लोगों को मुख्य धारा से जोड़ना है। स्कूल के दिनों से ही हर्ष वर्धन समाजिक कार्यों में रुची लेने लगेे। लातूर और उस्मानाबाद के भूकंप के दौरान उन्होने वहां के पीडि़तों के मदद के लिए बढ़ चढकर हिस्सा लिया। कॉलेज के दिनों में We For You (गैर-सरकारी संस्थान) के जरिए झूग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को स्वाथ्य के प्रति जागरुक बनाने में भी अहम भूमिका निभाई। आगे जाकर हर्ष वर्धन ओझा ने अपने मित्र और अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के डॉक्टर प्रसून चटर्जी के साथ मिलकर देश में वरिष्ट नागरिकों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और उनके सशक्तिकरण के लिए हेल्दी एजिंग इंडिया नामक संस्था (गैर-सरकारी संस्थान)का स्थापना किया । आज हेल्दी एजिंग इंडिया का नाम देश के कुछ उन चुनिंदा संस्थानों में आता है,जो बुजुर्गों के लिए समर्पित हैं । बुजुर्गों के टीकाकरण को पूरे देश में फैलाने का काम हेल्दी एजिंग इंडिया बखूबी कर रही है। हर्ष वर्धन ओझा और हेल्थी एजिंग इंडिया के कार्यों की सराहना देश के कई बड़े नेता सामाजिक मंच से कर चुकें है । गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हर्ष वर्धन ओझा की सराहना करते हुए कहा था हर्ष वर्धन वो काम कर रहे हैं जिसकी प्रेरणा उसी व्यक्ति को मिल सकती है जिसके पास पूर्व जन्मों का संचित पुण्य हो। झारखंड के आद्दौगिक नगर बोकारो स्टील सिटी से प्रारंभिक शिक्षा हासिल करने के बाद हर्ष वर्धन ने उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली का रुख किया और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक और स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल की। कॉलेज के दिनों में समाजिक सरोकार से जु़ड़े मसलों पर इन्होने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। दिल्ली में मॉडल जेसिका लाल हत्या कांड के खिलाफ चलाए गए मुहिम में हर्ष वर्धन ओझा का बड़ा रोल रहा। न्याय के संघर्ष में हर्ष वर्धन ओझा और उन जैसे समाजिक कार्यकर्ताओं के परिश्रम का ही प्रयास था कि जेसिका लाल मामले में न्याय की उम्मीद जगी और अपराधी सलाखों के पीछे जा सके। अपने मित्र कपिल मिश्रा,जो बाद में केजरीवाल सरकार में मंत्री भी रहें,के साथ मिलकर यूथ फ़ॉर जस्टिस संस्था के माध्यम से हर्ष वर्धन ओझा ने दिल्ली में यमुना के लिए भी काम किया तथा यमुना किनारे बन रहे कॉमनवेल्थ गेम विलेज के निर्माण के खिलाफ आवाज बुलंद किया। .

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उद्योग

एक औद्योगिक क्षेत्र का दृश्य किसी विशेष क्षेत्र में भारी मात्रा में सामान का निर्माण/उत्पादन या वृहद रूप से सेवा प्रदान करने के मानवीय कर्म को उद्योग (industry) कहते हैं। उद्योगों के कारण गुणवत्ता वाले उत्पाद सस्ते दामों पर प्राप्त होते है जिससे लोगों का रहन-सहन के स्तर में सुधार होता है और जीवन सुविधाजनक होता चला जाता है। औद्योगिक क्रांति के परिणामस्वरूप यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका में नये-नये उद्योग-धन्धे आरम्भ हुए। इसके बाद आधुनिक औद्योगीकरण ने पैर पसारना अरम्भ किया। इस काल में नयी-नयी तकनीकें एवं उर्जा के नये साधनों के आगमन ने उद्योगों को जबर्दस्त बढावा दिया। उद्योगों के दो मुख्य पक्ष हैं: १) भारी मात्रा में उत्पादन (मॉस प्रोडक्सन) उद्योगों में मानक डिजाइन के उत्पाद भारी मात्रा में उत्पन्न किये जाते हैं। इसके लिये स्वतः-चालित मशीनें एवं असेम्बली-लाइन आदि का प्रयोग किया जाता है। २) कार्य का विभाजन (डिविजन ऑफ् लेबर) उद्योगों में डिजाइन, उत्पादन, मार्कटिंग, प्रबन्धन आदि कार्य अलग-अलग लोगों या समूहों द्वारा किये जाते हैं जबकि परम्परागत कारीगर द्वारा निर्माण में एक ही व्यक्ति सब कुछ करता था/है। इतना ही नहीं, एक ही काम (जैसे उत्पादन) को छोटे-छोटे अनेक कार्यों में बांट दिया जाता है। सकल घरेलू उत्पाद (Gross domestic product/GDP) हरा - कृषि, लाल - उद्योग, नीला - सेवा क्षेत्र .

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