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राँची

सूची राँची

राँची भारत का एक प्रमुख नगर और झारखंड प्रदेश की राजधानी है। यह झारखंड का तीसरा सबसे प्रसिद्ध शहर है। इसे झरनों का शहर भी कहा जाता है। पहले जब यह बिहार राज्य का भाग था तब गर्मियों में अपने अपेक्षाकृत ठंडे मौसम के कारण प्रदेश की राजधानी हुआ करती थी। झारखंड आंदोलन के दौरान राँची इसका केन्द्र हुआ करता था। राँची एक प्रमुख औद्योगिक केन्द्र भी है। जहाँ मुख्य रूप से एच ई सी (हेवी इंजिनियरिंग कारपोरेशन), भारतीय इस्पात प्राधिकरण, मेकन इत्यादि के कारखाने हैं। राँची के साथ साथ जमशेदपुर और बोकारो इस प्रांत के दो अन्य प्रमुख औद्योगिक केन्द्र हैं। राँची को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट सिटीज मिशन के अन्तर्गत एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किये जाने वाले सौ भारतीय शहरों में से एक के रूप में चुना गया है। राँची भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का गृहनगर होने के लिए प्रसिद्ध है। झारखंड की राजधानी राँची में प्रकृति ने अपने सौंदर्य को खुलकर लुटाया है। प्राकृतिक सुन्दरता के अलावा राँची ने अपने खूबसूरत पर्यटक स्थलों के दम पर विश्व के पर्यटक मानचित्र पर भी पुख्ता पहचान बनाई है। गोंडा हिल और रॉक गार्डन, मछली घर, बिरसा जैविक उद्यान, टैगोर हिल, मैक क्लुस्किगंज और आदिवासी संग्राहलय इसके प्रमुख पर्यटक स्थल हैं। इन पर्यटक स्थलों की सैर करने के अलावा यहां पर प्रकृति की बहुमूल्य देन झरनों के पास बेहतरीन पिकनिक भी मना सकते हैं। राँची के झरनों में पांच गाघ झरना सबसे खूबसूरत है क्योंकि यह पांच धाराओं में गिरता है। यह झरने और पर्यटक स्थल मिलकर राँची को पर्यटन का स्वर्ग बनाते हैं और पर्यटक शानदार छुट्टियां बिताने के लिए हर वर्ष यहां आते हैं। राँची का नाम उराँव गांव के पिछले नाम से एक ही स्थान पर, राची के नाम से लिया गया है। "राँची" उराँव शब्द 'रअयची' से निकला है जिसका मतलब है रहने दो। पौराणिक कथाओं के अनुसार, आत्मा के साथ विवाद के बाद,एक किसान ने अपने बांस के साथ आत्मा को हराया। आत्मा ने रअयची रअयची चिल्लाया और गायब हो गया। रअयची राची बन गई, जो राँची बन गई। राची के ऐतिहासिक रूप से एक महत्वपूर्ण पड़ोस में डोरांडा (दुरन "दुरङ" का अर्थ है गीत और दाह "दएः" का अर्थ मुंदारी भाषा में जल है)। डोरांडा हीनू (भुसूर) और हरमू नदियों के बीच स्थित है, जहां ब्रिटिश राज द्वारा स्थापित सिविल स्टेशन, ट्रेजरी और चर्च सिपाही विद्रोह के दौरान विद्रोही बलों द्वारा नष्ट किए गए थे। .

198 संबंधों: चारा घोटाला, चौदहवीं लोकसभा, टिकैत उमराँव सिंह, टी ए सरस्वती अम्मा, एलिस एक्का, एल्युमिनियम, झारखण्ड, झारखण्ड उच्च न्यायालय, झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड क्रिकेट टीम, झारखंड के पर्यटन स्थल, झारखंड के शहर, झारखंड के विश्वविद्यालयों की सूची, झालदा, डॉ आभा रानी, तम्बाकू, द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया, दरभंगा, दलमा अभयारण्य, दशम जलप्रपात, दसलाखी नगर, दक्षिणी कमान (भारत), दक्षिणी कोयल नदी, दुश्चिंता, दृष्टिपात (पत्रिका), दैनिक जागरण, देवघर, दीपिका कुमारी, धनबाद, नास्तिक (2018 फ़िल्म), निमकी मुखिया, निर्मला जोशी, न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम का भारत दौरा २०१६–१७, नेतरहाट, नेतरहाट विद्यालय, पटना, पटना सिलसिलेवार बम धमाके, 2013, पटना के पर्यटन स्थल, पत्थलगड़ी, परमाण्वीय खनिज, पलामू, पश्चिमी चंपारण, पुरूलिया जिला, प्रभात खबर, प्रमथनाथ बोस, पूर्वी भारत, फ्रीडा पिंटो, फोबिया, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान, ..., बिरसा मुंडा, बिरसा मुंडा विमानक्षेत्र, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, बिहार में यातायात, बिग एफएम (रेडियो), भदौनी, भारत, भारत में दशलक्ष-अधिक शहरी संकुलनों की सूची, भारत में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों की सूची, भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार, भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाले महानगरों की सूची, भारत में स्मार्ट नगर, भारत में विश्वविद्यालयों की सूची, भारत का भूगोल, भारत के दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर, भारत के प्रमुख अस्पताल, भारत के प्रवेशद्वार, भारत के महानगरों की सूची, भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार, भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश, भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की राजधानियाँ, भारत के शहरों की सूची, भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची, भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, भारत के हवाई अड्डे, भारत के उच्च न्यायालयों की सूची, भारत २०१०, भारती भवन, भारतीय थलसेना, भारतीय प्रबन्धन संस्थान, भारतीय प्रबंध संस्थान, राँची, भारतीय रिज़र्व बैंक, भारतीय वानिकी, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, भारतीय विधिक मापविज्ञान संस्थान, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, भारतीय इस्पात प्राधिकरण, भारतीय क्रिकेट टीम का सीजन 2017, भिक्षु जगदीश कश्यप, मधुबनी, मनोविदलता, मनोविज्ञान का इतिहास तथा शाखाएँ, मनोग्रसित-बाध्यता विकार, महेंद्र सिंह धोनी, मंजू बिष्ट, मुड़मा जतरा, मुंडा विद्रोह, मैथन बांध, मैथिली भाषा, मैकलुस्कीगंज, मूरी, मोनू कुमार, मीनू मसानी, यतीन्द्र मोहन सेनगुप्त, रणजी ट्रॉफी 2016-17 ग्रुप सी, रणजी ट्रॉफी ग्रुप बी 2017-18, राँची जिला, राँची विश्वविद्यालय, राँची विश्ववविद्यालय, राम दयाल मुंडा, रामकृष्ण मिशन विवेकानंद विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय मनोचिकत्सा संस्थान, राष्ट्रीय राजमार्ग ३३, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सदस्यों की सूची, राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, राहुल त्रिपाठी, राजदीप सरदेसाई, राजधानी एक्स्प्रेस, राजभवन (झारखण्ड), राजेन्द्र चिकित्सा विज्ञान संस्थान, रांची राजधानी एक्स्प्रेस २४३९ अप, रांची राजधानी एक्स्प्रेस २४४० डाउन, रांची राजधानी एक्स्प्रेस २४५३ अप, रांची राजधानी एक्स्प्रेस २४५४ डाउन, रांची विश्वविद्यालय, रुद्रावतार, लालू प्रसाद यादव, लाख (लाह), शताब्दी एक्स्प्रेस, शराब, शक्ति मोहन, श्याम रुद्र पाठक, श्रीलंका क्रिकेट टीम का भारत दौरा 2014-15, शेर सिंह राणा, सन्मार्ग (पत्र), सबसे सघन आबादी वाले शहर, समस्तीपुर, सरायकेला खरसांवां, सिमडेगा, सिंदरी, सुनील मुखी, सुबोधकांत सहाय, सुषमा सिंह, सुवर्णरेखा नदी, सुंदरराजन पद्मनाभन, स्पिरिट एअर (भारत), स्वलीनता, सूर्य मंदिर, रांची, सेंट जेवियर्स कालेज, सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड, सीवान, हर्षवर्धन नियोतिया, हाजीपुर, हिन्दुस्तान (समाचार पत्र), हिन्दी पत्रिकाएँ, हिन्दी समाचारपत्रों की सूची, हुन्डरु जलप्रपात, हैवी इंजीनियरिंग कार्पोरेशन, जमशेदपुर, ज़ोनल टी-20 लीग 2018, जेट कनेक्ट, विधान सभा, वंदना टेटे, व्यसन, वैशाली, वैशाली जिला, खड़िया आदिवासी, खनिज, खूँटी, गढवा, गोएयर, गोपालगंज, गोविन्दपुर झखराहा, ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम का भारत दौरा 2013-14, ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम का भारत दौरा 2017, ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम का भारत दौरा 2016-17, आधिकारिक आवास, आज, इंग्लैंड क्रिकेट टीम का भारत दौरा 2012-13, काँके, कामिल बुल्के, कृष्ण भारद्वाज, केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण, केन्द्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान, केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना, केन्द्रीय खान योजना एवं डिजाइन संस्थान, अदिति गुप्ता (मेंस्ट्रूपीडिया), अबुल कलाम आज़ाद, अश्विनी कुमार पंकज, असुर (आदिवासी), अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट 2013-14, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट 2014-15, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट 2015-16, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट 2016-17, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट 2017-18, छोटा नागपुर पठार, २०१६ इंडियन प्रीमियर लीग, २०१७ एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप सूचकांक विस्तार (148 अधिक) »

चारा घोटाला

पशुओं को खिलाये जाने वाले चारे के नाम से सरकारी खजाने का पैसा निकाल कर तथाकथित नेता खा गये। चारा घोटाला स्वतन्त्र भारत के बिहार प्रान्त का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार घोटाला था जिसमें पशुओं को खिलाये जाने वाले चारे के नाम पर 950 करोड़ रुपये सरकारी खजाने से फर्जीवाड़ा करके निकाल लिये गये।, दि न्यू यॉर्क टाइम्स, 1997-07-02.

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चौदहवीं लोकसभा

भारत में चौदहवीं लोकसभा का गठन अप्रैल-मई 2004 में होनेवाले आमचुनावोंके बाद हुआ था। .

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टिकैत उमराँव सिंह

टिकैत उमराँव सिंह झारखंड के ओरमाँझी के खटंगा गाँव के रहने वाले थे और बंदगाँव राजपरिवार से संबंधित थे। वह झारखंड के राँची क्षेत्र की सन् 1857 क्रांति के सेनानायकों में से एक थे। वह उच्च कोटि के सेना नायक, घुड़सवार और अस्त्र-शस्त्र में निपुण थे। श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन.

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टी ए सरस्वती अम्मा

टी ए सरस्वती अम्मा (1918–2000) भारत के केरल राज्य में जन्मी गणितज्ञ थीं। उन्होने भारत के प्राचीन एवं मध्यकालीन ज्यामिति पर विशेष कार्य किया। टेक्कथाअमायन्कोथकलाम सरस्वती अम्मा ने मद्रास विश्वविद्यालय में वीराघवन के साथ काम किया और फिर रांची और धनबाद में शिक्षण किया। उनके शोध के आधार पर ही प्राचीन और मध्यकालीन भारत में ज्यामिति (1979) पर पहला प्रामाणिक और व्यापक अध्ययन प्रकाशित हुआ। उन्होंने राधाचरण गुप्त के ‘प्राचीन और मध्यकालीन भारत में त्रिकोणमिति’ नामक शोध प्रबंध का पर्यवेक्षण भी किया। .

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एलिस एक्का

एलिस एक्का (8 सिंतबर 1917 - 5 जुलाई 1978) हिंदी कथा-साहित्य में भारत की पहली महिला आदिवासी कहानीकार हैं । हिंदी की पहली दलित कहानी लिखने का श्रेय भी एलिस एक्का को है। .

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एल्युमिनियम

एलुमिनियम एक रासायनिक तत्व है जो धातुरूप में पाया जाता है। यह भूपर्पटी में सबसे अधिक मात्रा में पाई जाने वाली धातु है। एलुमिनियम का एक प्रमुख अयस्क है - बॉक्साईट। यह मुख्य रूप से अलुमिनियम ऑक्साईड, आयरन आक्साईड तथा कुछ अन्य अशुद्धियों से मिलकर बना होता है। बेयर प्रक्रम द्वारा इन अशुद्धियों को दूर कर दिया जाता है जिससे सिर्फ़ अलुमिना (Al2O3) बच जाता है। एलुमिना से विद्युत अपघटन द्वारा शुद्ध एलुमिनियम प्राप्त होता है। एलुमिनियम धातु विद्युत तथा ऊष्मा का चालक तथा काफ़ी हल्की होती है। इसके कारण इसका उपयोग हवाई जहाज के पुर्जों को बनाने में किया जाता है। भारत में जम्मू कश्मीर, मुंबई, कोल्हापुर, जबलपुर, रांची, सोनभद्र, बालाघाट तथा कटनी में बॉक्साईट के विशाल भंडार पाए जाते है। उड़ीसा स्थित नाल्को (NALCO) दुनिया की सबसे सस्ती अलुमिनियम बनाने वाली कम्पनी है। .

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झारखण्ड

झारखण्ड यानी 'झार' या 'झाड़' जो स्थानीय रूप में वन का पर्याय है और 'खण्ड' यानी टुकड़े से मिलकर बना है। अपने नाम के अनुरुप यह मूलतः एक वन प्रदेश है जो झारखंड आंदोलन के फलस्वरूप सृजित हुआ। प्रचुर मात्रा में खनिज की उपलबध्ता के कारण इसे भारत का 'रूर' भी कहा जाता है जो जर्मनी में खनिज-प्रदेश के नाम से विख्यात है। 1930 के आसपास गठित आदिवासी महासभा ने जयपाल सिंह मुंडा की अगुआई में अलग ‘झारखंड’ का सपना देखा.

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झारखण्ड उच्च न्यायालय

झारखंड उच्च न्यायालय भारत में नवीनतम उच्च न्यायालयों में से एक है। इसे वर्ष २००० में बिहार पुनर्गठन अधिनियम, २००० के अधीन, झारखण्ड राज्य के निर्माण के बाद स्थापित किया गया था। यह राँची में स्थित है। .

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झारखंड मुक्ति मोर्चा

झारखंड मुक्ति मोर्चा जे एम एम या झामुमो भारत की एक क्षेत्रीय राजनैतिक दल है जिसका प्रभाव क्षेत्र नव-सृजित झारखंड एवं उड़ीसा, बंगाल तथा छत्तीसगढ के कुछ आदिवासी इलाकों में है। .

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झारखंड क्रिकेट टीम

कोई विवरण नहीं।

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झारखंड के पर्यटन स्थल

मैक्लुस्कीगंज, रांची: एंग्लो-इंडियन समुदाय के एकमात्र गांव को एक इंग्लिश अफसर मैक्लुस्की ने देश भर के एंग्लो-इंडियन को बुलाकर बसाया था हालाँकि पहले वाली बात नहीं रही और ना उस संख्या में एंग्लो इंडियन समुदाय, पर अब भी कई कॉटेज, हवेली यहां मौजूद हैं, जिसे देखने लोग आते हैं। टैगोर हिल, रांची: कवीन्द्र रविन्द्र नाथ टैगोर फुर्सत के पलों में अपने रांची प्रवास के दौरान यहां आया करते थे। मोरहाबादी इलाके की इस पहाड़ी का नामकरण उनकी याद में किया गया है। झारखण्ड वार मेमोरियल, रांची: यह सैनिकों की अदम्य वीरता की याद कायम करने के लिए दीपाटोली में स्थापित किया गया है। नक्षत्र वन.

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झारखंड के शहर

झारखंड के प्रमुख शहरों की सूची.

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झारखंड के विश्वविद्यालयों की सूची

# बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान, मेसरा, राँची.

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झालदा

झालदा, पश्चिमी बंगाल राज्य के पुरुलिया जिले का प्रसिद्ध व्यापारिक केंद्र है। यहाँ पर बर्तन का व्यापार अधिक होता है। राँची से पुरुलिया जानेवाली बसें झालदा होकर जाती हैं। श्रेणी:पश्चिम बंगाल का भूगोल.

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डॉ आभा रानी

डॉ॰ आभा रानी (जन्म: १५ अगस्त १९५५ कानपुर नगर) रांची विश्वविद्यालय, रांची के एस.

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तम्बाकू

तम्बाकू एक प्रकार के निकोटियाना प्रजाति के पेड़ के पत्तों को सुखा कर नशा करने की वस्तु बनाई जाती है। दरअसल तम्बाकू एक मीठा जहर है, एक धीमा जहर.

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द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया

द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया (The Times of India, TOI के रूप में संक्षेपाक्षरित) भारत में प्रकाशित एक अंग्रेज़ी भाषा का दैनिक समाचार पत्र है। इसका प्रबन्धन और स्वामित्व बेनेट कोलेमन एंड कम्पनी लिमिटेड के द्वारा किया जाता है। दुनिया में सभी अंग्रेजी भाषा के व्यापक पत्रों में इस अखबार की प्रसार संख्या सर्वाधिक है। 2005 में, अखबार ने रिपोर्ट दी कि (24 लाख से अधिक प्रसार के साथ) इसे ऑडिट बुरो ऑफ़ सर्क्युलेशन के द्वारा दुनिया के सबसे ज्यादा बिकने वाले अंग्रेजी भाषा के सामान्य समाचार पत्र के रूप में प्रमाणित किया गया है। इसके वावजूद भारत के भाषायी समाचार पत्रों (विशेषत: हिन्दी के अखबारों) की तुलना में इसका प्रसार बहुत कम है। टाइम्स ऑफ इंडिया को मीडिया समूह बेनेट, कोलेमन एंड कम्पनी लिमिटेड के द्वारा प्रकाशित किया जाता है, इसे टाइम्स समूह के रूप में जाना जाता है, यह समूह इकॉनॉमिक टाइम्स, मुंबई मिरर, नवभारत टाइम्स (एक हिंदी भाषा का दैनिक), दी महाराष्ट्र टाइम्स (एक मराठी भाषा का दैनिक) का भी प्रकाशन करता है। .

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दरभंगा

भारत प्रान्त के उत्तरी बिहार में बागमती नदी के किनारे बसा दरभंगा एक जिला एवं प्रमंडलीय मुख्यालय है। दरभंगा प्रमंडल के अंतर्गत तीन जिले दरभंगा, मधुबनी, एवं समस्तीपुर आते हैं। दरभंगा के उत्तर में मधुबनी, दक्षिण में समस्तीपुर, पूर्व में सहरसा एवं पश्चिम में मुजफ्फरपुर तथा सीतामढ़ी जिला है। दरभंगा शहर के बहुविध एवं आधुनिक स्वरुप का विकास सोलहवीं सदी में मुग़ल व्यापारियों तथा ओईनवार शासकों द्वारा विकसित किया गया। दरभंगा 16वीं सदी में स्थापित दरभंगा राज की राजधानी था। अपनी प्राचीन संस्कृति और बौद्धिक परंपरा के लिये यह शहर विख्यात रहा है। इसके अलावा यह जिला आम और मखाना के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। .

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दलमा अभयारण्य

दलमा अभयारण्य झारखंड के जमशेदपुर, राँची और पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के बीच बसा पूर्वी भारत का एक प्रमुख वन्य जीव अभयारण्य है। इस अभयारण्य को खास तौर पर हाथियों के संरक्षण के लिये चुना गया है। .

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दशम जलप्रपात

दशम जलप्रपात राँची से लगभग ४० किलोमीटर दूर राँची जमशेदपुर मार्ग पर स्थित है। .

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दसलाखी नगर

जो शहर मोटे अक्षरों में लिखे हैं वो अपने राज्य या केंद्रशासित प्रदेश की राजधानी भी हैं .

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दक्षिणी कमान (भारत)

दक्षिणी कमान 18 9 5 से सक्रिय भारतीय सेना का गठन है। इसमें 1 9 61 के गोवा के भारतीय अनुबंध के दौरान, और 1 9 65 और 1 9 71 के भारत-पाकिस्तानी युद्धों के दौरान आधुनिक भारत में कई प्रिंसिपल राज्यों के एकीकरण के दौरान कार्रवाई हुई है। लेफ्टिनेंट जनरल पी.एम.

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दक्षिणी कोयल नदी

दक्षिणी कोयल नदी (ओडिया: ଦକ୍ଷିଣ କୋଏଲ ନଦୀ) भारत की एक नदी है जो झारखण्ड और ओडीशा राज्यों से होकर बहती है। यह राँची कुछ किमी पूर्व में राँची पठार से निकलती है .

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दुश्चिंता

दुश्चिंता (या, व्यग्रता विकार या घबराहट) (अंग्रेज़ी:Anxiety disorder) एक प्रकार का मनोरोग है। साधारण शब्दों में चिंता या घबराहट आने वाले समय में कुछ बुरा या खराब घटने की आशंका होना है जबकि इनका कोई वास्तविक आधार नहीं होता। थोड़ी-बहुत चिन्ता सभी को होती है और यह हमारे लक्ष्य की प्राप्ति या सफलता के लिए आवश्यक भी है। यदि चिंता बहुत बढ़ जाती है और इसके व्यापक दुष्प्रभाव व्यक्ति के पारिवारिक, सामाजिक और आर्थिक जीवन पर पड़ने लगता है तो हम इसे घबराहट और चिंता रोग (Anxiety Disorder) कहते हैं। .

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दृष्टिपात (पत्रिका)

दृष्टिपात हिन्दी की मासिक पत्रिका है। यह झारखण्ड की राजधानी रांची से प्रकाशित होती है। इसके प्रधान संपादक अरुण कुमार झा हैं। इसके प्रिंट और ऑन लाइन दोनों संस्करण हैं। .

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दैनिक जागरण

दैनिक जागरण उत्तर भारत का सर्वाधिक लोकप्रिय समाचारपत्र है। पिछले कई वर्षोँ से यह भारत में सर्वाधिक प्रसार संख्या वाला समाचार-पत्र बन गया है। यह समाचारपत्र विश्व का सर्वाधिक पढ़ा जाने वाला दैनिक है। इस बात की पुष्टि विश्व समाचारपत्र संघ (वैन) द्वारा की गई है। वर्ष 2008 में बीबीसी और रॉयटर्स की नामावली के अनुसार यह प्रतिवेदित किया गया कि यह भारत में समाचारों का सबसे विश्वसनीय स्रोत दैनिक जागरण है। .

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देवघर

देवघर भारत के झारखंड राज्य का एक शहर है। देवघर का मुख्य बाजार सिमरा है।यह शहर हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ-स्थल है। इस शहर को बाबाधाम नाम से भी जाना जाता है क्योंकि शिव पुराण में देवघर को बारह जोतिर्लिंगों में से एक माना गया है। यहाँ भगवान शिव का एक अत्यंत प्राचीन मंदिर स्थित है। हर सावन में यहाँ लाखों शिव भक्तों की भीड़ उमड़ती है जो देश के विभिन्न हिस्सों सहित विदेशों से भी यहाँ आते हैं। इन भक्तों को काँवरिया कहा जाता है। ये शिव भक्त बिहार में सुल्तानगंज से गंगा नदी से गंगाजल लेकर 105 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर देवघर में भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं। झारखंड कुछ प्रमुख तीर्थस्थानों का केंद्र है जिनका ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्व है। इन्हीं में से एक स्थान है देवघर। यह स्थान संथाल परगना के अंतर्गत आता है। देवघर शांति और भाईचारे का प्रतीक है। यह एक प्रसिद्ध हेल्थ रिजॉर्ट है। लेकिन इसकी पहचान हिंदु तीर्थस्थान के रूप में की जाती है। यहां बाबा बैद्यनाथ का ऐतिहासिक मंदिर है जो भारत के बारह ज्योतिर्लिगों में से एक है। माना जाता है कि भगवान शिव को लंका ले जाने के दौरान उनकी स्थापना यहां हुई थी। प्रतिवर्ष श्रावण मास में श्रद्धालु 100 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा करके सुल्तानगंज से पवित्र जल लाते हैं जिससे बाबा बैद्यनाथ का अभिषेक किया जाता है। देवघर की यह यात्रा बासुकीनाथ के दर्शन के साथ सम्पन्न होती है। बैद्यनाथ धाम के अलावा भी यहां कई मंदिर और पर्वत हैं जहां दर्शन कर अपनी इच्छापूर्ति की कामना की जा सकती है। .

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दीपिका कुमारी

दीपिका कुमारी (13 जून 1994) एक रिकर्व भारतीय महिला तीरंदाज हैं। बिल्कुल निचले पायदान से निशानेबाजी के खेल में शुरुआत करने वाली वे आज अंतरराष्ट्रीय स्तर की शीर्ष खिलाड़ियों में से एक हैं। .

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धनबाद

धनबाद भारत के झारखंड में स्थित एक शहर है जो कोयले की खानों के लिये मशहूर है। यह शहर भारत में कोयला व खनन में सबसे अमीर है। पुर्व मैं यह मानभुम जिला के अधीन था। यहां कई ख्याति प्राप्त औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संस्थान हैं। यह नगर कोयला खनन के क्षेत्र में भारत में सबसे प्रसिद्ध है। कई ख्याति प्राप्त औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संसथान यहाँ पाए जाते हैं। यहां का वाणिज्य बहुत व्यापक है। झारखंड में स्थित धनबाद को भारत की कोयला राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर कोयले की अनेक खदानें देखी जा सकती हैं। कोयले के अलावा इन खदानों में विभिन्न प्रकार के खनिज भी पाए जाते हैं। खदानों के लिए धनबाद पूरे विश्‍व में प्रसिद्ध है। यह खदानें धनबाद की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। पर्यटन के लिहाज से भी यह खदानें काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पर्यटक बड़ी संख्या में इन खदानों को देखने आते हैं। खदानों के अलावा भी यहां पर अनेक पर्यटक स्थल हैं जो पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। इसके प्रमुख पर्यटक स्थलों में पानर्रा, चारक, तोपचांची और मैथन प्रमुख हैं। पर्यटकों को यह पर्यटक स्थल और खदानें बहुत पसंद आती है और वह इनके खूबसूरत दृश्यों को अपने कैमरों में कैद करके ले जाते हैं। कम्बाइन्ड बिल्डिंग चौक .

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नास्तिक (2018 फ़िल्म)

नास्तिक एक 2018 आगामी भारत की फिल्म है जो एक इंस्पेक्टर की यात्रा के आसपास घूमती है और एक छोटा बच्चा जीवन के अपने दृष्टिकोण को कैसे बदलता है। फिल्म शैलेश वर्मा द्वारा निर्देशित है। .

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निमकी मुखिया

निमकी मुखिया बिहार और महिला सशक्तिकरण आधारित सीरियल हैं। देश में स्टार भारत नया चैनल 28 अगस्त 2017 से शुरू है। हाईवोल्टेज ड्रामा निमकी मुखिया में अहम रोल में भूमिका गुरुंग नजर आएगी। खंडवा की बेटी शिवानी चक्रवर्ती अहम रोल में नजर आएगी। अभिनेत्री गरिमा विक्रांत सिंह को टीवी शो 'निमकी मुखिया' में अभिनेता अभिषेक शर्मा की मां की भूमिका निभाने के लिए अनुबंधित किया गया है। रांची से मुकेश सिंह सीरियल ‘निमकी मुखिया’ में अभिनय करते हैं। लेखक जमान हबीब ने बिहार की एक लड़की नमकीन कुमारी के माध्यम से ये कहानी बुनी है। धारावाहिक में इंद्रनील सेनगुप्ता एक ब्लाक डेवलपमेंट आफिसर की भूमिका निभा रहे हैं जो कदम कदम पर निमकी की मदद करते हैं। ऋषि खुराना टीवी धारावाहिक में एक नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। रीटा भादुड़ी धारावाहिक निमकी मुखिया में दादी की भूमिका निभाती हैं। .

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निर्मला जोशी

निर्मला जोशी _ कवियत्रि निर्मला जोशी जन्म: पर्वतीय नगरी - अल्मोड़ा (उ प़्रं) के पंत परिवार में। निवास: भोपाल, म.प्र.

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न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम का भारत दौरा २०१६–१७

भारतीय क्रिकेट टीम तथा न्यूज़ीलैंड क्रिकेट टीम के बीच अक्टूबर २०१६-१७ में क्रिकेट श्रृंखला भारत में खेली जाएगी। इसमें ५ वनडे तथा ३ टेस्ट मैच खेले जाएंगे। खेले गए टेस्ट मैचों में भारतीय क्रिकेट टीम ने न्यूजीलैंड को ३-० से श्रृंखला पर कब्जा किया। टेस्ट श्रृंखला में भारत के चेतेश्वर पुजारा ने सबसे ज्यादा ३७३ रन बनाए जबकि रविचंद्रन अश्विन ने २७ विकेट लिए और उन्हें मैन ऑफ़ द सीरीज घोषित किया गया। ५ वनडे मैचों की श्रृंखला में भारतीय क्रिकेट टीम ने न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम को ३-२ से हराया। श्रृंखला का अंतिम मैच विशाखापत्तनम में खेला गया जिसमें भारत ने दीपावली पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की,अंतिम मैच १९० रनों से जीता। .

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नेतरहाट

नेतरहाट झारखंड राज्य में स्थित एक पहाड़ी पर्यटन-स्थल है। यह लातेहार जिला में आता है। यह समुद्र सतह से 3622 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। रांची से यह करीब १५० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। प्रकृति ने इसे बहुत ही खूबसूरती से संवारा है। यहाँ पर लोग सूर्योदय व सूर्यास्त देखने आते हैं। यह नजारा नेतरहाट से करीब १० किमी की दूरी पर आकर्षक ढंग से देखा जा सकता है। इसके अलावा यहाँ घाघरी एवं लोअर घाघरी नमक दो छोटे-छोटे जलप्रपात भी हैं, जो प्रसिद्ध स्थल हैं। 'छोटा नागपुर की रानी' के नाम से प्रसिद्ध नेतरहाट झारखंड की राजधानी रांची से 156 किमी पश्चिम में लातेहार जिले में स्थित है। समुद तल से 3700 फीट की उंचाई पर स्थित नेतरहाट में गर्मी के मौसम में पर्यटकों की भारी भीड़ रहती है। वैसे तो सालो भर यहां ढंड का मौसम बना रहता है। यहां का सूर्योदय और सूर्यास्‍त देखने के लिए भी लोग आते है। घने जंगल के बीच बसे इस जगह की प्राकृतिक सुन्‍दरता देखते ही बनती है। पर्यटक यहां आने पर प्रसिद्व नेतरहाट विद्यालय, लोध झरना, उपरी घाघरी झरना तथा निचली घाघरी झरना देखना नही भूलते है। झारखंड का दूसरा सबसे बड़ा फाल बरहा घाघ (466 फुट) नेतरहाट के पास ही है। नेतरहाट में वन विभाग की अनुमति के साथ शूटिंग भी किया जाता है। यहाँ कुछ भागों में बाघ बहुतों की संख्या में है। नेतरहाट के विकास के साथ यहाँ पर्यटक, शिकारी काफी आकर्षित हो रहे हैं। नेतरहाट एक बहुत महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। .

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नेतरहाट विद्यालय

नेतरहाट विद्यालय का मुख्य भवन नेतरहाट विद्यालय भारत के झारखण्ड राज्य में राँची के निकट नेतरहाट नामक स्थान पर स्थित एक सुप्रसिद्ध आवासीय विद्यालय है। अपनी स्थापना से ही, पहले बिहार राज्य में और अब झारखण्ड राज्य के शिक्षा बोर्डों की परीक्षा में प्रथम दस स्थान पाने वाले अधिकांश विद्यार्थी इसी विद्यालय के रहते रहे हैं। सन् २००० में बिहार से झारखण्ड राज्य के निर्माण के बाद अब यह झारखण्ड शिक्षा परिषद के अन्तर्गत आता है। राज्य शिक्षा बोर्ड की परीक्षा के अलावा इस विद्यालय के विद्यार्थी क्षेत्रीय गणित ओलम्पियाड, राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (NTSE) आदि में भी सदा अग्रणी रहते हैं। इस विद्यालय की स्‍थापना नवम्‍बर 1954 में हुई थी। राज्‍य सरकार द्वारा स्‍थापित और गुरुकुल की तर्ज पर बने इस स्‍कूल में अभी भी प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर प्रवेश मिलता है। यहाँ 10 -12 आयुवर्ग के बच्चों को प्रवेश दिया जाता है और लड़कों को उच्चतर माध्यमिक परीक्षा के लिए तैयार किया जाता है। अभी भी छात्र के आय के हिसाब से ही इस विद्यालय में फीस ली जाती है। इस विद्यालय में शिक्षा का माध्यम हिन्‍दी है। विषय के रूप में अग्रेंजी और संस्‍कृत भी पढाए जाते हैं। यहाँ के छात्रों ने अनेकानेक क्षेत्रों में इस विद्यालय की कीर्ति-पताका लहरायी है। कई शीर्ष के नौकरशाह और टेक्नोक्रेट इसी विद्यालय से पढ़ कर निकले हैं। .

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पटना

पटना (पटनम्) या पाटलिपुत्र भारत के बिहार राज्य की राजधानी एवं सबसे बड़ा नगर है। पटना का प्राचीन नाम पाटलिपुत्र था। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्राचीन नगरों में से एक है जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद है। अपने आप में इस शहर का ऐतिहासिक महत्व है। ईसा पूर्व मेगास्थनीज(350 ईपू-290 ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात लिखी अपनी पुस्तक इंडिका में इस नगर का उल्लेख किया है। पलिबोथ्रा (पाटलिपुत्र) जो गंगा और अरेन्नोवास (सोनभद्र-हिरण्यवाह) के संगम पर बसा था। उस पुस्तक के आकलनों के हिसाब से प्राचीन पटना (पलिबोथा) 9 मील (14.5 कि॰मी॰) लम्बा तथा 1.75 मील (2.8 कि॰मी॰) चौड़ा था। पटना बिहार राज्य की राजधानी है और गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर अवस्थित है। जहां पर गंगा घाघरा, सोन और गंडक जैसी सहायक नदियों से मिलती है। सोलह लाख (2011 की जनगणना के अनुसार 1,683,200) से भी अधिक आबादी वाला यह शहर, लगभग 15 कि॰मी॰ लम्बा और 7 कि॰मी॰ चौड़ा है। प्राचीन बौद्ध और जैन तीर्थस्थल वैशाली, राजगीर या राजगृह, नालन्दा, बोधगया और पावापुरी पटना शहर के आस पास ही अवस्थित हैं। पटना सिक्खों के लिये एक अत्यंत ही पवित्र स्थल है। सिक्खों के १०वें तथा अंतिम गुरु गुरू गोबिंद सिंह का जन्म पटना में हीं हुआ था। प्रति वर्ष देश-विदेश से लाखों सिक्ख श्रद्धालु पटना में हरमंदिर साहब के दर्शन करने आते हैं तथा मत्था टेकते हैं। पटना एवं इसके आसपास के प्राचीन भग्नावशेष/खंडहर नगर के ऐतिहासिक गौरव के मौन गवाह हैं तथा नगर की प्राचीन गरिमा को आज भी प्रदर्शित करते हैं। एतिहासिक और प्रशासनिक महत्व के अतिरिक्त, पटना शिक्षा और चिकित्सा का भी एक प्रमुख केंद्र है। दीवालों से घिरा नगर का पुराना क्षेत्र, जिसे पटना सिटी के नाम से जाना जाता है, एक प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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पटना सिलसिलेवार बम धमाके, 2013

पटना सिलसिलेवार बम धमाके 27 अक्टूबर 2013 को पटना शहर में गान्धी मैदान और पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन पर हुए। ये धमाके भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमन्त्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की रैली के कुछ समय पूर्व हुए। पटना के गान्धी मैदान पर यह रैली आयोजित की गयी थी। रैली स्थल पर 5 तथा रेलवे स्टेशन पर 2 धमाके हुए। सिलसिलेवार हुए कुल 7 बम धमाकों में 6 लोग मरे तथा 83 लोग घायल हुए। .

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पटना के पर्यटन स्थल

वर्तमान बिहार राज्य की राजधानी पटना को ३००० वर्ष से लेकर अबतक भारत का गौरवशाली शहर होने का दर्जा प्राप्त है। यह प्राचीन नगर पवित्र गंगानदी के किनारे सोन और गंडक के संगम पर लंबी पट्टी के रूप में बसा हुआ है। इस शहर को ऐतिहासिक इमारतों के लिए भी जाना जाता है। पटना का इतिहास पाटलीपुत्र के नाम से छठी सदी ईसापूर्व में शुरू होता है। तीसरी सदी ईसापूर्व में पटना शक्तिशाली मगध राज्य की राजधानी बना। अजातशत्रु, चन्द्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक, चंद्रगुप्त द्वितीय, समुद्रगुप्त यहाँ के महान शासक हुए। सम्राट अशोक के शासनकाल को भारत के इतिहास में अद्वितीय स्‍थान प्राप्‍त है। पटना एक ओर जहाँ शक्तिशाली राजवंशों के लिए जाना जाता है, वहीं दूसरी ओर ज्ञान और अध्‍यात्‍म के कारण भी यह काफी लोकप्रिय रहा है। यह शहर कई प्रबुद्ध यात्रियों जैसे मेगास्थनिज, फाह्यान, ह्वेनसांग के आगमन का भी साक्षी है। महानतम कूटनीतिज्ञ कौटिल्‍यने अर्थशास्‍त्र तथा विष्णुशर्मा ने पंचतंत्र की यहीं पर रचना की थी। वाणिज्यिक रूप से भी यह मौर्य-गुप्तकाल, मुगलों तथा अंग्रेजों के समय बिहार का एक प्रमुख शहर रहा है। बंगाल विभाजन के बाद 1912 में पटना संयुक्त बिहार-उड़ीसा तथा आजादी मिलने के बाद बिहार राज्‍य की राजधानी बना। शहर का बसाव को ऐतिहासिक क्रम के अनुसार तीन खंडों में बाँटा जा सकता है- मध्य-पूर्व भाग में कुम्रहार के आसपास मौर्य-गुप्त सम्राटाँ का महल, पूर्वी भाग में पटना सिटी के आसपास शेरशाह तथा मुगलों के काल का नगरक्षेत्र तथा बाँकीपुर और उसके पश्चिम में ब्रतानी हुकूमत के दौरान बसायी गयी नई राजधानी। पटना का भारतीय पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्‍थान है। महात्‍मा गाँधी सेतु पटना को उत्तर बिहार तथा नेपाल के अन्‍य पर्यटन स्‍थल को सड़क माध्‍यम से जोड़ता है। पटना से चूँकि वैशाली, राजगीर, नालंदा, बोधगया, पावापुरी और वाराणसी के लिए मार्ग जाता है, इसलिए यह शहर हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मावलंबियों के लिए पर्यटन गेटवे' के रूप में भी जाना जाता है। ईसाई धर्मावलंबियों के लिए भी पटना अतिमहत्वपूर्ण है। पटना सिटी में हरमंदिर, पादरी की हवेली, शेरशाह की मस्जिद, जलान म्यूजियम, अगमकुँआ, पटनदेवी; मध्यभाग में कुम्‍हरार परिसर, पत्थर की मस्जिद, गोलघर, पटना संग्रहालय तथा पश्चिमी भाग में जैविक उद्यान, सदाकत आश्रम आदि यहां के प्रमुख दर्शनीय स्‍थल हैं। मुख्य पर्यटन स्थलों इस प्रकार हैं: .

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पत्थलगड़ी

पत्थलगड़ी उन पत्थर स्मारकों को कहा जाता है जिसकी शुरुआत इंसानी समाज ने हजारों साल पहले की थी। यह एक पाषाणकालीन परंपरा है जो आदिवासियों में आज भी प्रचलित है। माना जाता है कि मृतकों की याद संजोने, खगोल विज्ञान को समझने, कबीलों के अधिकार क्षेत्रों के सीमांकन को दर्शाने, बसाहटों की सूचना देने, सामूहिक मान्यताओं को सार्वजनिक करने आदि उद्देश्यों की पूर्ति के लिए प्रागैतिहासिक मानव समाज ने पत्थर स्मारकों की रचना की। पत्थलगड़ी की इस आदिवासी परंपरा को पुरातात्त्विक वैज्ञानिक शब्दावली में ‘महापाषाण’, ‘शिलावर्त’ और मेगालिथ कहा जाता है। दुनिया भर के विभिन्न आदिवासी समाजों में पत्थलगड़ी की यह परंपरा मौजूदा समय में भी बरकरार है। झारखंड के मुंडा आदिवासी समुदाय इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं जिनमें कई अवसरों पर पत्थलगड़ी करने की प्रागैतिहासिक और पाषाणकालीन परंपरा आज भी प्रचलित है। .

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परमाण्वीय खनिज

परमाण्वीय खनिज उन खनिजों को परमाणु-ऊर्जा खनिज, अथवा ऐटोमिक एनर्जी मिनरल्स कहते हैं, जिनसे परमाण्विक ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है। भारत जैंसे विकासशील देशों के लिये शक्ति उत्पादन एक समस्या है। भारत के कोयले तथा अन्य ईंधनों के भंडार सीमित है और यदि औद्योगिकरण की वर्तमान गति इसी प्रकार वृद्धि पर रही तो वे भंडार अधिक समय तक न चल सकेंगे। अत: परमाणुशक्ति का उत्पादन ही संतुलित औद्योगिकरण में सहायक हो सकेगा। सौभाग्य से भारत में यूरेनियम तथा थोरियम दोनों ही खनिजों के भंडार संतोषजनक हैं। .

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पलामू

पलामू भारत में झारखंड प्रान्त का एक जिला है। इसका ज़िला मुख्यालय मेदनीनगर है। पहले यह डाल्टनगंज के नाम से जाना जाता था लेकिन आनंदमार्ग के लक्ष्मण सिंह, बैद्यनाछ साहू, युगलकिशोर सिंह, विश्वनाथ सिंह जैसे लोगों ने लंबे समय तक आंदोलन किया और शहर का नाम मेदनीनगर किया गया। यहां के राजनीतिज्ञों में इंदर सिंह नामधारी, ज्ञानचंद पांडेय, शैलेंद्र, केडी सिंह आदि मुख्य हैं। पत्रकारों में आलोक प्रकाश पुतुल ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता हासिल की है। अन्य पत्रकारों में रामेश्वरम, गोकुल बंसंत, फैयाज अहमद, उपेन्द्र नाथ पान्देय आदि शामिल हैं। .

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पश्चिमी चंपारण

चंपारण बिहार के तिरहुत प्रमंडल के अंतर्गत भोजपुरी भाषी जिला है। हिमालय के तराई प्रदेश में बसा यह ऐतिहासिक जिला जल एवं वनसंपदा से पूर्ण है। चंपारण का नाम चंपा + अरण्य से बना है जिसका अर्थ होता है- चम्‍पा के पेड़ों से आच्‍छादित जंगल। बेतिया जिले का मुख्यालय शहर हैं। बिहार का यह जिला अपनी भौगोलिक विशेषताओं और इतिहास के लिए विशिष्ट स्थान रखता है। महात्मा गाँधी ने यहीं से अंग्रेजों के खिलाफ नील आंदोलन से सत्याग्रह की मशाल जलायी थी। .

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पुरूलिया जिला

पुरूलिया जिला भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल का एक प्रशासकीय जिला है। इसके उत्तर एवं उत्तर-पश्चिम में झारखंड राज्य के धनबाद एवं हजारीबाग जिले, पश्चिम में बोकारो एवं राँची, दक्षिण में सिंहभूम तथा पूर्व में पश्चिमी बंगाल राज्य का बाँकुड़ा जिला स्थित है। इस जिले का प्रमुख नगर पुरुलिया है। आद्रा, बलरामपुर, रघुनाथपुर, एवं झाल्दा आदि इस जिले के प्रमुख नगर हैं। इसके पूर्वी भाग में जलोढ़ मिट्टी मिलती है तथा यह एक उपजाऊ भाग है। धान की खेती जिले में अधिक की जाती है। यापार में यहाँ चावल का स्थान प्रमुख हैं। श्रेणी:पश्चिम बंगाल के जिले.

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प्रभात खबर

प्रभात खबर राँची, जमशेदपुर, कोलकाता और देवघर से प्रकाशित होने वाला हिन्दी भाषा का एक दैनिक है। .

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प्रमथनाथ बोस

प्रमथनाथ बोस (12 मई 1855 - 27 अप्रैल 1934 ई.) सुप्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक और भूगर्भविद। इनका जन्म 12 मई 1855 ई. को बंगाल के नदिया जिले में गायपुर नामक स्थान पर हुआ था। आपकी उच्च शिक्षा लंदन विश्वविद्यालय में हुई, जहाँ से आपने भूविज्ञान में बी.

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पूर्वी भारत

पूर्वी भारत, में भारत के पूर्व के क्षेत्र आते हैं। इनमें पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार एवं झारखंड राज्य शामिल हैं। यहां बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में हिन्दी, बांग्ला, उड़िया, उर्दु तथा मैथिली आती हैं। यहां के बड़े शहरों में कोलकाता, भुवनेश्वर, पटना, कटाक, रांची, राउरकेला हैं। .

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फ्रीडा पिंटो

फ्रीडा पिंटो (जन्म 18 अक्टूबर 1984) एक भारतीय अभिनेत्री और व्यावसायिक मॉडल हैं, जो की अपनी पहली फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर, जिसने 2009 में सर्वोत्तम फिल्म के लिए एकेडमी पुरस्कार जीता है, में उनके लतिका के किरदार के लिए प्रसिद्ध हैं। पिंटो ने मोशन पिक्चर में कलाकार द्वारा उत्कृष्ट अभिनय के लिए स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड अवार्ड जीता और उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री की श्रेणी में BAFTA पुरस्कार के लिए नामांकन भी मिला। .

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फोबिया

दुर्भीति या फोबिया (Phobia) एक प्रकार का मनोविकार है जिसमें व्यक्ति को विशेष वस्तुओं, परिस्थितियों या क्रियाओं से डर लगने लगता है। यानि उनकी उपस्थिति में घबराहट होती है जबकि वे चीजें उस वक्त खतरनाक नहीं होती है। यह एक प्रकार की चिन्ता की बीमारी है। इस बीमारी में पीड़ित व्यक्ति को हल्के अनमनेपन से लेकर डर के भयावह दौरा तक पड़ सकता है। दुर्भीति की स्थिति में व्यक्ति का ध्यान कुछ एक लक्षणों पर केन्द्रित हो सकता है, जैसे-दिल का जोर-जोर से धड़कना या बेहोशी लगना। इन लक्षणों से जुड़े हुए कुछ डर होते है जैसे-मर जाने का भय, अपने उपर नियंत्रण खो देने या पागल हो जाने का डर। .

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बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय

बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय भारत का एक विश्वविद्यालय हैं। इस विश्वविद्यालय का मुख्यालय बिहार के मुजफ्फरपुर शहर में स्थित हैं जो पटना से लगभग ८० किलोमीटर उत्तर में स्थित हैं। .

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बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान

बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान मेसरा (अंग्रेज़ी: Birla Institute of Technology Mesra; जो बीआईटी मेसरा या बीआईटी राँची के नाम से भी प्रसिद्ध है) झारखंड के राँची में स्थित भारत का अग्रणी स्वायत्त अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी उन्मुख संस्थान है। इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम १९५६ के अनुभाग ३ के तहत एक डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्ज़ा हासिल है। मुख्य परिसर के अतिरिक्त लालपुर (रांची), इलाहाबाद, कोलकाता, नोएडा, जयपुर, चेन्नई, पटना और देवघर में बीआईटी के भारतीय विस्तार पटल हैं। इनके अतिरिक्त बहरीन, मस्कट, संयुक्त अरब अमीरात और मॉरिशस में बीआईटी के अंतरराष्ट्रीय केंद्र हैं। जून २००५ में एसी निलसन एवं इंडिया टुडे द्वारा किये गये एक सर्वेक्षण के अनुसार इसे देश के दस श्रेष्ठ तकनीकी संस्थानों में शुमार किया गया था। .

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बिरसा मुंडा

बिरसा मुंडा 19वीं सदी के एक प्रमुख आदिवासी जननायक थे। उनके नेतृत्‍व में मुंडा आदिवासियों ने 19वीं सदी के आखिरी वर्षों में मुंडाओं के महान आन्दोलन उलगुलान को अंजाम दिया। बिरसा को मुंडा समाज के लोग भगवान के रूप में पूजते हैं। .

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बिरसा मुंडा विमानक्षेत्र

बिरसा मुंडा विमानक्षेत्र झारखंड स्थित हवाईअड्डा है। इसका प्रबंधन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण करती है। यह राँची के हिनू मोहल्ले के समीप स्थित है और शहर के मुख्य स्थानो से लगभग सात (७) किलोमीटर की दूरी पर है। यह भारत का पैंतीसवाँ सबसे व्यस्त विमानक्षेत्र है। इसका नामकरण झारखंड के आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के नाम पर किया गया है। .

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बिरसा कृषि विश्वविद्यालय

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय झारखण्ड के राँची में स्थित एक कृषि विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना २६ जून १९८१ को की गयी थी। .

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बिहार में यातायात

यह लेख बिहार राज्य की सार्वजनिक और निजी परिवहन प्रणाली के बारे में है। .

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बिग एफएम (रेडियो)

150px बिग एफएम (रेडियो), एक राष्ट्रव्यापी निजी एफएम रेडियो स्टेशन है। इस रेडियो स्टेशन के मालिक प्रसिद्द भारतीय व्यवसायी अनिल अम्बानी हैं। यह रेडियो स्टेशन ९२.७ मेगाहर्ट्स एफएम बैंड फ्रिकुएंसी पर प्रसारित होता है। वर्तमान में यह स्टेशन ४४ विभिन्न शहरों में प्रसारित होता है। यह एकमात्र ऐसा रेडियो स्टेशन है जो कि जम्मू और कश्मीर में भी प्रसारित होता है। १ जुलाई २००८ से बिग एफएम सिंगापूर में भी अपना प्रसारण शुरू कर दिया। सिंगापूर में यह सुबह ५ बजे से रत ८ बजे तक हर रोज़ ९६.३ मेगाहर्ट्स पर प्रसारित होता है। बिग एफएम रेडियो का टैगलाइन है - "सुनो सुनाओ, लाइफ बनाओ" .

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भदौनी

भदौनी (BHADAUNI) भदौनी नवादा शहर का एक मोहल्ला है जो एक बहुत बङा मोहल्ला है .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत में दशलक्ष-अधिक शहरी संकुलनों की सूची

भारत दक्षिण एशिया में एक देश है। भौगोलिक क्षेत्र के अनुसार, वह सातवाँ सबसे बड़ा देश है, और १.२ अरब से अधिक लोगों के साथ, वह दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। भारत में उनतीस राज्य और सात संघ राज्यक्षेत्र हैं। वह विश्व की जनसंख्या के १७.५ प्रतिशत का घर हैं। .

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भारत में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों की सूची

भारत में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों की सूची। भारत ने सर्वाधिक हिंदी भाषा के समाचार पत्र सर्कुलेट होते हैं उसके बाद इंग्लिश और उर्दू समाचारपत्रों का स्थान है। .

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भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का संजाल भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची भारतीय राजमार्ग के क्षेत्र में एक व्यापक सूची देता है, द्वारा अनुरक्षित सड़कों के एक वर्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण। ये लंबे मुख्य में दूरी roadways हैं भारत और के अत्यधिक उपयोग का मतलब है एक परिवहन भारत में। वे में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा भारतीय अर्थव्यवस्था। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 laned (प्रत्येक दिशा में एक), के बारे में 65,000 किमी की एक कुल, जिनमें से 5,840 किमी बदल सकता है गठन में "स्वर्ण Chathuspatha" या स्वर्णिम चतुर्भुज, एक प्रतिष्ठित परियोजना राजग सरकार द्वारा शुरू की श्री अटल बिहारी वाजपेयी.

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भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाले महानगरों की सूची

इस लेख में भारत के सर्वोच्च सौ महानगरीय क्षेत्रों की सूची (२००८ अनुसार) है। इन सौ महानगरों की संयुक्त जनसंख्या राष्ट्र की कुल जनसंख्या का सातवां भाग बनाती है। .

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भारत में स्मार्ट नगर

भारत में स्मार्ट नगर की कल्पना प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की है जिन्होंने देश के १०० नगरों को स्मार्ट नगरों के रूप में विकसित करने का संकल्प किया है। सरकार ने २७ अगस्त २०१५ को ९८ प्रस्तावित स्मार्ट नगरों की सूची जारी कर दी। .

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भारत में विश्वविद्यालयों की सूची

यहाँ भारत में विश्वविद्यालयों की सूची दी गई है। भारत में सार्वजनिक और निजी, दोनों विश्वविद्यालय हैं जिनमें से कई भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा समर्थित हैं। इनके अलावा निजी विश्वविद्यालय भी मौजूद हैं, जो विभिन्न निकायों और समितियों द्वारा समर्थित हैं। शीर्ष दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालयों के तहत सूचीबद्ध विश्वविद्यालयों में से अधिकांश भारत में स्थित हैं। .

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भारत का भूगोल

भारत का भूगोल या भारत का भौगोलिक स्वरूप से आशय भारत में भौगोलिक तत्वों के वितरण और इसके प्रतिरूप से है जो लगभग हर दृष्टि से काफ़ी विविधतापूर्ण है। दक्षिण एशिया के तीन प्रायद्वीपों में से मध्यवर्ती प्रायद्वीप पर स्थित यह देश अपने ३२,८७,२६३ वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है। साथ ही लगभग १.३ अरब जनसंख्या के साथ यह पूरे विश्व में चीन के बाद दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश भी है। भारत की भौगोलिक संरचना में लगभग सभी प्रकार के स्थलरूप पाए जाते हैं। एक ओर इसके उत्तर में विशाल हिमालय की पर्वतमालायें हैं तो दूसरी ओर और दक्षिण में विस्तृत हिंद महासागर, एक ओर ऊँचा-नीचा और कटा-फटा दक्कन का पठार है तो वहीं विशाल और समतल सिन्धु-गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान भी, थार के विस्तृत मरुस्थल में जहाँ विविध मरुस्थलीय स्थलरुप पाए जाते हैं तो दूसरी ओर समुद्र तटीय भाग भी हैं। कर्क रेखा इसके लगभग बीच से गुजरती है और यहाँ लगभग हर प्रकार की जलवायु भी पायी जाती है। मिट्टी, वनस्पति और प्राकृतिक संसाधनो की दृष्टि से भी भारत में काफ़ी भौगोलिक विविधता है। प्राकृतिक विविधता ने यहाँ की नृजातीय विविधता और जनसंख्या के असमान वितरण के साथ मिलकर इसे आर्थिक, सामजिक और सांस्कृतिक विविधता प्रदान की है। इन सबके बावजूद यहाँ की ऐतिहासिक-सांस्कृतिक एकता इसे एक राष्ट्र के रूप में परिभाषित करती है। हिमालय द्वारा उत्तर में सुरक्षित और लगभग ७ हज़ार किलोमीटर लम्बी समुद्री सीमा के साथ हिन्द महासागर के उत्तरी शीर्ष पर स्थित भारत का भू-राजनैतिक महत्व भी बहुत बढ़ जाता है और इसे एक प्रमुख क्षेत्रीय शक्ति के रूप में स्थापित करता है। .

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भारत के दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर

* अमृतसर.

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भारत के प्रमुख अस्पताल

भारत के प्रत्येक मुख्य नगर में सरकार तथा दानी सज्जनों द्वारा स्थापित अनेक अस्पताल हैं। नीचे केवल कुछ प्रमुख तथा विशिष्ट रोगों से पीड़ितों के लिए अस्पतालों के नाम दिए जाते हैं:-- अमृतसर (पंजाब) - पंजाव मेंटल हास्पिटल (केवल मानसिक रोगों की चिकित्सा के लिए); पंजाब डेंटल हास्पिटल (केवल दंतरोग का चिकित्सा स्थान)। इंदौर (मध्यप्रदेश): इन्फ़ेक्शस डिज़ीज़ेज़ हास्पिटल (संक्रामक रोगों की चिकित्सा के लिए); कल्याणमल नर्सिग होम (रोगियों की देखभाल और उपचार के लिए विशिष्ट संस्था); लेपर असाइलम (कुष्ठरोगियों के लिए); मेंटल हास्पिटल (मानसिक रोगों का चिकित्सालय); टी.बी.

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भारत के प्रवेशद्वार

प्रवेशद्वार:भारत के सभि राज्य व केन्द्र शासित प्रदेश १. प्रवेशद्वार:अरुणाचल प्रदेश (इटानगर) २. प्रवेशद्वार:असम (दिसपुर) ३. प्रवेशद्वार:उत्तर प्रदेश (लखनऊ) ४. प्रवेशद्वार:उत्तरांचल (देहरादून) ५. प्रवेशद्वार:उड़ीसा (भुवनेश्वर) ६. प्रवेशद्वार:अंडमान और निकोबार द्वीप* (पोर्टब्लेयर) ७. प्रवेशद्वार:आंध्र प्रदेश (हैदराबाद) ८. प्रवेशद्वार:कर्नाटक (बंगलोर) ९. प्रवेशद्वार:केरल (तिरुवनंतपुरम) १०.

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भारत के महानगरों की सूची

भारत के महानगरों की सूची.

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भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार

भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची (संख्या के क्रम में) भारत के राजमार्गो की एक सूची है। .

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भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश

भारत राज्यों का एक संघ है। इसमें उन्तीस राज्य और सात केन्द्र शासित प्रदेश हैं। ये राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश पुनः जिलों और अन्य क्षेत्रों में बांटे गए हैं।.

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भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की राजधानियाँ

यह सूची भारत के राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों की राजधानियों की है। भारत में कुल 29 राज्य और 7 केन्द्र-शासित प्रदेश हैं। सभी राज्यों और दो केन्द्र-शासित प्रदेशों, दिल्ली और पौण्डिचेरी, में चुनी हुई सरकारें और विधानसभाएँ होती हैं, जो वॅस्टमिन्स्टर प्रतिमान पर आधारित हैं। अन्य पाँच केन्द्र-शासित प्रदेशों पर देश की केन्द्र सरकार का शासन होता है। 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अन्तर्गत राज्यों का निर्माण भाषाई आधार पर किया गया था, और तबसे यह व्यवस्था लगभग अपरिवर्तित रही है। प्रत्येक राज्य और केन्द्र-शासित प्रदेश प्रशासनिक इकाईयों में बँटा होता है। नीचे दी गई सूची में राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों की विभिन्न प्रकार की राजधानियाँ सूचीबद्ध हैं। प्रशासनिक राजधानी वह होती है जहाँ कार्यकारी सरकार के कार्यालय स्थित होते हैं, वैधानिक राजधानी वह है जहाँ से राज्य विधानसभा संचालित होती है, और न्यायपालिका राजधानी वह है जहाँ उस राज्य या राज्यक्षेत्र का उच्च न्यायालय स्थित होता है। .

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भारत के शहरों की सूची

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भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची

यह सूचियों भारत के सबसे बड़े शहरों पर है। .

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भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम

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भारत के हवाई अड्डे

यह सूची भारत के हवाई यातायात है। .

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भारत के उच्च न्यायालयों की सूची

भारतीय उच्च न्यायालय भारत के उच्च न्यायालय हैं। भारत में कुल २४ उच्च न्यायालय है जिनका अधिकार क्षेत्र कोई राज्य विशेष या राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के एक समूह होता हैं। उदाहरण के लिए, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय, पंजाब और हरियाणा राज्यों के साथ केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को भी अपने अधिकार क्षेत्र में रखता हैं। उच्च न्यायालय भारतीय संविधान के अनुच्छेद २१४, अध्याय ५ भाग ६ के अंतर्गत स्थापित किए गए हैं। न्यायिक प्रणाली के भाग के रूप में, उच्च न्यायालय राज्य विधायिकाओं और अधिकारी के संस्था से स्वतंत्र हैं .

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भारत २०१०

इन्हें भी देखें 2014 भारत 2014 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2014 साहित्य संगीत कला 2014 खेल जगत 2014 .

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भारती भवन

भारती भवन एक शैक्षणिक प्रकाशन संस्थान है जिसकी शुरुआत पटना में सन् १९४३ में हुई थी। इस समूह ने विद्यालयों और प्रतियोगिताओं के लिए कई पुस्तकें छापी हैं। आज इसके कार्यालय पटना के अलावे दिल्ली, राँची, बेंगलुरु जैसी जगहों पर हैं। प्रसिद्ध प्रोफ़ेसर एच सी वर्मा की 'कॉन्सेप्ट्स ऑफ फिजिक्स' इस प्रकाशन की सबसे प्रसिद्ध पुस्तकों में से एक है। इनकी पुस्कें अंग्रेज़ी और हिन्दी में होती हैं। पंडित तोताराम सनाढ्य की पुस्तक फिजी द्वीप में मेरे इक्कीश वर्ष भारती भवन द्वारा प्रकाशित कराकर भवन की ख्याति को बढाया। जिनका जन्म 1876 में हिरनगाँव फ़िरोज़ाबाद में हुआ था। .

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भारतीय थलसेना

भारतीय थलसेना, सेना की भूमि-आधारित दल की शाखा है और यह भारतीय सशस्त्र बल का सबसे बड़ा अंग है। भारत का राष्ट्रपति, थलसेना का प्रधान सेनापति होता है, और इसकी कमान भारतीय थलसेनाध्यक्ष के हाथों में होती है जो कि चार-सितारा जनरल स्तर के अधिकारी होते हैं। पांच-सितारा रैंक के साथ फील्ड मार्शल की रैंक भारतीय सेना में श्रेष्ठतम सम्मान की औपचारिक स्थिति है, आजतक मात्र दो अधिकारियों को इससे सम्मानित किया गया है। भारतीय सेना का उद्भव ईस्ट इण्डिया कम्पनी, जो कि ब्रिटिश भारतीय सेना के रूप में परिवर्तित हुई थी, और भारतीय राज्यों की सेना से हुआ, जो स्वतंत्रता के पश्चात राष्ट्रीय सेना के रूप में परिणत हुई। भारतीय सेना की टुकड़ी और रेजिमेंट का विविध इतिहास रहा हैं इसने दुनिया भर में कई लड़ाई और अभियानों में हिस्सा लिया है, तथा आजादी से पहले और बाद में बड़ी संख्या में युद्ध सम्मान अर्जित किये। भारतीय सेना का प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद की एकता सुनिश्चित करना, राष्ट्र को बाहरी आक्रमण और आंतरिक खतरों से बचाव, और अपनी सीमाओं पर शांति और सुरक्षा को बनाए रखना हैं। यह प्राकृतिक आपदाओं और अन्य गड़बड़ी के दौरान मानवीय बचाव अभियान भी चलाते है, जैसे ऑपरेशन सूर्य आशा, और आंतरिक खतरों से निपटने के लिए सरकार द्वारा भी सहायता हेतु अनुरोध किया जा सकता है। यह भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के साथ राष्ट्रीय शक्ति का एक प्रमुख अंग है। सेना अब तक पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ चार युद्धों तथा चीन के साथ एक युद्ध लड़ चुकी है। सेना द्वारा किए गए अन्य प्रमुख अभियानों में ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत और ऑपरेशन कैक्टस शामिल हैं। संघर्षों के अलावा, सेना ने शांति के समय कई बड़े अभियानों, जैसे ऑपरेशन ब्रासस्टैक्स और युद्ध-अभ्यास शूरवीर का संचालन किया है। सेना ने कई देशो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों में एक सक्रिय प्रतिभागी भी रहा है जिनमे साइप्रस, लेबनान, कांगो, अंगोला, कंबोडिया, वियतनाम, नामीबिया, एल साल्वाडोर, लाइबेरिया, मोज़ाम्बिक और सोमालिया आदि सम्मलित हैं। भारतीय सेना में एक सैन्य-दल (रेजिमेंट) प्रणाली है, लेकिन यह बुनियादी क्षेत्र गठन विभाजन के साथ संचालन और भौगोलिक रूप से सात कमान में विभाजित है। यह एक सर्व-स्वयंसेवी बल है और इसमें देश के सक्रिय रक्षा कर्मियों का 80% से अधिक हिस्सा है। यह 1,200,255 सक्रिय सैनिकों और 909,60 आरक्षित सैनिकों के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्थायी सेना है। सेना ने सैनिको के आधुनिकीकरण कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसे "फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री सैनिक एक प्रणाली के रूप में" के नाम से जाना जाता है इसके साथ ही यह अपने बख़्तरबंद, तोपखाने और उड्डयन शाखाओं के लिए नए संसाधनों का संग्रह एवं सुधार भी कर रहा है।.

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भारतीय प्रबन्धन संस्थान

भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आई आई एम) भारत के सर्वोत्तम प्रबंधन संस्थान हैं। प्रबन्धन की शिक्षा के अतिरिक्त ये अनुसंधान व सलाह (कांसल्टेंसी) का कार्य भी करते हैं। वर्तमान में ६ भारतीय प्रबन्धन संस्थान हैं जो बंगलुरू, अहमदाबाद, कोलकाता, लखनऊ, इन्दौर तथा कोझीकोड में स्थित हैं। ये प्रबन्धन में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा की उपाधि प्रदान करते हैं जो एम बी ए के समतुल्य है। इन संस्थानों में प्रवेश अखिल भारतीय स्तर पर होने वाली प्रवेश परीक्षा कामन ऐडमिशन टेस्ट (सी ए टी) के आधार पर होता है। यह परीक्षा दुनिया की सर्वाधिक प्रतिस्पर्धी परिक्षाओं में से है। .

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भारतीय प्रबंध संस्थान, राँची

भारतीय प्रबंध संस्थान, राँची (Indian Institute of Management Ranchi) झारखण्ड के राँची में स्थित एक सार्वजनिक व्यापार विद्यालय (बिजनेस स्कूल) है। इसका उद्घाटन ०६ जुलाई २०१० को किया गया था। .

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भारतीय रिज़र्व बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है। यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है। रिजर्व बैक भारत की अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करता है। इसकी स्थापना १ अप्रैल सन १९३५ को रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ऐक्ट १९३४ के अनुसार हुई। बाबासाहेब डॉ॰ भीमराव आंबेडकर जी ने भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में अहम भूमिका निभाई हैं, उनके द्वारा प्रदान किये गए दिशा-निर्देशों या निर्देशक सिद्धांत के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक बनाई गई थी। बैंक कि कार्यपद्धती या काम करने शैली और उसका दृष्टिकोण बाबासाहेब ने हिल्टन यंग कमीशन के सामने रखा था, जब 1926 में ये कमीशन भारत में रॉयल कमीशन ऑन इंडियन करेंसी एंड फिनांस के नाम से आया था तब इसके सभी सदस्यों ने बाबासाहेब ने लिखे हुए ग्रंथ दी प्राब्लम ऑफ दी रुपी - इट्स ओरीजन एंड इट्स सोल्यूशन (रुपया की समस्या - इसके मूल और इसके समाधान) की जोरदार वकालात की, उसकी पृष्टि की। ब्रिटिशों की वैधानिक सभा (लेसिजलेटिव असेम्बली) ने इसे कानून का स्वरूप देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 का नाम दिया गया। प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन १९३७ में मुम्बई आ गया। पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन १९४९ से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है। उर्जित पटेल भारतीय रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर हैं, जिन्होंने ४ सितम्बर २०१६ को पदभार ग्रहण किया। पूरे भारत में रिज़र्व बैंक के कुल 22 क्षेत्रीय कार्यालय हैं जिनमें से अधिकांश राज्यों की राजधानियों में स्थित हैं। मुद्रा परिचालन एवं काले धन की दोषपूर्ण अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करने के लिये रिज़र्व बैंक ऑफ इण्डिया ने ३१ मार्च २०१४ तक सन् २००५ से पूर्व जारी किये गये सभी सरकारी नोटों को वापस लेने का निर्णय लिया है। .

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भारतीय वानिकी

तेंदू पत्ता संग्रहण भारत में वानिकी एक प्रमुख ग्रामीण आर्थिक क्रिया, जनजातीय लोगों के जीवन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण पहलू और एक ज्वलंत पर्यावरणीय और सामाजिक-राजनैतिक मुद्दा होने के साथ ही पर्यावरणीय प्रबंधन और धारणीय विकास हेतु अवसर उपलब्ध करने वाला क्षेत्र भी है। - इण्डिया वाटर पोर्टल खाद्य एवं कृषि संगठन (एफ॰ए॰ओ॰) के अनुसार वर्ष २००२ में भारत में वनों का क्षेत्रफल ६४ मिलियन हेक्टेयर था जो कुल क्षेत्रफल का लगभग १९% था FAO और मौजूदा आंकलनों के अनुसार भारत में वन और वृक्ष क्षेत्र 78.29 मिलियन हेक्टेयर है, जो देश के भैगोलिक क्षेत्र का 23.81 प्रतिशत है और 2009 के आंकलनों की तुलना में, व्याख्यात्मक बदलावों को ध्यान में रखने के पश्चात देश के वन क्षेत्र में 367 वर्ग कि॰मी॰ की कमी दर्ज की गई है।, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार उपरोक्त आँकड़ों के आधार पर भारत विश्व के दस सर्वाधिक वन क्षेत्र वाले देशों में से एक है लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था में वनों का योगदान काफी कम है और राष्ट्रीय आय में वनों का योगदान २००२ में मात्र १.७% था। साथ ही जनसंख्या के अनुपात में देखा जाए तो स्थिति और खराब नजर आती है क्योंकि भारत में इसी समय के आंकड़ों के अनुसार प्रति व्यक्ति वन क्षेत्र ०.०८ हेक्टेयर था जो विकासशील देशों के लिये औसत ०.५ हेक्टेयर है और पूरे विश्व के लिये ०.६४ हेक्टेयर है। आर्थिक योगदान के अलावा वन संसाधनों का महत्व इसलिए भी है कि ये हमें बहुत से प्राकृतिक सुविधाएँ प्रदान करते हैं जिनके लिये हम कोई मूल्य नहीं प्रदान करते और इसीलिए इन्हें गणना में नहीं रखते। उदाहरण के लिये हवा को शुद्ध करना और सांस लेने योग्य बनाना एक ऐसी प्राकृतिक सेवा है जो वन हमें मुफ़्त उपलब्ध करते हैं और जिसका कोई कृत्रिम विकल्प इतनी बड़ी जनसंख्या के लिये नहीं है। वनों के क्षय से जनजातियों और आदिवासियों का जीवन प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होता है और बाकी लोगों का अप्रत्यक्ष रूप से क्योंकि भारत में जनजातियों की पूरी जीवन शैली वनों पर आश्रित है। वनोपजों में सबसे निचले स्तर पर जलाने के लिये लकड़ी, औषधियाँ, लाख, गोंद और विविध फल इत्यादि आते हैं जिनका एकत्रण स्थानीय लोग करते हैं। उच्च स्तर के उपयोगों में इमारती लकड़ी या कागज उद्द्योग के लिये लकड़ी की व्यावसायिक और यांत्रिक कटाई आती है। एफ॰ए॰ओ॰ के अनुसार भारत जलावन की लकड़ी का विश्व में सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है और यह वनों में लकड़ी के धारणीय पुनर्स्थापन के पाँच गुना अधिक है। वहीं भारतीय कागज़ उद्योग प्रतिवर्ष ३ मिलियन टन कागज का उत्पादन करता है जिसमें कितना कच्चा माल वनों से लकड़ी और बाँस के रूप में आता है यह ज्ञात नहीं। वानिकी के वर्तमान परिदृश्य जनजातियों और स्थानीय लोगों के जीवन, पर्यावरणीय सुरक्षा, संसाधन संरक्षण और विविध सामजिक राजनीतिक सरोकारों से जुड़े हुए हैं। चिपको आंदोलन से लेकर जल, जंगल और जमीन तथा वर्तमान में महान वनों को लेकर चलाया जा रहा आंदोलन इसी राजनैतिक और सामजिक संघर्ष का हिस्सा हैं जो वानिकी और उसकी नीतियों से जुड़ा हुआ है। वानिकी को भारत में एक संवेदनशील और रोचक अध्ययन क्षेत्र के रूप में भी देखा जा रहा है। .

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भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद

भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद्, भारत की वानिकी अनुसंधान तंत्र में एक शीर्ष संस्था है। यह वानिकी के सभी पहलुओं पर अनुसंधान, शिक्षा और विस्तार की आवश्यकता आधारित आयोजना, प्रोत्साहन, संचालन एवं समन्वयन करके वानिकी अनुसंधान का वास्तविक विकास कर रही है। परिषद् विश्व चिंताओं जैसे जलवायु परिवर्तन, जैवविविधता का संरक्षण, रेगिस्तानीकरण को रोकना और संसाधनों का पोषणीय प्रबंध एवं विकास सहित इस सेक्टर में उभर रहे विषयों के अनुरूप समाधान आधारित वानिकी अनुसंधान करती है। परिषद् द्वारा सामयिक अनुसंधान प्राकृतिक संसाधन प्रबंध से संबंधित चुनौतियों का सफलतापूर्वक संचालन करने के लिए, वन प्रबंधकों एवं शोधार्थियों की क्षमता में लोगों के विश्वास को बढ़ाता है। .

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भारतीय विधिक मापविज्ञान संस्थान

भारतीय विधिक मापविज्ञान संस्थान (Indian Institute of Legal Metrology) भारत के झारखण्ड राज्य की राजधानी रांची से ११ किलोमीटर दूर कांके में स्थित है। इसका कुल क्षेत्रफल १७ एकड़ है। भारत में मीट्रिक प्रणाली लागू होने से पहले ही बाट व माप के प्रशिक्षण के लिये एक प्रशिक्षण संस्थान की आवश्यकता समझी गयी, जिसके लिये बिहार व महाराष्ट्र सरकार सबसे पहले आगे आये और अपने प्रवर्तन अधिकारियों को प्रशिशण देना प्रारंभ किया, जिससे देश में मानकों में समानता रहे व उपभोक्ता के अधिकारों का संरक्षण हो सके। इसके बाद १९६२ में बिहार सरकार ने पटना में 'आल इन्डिया ट्रेनिग इन्सटिट्यूट फोर वेटस ऐन्ड मेसर्स' नाम से एक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की, जिसे १ जनवरी १९७० को भारत सरकार द्वारा पूर्ण रूप से अधिग्रहीत कर लिया गया। इस संस्थान को जर्मन सरकार के सलाहकारों की सलाह पर राँची स्थानान्तरित किया गया व इसे इसका वर्तमान नाम दिया गया। .

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भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण

भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण (Unique Identification Authority of India) सन २००९ में गठित भारत सरकार का एक प्राधिकरण है जिसका गठन भारत के प्रत्येक नागरिक को एक बहुउद्देश्यीय राष्ट्रीय पहचान पत्र उपलब्ध करवाने की भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना के अन्तर्गत किया गया। भारत के प्रत्येक निवासियों को प्रारंभिक चरण में पहचान प्रदान करने एवं प्राथमिक तौर पर प्रभावशाली जनहित सेवाऐं उपलब्ध कराना इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य था। इस बहुउद्देश्यीय राष्ट्रीय पहचान पत्र (Multipurpose National Identity Card) का नाम "आधार" रखा गया। .

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भारतीय इस्पात प्राधिकरण

भारतीय इस्पात प्राधिकरण (अंग्रेज़ी:स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इण्डिया लिमिटेड (सेल)) भारत की सर्वाधिक इस्पात उत्पादन करने वाली कम्पनी है। यह पूर्णतः एकीकृत लोहे और इस्पात का सामान तैयार करती है। कम्पनी में घरेलू निर्माण, इंजीनियरी, बिजली, रेलवे, मोटरगाड़ी और सुरक्षा उद्योगों तथा निर्यात बाजार में बिक्री के लिए मूल तथा विशेष, दोनों तरह के इस्पात तैयार किए जाते हैं। यह भारत सरकार की पूर्ण-स्वामित्व प्राधिकरण है। यह व्यापार के हिसाब से देश में सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी १० कम्पनियों में से एक है। सेल अनेक प्रकार के इस्पात के सामान का उत्पादन और उनकी बिक्री करती है। इनमें हॉट तथा कोल्ड रोल्ड शीटें और कॉयल, जस्ता चढ़ी शीट, वैद्युत शीट, संरचनाएँ, रेलवे उत्पाद, प्लेट बार और रॉड, स्टेनलेस स्टील तथा अन्य मिश्र धातु इस्पात शामिल हैं। सेल अपने पांच एकीकृत इस्पात कारखानों और तीन विशेष इस्पात कारखानों में लोहे और इस्पात का उत्पादन करती है। ये कारखाने देश के पूर्वी और केन्द्रीय क्षेत्र में स्थित हैं तथा इनके पास ही कच्चे माल के घरेलू स्रोत उपलब्ध हैं। इन स्रोतों में कंपनी की लौह अयस्क, चूना-पत्थर और डोलोमाइट खानें शामिल हैं। कंपनी को भारत का दूसरा सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक होने का श्रेय भी प्राप्त है। इसके पास देश में दूसरा सबसे बड़ा खानों का जाल है। कम्पनी के पास अपने लौह अयस्क, चूना-पत्थर और डोलोमाइट खानें हैं जो इस्पात निर्माण के लिए महत्वपूर्ण कच्चे माल हैं। इससे कम्पनी को प्रतियोगिता में लाभ मिल रहा है। सेल का अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार डिवीजन आईएसओ ९००१: २००० से प्रमाणित है। इसका कार्यालय नई दिल्ली में है और यह सेल के पांच एकीकृत इस्पात कारखानों से मृदुल इस्पात उत्पादों तथा कच्चे लोहे का निर्यात करता है। .

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भारतीय क्रिकेट टीम का सीजन 2017

भारतीय क्रिकेट टीम ने 2017 में खेले गए क्रिकेट का लेखा जोखा हैं। .

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भिक्षु जगदीश कश्यप

भिक्खु जगदीश कश्यप (1908 - 28 जनवरी 1976) बौद्ध भिक्षु तथा पालि के विद्वान थे। उनका जन्म राँची में हुआ था। जन्म का नाम 'जगदीश नारायण' था। सन् १९३३ में उन्होने दीक्षा ली। .

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मधुबनी

मधुबनी भारत के बिहार प्रान्त में दरभंगा प्रमंडल अंतर्गत एक प्रमुख शहर एवं जिला है। दरभंगा एवं मधुबनी को मिथिला संस्कृति का द्विध्रुव माना जाता है। मैथिली तथा हिंदी यहाँ की प्रमुख भाषा है। विश्वप्रसिद्ध मिथिला पेंटिंग एवं मखाना के पैदावार की वजह से मधुबनी को विश्वभर में जाना जाता है। इस जिला का गठन १९७२ में दरभंगा जिले के विभाजन के उपरांत हुआ था।मधुबनी चित्रकला मिथिलांचल क्षेत्र जैसे बिहार के दरभंगा, मधुबनी एवं नेपाल के कुछ क्षेत्रों की प्रमुख चित्रकला है। प्रारम्भ में रंगोली के रूप में रहने के बाद यह कला धीरे-धीरे आधुनिक रूप में कपड़ो, दीवारों एवं कागज पर उतर आई है। मिथिला की औरतों द्वारा शुरू की गई इस घरेलू चित्रकला को पुरुषों ने भी अपना लिया है। वर्तमान में मिथिला पेंटिंग के कलाकारों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मधुबनी व मिथिला पेंटिंग के सम्मान को और बढ़ाये जाने को लेकर तकरीबन 10,000 sq/ft में मधुबनी रेलवे स्टेशन के दीवारों को मिथिला पेंटिंग की कलाकृतियों से सरोबार किया। उनकी ये पहल निःशुल्क अर्थात श्रमदान के रूप में किया गया। श्रमदान स्वरूप किये गए इस अदभुत कलाकृतियों को विदेशी पर्यटकों व सैनानियों द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है। .

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मनोविदलता

मनोविदलता (Schizophrenia/स्किज़ोफ्रेनिया) एक मानसिक विकार है। इसकी विशेषताएँ हैं- असामान्य सामाजिक व्यवहार तथा वास्तविक को पहचान पाने में असमर्थता। लगभग 1% लोगो में यह विकार पाया जाता है। इस रोग में रोगी के विचार, संवेग तथा व्यवहार में आसामान्य बदलाव आ जाते हैं जिनके कारण वह कुछ समय लिए अपनी जिम्मेदारियों तथा अपनी देखभाल करने में असमर्थ हो जाता है। 'मनोविदलता' और 'स्किज़ोफ्रेनिया' दोनों का शाब्दिक अर्थ है - 'मन का टूटना'। .

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मनोविज्ञान का इतिहास तथा शाखाएँ

आधुनिक मनोविज्ञान की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में इसके दो सुनिश्चित रूप दृष्टिगोचर होते हैं। एक तो वैज्ञानिक अनुसंधानों तथा आविष्कारों द्वारा प्रभावित वैज्ञानिक मनोविज्ञान तथा दूसरा दर्शनशास्त्र द्वारा प्रभावित दर्शन मनोविज्ञान। वैज्ञानिक मनोविज्ञान 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध से आरंभ हुआ है। सन् 1860 ई में फेक्नर (1801-1887) ने जर्मन भाषा में "एलिमेंट्स आव साइकोफ़िज़िक्स" (इसका अंग्रेजी अनुवाद भी उपलब्ध है) नामक पुस्तक प्रकाशित की, जिसमें कि उन्होंने मनोवैज्ञानिक समस्याओं को वैज्ञानिक पद्धति के परिवेश में अध्ययन करने की तीन विशेष प्रणालियों का विधिवत् वर्णन किया: मध्य त्रुटि विधि, न्यूनतम परिवर्तन विधि तथा स्थिर उत्तेजक भेद विधि। आज भी मनोवैज्ञानिक प्रयोगशालाओं में इन्हीं प्रणालियों के आधार पर अनेक महत्वपूर्ण अनुसंधान किए जाते हैं। वैज्ञानिक मनोविज्ञान में फेक्नर के बाद दो अन्य महत्वपूर्ण नाम है: हेल्मोलत्स (1821-1894) तथा विल्हेम वुण्ट (1832-1920) हेल्मोलत्स ने अनेक प्रयोगों द्वारा दृष्टीर्द्रिय विषयक महत्वपूर्ण नियमों का प्रतिपादन किया। इस संदर्भ में उन्होंने प्रत्यक्षीकरण पर अनुसंधान कार्य द्वारा मनोविज्ञान का वैज्ञानिक अस्तित्व ऊपर उठाया। वुंट का नाम मनोविज्ञान में विशेष रूप से उल्लेखनीय है। उन्होंने सन् 1879 ई में लाइपज़िग (जर्मनी) में मनोविज्ञान की प्रथम प्रयोगशाला स्थापित की। मनोविज्ञान का औपचारिक रूप परिभाषित किया। मनोविज्ञान अनुभव का विज्ञान है, इसका उद्देश्य चेतनावस्था की प्रक्रिया के तत्त्वों का विश्लेषण, उनके परस्पर संबंधों का स्वरूप तथा उन्हें निर्धारित करनेवाले नियमों का पता लगाना है। लाइपज़िग की प्रयोगशाला में वुंट तथा उनके सहयोगियों ने मनोविज्ञान की विभिन्न समस्याओं पर उल्लेखनीय प्रयोग किए, जिसमें समयअभिक्रिया विषयक प्रयोग विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। क्रियाविज्ञान के विद्वान् हेरिंग (1834-1918), भौतिकी के विद्वान् मैख (1838-1916) तथा जी ई. म्यूलर (1850 से 1934) के नाम भी उल्लेखनीय हैं। हेरिंग घटना-क्रिया-विज्ञान के प्रमुख प्रवर्तकों में से थे और इस प्रवृत्ति का मनोविज्ञान पर प्रभाव डालने का काफी श्रेय उन्हें दिया जा सकता है। मैख ने शारीरिक परिभ्रमण के प्रत्यक्षीकरण पर अत्यंत प्रभावशाली प्रयोगात्मक अनुसंधान किए। उन्होंने साथ ही साथ आधुनिक प्रत्यक्षवाद की बुनियाद भी डाली। जीदृ ई. म्यूलर वास्तव में दर्शन तथा इतिहास के विद्यार्थी थे किंतु फेक्नर के साथ पत्रव्यवहार के फलस्वरूप उनका ध्यान मनोदैहिक समस्याओं की ओर गया। उन्होंने स्मृति तथा दृष्टींद्रिय के क्षेत्र में मनोदैहिकी विधियों द्वारा अनुसंधान कार्य किया। इसी संदर्भ में उन्होंने "जास्ट नियम" का भी पता लगाया अर्थात् अगर समान शक्ति के दो साहचर्य हों तो दुहराने के फलस्वरूप पुराना साहचर्य नए की अपेक्षा अधिक दृढ़ हो जाएगा ("जास्ट नियम" म्यूलर के एक विद्यार्थी एडाल्फ जास्ट के नाम पर है)। मनोविज्ञान पर वैज्ञानिक प्रवृत्ति के साथ साथ दर्शनशास्त्र का भी बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है। वास्तव में वैज्ञानिक परंपरा बाद में आरंभ हुई। पहले तो प्रयोग या पर्यवेक्षण के स्थान पर विचारविनिमय तथा चिंतन समस्याओं को सुलझाने की सर्वमान्य विधियाँ थीं। मनोवैज्ञानिक समस्याओं को दर्शन के परिवेश में प्रतिपादित करनेवाले विद्वानों में से कुछ के नाम उल्लेखनीय हैं। डेकार्ट (1596-1650) ने मनुष्य तथा पशुओं में भेद करते हुए बताया कि मनुष्यों में आत्मा होती है जबकि पशु केवल मशीन की भाँति काम करते हैं। आत्मा के कारण मनुष्य में इच्छाशक्ति होती है। पिट्यूटरी ग्रंथि पर शरीर तथा आत्मा परस्पर एक दूसरे को प्रभावित करते हैं। डेकार्ट के मतानुसार मनुष्य के कुछ विचार ऐसे होते हैं जिन्हे जन्मजात कहा जा सकता है। उनका अनुभव से कोई संबंध नहीं होता। लायबनीत्स (1646-1716) के मतानुसार संपूर्ण पदार्थ "मोनैड" इकाई से मिलकर बना है। उन्होंने चेतनावस्था को विभिन्न मात्राओं में विभाजित करके लगभग दो सौ वर्ष बाद आनेवाले फ्रायड के विचारों के लिये एक बुनियाद तैयार की। लॉक (1632-1704) का अनुमान था कि मनुष्य के स्वभाव को समझने के लिये विचारों के स्रोत के विषय में जानना आवश्यक है। उन्होंने विचारों के परस्पर संबंध विषयक सिद्धांत प्रतिपादित करते हुए बताया कि विचार एक तत्व की तरह होते हैं और मस्तिष्क उनका विश्लेषण करता है। उनका कहना था कि प्रत्येक वस्तु में प्राथमिक गुण स्वयं वस्तु में निहित होते हैं। गौण गुण वस्तु में निहित नहीं होते वरन् वस्तु विशेष के द्वारा उनका बोध अवश्य होता है। बर्कले (1685-1753) ने कहा कि वास्तविकता की अनुभूति पदार्थ के रूप में नहीं वरन् प्रत्यय के रूप में होती है। उन्होंने दूरी की संवेदनाके विषय में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अभिबिंदुता धुँधलेपन तथा स्वत: समायोजन की सहायता से हमें दूरी की संवेदना होती है। मस्तिष्क और पदार्थ के परस्पर संबंध के विषय में लॉक का कथन था कि पदार्थ द्वारा मस्तिष्क का बोध होता है। ह्यूम (1711-1776) ने मुख्य रूप से "विचार" तथा "अनुमान" में भेद करते हुए कहा कि विचारों की तुलना में अनुमान अधिक उत्तेजनापूर्ण तथा प्रभावशाली होते हैं। विचारों को अनुमान की प्रतिलिपि माना जा सकता है। ह्यूम ने कार्य-कारण-सिद्धांत के विषय में अपने विचार स्पष्ट करते हुए आधुनिक मनोविज्ञान को वैज्ञानिक पद्धति के निकट पहुँचाने में उल्लेखनीय सहायता प्रदान की। हार्टले (1705-1757) का नाम दैहिक मनोवैज्ञानिक दार्शनिकों में रखा जा सकता है। उनके अनुसार स्नायु-तंतुओं में हुए कंपन के आधार पर संवेदना होती है। इस विचार की पृष्ठभूमि में न्यूटन के द्वारा प्रतिपादित तथ्य थे जिनमें कहा गया था कि उत्तेजक के हटा लेने के बाद भी संवेदना होती रहती है। हार्टले ने साहचर्य विषयक नियम बताते हुए सान्निध्य के सिद्धांत पर अधिक जोर दिया। हार्टले के बाद लगभग 70 वर्ष तक साहचर्यवाद के क्षेत्र में कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं हुआ। इस बीच स्काटलैंड में रीड (1710-1796) ने वस्तुओं के प्रत्यक्षीकरण का वर्णन करते हुए बताया कि प्रत्यक्षीकरण तथा संवेदना में भेद करना आवश्यक है। किसी वस्तु विशेष के गुणों की संवेदना होती है जबकि उस संपूर्ण वस्तु का प्रत्यक्षीकरण होता है। संवेदना केवल किसी वस्तु के गुणों तक ही सीमित रहती है, किंतु प्रत्यक्षीकरण द्वारा हमें उस पूरी वस्तु का ज्ञान होता है। इसी बीच फ्रांस में कांडिलैक (1715-1780) ने अनुभववाद तथा ला मेट्री ने भौतिकवाद की प्रवृत्तियों की बुनियाद डाली। कांडिलैंक का कहना था कि संवेदन ही संपूर्ण ज्ञान का "मूल स्त्रोत" है। उन्होंने लॉक द्वारा बताए गए विचारों अथवा अनुभवों को बिल्कुल आवश्यक नहीं समझा। ला मेट्री (1709-1751) ने कहा कि विचार की उत्पत्ति मस्तिष्क तथा स्नायुमंडल के परस्पर प्रभाव के फलस्वरूप होती है। डेकार्ट की ही भाँति उन्होंने भी मनुष्य को एक मशीन की तरह माना। उनका कहना था कि शरीर तथा मस्तिष्क की भाँति आत्मा भी नाशवान् है। आधुनिक मनोविज्ञान में प्रेरकों की बुनियाद डालते हुए ला मेट्री ने बताया कि सुखप्राप्ति ही जीवन का चरम लक्ष्य है। जेम्स मिल (1773-1836) तथा बाद में उनके पुत्र जान स्टुअर्ट मिल (1806-1873) ने मानसिक रसायनी का विकास किया। इन दोनों विद्वानों ने साहचर्यवाद की प्रवृत्ति को औपचारिक रूप प्रदान किया और वुंट के लिये उपयुक्त पृष्ठभूमि तैयार की। बेन (1818-1903) के बारे में यही बात लागू होती है। कांट समस्याओं के समाधान में व्यक्तिनिष्ठावाद की विधि अपनाई कि बाह्य जगत् के प्रत्यक्षीकरण के सिद्धांत में जन्मजातवाद का समर्थन किया। हरबार्ट (1776-1841) ने मनोविज्ञान को एक स्वरूप प्रदान करने में महत्वपूण्र योगदान किया। उनके मतानुसार मनोविज्ञान अनुभववाद पर आधारित एक तात्विक, मात्रात्मक तथा विश्लेषात्मक विज्ञान है। उन्होंने मनोविज्ञान को तात्विक के स्थान पर भौतिक आधार प्रदान किया और लॉत्से (1817-1881) ने इसी दिशा में ओर आगे प्रगति की। मनोवैज्ञानिक समस्याओं के वैज्ञानिक अध्ययन का शुभारंभ उनके औपचारिक स्वरूप आने के बाद पहले से हो चुका था। सन् 1834 में वेबर ने स्पर्शेन्द्रिय संबंधी अपने प्रयोगात्मक शोधकार्य को एक पुस्तक रूप में प्रकाशित किया। सन् 1831 में फेक्नर स्वयं एकदिश धारा विद्युत् के मापन के विषय पर एक अत्यंत महत्वपूर्ण लेख प्रकाशित कर चुके थे। कुछ वर्षों बाद सन् 1847 में हेल्मो ने ऊर्जा सरंक्षण पर अपना वैज्ञानिक लेख लोगों के सामने रखा। इसके बाद सन् 1856 ई., 1860 ई. तथा 1866 ई. में उन्होंने "आप्टिक" नामक पुस्तक तीन भागों में प्रकाशित की। सन् 1851 ई. तथा सन् 1860 ई. में फेक्नर ने भी मनोवैज्ञानिक दृष्टि से दो महत्वपूर्ण ग्रंथ ('ज़ेंड आवेस्टा' तथा 'एलिमेंटे डेयर साईकोफ़िजिक') प्रकाशित किए। सन् 1858 ई में वुंट हाइडलवर्ग विश्वविद्यालय में चिकित्सा विज्ञान में डाक्टर की उपधि प्राप्त कर चुके थे और सहकारी पद पर क्रियाविज्ञान के क्षेत्र में कार्य कर रहे थे। उसी वर्ष वहाँ बॉन से हेल्मोल्त्स भी आ गए। वुंट के लिये यह संपर्क अत्यंत महत्वपूर्ण था क्योंकि इसी के बाद उन्होंने क्रियाविज्ञान छोड़कर मनोविज्ञान को अपना कार्यक्षेत्र बनाया। वुंट ने अनगिनत वैज्ञानिक लेख तथा अनेक महत्वपूर्ण पुस्तक प्रकाशित करके मनोविज्ञान को एक धुँधले एवं अस्पष्ट दार्शनिक वातावरण से बाहर निकाला। उसने केवल मनोवैज्ञानिक समस्याओं को वैज्ञानिक परिवेश में रखा और उनपर नए दृष्टिकोण से विचार एवं प्रयोग करने की प्रवृत्ति का उद्घाटन किया। उसके बाद से मनोविज्ञान को एक विज्ञान माना जाने लगा। तदनंतर जैसे जैसे मरीज वैज्ञानिक प्रक्रियाओं पर प्रयोग किए गए वैसे वैसे नई नई समस्याएँ सामने आईं। व्यवहार विषयक नियमों की खोज ही मनोविज्ञान का मुख्य ध्येय था। सैद्धांतिक स्तर पर विभिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत किए गए। सन् 1912 ई. के आसपास मनोविज्ञान के क्षेत्र में संरचनावाद, क्रियावाद, व्यवहारवाद, गेस्टाल्टवाद तथा मनोविश्लेषण आदि मुख्य मुख्य शाखाओं का विकास हुआ। इन सभी वादों के प्रवर्तक इस विषय में एकमत थे कि मनुष्य के व्यवहार का वैज्ञानिक अध्ययन ही मनोविज्ञान का उद्देश्य है। उनमें परस्पर मतभेद का विषय था कि इस उद्देश्य को प्राप्त करने का सबसे अच्छा ढंग कौन सा है। सरंचनावाद के अनुयायियों का मत था कि व्यवहार की व्याख्या के लिये उन शारीरिक संरचनाओं को समझना आवश्यक है जिनके द्वारा व्यवहार संभव होता है। क्रियावाद के माननेवालों का कहना था कि शारीरिक संरचना के स्थान पर प्रेक्षण योग्य तथा दृश्यमान व्यवहार पर अधिक जोर होना चाहिए। इसी आधार पर बाद में वाटसन ने व्यवहारवाद की स्थापना की। गेस्टाल्टवादियों ने प्रत्यक्षीकरण को व्यवहारविषयक समस्याओं का मूल आधार माना। व्यवहार में सुसंगठित रूप से व्यवस्था प्राप्त करने की प्रवृत्ति मुख्य है, ऐसा उनका मत था। फ्रायड ने मनोविश्लेषणवाद की स्थापना द्वारा यह बताने का प्रयास किया कि हमारे व्यवहार के अधिकांश कारण अचेतन प्रक्रियाओं द्वारा निर्धारित होते हैं। आधुनिक मनोविज्ञान में इन सभी "वादों" का अब एकमात्र ऐतिहासिक महत्व रह गया है। इनके स्थान पर मनोविज्ञान में अध्ययन की सुविधा के लिये विभिन्न शाखाओं का विभाजन हो गया है। प्रयोगात्मक मनोविज्ञान में मुख्य रूप से उन्हीं समस्याओं का मनोवैज्ञानिक विधि से अध्ययन किया जाने लगा जिन्हें दार्शनिक पहले चिंतन अथवा विचारविमर्श द्वारा सुलझाते थे। अर्थात् संवेदन तथा प्रत्यक्षीकरण। बाद में इसके अंतर्गत सीखने की प्रक्रियाओं का अध्ययन भी होने लगा। प्रयोगात्मक मनोविज्ञान आधुनिक मनोविज्ञान की प्राचीनतम शाखा है। मनुष्य की अपेक्षा पशुओं को अधिक नियंत्रित परिस्थितियों में रखा जा सकता है, साथ ही साथ पशुओं की शारीरिक रचना भी मनुष्य की भाँति जटिल नहीं होती। पशुओं पर प्रयोग करके व्यवहार संबंधी नियमों का ज्ञान सुगमता से हो सकता है। सन् 1912 ई. के लगभग थॉर्नडाइक ने पशुओं पर प्रयोग करके तुलनात्मक अथवा पशु मनोविज्ञान का विकास किया। किंतु पशुओं पर प्राप्त किए गए परिणाम कहाँ तक मनुष्यों के विषय में लागू हो सकते हैं, यह जानने के लिये विकासात्मक क्रम का ज्ञान भी आवश्यक था। इसके अतिरिक्त व्यवहार के नियमों का प्रतिपादन उसी दशा में संभव हो सकता है जब कि मनुष्य अथवा पशुओं के विकास का पूर्ण एवं उचित ज्ञान हो। इस संदर्भ को ध्यान में रखते हुए विकासात्मक मनोविज्ञान का जन्म हुआ। सन् 1912 ई. के कुछ ही बाद मैक्डूगल (1871-1938) के प्रयत्नों के फलस्वरूप समाज मनोविज्ञान की स्थापना हुई, यद्यपि इसकी बुनियाद समाज वैज्ञानिक हरबर्ट स्पेंसर (1820-1903) द्वारा बहुत पहले रखी जा चुकी थी। धीरे-धीरे ज्ञान की विभिन्न शाखाओं पर मनोविज्ञान का प्रभाव अनुभव किया जाने लगा। आशा व्यक्त की गई कि मनोविज्ञान अन्य विषयों की समस्याएँ सुलझाने में उपयोगी हो सकता है। साथ ही साथ, अध्ययन की जानेवाली समस्याओं के विभिन्न पक्ष सामने आए। परिणामस्वरूप मनोविज्ञान की नई नई शाखाओं का विकास होता गया। आज मनोविज्ञान की लगभग 12 शाखाएँ हैं। इनमें से कुछ ने अभी हाल में ही जन्म लिया है, जिनमें प्रेरक मनोविज्ञान, सत्तात्मक मनोविज्ञान, गणितीय मनोविज्ञान विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। आजकल रूस में अनुकूलन तथा अंतरिक्ष मनोविज्ञान में काफी काम हो रहा है। अमरीका में लगभग सभी क्षेत्रों में शोधकार्य हो रहा है। संमोहन तथा प्रेरक मनोविज्ञान में अपेक्षाकृत कुछ अधिक काम किया जा रहा है। परा-इंद्रीय प्रत्यक्षीकरण की तरफ मनोवैज्ञानिकों के सामान्य दृष्टिकोण में कोई उल्लेखनीय परिवर्तन नहीं हुआ है। आज भी इस क्षेत्र में पर्याप्त वैज्ञानिक तथ्यों एवं प्रमाणों का अभाव है। किंतु ड्यूक विश्वविद्यालय (अमरीका) में डा राईन के निदेशन में इस क्षेत्र में बराबर काम हो रहा है। एशिया में जापान मनोविज्ञान के क्षेत्र में सबसे आगे बढ़ा हुआ है। समाज मनोविज्ञान तथा प्रयोगात्मक मनोविज्ञान के साथ साथ वहाँ ज़ेन बुद्धवाद का प्रभाव भी दृष्टिगोचर होता है। .

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मनोग्रसित-बाध्यता विकार

मनोग्रसित-बाध्यता विकार से ग्रसित कुछ लोग बार-बार हाथ धोते हैं। मनोग्रसित-बाध्यता विकार (Obsessive–compulsive disorder /OCD) एक तरह का चिन्ता विकार है। इस विकार से ग्रसित व्यक्ति एक ही चीज की बार-बार जाँच करने की आवश्यकता अनुभव करता है, कुछ विशेष कामों को बार-बार करता है (जैसे बार-बार हाथ धोना), या कुछ विचार उसके मन में बार-बार आते हैं। अर्थात उस व्यक्ति में बाध्यताओं (कम्पल्सन्स) या मनोग्रस्तियों के लक्षण पाए जाते हैं। ऐसे अन्तर्वेधी (intrusive) विचार आते हैं जिनके कारण बेचैनी, डर, चिन्ता पैदा होती है। इस विकार से ग्रसित व्यक्ति जो काम प्रायः करते हैं, वे ये हैं- बार-बार हाथ धोना, बार-बार वस्तुओं को गिनना, बार-बार जाकर देखना कि दरवाजा बन्द है कि नहीं। ये क्रियाएँ वह इतनी बार करता है कि उसका दैनिक जीवन ही प्रभावित होने लगता है। प्रायः दिन भर में इन कामों में वह कम से कम एक घण्टा तो खपा ही देता है। अधिकांध वयस्क लोगों को यह लगता भी है कि ऐसा व्यवहार का कोई मतलब नहीं है। इसके प्रमुख लक्षण हैं-.

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महेंद्र सिंह धोनी

महेंद्र सिंह धोनी अथवा मानद लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह धोनी (एम एस धोनी भी) झारखंड, रांची के एक राजपूत परिवार में जन्मे पद्म भूषण, पद्म श्री और राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित भारतीय क्रिकेटर हैं। धोनी भारतीय क्रिकेटर तथा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान हैं और भारत के सबसे सफल एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कप्तान हैं। शुरुआत में एक असाधारण उज्जवल व आक्रामक बल्लेबाज़ के नाम पर जाने गए। धोनी धीरे-धीरे भारतीय एक दिवसीय के सबसे शांतचित्त कप्तानों में से जाने जाते हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने २००७ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २०, २००७-०८ कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज २००७-२००८ के सीबी सीरीज़ और बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी जीती जिसमें भारत ने ऑस्ट्रेलिया को २-० से हराया उन्होंने भारतीय टीम को श्रीलंका और न्यूजीलैंड में पहली अतिरिक्त वनडे सीरीज़ जीत दिलाई ०२ सितम्बर २०१४ को उन्होंने भारत को २४ साल बाद इंग्लैंड में वनडे सीरीज में जीत दिलाई। धोनी ने कई सम्मान भी प्राप्त किए हैं जैसे २००८ में आईसीसी वनडे प्लेयर ऑफ़ द इयर अवार्ड (प्रथम भारतीय खिलाड़ी जिन्हें ये सम्मान मिला), राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार और २००९ में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म श्री पुरस्कार साथ ही २००९ में विस्डन के सर्वप्रथम ड्रीम टेस्ट ग्यारह टीम में धोनी को कप्तान का दर्जा दिया गया। उनकी कप्तानी में भारत ने २८ साल बाद एक दिवसीय क्रिकेट विश्व कप में दुबारा जीत हासिल की। सन् २०१३ में इनकी कप्तानी में भारत पहली बार चैम्पियंस ट्रॉफी का विजेता बना। धोनी दुनिया के पहले ऐसे कप्तान बन गये जिनके पास आईसीसी के सभी कप है। इन्होंने २०१४ में टेस्ट क्रिकेट को कप्तानी के साथ अलविदा कह दिया था। इनके इस फैसले से क्रिकेट जगत स्तब्ध रह गया। धोनी लगातार दूसरी बार क्रिकेट विश्व कप में २०१५ क्रिकेट विश्व कप में भारत का नेतृत्व किया और पहली बार भारत ने सभी ग्रुप मैच जीते साथ ही इन्होंने लगातार ११ विश्व कप में मैच जीतकर नया रिकार्ड भी बनाया ये भारत के पहले ऐसे कप्तान बने जिन्होंने १०० वनडे मैच जिताए हो। और उन्होनें कहा है कि जल्द ही वो एक ऐसा कदम उठाएंगे जो किसी कप्तान ने अपने कैरियर में नहीं उठाया वो टीम को २ हिस्सों में बाटेंगे जो खिलाड़ी अच्छा नहीं खेलेगा उसे वो दूसरी टीम में डाल देंगे और जो खिलाड़ी अच्छा खेलेगा वो उसे अपनी टीम में रख लेंगे इसमें कुछ नये खिलाड़ी भी आ सकते हैं। धोनी ने ४ जनवरी २०१७ को भारतीय एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय और ट्वेन्टी-ट्वेन्टी टीम की कप्तानी छोड़ी। .

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मंजू बिष्ट

यत्र नार्यस्तु पुज्यन्ते रम्न्ते तत्र देवता: का उधगोश करने वाली हमारी भारतीय संस्कृतित मे प्राचीन काल से ही स्त्रियो को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। गार्मी, लोपामुद्रा, जीजाबाई, लक्ष्मीबाई, सरोजनी नायडू, इंद्रा गाँधी जैसे स्वानामन्ध्य विभूतियो को आज कौन नही जानता है। बात चाहे शिक्षा की हो, राजनीति, कला या फिर खेलो की हो आज भारतीय नारी हर क्षेत्र मे पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर देश के विकास मे अपनी महत्वपूर्ण बुमिका निभा रही है। आज पी॰टी॰ उषा, साईनी विलसन, करणम मलेश्वरी जेसे अनगिनत खेल प्रतिभाओ ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने महाकाव्य प्रदर्शन से हर भारतीय का माथा गर्व से उँचा कर रखा है। देवभूमि उत्तराखंड की पुण्य धरती ने भी ऐसी ही अनेक खेल प्रतिभाओ को जनम दिया है, जीनो ने देश तथा विदेश मे भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा अर्जित कर अपनी माटी के नाम देवभूमि को ध्न्य किया है। ऐसी ही एक खेल प्रहतिभा है मंजू बिष्ट। .

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मुड़मा जतरा

मुड़मा जतरा, मुड़मा नामक एक गाँव में प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाता है। मुड़मा गाँव झारखंड की राजधानी राँची से लगभग 28 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-75 पर जिसे राँची-डलटेनगंज मार्ग के नाम से भी जाना जाता है, स्थित है। यहाँ दशहरा के दसवें दिन ‘मुड़मा जतरा’ का आयोजन झारखंड के आदिवासी समुदायों के द्वारा मेला किया जाता है। यह मेला कब और कैसे प्रारम्भ हुआ इसकी कोई लिखित प्रामाणिक जानकारी उपल्ब्द्ध नहीं है लेकिन लोकगितों एवं किवदंतियों के अनुसार जनजातीय समुदाय के उराँव आदिवासी जनजाति जो की रोहतसगढ, बिहार के थे, के पलायन से जोड़कर देखा जाता है। छोटनागपुर के इतिहास के अनुसार जब मुग़लों ने रोहतसगढ़ पर आक्रमण कर अधिकार कर लिया तो वहाँ रह रहे उराँव समुदाय के लोगों को गढ़ छोड़कर भागना पड़ा था और इसी क्रम में वे सोन नदी पार कर वर्तमान पलामू होते हुए वे राँची ज़िला में प्रवेश किए जहाँ मुड़मा में इनका सामना मुंडा जनजाति के मुँड़ाओं से हुआ और जब उराँव लोगों ने अपनी व्यथा कथा मुँड़ाओं को सुनाई तब मुँड़ाओं ने इनको पश्चिम वन क्षेत्र की सफ़ाई करके वहाँ रहने की अनुमति प्रदान की थी और यह समझौता मुड़मा गाँव में हुआ था। इसलिए उराँव समुदाय के 40 पाड़हा के लोग उस ऐतिहासिक समझौते के स्मृति में ‘मुड़मा जतरा’ को आयोजित करते हैं। इस दिन सरना धर्मगुरु के अगुवाई में अधिष्ठात्री शक्ति के प्रतीक जतरा खूंटे की परिक्रमा व जतरा खूंटा की पूजा-अर्चना भी की जाती है। पाड़हा झंडे के साथ मेला स्थल पहुंचे पाहन (पुजारी) ढोल, नगाड़ा, माँदर के थाप अन्य ग्रामीणों के साथ नाचते-गाते आते हैं और मेला स्थल पर पाहन पारम्परिक रूप से सरगुजा के फूल सहित अन्य पूजन सामग्रियों के साथ देवताओं का आहवाहन करते हुए ‘जतरा खूँटा’ का पूजन करता है एवं प्रतीक स्वरूप दीप भी जलाया जाता है और इस प्रकार मेला का आरम्भ किया जाता है। इस पूजन में सफ़ेद एवं काला मुर्ग़ा की बलि भी चढ़ाई जाती है। सरना धर्मगुरु के अनुसार यह आदिवासियों का शक्ति पीठ है। आदिवासी व  मुंडा समाज का मिलन स्थल भी है। यहां सभी  समाज के लोग आते हैं। सुख-समृद्धि व शांति के लिए प्रार्थना करते  हैं।.

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मुंडा विद्रोह

मुंडा विद्रोह मुंडा जनजातियों ने 18वीं सदी से लेकर 20वीं सदी तक कई बार अंग्रेजी सरकार और भारतीय शासकों, जमींदारों के खिलाफ विद्रोह किये। बिरसा मुंडा के नेतृत्‍व में 19वीं सदी के आखिरी दशक में किया गया मुंडा विद्रोह उन्नीसवीं सदी के सर्वाधिक महत्वपूर्ण जनजातीय आंदोलनों में से एक है। इसे उलगुलान नाम से भी जाना जाता है। मुंडा विद्रोह झारखण्ड का सबसे बड़ा और अंतिम रक्ताप्लावित जनजातीय विप्लव था, जिसमे हजारों की संख्या में मुंडा आदिवासी शहीद हुए। मशहूर समाजशास्‍त्री और मानव विज्ञानी कुमार सुरेश सिंह ने बिरसा मुंडा के नेतृत्‍व में हुए इस आंदोलन पर 'बिरसा मुंडा और उनका आंदोलन' नाम से बडी महत्‍वपूर्ण पुस्‍तक लिखी है। .

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मैथन बांध

मैथन बांध भारतवर्ष के झारखंड प्रदेश में स्थित धनबाद से ५२ किमी दूर मैथन बांध दामोदर वैली कारपोरेशन का सबसे बड़ा जलाशय है। इसके आस-पास का सौंदर्य पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। बराकर नदी के ऊपर बने इस बाँध का निर्माण बाढ़ को रोकने के लिए किया गया था। बाँध के नीचे एक पावर स्‍टेशन का भी निर्माण किया गया है, जो दक्षिण पूर्व एशिया में अपने आप में आधुनिकतम तकनीक का उदाहरण माना जाता है। इसकी परिकल्पना जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इसके पास ही माँ कल्‍याणेश्‍वरी का एक अति प्राचीन मंदिर भी है। लगभग ६५ वर्ग कि॰मी॰ में फैले इस बाँध के पास एक झील भी है जहाँ नौकायन और आवासीय सुविधाएँ उपलब्‍ध है। इसके अतिरिक्त एक मृगदाव तथा पक्षी विहार भी है, जहाँ पर्यटक जंगल के प्राकृतिक सौन्‍दर्य तथा विभिन्‍न किस्‍म के पशु-पक्षियों को देख सकते है। १५,७१२ फीट लंबे और १६५ फीट ऊँचे इस बाँध से ६०,००० किलोवाट बिजली का उत्‍पादन होता है। वैसे य़े इलाका नक्सली प्रभावित भी है----इसलिए जाने से पहले थोड़ा सावधान .

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मैथिली भाषा

मैथिली भारत के उत्तरी बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा है। यह हिन्द आर्य परिवार की सदस्य है। इसका प्रमुख स्रोत संस्कृत भाषा है जिसके शब्द "तत्सम" वा "तद्भव" रूप में मैथिली में प्रयुक्त होते हैं। यह भाषा बोलने और सुनने में बहुत ही मोहक लगता है। मैथिली भारत में मुख्य रूप से दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, शिवहर, भागलपुर, मधेपुरा, अररिया, सुपौल, वैशाली, सहरसा, रांची, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद और देवघर जिलों में बोली जाती है| नेपाल के आठ जिलों धनुषा,सिरहा,सुनसरी, सरलाही, सप्तरी, मोहतरी,मोरंग और रौतहट में भी यह बोली जाती है। बँगला, असमिया और ओड़िया के साथ साथ इसकी उत्पत्ति मागधी प्राकृत से हुई है। कुछ अंशों में ये बंगला और कुछ अंशों में हिंदी से मिलती जुलती है। वर्ष २००३ में मैथिली भाषा को भारतीय संविधान की ८वीं अनुसूची में सम्मिलित किया गया। सन २००७ में नेपाल के अन्तरिम संविधान में इसे एक क्षेत्रीय भाषा के रूप में स्थान दिया गया है। .

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मैकलुस्कीगंज

पुरा नाम अर्नेस्ट टिमोथी मैकलुस्की (McCluskie) था। पेशे से मैकलुस्की कलकत्ता में एक संपत्ति डीलर था। वह शिकार के लिए इस क्षेत्र में कुछ गांवों का दौरा करता था और उसनें हरहु नामक स्थान पर एक अस्थायी मकान बनाया। उनके दोस्त पीपी साहिब रातू महाराजा संपत्ति के प्रबंधक के रूप में काम किया और यह पीपी, जो महाराजा को आश्वस्त कर मैकलुस्की के लिए भूमि पट्टे का इंतजाम करवाया। रातू महाराजा से पट्टे पर 10,000 एकड़ जमीन अर्नेस्ट टिमोथी मैकलुस्की को मिली। इस क्रम में 1933 में, मैकलुस्की ने कोलोनोईजेशन सोसायटी ऑफ इंडिया लिमिटेड का गठन किया गया था और महाराजा के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह निर्णय लिया गया कि एंग्लो भारतीयों नौ गांवों में उन गांवों के मूलवासियों के जमीनों और संपत्ति पर कब्जा नही करेगें और नदी, नालों, पहाडो़ पर एंग्लो भारतीयों का कोई हक नही होगा। Colonisation सोसायटी Harhu, Duli, Ramdagga, Konka, Lapra, Hesalong, Mayapur, Mohulia और Baseria के गांवों में भूमि प्रसार के 10,000 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया। समाज के एक कंपनी के रूप में पंजीकृत किया गया था और एंग्लो भारतीयों को नई कॉलोनी में बसने की कामना के लिए शेयरों की बिक्री शुरू कर दिया.

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मूरी

मूरी भारत के झारखंड प्रांत का एक प्रमुख शहर है। श्रेणी:झारखंड श्रेणी:झारखंड के शहर.

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मोनू कुमार

मोनू कुमार (जन्म ०५ नवंबर १९९४) एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी है इन्होंने ३ जनवरी २०१६ को २०१५-१६ की सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में झारखंड के लिए अपने ट्वेन्टी-ट्वेन्टी कैरियर की शुरुआत की । जबकि इससे पहले इन्होंने २०१४ में अंडर -१९ क्रिकेट विश्व कप के लिए भारत की टीम का हिस्सा थे। इसके अलावा इन्हें जनवरी २०१८ में, २०१८ इंडियन प्रीमियर लीग की नीलामी में चेन्नई सुपर किंग्स ने खरीदा। .

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मीनू मसानी

मीनू मसानी (मिनोचेर रुस्तम मसानी; Minocheher Rustom Masani) (20 नवम्बर 1905 - 27 मई 1998), भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी, राजनेता, पत्रकार, लेखक एवं सांसद थे। वे दूसरे, तीसरे तथा चौथे लोकसभा चुनावों में राजकोट से सांसद चुने गये। वे उदारवादी आर्थिक नीति के पक्षधर थे। उन्होने 1950 में लोकतांत्रिक शोध संगठन की स्थापना की। इसी संगठन की ओर से 1952 में उदारवादी विचारधारा के लिए मासिक पत्रिका 'फ्रीडम फस्र्ट' का प्रकाशन किया गया। मसानी ने इस पत्रिका को नीतिगत निर्णयों एवं प्रासंगिक राष्ट्रीय, वैश्‍विक विषयों पर गूढ़ विश्लेषण प्रस्तुत करने का माध्यम बनाया। 70 वर्षीय मीनू मसानी सक्रिय राजनीति से अवकाश लेकर पत्रकारिता और लेखन में लगे थे, तभी भारत में आपातकाल की घोषणा हो गयी, प्रेस पर सेंसरशिप लागू कर दी गयी और मसानी के पुराने सहयोगियों को जेल में डाल दिया गया। मीनू मसानी ने प्रेस की आजादी के लिए डट कर संघर्ष किया और आपातकाल के दौरान भी मीनू मसानी ने अपनी पत्रिका में सरकार की नीतियों का विरोध जारी रखा। .

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यतीन्द्र मोहन सेनगुप्त

यतीन्द्र मोहन सेनगुप्त (बांग्ला उच्चारण: जतीन्द्र मोहन सेनगुप्त; १८८५-१९३३) भारत के एक क्रान्तिकारी थे जिन्होने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध संघर्ष किया। ब्रितानी पुलिस ने उन्हें अनेकों बार गिरफ्तार किया। उनकी मृत्यु जेल के अन्दर ही (राँची में) हुई। उनकी पत्नी नेली सेनगुप्त, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं। श्रेणी:भारतीय क्रांतिकारी.

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रणजी ट्रॉफी 2016-17 ग्रुप सी

रणजी ट्रॉफी 2016-17 की रणजी ट्रॉफी, भारत में प्रथम श्रेणी क्रिकेट टूर्नामेंट के 83 वें मौसम है। यह तीन समूहों में विभाजित 28 टीमों ने चुनाव लड़ा जा रहा है। ग्रुप ए और बी नौ टीमों का समावेश है और ग्रुप सी दस टीमों के शामिल हैं। .

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रणजी ट्रॉफी ग्रुप बी 2017-18

रणजी ट्रॉफी 2017-18 भारत की प्रथम श्रेणी क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी का 84 वां सत्र है। यह 28 टीमों द्वारा चार समूहों में विभाजित किया जा रहा है, जिनमें से प्रत्येक में सात टीम हैं। .

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राँची जिला

राँची भारतीय राज्य झारखंड का एक जिला है। जिले का मुख्यालय राँची है। क्षेत्रफल - 7574.17 वर्ग कि.मी.

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राँची विश्वविद्यालय

राँची विश्वविद्यालय झारखंड और भारत का एक प्रमुख शिक्षण संस्थान है। इस विश्वविद्यालय का मुख्य परिसार राँची में है और सिंहभूम तथा राँची जिले में इसके ३५ से ज्यादा अंगीभूत कालेज हैं। रांची विश्वविद्यालय की स्थापना १० जुलाई १९६० को की गयी थी। .

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राँची विश्ववविद्यालय

राँची विश्वविद्यालय झारखंड और भारत का एक प्रमुख शिक्षण संस्थान है, विश्वविद्यालय का मुख्य परिसार राँची में है और सिंहभूम तथा राँची जिले में इसके 70 से ज्यादा अंगीभूत कालेज हैं। .

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राम दयाल मुंडा

आरडी मुंडा के नाम से पूरी दुनिया में लोकप्रिय राम दयाल मुंडा (23 अगस्त 1939-30 सितंबर 2011) भारत के एक प्रमुख बौद्धिक और सांस्कृतिक शख्सियत थे। आदिवासी अधिकारों के लिए रांची, पटना, दिल्ली से लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों तक उन्होंने आवाज उठायी, दुनिया के आदिवासी समुदायों को संगठित किया और देश व अपने गृहराज्य झारखंड में जमीनी सांस्कृतिक आंदोलनों को नेतृत्व प्रदान किया। 2007 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी का सम्मान मिला, तो 22 मार्च 2010 में राज्यसभा के सांसद बनाए गए और 2010 में ही वे पद्मश्री से सम्मानित हुए। भारत सरकार ने बहुत उपेक्षा के बाद जब उन्हें सम्मान दिया तब तक कैंसर ने उन्हें जकड़ लिया था जिससे उनके सपने अधूरे रह गए। वे रांची विश्वविद्यालय, रांची के कुलपति भी रहे। उनका निधन कैंसर से 30 सितंबर शुक्रवार, 2011 को हुआ। .

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रामकृष्ण मिशन विवेकानंद विश्वविद्यालय

रामकृष्ण मिशन विवेकानन्द विश्वविद्यालय रामकृष्ण मिशन द्वारा संचालित एक विश्वविद्यालय है। भारत सरकार ने यूजीसी अधिनियम १९५६ की धारा ३ के अन्तर्गत इसे मानित विश्वविद्यालय घोषित किया है। इसके चार प्रांगण (कैम्पस) हैं जो बेलूड़, पश्चिम बंगाल, कोयंबटूर, राँची तथा नरेन्द्रपुर में स्थित हैं। यह विश्वविद्यालय विभिन्न विषयों की शिक्षा देता है जिनमें ग्रामीण एवं जनजाति विकास से लेकर अपंगता प्रबन्धन तथा विशेष शिक्षा, मूलभूत विज्ञान, भारतीय संस्कृति तथा आध्यात्मिक विरासत आदि सम्मिलित हैं। .

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राष्ट्रीय मनोचिकत्सा संस्थान

सेंट्रल इंस्टीटयूट ऑफ साइकियेट्री झारखंड प्रान्त के राँची में काँके स्थित एक प्रमुख मानसिक आरोग्यशाला और शोध संस्थान है। श्रेणी:राँची श्रेणी:झारखंड श्रेणी:संस्थान श्रेणी:चिकित्सा श्रेणी:शिक्षण संस्थान.

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राष्ट्रीय राजमार्ग ३३

३५२ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग पूर्वी भारत में बरही के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 2 से निकलकर राँची के रास्ते बहाराघोरा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 6 में मिल जाता है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सदस्यों की सूची

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) एक केंद्र-दक्षिणपंथी राजनीतिक गठबंधन है। इसका नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) करती है। २०१५ के अनुसार, यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय संसद का सत्तारूढ़ गठबंधन है, और १३ राज्यों पर राज करता है। राजग का निर्माण १९९८ के आम चुनावों में भाजपा द्वारा किया गया था; इसमें भाजपा के तत्कालीन सहयोगी दलों (जैसे समता पार्टी, शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना) के अलावा ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम और बीजू जनता दल शामिल थे। इन क्षेत्रीय दलों में केवल एक शिवसेना ही थी, जिसकी विचारधारा भाजपा की विचारधारा के समान थी। गठबंधन पहली बार केन्द्र में सत्ता पर १९९८ के आम चुनाव के बाद आया, और २००४ तक शासन किया। सितंबर २०१५ की स्थिति के अनुसार, राजग में पैंतीस सदस्य दल है (उनमें से दो राजनीतिक मोर्चे हैं और एक संगठन है), जिसमें से भाजपा एकमात्र राष्ट्रीय दल है। तेरह राजग सदस्यों (शिवसेना, तेलुगु देशम पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, ऑल इंडिया एन॰आर॰ कांग्रेस, नागा पीपुल्स फ्रंट, लोक जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, देसिया मुरपोक्कु द्रविड़ कड़गम, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन, नेशनल पीपुल्स पार्टी, और पाट्टाली मक्कल कॉची) को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा "राज्यीय दल" का दर्जा दिया गया है। सितंबर २०१५ की स्थिति के अनुसार, राजग के पास लोकसभा और राज्यसभा में क्रमानुसार ३३७ और ६४ सदस्य हैं। .

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राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (रा.इ.सू.प्रौ.सं./) (पूर्वतन डीओईएसीसी सोसाइटी), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डी ई आई टी वाई), संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत एक स्वायत्त वैज्ञानिक संस्था है। इसकी स्थापना सूचना, इलेक्ट्रॉनिकी एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईइसीटी) के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास तथा संबंधित कार्यकलाप करने के लिए की गई थी। रा.इ.सू.प्रौ.सं.

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राहुल त्रिपाठी

राहुल त्रिपाठी (जन्म २ मार्च १९९१) एक भारतीय प्रथम श्रेणी क्रिकेट खिलाड़ी हैं जो महाराष्ट्र के लिए खेलते हैं। फरवरी २०१७ में, इन्हें २०१७ इंडियन प्रीमियर लीग में १० लाख रुपये में राइजिंग पुणे सुपरजायंट टीम द्वारा खरीदे गए थे। जनवरी २०१८ में, इन्हें २०१८ इंडियन प्रीमियर लीग की नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने खरीदा। .

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राजदीप सरदेसाई

राजदीप सरदेसाई (राजदीप सरदेसाई) (जन्म 24 मई 1965) एक भारतीय पत्रकार, राजनीतिक टीकाकार एवं समाचार प्रस्तुतकर्ता हैं। .

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राजधानी एक्स्प्रेस

राजधानी एक्सप्रेस भारतीय रेल की एक पैसेंजर रेल सेवा है जो भारत की राजधानी दिल्ली को देश के विभिन्न राज्यों की राजधानी को जोड़ता है। .

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राजभवन (झारखण्ड)

राजभवन रांची भारत के झारखण्ड राज्य के राज्यपाल का आधिकारिक आवास है। यह राज्य की राजधानी राँची में स्थित है। द्रौपदी मुर्मू यहाँ की वर्तमान राज्यपाल हैं। .

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राजेन्द्र चिकित्सा विज्ञान संस्थान

राजेन्द्र चिकित्सा विज्ञान संस्थान (Rajendra Institute of Medical Sciences / RIMS), राँची का एक चिकित्सा संस्थान है जो राजेन्द्र चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (RMCH) को उन्नत करके १५ अगस्त २००२ को बनाया गया। .

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रांची राजधानी एक्स्प्रेस २४३९ अप

रांची राजधानी एक्स्प्रेस (ट्रेन संख्या: 2439) भारतीय रेल की एक राजधानी एक्स्प्रेस रेलगाड़ी है। यह रांची (स्टेशन कोड: RNC) से 05:30PM बजे छूटती है। यह ट्रेन नई दिल्ली (स्टेशन कोड: NDLS) पर 11:00AM बजे पहुंचती है। यह ट्रेन रविवार, बुधवार, के दिन चलती है। इसका कुल यात्रा का समय 17 घंटे 30 मिनट है। श्रेणी:राजधानी रेल.

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रांची राजधानी एक्स्प्रेस २४४० डाउन

रांची राजधानी एक्स्प्रेस (ट्रेन संख्या: 2440) भारतीय रेल की एक राजधानी एक्स्प्रेस रेलगाड़ी है। यह नई दिल्ली (स्टेशन कोड: NDLS) से 04:10PM बजे छूटती है। यह ट्रेन रांची (स्टेशन कोड: RNC) पर 09:20AM बजे पहुंचती है। यह ट्रेन मंगलवार, शुक्रवार, के दिन चलती है। इसका कुल यात्रा का समय 17 घंटे 10 मिनट है। श्रेणी:रेल.

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रांची राजधानी एक्स्प्रेस २४५३ अप

रांची राजधानी एक्स्प्रेस (ट्रेन संख्या: 2453) भारतीय रेल की एक राजधानी एक्स्प्रेस रेलगाड़ी है। यह रांची (स्टेशन कोड: RNC) से 05:10PM बजे छूटती है। यह ट्रेन नई दिल्ली (स्टेशन कोड: NDLS) पर 11:00AM बजे पहुंचती है। यह ट्रेन मंगलवार, के दिन चलती है। इसका कुल यात्रा का समय 17 घंटे 50 मिनट है। श्रेणी:राजधानी रेल.

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रांची राजधानी एक्स्प्रेस २४५४ डाउन

रांची राजधानी एक्स्प्रेस (ट्रेन संख्या: 2454) भारतीय रेल की एक राजधानी एक्स्प्रेस रेलगाड़ी है। यह नई दिल्ली (स्टेशन कोड: NDLS) से 04:10PM बजे छूटती है। यह ट्रेन रांची (स्टेशन कोड: RNC) पर 10:25AM बजे पहुंचती है। यह ट्रेन रविवार, के दिन चलती है। इसका कुल यात्रा का समय 18 घंटे 15 मिनट है। श्रेणी:राजधानी रेल.

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रांची विश्वविद्यालय

रांची विश्वविद्यालय, भारत के झारखंड राज्य में स्थित एक विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना सन् १९८३ में हुई थी। इसका मुख्यालय झारखण्ड की राजधानी रांची में है। .

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रुद्रावतार

रुद्रावतार भगवान् शिव (रूद्र) के अवतारों को कहा जाता है। शास्त्र अनुसार महादेव के २८ अवतार हुए थे उनमें भी १० प्रमुख है । .

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लालू प्रसाद यादव

लालू प्रसाद यादव (जन्म: 11 जून 1948) भारत के बिहार राज्य के राजनेता व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष हैं। वे 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। बाद में उन्हें 2004 से 2009 तक केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में रेल मन्त्री का कार्यभार सौंपा गया। जबकि वे 15वीं लोक सभा में सारण (बिहार) से सांसद थे उन्हें बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में रांची स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अदालत ने पांच साल कारावास की सजा सुनाई थी। इस सजा के लिए उन्हें बिरसा मुण्डा केन्द्रीय कारागार रांची में रखा गया था। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के विशेष न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रखा जबकि उन पर कथित चारा घोटाले में भ्रष्टाचार का गम्भीर आरोप सिद्ध हो चुका था। 3 अक्टूबर 2013 को न्यायालय ने उन्हें पाँच साल की कैद और पच्चीस लाख रुपये के जुर्माने की सजा दी। दो महीने तक जेल में रहने के बाद 13 दिसम्बर को लालू प्रसाद को सुप्रीम कोर्ट से बेल मिली। यादव और जनता दल यूनाइटेड नेता जगदीश शर्मा को घोटाला मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद लोक सभा से अयोग्य ठहराया गया। इसके बाद राँची जेल में सजा भुगत रहे लालू प्रसाद यादव की लोक सभा की सदस्यता समाप्त कर दी गयी। चुनाव के नये नियमों के अनुसार लालू प्रसाद अब 11 साल तक लोक सभा चुनाव नहीं लड़ पायेंगे। लोक सभा के महासचिव ने यादव को सदन की सदस्यता के अयोग्य ठहराये जाने की अधिसूचना जारी कर दी। इस अधिसूचना के बाद संसद की सदस्यता गँवाने वाले लालू प्रसाद यादव भारतीय इतिहास में लोक सभा के पहले सांसद हो गये हैं। .

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लाख (लाह)

लाख, या लाह संस्कृत के ' लाक्षा ' शब्द से व्युत्पन्न समझा जाता है। संभवत: लाखों कीड़ों से उत्पन्न होने के कारण इसका नाम लाक्षा पड़ा था। लाख एक प्राकृतिक राल है बाकी सब राल कृत्रिम हैं। इसी कारण इसे 'प्रकृति का वरदान' कहते हैं। लाख के कीट अत्यन्त सूक्ष्म होते हैं तथा अपने शरीर से लाख उत्पन्न करके हमें आर्थिक सहायता प्रदान करते हैं। वैज्ञानिक भाषा में लाख को 'लेसिफर लाखा' कहा जाता है। 'लाख' शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के 'लक्ष' शब्द से हुई है, संभवतः इसका कारण मादा कोष से अनगिनत (अर्थात् लक्ष) शिशु कीड़ों का निकलना है। लगभग 34 हजार लाख के कीड़े एक किग्रा.

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शताब्दी एक्स्प्रेस

सवारी यान (पैसेंजर कार) के अंदर का एक दृश्य शताब्दी एक्सप्रेस रेलगाड़ियाँ तेज चलने वाली सवारी गाड़ियों की एक शृंखला है जिसका परिचालन भारतीय रेल करती है जो भारत के बड़े, महत्वपूर्ण एवं व्यवसायिक शहरों को आपस में जोड़ती है। शताब्दी एक्सप्रेस का परिचालन दिन के समय होता है एवं ये अपने मूलस्थान एवं गंत्व्य की यात्रा एक दिन में ही पूरी कर लेती हैं। .

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शराब

सफेद मदिरा लाल मदिरा मदिरा, सुरा या शराब अल्कोहलीय पेय पदार्थ है। रम, विस्की, चूलईया, महुआ, ब्रांडी, जीन, बीयर, हंड़िया, आदि सभी एक है क्योंकि सबमें अल्कोहल होता है। हाँ, इनमें एलकोहल की मात्रा और नशा लाने कि अपेक्षित क्षमता अलग-अलग जरूर होती है परन्तु सभी को हम 'शराब' ही कहते है। कभी-कभी लोग हड़िया या बीयर को शराब से अलग समझते हैं जो कि बिलकुल गलत है। दोनों में एल्कोहल तो होता ही है। शराब अक्सर हमारे समाज में आनन्द के लिए पी जाती है। ज्यादातर शुरूआत दोस्तों के प्रभाव या दबाव के कारण होता है और बाद में भी कई अन्य कारणों से लोग इसका सेवन जारी रखते है। जैसे- बोरियत मिटाने के लिए, खुशी मनाने के लिए, अवसाद में, चिन्ता में, तीव्र क्रोध या आवेग आने पर, आत्माविश्वास लाने के लिए या मूड बनाने के लिए आदि। इसके अतिरिक्त शराब के सेवन को कई समाज में धार्मिक व अन्य सामाजिक अनुष्ठानों से भी जोड़ा जाता है। परन्तु कोई भी समाज या धर्म इसके दुरूपयोग की स्वीकृति नहीं देता है। .

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शक्ति मोहन

शक्ति मोहन (अंग्रेजी: Shakti Mohan) भारत से एक समकालीन नर्तकी है। वह ज़ी टीवी के नृत्य रियलिटी शो डांस इंडिया डांस (सीज़न 2) की विजेता रही थी। शक्ति ने ज़ी टीवी से 50 लाख का नकद पुरस्कार और एक सुजुकी वैगनार जीता। शक्ति तीस मार खान् फिल्म के शीर्षक गीत के वीडियो पर संक्षिप्त उपस्थित है। वह दैनिक ओपेरा चैनल वी पर दिल दोस्ती डांस पर क्रिया निभाती है और दुनिया भर के विभिन्न शो में प्रदर्शन करती है। .

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श्याम रुद्र पाठक

'''श्याम रूद्र पाठक''' श्याम रुद्र पाठक भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यकर्ता हैं। वे 'न्याय एवं विकास अभियान' नामक अभियान के संयोजक है। .

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श्रीलंका क्रिकेट टीम का भारत दौरा 2014-15

वेतन विवाद के कारण वेस्ट इंडीज के भारत दौरे के परित्याग होने के बाद श्रीलंका क्रिकेट टीम ने भारत को 30 अक्टूबर से 16 नवंबर 2014 तक पांच वनडे के लिए खेले। भारत ने एकदिवसीय श्रृंखला में 5-0 से सीरीज जीती और अपने चौथे व्हॉइट वाश से हराया। यह श्रीलंका के पहले 0-5 से हार गया है। चौथे एकदिवसीय मैच में, भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा ने 264 रन बनाकर एक वनडे में सर्वाधिक स्कोर के लिए एक नया रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने इस पारी में 33 चौके लगाए जो एक विश्व रिकॉर्ड भी है। .

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शेर सिंह राणा

समशेर सिंह राणा उर्फ़ पंकज सिंह (जन्म:17 मई 1976) डकैत से सांसद बनी फूलन देवी की हत्या की। शेर सिंह राणा का जन्म 17 मई 1976 को उत्तराखंड के रुड़की में हुआ था। .

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सन्मार्ग (पत्र)

सन्मार्ग भारत का हिन्दी भाषा का प्रमुख समाचार पत्र है जो वाराणसी, कोलकाता, पटना, राँची एवं भुवनेश्वर से प्रकाशित होता है। इसके संस्थापक स्वामी करपात्री जी थे। नन्दनानंद सरस्वती इसके सम्पादक थे। यह अखिल भारतीय रामराज्य परिषद के मुखपत्र के रूप में शुरू हुआ था। सन्मार्ग कलकत्ता से १८ अप्रैल १९४८ को प्रकाशित हुआ। प्रबुद्ध वर्ग का आकर्षण इस पत्र के प्रति अधिक रहा। विशेषत: जब यह पत्र पं॰ अनन्त प्रसाद मिश्र के सम्पादन में निकला था, उसका राजनीतिक ही नहीं साहित्यिक स्तर भी उन्नत हुआ। `सन्मार्ग' के वर्तमान सम्पादक हैं-राम अवतार गुप्त। पहले इसका प्रकाशन स्वामी करपात्री जी के आशीर्वाद से वाराणसी से हुआ था और बाद में कलकत्ता से संस्करण निकला। आजकल कलकत्ता संस्कण ही मुख्य पत्र बन गया है। .

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सबसे सघन आबादी वाले शहर

FE-India-Map-2014.jpg भारत के घनी आबादी वाले शहरों भारत के सबसे घनी आबादी वाले शहरों की सूची .

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समस्तीपुर

समस्तीपुर भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त में दरभंगा प्रमंडल स्थित एक शहर एवं जिला है। समस्तीपुर के उत्तर में दरभंगा, दक्षिण में गंगा नदी और पटना जिला, पश्चिम में मुजफ्फरपुर एवं वैशाली, तथा पूर्व में बेगूसराय एवं खगड़िया जिले है। यहाँ शिक्षा का माध्यम हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी है लेकिन बोल-चाल में बज्जिका और मैथिली बोली जाती है। मिथिला क्षेत्र के परिधि पर स्थित यह जिला उपजाऊ कृषि प्रदेश है। समस्तीपुर पूर्व मध्य रेलवे का मंडल भी है। समस्तीपुर को मिथिला का प्रवेशद्वार भी कहा जाता है। .

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सरायकेला खरसांवां

इस जिले में तीन लोकसभा के क्षेत्रों का हिस्सा आता है जिनमें रांची, सिंहभूम एवं खूंटी शामिल हैं। श्रेणी:झारखंड श्रेणी:झारखंड के शहर.

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सिमडेगा

सिमडेगा भारत में झारखंड प्रान्त का एक जिला है। यह राज्य के दक्षिण पश्चिम हिस्से में स्थित है। भौगोलिक रूप से यह उत्तर में गुमला, पूर्व में राँची एवं पश्चिमी सिंहभूम, दक्षिण में उड़ीसा, एवं पश्चिम में छत्तीसगढ से घिरा है। जिले का कुल क्षेत्रफल लगभग 3768.13 वर्ग किमी है। यहाँ की ज्यादातर आबादी, लगभग 71 प्रतिशत अनुसूचित जनजातियों की है जो झारखंड में किसी भी जिले से ज्यादा है। सिमडेगा जिले में दस प्रखंड हैं जिनमें - सिमडेगा, कोलेबिरा, बांसजोर, कुरडेग, केरसई, बोलबा, पाकरटांड, ठेठईटांगर, बानो एवं जलडेगा शामिल हैं। वैसे तो पूरा सिमडेगा जिला ही प्राकृतिक दृष्टि से पर्यटन क्षेत्र की तरह है, क्योंकि यह पूरी तरह से प्राकृति की गोद में बसा है, फिर भी सिमडेगा जिले के प्रमुख स्थल हैं - केलाघाघ डैम, अनजान शाह पीर बाबा, रामरेखा धाम, केतुन्गा धाम। इसके अलवा यहाँ हरीयाली, नदी, डैम, झरने, के लिहाज से पूरा सिमडेगा ही पर्यटन स्थल है। मेहनती किसान, यहाँ के लोग, यहाँ की संस्कृति काफी अलग और सुंदर है। .

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सिंदरी

अवलोकन सिंदरी धनबाद झारखंड राज्य के धनबाद जिला के नगरपालिका सीमा के भीतर एक औद्योगिक नगरी है। जल्दी औद्योगिक भारत में यहाँ कल्पना - सिंदरी अच्छी तरह से एक बड़ी उर्वरक कारखाना (FCIL, 2002 में बंद भारत का उर्वरक निगम) की वजह से जाना जाता था। यह भी जाना जाता था एसोसिएटेड सीमेंट कंपनी (एसीसी), इंडियन आयरन एंड स्टील कंपनी (इस्को) है, जो स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा किया गया है पर ले लिया की कोयला खान जैसे यहां स्थित कुछ अन्य कंपनियों के लिए सेल और परियोजनाओं और विकास इंडिया लिमिटेड पीडीआईएल, पूर्व योजना एवं विकास प्रभाग भारत कोकिंग कोल लिमिटेड की एक सहायक कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड के FCIL और कोयला खान के.

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सुनील मुखी

सुनील मुखी एक भारतीय सैध्दांतिक भौतिक शास्त्री हैं जो स्ट्रिंग सिद्धांत, क्वांटम क्षेत्र सिद्धान्त और कण भौतिकी के क्षेत्र में काम करते हैं। .

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सुबोधकांत सहाय

'"रामटहल चौधरी' भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं, एवं झारखंड के राँची लोकसभा क्षेत्र काचौदसोलहवीं लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन श्रेणी:सांसद श्रेणी:झारखंड श्रेणी:राँची.

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सुषमा सिंह

सुषमा सिंह (जन्म 22 मई 1949) भारत की महिला मुख्य सूचना आयुक्त रह चुकी हैं। वे यह पद संभालने वाली भारत की दूसरी महिला हैं।22 मई 2014 को उनकी सेवानिवृति के बाद अब इस पद पर राजीव माथुर कार्यरत हैं। .

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सुवर्णरेखा नदी

सुवर्णरेखा या स्वर्णरेखा भारत के झारखंड प्रदेश में बहने वाली एक पहाड़ी नदी है। यह राँची नगर से 16 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित नगड़ी गाँव में रानी चुआं नामक स्थान से निकलती है और उत्तर पूर्व की ओर बढ़ती हुई मुख्य पठार को छोड़कर प्रपात के रूप में गिरती है। इस प्रपात (झरना) को हुन्डरु जलप्रपात (hundrughagh) कहते हैं। प्रपात के रूप में गिरने के बाद नदी का बहाव पूर्व की ओर हो जाता है और मानभूम जिले के तीन संगम बिंदुओं के आगे यह दक्षिण पूर्व की ओर मुड़कर सिंहभूम में बहती हुई उत्तर पश्चिम से मिदनापुर जिले में प्रविष्टि होती है। इस जिले के पश्चिमी भूभाग के जंगलों में बहती हुई बालेश्वर जिले में पहुँचती है। यह पूर्व पश्चिम की ओर टेढ़ी-मेढ़ी बहती हुई बालेश्वर नामक स्थान पर बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इस नदी की कुल लंबाई 474 किलोमीटर है और लगभग 28928 वर्ग किलोमीटर का जल निकास इसके द्वारा होता है। इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ काँची एवं कर्कारी हैं। भारत का प्रसिद्ध एवं पहला लोहे तथा इस्पात का कारखाना इसके किनारे स्थापित हुआ। कारखाने के संस्थापक जमशेद जी टाटा के नाम पर बसा यहाँ का नगर जमशेदपुर या टाटानगर कहा जाता है। अपने मुहाने से ऊपर की ओर यह 16 मील तक देशी नावों के लिए नौगम्य (navigable) है। श्रेणी:भारत की नदियाँ श्रेणी:झारखंड.

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सुंदरराजन पद्मनाभन

जनरल सुंदरराजन पद्मनाभन पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम (५ दिसंबर १९४० को तिरुवनंतपुरम, त्रावणकोर में जन्म), भारतीय सेना के पूर्व सेनाध्यक्ष हैं । जनरल पद्मनाभन ३० सितंबर २००० को जनरल वी पी मलिक के उत्तराधिकारी बने। उन्होंने चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। १९५६ में पद्मनाभन ने भारतीय राष्ट्रीय सैन्य कॉलेज में शिक्षा ग्रहण की। बाद में पद्मनाभन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल हो गए और १९५९ में आर्टिलरी के रेजिमेंट में दाखिला लिया । उन्होंने दिसंबर १९८८ से फरवरी १९९१ तक रांची, बिहार और पंजाब में एक इन्फैंट्री ब्रिगेड का नेतृत्व किया और उन्हें मार्च १९९१ से अगस्त १९९२ तक पंजाब के एक इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने सितंबर १९९२ से जून १९९३ तक चीफ ऑफ स्टाफ, III कोर के रूप में कार्य किया । लेफ्टिनेंट जनरल पद पर पदोन्नति के बाद, वह जुलाई १९९३ से फरवरी १९९५ तक कश्मीर घाटी में XV कोर के कमांडर थे। यह उनके कार्यकाल के दौरान XV कोर कमांडर के रूप में सेना ने कश्मीर में आतंकवादियों पर बड़ी विजय प्राप्त की । उन्हें XV कॉर्प्स कमांडर के रूप में उनकी सेवाओं के लिए अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) से सम्मानित किया गया था। जनरल पद्मनाभन ने १९९६ ने उधमपुर में उत्तरी कमान के जीओसी-इन-सी के रूप में पदभार संभालने के बाद महानिदेशक सैन्य (खुफिया) (डीजीएमआई) पद पर नियुक्ति हुई । १९९६ को सेनाध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने से पहले, वह दक्षिणी कमान के जीओसी-इन-सी थे। वह ३१ दिसंबर २००२ को प्रतिष्ठित सैन्य सेवा से ४३ साल से अधिक पूरा करने के बाद सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने दो किताबें लिखी हैं। वे वर्तमान में चेन्नई में निवास करते है। .

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स्पिरिट एअर (भारत)

स्पिरिट एअर (भारत) एक चार्टर एयरलाइन है जो संचालन बेंगलुरु और कोलकाता से करती है। यह फिलहाल बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा मे सेवाएँ प्रदान करती है। यह दक्षिण भारत मे विस्तार करना चाहती है। यह संचालन के लिए सेसस्ना 172 विमान का उपयोग करती है। .

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स्वलीनता

स्वलीनता (ऑटिज़्म) मस्तिष्क के विकास के दौरान होने वाला विकार है जो व्यक्ति के सामाजिक व्यवहार और संपर्क को प्रभावित करता है। हिन्दी में इसे 'आत्मविमोह' और 'स्वपरायणता' भी कहते हैं। इससे प्रभावित व्यक्ति, सीमित और दोहराव युक्त व्यवहार करता है जैसे एक ही काम को बार-बार दोहराना। यह सब बच्चे के तीन साल होने से पहले ही शुरु हो जाता है।। हिन्दुस्तान लाइव।।७ अक्तूबर, २००९। डॉ अरूण कुमार (मनोवैज्ञानिक) इन लक्षणों का समुच्चय (सेट) आत्मविमोह को हल्के (कम प्रभावी) आत्मविमोह स्पेक्ट्रम विकार (ASD) से अलग करता है, जैसे एस्पर्जर सिंड्रोम। ऑटिज़्म एक मानसिक रोग है जिसके लक्षण जन्म से ही या बाल्यावस्था से नज़र आने लगतें हैं। जिन बच्चो में यह रोग होता है उनका विकास अन्य बच्चो की अपेक्षा असामान्य होता है। .

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सूर्य मंदिर, रांची

रांची से ३९ किलोमीटर की दूरी पर रांची -टाटा रोड पर स्थित यह सूर्य मंदिर बुंडू के समीप है। संगमरमर से निर्मित इस मंदिर का निर्माण १८ पहियों और ७ घोड़ों के रथ पर विद्यमान भगवान सूर्य के रूप में किया गाया है।२५ जनवरी को टुसू मेला के अवसर पर यहाँ विशेष मेले का आयोजन होता है। श्रधालुओं के विश्राम के लिए यहाँ एक धर्मशाला का निर्माण भी किया गया है। श्रेणी:सूर्य मंदिर.

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सेंट जेवियर्स कालेज

कोई विवरण नहीं।

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सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड

राँची स्थित '''दरभंगा भवन''' जो सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड का मुख्यालय है। सेण्ट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (Central Coalfields Limited (CCL)), कोल इण्डिया लिमिटेड की सहायक कम्पनी है जो भारत के केन्द्रीय प्रभाग की खानों का प्रबन्धन करती है। इसका मुख्यालय 'दरभंगा भवन' राँची, झारखण्ड है। सेन्ट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड वर्ष 2007 से श्रेणी 1 मिनीरत्न कंपनी है। वर्ष 2009-10 के दौरान कंपनी का कोयला उत्पादन उच्चतम स्तर 47.08 मिलियन टन पहुंच गया तथा पेड-अप कैपिटल रू० 940 करोड़ के विरूद्घ नेटवर्थ रू० 2644 करोड़ हो गया। सीसीएल की स्‍थापना (सर्वप्रथम एनसीडीसी लिमिटेड) एक नवम्बर 1975 को सीआईएल की पांच सहायक कंपनियों में सेएक सहायक कंपनी के रूप में हुई। कोलइंडिया लिमिटेड कोयला हेतु देश की प्रथम नियंत्रक कंपनी है। अभी सीआईएल की आठ सहायक कम्पनियॉं हैं। .

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सीवान

सीवान या सिवान भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त में सारन प्रमंडल के अंतर्गत एक जिला तथा शहर है। यह बिहार के उत्तर पश्चिमी छोर पर उत्तर प्रदेश का सीमावर्ती जिला है। जिला मुख्यालय सिवान शहर दाहा नदी के किनारे बसा है। इसके उत्तर तथा पूर्व में क्रमश: बिहार का गोपालगंज तथा सारण जिला तथा दक्षिण एवं पश्चिम में क्रमश: उत्तर प्रदेश का देवरिया और बलिया जिला है। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा॰ राजेन्द्र प्रसाद तथा कई अग्रणी स्वतंत्रता सेनानियों की जन्मभूमि एवं कर्मस्थली के लिए सिवान को जाना जाता है। .

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हर्षवर्धन नियोतिया

हर्षवर्धन नियोतिया (जन्म: 19 जुलाई 1961), अंबुजा नियोतिया ग्रुप के अध्यक्ष हैं। उन्हें वर्ष 2016 के लिए भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) का अध्यक्ष चुना गया है। सामाजिक आवास में उनके उत्कृष्ट पहल के लिए इन्हें वर्ष 1999 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। इसके पूर्व वे फिक्की के वरिष्ठ उपाध्यक्ष थे। नियोतिया राजस्थान की मुख्यमंत्री की सलाहकार परिषद और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के उद्योग प्रमुख समिति के सदस्य भी हैं। .

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हाजीपुर

हाजीपुर (Hajipur) भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त के वैशाली जिला का मुख्यालय है। हाजीपुर भारत की संसदीय व्यवस्था के अन्तर्गत एक लोकसभा क्षेत्र भी है। 12 अक्टुबर 1972 को मुजफ्फरपुर से अलग होकर वैशाली के स्वतंत्र जिला बनने के बाद हाजीपुर इसका मुख्यालय बना। ऐतिहासिक महत्त्व के होने के अलावा आज यह शहर भारतीय रेल के पूर्व-मध्य रेलवे मुख्यालय है, इसकी स्थापना 8 सितम्बर 1996 को हुई थी।, राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों तथा केले, आम और लीची के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। .

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हिन्दुस्तान (समाचार पत्र)

दैनिक हिन्दुस्तान हिन्दी का दैनिक समाचार पत्र है। यह १९३२ में शुरु हुआ था। इसका उद्घाटन महात्मा गांधी ने किया था। १९४२ का भारत छोड़ो आन्दोलन छिड़ने पर `हिन्दुस्तान' लगभग ६ माह तक बन्द रहा। यह सेंसरशिप के विरोध में था। एक अग्रलेख पर ६ हजार रुपये की जमानत माँगी गई। देश के स्वाधीन होने तक `हिन्दुस्तान का मुख्य राष्ट्रीय आन्दोलन को बढ़ावा देना था। इसे महात्मा गाँधी व काँग्रेस का अनुयायी पत्र माना जाता था। गाँधी-सुभाष पत्र व्यवहार को हिन्दुस्तान' से अविकल रूप से प्रकाशित किया। हिन्दुस्तान' में क्रांतिकारी यशपाल की कहानी कई सप्ताह तक रोचक दर से प्रकाशित हुई। राजस्थान में राजशाही के विरुद्ध आंदोलनों के समाचार इस पत्र में प्रमुखता से प्रकाशित होते रहे। हैदराबाद सत्याग्रह का पूर्ण `हिन्दुस्तान' ने समर्थन किया। देवदास गाँधी के मार्गदर्शन में इस पत्र ने उच्च आदर्शों को अपने साथ रखा और पत्रकारिता की स्वस्थ परम्पराएँ स्थापितकी। गाँधीजी के प्रार्थना प्रवचन पं जवाहरलाल नेहरू व सरदार वल्लभ भाई पटेल के भाषण अविकल रूप से `हिन्दुस्तान' में छपते रहे। दैनिक `हिन्दुस्तान' का पटना (बिहार) से भी संस्करण प्रकाशित हो रहा है। .

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हिन्दी पत्रिकाएँ

हिन्दी पत्रिकाएँ सामाजिक व्‍यवस्‍था के लिए चतुर्थ स्‍तम्‍भ का कार्य करती हैं और अपनी बात को मनवाने के लिए एवं अपने पक्ष में साफ-सूथरा वातावरण तैयार करने में सदैव अमोघ अस्‍त्र का कार्य करती है। हिन्दी के विविध आन्‍दोलन और साहित्‍यिक प्रवृत्तियाँ एवं अन्‍य सामाजिक गतिविधियों को सक्रिय करने में हिन्दी पत्रिकाओं की अग्रणी भूमिका रही है।; प्रमुख हिन्दी पत्रिकाएँ- .

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हिन्दी समाचारपत्रों की सूची

इंटरनेट एवं प्रिंट दोनो पर उपलब्ध हिन्दी समाचार पत्र.

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हुन्डरु जलप्रपात

हुन्डरु जलप्रपात राँची से लगभग २८ किलोमीटर दूर सुवर्णरेखा नदी पर स्थित है। .

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हैवी इंजीनियरिंग कार्पोरेशन

हैवी इंजीनियरिंग कार्पोरेशन लि. (Heavy Engineering Corporation) भारत का सार्वजनिक क्षेत्र का एक उपक्रम है। यह राँची के निकट हटिया के पास स्थित है। इसे सबसे बड़े एकीकृत इंजीनियरिंग औद्योगिक कॉम्प्लेक्स के साथ उत्कृष्ट अभिकल्प, इंजीनियरिंग तथा उत्पादन सुविधा के आधार के रूप में वर्ष 1958 में स्थापित किया गया। कम्पनी में कास्टिंग और फोर्जिंग, फोर्जिंग, फैब्रिकेशन, मशीनिंग, असेम्बली, तथा परीक्षण आदि समस्त सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध हैं जो सशक्त डिजाईन - इंजीनियरिंग तथा टेक्नॉलाजी टीम द्वारा संचालित होती है। .

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जमशेदपुर

जमशेदपुर जिसका दूसरा नाम टाटानगर भी है, भारत के झारखंड राज्य का एक शहर है। यह झारखंड के दक्षिणी हिस्से में स्थित पूर्वी सिंहभूम जिले का हिस्सा है। जमशेदपुर की स्थापना को पारसी व्यवसायी जमशेदजी नौशरवान जी टाटा के नाम से जोड़ा जाता है। १९०७ में टाटा आयरन ऐंड स्टील कंपनी (टिस्को) की स्थापना से इस शहर की बुनियाद पड़ी। इससे पहले यह साकची नामक एक आदिवासी गाँव हुआ करता था। यहाँ की मिट्टी काली होने के कारण यहाँ पहला रेलवे-स्टेशन कालीमाटी के नाम से बना जिसे बाद में बदलकर टाटानगर कर दिया गया। खनिज पदार्थों की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता और खड़कई तथा सुवर्णरेखा नदी के आसानी से उपलब्ध पानी, तथा कोलकाता से नजदीकी के कारण यहाँ आज के आधुनिक शहर का पहला बीज बोया गया। जमशेदपुर आज भारत के सबसे प्रगतिशील औद्योगिक नगरों में से एक है। टाटा घराने की कई कंपनियों के उत्पादन इकाई जैसे टिस्को, टाटा मोटर्स, टिस्कॉन, टिन्पलेट, टिमकन, ट्यूब डिवीजन, इत्यादि यहाँ कार्यरत है। .

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ज़ोनल टी-20 लीग 2018

2017-18 ज़ोनल टी-20 लीग भारत में एक आगामी ट्वेंटी 20 क्रिकेट प्रतियोगिता है यह 7 से 16 जनवरी 2018 तक खेला जाने वाला है। जनवरी और फरवरी 2017 में आयोजित 2016-17 इंटर स्टेट ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट के बाद यह टूर्नामेंट का दूसरा संस्करण होगा। .

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जेट कनेक्ट

जेट कनेक्ट के रूप में संचालित जेटलाइट (पूर्व नाम: एयर सहारा) मुंबई, भारत में आधारित एक वायुसेवा थी। रीडिफ.कॉम, 16 अप्रैल 2007 इसे पहले जेट एयर वेज़ कनेक्ट के नाम से जाना जाता था, जेट लाईट इंडिया लिमिटेड का एक व्यावसायिक नाम है। यह मुंबई में स्थित एक विमानन सेवा है जिस पर की जेट एयरवेज का मालिकाना हक़ है। यह विमान सेवा भारत के सभी मेट्रोपोल शहरों को जोड़ने के लिए नियमित उड़ान सेवाएँ प्रदान करती है। .

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विधान सभा

विधान सभा या वैधानिक सभा जिसे भारत के विभिन्न राज्यों में निचला सदन(द्विसदनीय राज्यों में) या सोल हाउस (एक सदनीय राज्यों में) भी कहा जाता है। दिल्ली व पुडुचेरी नामक दो केंद्र शासित राज्यों में भी इसी नाम का प्रयोग निचले सदन के लिए किया जाता है। 7 द्विसदनीय राज्यों में ऊपरी सदन को विधान परिषद कहा जाता है। विधान सभा के सदस्य राज्यों के लोगों के प्रत्यक्ष प्रतिनिधि होते हैं क्योंकि उन्हें किसी एक राज्य के 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के नागरिकों द्वारा सीधे तौर पर चुना जाता है। इसके अधिकतम आकार को भारत के संविधान के द्वारा निर्धारित किया गया है जिसमें 500 से अधिक व् 60 से कम सदस्य नहीं हो सकते। हालाँकि विधान सभा का आकार 60 सदस्यों से कम हो सकता है संसद के एक अधिनियम के द्वारा: जैसे गोवा, सिक्किम, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी। कुछ राज्यों में राज्यपाल 1 सदस्य को अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त कर सकता है, उदा० ऐंग्लो इंडियन समुदाय अगर उसे लगता है कि सदन में अल्पसंख्यकों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। राज्यपाल के द्वारा चुने गए या नियुक्त को विधान सभा सदस्य या MLA कहा जाता है। प्रत्येक विधान सभा का कार्यकाल पाँच वर्षों का होता है जिसके बाद पुनः चुनाव होता है। आपातकाल के दौरान, इसके सत्र को बढ़ाया जा सकता है या इसे भंग किया जा सकता है। विधान सभा का एक सत्र वैसे तो पाँच वर्षों का होता है पर लेकिन मुख्यमंत्री के अनुरोध पर राज्यपाल द्वारा इसे पाँच साल से पहले भी भंग किया जा सकता है। विधानसभा का सत्र आपातकाल के दौरान बढ़ाया जा सकता है लेकिन एक समय में केवल छः महीनों के लिए। विधान सभा को बहुमत प्राप्त या गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाने पर भी भंग किया जा सकता है। .

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वंदना टेटे

वंदना टेटे (जन्मः 13 सितम्बर 1969) एक भारतीय आदिवासी लेखिका, कवि, प्रकाशक, एक्टिविस्ट और आदिवासी दर्शन ‘आदिवासियत’ की प्रबल पैरोकार हैं। सामुदायिक आदिवासी जीवनदर्शन एवं सौंदर्यबोध को अपने लेखन और देश भर के साहित्यिक व अकादमिक संगोष्ठियों में दिए गए वक्तव्यों के जरिए उन्होंने आदिवासी विमर्श को नया आवेग प्रदान किया है। आदिवासियत की वैचारिकी और सौंदर्यबोध को कलाभिव्यक्तियों का मूल तत्व मानते हुए उन्होंने आदिवासी साहित्य को ‘प्रतिरोध का साहित्य’ की बजाय ‘रचाव और बचाव’ का साहित्य कहा है। आदिवासी साहित्य की दार्शनिक अवधारणा प्रस्तुत करते हुए उनकी स्थापना है कि आदिवासियों की साहित्यिक परंपरा औपनिवेशिक और ब्राह्मणवादी शब्दावलियों और विचारों से बिल्कुल भिन्न है। आदिवासी जीवनदृष्टि पक्ष-प्रतिपक्ष को स्वीकार नहीं करता। आदिवासियों की दृष्टि समतामूलक है और उनके समुदायों में व्यक्ति केन्द्रित और शक्ति संरचना के किसी भी रूप का कोई स्थान नहीं है। वे आदिवासी साहित्य का ‘लोक’ और ‘शिष्ट’ साहित्य के रूप में विभाजन को भी नकारती हैं और कहती हैं कि आदिवासी समाज में समानता सर्वोपरि है, इसलिए उनका साहित्य भी विभाजित नहीं है। वह एक ही है। वे अपने साहित्य को ‘ऑरेचर’ कहती हैं। ऑरेचर अर्थात् ऑरल लिटरेचर। उनकी स्थापना है कि उनके आज का लिखित साहित्य भी उनकी वाचिक यानी पुरखा (लोक) साहित्य की परंपरा का ही साहित्य है। उनकी यह भी स्थापना है कि गैर-आदिवासियों द्वारा आदिवासियों पर रिसर्च करके लिखी जा रही रचनाएं शोध साहित्य है, आदिवासी साहित्य नहीं। आदिवासियत को नहीं समझने वाले हिंदी-अंग्रेजी के लेखक आदिवासी साहित्य लिख भी नहीं सकते। .

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व्यसन

व्यसन या आसक्ति (Addiction) की विशेषता है कि दुष्परिणामों के बावजूद व्यक्ति को ड्रग/अल्कोहल की बाध्यकारी लत लग जाती है। व्यसन को एक जीर्ण मानसिक रोग भी कह सकते हैं। मादक द्रव्य वैसे पदार्थ को कहते हैं जिनके सेवन से नशे का अनुभव होता है तथा लगातार सेवन करने से व्यक्ति उसका आदी बन जाता है। हमारे समाज में कई प्रकार के मादक द्रव्यों का प्रचलन है जैसे- शराब, ह्वीस्की, रम, बीयर, महुआ, हंड़िया आदि सामाजिक मान्यता प्राप्त वैध पदार्थ हैं। अनेक अवैध पदार्थ भी काफी प्रचलित हैं जैसे- भाँग, गांजा, चरस, हेरोइन, ब्राउन सुगर तथा कोकिन आदि। डाक्टरों द्वारा नींद के लिए या चिन्ता या तनाव के लिए लिखी दवाइयों का उपयोग भी मादक द्रव्यों के रूप में होता है। तम्बाकूयुक्त पदार्थ जैसे सिगरेट, खैनी, जर्दा, गुटखा, बीड़ी आदि भी इनके अन्तर्गत आते हैं। इनके अलावे कुछ पदार्थों का भी प्रचलन देखा जाता है जैसे- कफ सीरप, फेन्सीडिल या कोरेक्स का सेवन। वाष्पशील विलायक (वोलाटाइल सोलवेन्ट) यानि वैसे रासायनिक पदार्थों का सेवन जिनके वाष्प को श्वास द्वारा खींचने पर शराब के नशे से मिलता-जुलता असर होता है, जैसे-पेट्रोल, नेल पॉलिश रिमूभर, पेन्ट्स, ड्राई क्लीनींग सोल्यूसन आदि भी मादक पदार्थ हैं। .

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वैशाली

वैशाली बिहार प्रान्त के वैशाली जिला में स्थित एक गाँव है। ऐतिहासिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध यह गाँव मुजफ्फरपुर से अलग होकर १२ अक्टुबर १९७२ को वैशाली के जिला बनने पर इसका मुख्यालय हाजीपुर बनाया गया। वज्जिका यहाँ की मुख्य भाषा है। ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार वैशाली में ही विश्व का सबसे पहला गणतंत्र यानि "रिपब्लिक" कायम किया गया था। भगवान महावीर की जन्म स्थली होने के कारण जैन धर्म के मतावलम्बियों के लिए वैशाली एक पवित्र स्थल है। भगवान बुद्ध का इस धरती पर तीन बार आगमन हुआ, यह उनकी कर्म भूमि भी थी। महात्मा बुद्ध के समय सोलह महाजनपदों में वैशाली का स्थान मगध के समान महत्त्वपूर्ण था। अतिमहत्त्वपूर्ण बौद्ध एवं जैन स्थल होने के अलावा यह जगह पौराणिक हिन्दू तीर्थ एवं पाटलीपुत्र जैसे ऐतिहासिक स्थल के निकट है। मशहूर राजनर्तकी और नगरवधू आम्रपाली भी यहीं की थी| आज वैशाली पर्यटकों के लिए भी बहुत ही लोकप्रिय स्थान है। वैशाली में आज दूसरे देशों के कई मंदिर भी बने हुए हैं। .

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वैशाली जिला

वैशाली (Vaishali) बिहार प्रान्त के तिरहुत प्रमंडल का एक जिला है। मुजफ्फरपुर से अलग होकर १२ अक्टुबर १९७२ को वैशाली एक अलग जिला बना। वैशाली जिले का मुख्यालय हाजीपुर में है। बज्जिका तथा हिन्दी यहाँ की मुख्य भाषा है। ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार वैशाली में ही विश्व का सबसे पहला गणतंत्र यानि "रिपब्लिक" कायम किया गया था। वैशाली जिला भगवान महावीर की जन्म स्थली होने के कारण जैन धर्म के मतावलम्बियों के लिए एक पवित्र नगरी है। भगवान बुद्ध का इस धरती पर तीन बार आगमन हुआ। भगवान बुद्ध के समय सोलह महाजनपदों में वैशाली का स्थान मगध के समान महत्त्वपूर्ण था। ऐतिहासिक महत्त्व के होने के अलावे आज यह जिला राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों तथा केले, आम और लीची के उत्पादन के लिए भी जाना जाता है। .

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खड़िया आदिवासी

खड़िया महिला खड़िया, मध्य भारत की एक जनजाति है। यह जनजाति आस्ट्रालॉयड मानव-समूह का अंग है और इनकी भाषा आस्ट्रिक भाषा परिवार की आस्ट्रोएशियाटिक शाखा के मुंडा समूह में आती है। जनसंख्या की दृष्टि से मुंडा समूह में संताली, मुंडारी और हो के बाद खड़िया का स्थान है। खड़िया आदिवासियों का निवास मध्य भारत के पठारी भाग में है, जहाँ ऊँची पहाड़ियाँ, घने जंगल और पहाड़ी नदियाँ तथा झरने हैं। इन पहाड़ों की तराइयों में, जंगलों के बीच समतल भागों और ढलानों में इनकी घनी आबादी है। इनके साथ आदिवासियों के अतिरिक्त कुछ दूसरी सदान जातियाँ तुरी, चीक बड़ाईक, लोहरा, कुम्हार, घाँसी, गोंड, भोगता आदि भी बसी हुई हैं। खड़िया समुदाय मुख्यतः एक ग्रामीण खेतिहर समुदाय है। इसका एक हिस्सा आहार-संग्रह अवस्था में है। शिकार, मधु, रेशम के कोये, रस्सी और फल तथा जंगली कन्दों पर इनकी जीविका आधारित है। जंगल साफ करके खेती द्वारा गांदेली, मडुवा, उरद, धन आदि पैदा कर लेते हैं। .

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खनिज

विभिन्न प्रकार के खनिज खनिज ऐसे भौतिक पदार्थ हैं जो खान से खोद कर निकाले जाते हैं। कुछ उपयोगी खनिज पदार्थों के नाम हैं - लोहा, अभ्रक, कोयला, बॉक्साइट (जिससे अलुमिनियम बनता है), नमक (पाकिस्तान व भारत के अनेक क्षेत्रों में खान से नमक निकाला जाता है!), जस्ता, चूना पत्थर इत्यादि। .

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खूँटी

खूँटी भारत के झारखंड प्रांत का एक जिला है। .

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गढवा

गढवा भारत में झारखंड प्रान्त का एक जिला है। गढवा जिले का निर्माण पलामू के आठ प्रखंडो को मिलाकर 1 अप्रैल 1991 को किया गया जो पलामू के दक्षिण पश्चिम हिस्से में स्थित थे। गढवा के उत्तर में सोन नदी बहती है जो इसे छत्तीसगढ से अलग करती है, पूर्व में पलामू है और पश्चिम में छत्तीसगढ का सरगुजा जिला तथा उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिला है। गढवा के प्रखंडों में गढवा सहित- मेरेल, रंका, भंडरिया, मझियांव, नगर-ऊँटारी, भवनाथपुर एवं धुरकी शामिल थे। बाद में इन्हीं प्रखंडों में से छह और नये प्रखंड सृजित किए गए जिनमें दंदई, चिनिया, रमना, रमकंदा एवं कंदी शामिल थे। .

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गोएयर

गो-एयर(GoAir) भारत की कम कीमत वाली विमान सेवा है। मई २०१३ के शेयर गणना के अनुसार यह भारत की पांचवी सबसे बड़ी विमानन सेवा है। इस सेवा का प्रारंभ नवम्बर २००५ से शुरू हुआ। यह २१ शहरों में दिन भर की १०० तथा सप्ताह की ७५० उड़ानों द्वारा घरेलू विमानन सेवा प्रदान करता है। इस पर वाडिया समूह का स्वामित्व है। .

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गोपालगंज

गोपालगंज भारत के बिहार राज्य में सारन प्रमंडल अंतर्गत एक शहर एवं जिला है। गंडक नदी के पश्चिमी तट पर बसा यह भोजपुरी भाषी जिला ईंख उत्पादन के लिए जाना जाता है। मध्यकाल में चेरों राजाओं तथा अंग्रेजों के समय यह हथुवा राज का केंद्र रहा है। राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख, बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री एवं भूतपूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद का गृह जिला है। थावे स्थित दुर्गा मंदिर एवं दिघवा दुबौली प्रमुख दर्शनीय स्थल है। गोपालगंज उत्तर बिहार का अंतिम जिला है। जो उत्तर प्रदेस के सिमा के समीप है। .

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गोविन्दपुर झखराहा

गोविन्दपुर झखराहा भारत में बिहार राज्य के ऐतिहासिक वैशाली जिलान्तर्गत एक छोटा गाँव है। निकटस्थ शहर एवं जिला मुख्यालय हाजीपुर से यह गाँव १३ किलोमीटर पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवस्थित है। सघन आबादी वाले इस कृषिप्रधान गाँव में बज्जिका बोली जाती है लेकिन शिक्षा का माध्यम हिंदी और उर्दू है। लगभग १ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र वाले इस छोटे से गाँव की वर्तमान जनसंख्या लगभग 1800 है। .

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ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम का भारत दौरा 2013-14

ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम ने 10 अक्टूबर से 2 नवंबर 2013 के बीच भारत का दौरा किया, जिसमें ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच और भारत के खिलाफ सात मैचों की एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय श्रृंखला थी। चल रहे पीठ की चोट के कारण, ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर माइकल क्लार्क को कैलम फर्ग्यूसन ने स्थान दिया और जॉर्ज बेली ने टीम का नेतृत्व किया। दूसरे एकदिवसीय मैच के दौरान, पहले पांच आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने पचास या उससे ज्यादा अंक हासिल किए, एक ऐसी उपलब्धि जो कि कोई भी टीम पहले कभी नहीं कर पाई थी। दूसरे मैच में, भारत ने 360 रनों का लक्ष्य जीतने का पीछा किया, जिससे यह एक वनडे मैच जीतने के लिए दूसरे सबसे ज्यादा रन का पीछा कर रहा था। दो हफ्ते बाद छठे मैच में, भारत ने ऑस्ट्रेलिया के कुल 350 रनों का पीछा करते हुए एक गेम जीतने के लिए तीसरे सबसे अधिक रन-का पीछा करने का प्रयास किया। यह एक संयोग है कि ऑस्ट्रेलिया के लिए एक ही टीम के खिलाफ सभी तीन उच्चतम रनों का सामना किया गया है। सातवें और अंतिम मैच में, भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा एकदिवसीय क्रिकेट में दोहरे शतक बनाने वाले तीसरे खिलाड़ी बने, जब उन्होंने 158 गेंदों में 209 रन बनाए। उनकी पारी में 16 छक्के शामिल थे, जिसने ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर शेन वॉटसन के 15 रनों के पिछले रिकॉर्ड को हराया था। .

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ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम का भारत दौरा 2017

ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम सितंबर और अक्टूबर 2017 में भारत का दौरा करने के लिए पांच एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (वनडे) और तीन ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय (टी20ई) मैचों खेलने के लिए निर्धारित है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सितंबर 2017 में पूर्ण तिथियों की पुष्टि की। एकदिवसीय के आगे, ऑस्ट्रेलिया ने भारत के बोर्ड अध्यक्ष इलेवन के खिलाफ 50-ओवर वार्म-अप मैच खेले, साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने 103 रन बनाकर जीत दर्ज की। भारत ने एकदिवसीय श्रृंखला 4-1 जीती और आईसीसी वनडे चैम्पियनशिप के शीर्ष पर लौट आया। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की नई खेल स्थितियों के अनुसार, इस श्रृंखला में टी20ई मैच में पहली बार अंपायर डिसिजन रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) का इस्तेमाल किया गया था। ट्वेंटी-20 श्रृंखला 1-1 से ड्रॉ की गई थी, जिसके कारण बारिश और गीला आउटफील्ड के कारण तीसरे मैच को बुलाया गया था। .

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ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम का भारत दौरा 2016-17

भारत और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के बीच चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला २३ फ़रवरी से २९ मार्च तक रखी गयी जिसका पहला मुकाबला २३ फरवरी को पुणे में खेला गया था।भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने अक्टूबर २०१६ में दौरे की तारीखों की पुष्टि की थी।  .

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आधिकारिक आवास

सामान्य रूप में आधिकारिक आवास किसी अधिकार या पद के साथ मिलनेवाले आवास को कहते है। लेकिन सार्वभौमिक रूप से, किसी देश के राष्ट्रप्रमुख, शासनप्रमुख, राज्यपाल या अन्य वरिष्ठ पद के निवासस्थान को "आधिकारिक आवास" कहते है। निम्नलिखित दुनिया के आधिकारिक आवासों की सूची है। सूची का प्रारूप इस प्रकार है.

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आज

आज हिन्दी भाषा का एक दैनिक समाचार पत्र है। इस समय `आज' वाराणसी, कानपुर, गोरखपुर, पटना, इलाहाबाद, तथा रांची से प्रकाशित हो रहा है। .

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इंग्लैंड क्रिकेट टीम का भारत दौरा 2012-13

इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने 30 अक्टूबर 2012 से 27 जनवरी 2013 तक भारत का दौरा किया। इस दौरे में चार टेस्ट मैचों, पांच एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और दो ट्वेंटी 20 अंतरराष्ट्रीय मैच शामिल थे। दौरे से पहले, संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल ग्लोबल क्रिकेट अकादमी में 26 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया था। इंग्लैंड की टीम ट्वेंटी-20 श्रृंखला के बाद यूनाइटेड किंगडम लौटे और एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय श्रृंखला के लिए नए साल में लौट गई। मध्यकालीन अवधि के दौरान, भारत ने पाकिस्तान को दो टी20ई और तीन वनडे के लिए मेजबान किया। दौरे के समापन पर, अंग्रेजी टीम ने न्यूजीलैंड की यात्रा की। 1984-85 के दौरे के बाद इंग्लैंड की 2-1 टेस्ट श्रृंखला जीत भारत में पहली श्रृंखला जीत थी। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने कहा कि सीरीज की जीत ऑस्ट्रेलिया में 2010-11 की एशेज श्रृंखला की जीत से बड़ा थी। उन्होंने एलेस्टर कुक के बारे में कहा कि "उन्होंने कई वर्षों में इंग्लैंड को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है"। 23 दिसंबर 2012 को, सचिन तेंदुलकर ने वनडे क्रिकेट से अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की। .

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काँके

काँके बाँध काँके झारखण्ड के राँची जिले का एक कस्बा है। यहाँ पर एक विशाल जलाशय है जिसे 'कांके बांध' कहते हैं। इसी से राँची शहर को जल आपूर्ति की जाती है। यहाँ का केन्द्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान प्रसिद्ध है। इसके अतिरिक्त यहाँ बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, कोयला प्रबन्धन संस्थान, पशुचिकित्सा संस्थान एवं कुछ अन्य संस्थान स्थित हैं। रांची रेलवे स्टेशन से कांके डैम की दूरी पांच किलोमीटर है। श्रेणी:झारखण्ड का भूगोल.

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कामिल बुल्के

फादर कामिल बुल्के (अंग्रेजी: Father Kamil Bulcke) (1 सितंबर 1909 – 17 अगस्त 1982) बेल्जियम से भारत आये एक मिशनरी थे। भारत आकर मृत्युपर्यंत हिंदी, तुलसी और वाल्मीकि के भक्त रहे। इन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन 1974 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। .

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कृष्ण भारद्वाज

कृष्ण भारद्वाज एक भारतीय टीवी कलाकार हैं। उनका जन्म रांची, झारखंड में हुआ था। उन्होंने कई टीवी धारावाहिकों जैसे जसुबेन जयंतीलाल जोशी की ज्वाइंट फॅमिली, सुख बाई चांस, आर के लक्ष्मण की दुनिया और पिया बसंती रे में प्रमुख भूमिकायें अदा की हैं। कृष्ण ने "आई गेस" (2013) व "वन नाइट स्टैंड" जैसी कुछ लघु फिल्मों में भी अभिनय किया है। संप्रति कृष्ण सब टीवी पर प्रसारित धारावाहिक तेनाली रामा में शीर्षक भूमिका निभा रहे हैं। यह धारावाहिक १६वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य में राजा कृष्णदेव राय के दरबारी कवि और विदूषक रामकृष्ण से संबंधित लोक साहित्य व किवदंतियों पर आधारित है। अपने ग्राम तेनाली के नाम से प्रसिद्ध रामकृष्ण अपनी कुशाग्र बुद्धि और विनोद के कारण आज भी याद किये जाते हैं। भारद्वाज को इस भूमिका के लिये अपना सर भी मुंडाना पड़ा।.

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केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण

केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण भारतीय संसद द्वारा 1985 में पारित प्रशासनिक न्यायाधिकरण अधिनियम, केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (Central Administrative tribunal या CAT/कैट)) और राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण की स्थापना के लिए केंद्र सरकार को अधिकृत करता है। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण की प्रमुख पीठ (बेंच) दिल्ली में है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न राज्यों में अतिरिक्त पीठें भी हैं। वर्तमान में 17 नियमित पीठ और ३० डिविजन बेंच हैं। कैट में एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य सदस्य शामिल हैं। इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। न्यायिक और प्रशासनिक क्षेत्रों से कैट के सदस्यों की नियुक्ति होती है। सेवा की अवधि 5 वर्ष या अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए 65 वर्ष और सदस्यों के लिए 62 वर्ष जो भी पहले हो, तक होती है। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या कैट का कोई भी अन्य सदस्य अपने कार्यकाल के बीच में ही अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेज सकता है। केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण के पास निम्नलिखित सेवा क्षेत्र के मामलों में अधिकार है.

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केन्द्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान

केन्द्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान, राँची केन्द्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान (Central institute of Psychiatry) झारखण्ड की राजधानी राँची के पास काँके में स्थित भारत का मानसिक स्वास्थ्य का प्रमुख संस्थान है। है। यह भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा नियंत्रित है। इसकी स्थापना ब्रिटिश राज के समय १७ मई १९१८ को हुई थी और उस समय इसका नाम 'राँची यूरोपियन लुनैटिक एसाइलम' (Ranchi European Lunatic Asylum) था। यहाँ केवल यूरोपीय मानसिक रोगियों की चिकित्सा की जाती थी। .

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केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना

केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (Central Government Health Scheme (CGHS)) भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित एक स्वास्थ्य योजना है। यह १९५४ में आरम्भ किया गया था। इसका उद्देश्य भारत के केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों, पेंशनधारियों, तथा उनके आश्रितों को सम्पूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना है। यह सेवा निम्नलिखित नगरों में उपलब्ध है- .

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केन्द्रीय खान योजना एवं डिजाइन संस्थान

केन्द्रीय खान योजना एवं डिजाइन संस्थान (सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इन्स्टीच्यूट(सीएमपीडीआई)) भारत सरकार का एक उद्यम है, जिसका कारपोरेट मुख्यालय रांची में स्थित है। यह कोल इंडिया की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी है एवं यह एक अनुसूची-बी कंपनी है। वर्ष 2009 के मई से यह एक मिनीरत्न (श्रेणी-२) कंपनी है, तथा वर्ष 1998 के मार्च में इसे आईएसओ 9001 प्रमाण पत्र दिया गया है। .

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अदिति गुप्ता (मेंस्ट्रूपीडिया)

अदिति गुप्ता 'मेंस्ट्रूपीडिया' वेबसाइट की संस्थापक हैं.

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अबुल कलाम आज़ाद

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद या अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन (11 नवंबर, 1888 - 22 फरवरी, 1958) एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे। वे कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत की आजादी के वाद वे एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक रहे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतो का समर्थन करते थे। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए कार्य किया, तथा वे अलग मुस्लिम राष्ट्र (पाकिस्तान) के सिद्धांत का विरोध करने वाले मुस्लिम नेताओ में से थे। खिलाफत आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। 1923 में वे भारतीय नेशनल काग्रेंस के सबसे कम उम्र के प्रेसीडेंट बने। वे 1940 और 1945 के बीच काग्रेंस के प्रेसीडेंट रहे। आजादी के वाद वे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर जिले से 1952 में सांसद चुने गए और वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने। वे धारासन सत्याग्रह के अहम इन्कलाबी (क्रांतिकारी) थे। वे 1940-45 के बीट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे जिस दौरान भारत छोड़ो आन्दोलन हुआ था। कांग्रेस के अन्य प्रमुख नेताओं की तरह उन्हें भी तीन साल जेल में बिताने पड़े थे। स्वतंत्रता के बाद वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना में उनके सबसे अविस्मरणीय कार्यों में से एक था। .

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अश्विनी कुमार पंकज

अश्विनी कुमार पंकज (जन्मः 9 अगस्त 1965) एक भारतीय कवि, कथाकार, उपन्यासकार, पत्रकार, नाटककार, रंगकर्मी और आंदोलनकारी संस्कृतिकर्मी हैं। वे हिन्दी और झारखंड की देशज भाषा नागपुरी में लिखते हैं और रंगमंच एवं प्रदर्श्यकारी कलाओं की त्रैमासिक पत्रिका ‘रंगवार्ता’ और नागपुरी मासिक पत्रिका ‘जोहार सहिया’ का संपादन तथा बहुभाषिक आदिवासी-देशज समाचार पत्र पाक्षिक ‘जोहार दिसुम खबर’ के प्रकाशक-संपादक हैं। मूलतः बिहार के रहने वाले पंकज बचपन से रांची में रहते हैं और आरंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा रांची में प्राप्त की है तथा रांची विश्वविद्यालय, रांची से ही हिन्दी में स्नातकोत्तर किया है। डॉ॰ एम.

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असुर (आदिवासी)

असुर भारत में रहने वाली एक प्राचीन आदिवासी समुदाय है। असुर जनसंख्या का घनत्व मुख्यतः झारखण्ड और आंशिक रूप से पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में है। झारखंड में असुर मुख्य रूप से गुमला, लोहरदगा, पलामू और लातेहार जिलों में निवास करते हैं। समाजविज्ञानी के.

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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट 2013-14

2013-2014 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट सत्र सितंबर 2013 से मार्च 2014 तक है। .

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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट 2014-15

2014-2015 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट सत्र अक्टूबर 2014 से अप्रैल 2015 तक था। .

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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट 2015-16

2015-2016 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट सत्र अक्टूबर 2015 से अप्रैल 2016 तक था। .

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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट 2016-17

2016-2017 के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सीज़न सितंबर 2016 से अप्रैल 2017 तक का था। इस अवधि के दौरान 41 टेस्ट मैचों, 87 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय (वनडे), 43 ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय (टी20ई), 4 प्रथम श्रेणी मैचों, 16 लिस्ट ए मैचों, 41 महिला वनडे इंटरनेशनल (डब्ल्यूवनडे) और 15 महिला टी-20 इंटरनेशनल (डब्ल्यूटी20ई) खेला गया इस सीजन में हुई 41 टेस्ट मैचों में से 3 दिन / रात टेस्ट मैचों का मैच रहा। सीज़न पाकिस्तान के साथ शुरू हुआ टेस्ट क्रिकेट रैंकिंग, ऑस्ट्रेलिया ने एकदिवसीय रैंकिंग की अगुआई की, न्यूजीलैंड ने ट्वेंटी -20 रैंकिंग की अगुवाई की और ऑस्ट्रेलिया की महिलाओं ने महिला रैंकिंग की अगुवाई की। पुरुषों का पूर्ण सदस्य क्रिकेट न्यूजीलैंड के भारत दौरे के साथ शुरू हुआ। भारत ने टेस्ट श्रृंखला में न्यूजीलैंड पर 3-0 की जीत के साथ भारत को पहले टेस्ट रैंकिंग में स्थानांतरित किया। भारत के 500 वें टेस्ट मैच में श्रृंखला के पहले टेस्ट के साथ इस दौरे में भारतीय क्रिकेट में कई मील का पत्थर भी दिखाई दिए, श्रृंखला का दूसरा टेस्ट भारत में भारत का 250 वां टेस्ट रहा, और भारत का 900 वां वनडे पहला ओडीआई था। इस सीज़न में उल्लेखनीय हाइलाइट में बांग्लादेश की पहली टेस्ट जीत इंग्लैंड पर 1-1, और दक्षिण अफ्रीका के ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार तीसरे टेस्ट सीरीज की जीत से बनी। हालांकि, दक्षिण अफ्रीका के ऑस्ट्रेलिया दौरे के विवाद से पीड़ित होने के कारण अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने गेंद पर छेड़छाड़ के साथ दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फफ डु प्लेसिस का आरोप लगाया। न्यूजीलैंड ने 1985 से पाकिस्तान के खिलाफ अपनी पहली टेस्ट सीरीज़ जीत ली है। भारत ने 2008 के बाद पहली बार एंथनी डी मेलो ट्राफी के लिए चुनाव लड़े इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीती। ऑस्ट्रेलिया में आयोजित चैपल-हैडली ट्राफी के दसवें संस्करण, ऑस्ट्रेलिया ने 3-0 से जीता था, और न्यूजीलैंड में आयोजित ग्यारहवें संस्करण, न्यूजीलैंड ने 2-0 से जीता था। बांग्लादेश ने अपना पहला टेस्ट मैच भारत में खेला, जिसने 208 रन से जीत हासिल की। एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था, जिम्बाब्वे में त्रिकोणीय श्रृंखला थी जिसमें श्रीलंका और वेस्टइंडीज भी शामिल थे, जो श्रीलंका ने जीता था। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ट्वेंटी-20 श्रृंखला 2-1 से जीता जब श्रीलंका की पहली श्रृंखला दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ किसी भी प्रारूप में हुई। दक्षिण अफ्रीका ने बारह बार लगातार एकदिवसीय जीत दर्ज की जिसमें घर पर ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के सफेदी शामिल थे। सीज़न की अंतिम टेस्ट श्रृंखला में पाकिस्तान ने वेस्टइंडीज में अपनी पहली टेस्ट श्रृंखला जीती थी। पुरुषों के सहयोगी और सहबद्ध क्रिकेट में, इंटरकांटिनेंटल कप के तीन मैचों और विश्व क्रिकेट लीग चैम्पियनशिप के छह मैचों का आयोजन होना था। इन मैचों के परिणाम अब तक पापुआ न्यू गिनी को विश्व क्रिकेट लीग चैम्पियनशिप में पहली जगह और इंटरकांटिनेंटल कप में चौथे स्थान पर देखने को मिला है। अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय टूर और टूर्नामेंट भी शीर्ष सहयोगियों और सहयोगी देशों में शामिल थे: यूएई बनाम ओमान, हांगकांग बनाम पापुआ न्यू गिनी, अफगानिस्तान बनाम आयरलैंड, 2017 डेजर्ट टी 20 चैलेंज, और 2016-17 संयुक्त अरब अमीरात त्रि-राष्ट्र श्रृंखला। अफगानिस्तान ने बांग्लादेश (2-1 से हारने) के खिलाफ तीन मैचों की श्रृंखला भी खेली, और आयरलैंड ने दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय मैच खेले, दोनों को गंवा दिया। इसके अलावा, 2019 क्रिकेट विश्व कप की योग्यता प्रक्रिया में एक और कदम संयुक्त राज्य अमेरिका और ओमान को विश्व क्रिकेट लीग डिवीजन 3 में पदोन्नत किए जाने के साथ पूरा किया गया था। इस सीज़न में 2014-16 आईसीसी महिला चैंपियनशिप का समापन हुआ, जिसमें अंतिम सात श्रृंखला (6 और 7 राउंड से मैच) की अवधि इस अवधि में निर्धारित की गई थी। इन मैचों के समापन पर, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज टूर्नामेंट की शीर्ष चार टीमें थे, और इसलिए 2017 महिला क्रिकेट विश्व कप के लिए सीधी योग्यता प्राप्त की। बांग्लादेश, आयरलैंड, जिम्बाब्वे, थाईलैंड, पापुआ न्यू गिनी और स्कॉटलैंड के साथ, नीचे चार टीमों (भारत, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान और श्रीलंका) को महिला क्रिकेट विश्व कप क्वालीफायर 2017 में रखा गया है। कुछ विवाद था, हालांकि, जैसा कि भारत और पाकिस्तान के बीच की श्रृंखला इस समय की अवधि में निर्धारित होना था, लेकिन श्रृंखला आगे नहीं बढ़ी थी। नतीजतन, आईसीसी तकनीकी समिति ने यह फैसला सुनाया कि भारत की महिला टीम ने सभी मैचों को जब्त कर लिया है, पाकिस्तान को दिए जाने वाले अंक, प्रभावी रूप से भारत को नीचे चार में भेज दिया। इस सीजन के दौरान 2016 महिला ट्वेंटी-20 एशिया कप भी खेला गया था, भारत ने लगातार छठा खिताब जीता था। भारत और बांग्लादेश के बीच टूर्नामेंट के सलामी बल्लेबाज ने इतिहास को देखा, बांग्लादेश को 54 रनों तक पहुंचाया गया, जो कि महिला ट्वेंटी -20 इंटरनेशनल में सबसे कम है। हालांकि, यह रिकॉर्ड केवल चार दिनों तक खड़ा था, जैसा कि बाद में टूर्नामेंट में था, बांग्लादेश ने 44 रन पर पाकिस्तान को आउट कर दिया था। .

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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट 2017-18

2017-18 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सत्र सितंबर 2017 से अप्रैल 2018 तक था। 28 टेस्ट मैचों, 93 वनडे इंटरनेशनल (वनडे), और 44 ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय (टी20ई) इस अवधि के दौरान खेले गए थे। 30 टेस्ट मैचों में से चार मैच खेल रहे थे, जिसमें दिन/रात मैच थे। दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे के बीच दिन/रात का टेस्ट मैच अवधि में केवल चार दिनों तक चलने वाला था, जिसमें पिछले चार दिवसीय टेस्ट मैच 1973 में खेला जा रहा था। सीज़न भारत की टेस्ट क्रिकेट रैंकिंग का नेतृत्व कर रहा था, दक्षिण अफ्रीका ओडीआई रैंकिंग का नेतृत्व कर रहा था, न्यूजीलैंड ट्वेंटी-20 रैंकिंग का नेतृत्व कर रहा था, और इंग्लैंड महिलाएं महिलाओं की रैंकिंग का नेतृत्व करती थीं। इसके अतिरिक्त, क्रिकेट 2017 कोड के कानून 1 अक्टूबर 2017 को लागू हुए, 2000 कोड ऑफ लॉ के 6 वें संस्करण का प्रदर्शन करते हुए, कानूनों में कई बदलाव आईसीसी मानक बजाने की स्थितियों में शामिल किए गए थे। सीजन भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के साथ शुरू हुई, जिसमें 5 एकदिवसीय और 3 टी20ई शामिल थे। इसके बाद, पूर्ण सदस्य देशों के बीच 16 और द्विपक्षीय श्रृंखला सीजन के शेष के लिए निर्धारित की गई थी। इन श्रृंखलाओं में से सबसे उल्लेखनीय एशेज का 70 वां संस्करण था, जिसे ऑस्ट्रेलिया में नवंबर 2017 से जनवरी 2018 तक आयोजित किया गया था। अन्य उल्लेखनीय हाइलाइट्स में न्यूजीलैंड ने 1984 के बाद घरेलू टेस्ट श्रृंखला में इंग्लैंड को हराया और 1970 के बाद घरेलू टेस्ट सीरीज में दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को हराया। दक्षिण अफ्रीका का ऑस्ट्रेलिया दौरा भी कई अनुशासनात्मक मुद्दों के लिए उल्लेखनीय था, जिसमें इन घटनाओं में से सबसे गंभीर घटनाएं एक गेंद को छेड़छाड़ कर रही थीं जिसके परिणामस्वरूप ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ, उपाध्यक्ष डेविड वार्नर और कैमरून बैंक्रॉफ्ट को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से निलंबित कर दिया गया 12 महीने, 12 महीने, और 9 महीने के लिए क्रमशः। इसके अलावा, पूर्ण सदस्य देशों के बीच पहली दो टी20ई त्रि-श्रृंखला (ट्रांस-तस्मान त्रि-श्रृंखला और निदास ट्रॉफी) का आयोजन किया गया था। इस सीजन में 2019 आईसीसी क्रिकेट विश्व कप योग्यता प्रक्रिया की समाप्ति हुई। इस सीज़न की शुरुआत आईसीसी वनडे चैम्पियनशिप से विश्वकप के लिए सीधी योग्यता के लिए कट ऑफ डेट को चिह्नित करती है। कट ऑफ डेट की शीर्ष आठ टीमों ने विश्व कप में सीधी योग्यता प्राप्त की, जबकि नीचे चार टीमें (वेस्ट इंडीज, जिम्बाब्वे, आयरलैंड, अफगानिस्तान) आईसीसी क्रिकेट विश्व कप क्वालीफायर 2018 में गईं। इन चार टीमें विश्व क्रिकेट लीग चैम्पियनशिप की शीर्ष चार टीमें और विश्व कप लीग चैंपियनशिप की शीर्ष दो टीमों से जुड़ गईं और विश्व क्रिकेट लीग डिवीजन दो की शीर्ष दो टीमों को विश्व कप क्वालीफ़ायर में खेलने वाली दस टीमें बनाने में शामिल हुईं। विश्व क्रिकेट लीग चैम्पियनशिप के अंतिम दो राउंड (राउंड 6 और 7) इस सीज़न में शीर्ष 4 टीमों (नीदरलैंड्स, स्कॉटलैंड, पापुआ न्यू गिनी, हांगकांग) के साथ 2018 क्रिकेट विश्वकप क्वालीफायर के लिए क्वालिफाइंग के साथ संपन्न हुए। इसके अलावा, नीदरलैंड ने विश्व क्रिकेट लीग चैम्पियनशिप जीतकर 2020-22 आईसीसी वनडे लीग के लिए क्वालीफाई करके एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय स्थिति हासिल की। विश्व क्रिकेट लीग डिवीजन दो के नीचे चार टीमों (केन्या, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, नामीबिया) को दोबारा विश्व कप क्वालीफायर के अंतिम दो स्थानों के लिए अर्हता प्राप्त करने का मौका मिला। इन चार टीमों को कनाडा क्रिकेट और ओमान, विश्व क्रिकेट लीग डिवीजन तीन में शीर्ष दो टीमों में शामिल किया गया था। संयुक्त अरब अमीरात और नेपाल शीर्ष दो में समाप्त हुए और इस प्रकार विश्व कप क्वालीफायर के लिए क्वालीफायर किया जबकि ओमान और केन्या नीचे दो में समाप्त हुए और उन्हें डिवीजन थ्री में भेज दिया गया। विश्व कप क्वालीफायर में, वेस्ट इंडीज और अफगानिस्तान शीर्ष दो फाइनियर्स थे और इस तरह विश्व कप के लिए योग्य थे। इसके अलावा, इंटरकांटिनेंटल कप इस सत्र के दौरान समाप्त हुआ, इस अवधि में 6 और 7 राउंड में मैच के साथ। अफगानिस्तान ने सबसे अधिक अंक के साथ तालिका के शीर्ष पर खत्म होने के बाद टूर्नामेंट जीता। .

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छोटा नागपुर पठार

राँची स्थित हुँडरु जलप्रपात छोटा नागपुर पठार पूर्वी भारत में स्थित एक पठार है। झारखंड राज्य का अधिकतर हिस्सा एवं उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार व छत्तीसगढ़ के कुछ भाग इस पठार में आते हैं। इसके पूर्व में सिन्धु-गंगा का मैदान और दक्षिण में महानदी हैं। इसका कुल क्षेत्रफल 65,000 वर्ग किमी है।, mapsofindia, Accessed 2010-05-02 .

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२०१६ इंडियन प्रीमियर लीग

इंडियन प्रीमियर लीग के २०१६ का सीज़न जो कि आईपीएल ९ या विवो आईपीएल २०१६ के नाम से भी जाना जाता है। इंडियन प्रीमियर लीग जिसका कर्ताधर्ता बीसीसीआई है इनकी शुरुआत २००७ में की थी और यह आईपीएल का ९वाँ सीज़न है। यह आईपीएल ०८ अप्रैल २०१६ को प्रारम्भ होगा तथा २९ मई २०१६ को फाइनल होगा। .

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२०१७ एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप

२०१७ एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप ,एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप का २२वां  संस्करण है। यह भारत के भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में ०६ जुलाई से ०९ जुलाई २०१७ आयोजित होगा । भुवनेश्वर एशियाई चैंपियनशिप की मेजबानी करने वाला तीसरा भारतीय शहर है, इस समारोह में ४५ देशों के ८०० एथलीट  भाग लेंगे।  एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप का 22 वां संस्करण मूल रूप से झारखंड के रांची में होने का आयोजन किया गया था। इस आयोजन की मेजबानी करने में रांची की अक्षमता के बाद, भुवनेश्वर को इस चैंपियनशिप की मेजबानी  के लिए  चुना गया।   .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

राञ्ची, रांची, सेंट जेवियर्स कॉलेज

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