सामग्री की तालिका
24 संबंधों: चॉकलेट, चीनी, तनाव, पोषक तत्व, फल, फीता कृमि, बेंजीन, मधुमेह, मोटापा, शराब, साधारण नमक, स्वास्थ्य, स्वास्थ्य संवर्धन, सोडियम, हृदय रोग, जल, विटामिन, विश्व स्वास्थ्य संगठन, आघात, कर्कट रोग, कोलेस्टेरॉल, अनाज, अमीनो अम्ल, उच्च रक्तचाप।
चॉकलेट
चाकलेट के टुकड़े चाकलेट कोको के बीजों से निर्मित एक कच्चा या संसाधित भोज्य पदार्थ है। कोको के बीजों का स्वाद अत्यन्त कड़ुवा होता है। इसमें स्वाद उत्पन्न करने के लिये इसका किण्वन करना पड़ता है। .
देखें स्वस्थ आहार और चॉकलेट
चीनी
* चीनी भाषा, चीन में बोली जाने वाली भाषा.
देखें स्वस्थ आहार और चीनी
तनाव
;आयुर्विज्ञान.
देखें स्वस्थ आहार और तनाव
पोषक तत्व
सागर में पोषण चक्रएक पोषक तत्व या पोषकतत्व वह रसायन होता है, जिसकी आवश्यकता किसी जीव के उसके जीवन और वृद्धि के साथ साथ उसके शरीर के उपापचय की क्रिया को चलाने के लिए भी पड़ती है और जिसे वो अपने वातावरण से ग्रहण करता है।Whitney, Elanor and Sharon Rolfes.
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फल
फल और सब्ज़ियाँ निषेचित, परिवर्तित एवं परिपक्व अंडाशय को फल कहते हैं। साधारणतः फल का निर्माण फूल के द्वारा होता है। फूल का स्त्री जननकोष अंडाशय निषेचन की प्रक्रिया द्वारा रूपान्तरित होकर फल का निर्माण करता है। कई पादप प्रजातियों में, फल के अंतर्गत पक्व अंडाशय के अतिरिक्त आसपास के ऊतक भी आते है। फल वह माध्यम है जिसके द्वारा पुष्पीय पादप अपने बीजों का प्रसार करते हैं, हालांकि सभी बीज फलों से नहीं आते। किसी एक परिभाषा द्वारा पादपों के फलों के बीच में पायी जाने वाली भारी विविधता की व्याख्या नहीं की जा सकती है। छद्मफल (झूठा फल, सहायक फल) जैसा शब्द, अंजीर जैसे फलों या उन पादप संरचनाओं के लिए प्रयुक्त होता है जो फल जैसे दिखते तो है पर मूलत: उनकी उत्पप्ति किसी पुष्प या पुष्पों से नहीं होती। कुछ अनावृतबीजी, जैसे कि यूउ के मांसल बीजचोल फल सदृश होते है जबकि कुछ जुनिपरों के मांसल शंकु बेरी जैसे दिखते है। फल शब्द गलत रूप से कई शंकुधारी वृक्षों के बीज-युक्त मादा शंकुओं के लिए भी होता है। .
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फीता कृमि
फीता कृमि का अग्र भाग फीता कृमि एक अमेरूदण्डी परजीवी है। यह रीढ़धारी प्राणियों जैसे मानव के शरीर में अंतःपरजीवी के रूप में निवास करता है। इसकी कुछ प्रजातियाँ १०० फिट (३० मीटर) तक बढ़ सकती हैं। इसका शरीर फीता की तरह लम्बा और अनेक खण्डों में बँटा होता है। शरीर के प्रत्येक खण्ड को प्रोग्लोटिड कहते हैं। प्रत्येक प्रोग्लोटिड में नर एवं मादा अंग होता है। श्रेणी:परजीवी.
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बेंजीन
बेंजीन के विभिन्न प्रकार के निरूपण बेंज़ीन या धूपेन्य एक हाइड्रोकार्बन है जिसका अणुसूत्र C6H6 है। बेंजीन का अणु ६ कार्बन परमाणुओं से बना होता है जो एक छल्ले की तरह जुड़े होते हैं तथा प्रत्येक कार्बन परमाणु से एक हाइड्रोजन परमाणु जुड़ा होता है। बेंजीन, पेट्रोलियम (क्रूड ऑयल) में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। कोयले के शुष्क आसवन से अलकतरा तथा अलकतरे के प्रभाजी आसवन (fractional distillation) से बेंजीन बड़ी मात्रा में तैयार होता है। प्रदीपन गैस से प्राप्त तेल से फैराडे ने 1825 ई.
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मधुमेह
डायबिटीज मेलेटस (डीएम), जिसे सामान्यतः मधुमेह कहा जाता है, चयापचय संबंधी बीमारियों का एक समूह है जिसमें लंबे समय तक उच्च रक्त शर्करा का स्तर होता है। उच्च रक्त शर्करा के लक्षणों में अक्सर पेशाब आना होता है, प्यास की बढ़ोतरी होती है, और भूख में वृद्धि होती है। यदि अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, मधुमेह कई जटिलताओं का कारण बन सकता है। तीव्र जटिलताओं में मधुमेह केटोएसिडोसिस, नॉनकेटोटिक हाइपरोस्मोलर कोमा, या मौत शामिल हो सकती है। गंभीर दीर्घकालिक जटिलताओं में हृदय रोग, स्ट्रोक, क्रोनिक किडनी की विफलता, पैर अल्सर और आंखों को नुकसान शामिल है। मधुमेह के कारण है या तो अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता या शरीर की कोशिकायें इंसुलिन को ठीक से जवाब नहीं करती। मधुमेह के तीन मुख्य प्रकार हैं.
देखें स्वस्थ आहार और मधुमेह
मोटापा
मोटापा (अंग्रेज़ी: Obesity) वो स्थिति होती है, जब अत्यधिक शारीरिक वसा शरीर पर इस सीमा तक एकत्रित हो जाती है कि वो स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालने लगती है। यह आयु संभावना को भी घटा सकता है। शरीर भार सूचकांक (बी.एम.आई), मानव भार और लंबाई का अनुपात होता है, जब २५ कि.ग्रा./मी.
देखें स्वस्थ आहार और मोटापा
शराब
सफेद मदिरा लाल मदिरा मदिरा, सुरा या शराब अल्कोहलीय पेय पदार्थ है। रम, विस्की, चूलईया, महुआ, ब्रांडी, जीन, बीयर, हंड़िया, आदि सभी एक है क्योंकि सबमें अल्कोहल होता है। हाँ, इनमें एलकोहल की मात्रा और नशा लाने कि अपेक्षित क्षमता अलग-अलग जरूर होती है परन्तु सभी को हम 'शराब' ही कहते है। कभी-कभी लोग हड़िया या बीयर को शराब से अलग समझते हैं जो कि बिलकुल गलत है। दोनों में एल्कोहल तो होता ही है। शराब अक्सर हमारे समाज में आनन्द के लिए पी जाती है। ज्यादातर शुरूआत दोस्तों के प्रभाव या दबाव के कारण होता है और बाद में भी कई अन्य कारणों से लोग इसका सेवन जारी रखते है। जैसे- बोरियत मिटाने के लिए, खुशी मनाने के लिए, अवसाद में, चिन्ता में, तीव्र क्रोध या आवेग आने पर, आत्माविश्वास लाने के लिए या मूड बनाने के लिए आदि। इसके अतिरिक्त शराब के सेवन को कई समाज में धार्मिक व अन्य सामाजिक अनुष्ठानों से भी जोड़ा जाता है। परन्तु कोई भी समाज या धर्म इसके दुरूपयोग की स्वीकृति नहीं देता है। .
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साधारण नमक
नमक (Common Salt) से साधारणतया भोजन में प्रयुक्त होने वाले नमक का बोध होता है। रासायनिक दृष्टि से यह सोडियम क्लोराइड (NaCl) है जिसका क्रिस्टल पारदर्शक एवं घनाकार होता है। शुद्ध नमक रंगहीन होता है, किंतु लोहमय अपद्रव्यों के कारण इसका रंग पीला या लाल हो जाता है। समुद्र के खारापन के लिये उसमें मुख्यत: सोडियम क्लोराइड की उपस्थिति कारण होती है। भौमिकी में लवण को हैलाइट (Halite) कहते हैं। .
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स्वास्थ्य
विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) ने सन् १९४८ में स्वास्थ्य या आरोग्य की निम्नलिखित परिभाषा दी: स्वास्थ्य सिर्फ बीमारियों की अनुपस्थिति का नाम नहीं है। हमें सर्वांगीण स्वास्थ्य के बारे में अवश्य जानकारी होनी चाहिए। स्वास्थ्य का अर्थ विभिन्न लोगों के लिए अलग-अलग होता है। लेकिन अगर हम एक सार्वभौमिक दृष्टिकोण की बात करें तो अपने आपको स्वस्थ कहने का यह अर्थ होता है कि हम अपने जीवन में आनेवाली सभी सामाजिक, शारीरिक और भावनात्मक चुनौतियों का प्रबंधन करने में सफलतापूर्वक सक्षम हों। वैसे तो अपने आपको स्वस्थ रखने के ढेर सारी आधुनिक तकनीक मौजूद हैं, लेकिन ये सारी उतनी अधिक कारगर नहीं हैं। .
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स्वास्थ्य संवर्धन
मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से ताजा सब्जियां स्वस्थ आहार की महत्वपूर्ण घटक हैं। प्रमुख रंगीन फल स्वस्थ आहार वह है जोकि स्वास्थ्य को बनाए रखने या उसे सुधारने में मदद करता है। यह कई चिरकालिक स्वास्थ्य जोखिम जैसे कि: मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण है। एक स्वस्थ आहार में समुचित मात्रा में सभी पोषक तत्वों और पानी का सेवन शामिल है। पोषक तत्व कई अलग खाद्य पदार्थों से प्राप्त किए जा सकते हैं, अतः विस्तृत विविध आहार मौजूद हैं जिन्हें स्वस्थ आहार माना जा सकता है। अनुक्रम दैनिक आहार संबंधी सिफारिशें असंख्य आहार और कई चिकित्सा और सरकारी संस्थानों की सिफ़ारिशें हैं जो स्वास्थ्य के कुछ पहलुओं को बढ़ावा देने के लिए तैयार की गई हैं। प्रमाण हृदधमनी हृदय रोग को कम करने के उपाय के रूप में संतृप्त वसा के बजाय बहुअसंतृप्त वसा के सेवन का समर्थन करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) व्यक्तियों और आबादियों, दोनों के लिए निम्नलिखित 5 सिफारिशें करता है: अन्य सिफारिशों में शामिल हैं: अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन फल, सब्ज़ियां और स्वस्थ वसाम्ल से समृद्ध और जो संतृप्त वसा को सीमित करते हैं, ऐसे आहार की सिफारिश करता है। DASH आहार मुख्य लेख: DASH diet संयोजन मुख्य लेख: Human nutrition एक स्वस्थ आहार में अत्यधिक मात्रा से विषाक्तता का उत्प्रेरण किए बिना व्यक्तिगत आवश्यकता की पूर्ति के लिए बृहद्पोषक पदार्थ / ऊर्जा (वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट) और सूक्ष्म पोषक पदार्थों के संतुलन की ज़रूरत है। अस्वास्थ्यकर आहार एक अस्वास्थ्यकर आहार असंख्य चिरकालिक रोगों के लिए प्रमुख जोखिम कारक है, जिनमें शामिल हैं: उच्च रक्तचाप, मधुमेह, असामान्य रक्त वसाभ, अधिक वज़न/मोटापा, हृदय तथा रक्तवाहिका संबंधी रोग और कैंसर.
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सोडियम
सोडियम (Sodium; संकेत, Na) एक रासायनिक तत्त्व है। यह आवर्त सारणी के प्रथम मुख्य समूह का दूसरा तत्व है। इस समूह में में धातुगण विद्यमान हैं। इसके एक स्थिर समस्थानिक (द्रव्यमान संख्या २३) और चार रेडियोसक्रिय समस्थानिक (द्रव्यमन संख्या २१, २२, २४, २४) ज्ञात हैं। .
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हृदय रोग
हृदय रोग हृदय शरीर का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। मानवों मेंयह छाती के मध्य में, थोड़ी सी बाईं ओर स्थित होता है और एक दिन में लगभग एक लाख बार एवं एक मिनट में 60-90 बार धड़कता है। यह हर धड़कन के साथ शरीर में रक्त को धकेलता करता है। हृदय को पोषण एवं ऑक्सीजन, रक्त के द्वारा मिलता है जो कोरोनरी धमनियों द्वारा प्रदान किया जाता है। यह अंग दो भागों में विभाजित होता है, दायां एवं बायां। हृदय के दाहिने एवं बाएं, प्रत्येक ओर दो चैम्बर (एट्रिअम एवं वेंट्रिकल नाम के) होते हैं। कुल मिलाकर हृदय में चार चैम्बर होते हैं। दाहिना भाग शरीर से दूषित रक्त प्राप्त करता है एवं उसे फेफडों में पम्प करता है और रक्त फेफडों में शोधित होकर ह्रदय के बाएं भाग में वापस लौटता है जहां से वह शरीर में वापस पम्प कर दिया जाता है। चार वॉल्व, दो बाईं ओर (मिट्रल एवं एओर्टिक) एवं दो हृदय की दाईं ओर (पल्मोनरी एवं ट्राइक्यूस्पिड) रक्त के बहाव को निर्देशित करने के लिए एक-दिशा के द्वार की तरह कार्य करते हैं। हृदय में कई प्रकार के रोग हो सकते हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार से हैं.
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जल
जल या पानी एक आम रासायनिक पदार्थ है जिसका अणु दो हाइड्रोजन परमाणु और एक ऑक्सीजन परमाणु से बना है - H2O। यह सारे प्राणियों के जीवन का आधार है। आमतौर पर जल शब्द का प्प्रयोग द्रव अवस्था के लिए उपयोग में लाया जाता है पर यह ठोस अवस्था (बर्फ) और गैसीय अवस्था (भाप या जल वाष्प) में भी पाया जाता है। पानी जल-आत्मीय सतहों पर तरल-क्रिस्टल के रूप में भी पाया जाता है। पृथ्वी का लगभग 71% सतह को 1.460 पीटा टन (पीटी) (1021 किलोग्राम) जल से आच्छदित है जो अधिकतर महासागरों और अन्य बड़े जल निकायों का हिस्सा होता है इसके अतिरिक्त, 1.6% भूमिगत जल एक्वीफर और 0.001% जल वाष्प और बादल (इनका गठन हवा में जल के निलंबित ठोस और द्रव कणों से होता है) के रूप में पाया जाता है। खारे जल के महासागरों में पृथ्वी का कुल 97%, हिमनदों और ध्रुवीय बर्फ चोटिओं में 2.4% और अन्य स्रोतों जैसे नदियों, झीलों और तालाबों में 0.6% जल पाया जाता है। पृथ्वी पर जल की एक बहुत छोटी मात्रा, पानी की टंकिओं, जैविक निकायों, विनिर्मित उत्पादों के भीतर और खाद्य भंडार में निहित है। बर्फीली चोटिओं, हिमनद, एक्वीफर या झीलों का जल कई बार धरती पर जीवन के लिए साफ जल उपलब्ध कराता है। जल लगातार एक चक्र में घूमता रहता है जिसे जलचक्र कहते है, इसमे वाष्पीकरण या ट्रांस्पिरेशन, वर्षा और बह कर सागर में पहुॅचना शामिल है। हवा जल वाष्प को स्थल के ऊपर उसी दर से उड़ा ले जाती है जिस गति से यह बहकर सागर में पहँचता है लगभग 36 Tt (1012किलोग्राम) प्रति वर्ष। भूमि पर 107 Tt वर्षा के अलावा, वाष्पीकरण 71 Tt प्रति वर्ष का अतिरिक्त योगदान देता है। साफ और ताजा पेयजल मानवीय और अन्य जीवन के लिए आवश्यक है, लेकिन दुनिया के कई भागों में खासकर विकासशील देशों में भयंकर जलसंकट है और अनुमान है कि 2025 तक विश्व की आधी जनसंख्या इस जलसंकट से दो-चार होगी।.
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विटामिन
फल एवं शब्जियाँ विटामिन के अच्छे स्रोत हैं। विटामिन (vitamin) या जीवन सत्व भोजन के अवयव हैं जिनकी सभी जीवों को अल्प मात्रा में आवश्यकता होती है। रासायनिक रूप से ये कार्बनिक यौगिक होते हैं। उस यौगिक को विटामिन कहा जाता है जो शरीर द्वारा पर्याप्त मात्रा में स्वयं उत्पन्न नहीं किया जा सकता बल्कि भोजन के रूप में लेना आवश्यक हो।विटामिन और उनकी कमी से होने वाले रोग – Vitamins and Their Deficiency Diseases |Sr No |विटामिन |कमी से होन वाले रोग |- |1 |विटामिन – ए |रतौंधी, संक्रमणों का खतरा, जीरोप्थैलमिया |- |2 |विटामिन – बी 1 |बेरी-बेरी |- |3 |विटामिन – बी 2 |त्वचा का फटना, आखों का लाल होना |- |4 |विटामिन – बी 3 |त्वचा पर दाद होना |- |5 |विटामिन – बी 5 |बाल सफेद होना, मंदबुद्धि होना |- |6 |विटामिन – बी 6 |एनिमिया, त्वचा रोग |- |7 |विटामिन – बी 7 |लकवा, शरीर में दर्द, बालों का गिरना |- |8 |विटामिन – बी 11 |एनिमिया, पेचिश रोग |- |9 |विटामिन – सी |एनिमिया, पांडुरोग |- |10 |विटामिन – डी |रिकेट्स, ऑस्टियोमलेशिया |- |11 |विटामिन – ई |जनन शक्ति का कम होना |- |12 |विटामिन – के |रक्त का थक्का न जमना | .
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विश्व स्वास्थ्य संगठन
विश्व स्वास्थ्य संगठन का ध्वज विश्व स्वास्थ्य संगठन (वि॰ स्वा॰ सं॰) (WHO) विश्व के देशों के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर आपसी सहयोग एवं मानक विकसित करने की संस्था है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के १९३ सदस्य देश तथा दो संबद्ध सदस्य हैं। यह संयुक्त राष्ट्र संघ की एक अनुषांगिक इकाई है। इस संस्था की स्थापना ७ अप्रैल १९४८ को की गयी थी। इसका उद्देश्य संसार के लोगो के स्वास्थ्य का स्तर ऊँचा करना है। डब्ल्यूएचओ का मुख्यालय स्विटजरलैंड के जेनेवा शहर में स्थित है। इथियोपिया के डॉक्टर टैड्रोस ऐडरेनॉम ग़ैबरेयेसस विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नए महानिदेशक निर्वाचित हुए हैं। वो डॉक्टर मार्गरेट चैन का स्थान लेंगे जो पाँच-पाँच साल के दो कार्यकाल यानी दस वर्षों तक काम करने के बाद इस पद से रिटायर हो रही हैं।। भारत भी विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक सदस्य देश है और इसका भारतीय मुख्यालय भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है। .
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आघात
आघात अर्थ होता है मार। .
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कर्कट रोग
कर्कट (चिकित्सकीय पद: दुर्दम नववृद्धि) रोगों का एक वर्ग है जिसमें कोशिकाओं का एक समूह अनियंत्रित वृद्धि (सामान्य सीमा से अधिक विभाजन), रोग आक्रमण (आस-पास के उतकों का विनाश और उन पर आक्रमण) और कभी कभी अपररूपांतरण अथवा मेटास्टैसिस (लसिका या रक्त के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फ़ैल जाता है) प्रदर्शित करता है। कर्कट के ये तीन दुर्दम लक्षण इसे सौम्य गाँठ (ट्यूमर या अबुर्द) से विभेदित करते हैं, जो स्वयं सीमित हैं, आक्रामक नहीं हैं या अपररूपांतरण प्रर्दशित नहीं करते हैं। अधिकांश कर्कट एक गाँठ या अबुर्द (ट्यूमर) बनाते हैं, लेकिन कुछ, जैसे रक्त कर्कट (श्वेतरक्तता) गाँठ नहीं बनाता है। चिकित्सा की वह शाखा जो कर्कट के अध्ययन, निदान, उपचार और रोकथाम से सम्बंधित है, ऑन्कोलॉजी या अर्बुदविज्ञान कहलाती है। कर्कट सभी उम्र के लोगों को, यहाँ तक कि भ्रूण को भी प्रभावित कर सकता है, लेकिन अधिकांश किस्मों का जोखिम उम्र के साथ बढ़ता है। कर्कट में से १३% का कारण है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, २००७ के दौरान पूरे विश्व में ७६ लाख लोगों की मृत्यु कर्कट के कारण हुई। कर्कट सभी जानवरों को प्रभावित कर सकता है। लगभग सभी कर्कट रूपांतरित कोशिकाओं के आनुवंशिक पदार्थ में असामान्यताओं के कारण होते हैं। ये असामान्यताएं कार्सिनोजन या का कर्कटजन (कर्कट पैदा करने वाले कारक) के कारण हो सकती हैं जैसे तम्बाकू धूम्रपान, विकिरण, रसायन, या संक्रामक कारक.
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कोलेस्टेरॉल
कोलेस्ट्रॉल क्रिस्टल का सूक्ष्मदर्शी दर्शन, जल में। छायाचित्र ध्युवीकृत प्रकाश में लिया गया है। कोलेस्ट्रॉल या पित्तसांद्रव मोम जैसा एक पदार्थ होता है, जो यकृत से उत्पन्न होता है। यह सभी पशुओं और मनुष्यों के कोशिका झिल्ली समेत शरीर के हर भाग में पाया जाता है। कोलेस्ट्रॉल कोशिका झिल्ली का एक महत्वपूर्ण भाग है, जहां उचित मात्रा में पारगम्यता और तरलता स्थापित करने में इसकी आवश्यकता होती है। कोलेस्ट्रॉल शरीर में विटामिन डी, हार्मोन्स और पित्त का निर्माण करता है, जो शरीर के अंदर पाए जाने वाले वसा को पचाने में मदद करता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल भोजन में मांसाहारी आहार के माध्यम से भी पहुंचता है यानी अंडे, मांस, मछली और डेयरी उत्पाद इसके प्रमुख स्रोत हैं। अनाज, फल और सब्जियों में कोलेस्ट्रॉल नहीं पाया जाता। शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लगभग २५ प्रतिशत उत्पादन यकृत के माध्यम से होता है। कोलेस्ट्रॉल शब्द यूनानी शब्द कोले और और स्टीयरियोज (ठोस) से बना है और इसमें रासायनिक प्रत्यय ओल लगा हुआ है। १७६९ में फ्रेंकोइस पुलीटियर दी ला सैले ने गैलेस्टान में इसे ठोस रूप में पहचाना था। १८१५ में रसायनशास्त्री यूजीन चुरवेल ने इसका नाम कोलेस्ट्राइन रखा था। मानव शरीर को कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता मुख्यतः कोशिकाओं के निर्माण के लिए, हारमोन के निर्माण के लिए और बाइल जूस के निर्माण के लिए जो वसा के पाचन में मदद करता है; होती है। फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में नैशनल पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट के प्रमुख रिसर्चर डॉ॰ गांग हू के अनुसार कोलेस्ट्रॉल अधिक होने से पार्किंसन रोग की आशंका बढ़ जाती है। .
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अनाज
अनाज खाद्य कृषि उत्पाद होते हैं, जिन्हें उनके फार के बीज के लिए उत्पादन किया जाता है। ये एकबीजपत्री परिवार से होते हैं।;देखें::श्रेणी:अनाज यह भी देखें:दाल श्रेणी:अनाज श्रेणी:चित्र जोड़ें.
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अमीनो अम्ल
फिनाइल एलानिन, एक सामान्य अमीनो अम्ल अमीनो अम्ल, वे अणु हैं जिनमें अमाइन तथा कार्बोक्सिल दोनों ही ग्रुप पाएं जाते हैं। इनका साधारण सुत्र H2NCHROOH है। इसमें R एक पार्श्व कड़ी है। जो परिवर्तनशील विभिन्न अणुओं का ग्रूप होता है। कार्बोक्सिल (-COOH) तथा अमाइन (-NH2) ग्रूप कार्बन परमाणु से लगा रहता है। अमीनो अम्ल प्रोभूजिन के गठनकर्ता अणु हैं। बहुत सारे अमीनो अम्ल पेप्टाइड बंधन द्वारा युक्त होकर प्रोभूजिन बनाते हैं। प्रोभूजिन बनाने में 20 अमीनो अम्ल भाग लेते हैं। यह प्रोभूजिन निर्माण के कर्णधार होते हैं। प्रकृति में लगभग बीस अमीनों अम्लों का अस्तित्व है। प्रोभूजिन अणुओं में सैंकड़ों या हजारों अमीनो अम्ल एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। प्रत्येक प्रोभूजिन में प्रायः सभी अमीनो अम्ल एक विशेष अनुक्रम से जुड़े रहते हैं। विभिन्न अमीनो अम्लों का यही अनुक्रम प्रत्येक प्रोभूजिन को उसकी विशेषताएं प्रदान करता है। अमीनो अम्लों का यही विशिष्ट अनुक्रम डी एन ए के न्यूक्लोटाइडस के क्रम से निर्धारित होता है। श्रेणी:जैवरसायनिकी श्रेणी:शब्दावली श्रेणी:सूक्ष्मजैविकी श्रेणी:जैव प्रौद्योगिकी श्रेणी:आण्विक जैविकी श्रेणी:अनुवांशिकी *.
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उच्च रक्तचाप
(HTN) हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप, जिसे कभी कभी धमनी उच्च रक्तचाप भी कहते हैं, एक पुरानी चिकित्सीय स्थिति है जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। दबाव की इस वृद्धि के कारण, रक्त की धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाये रखने के लिये दिल को सामान्य से अधिक काम करने की आवश्यकता पड़ती है। रक्तचाप में दो माप शामिल होती हैं, सिस्टोलिक और डायस्टोलिक, जो इस बात पर निर्भर करती है कि हृदय की मांसपेशियों में संकुचन (सिस्टोल) हो रहा है या धड़कनों के बीच में तनाव मुक्तता (डायस्टोल) हो रही है। आराम के समय पर सामान्य रक्तचाप 100-140 mmHg सिस्टोलिक (उच्चतम-रीडिंग) और 60-90 mmHg डायस्टोलिक (निचली-रीडिंग) की सीमा के भीतर होता है। उच्च रक्तचाप तब उपस्थित होता है यदि यह 90/140 mmHg पर या इसके ऊपर लगातार बना रहता है। हाइपरटेंशन प्राथमिक (मूलभूत) उच्च रक्तचाप तथा द्वितीयक उच्च रक्तचाप के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। 90-95% मामले "प्राथमिक उच्च रक्तचाप" के रूप में वर्गीकृत किये जाते हैं, जिसका अर्थ है स्पष्ट अंतर्निहित चिकित्सीय कारण के बिना उच्च रक्तचाप। अन्य परिस्थितियां जो गुर्दे, धमनियों, दिल, या अंतःस्रावी प्रणाली को प्रभावित करती हैं, शेष 5-10% मामलों (द्वितीयक उच्च रक्तचाप) का कारण होतीं हैं। हाइपरटेंशन स्ट्रोक, मायोकार्डियल रोधगलन (दिल के दौरे), दिल की विफलता, धमनियों की धमनी विस्फार (उदाहरण के लिए, महाधमनी धमनी विस्फार), परिधीय धमनी रोग जैसे जोखिमों का कारक है और पुराने किडनी रोग का एक कारण है। धमनियों से रक्त के दबाव में मध्यम दर्जे की वृद्धि भी जीवन प्रत्याशा में कमी के साथ जुड़ी हुई है। आहार और जीवन शैली में परिवर्तन रक्तचाप नियंत्रण में सुधार और संबंधित स्वास्थ्य जटिलताओं के जोखिम को कम कर सकते हैं। हालांकि, दवा के माध्यम से उपचार अक्सर उन लोगों के लिये जरूरी हो जाता है जिनमें जीवन शैली में परिवर्तन अप्रभावी या अपर्याप्त हैं। .
देखें स्वस्थ आहार और उच्च रक्तचाप
सन्तुलित आहार के रूप में भी जाना जाता है।