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सॉफ्टवेयर बग

सूची सॉफ्टवेयर बग

सॉफ्टवेयर बग, किसी कंप्यूटर प्रोग्राम या प्रणाली की ऐसी त्रुटि, दोष, गलती, विफलता या खोट (फॉल्ट) को वर्णित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक आम शब्द है जो गलत और अप्रत्याशित परिणाम देती हैं या इसके अनपेक्षित तरीके से व्यवहार करने का कारण बनती हैं। ज्यादातर बग लोगों द्वारा किसी प्रोग्राम के स्रोत कोड या इसकी डिजाइन में की गयी गलतियों और त्रुटियों की वजह से उत्पन्न होते हैं और कुछ गलत कोड बनाने वाले कम्पाइलरों के कारण पैदा होते हैं। एक ऐसा प्रोग्राम जिसमें बड़ी संख्या में बग पाए जाते हैं और/या जो बग इसकी कार्यक्षमता पर बुरी तरह हस्तक्षेप करते हैं, उन्हें बग्गी कहा जाता है। किसी प्रोग्राम में बग का ब्यौरा देने वाली रिपोर्ट को आम तौर पर बग रिपोर्ट, फॉल्ट रिपोर्ट, प्रॉब्लम रिपोर्ट, ट्रबल रिपोर्ट, चेंज रिक्वेस्ट और इसी तरह के नामों से जाना जाता है। .

14 संबंधों: चार्ल्स बैबेज, थॉमस ऐल्वा एडीसन, प्रोग्रामिंग भाषा, मापयंत्रण, माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़, मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर, मूर का नियम, स्क्रिप्टिंग भाषा, सॉफ्टवेयर इंजीनियरी, हॉल्टिंग प्रॉब्लम, जावा (प्रोग्रामिंग भाषा), क्रमानुदेशन, अनिश्चितता सिद्धान्त, अनुभाषक

चार्ल्स बैबेज

चार्ल्स बैबेज एक अंग्रेजी बहुश्रुत थे वह एक गणितज्ञ, दार्शनिक, आविष्कारक और यांत्रिक इंजीनियर थे, जो वर्तमान में सबसे अच्छे कंप्यूटर प्रोग्राम की अवधारणा के उद्धव के लिए जाने जाते हैं या याद किये जाते है। चार्ल्स बैबेज को "कंप्यूटर का पिता"(फादर ऑफ कम्प्यूटर) माना जाता है। बैबेज को अंततः अधिक जटिल डिजाइन करने के लिए एवं उनके नेतृत्व में पहली यांत्रिक कंप्यूटर की खोज करने का श्रेय दिया जाता है। इन्हें अन्य क्षेत्रों में अपने विभिन्न कामो के लिए भी जाना जाता है एवं इन्हें अपने समय में काफी लोकप्रियता एवं सम्मान भी मिला अपने विभिन्न खोज के लिए और वही आगे चल कर कंप्यूटर जगत में नए खोजो का श्रोत बना। बैबेज के द्वारा निर्मित अपूर्ण तंत्र के कुछ हिस्सों को लंदन साइंस म्यूजियम में प्रदर्शनी के लिए रखा गया है| 1991 में, एक पूरी तरह से कार्य कर रहा अंतर इंजन बैबेज की मूल योजना से निर्माण किया गया था। 19 वीं सदी में प्राप्त के लिए निर्मित, समाप्त इंजन की सफलता ने यह संकेत दिया की बैबेज की मशीन काम करती है। .

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थॉमस ऐल्वा एडीसन

थॉमस एल्वा एडिसन (११ फ़रवरी १८४७ - १८ अक्टूबर १९३१) महान अमरीकी आविष्कारक एवं व्यवसायी थे। एडिसन ने फोनोग्राफ एवं विद्युत बल्ब सहित अनेकों युक्तियाँ विकसित कीं जिनसे संसार भर में लोगों के जीवन में भारी बदलाव आये। "मेन्लो पार्क के जादूगर" के नाम से प्रख्यात, भारी मात्रा में उत्पादन के सिद्धान्त एवं विशाल टीम को लगाकर अन्वेषण-कार्य को आजमाने वाले वे पहले अनुसंधानकर्ता थे। इसलिये एडिसन को ही प्रथम औद्योगिक प्रयोगशाला स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है। अमेरिका में अकेले १०९३ पेटेन्ट कराने वाले एडिसन विश्व के सबसे महान आविष्कारकों में गिने जाते हैं। .

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प्रोग्रामिंग भाषा

पाइथन (Python) नामक प्रोग्रामन भाषा में लिखित प्रोग्राम का अंश प्रोग्रामिंग भाषा (programming language) एक कृत्रिम भाषा होती है, जिसकी डिजाइन इस प्रकार की जाती है कि वह किसी काम के लिये आवश्यक विभिन्न संगणनाओ (computations) को अभिव्यक्त कर सके। प्रोग्रामिंग भाषाओं का प्रयोग विशेषतः संगणकों के साथ किया जाता है (किन्तु अन्य मशीनों पर भी प्रोग्रामिंग भाषाओं का उपयोग होता है)। प्रोग्रामिंग भाषाओं का प्रयोग हम प्रोग्राम लिखने के लिये, कलन विधियों को सही रूप व्यक्त करने के लिए, या मानव संचार के एक साधन के रूप में भी कर सकते हैं। इस समय लगभग 2,500 प्रोग्रामिंग भाषाएं मौजूद हैं। पास्कल, बेसिक, फोर्ट्रान, सी, सी++, जावा, जावास्क्रिप्ट आदि कुछ प्रोग्रामिंग भाषाएं हैं। .

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मापयंत्रण

वाष्प टरबाइन का नियंत्रण पटल (कंट्रोल पैनेल) मापयंत्रण (Instrumentation) इंजीनियरी की एक शाखा है जो मापन एवं नियंत्रण से सम्बन्धित है। इन युक्तियों को मापकयंत्र (instrument) कहते हैं जो किसी प्रक्रम (process) के प्रवाह (flow), ताप, दाब, स्तर आदि चरों (variables) को मापने या नियंत्रित करने के काम आते हैं। मापकयंत्र के अन्तर्गत वाल्व, प्रेषित्र (transmitters) आदि अत्यन्त सरल युक्तियों से लेकर विश्लेषक (analyzers) जैसे जटिल युक्तियां सम्मिलित हैं। प्रक्रमों का नियंत्रण अनुप्रयुक्त मापयंत्रण की प्रमुख शाखा है। आधुनिक नियंत्रण कक्ष .

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माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़

माइक्रोसॉफ़्ट विंडोज़, माइक्रोसॉफ़्ट द्वारा निर्मित सॉफ्टवेयर प्रचालन तन्त्र (सॉफ्टवेयर ऑपरेटिंग सिस्टम) और ग्राफिकल यूजर इण्टरफेस की एक श्रृंखला है। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ ने ग्राफिकल यूजर इंटरफेस में बढ़ती रुचि (GUIs) को देखते हुए नवंबर 1985 में एमएस-DOS में जोड़ने के लिए एक ऑपरेटिंग पर्यावरण पेश किया था। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़, आते ही दुनिया के निजी कंप्यूटर बाजार पर हावी हो गया और इसने इससे पहले बाजार मे आये मैक-ओएस को बहुत पीछे छोड़ दिया। 2004 के IDC दिशा सम्मेलन में, यह बात सामने आयी कि ग्राहक ऑपरेटिंग सिस्टम बाजार का लगभग 90% विंडोज़ के पास था। विंडोज़ का सबसे हाल के ग्राहक संस्करण विंडोज़ १० है और सबसे हाल का सर्वर संस्करण विंडोज़ सर्वर 2016 है।बिल गेट्स ने विंडोज़ के विकास मे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और अब वह माइक्रोसॉफ्ट के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। विंडोज़ का शाब्दिक अर्थ होता है खिड़कियाँ। विंडोज़ एक ऑपरेटिंग सिस्टम है। विंडोज़ का उपयोग लगभग सभी व्यक्तिगत कम्प्यूटरों में होता है। इसका विकास माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन ने किया है। .

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मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर

'मुक्ति' के विविध पक्ष मुक्त स्रोत अथवा ओपन सोर्स ऐसे सॉफ्टवेयर को कहा जाता है जिसका स्रोत कूट (सोर्स कोड) सभी के लिये खुला हो। ऐसे सॉफ्टवेयर का कोड कोई भी व्यक्ति संशोधित कर उसके विकास में योगदान दे सकता है या स्वयं अपने काम में इसका निःशुल्क उपयोग कर सकता है। इक्कीसवीं शताब्दी में बौधिक सम्पदा अधिकारों की महत्वपूण भूमिका रहेगी। ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर का बौद्धिक सम्पदा अधिकार से अलग तरह का रिश्ता है इसीलिये इसके महत्व को नकारा नहीं जा सकता। हो सकता है कि आने वाले कल में, सूचना प्रोद्योगिकी की दिशा इसी पर निर्भर करे। इसीलिये ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर को जानना, इसके महत्व को समझना, तथा इसके एवं बौधिक सम्पदा अधिकार के साथ रिश्ते को आत्मसात करना नितान्त आवश्यक है। .

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मूर का नियम

समय के सापेक्ष ट्रान्जिस्टर संख्या का आलेख: देखा जा सकता है कि ट्रांजिस्टर की संख्या हर दो साल में दूनी हो रही है। मूर का नियम (Moore's law) दीर्घ अवधि में संगणन के हार्डवेयर में विकास की गति (ट्रेंड) की एक भविष्यवाणी है। सन् १९५८ में एकीकृत परिपथ के आविष्कार के बाद से किसी आईसी पर निर्मित किये जा सकने वाले ट्रांजिस्टरों की संख्या बड़ी तेजी से बढ़ी है। यह संख्या प्राय: हर दो वर्ष में दुगूनी होती चली गयी है। इन्टेल के सह-संस्थापक गार्डन मूर ने सबसे पहले इस ट्रेंड का बारीकी से अध्ययन करने के बाद सन् १९६५ में एक शोधपत्र में प्रकाशित किया था। यद्यपि पहले उसने कहा था कि आईसी पर निर्मित होने वाले ट्रांजिस्टरों की संख्या प्रति एक वर्ष में दुगूनी होती जायेगी किन्तु बाद में इसे संशोधित करके उन्होने कहा कि यह संख्या प्रति दो वर्ष में दुगूनी होती चली जायेगी। मूर की यह भविष्यवाणी लगभग आधी शताब्दी तक (सन् २००५ में) सत्य साबित हुई है और ऐसा विश्वास है कि कम से कम एक और दशक तक यह क्रम जारी रहेगा। .

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स्क्रिप्टिंग भाषा

ऐसी प्रोग्रामन भाषा को स्क्रिप्टिंग भाषा (Scripting language) कहते हैं जिसका प्रयोग करके किसी दूसरे साफ्टवेयर अनुप्रयोग (जैसे फायरफाक्स) पर नियंत्रण किया जा सके और स्क्रिप्ट के सहारे उस अनुप्रयोग से अधिक काम लिया जा सके। जावास्क्रिप्ट, पर्ल, पाइथन, रूबी, पीएचपी आदि कुछ प्रमुख स्क्रिप्टिंग भाषाएं हैं। उदाहरण के लिये फायरफाक्स एक ब्राउजर है जो सी / सी++ में लिखा हुआ है। इसके ऊपर जावास्क्रिप्ट में कुछेक पंक्तियों का प्रोग्राम लिखकर बड़े-बड़े काम कराये जाते हैं। .

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सॉफ्टवेयर इंजीनियरी

तन्त्रांश अभियान्त्रिकी (सॉफ्टवेयर इंजीनियरींग) का अर्थ है व्यवस्थित, अनुशासन-बद्ध, परिमाणनात्मक, औप से तन्त्रांश का विकास, संचालन और रखरखाव और इन प्रस्तावों का अध्धयन करना ताकि प्रोद्योगिकी का प्रयोग तन्त्रांश क्षेत्र में किया जा सके। "तन्त्रांश अभियान्त्रिकी" शब्द सर्वप्रथम १९६८ में नाटो के तन्त्रांश अभियान्त्रिकी सम्मेलन में प्रयोग में लाया गया था जोकि उस समय के "तन्त्रांश संकट" को सुलझाने के लिए आयोजित किया गया था। तबसे ये एक ऐसे व्यवसाय के रूप में विकसित हो चुका है जो उच्च गुणवत्ता के तन्त्रांश विकसित करने के लिए समर्पित है जो सस्ते, सरलता से रखरखाव करने योग्य और तेज़ी से बनाये जा सके। चूँकि अन्य अभियान्त्रिकी शाखाओं की तुलना में "तन्त्रांश अभियान्त्रिकी" एक नया क्षेत्र है, इसलिए इस क्षेत्र में बहुत काम किया जाना बाकी है और इस बात को लेकर बहुत वाद-विवाद है कि वास्तव में ये हैं क्या और ये भी की क्या ये अभियान्त्रिकी के क्षेत्र में रखे जाने योग्य है भी| ये क्षेत्र में इतनी तीव्रता से वृद्धि हुई है कि इसे अब केवल प्रोग्रामिंग तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता| "तन्त्रांश अभियान्त्रिकी" के स्थान पर तन्त्रांश उद्योग में "तन्त्रांश विकास" शब्द का भी प्रयोग किया जाता है जो अभियान्त्रिकी शब्द को तन्त्रांश विकास के लिए संकुचित मानते हैं। एक नया व्यवसाय होने के पश्चात् भी ये भारत में एक पसंदीदा व्यवसाय और जीवन वृत्त (करियर) है और पिछले कई वर्षों में लाखों भारतीय युवक-युवतियां इस क्षेत्र में काम करने के लिए आगे आयें हैं। एक अनुमान के अनुसार भारत में ही इस उद्योग में २२ लाख लोग कार्यरत है। .

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हॉल्टिंग प्रॉब्लम

सैद्धांतिक कंप्यूटर विज्ञान में हॉल्टिंग प्रॉब्लम (Halting problem) इस निर्णय प्रॉब्लम को कहते हैं कि क्या दिया गया कंप्यूटर प्रोग्राम दिए गए इनपुट के लिए कोई उत्तर देगा या हमेशा चलता ही रहेगा। हर कंप्यूटर प्रोग्राम एक इनपुट या निर्देश लेता है और एक आउटपुट देता है। पर, कुछ कंप्यूटर प्रोग्रम कोई ख़ास इनपुट मिलने पर आउटपुट की खोज करते रह जाते हैं, और कभी आउटपुट दे ही नहीं पाते हैं (कभी हॉल्ट (समाप्त) नहीं हो पाते हैं)। ऐसे कंप्यूटर प्रोग्राम ये ख़ास इनपुट मिलने पर कंप्यूटर को हैंग कर देते हैं। इसलिए इनकी पहचान करना बहुत जरुरी होता है, ताकि इन्हें ठुकराया जा सके। इन न रूकने वाले या ना हॉल्ट करने वाले कंप्यूटर प्रोग्रामों की पहचान करने की प्रॉब्लम को हॉल्टिंग प्रॉब्लम कहते हैं। हॉल्टिंग प्रॉब्लम की औपचारिक परिभाषा यह है: "ऐसा कंप्यूटर प्रोग्राम P बनाइए जो दो इनपुट लेता हो, पहला इनपुट एक कंप्यूटर प्रोग्राम Q और दूसरा Q का कोई इनपुट i; और P बताता हो कि क्या कंप्यूटर प्रोग्राम Q इनपुट i मिलने पर हॉल्ट होता है या नहीं"। एलेन ट्यूरिंग ने 1936 में ये साबित किया था कि हाल्टिंग प्रॉब्लम एक अनिर्णनीय प्रॉब्लम है। इसका मतलब है कि ऐसा कंप्यूटर प्रोग्राम बनाना असंभव है जो हर एक कंप्यूटर प्रोग्राम Q और इनपुट i पर सही से बताता हो कि क्या कंप्यूटर प्रोग्राम Q इनपुट i मिलने पर हॉल्ट होता है या नहीं। श्रेणी:कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग.

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जावा (प्रोग्रामिंग भाषा)

जावा एक प्रोग्रामिंग भाषा है जिसे मूलतः सन माइक्रोसिस्टम्स के जेम्स गोसलिंग द्वारा विकसित किया गया तथा 1995 में इसे सन माइक्रोसिस्टम्स के जावा प्लेटफ़ार्म के एक मुख्य अवयव के रूप में रिलीज़ किया गया। भाषा अपना अधिकांश वाक्य विन्यास (सिंटेक्स) C (सी) और C++ से प्राप्त करती है लेकिन इसके पास एक सरल ऑब्जेक्ट मॉडल और कुछ निम्न स्तर की सुविधायें मौजूद हैं। जावा के प्रयोगों को विशिष्ट रूप से बाईटकोड (क्लास फाइल) के लिए संकलित किया जाता है जिसे किसी भी कंप्यूटर आर्किटेक्चर वाले किसी भी जावा वर्चुअल मशीन (JVM) पर चालू किया जा सकता है। 1995 से सन द्वारा मूल तथा सन्दर्भ कार्यान्वयन जावा संकलकों (कम्पाइलरों), वर्चुअल मशीनों और क्लास लाइब्रेरियों को विकसित किया गया। मई 2007 तक, जावा कम्युनिटी प्रोसेस के विशेष उल्लेखपूर्वक अनुमति में सन ने अपने अधिकांश जावा प्रोद्योगिकियों को GNU जनरल पब्लिक लाइसेन्स के अर्न्तगत मुफ्त सॉफ्टवेयर के रूप में उपलब्ध कराया.

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क्रमानुदेशन

'बेसिक' नामक संगणक भाषा में लिखे किसी प्रोग्राम की कुछ पंक्तियाँ सामान्य जीवन मे जब हम किसी कार्य विशेष को करने का निर्णय करते हैं तो उस कार्य को करने से पूर्व उसकी रूपरेखा सुनिश्चित की जाती है। कार्य से संबंधित समस्त आवश्यक शर्तो का अनुपालन उचित प्रकार हो एवं कार्य मे आने वाली बाधाओ पर विचार कर उनको दूर करने की प्रक्रिया भी रूपरेखा तैयार करते समय महत्वपूर्ण विचारणीय विषय होते हैं। कार्य के प्रारम्भ होने से कार्य के सम्पन्न होने तक के एक एक चरण पर पुनर्विचार करके रूपरेखा को अंतिम रूप देकर उस कार्य विशेष को सम्पन्न किया जाता है। इसी प्रकार संगणक द्वारा, उसकी क्षमता के अनुसार, वाँछित कार्य कतिरछे अक्षरराये जा सकते हैं। इसके लिये आवश्यकता है संगणक को एक निश्चित तकनीक व क्रम मे निर्देश दिये जाने की, ताकि संगणक द्वारा इन निर्देशों का अनुपालन कराकर वांछित कार्य को समपन्न किया जा सके। सामान्य बोलचाल की भाषा मे इसे क्रमानुदेशन या प्रोग्रामन या क्रमानुदेशन कहते हैं। सभी निर्देशों के समूह (सम्पूर्ण निर्देशावली) को प्रोग्राम कहा जाता है। .

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अनिश्चितता सिद्धान्त

अनिश्चितता सिद्धान्त अनिश्चितता सिद्धान्त (Uncertainty principle) की व्युत्पत्ति हाइजनबर्ग ने क्वाण्टम यान्त्रिकी के व्यापक नियमों से सन् १९२७ ई. में दी थी। इस सिद्धान्त के अनुसार किसी गतिमान कण की स्थिति और संवेग को एक साथ एकदम ठीक-ठीक नहीं मापा जा सकता। यदि एक राशि अधिक शुद्धता से मापी जाएगी तो दूसरी के मापन में उतनी ही अशुद्धता बढ़ जाएगी, चाहे इसे मापने में कितनी ही कुशलता क्यों न बरती जाए। इन राशियों की अशुद्धियों का गुणनफल प्लांक नियतांक (h) से कम नहीं हो सकता। यदि किसी गतिमान कण के स्थिति निर्दशांक x के मापन में \Delta x, की त्रुटि (या अनिश्चितता) और x-अक्ष की दिशा में उसके संवेग p के मापने में \Delta p, की त्रुटि हो तो इस सिद्धांत के अनुसार - जहाँ, \hbar .

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अनुभाषक

किसी बहु-भाषी एवं बहु-लक्ष्यी (multi-target) कम्पाइलर की रचना का ब्लाक-आरेख अनुभाषक या कम्पाइलर (compiler) एक या अधिक कम्प्यूटर प्रोग्रामों का समूह होता है जो किसी उच्च स्तरीय कम्प्यूटर भाषा में लिखे प्रोग्राम को किसी दूसरी कम्प्यूटर भाषा में बदल देता है। जिस कम्प्यूटर भाषा में मूल प्रोग्राम है उसे स्रोत भाषा कहते हैं तथा इस प्रोग्राम को स्रोत कोड कहते हैं। इसी प्रकार जिस भाषा में स्रोत कोड को बदला जाता है उसे लक्ष्य-भाषा (target language) कहते हैं एवं इस प्रकार प्राप्त कोड को ऑब्जेक्ट कोड कहते हैं। ऑब्जेक्ट कोड प्रायः बाइनरी भाषा में होता है जिसे लेकर लिंकर किसी मशीन विशेष पर चलने लायक (executable) मशीन कोड पैदा करता है। ऐसे कम्प्यूटर-प्रोग्राम जो किसी निम्न-स्तरीय कम्प्यूटर भाषा के प्रोग्राम कोलेकर किसी उच्च-स्तरीय भाषा का प्रोग्राम उत्पन्न करते हैं उन्हें डिकम्पाइलर (decompiler) कहा जाता है। ऐसा प्रोग्राम जो एक उच्च-स्तरीय कम्प्यूटर भाषा को दूसरी उच्च-स्तरीय कम्प्यूटर भाषा में बदलता है उसे कम्प्यूटर-भाषा अनुवादक (language translator) कहते हैं। .

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