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हॉल्टिंग प्रॉब्लम

सूची हॉल्टिंग प्रॉब्लम

सैद्धांतिक कंप्यूटर विज्ञान में हॉल्टिंग प्रॉब्लम (Halting problem) इस निर्णय प्रॉब्लम को कहते हैं कि क्या दिया गया कंप्यूटर प्रोग्राम दिए गए इनपुट के लिए कोई उत्तर देगा या हमेशा चलता ही रहेगा। हर कंप्यूटर प्रोग्राम एक इनपुट या निर्देश लेता है और एक आउटपुट देता है। पर, कुछ कंप्यूटर प्रोग्रम कोई ख़ास इनपुट मिलने पर आउटपुट की खोज करते रह जाते हैं, और कभी आउटपुट दे ही नहीं पाते हैं (कभी हॉल्ट (समाप्त) नहीं हो पाते हैं)। ऐसे कंप्यूटर प्रोग्राम ये ख़ास इनपुट मिलने पर कंप्यूटर को हैंग कर देते हैं। इसलिए इनकी पहचान करना बहुत जरुरी होता है, ताकि इन्हें ठुकराया जा सके। इन न रूकने वाले या ना हॉल्ट करने वाले कंप्यूटर प्रोग्रामों की पहचान करने की प्रॉब्लम को हॉल्टिंग प्रॉब्लम कहते हैं। हॉल्टिंग प्रॉब्लम की औपचारिक परिभाषा यह है: "ऐसा कंप्यूटर प्रोग्राम P बनाइए जो दो इनपुट लेता हो, पहला इनपुट एक कंप्यूटर प्रोग्राम Q और दूसरा Q का कोई इनपुट i; और P बताता हो कि क्या कंप्यूटर प्रोग्राम Q इनपुट i मिलने पर हॉल्ट होता है या नहीं"। एलेन ट्यूरिंग ने 1936 में ये साबित किया था कि हाल्टिंग प्रॉब्लम एक अनिर्णनीय प्रॉब्लम है। इसका मतलब है कि ऐसा कंप्यूटर प्रोग्राम बनाना असंभव है जो हर एक कंप्यूटर प्रोग्राम Q और इनपुट i पर सही से बताता हो कि क्या कंप्यूटर प्रोग्राम Q इनपुट i मिलने पर हॉल्ट होता है या नहीं। श्रेणी:कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग.

4 संबंधों: एलेन ट्यूरिंग, कम्प्यूटर विज्ञान, अभिकलित्र कार्यक्रम, अल्गोरिद्म

एलेन ट्यूरिंग

एलेन मैथिसन ट्यूरिंग (अंग्रेज़ी: Alan Mathison Turing) (२३ जून १९१२ - ७ जून १९५४) एक अंग्रेज़ गणितज्ञ और कम्प्युटर वैज्ञानिक थे। वह डिजिटल कम्प्यूटरों पर काम करने वाले सर्वप्रथम लोगों में से थे। वह पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने कम्प्यूटर के बहुप्रयोग की बात सोची। उन्होंने लोगों को बताया की कम्प्यूटर अलग-अलग प्रोग्रामों को चला सकता है। ट्युरिंग ने १९३६ में ट्युरिंग यंत्र का विचार प्रस्तुत किया। यह एक काल्पनिक यंत्र था जो अनुदेशों के समूह पर काम करता था। ट्यूरिंग ने ट्यूरिंग परिणक्षण के बारे में भी विचार किया। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, ट्यूरिंग जर्मन गूढ़लेखों को तोड़ने के प्रयासों में महत्वपूर्ण भागीदार थे। कूटलेखन विश्लेषण (क्रिप्टैनालिसिस) के आधार पर उन्होंने दोनों ऐनिग्मा यंत्र और लॉरेज़ एस ज़ेड ४०/४२ (एक टेलीटाइप कूटलेखन संलग्न जिसे ब्रिटिशों द्वारा "ट्यूनी" (Tunny) कूटनामित किया गया था) को तोड़ा और कुछ समय के लिए वे जर्मन नौसैनिक संकेत को पढ़ने वाले अनुभाग, हट ८ (Hut 8) के प्रमुख भी रहे। एलेन ट्यूरिंग समलैंगिक थे। १९५२ में उन्होंने ये माना की उन्होंने एक पुरुष से यौन संबंध बनाए थे। उस समय इंग्लैड में समलैंगिकता अपराध था। एक ब्रिटिश न्यायालय में उनपर मुकदमा चलाया गया और इस अपराध का दोषी पाया गया और उनसे एक चुनाव करने के लिए कहा गया। उन्हें कारागृह में जाने या "रासायनिक बधियापन" (अपनी यौन उश्रृखंलता को कम करने के लिए एस्ट्रोजन जैसे महिला अंतःस्रावों का सेवन) में से किसी एक को चुनना था। उन्होंने अंतःस्रावों को चुना। पर इस कारण वे नपुंसक (यौनक्रिया करने में असमर्थ) हो गए और इस से उनके स्तन उग आए। इन दुष्प्रभावो को दो वर्षों तक झेलने के बाद, उन्होनें १९५४ में एक सायनाइड युक्त सेब खाकर आत्महत्या कर ली। इस प्रकार का उपचार अब बहुत अनुपयुक्त माना जाता है, जो चिकित्सा की नैतिकता और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकारों के विरुद्ध माना जाता है और बहुत से चिकित्सकों द्वारा कदाचार माना जाता है। श्रेणी:गणितज्ञ श्रेणी:१९५४ में निधन श्रेणी:1912 में जन्मे लोग श्रेणी:ब्रिटिश लोग.

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कम्प्यूटर विज्ञान

कम्प्यूटर विज्ञान संगणन और उसके उपयोग की ओर वैज्ञानिक और व्यवहारिक दृष्टिकोण है। यह जानकारी के पहुँच, सम्प्रेषण, संचय, प्रसंस्करण, प्रतिनिधित्व और अर्जन हेतु उपयोग में लाये जाने वाले व्यवस्थित प्रक्रियाओं (या कलन विधियों) के मशीनीकरण, अभिव्यक्ति, संरचना, और साध्यता का व्यवस्थित अध्ययन है। संगणक विज्ञान एक वैकल्पिक, संक्षिप्त परिभाषा के अनुसार यह मापने योग्य स्वचालित कलन विधियों का अध्ययन है। संगणक वैज्ञानिक संगणन के सिद्धांत और गणना योग्य प्रणालियों की योजना में विशेषज्ञता प्राप्त करते हैं। कंप्यूटर विज्ञान (कम्प्यूटर विज्ञान) के अन्तर्गत सूचना तथा संगणन (computation) के सैद्धान्तिक आधारों अध्ययन किया जाता है और साथ में इन सिद्धान्तों को कंप्यूटर प्रणालियों में व्यवहार में लाने की विधियों का अध्ययन किया जाता है। कंप्यूटर विज्ञान को प्राय: कलन विधियों के विधिवत (systematic) अध्ययन के रूप में देखा जाता है और कंप्यूटर विज्ञान का मूल प्रश्न यही है - कौन सा काम (दक्षतापूर्वक) स्वत: किया जा सकता है? (What can be (efficiently) automated?) .

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अभिकलित्र कार्यक्रम

अभिकलित्र कार्यक्रम (कंप्यूटर प्रोग्राम) वह निर्देश या कई निर्देशों का समूह होता है जिनका प्रयोंग अभिकलित्र से किसी निश्चित समय पर कोई कार्य संपन्न कराने के लिये किया जाता है। इसे सॉफ्टवेयर प्रोग्राम या केवल प्रोग्राम या फिर स्रोत कोड भी कहते हैं। प्रोग्राम का प्रयोग माइक्रोप्रोसेसर में किसी सूचना को क्रियान्वित करने के लिये किया जाता है। ताकि प्रोसेसर उपयोक्ता की आवश्यकता के अनुसार कार्य कर सके। इसका निर्माण कार्यक्रम भाषा (प्रोग्रामिंग लैंगुएज) जैसे की सी++ आदि में किया जाता है। .

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अल्गोरिद्म

महत्तम समापवर्तक (HCF) निकालने के लिए यूक्लिड के अल्गोरिद्म का फ्लोचार्ट गणित, संगणन तथा अन्य विधाओं में किसी कार्य को करने के लिये आवश्यक चरणों के समूह को कलन विधि (अल्गोरिद्म) कहते है। कलन विधि को किसी स्पष्ट रूप से पारिभाषित गणनात्मक समस्या का समाधान करने के औजार (tool) के रूप में भी समझा जा सकता है। उस समस्या का इनपुट और आउटपुट सामान्य भाषा में वर्णित किये गये रहते हैं; इसके समाधान के रूप में कलन विधि, क्रमवार ढंग से बताता है कि यह इन्पुट/आउटपुट सम्बन्ध किस प्रकार से प्राप्त किया जा सकता है। कुछ उदाहरण: १) कुछ संख्यायें बिना किसी क्रम के दी हुई हैं; इन्हें आरोही क्रम (ascending order) में कैसे सजायेंगे? २) दो पूर्णांक संख्याएं दी हुई हैं; उनका महत्तम समापवर्तक (Highest Common Factor) कैसे निकालेंगे ? .

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