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3 संबंधों: नियंत्रण सिद्धान्त, नियंत्रक (नियंत्रण सिद्धान्त), अनुकूली नियंत्रण।
नियंत्रण सिद्धान्त
किसी दी हुई प्रणाली को नियंत्रित करने के लिये ऋणात्मक फीडबैक का कांसेप्ट नियंत्रण सिद्धान्त (Control theory), इंजिनियरी और गणित का सम्मिलित (interdisciplinary) शाखा है जो गतिक तन्त्रों के व्यवहार को आवश्यकता के अनुरूप बदलने से सम्बध रखती है। वांछित ऑउटपुट को सन्दर्भ (रिफरेंस) कहते हैं। .
देखें सुदृढ़ नियंत्रण और नियंत्रण सिद्धान्त
नियंत्रक (नियंत्रण सिद्धान्त)
इस सरल फीडबैक लूप में '''C''' नियंत्रक है। नियंत्रण सिद्धान्त में यह एक यन्त्र होता है जो गतिकीय तन्त्र को नियन्त्रित करने और उसकी संचालन स्थिति में आवश्यकता अनुसार भौतिक परिवर्तन करता है। .
देखें सुदृढ़ नियंत्रण और नियंत्रक (नियंत्रण सिद्धान्त)
अनुकूली नियंत्रण
मॉडल सन्दर्भ अनुकूली नियंत्रक (MRAC) का ब्लाक आरेख अनुकूली नियन्त्रण (Adaptive control), नियंत्रण की वह विधि है जिसमें नियंत्रक (controller) के प्राचल (पैरामीटरस) नियत नहीं होते बल्कि जिस तंत्र को नियंत्रित करना है, उसके बदलने पर बदलते रहते हैं ताकि अच्छा नियन्त्रण प्राप्त किया जा सकते। उदाहरण के लिये, उड़ने के बाद विमान का भार क्रमशः कम होता जाता है (ईंधन की खपत के कारण)। अतः इसके लिये यदि अनुकूली नियन्त्रक डिजाइन किया जाय तो वह अपने अन्दर ऐसा परिवर्तन करता जायेगा कि विमान के भार के कम होने से भी वांछित नियन्त्रण होता रहे। अनुकूली नियंतक, रोबस्ट नियंत्रक (robust controller) से भिन्न है। रोबस्ट नियन्त्रक अपने को बदलता नहीं है, फिर भी डिजाइन के समय उसके प्राचल इस प्रकार निर्धारित किये गये होते हैं कि नियन्त्रित की जाने वाली प्रणाली में एक पूर्वनिर्धारित सीमा तक परिवर्तन होने के बावजूद भी नियन्त्रण 'ठीक' रहता है। अनुकूली नियंत्रक में 'कन्ट्रोल का नियम' ही बदल दिया जाता है या बदलता रहता है। ऑटो-ट्यूनिंग कन्ट्रोलर या सेल्फ-ट्युनिंग कन्ट्रोलर एक प्रकार का अनुकूली नियंत्रक ही है। .