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सिर्त

सूची सिर्त

सिर्त (अरबी: سرت), लीबिया का एक शहर है जो सिद्र की खाड़ी के दक्षिणी तट पर स्थित है। सिर्त त्रिपोली और बेनग़ाज़ी के रास्ते पर दोनो शहरों से बराबर दूरी पर स्थित है। सिर्त की स्थापना एक बस्ती के रूप में बीसवीं शताब्दी की शुरुआत में इतालवियों ने उस स्थान पर की थी जिस स्थान पर 19 वीं सदी में ओटोमनों ने एक किले का निर्माण किया था। सिर्त द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एक शहर के रूप में विकसित हुआ। सिर्त लीबिया के तानाशाह मुअम्मर अल-गद्दाफी का जन्मस्थान है। यह शहर लीबिया के गृहयुद्ध के दौरान गद्दाफी की वफादार सेनाओं का अंतिम प्रमुख गढ़ बना जहां गद्दाफी 20 अक्टूबर 2011 को विद्रोही बलों के हाथों मारा गया। इस युद्ध के फलस्वरूप सिर्त की अधिकांश इमारते या तो पूरी तरह ध्वस्त हो गयीं या क्षतिग्रस्त हो गयीं। .

8 संबंधों: ताराबूलस, द्वितीय विश्वयुद्ध, मुअम्मर अल-गद्दाफ़ी, यूटीसी +०२:००, लीबिया, सिद्र की खाड़ी, इटली, अरबी

ताराबूलस

तराबुलुस, ‍‍طرابلس‌‌, ‍अफ़्रीका के लीबिया देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:लीबिया श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ श्रेणी:लीबिया के आबाद स्थान.

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द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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मुअम्मर अल-गद्दाफ़ी

मुअम्मर अल-गद्दाफ़ी (अरबी: معمر القذافي‎) (७ जून १९४२ - २० अक्टूबर २०११) सन् १९६९ से लीबिया के शासक बने हुए थे। उन्हें 'कर्नल गद्दाफ़ी' के नाम से जाना जाता था। कर्नल मुअम्मर गद्दाफ़ी ने लिबिया पर कुल 42 साल तक राज किया और वे किसी अरब देश में सबसे अधिक समय तक राज करने वाले तानाशाह के रूप में जाने जाते रहे। उन्होंने अपने को क्रांति का प्रथप्रदर्शक और राजाओं का राजा घोषित कर रखा था। गद्दाफ़ी के दावों पर यकीन करें तो उनके दादा अब्देसलम बोमिनियार ने इटली द्वारा लिबिया को कब्ज़ा करने की कोशिश के दौरान लड़ाई लड़ी थी और १९११ के युद्ध में मारे गये थे। वे उस युद्ध के पहले शहीद थे। गद्दाफी ने 1952 के आसपास मिस्र के राष्ट्रपति गमल अब्देल नसीर से प्रेरणा ली और 1956 मंउ इज़राइल विरोधी आंदोलन में भाग भी लिया। मिस्र में ही उन्होंने अपनी पढ़ाई भी की। १९६० के शुरुवाती दिनों में गद्दाफ़ी ने लिबिया की सैन्य अकादमी में प्रवेश लिया, जिसके बाद उन्होंने यूरोप में अपनी शिक्षा ग्रहण की और जब लिबिया में क्रांति हुई तो उन्होंने लिबिया की कमान संभाली.

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यूटीसी +०२:००

यूटीसी+०१:०० - नीला (दिसम्बर), नारंगी (जून), पीला (पूरा वर्ष), हल्का नीला - समुद्री इलाक़े यूटीसी +०२:०० (UTC+02:00) वह यूटीसी समय अंतर है जो समन्वयित विश्वव्यापी समय (यूटीसी) से दो घंटे आगे हो, यानि +०२:०० हो। .

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लीबिया

लीबिया (ليبيا.), आधिकारिक तौर पर 'महान समाजवादी जनवादी लिबियाई अरब जम्हूरिया' (الجماهيرية العربية الليبية الشعبية الإشتراكية العظمى.‎ Al-Jamāhīriyyah al-ʿArabiyyah al-Lībiyyah aš-Šaʿbiyyah al-Ištirākiyyah al-ʿUẓmā), उत्तरी अफ़्रीका में स्थित एक देश है। इसकी सीमाएं उत्तर में भूमध्य सागर, पूर्व में मिस्र, उत्तरपूर्व में सूडान, दक्षिण में चाड व नाइजर और पश्चिम में अल्जीरिया और ट्यूनीशिया से मिलती है। करीबन १,८००,०० वर्ग किमी (६९४,९८४ वर्ग मील) क्षेत्रफल वाला यह देश, जिसका ९० प्रतिशत हिस्सा मरुस्थल है, अफ़्रीका का चौथा और दुनिया का १७ वां बड़ा देश है। देश की ५७ लाख की आबादी में से १७ लाख राजधानी त्रिपोली में निवास करती है। सकल घरेलू उत्पाद के लिहाज से यह इक्वीटोरियल गिनी के बाद अफ्रीका का दूसरा समृद्ध देश है। इसके पीछे मुख्य कारण विपुल तेल भंडार और कम जनसंख्या है। लीबिया १९५१ मे आजाद हुआ था एवं इस्क नाम 'युनाइटेड लीबियन किंगडम' (United Libyan Kingdom) रखा गया। जिसका नाम १९६३ मे 'किंगडम ऑफ लीबिया' (Kingdom of Libya) हो गया। १९६९ के तख्ता-पलट के बाद इस देश का नाम 'लिबियन अरब रिपब्लिक' रखा गया। १९७७ में इसका नाम बदलकर 'महान समाजवादी जनवादी लिबियाई अरब जम्हूरिया' रख दिया गया। .

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सिद्र की खाड़ी

सिद्र की खाड़ी का उपग्रह चित्र (2007) लीबिया का मानचित्र सिद्र की खाड़ी जिसे सिर्त की खाड़ी भी कहा जाता है, लीबिया के उत्तर में स्थित एक जलनिकाय है जो वस्तुत: भूमध्य सागर का विस्तार है और लीबिया की उत्तरी सीमा का निर्धारण करता है। इस खाड़ी का विस्तार पश्चिम में मिस्रात से लेकर पूर्व में बेनग़ाज़ी तक है। इस खाड़ी का तट मुख्यत: मरुस्थल है जिस पर जगह जगह नमक के मैदान स्थित हैं। तट पर स्थित मुख्य पत्तन सिर्त है जिस पर सहारा मरुस्थल के रास्ते से होकर जाने वाले कई कारवां पड़ाव डालते हैं। खाड़ी क्षेत्र की मुख्य आर्थिक गतिविधि टुना मछलियों को पकड़ना है पर स्पंज भी आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है। .

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इटली

इटली यूरोप महाद्वीप के दक्षिण में स्थित एक देश है जिसकी मुख्यभूमि एक प्रायद्वीप है। इटली के उत्तर में आल्प्स पर्वतमाला है जिसमें फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया तथा स्लोवेनिया की सीमाएँ आकर लगती हैं। सिसली तथा सार्डिनिया, जो भूमध्य सागर के दो सबसे बड़े द्वीप हैं, इटली के ही अंग हैं। वेटिकन सिटी तथा सैन मरीनो इटली के अंतर्गत समाहित दो स्वतंत्र देश हैं। इटली, यूनान के बाद यूरोप का दूसरा का दूसरा प्राचीनतम राष्ट्र है। रोम की सभ्यता तथा इटली का इतिहास देश के प्राचीन वैभव तथा विकास का प्रतीक है। आधुनिक इटली 1861 ई. में राज्य के रूप में गठित हुआ था। देश की धीमी प्रगति, सामाजिक संगठन तथा राजनितिक उथल-पुथल इटली के 2,500 वर्ष के इतिहास से संबद्ध है। देश में पूर्वकाल में राजतंत्र था जिसका अंतिम राजघराना सेवाय था। जून, सन् 1946 से देश एक जनतांत्रिक राज्य में परिवर्तित हो गया। इटली की राजधानी रोम प्राचीन काल के एक शक्ति और प्रभाव से संपन्न रोमन साम्राज्य की राजधानी रहा है। ईसा के आसपास और उसके बाद रोमन साम्राज्य ने भूमध्य सागर के क्षेत्र में अपनी प्रभुता स्थापित की थी जिसके कारण यह संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में आधुनिक यूरोप की आधारशिला के तौर पर माना जाता है। तथा मध्यपूर्व (जिसे भारतीय परिप्रेक्ष्य में मध्य-पश्च भी कह सकते हैं) के इतिहास में भी रोमन साम्राज्य ने अपना प्रभाव डाला था और उनसे प्रभावित भी हुआ था। आज के इटली की संस्कृति पर यवनों (ग्रीक) का भी प्रभाव पड़ा है। इटली की जनसंख्या २००८ में ५ करोड़ ९० लाख थी। देश का क्षेत्रफल ३लाख वर्ग किलोमीटर के आसपास है। १९९१ में यहाँ की सरकार के शीर्ष पदस्थ अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ जिसके बाद यहाँ की राजनैतिक सत्ता और प्रशासन में कई बदलाव आए हैं। रोम यहाँ की राजधानी है और अन्य प्रमुख नगरों में वेनिस, मिलान इत्यादि का नाम लिया जा सकता है। .

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अरबी

अरबी बहुविकल्पी शब्द है जिस्का संबंध निम्नलिखित पृष्ठों से होता है। साहित्य और धर्म में-.

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