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शिलांग विमानक्षेत्र

सूची शिलांग विमानक्षेत्र

शिलांग विमानक्षेत्र जिसे उमरोई हवाई अड्डा या बड़ापानी विमानक्षेत्र भी कहा जाता है, उमरोई में स्थित एक नागरिक विमानक्षेत्र है। यह भारत के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय की राजधानी शिलांग शहर को सेवा उपलब्ध कराता है और शहर से की दूरी पर उत्तर पूर्व दिशा में री भोई जिले में स्थित है। इस विमानक्षेत्र का निर्माण १९६० के दशक के मध्य में हुआ था और यहां प्रचालन १९७० के मध्य दशक तक चालू हुआ। वर्ष २००९ में २२४.१६ एकड भूमि अधिग्रहण कर विमानक्षेत्र के विस्तार हेतु दी गयी थी। जून २००९ में इसका विस्तार कार्य आरम्भ हुआ एवं मई २०१० तक यह पूर्ण हुआ। तब ३० करोड रुपये की लागत से तैयार नवनिर्मित टर्मिनल भवन का उद्घाटन जून २०११ में हुआ और यह प्रचालन में आया। विमानक्षेत्र के आगे विस्तार हेतु भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को पुनः भूमि आवंटित की गयी। वर्तमान ६००० फ़ीट की उडानपट्टी एटीआर-४२ के अवतरण लायक है और इसका विस्तार ८००० फ़ीट तक नियोजित है जिसके उपरान्त यहां बोइंग ७३७ एवं एयरबस ए३२० का अवतरण भी संभव हो सकेगा। इसके साथ ही दो ऐसे जेट विमानों के पार्किंग एवं ईंधनापूर्ति की सुविधा भी निर्मित होगी .

18 संबंधों: एयरबस, एअर इंडिया क्षेत्रीय, डेली न्यूज़ एण्ड एनालिसिस, द इकॉनोमिक टाइम्स, नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, बोइंग 747, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, मेघालय, री भोई जिला, शिलांग, शिलांग विमानक्षेत्र, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, खासी भाषा, किंगफिशर रेड, कंक्रीट, उड़ानपट्टी, उत्तर-पूर्वी राज्य, उमरोई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र

एयरबस

एयरबस SAS (अंग्रेज़ी मेंचित्र:ltspkr.png, फ़्रांसीसी में /ɛʁbys/ और जर्मन में) एक यूरोपीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कम्पनी EADS की एक वायुयान निर्माण सहायक कम्पनी है। ब्लैगनैक, फ़्रांस में ट्युलाउज़ के पास स्थित और पूरे यूरोप में महत्वपूर्ण गतिविधि वाली यह कम्पनी समस्त विश्व के जेट विमानों की कुल संख्या के लगभग आधे का उत्पादन करती है। एयरबस की शुरुआत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी उत्पादकों के एक संघ के रूप में हुई। सदी के अंत के दौरान यूरोपीय सैन्य और अंतरिक्ष अनुसंधान कम्पनियों के एकीकरण ने 2001 में सरलीकृत संयुक्त स्टॉक कंपनी की स्थापना की अनुमति दी, जिसका स्वामित्व EADS (80%) और BAE सिस्टम्स (20%) के पास था। एक लंबी विक्रय प्रक्रिया के बाद 13 अक्टूबर 2006 को BAE ने अपनी हिस्सेदारी EADS को बेच दी। यूरोपीय संघ के चार देशों: जर्मनी, फ़्रांस, यूनाइटेड किंगडम और स्पेन, के सोलह स्थानों पर एयरबस के लगभग 57,000 कर्मचारी कार्य करते हैं। अंतिम असेम्बली उत्पादन ट्युलाउज़ (फ़्रांस), हैम्बर्ग (जर्मनी), सेविल (स्पेन) और, 2009 से, तियान्जिन (चीन) में होता है। संयुक्त राज्य अमरीका, जापान, चीन और भारत में एयरबस की सहायक कम्पनियां कार्यरत हैं। यह कम्पनी वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य पहले फ़्लाइ-बाइ-वायर (fly-by-wire) वायुयानों के उत्पादन और विपणन के लिये जानी जाती है। .

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एअर इंडिया क्षेत्रीय

अलायंसेयर का विमान नई दिल्ली विमानक्षेत्र में अलायंस एयर (एलायंस एयर), नाम से चली थी, एयर इंडिया की एक कम-कीमत वायु सेवा है।.

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डेली न्यूज़ एण्ड एनालिसिस

डेली न्यूज एंड एनालिसिस (Daily News and Analysis) (डीएनए) एक भारतीय व्यापकपर्ण अंरेज़ी भाषा समाचार पत्र है इसकी संस्थापना 2005 में मुम्बई, अहमदाबाद, पुणे, जयपुर, बंगलोर और इन्दौर से आरम्भ हुई। यह अंग्रेज़ी में प्रकशित भारतीय अखबारों में प्रथम है जिसके सभी पृष्ठ रंगीन होते हैं। .

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द इकॉनोमिक टाइम्स

दि इकॉनोमिक टाइम्स (The Economic Times) भारत से प्रकाशित होने वाला एक अंग्रेजी भाषा का समाचार पत्र है।.

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नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

नेताजी सुभाष चंद्र बोस अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा या कोलकाता विमानक्षेत्र भारत का एक प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा हैं, जो कोलकाता में स्थित है। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित है। इसका रनवे पेव्ड है। इसकी प्रणाली यांत्रिक है। इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई 11900 फीट है। .

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बोइंग 747

बोइंग 747 विमान एक विशाल व्यावसायिक विमान और कार्गो परिवहन विमान है, जिसे अक्सर जंबो जेट या आसमान की रानी के उपनाम से जाना जाता है। यह विमान विश्व का सर्वाधिक पहचाना जाने वाला वायुयान है तथा और बनाए गए विमानों में विशाल आकार का यह पहला विमान था। संयुक्त राज्य अमेरिका में बोइंग कॉमर्शियल एयरप्लेन इकाई द्वारा निर्मित 747 के मूल संस्करण का आकार, 1960 के दशक के आम बड़े व्यावसायिक विमानों में से एक, बोइंग 707 के आकार का ढाई गुना था। 747 ने सर्वप्रथम व्यावसायिक उड़ान 1970 में आरम्भ कर लगातार 37 वर्षों तक यात्री वहन क्षमता का कीर्तिमान बरकरार रखा चार-इंजन वाला 747 अपनी लम्बाई के भाग के लिए अपने द्वितलीय विन्यास का उपयोग करता है। यह यात्री, मालवाही और अन्य संस्करणों में उपलब्ध है। बोइंग ने 747 के कूबड़ जैसे ऊपरी तल को प्रथम श्रेणी के लाउंज के रूप में उपयोग में लाने (जैसा कि आजकल सामान्य नियम है) या अतिरिक्त बैठकों के लिए और सीटें हटा कर तथा सामने एक कार्गो दरवाजा संस्थापित कर के विमान को आसानी से एक मालवाही में परिवर्तित कर सकने के अनुरूप डिजाइन किया है। बोइंग ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि कंपनी को उम्मीद थी कि पराध्वनिक विमान (सुपरसोनिक एयरलाइनर्स) (जिनके विकास की घोषणा 1960 के दशक के शुरू में की गई थी) 747 तथा अन्य अवध्वनिक विमानों (सबसोनिक) को चलन से बाहर कर देंगे; जबकि उन्हें विश्वास था कि भविष्य में अवध्वनिक मालवाही विमानों की मांग जबर्दस्त होगी.

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भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण एक संगठन / प्राधिकरण है, जो कि भारत सरकार के नागर विमानन मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत है। निगमित मुख्यालय राजीव गाँधी भवन सफदरजंग विमानक्षेत्र, नई दिल्ली में स्थित है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (ए ए आई) कुल 125 विमानपत्तनों का प्रबंधन करता है जिसमें 11 अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन, 8 सीमा शुल्क विमानपत्तन, 81 घरेलू विमानपत्तन तथा रक्षा वायु क्षेत्रों में 25 सिविल एंक्लेव शामिल हैं। सुरक्षित विमान प्रचालन हेतु भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण सभी विमानपत्तनों एवं 25 अन्य‍ स्थानों पर जमीनी अधिष्ठापनों के साथ संपूर्ण भारतीय वायु क्षेत्र एवं समीपवर्ती महासागरीय क्षेत्रों में वायु ट्रैफिक प्रबंधन सेवाएं (ए टी एम एस) भी प्रदान करता है। इलाहाबाद, अमृतसर, कालीकट, गुवाहाटी, जयपुर, त्रिवेंद्रम, कोलकाता एवं चेन्नई के विमानपत्तन, जो आज अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन के रूप में स्थापित हैं, विदेशी अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइनों द्धारा भी प्रचालन के लिए खुले हैं। कोयबंटूर, त्रिचुरापल्ली, वाराणसी एवं गया के हवाई अड्डों से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के अलावा राष्ट्रीय ध्‍वज वाहक भी प्रचालन करते हैं। केवल इतना ही नहीं अपितु आज आगरा, कोयबंटूर, जयपुर, लखनऊ, पटना आदि के विमानपत्तनों तक टूरिस्‍ट चार्टर भी जाते हैं। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने मुम्ब्ई, दिल्ली, हैदराबाद, बंगलौर एवं नागपुर के विमानपत्त्नों के उन्नयन के लिए तथा विश्वस्तरीय मानकों से बराबरी करने के लिए पर एक संयुक्त उद्यम भी स्थापित किया है। भारतीय भू क्षेत्र के ऊपर सभी प्रमुख वायुमार्ग वीओआर / डीवीओआर कवरेज (89 अधिष्ठापन) के साथ रडार द्धारा कवर्ड हैं (11 स्थानों पर 29 रडार अधिष्ठापन) जो दूरी मापन उपकरण के साथ सह-स्थित हैं (90 अधिष्ठापन)। 52 रनवे पर आईएलएस अधिष्ठापन की सुविधा है तथा इनमें से अधिकांश विमानपत्तनों पर नाइट लैंडिंग की सुविधाएं हैं और 15 विमानपत्तनों पर आटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्ट‍म लगा है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्धारा कोलकाता एवं चेन्नई के वायु ट्रैफिक नियंत्रण केंद्रों पर देशज प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके आटोमेटिक डिपेंडेंस सर्विलांस सिस्टम (ए डी एस एस) के सफल कार्यान्‍वयन ने भारत को दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में इस उन्‍नत प्रौद्योगिकी का प्रयोग करने वाला पहला देश होने का गौरव प्रदान किया जिससे उपग्रह आधारित संचार प्रणाली का प्रयोग करके महासागरीय क्षेत्रों के ऊपर वायु ट्रैफिक का प्रभावी नियंत्रण संभव हुआ है। उपग्रह संचार लिंक के साथ रिमोट कंट्रोल्ड वी एच एफ कवरेज के प्रयोग ने हमारे ए टी एम एस को और मजबूती प्रदान की है। वी-सैट अधिष्‍ठापनों द्धारा 80 स्थाननों को जोड़ने से बड़े पैमाने पर वायु ट्रैफिक प्रबंधन में वृद्धि होगी और बदले में एयरक्राफ्ट के प्रचालन की सुरक्षा में वृद्धि होगी। इसके अलावा, हमारे वृहद एयरपोर्ट नेटवर्क पर प्रशासनिक एवं प्रचालनात्मक नियंत्रण संभव होगा। मुम्‍बई, दिल्‍ली एवं इलाहाबाद के विमानपत्तनों पर निष्पादन आधारित नेविगेशन (पीएनबी) प्रक्रिया पहले ही कार्यान्वित की जा चुकी है तथा अन्य विमानपत्तनों पर चरणबद्ध ढंग से इसको लागू करने की संभावना है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान केंद्र (इसरो) के साथ प्रौद्योगिकीय सहयोग से गगन परियोजना शुरू की है जहां नेविगेशन के लिए उपग्रह आधारित प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा। इस प्रकार जीपीएस से प्राप्‍त नेविगेशन के संकेतों को हवाई जहाजों की नेविगेशन संबंधी आवश्यकता को पूरा करने के लिए उन्नत किया जाएगा। प्रौद्योगिकी प्रदर्शन प्रणाली का पहला चरण फरवरी 2008 में पहले ही सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। प्रचालनात्मक चरण में इस प्रणाली को स्‍तरोन्‍नत करने के लिए विकास टीम को सक्षम बनाया गया है। भारतीय विमानपत्त‍न प्राधिकरण ने दिल्ली एवं मुम्‍बई के विमानपत्‍तनों पर ग्राउंड बेस्ड ऑगमेंटेशन सिस्टम (जी बी ए एस) उपलब्ध् कराने की भी योजना बनाई है। यह जीबीएएस उपकरण हवाई जहाजों को श्रेणी-2 (वक्र एप्रोच) लैंडिंग सिगनल उपलब्ध कराने और इस प्रकार आगे चलकर लैंडिंग सिस्टम के विद्यमान उपकरण को प्रतिस्थापित करने में समर्थ होगा, जिसकी रनवे के प्रत्येक छोर पर जरूरत होती है। दिल्ली में अधिष्ठापित एडवांस्ड सर्फेस मूवमेंट गाइडेंस एंड कंट्रोल सिस्टम (ए एस एम जी सी एस) ने रनवे 28 के प्रचालन को कैट-3 ए स्तर से कैट-3 बी स्तर तक स्‍तरोन्‍नत किया है। कैट-3 ए सिस्‍टम 200 मीटर की विजिबिलिटी तक हवाई जहाजों की लैंडिंग को अनुमत करता है। तथापि, कैट-3 बी 200 मीटर से कम किंतु 50 मीटर से अधिक की विजिबिलिटी पर हवाई जहाजों की सुरक्षित लैंडिंग को अनुमत करेगा। ‘ग्राहकों की अपेक्षाएं’ पर अधिक बल के साथ भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के प्रयास को उस स्वतंत्र एजेंसी से उत्‍साहवर्धक प्रत्युत्तर मिला है जिसने 30 व्‍यस्‍त विमानपत्तनों पर ग्राहक संतुष्टि सर्वेक्षण संचालित किया है। इन सर्वेक्षणों ने हमें विमानपत्तनों के प्रयोक्‍ताओं द्धारा सुझाए गए पहलुओं पर सुधार करने में समर्थ बनाया है। विमानपत्तनों पर हमारे ‘व्यवसाय उत्तर पत्र’ के लिए रिसेप्टुकल लोकप्रिय हुए हैं; इन प्रत्‍युत्‍तरों ने हमें विमानपत्तनों के प्रयोक्ताओं की बदलती महत्‍वाकांक्षाओं को समझने में समर्थ बनाया है। सहस्राब्दि के पहले वर्ष के दौरान, भारतीय विमानपत्‍तन प्राधिकरण अपने प्रचालन को अधिक पारदर्शी बनाने तथा अधुनातन सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करके ग्राहकों को तत्काल सूचना उपलब्ध कराने के लिए प्रयास कर रहा है। विशिष्ट प्रशिक्षण, कर्मचारी प्रत्‍युत्‍तर में सुधार तथा व्यावसायिक कौशल के उन्नयन पर फोकस स्‍पष्‍ट रूप से दिखाई दे रहा है। भारतीय विमानपत्त‍न प्राधिकरण के चार प्रशिक्षण स्थापनाओं अर्थात नागरिक विमानन प्रशिक्षण कॉलेज (सी ए टी सी), इलाहाबाद; राष्ट्रीय विमानन प्रबंधन एवं अनुसंधान संस्‍थान (एन आई ए एम ए आर), दिल्ली और दिल्ली एवं कोलकाता स्थि‍त अग्नि प्रशिक्षण केंद्र (एफ टी सी) के बारे में ऐसी अपेक्षा है कि वे पहले से अधिक व्‍यस्‍त रहेंगे। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने सीएटीसी, इलाहाबाद एवं हैदराबाद एयरपोर्ट पर प्रशिक्षण सुविधाओं को स्तरोन्नत करने की भी पहल की है। हाल ही में सीएटीसी पर एयरपोर्ट विजुअल सिमुलेटर (ए वी एस) उपलब्ध कराया गया है तथा सीएटीसी, इलाहाबाद एवं हैदराबाद एयरपोर्ट को गैर रडार प्रक्रियात्‍मक एटीसी सिमुलेटर उपकरण की आपूर्ति की जा रही है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की एक समर्पित उड़ान निरीक्षण यूनिट (एफ आई यू) है तथा इसके बेड़े में तीन हवाई जहाज हैं जो निरीक्षण में समर्थ अधुनातन एवं पूर्णत: स्‍वचालित उड़ान निरीक्षण प्रणाली से सुसज्जित हैं।.

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मेघालय

मेघालय पूर्वोत्तर भारत का एक राज्य है। इसका अर्थ है बादलों का घर। २०१६ के अनुसार यहां की जनसंख्या ३२,११,४७४ है। मेघालय का विस्तार २२,४३० वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में है, जिसका लम्बाई से चौडाई अनुपात लगभग ३:१ का है। IBEF, India (2013) राज्य का दक्षिणी छोर मयमनसिंह एवं सिलहट बांग्लादेशी विभागों से लगता है, पश्चिमी ओर रंगपुर बांग्लादेशी भाग तथा उत्तर एवं पूर्वी ओर भारतीय राज्य असम से घिरा हुआ है। राज्य की राजधानी शिलांग है। भारत में ब्रिटिश राज के समय तत्कालीन ब्रिटिश शाही अधिकारियों द्वारा इसे "पूर्व का स्काटलैण्ड" की संज्ञा दी थी।Arnold P. Kaminsky and Roger D. Long (2011), India Today: An Encyclopedia of Life in the Republic,, pp.

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री भोई जिला

री भोई (IPA: ˌrɪ ˈbɔɪ) भारत के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय का एक प्रशासनिक जिला है। इसका जिला मुख्यालय नोंगपोह में स्थित है। इस जिले के अन्तर्गत २३७८ वर्ग किमी भू क्षेत्र आता है जिसमें वर्ष २००१ की भारतीय जनगणना के अनुसार १,९२,७९५ जनसंख्या का निवास है। इसी जनगणानुसार यह दक्षिण गारो हिल्स के बाद मेघालय के ७ में से दूसरा न्यूनतम जनसंख्या वाला जिला है। .

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शिलांग

शिलांग भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय की राजधानी है। भारत के पूर्वोत्तर में बसा शिलांग हमेशा से पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहा है। इसे भारत के पूरब का स्कॉटलैण्ड भी कहा जाता है। पहाड़ियों पर बसा छोटा और खूबसूरत शहर पहले असम की राजधानी था। असम के विभाजन के बाद मेघालय बना और शिलांग वहां की राजधानी। लगभग 1695 मीटर की ऊंचाई पर बसे इस शहर में मौसम हमेशा सुहावना बना रहता है। मानसून के दौरान जब यहां बारिश होती है, तो पूरे शहर की खूबसूरती और निखर जाती है और शिलांग के चारों तरफ के झरने जीवंत हो उठते है। .

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शिलांग विमानक्षेत्र

शिलांग विमानक्षेत्र जिसे उमरोई हवाई अड्डा या बड़ापानी विमानक्षेत्र भी कहा जाता है, उमरोई में स्थित एक नागरिक विमानक्षेत्र है। यह भारत के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय की राजधानी शिलांग शहर को सेवा उपलब्ध कराता है और शहर से की दूरी पर उत्तर पूर्व दिशा में री भोई जिले में स्थित है। इस विमानक्षेत्र का निर्माण १९६० के दशक के मध्य में हुआ था और यहां प्रचालन १९७० के मध्य दशक तक चालू हुआ। वर्ष २००९ में २२४.१६ एकड भूमि अधिग्रहण कर विमानक्षेत्र के विस्तार हेतु दी गयी थी। जून २००९ में इसका विस्तार कार्य आरम्भ हुआ एवं मई २०१० तक यह पूर्ण हुआ। तब ३० करोड रुपये की लागत से तैयार नवनिर्मित टर्मिनल भवन का उद्घाटन जून २०११ में हुआ और यह प्रचालन में आया। विमानक्षेत्र के आगे विस्तार हेतु भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को पुनः भूमि आवंटित की गयी। वर्तमान ६००० फ़ीट की उडानपट्टी एटीआर-४२ के अवतरण लायक है और इसका विस्तार ८००० फ़ीट तक नियोजित है जिसके उपरान्त यहां बोइंग ७३७ एवं एयरबस ए३२० का अवतरण भी संभव हो सकेगा। इसके साथ ही दो ऐसे जेट विमानों के पार्किंग एवं ईंधनापूर्ति की सुविधा भी निर्मित होगी .

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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार

सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार की एक शाखा है जो सूचना, प्रसारण, प्रेस और फिल्मों से संबंधित नियमों, विनियमों और कानूनों के निर्माण और प्रशासन का शीर्ष निकाय है। इस मंत्रालय की वर्तमान कैबिनेट मंत्री, स्मृति ईरानी है। मंत्रालय, भारत सरकार की प्रमुख प्रसारण शाखा, प्रसार भारती के प्रशासन के लिए भी उत्तरदायी है। केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड भी इस मंत्रालय के अन्तर्गत आने वाला भारत सरकार का एक प्रमुख निकाय है, जो भारत में प्रदर्शित होने वाली सभी फिल्मों के विनियमन के लिए भी उत्तरदायी है। .

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खासी भाषा

खसी (Khasi) या खासी पूर्वोत्तर भारत के मेघालय राज्य में खसी समुदाय द्वारा बोली जाने वाली एक भाषा है। यह ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा-परिवार की सदस्य है। खासी (जिसे खसी, खसिया या क्यी भी कहते हैं) ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाओं के मोन-ख्मेर परिवार की एक शाखा है। २००१ की भारतीय जनगणना के अनुसार खासी भाषा को बोलने वाले ११,२८,५७५ लोग मेघालय में रहते हैं। खासी भाषा के बहुत से शब्द की इण्डो-आर्य भाषाएं जैसे नेपाली, बांग्ला एवं असमिया से लिये गे हैं। इसके अलावा खासी भाषा की अपनी कोई लिपि नहीं है और यह भारत में अभी तक चल रही मोन-ख्मेर भाषाओ में से एक है। .

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किंगफिशर रेड

किंगफिशर रेड, पहले सिम्प्लीफ्लै डेक्कन और उसके पहले एयर डेक्कन के नाम से जाना जाता है। इस्का मुख्यालय मुंबई, भारत में किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा चलाए जा रहा एक कम लागत ब्रांड था। उड़ान में पठन सामग्री विशेष रूप से किंगफिशर रेड के लिए मुद्रित, सिने ब्लिट्ज पत्रिका के एक विशेष संस्करण के लिए सीमित था। २८ सितंबर २०११ को किंगफिशर रेड के अध्यक्ष, विजय माल्या ने यह घोषणा की कि कंपनी जल्द ही किंगफिशर रेड के संचालन को रोक रही है क्योंकि कम कीमत के संचालन में से उन्के कारोबार में कोई लाभ नहीं है। .

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कंक्रीट

वाणिज्यिक भवन के लिये कंक्रीट बिछायी जा रही है। कंक्रीट (Concrete) एक निर्माण सामग्री है जो सीमेंट एवं कुछ अन्य पदार्थों का मिश्रण होती है। कंक्रीट की यह विशेषता है कि यह पानी मिलाकर छोड़ देने के बाद धीरे-धीरे ठोस एवं कठोर बन जाता है। इस प्रक्रिया को जलीकरण (Hydration) कहते है। इस रासायनिक क्रिया में पानी, सिमेन्ट के साथ क्रिया करके पत्थर जैसा कठोर पदार्थ बनाती है जिसमें अन्य चीजें बंध जातीं हैं। कंक्रीट का प्रयोग सड़क बनाने, पाइप निर्माण, भवन निर्माण, नींव बनाने, पुल आदि बनाने में होता है। कंक्रीट का उपयोग 2000 ई.पू.

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उड़ानपट्टी

FAA विमानक्षेत्र का मानचित्र, ओ’हारे विमानक्षेत्र पर, बाएं से उड़ानपट्टी 14/32 ढाल नीचे, उड़ानपट्टी 4/22 ढाल ऊपर, एवं उड़ान पट्टी 9/27 तथा 10/28 क्षैतिज चेन्नई विमानक्षेत्र की हवाई चित्र उड़ानपट्टी (RWY या रनवे) विमानक्षेत्र में एक भूमी की पट्टी होती है, जिस पर विमान उड़ान भर (टेक ऑफ) और अवतरण (लैंडिंग) कर सकते हैं। इसके अलावा अनेकों युद्धाभ्यास भी करते हैं। रनवे मानव निर्मित भी हो सकती है और प्राकृतिक भी। मानव निर्मित रनवे की सतह प्रायः अस्फाल्ट या कांक्रीट से या दोनो के मिश्रण से बनी होती है। प्राकृतिक रनवे की सतह घास, पक्की मिट्टी इत्यादि की हो सकती है। .

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उत्तर-पूर्वी राज्य

thumb भारत के उत्तर-पूर्व में सात राज्य हैं। इन्हें 'सात-बहनें' या 'सेवन-सिस्टर्स' के नाम से भी जाना जाता है। इन राज्यों में 255,511 वर्ग किलोमीटर (98,653 वर्ग मील), या भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग सात प्रतिशत के एक क्षेत्र को कवर किया हुआ है। वर्ष 2011 में 44,98 लाख की आबादी थी, जो कि भारत के कुल आबादी की  3.7 प्रतिशत थी। हालांकि वहाँ सात राज्यों के भीतर महान जातीय और धार्मिक विविधता है, लेकिन राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में समानता भी है। जब भारत  1947 में यूनाइटेड किंगडम से स्वतंत्र हुआ, केवल तीन राज्यों क्षेत्र को कवर किया। मणिपुर और त्रिपुरा, रियासते थी, जबकि एक बहुत बड़ा हिस्सा असम प्रांत प्रत्यक्ष रूप से ब्रिटिश शासन के अधीन था। इसकी राजधानी शिलांग (मेघालय वर्तमान दिन की राजधानी) था। चार नए राज्यों असम के मूल क्षेत्र के बाहर जातीय और भाषाई तर्ज पर राज्यों का पुनर्गठन की भारत सरकार की नीति के साथ लाइन में है, और आजादी के बाद दशकों से जुड़े हुए हैं। वर्ष 1963 में नागालैंड अलग राज्य बना, नागालैंड की तर्ज पर  वर्ष 1972 में मेघालय भी एक राज्य बन गया। मिजोरम 1972 में एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया, और 1987 में ही अरुणाचल प्रदेश के साथ-साथ राज्य का दर्जा हासिल किया। उत्तर-पूर्वी भारत के स्वदेशी जनजातियों बोडो, निशि लोग, गारो, नागा, भूटिया और कई अन्य हैं।.

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उमरोई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र

भारतीय राज्य मेघालय का एक विधानसभा क्षेत्र है। यहाँ से वर्तमान विधायक जॉर्ज बांकीनित्युलांग लिंगदोह हैं। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

Shillong Airport, शिलांग हवाई अड्डा, उमरोई हवाई अड्डा

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